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ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने हाल ही में एक अनोखी पहल की है जो उनके नेतृत्व कौशल और संवेदनशीलता को दर्शाती है। गुरुग्राम में एक मॉल में खाद्य वितरण करते समय उन्होंने जो अनुभव किया, उसने उन्हें डिलीवरी पार्टनर्स की चुनौतियों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया। गोयल ने अपनी पत्नी ग्रेसिया मुनोज़ (जो अब इंस्टाग्राम पर गिया गोयल के नाम से जानी जाती हैं) के साथ मिलकर डिलीवरी पार्टनर्स की भूमिका निभाई। इस अनुभव ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि मॉल्स को डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। यह घटना न केवल ज़ोमैटो के भीतर बल्कि पूरे फूड डिलीवरी उद्योग में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है।

दीपिंदर गोयल का डिलीवरी पार्टनर अनुभव: एक नज़दीकी नज़र

दीपिंदर गोयल ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में जो वीडियो शेयर किया, वह काफी चर्चा में रहा। इस वीडियो में गोयल को ज़ोमैटो की लाल यूनिफॉर्म में एक मॉल के प्रवेश द्वार पर पहुंचते हुए देखा जा सकता है। उनका सुरक्षा गार्ड्स के साथ संक्षिप्त वार्तालाप दिखाया गया है, जिसमें उन्हें एक साइड स्टेयरकेस की ओर निर्देशित किया जाता है।

गोयल का मॉल अनुभव: चुनौतियाँ और प्रतिक्रियाएँ

गोयल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मेरे दूसरे ऑर्डर के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि हमें सभी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए काम करने की स्थिति में सुधार लाने के लिए मॉल्स के साथ और अधिक निकटता से काम करने की आवश्यकता है। और मॉल्स को भी डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक मानवीय होने की ज़रूरत है।”

इस अनुभव ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया:

  • सुविधाओं का अभाव: गोयल को पता चला कि डिलीवरी पार्टनर्स के लिए कोई विशेष लिफ्ट या सुविधाएँ नहीं थीं।
  • भेदभाव का सामना: उन्हें मॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और सीधे सीढ़ियों का उपयोग करने के लिए कहा गया।
  • शारीरिक श्रम: तीसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए उन्हें सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ीं, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

गोयल की पहल का प्रभाव और उद्योग की प्रतिक्रिया

गोयल की यह पहल उद्योग में व्यापक चर्चा का विषय बन गई। कई विशेषज्ञों और उद्योग के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की:

  • सकारात्मक प्रतिक्रिया: कई लोगों ने गोयल की इस पहल की सराहना की, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों की समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
  • सुधार की मांग: कई लोगों ने मॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों से डिलीवरी पार्टनर्स के लिए बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने की मांग की।
  • नीतिगत बदलाव: कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे को हल करने के लिए नीतिगत स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है।

गोयल की पहल का दीर्घकालिक प्रभाव

दीपिंदर गोयल की यह पहल केवल एक दिन की घटना नहीं थी, बल्कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है:

  • जागरूकता बढ़ाना: इस घटना ने डिलीवरी पार्टनर्स की समस्याओं के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाई है।
  • नीतिगत परिवर्तन: यह पहल मॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों में डिलीवरी पार्टनर्स के लिए नए नियम और सुविधाओं को लागू करने का कारण बन सकती है।
  • उद्योग मानक: यह घटना फूड डिलीवरी उद्योग में नए मानकों को स्थापित करने का कारण बन सकती है, जिससे श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

ज़ोमैटो की व्यावसायिक रणनीति और वित्तीय प्रदर्शन

ज़ोमैटो ने हाल के वर्षों में अपनी व्यावसायिक रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसका सीधा प्रभाव कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर देखा जा सकता है। कंपनी ने अपने मुख्य खाद्य वितरण व्यवसाय के साथ-साथ क्विक कॉमर्स सेगमेंट पर भी ध्यान केंद्रित किया है।

