भारत के अग्रणी एजटेक यूनिकॉर्न Unacademy के दो मूल संस्थापक — गौरव मुंजाल और रोमन सैनी — अब कंपनी से औपचारिक रूप से बाहर निकलने की तैयारी में हैं। दोनों अब अपना फोकस एक नई भाषा-शिक्षा ऐप AirLearn पर केंद्रित कर रहे हैं, जो अमेरिका में पहले ही अच्छा traction हासिल कर चुकी है।
यह एक दुर्लभ उदाहरण है जब किसी भारतीय एजटेक यूनिकॉर्न के मूल संस्थापक समूह ने कंपनी से पूरी तरह दूरी बना ली है। तीसरे को-फाउंडर हेमेश सिंह पहले ही जून 2024 में कंपनी छोड़ चुके हैं।
🚀 अब बागडोर संभालेंगे ग्राफ़ी के को-फाउंडर सुमित जैन
The Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, Unacademy की सहायक कंपनी Graphy के को-फाउंडर सुमित जैन अब Unacademy के संचालन की कमान संभाल सकते हैं। सुमित 2020 में Unacademy से जुड़े थे, जब उनकी पिछली कंपनी Opentalk का अधिग्रहण हुआ था।
हालाँकि, कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक ईमेल में सुमित जैन ने इन खबरों को “अफवाह” बताया है और टीम से इन्हें नजरअंदाज़ करने को कहा है। Entrackr ने इस ईमेल की एक प्रति प्राप्त की है।
🌐 नई उड़ान: क्या है AirLearn?
गौरव मुंजाल और रोमन सैनी अब पूरी तरह से AirLearn पर ध्यान दे रहे हैं, जो एक AI-बेस्ड लैंग्वेज लर्निंग ऐप है। यह ऐप कुछ ही महीनों में $400,000 की सालाना recurring revenue (ARR) अमेरिका में हासिल कर चुकी है — जो कि किसी नए भारतीय स्टार्टअप के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।
AirLearn का उद्देश्य दुनिया भर में भाषा शिक्षा को ज्यादा इंटरेक्टिव, तेज़ और किफायती बनाना है। यह ऐप फिलहाल अमेरिका में तेजी से लोकप्रिय हो रही है और अब भारत सहित अन्य देशों में विस्तार की तैयारी कर रही है।
📊 Unacademy: फाउंडर्स की हिस्सेदारी और मौजूदा हालात
Startup डेटा प्लेटफॉर्म TheKredible के मुताबिक, Unacademy के तीनों मूल को-फाउंडर्स की कंपनी में कुल मिलाकर 15% हिस्सेदारी है। Unacademy के बोर्ड में अभी भी बड़े नाम शामिल हैं:
- SoftBank
- General Atlantic
- भाविन तुरकिया (Zeta)
- सुजीत कुमार (Udaan)
- गौरव मुंजाल और रोमन सैनी (अब तक)
अगर मुंजाल और सैनी कंपनी से बाहर निकलते हैं, तो यह बोर्ड संरचना में भी एक बड़ा बदलाव होगा।
💵 घाटा हुआ कम, बैलेंस शीट में स्थिरता
गौरव मुंजाल ने हाल ही में दावा किया था कि Unacademy ने अपने कोर एजुकेशन बिजनेस में कैश बर्न को ₹1,000 करोड़ सालाना से घटाकर ₹200 करोड़ तक कर लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के पास ₹1,200 करोड़ की नकद पूंजी उपलब्ध है और यह वित्तीय रूप से “स्थिर” स्थिति में है।
Unacademy की सहायक कंपनियाँ जैसे कि Graphy और PrepLadder हर महीने मुनाफा कमा रही हैं। यानी कंपनी का संचालन घाटे में नहीं बल्कि अब लाभ की दिशा में बढ़ रहा है।
🧭 नेतृत्व परिवर्तन का संकेत
संस्थापकों का बाहर निकलना और सुमित जैन का नेतृत्व संभालना, Unacademy के लिए एक नई दिशा और रणनीति की ओर इशारा कर रहा है। कंपनी अब मूल शिक्षा व्यवसाय से आगे बढ़कर नए वर्टिकल्स पर ध्यान दे रही है, जैसे:
- प्रोफेशनल स्किल डेवलपमेंट
- कंटेंट क्रिएशन (Graphy)
- मेडिकल टेस्ट प्रेप (PrepLadder)
यह बदलाव Unacademy को एक व्यापक एडटेक प्लेटफॉर्म बनने की दिशा में ले जा रहा है, जो सिर्फ कोर्स बेचने तक सीमित नहीं रहना चाहता।
🇮🇳 भारत के एडटेक सेक्टर में बदलाव की लहर
Unacademy के संस्थापकों का यह कदम भारत के एडटेक सेक्टर में हो रहे व्यापक बदलावों को भी दर्शाता है। कोविड के दौरान एडटेक स्टार्टअप्स ने जितनी तेज़ी से ऊँचाई पाई थी, अब उतनी ही तीव्रता से उन्हें सस्टेनेबिलिटी, प्रॉफिटेबिलिटी और फोकस्ड बिजनेस मॉडल अपनाने की जरूरत महसूस हो रही है।
BYJU’S, Vedantu, upGrad, सभी इस समय घाटे से उबरने और नए नेतृत्व या बिजनेस मॉडल पर काम कर रहे हैं।
🔚 निष्कर्ष: एक अध्याय का अंत, नए सफर की शुरुआत
गौरव मुंजाल और रोमन सैनी का Unacademy से जाना एक युग के अंत जैसा है, खासकर उन छात्रों और युवाओं के लिए जिन्होंने इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए UPSC, NEET, IIT-JEE जैसी परीक्षाओं की तैयारी की।
लेकिन साथ ही यह भारतीय उद्यमिता की सुंदरता भी दिखाता है — जहां एक उद्यमी एक सफल कंपनी खड़ी करने के बाद, नया सपना देखने की हिम्मत करता है। AirLearn उसी नई यात्रा की शुरुआत है, जो भारत की तकनीकी दुनिया में एक और सफल अध्याय जोड़ सकती है।
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