Stellapps Technologies ने सीरीज C फंडिंग राउंड में जुटाए $26 मिलियन

Stellapps Technologies

Stellapps Technologies ने अपने सीरीज C फंडिंग राउंड में $26 मिलियन (लगभग 215 करोड़ रुपये) जुटाए हैं, जिसमें इक्विटी और डेट फाइनेंसिंग दोनों शामिल थे। इस राउंड में मौजूदा निवेशकों जैसे Blume Ventures, Omnivore, और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ-साथ नए निवेशक Miledeep Capital ने भी योगदान दिया। इसके अतिरिक्त, यू.एस. इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) ने डेट फाइनेंसिंग प्रदान की।

Stellapps Technologies तीन साल के बाद वापसी

बेंगलुरु स्थित Stellapps ने तीन साल के अंतराल के बाद इस नई फंडिंग राउंड को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इससे पहले, कंपनी ने अक्टूबर 2021 में Nutreco से प्री-सीरीज C राउंड में $18 मिलियन जुटाए थे। अब तक, Stellapps ने कुल मिलाकर लगभग $50 मिलियन (लगभग 400 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है।

कंपनी की विस्तार योजनाएँ

Stellapps के संस्थापक और सीईओ रंजीत मुकुंदन ने कहा कि इस फंडिंग से कंपनी को पूरे भारत में ग्राहकों के लिए अपनी मूल्य-वर्धित डेयरी उत्पादों की पेशकश को टिकाऊ तरीके से विस्तार करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, यह कंपनी के निर्यात क्षेत्र को भी मजबूत करेगा। mooMark ब्रांड के तहत Stellapps का यह वर्टिकल कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और प्राइवेट लेबल डेयरी उत्पादों पर केंद्रित है, जिसमें गुणवत्ता, स्थिरता और ट्रैसेबिलिटी को प्रमुखता दी जाती है।

Stellapps की शुरुआत और विकास

Stellapps की शुरुआत एक Dairy IoT सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में हुई थी, लेकिन समय के साथ यह कंपनी विकसित होकर मूल्य-वर्धित डेयरी उत्पादों की कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और प्राइवेट लेबलिंग में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई है। mooMark ब्रांड के तहत, कंपनी भारतीय और वैश्विक ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद प्रदान करती है। Stellapps की खास बात यह है कि यह एक लो-कैपेक्स और टेक-चालित दृष्टिकोण का उपयोग करती है, जिससे यह तकनीकी रूप से सक्षम और कम लागत पर उत्पाद वितरण करने में सक्षम होती है।

Stellapps का महत्व और भारतीय डेयरी उद्योग में योगदान

Stellapps का विकास भारतीय डेयरी उद्योग के डिजिटलीकरण और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत में डेयरी उद्योग बहुत बड़ा है और Stellapps ने इस क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों के माध्यम से एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके IoT सॉल्यूशंस ने डेयरी फार्मों के लिए स्मार्ट ट्रैकिंग, मानीटरिंग और डेटा विश्लेषण को सक्षम किया है, जिससे डेयरी किसानों को अपनी उत्पादन दक्षता बढ़ाने में मदद मिली है।

इसके साथ ही, कंपनी का कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और प्राइवेट लेबलिंग सेगमेंट mooMark ब्रांड के तहत ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले, टिकाऊ, और ट्रैसेबल डेयरी उत्पाद प्रदान करता है। Stellapps का ध्यान न केवल घरेलू बाजार पर है, बल्कि इसका उद्देश्य वैश्विक बाजारों में भी अपने उत्पादों का निर्यात करना है, जिससे भारतीय डेयरी उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

रंजीत मुकुंदन ने बताया कि नई फंडिंग से Stellapps अपनी तकनीकी क्षमताओं को और बढ़ाएगी और अपनी प्रोडक्ट लाइनों को और अधिक मजबूत करेगी। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के मौजूदा और नए प्रोडक्ट्स को भारत के विभिन्न हिस्सों में विस्तार देने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, Stellapps का उद्देश्य भारतीय किसानों और डेयरी उद्योग के लिए टिकाऊ समाधान प्रदान करना है, जिससे उन्हें आधुनिक तकनीक का लाभ मिल सके।

