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Zomato

फूडटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी Zomato ने भारतीय स्टार्टअप्स के इतिहास में नया अध्याय लिखा है। यह कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) SENSEX 30 में शामिल होने वाली पहली भारतीय स्टार्टअप बन गई है। ज़ोमैटो ने JSW Steel Limited को हटाकर भारत के शीर्ष 30 कंपनियों के इस बेंचमार्क इंडेक्स में अपनी जगह बनाई है।


Zomato SENSEX में शामिल होने की वजह

Zomato का SENSEX 30 में शामिल होना उसकी बीते वर्ष की शानदार प्रदर्शन क्षमता को दर्शाता है।

  • बीते छह महीनों में ज़ोमैटो के शेयरों में 38% की वृद्धि हुई है।
  • साल की शुरुआत से अब तक, इसमें 124.79% का उछाल आया है।
  • पिछले एक साल में, Zomato के शेयरों ने 114.29% की वृद्धि दर्ज की है।

SENSEX में शामिल होने के बाद शेयर प्रदर्शन

सोमवार को, SENSEX 30 में शामिल होने के बाद, ज़ोमैटो के शेयरों में 3.15% की गिरावट दर्ज की गई।

  • शेयर की कीमत घटकर ₹278.70 हो गई।
  • कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण ₹2.68 लाख करोड़ (लगभग $31.9 बिलियन) पर स्थिर है।

वित्तीय प्रदर्शन

वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में ज़ोमैटो ने अपने परिचालन राजस्व और मुनाफे में जबरदस्त उछाल दर्ज किया।

  • परिचालन राजस्व:
    • ₹4,799 करोड़, जो कि पिछली तिमाही के ₹2,848 करोड़ से 68.5% अधिक है।
  • शुद्ध मुनाफा:
    • ₹176 करोड़, जो कि पिछली तिमाही की तुलना में 4.8 गुना वृद्धि दर्शाता है।

स्विगी से मुकाबला

ज़ोमैटो के मुख्य प्रतिस्पर्धी स्विगी ने भी इस दौरान वित्तीय प्रदर्शन के आंकड़े साझा किए।

  • परिचालन राजस्व:
    • ₹3,601 करोड़
  • शुद्ध घाटा:
    • ₹625 करोड़

स्विगी का कुल बाजार पूंजीकरण ₹1,32,695 करोड़ (लगभग $15.8 बिलियन) पर स्थिर है।


स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणा

ज़ोमैटो का SENSEX 30 में शामिल होना भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। यह उस संभावना को दर्शाता है जहां स्टार्टअप्स मुख्यधारा की शीर्ष कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

यह उपलब्धि ज़ोमैटो के रणनीतिक निर्णयों और वित्तीय प्रदर्शन का परिणाम है, जिसने कंपनी को निवेशकों का विश्वास हासिल करने में मदद की।


क्या है ज़ोमैटो की सफलता का राज़?

  1. मजबूत ग्राहक आधार:
    ज़ोमैटो ने भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने ग्राहकों का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया है।
  2. नवाचार और टेक्नोलॉजी:
    फूड डिलीवरी सेवाओं में ज़ोमैटो ने तकनीकी नवाचार और उपयोगकर्ता अनुभव को प्राथमिकता दी।
  3. रणनीतिक साझेदारी और अधिग्रहण:
    ज़ोमैटो ने ब्लिंकिट जैसे अधिग्रहण के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो को विस्तारित किया है।

चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि ज़ोमैटो ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, लेकिन कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है:

  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा: स्विगी जैसे घरेलू प्रतिद्वंद्वियों के साथ-साथ उबर ईट्स जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी लगातार चुनौती देते रहेंगे।
  • लाभप्रदता बनाए रखना: बढ़ती प्रतिस्पर्धा और लागत प्रबंधन के बीच, ज़ोमैटो को अपने मुनाफे को बनाए रखना होगा।

निष्कर्ष

ज़ोमैटो का SENSEX 30 में शामिल होना केवल एक कंपनी की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक नई प्रेरणा है। यह उपलब्धि न केवल ज़ोमैटो की विकास यात्रा को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारतीय स्टार्टअप्स वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं।

आने वाले समय में, ज़ोमैटो जैसे स्टार्टअप्स का प्रदर्शन भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता के परिदृश्य को और भी मजबूत करेगा।

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