नई दिल्ली – एनर्जी एनालिटिक्स क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी iRasus Technologies ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 4 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व IAN Angel के रोहित राजपूत और श्रीकर रेड्डी ने किया, जिसमें DFAN और अन्य एंजेल निवेशकों ने भी भाग लिया। कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह फंडिंग उसके उत्पाद और इंजीनियरिंग टीम के विस्तार और भारत में व्यवसायिक वृद्धि को तेज करने के लिए उपयोग की जाएगी।
कंपनी की स्थापना और उद्देश्य
Irasus Technologies की स्थापना 2019 में अर्जुन सिन्हा रॉय और अनिरुद्ध रमेश ने की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य बैटरी डेटा का विश्लेषण और इंटेलिजेंस प्रदान करना है, खासकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और स्टेशनेरी बैटरी स्टोरेज समाधानों के लिए। iRasus उन यूजर्स को डेटा इंटेलिजेंस प्रदान करने पर केंद्रित है जो जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा समाधानों से दूर हो रहे हैं और नवीकरणीय ऊर्जा के रास्ते पर बढ़ रहे हैं।
उत्पाद और सेवाएं
कंपनी का प्रमुख उत्पाद Preksha एक उन्नत बैटरी प्रबंधन प्लेटफार्म है, जो वास्तविक समय में बैटरी की निगरानी और भविष्यवाणी आधारित मेंटेनेंस की सुविधा प्रदान करता है। यह प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को उनकी बैटरी की स्थिति का सही आकलन करने, लागत को कम करने, सुरक्षा बढ़ाने और बैटरी के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद करता है। यह सेवा विशेष रूप से इलेक्ट्रिक बसों, फ्लीट ऑपरेटरों और स्टेशनेरी बैटरी उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।
प्रोडक्ट विस्तार और इंजीनियरिंग
iRasus ने हाल ही में जो फंड जुटाए हैं, उसे कंपनी अपने प्रोडक्ट को और उन्नत बनाने और इंजीनियरिंग टीम को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करेगी। कंपनी का ध्यान अब भारतीय बाजार में अपने कारोबार को बढ़ाने पर केंद्रित है। फंडिंग से iRasus को अपने एनालिटिक्स समाधान को और विस्तार देने, बड़े पैमाने पर डाटा इंटेलिजेंस प्रदान करने और बैटरी प्रबंधन क्षेत्र में प्रमुखता से उभरने में मदद मिलेगी।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बैटरी स्टोरेज समाधान
iRasus का बैटरी डेटा एनालिटिक्स प्लेटफार्म बैटरी प्रबंधन के लिए एक आवश्यक उपकरण बन गया है। इसकी खासियत यह है कि यह यूजर्स को बैटरी लाइफ बढ़ाने, परफॉर्मेंस में सुधार लाने और सुरक्षा के उपायों को बेहतर करने में सहायता करता है। यह सेवा विशेष रूप से उन संगठनों के लिए महत्वपूर्ण है जो इलेक्ट्रिक बसों और वाहनों के बड़े फ्लीट का संचालन कर रहे हैं। इसके अलावा, स्टेशनेरी बैटरी उपयोगकर्ताओं के लिए भी यह तकनीक बेहद उपयोगी है।
संस्थापकों के बारे में
अर्जुन सिन्हा रॉय और अनिरुद्ध रमेश, iRasus के सह-संस्थापक, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहरा अनुभव रखते हैं। अर्जुन सिन्हा रॉय का कहना है कि उनका लक्ष्य जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा समाधानों को नवीकरणीय ऊर्जा से बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। अनिरुद्ध रमेश, जो प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं, ने बैटरी प्रबंधन और डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, जो iRasus की सफलता का आधार है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
हालांकि iRasus अभी एक उभरती हुई स्टार्टअप है, लेकिन यह कंपनी तेजी से विकास कर रही है। हाल ही में जुटाई गई 4 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग कंपनी को विस्तार और विकास के लिए नई दिशा देगी। इससे पहले भी कंपनी को निवेशकों का समर्थन मिला है, और अब यह फंडिंग इसके उत्पादों और सेवाओं को और अधिक उन्नत बनाने में मदद करेगी।
iRasus का भविष्य
कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में बैटरी डेटा एनालिटिक्स क्षेत्र में अग्रणी बनना है। iRasus का भविष्य काफी उज्ज्वल दिखता है क्योंकि यह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रही है। कंपनी ने अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है और इसका मुख्य उद्देश्य बैटरी प्रबंधन को सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी बनाना है।
निष्कर्ष
iRasus Technologies ने एनर्जी एनालिटिक्स के क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है और इसकी नवीनतम फंडिंग इसे और भी सशक्त बनाएगी। कंपनी का बैटरी प्रबंधन प्लेटफार्म और डाटा इंटेलिजेंस समाधान आने वाले समय में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। संस्थापकों की मजबूत नेतृत्व क्षमता और निवेशकों का विश्वास iRasus को एक अग्रणी कंपनी बनने की ओर ले जा रहा है।