कंपनी ने यह भी संकेत दिया है कि वह अपने निर्यात क्षेत्र को और मजबूत करेगी, जिससे mooMark के डेयरी उत्पाद वैश्विक बाजारों में और अधिक लोकप्रिय हो सकें। Stellapps की यह रणनीति न केवल भारतीय बाजार पर आधारित है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने की दिशा में है।

Stellapps का टेक्नोलॉजी-चालित दृष्टिकोण

Stellapps का टेक्नोलॉजी-चालित दृष्टिकोण इसे अन्य पारंपरिक डेयरी कंपनियों से अलग बनाता है। कंपनी का IoT आधारित ट्रैकिंग और मानीटरिंग सिस्टम किसानों को उनकी डेयरी उत्पादन प्रक्रिया पर पूरी तरह से नजर रखने की सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह तकनीक उत्पादन की गुणवत्ता को बनाए रखने और बढ़ाने में भी मदद करती है।

Stellapps का यह लो-कैपेक्स मॉडल उसे कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करने में सक्षम बनाता है, जिससे कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मकता और बाजार में पकड़ मजबूत होती है।

डेयरी उद्योग के लिए Stellapps की भूमिका

भारत में डेयरी उद्योग एक विशाल और तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है। Stellapps जैसी कंपनियां इस उद्योग में आधुनिक तकनीक और नवाचारों को लागू करके न केवल उत्पादकता बढ़ा रही हैं, बल्कि किसानों की आय और जीवन स्तर में भी सुधार कर रही हैं।

Stellapps के mooMark ब्रांड के तहत कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और प्राइवेट लेबलिंग सेगमेंट भारतीय डेयरी उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक है। इसके उत्पादों की गुणवत्ता, टिकाऊपन और ट्रैसेबिलिटी इसे भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बनाते हैं।

निष्कर्ष

Stellapps Technologies का $26 मिलियन की फंडिंग जुटाना भारतीय डेयरी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कंपनी का तकनीकी दृष्टिकोण, टिकाऊ उत्पाद और वैश्विक विस्तार की योजना इसे भविष्य में और अधिक सफल बनाएगी। Stellapps न केवल भारत में डेयरी किसानों की मदद कर रही है, बल्कि भारतीय डेयरी उत्पादों को वैश्विक स्तर पर भी स्थापित कर रही है।

इस फंडिंग से Stellapps को अपनी प्रोडक्ट लाइन का विस्तार करने, नई तकनीकें विकसित करने और भारतीय डेयरी उद्योग में स्थायी और स्मार्ट समाधान प्रदान करने में मदद मिलेगी।

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Titan Capital Winners फंड ने जुटाए 333 करोड़ रुपये

Titan Capital Winners

titan capital Winners Fund, जिसे स्नैपडील के सह-संस्थापक कुनाल बहल और रोहित बंसल का समर्थन प्राप्त है, ने अपने अंतिम समापन पर 333 करोड़ रुपये (लगभग $40 मिलियन) जुटाए हैं।

इससे पहले, अगस्त 2024 में, फंड ने अपने प्रारंभिक लक्ष्य 200 करोड़ रुपये को प्राप्त कर लिया था और अब ग्रीन-शू विकल्प का उपयोग करके अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं को स्वीकार करने का निर्णय लिया है। यह राशि कंपनी के मौजूदा पोर्टफोलियो कंपनियों में बाद के चरणों में निवेश की जाएगी, कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा।

2011 से अब तक 250 से अधिक कंपनियों का समर्थन

2011 से, titan capital Winners Fund,ने 250 से अधिक कंपनियों का समर्थन किया है। कुछ प्रमुख सीड निवेशों में अर्बन कंपनी, मामा अर्थ, ऑफ़बिजनेस, रेजरपे, यूनिकॉमर्स, और ओला कैब्स शामिल हैं।

अगस्त में 200 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त किया

अगस्त में, टाइटन कैपिटल के विनर्स फंड ने 200 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त किया था। इस फंड के माध्यम से, कंपनी ने अर्बन कंपनी, मामा अर्थ, ओला, और क्रेडजेनिक्स जैसी कंपनियों से महत्वपूर्ण निकास किए।

