लॉजिस्टिक्स फर्म Ecom Express और को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर स्मार्टवर्क्स को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने की मंजूरी मिल गई है। इन दोनों कंपनियों ने अगस्त 2024 में अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किए थे।
Ecom Express का आईपीओ: 2,600 करोड़ रुपये का फंड राइजिंग प्लान
Ecom Express, एक अग्रणी लॉजिस्टिक्स कंपनी, अपने आईपीओ के जरिए 2,600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
- इसमें 1,284.5 करोड़ रुपये का फ्रेश इक्विटी इश्यू और 1,315.5 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है।
- OFS के तहत, पार्टनर्स ग्रुप अपने 931 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे, जबकि वारबर्ग पिंकस और BII (पहले CDC ग्रुप) क्रमशः 211 करोड़ रुपये और 137 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे।
ईकॉम एक्सप्रेस ने पहले 2022 में 4,860 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की योजना बनाई थी, लेकिन इसे रोक दिया गया था। यह 13 साल पुरानी कंपनी अब फिर से बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है।
लॉजिस्टिक्स सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
लॉजिस्टिक्स स्पेस में पहले से ही डेल्हीवरी और ब्लैकबक जैसी कंपनियां लिस्टेड हैं। इसके अलावा, शैडोफैक्स भी अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है।
ईकॉम एक्सप्रेस का यह कदम दर्शाता है कि भारत में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में तेज़ी से विकास हो रहा है, जहां कंपनियां वित्तीय मजबूती और विस्तार के लिए पूंजी जुटा रही हैं।
स्मार्टवर्क्स का आईपीओ: 550 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू
स्मार्टवर्क्स, जो भारत में एक प्रमुख को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर है, ने 550 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी इश्यू के जरिए फंड जुटाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, कंपनी के प्रमोटर्स 67.49 लाख इक्विटी शेयर बेचेंगे।
स्मार्टवर्क्स की मौजूदगी भारत के 13 शहरों में है, जिनमें बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली एनसीआर, मुंबई और पुणे शामिल हैं। कंपनी के पास 8 मिलियन वर्ग फुट में फैले 41 सेंटर हैं, जो इसे इस क्षेत्र का प्रमुख खिलाड़ी बनाते हैं।
को-वर्किंग स्पेस सेक्टर में बढ़ती संभावनाएं
स्मार्टवर्क्स के आईपीओ के साथ, यह क्षेत्र निवेशकों के लिए एक नया अवसर पेश कर रहा है। यह आवफिस (Awfis) के बाद लिस्टिंग के लिए तैयार होने वाली दूसरी कंपनी होगी।
इसके अलावा, अन्य प्रमुख को-वर्किंग कंपनियां जैसे वीवर्क इंडिया, सिम्प्लीवर्क, टेबल स्पेस, देवएक्स और इंडिक्यूब भी आईपीओ लाने की तैयारी में हैं।
को-वर्किंग स्पेस सेक्टर ने महामारी के बाद काफी तेजी देखी है, जहां कंपनियां छोटे और फ्लेक्सिबल ऑफिस स्पेस को प्राथमिकता दे रही हैं। स्मार्टवर्क्स जैसे खिलाड़ियों ने इस मांग को भुनाते हुए अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाया है।
दोनों कंपनियों की भविष्य की रणनीति
- ईकॉम एक्सप्रेस
- ईकॉम एक्सप्रेस का लक्ष्य अपनी सेवा क्षमताओं को मजबूत करना और अधिक भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार करना है।
- कंपनी का फोकस ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स पर है, जहां वह तेजी से डिलीवरी और किफायती सेवाओं के जरिए बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
- स्मार्टवर्क्स
- स्मार्टवर्क्स की योजना अपने को-वर्किंग मॉडल को और उन्नत बनाने की है।
- कंपनी अपने मौजूदा केंद्रों को अपग्रेड करने और नए शहरों में विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भारतीय बाजार में आईपीओ की बढ़ती लहर
भारत में हाल के वर्षों में आईपीओ बाजार ने काफी तेजी देखी है। सेबी की मंजूरी प्राप्त करने वाली ये दोनों कंपनियां एक स्पष्ट संकेत देती हैं कि निवेशक अब विविध क्षेत्रों में रुचि दिखा रहे हैं।
- लॉजिस्टिक्स सेक्टर में जहां डेल्हीवरी और ब्लैकबक जैसी कंपनियां पहले से लिस्टेड हैं, वहीं ईकॉम एक्सप्रेस का आईपीओ इस क्षेत्र में एक और बड़ा कदम है।
- को-वर्किंग स्पेस सेक्टर, जो अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है, स्मार्टवर्क्स के आईपीओ के जरिए निवेशकों को एक नई संभावनाएं प्रदान कर रहा है।
निष्कर्ष
ईकॉम एक्सप्रेस और स्मार्टवर्क्स का आईपीओ भारत के लॉजिस्टिक्स और को-वर्किंग स्पेस सेक्टर में बढ़ते निवेश के रुझान को दर्शाता है।
ईकॉम एक्सप्रेस का लॉजिस्टिक्स में विस्तार और स्मार्टवर्क्स का को-वर्किंग स्पेस में अपनी उपस्थिति बढ़ाना, दोनों ही क्षेत्रों के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
इन दोनों कंपनियों की सफलता न केवल उनकी इंडस्ट्री में नई संभावनाएं खोलेगी, बल्कि भारतीय शेयर बाजार में भी नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगी।
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