ज़ोमैटो का वित्तीय प्रदर्शन: एक विश्लेषण

ज़ोमैटो के वित्तीय आंकड़े कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाते हैं:

  • लाभ में वृद्धि: वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ बढ़कर 253 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कई गुना अधिक है।
  • राजस्व में उछाल: परिचालन से प्राप्त राजस्व में 74% की वृद्धि देखी गई, जो 4,206 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि ज़ोमैटो न केवल अपने बाजार हिस्से को बढ़ा रहा है, बल्कि लाभप्रदता में भी सुधार कर रहा है।

ब्लिंकिट: ज़ोमैटो की क्विक कॉमर्स रणनीति

ज़ोमैटो ने अपने क्विक कॉमर्स वर्टिकल ब्लिंकिट पर विशेष ध्यान दिया है:

  • तेज़ विकास: ब्लिंकिट ने कंपनी के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • नए बाज़ार: इस सेगमेंट ने ज़ोमैटो को ग्रॉसरी और दैनिक उपयोग की वस्तुओं के वितरण बाज़ार में प्रवेश करने में मदद की है।
  • प्रतिस्पर्धा: यह सेवा ज़ोमैटो को स्विगी जैसे प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाती है।

ज़ोमैटो की भविष्य की रणनीति

कंपनी अपने राजस्व को और मजबूत करने के लिए कई नई पहल कर रही है:

  • गोइंग-आउट बिजनेस: ज़ोमैटो इस सेगमेंट पर विशेष ध्यान दे रहा है, जो रेस्तरां बुकिंग और इवेंट टिकटिंग जैसी सेवाओं को शामिल करता है।
  • पेटीएम अधिग्रहण: कंपनी ने पेटीएम की इवेंट और मूवी टिकटिंग सहायक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
  • नई सुविधाएँ: ज़ोमैटो ने ‘बुक नाउ, सेल एनीटाइम’ फीचर लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं को ज़ोमैटो ऐप के माध्यम से खरीदे गए किसी भी लाइव इवेंट के टिकट बेचने की अनुमति देता है।

ज़ोमैटो का सामाजिक प्रभाव और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी

दीपिंदर गोयल के नेतृत्व में ज़ोमैटो ने अपने व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी प्राथमिकता दी है। कंपनी का मानना है कि व्यावसायिक सफलता और सामाजिक प्रभाव एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

ज़ोमैटो की श्रमिक कल्याण नीतियाँ

ज़ोमैटो ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स और अन्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई पहल की हैं:

  • स्वास्थ्य बीमा: कंपनी ने अपने सभी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: नियमित रूप से सुरक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।
  • लचीले काम के घंटे: डिलीवरी पार्टनर्स को अपने काम के घंटे चुनने की स्वतंत्रता दी गई है।

ये नीतियाँ न केवल कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती हैं, बल्कि कंपनी के प्रति उनकी निष्ठा भी बढ़ाती हैं।

पर्यावरण संरक्षण के प्रयास

ज़ोमैटो ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए हैं:

  • इको-फ्रेंडली पैकेजिंग: कंपनी ने पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग सामग्री का उपयोग शुरू किया है।
  • कार्बन फुटप्रिंट कम करना: इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि डिलीवरी के दौरान कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके।

ज़ोमैटो की सामुदायिक पहलों

ज़ोमैटो ने सामाजिक विकास के लिए कुछ विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की है:

  • खाद्य संकट पर ध्यान: ज़ोमैटो ने ‘फूड फॉर ऑल’ नामक पहल शुरू की है, जिसमें जरूरतमंद लोगों को भोजन प्रदान किया जाता है।
  • स्थानीय उत्पादकों का समर्थन: कंपनी स्थानीय खाद्य उत्पादकों और किसानों के साथ जुड़कर उनकी बिक्री में सहायता करती है।

ये कदम ज़ोमैटो की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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