टाइटन कैपिटल का अर्बन कंपनी में शुरुआती 57 लाख रुपये का निवेश 111 करोड़ रुपये के पूर्ण निकास में परिणत हुआ। ओला में, प्रारंभिक $60,000 का निवेश काफी बढ़ गया, और दोनों ने 2021 में कंपनी के $7.3 बिलियन के उच्चतम मूल्यांकन पर पूरी तरह से निकास किया।

इंदिकॉर्न्स: नए और लाभकारी स्टार्टअप्स की सूची

हाल ही में, टाइटन कैपिटल ने इंदिकॉर्न्स नामक एक नया सूचकांक लॉन्च किया, जो 100 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व वाले लाभकारी स्टार्टअप्स को उजागर करता है। इस सूची में शामिल स्टार्टअप्स में ग्रो, इन्फ्रा.मार्केट, इंडिफी, कंफर्मटीकेटी, कैशई, फाइबे, एवरेस्ट फ्लीट, फाइंड, इंडीक्यूब, करजा, लेंडिंगकार्ट, ऑक्सिजो, और नोडविन शामिल हैं।

titan capital Winners Fund, और भविष्य की योजनाएं

टाइटन कैपिटल की निवेश रणनीति ने उसे भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। कंपनी न केवल शुरुआती चरण के निवेशों पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि अपने पोर्टफोलियो में बाद के चरणों में भी निवेश करना जारी रखती है। यह दृष्टिकोण कंपनी को अपने पोर्टफोलियो कंपनियों के विकास को समर्थन देने और उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।

टाइटन कैपिटल का यह कदम न केवल भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशक अब जोखिम लेने के लिए अधिक तैयार हैं और वे संभावित उच्च रिटर्न की तलाश में हैं।

निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संदेश

टाइटन कैपिटल का यह नया फंड निवेशकों को एक महत्वपूर्ण संदेश देता है: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश के लिए अब एक बेहतर समय है। कंपनी का इंदिकॉर्न्स सूचकांक यह भी दर्शाता है कि भारत में कई स्टार्टअप्स अब लाभकारी हो रहे हैं और बड़े पैमाने पर राजस्व उत्पन्न कर रहे हैं।

निष्कर्ष

टाइटन कैपिटल विनर्स फंड का 333 करोड़ रुपये जुटाना न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दिखाता है कि भारतीय स्टार्टअप्स में अब भी बड़ी संभावनाएं हैं और वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं। कुनाल बहल और रोहित बंसल की दृष्टि और उनके निवेश के अनुभव ने टाइटन कैपिटल को एक प्रमुख निवेशक के रूप में स्थापित किया है, जो भविष्य में भी नए और उभरते हुए स्टार्टअप्स को समर्थन देता रहेगा।

भारतीय स्टार्टअप्स के लिए यह समय अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और टाइटन कैपिटल का यह कदम इस बात का प्रमाण है कि भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है।

भविष्य की संभावनाएं

आने वाले समय में, टाइटन कैपिटल के निवेश और उनके द्वारा समर्थित स्टार्टअप्स पर नजर रखना दिलचस्प होगा। कंपनी की रणनीति और उनकी सफलताएं निश्चित रूप से अन्य निवेशकों और उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।

इस प्रकार, टाइटन कैपिटल का यह नया फंड न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

