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Bounce

भारत की Electric Vehicle (EV) इंडस्ट्री में बेंगलुरु आधारित Bounce (Bounce) तेजी से अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में बढ़ रही है। कंपनी ने FY25 में 150 करोड़ रुपये की वार्षिक राजस्व दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। यह FY23 में कंपनी के 36 करोड़ रुपये के राजस्व के मुकाबले चार गुना से अधिक वृद्धि को दर्शाता है।


Bounce FY24 में गिरावट और पुनरुत्थान की कहानी

राजस्व में गिरावट के कारण

FY24 में Bounce का राजस्व केवल 36 करोड़ रुपये तक सीमित रहा, जो FY23 में 91 करोड़ रुपये से 60.6% की गिरावट को दर्शाता है।
इस गिरावट का मुख्य कारण फेज 2 बैटरी अनुपालन नियम रहा, जिसकी वजह से कंपनी को छह महीने तक उत्पादन रोकना पड़ा। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने FY24 के पहले छह महीनों में कोई नया स्कूटर लॉन्च नहीं किया।

नुकसान का आंकड़ा

  • FY23: 91 करोड़ रुपये का राजस्व, 197 करोड़ रुपये का नुकसान।
  • FY24: 36 करोड़ रुपये का राजस्व, 44 करोड़ रुपये का नुकसान।
    हालांकि, FY24 में नुकसान में कमी आई है, जो कंपनी की लागत प्रबंधन और पुनर्गठन के प्रयासों को दर्शाता है।

FY25 में वृद्धि के संकेत

लंबी अवधि के अनुबंध

कंपनी ने विभिन्न सेक्टरों में लंबी अवधि के अनुबंध हासिल किए हैं, जिससे राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।

EBITDA में सकारात्मक बदलाव

सितंबर 2024 में कंपनी ने पहली बार सकारात्मक EBITDA हासिल किया।
अक्टूबर 2024 में इसका औसत राजस्व रन-रेट 200 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।

वित्तीय स्थिरता की ओर बढ़ते कदम

सूत्रों के अनुसार, FY25 में बाउंस के लिए 150 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना संभव है। यह कंपनी के लिए वित्तीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।


बाउंस का पिछला प्रदर्शन और विस्तार रणनीति

FY23 और FY24 के आंकड़े

FY23 में, बाउंस ने कुल 91 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जिसमें से 35.88 करोड़ रुपये स्कूटर की बिक्री से आए और 51 करोड़ रुपये बेलराइज़ (Belrise) के लिए कस्टम मैन्युफैक्चरिंग से।
FY24 में, उत्पादन और लॉन्च में देरी के कारण यह संख्या घटकर 36 करोड़ रुपये रह गई।

पुनर्निर्माण और विस्तार योजनाएँ

  • स्कूटर लॉन्च:
    FY24 में गिरावट के बाद, कंपनी FY25 में कई नए मॉडलों को लॉन्च करने की योजना बना रही है।
  • बैटरी अनुपालन:
    बाउंस ने फेज 2 बैटरी नियमों के तहत अपने उत्पादों को अपडेट कर लिया है।
  • संभावित पार्टनरशिप:
    कंपनी अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करने और नए मार्केट सेगमेंट में प्रवेश करने के लिए साझेदारी की संभावनाओं को तलाश रही है।

बाउंस का व्यवसाय मॉडल और विशेषताएँ

उत्पाद और सेवाएँ

बाउंस मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माण और बैटरी-स्वैपिंग टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है।

  • इलेक्ट्रिक स्कूटर:
    कम कीमत और बेहतर बैटरी रेंज के साथ, इसके स्कूटर मुख्य रूप से शहरी उपयोगकर्ताओं को लक्षित करते हैं।
  • बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क:
    कंपनी ने शहरों में बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए चार्जिंग को आसान और तेज़ बनाते हैं।

कॉस्ट एफिशिएंसी और इनोवेशन

  • उत्पादन लागत को कम करने और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से, बाउंस अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध करा रहा है।

भारतीय EV बाजार में बाउंस की भूमिका

बाजार की चुनौतियाँ

  • नियमों का अनुपालन:
    बैटरी और सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करना एक बड़ी चुनौती है।
  • प्रतिस्पर्धा:
    ओला इलेक्ट्रिक, हीरो इलेक्ट्रिक, और एथर जैसी कंपनियाँ पहले से ही EV बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी हैं।

संभावनाएँ

  • सरकार की FAME II योजना और EV को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ, बाउंस जैसे स्टार्टअप्स के लिए अवसर प्रदान करती हैं।
  • शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती माँग बाउंस के लिए नए बाजार खोल सकती है।

भविष्य की योजनाएँ और संभावित योगदान

स्केलेबिलिटी पर ध्यान

  • कंपनी टियर 2 और टियर 3 शहरों में अपने उत्पादों को ले जाने की योजना बना रही है।
  • बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क को और व्यापक बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।

सस्टेनेबिलिटी और ग्रीन एनर्जी

  • पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, बाउंस अपने उत्पादों में अधिक सस्टेनेबल सामग्रियों का उपयोग करने की योजना बना रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान

  • बाउंस, EV इंडस्ट्री में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के साथ-साथ, देश के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक है।

निष्कर्ष

बाउंस का FY25 में 150 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय EV बाजार में इसकी बढ़ती भूमिका को भी उजागर करता है।
हालांकि, नियमों का पालन और प्रतिस्पर्धा जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना अभी भी इसके लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

बाउंस की यह यात्रा भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत देती है।

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