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UK startups
UK

UK To Startups

  1. Beckley Psytech
    साइकेडेलिक थैरेपी के जरिए मानसिक स्वास्थ्य का इलाज करने वाली कंपनी।
    संस्थापक: लेडी अमांडा फील्डिंग, कॉस्मो फील्डिंग मेलन
    वैल्यूएशन: £229 मिलियन
    फंडिंग: £110 मिलियन
  2. Bloom & Wild
    फ्लॉवर डिलीवरी के क्षेत्र में डिजिटल सेवाएं देने वाला स्टार्टअप।
    संस्थापक: आरोन गेलबर्ड
    वैल्यूएशन: £416 मिलियन
    फंडिंग: £131.72 मिलियन
  3. Checkout.com
    ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेसिंग की सुविधा देने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: गिलियम पाउसेज
    वैल्यूएशन: £8.6 बिलियन
    फंडिंग: £1.8 बिलियन
  4. Unitary.ai
    एआई की मदद से इमेज और वीडियो मॉडरेशन में विशेषज्ञता।
    संस्थापक: सैश हाको, जेम्स थेवलिस
    वैल्यूएशन: £40 मिलियन
    फंडिंग: £20 मिलियन
  5. Lottie
    केयर होम और रिटायरमेंट लिविंग खोजने की सुविधा।
    संस्थापक: विल डॉनेली, क्रिस डॉनेली
    वैल्यूएशन: £80 मिलियन
    फंडिंग: £25.5 मिलियन
  6. Gymshark
    फिटनेस वियर का उत्पादन करने वाला स्टार्टअप।
    संस्थापक: बेन फ्रांसिस
    वैल्यूएशन: £1 बिलियन
    फंडिंग: £220 मिलियन
  7. OakNorth Bank
    छोटे व्यवसायों को वित्तीय सेवाएं देने वाला ऑनलाइन बैंक।
    संस्थापक: ऋषि खोसला
    वैल्यूएशन: £3.9 बिलियन
    फंडिंग: £759 मिलियन
  8. Bloom
    ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए शॉर्ट-टर्म फाइनेंसिंग समाधान।
    संस्थापक: नीना मोहंती, जेसी लीमग्रुबर
    वैल्यूएशन: £1.5-1.9 बिलियन
    फंडिंग: £312 मिलियन
  9. Sano Genetics
    व्यक्तिगत चिकित्सा अनुसंधान को आसान बनाने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: चार्लोट गुज्जो, पैट्रिक शॉर्ट, विलियम जोन्स
    वैल्यूएशन: £47 मिलियन
    फंडिंग: £21 मिलियन
  10. Hyperexponential
    बीमा क्षेत्र के लिए प्राइसिंग सॉफ्टवेयर।
    संस्थापक: अमृत संथिरसेनन
    वैल्यूएशन: £300-380 मिलियन
    फंडिंग: £61 मिलियन
  11. Tide
    छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवाएं।
    संस्थापक: टॉम ब्लॉमफील्ड
    वैल्यूएशन: £650 मिलियन
    फंडिंग: £79 मिलियन
  12. Birdie
    बुजुर्गों के लिए पर्सनलाइज्ड होम केयर सेवाएं।
    संस्थापक: अबीद मोहम्मद, मैक्स पर्मेंटियर
    वैल्यूएशन: £200 मिलियन
    फंडिंग: £40 मिलियन
  13. Zopa
    पीयर-टू-पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म।
    संस्थापक: गिल्स एंड्रयूज, जेम्स एलेक्जेंडर
    वैल्यूएशन: £700 मिलियन
    फंडिंग: £600 मिलियन
  14. Conigital
    एआई-ड्रिवन ड्राइवरलेस वाहन तकनीक।
    संस्थापक: डॉन-पॉल धालीवाल, मोनिका सेठ
    वैल्यूएशन: £2 बिलियन
    फंडिंग: £400 मिलियन
  15. Graphcore
    एआई और मशीन लर्निंग के लिए प्रोसेसर बनाने वाली कंपनी।
    संस्थापक: निगेल टून, साइमन नोलेस
    वैल्यूएशन: £1.8 बिलियन
    फंडिंग: £500 मिलियन
  16. SuperAwesome
    बच्चों के लिए सुरक्षित डिजिटल मीडिया अनुभव देने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: डिलन कॉलिन्स
    वैल्यूएशन: £79 मिलियन
    फंडिंग: £40 मिलियन
  17. Monzo Bank
    डिजिटल बैंकिंग सेवा में अग्रणी।
    संस्थापक: टिम बॉमफील्ड
    वैल्यूएशन: £3.4 बिलियन
    फंडिंग: £1 बिलियन
  18. Starling Bank
    ऐप-आधारित बैंकिंग स्टार्टअप।
    संस्थापक: ऐनी बोडेन
    वैल्यूएशन: £2.6 बिलियन
    फंडिंग: £800 मिलियन
  19. Darktrace
    साइबर सुरक्षा के लिए एआई पर आधारित स्टार्टअप।
    संस्थापक: पोपी गुस्ताफसन, डेव पामर
    वैल्यूएशन: £2.3 बिलियन
    फंडिंग: £182 मिलियन
  20. Wise (TransferWise)
    अंतर्राष्ट्रीय मनी ट्रांसफर सेवा।
    संस्थापक: क्रिस्टो क्यारमन, टावेट हिनरिकस
    वैल्यूएशन: £4.7 बिलियन
    फंडिंग: £312 मिलियन
  21. Cazana
    यूज़्ड कार मार्केट में क्रांति लाने वाली कंपनी।
    संस्थापक: टॉम वुड
    वैल्यूएशन: £26 मिलियन
    फंडिंग: £2.5 मिलियन
  22. Deliveroo
    फूड डिलीवरी सेवा।
    संस्थापक: विलियम शु
    वैल्यूएशन: £1.1 बिलियन
    फंडिंग: £1.3 बिलियन
  23. Improbable
    गेमिंग और सिमुलेशन तकनीक में अग्रणी।
    संस्थापक: हरमन नरुला, रॉब व्हाइटहेड
    वैल्यूएशन: £2.7 बिलियन
    फंडिंग: £650 मिलियन
  24. Revolut
    डिजिटल बैंकिंग में क्रांति लाने वाला प्लेटफार्म।
    संस्थापक: निकोलाई स्टोरोंस्की, व्लाद यत्सेंको
    वैल्यूएशन: £14 बिलियन
    फंडिंग: £1.3 बिलियन
  25. Ometria
    ई-कॉमर्स मार्केटिंग ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर।
    संस्थापक: इवान मज़ोर
    वैल्यूएशन: £130 मिलियन
    फंडिंग: £49 मिलियन
  26. Fever
    एक्टिविटी और इवेंट्स खोजने में मदद करने वाला ऐप।
    संस्थापक: पेप गोमेज़
    वैल्यूएशन: £1.4 बिलियन
    फंडिंग: £345 मिलियन
  27. SumUp
    छोटे व्यवसायों के लिए पेमेंट सॉल्यूशंस।
    संस्थापक: डैनियल क्लाइन, मार्क-एलेक्सेंडर क्रिस्ट
    वैल्यूएशन: £6.7 बिलियन
    फंडिंग: £550 मिलियन

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Last Week Indian startups ने 449.33 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई

Last Week Indian startups

Last Week Indian startups फंडिंग के मामले में बेहद शानदार रहा। 39 भारतीय स्टार्टअप्स ने लगभग 449.33 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई। इनमें से 12 ग्रोथ-स्टेज डील्स और 16 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल थीं, जबकि 11 स्टार्टअप्स ने अपने ट्रांजैक्शन विवरण को गोपनीय रखा। पिछले सप्ताह, 32 अर्ली और ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर 134 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई थी।

Last Week Indian startups ग्रोथ-स्टेज डील्स

ग्रोथ-स्टेज डील्स के तहत, 12 स्टार्टअप्स ने इस सप्ताह 389.62 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई। एडटेक स्टार्टअप एरुडिटस ने 150 मिलियन डॉलर की फंडिंग के साथ नेतृत्व किया। ओमनीचैनल ब्यूटी प्लेटफॉर्म पर्पल ने 60 मिलियन डॉलर जुटाए, जबकि क्लाउड-आधारित सर्विस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म न्यूरॉन7.एआई, डी2सी ज्वैलरी स्टार्टअप गीवा, और सास प्लेटफॉर्म एवरस्टेज ने क्रमशः 44 मिलियन डॉलर, 30.3 मिलियन डॉलर, और 30 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की।

अर्ली-स्टेज डील्स

अर्ली-स्टेज डील्स के तहत, 16 स्टार्टअप्स ने इस सप्ताह 59.71 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई। एल्डर केयर स्टार्टअप प्रिमस सीनियर लिविंग ने सूची में अग्रणी स्थान प्राप्त किया, इसके बाद क्लाउड-आधारित एमएलऑप्स वर्कफ़्लो ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म सिम्पलीस्मार्ट, टीचर वर्कफोर्स डेवलपमेंट और ग्लोबल टीचर मोबिलिटी के लिए प्लेटफॉर्म सुरासा, एआई स्टार्टअप बडी.बॉट, और गैलियम नाइट्राइड (GaN) स्टार्टअप एग्निट सेमीकंडक्टर्स जैसे स्टार्टअप्स शामिल थे।

गोपनीय डील्स

इस दौरान, ट्राक्वो, ब्राउन लिविंग, सुपरयूएस, इवनफ्लो, एनी, हीलस्पैन, मैग्नस फार्म फ्रेश, स्पोर्टस्किल, पेटस्ट्रॉन्ग, किंगडम ऑफ व्हाइट, और मेडप्राइम टेक्नोलॉजीज ने भी फंडिंग जुटाई, लेकिन उन्होंने अपने ट्रांजैक्शन विवरण को गोपनीय रखा।

शहर और सेगमेंट-वार डील्स

शहर-वार फंडिंग डील्स के मामले में, बेंगलुरु आधारित स्टार्टअप्स ने 16 डील्स के साथ नेतृत्व किया, इसके बाद मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, आदि का स्थान रहा। सेगमेंट-वार, ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स 12 डील्स के साथ शीर्ष पर रहे। फिनटेक, एआई, एडटेक, हेल्थटेक, लॉजिस्टिक्स, और बायोटेक स्टार्टअप्स भी सूची में शामिल थे।

सीरीज-वार डील्स

इस सप्ताह, सीड फंडिंग डील्स 15 डील्स के साथ शीर्ष पर रही, इसके बाद सीरीज बी, प्री-सीड, प्री-सीरीज ए, डेट, और सीरीज ए डील्स का स्थान रहा।

सप्ताह-दर-सप्ताह फंडिंग ट्रेंड

साप्ताहिक आधार पर, स्टार्टअप फंडिंग 234.27% बढ़कर 449.33 मिलियन डॉलर हो गई, जबकि पिछले सप्ताह लगभग 134.42 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे। पिछले आठ सप्ताह में औसत फंडिंग लगभग 353.43 मिलियन डॉलर रही, जिसमें प्रति सप्ताह 30 डील्स हुईं।

फंड लॉन्च

अनिकट ने अपने प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के लिए गिफ्ट सिटी स्ट्रक्चर के माध्यम से 11 मिलियन डॉलर जुटाए। एसबीआई फाउंडेशन और विल्ग्रो ने एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए “इनोवेटर्स फॉर भारत” नामक फंड लॉन्च किया। टेट्र कॉलेज ऑफ बिजनेस ने शुरुआती-स्टेज छात्र उद्यमियों में निवेश के लिए 10 मिलियन डॉलर का फंड लॉन्च किया। इसके अतिरिक्त, सुंदरम अल्टरनेट्स ने अपने पीसीओएफ – सीरीज I फंड को लॉन्च किया।

प्रमुख नियुक्तियां और इस्तीफे

स्टार्टअप इकोसिस्टम ने इस सप्ताह 6 प्रमुख नियुक्तियों का गवाह बना। ऑथब्रिज ने नवीन गोयल को चीफ ऑफ टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट्स के रूप में शामिल किया। इन्वेस्ट4एडु ने मनीष साहिजवानी को चीफ बिजनेस ऑफिसर के रूप में स्वागत किया, और डीएमआई फाइनेंस ने नीरज खंडेलवाल और रचित गुप्ता को विभिन्न भूमिकाओं में नियुक्त किया।

इस दौरान, मामा अर्थ के चीफ प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी ऑफिसर जयंत चौहान, अपग्रेड के सह-संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर मयंक कुमार, और कृत्रिम के बिजनेस हेड रवि जैन ने इस्तीफा दिया।

विलय और अधिग्रहण

इस सप्ताह, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में चार प्रमुख अधिग्रहण हुए। लिसियस ने माय चिकन एंड मोर का अधिग्रहण किया, आईबीएम ने प्रेसिंटो का अधिग्रहण किया, इंडियम ने एक्स्पेरिओन को खरीदा, और जेटापल्ट ने यूएमएक्स स्टूडियो का अधिग्रहण किया।

संभावित डील्स

  • ओयो यूएस विस्तार रणनीति के लिए 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग की तलाश में
  • टेमासेक का फुलर्टन लेंडिंगकार्ट में नियंत्रण ले सकता है
  • जेप्टो मोटिलाल ओसवाल और फैमिली ऑफिसेस से 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने की योजना में

इस सप्ताह के वित्तीय परिणाम

  • क्योर.एआई का राजस्व 83% बढ़कर FY24 में 141 करोड़ रुपये हुआ, घाटे में कमी
  • लिसियस ने FY24 में 685 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया; घाटे में 44% की कमी
  • भारतपे का राजस्व FY24 में 1,426 करोड़ रुपये तक पहुंचा, घाटे में 50% की कमी
  • ट्रैक्टर जंक्शन का राजस्व FY24 में 2.3X बढ़ा; घाटे में 51% की कमी
  • अको का राजस्व FY24 में 2,000 करोड़ रुपये की सीमा पार किया, घाटे में कमी
  • रेंटोमोजो ने FY24 में 193 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया; मुनाफा 3.6X बढ़ा

Top Headlines : Last Week Indian startups Industry News

  • आरबीआई ने नावी, डीएमआई फाइनेंस और अन्य को ऋण स्वीकृति और वितरण से रोका
  • नावी ने सितंबर में शीर्ष 5 यूपीआई ऐप्स में जगह बनाई, जबकि फोनपे ने बढ़त बनाए रखी
  • 8i वेंचर्स ने M2P फिनटेक से पूर्ण निकासी पर 12X रिटर्न हासिल किया
  • मामा अर्थ भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्किनकेयर ब्रांड बना: यूरोमॉनिटर
  • जोमैटो ने QIP के माध्यम से 1 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई
  • टेमासेक ने रेबल फूड्स में निवेश के लिए सीसीआई को नोटिस दिया
  • क्लेवर्टैप और मेंसा ब्रांड्स आईपीओ के लिए भारत लौटने की योजना बना रहे हैं
  • ब्लूस्टोन ने Q2 2025 तक 2,100 करोड़ रुपये के आईपीओ की योजना बनाई
  • पययू ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए आईपीओ योजना स्थगित की
  • ओला इलेक्ट्रिक ने सेवा चुनौतियों को दूर करने के लिए EY को नियुक्त किया
  • ज़ेरोधा ने ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को समर्थन देने के लिए फंड लॉन्च किया
  • सरकार गिग वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा नीति पेश करेगी
  • कर्नाटक ऑनलाइन एग्रीगेटर्स पर लेनदेन शुल्क लगाएगा
  • स्विगी के संस्थापक और निवेशकों ने आईपीओ से पहले 670 करोड़ रुपये के शेयर बेचे

OverAll

दो सप्ताह के धीमे फंडिंग प्रवाह के बाद, साप्ताहिक फंडिंग में तेजी आई और इस सप्ताह 39 स्टार्टअप्स ने 449.33 मिलियन डॉलर जुटाए। सप्ताह ने चार स्टार्टअप-केंद्रित फंड लॉन्च किए, जिनमें अनिकट कैपिटल, इनोवेटर्स फॉर भारत, टेट्र कॉलेज ऑफ बिजनेस, और सुंदरम अल्टरनेट्स शामिल थे।

ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी बिक्री के बाद की सेवा संचालन में सुधार के लिए परामर्श फर्म EY इंडिया को नियुक्त किया है, जबकि ज़ेरोधा ने ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु एक नया फंड लॉन्च किया है।

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Yu ने जुटाए 55 करोड़ रुपये, तेजी से बढ़ेगा वितरण और उत्पाद पोर्टफोलियो

Yu

Yu , एक कंज्यूमर फूड ब्रांड, ने हाल ही में 55 करोड़ रुपये (लगभग 6.5 मिलियन डॉलर) की सीरीज बी फंडिंग राउंड पूरी की है। इस राउंड का नेतृत्व प्रमुख निवेशक आशीष कचोलिया और एशियन प्रमोटर ग्रुप ने किया। इस फंडिंग से कंपनी ने अपने शुरुआती निवेशकों को बाहर निकलने का अवसर दिया, जिससे उन्हें 4 गुना से ज्यादा रिटर्न मिला है।

कंपनी की स्थापना और उत्पादों का विकास

Yu  की स्थापना 2021 में भारत भल्ला और वरुण कपूर ने की थी। यह एक ओमनी-चैनल कंज्यूमर ब्रांड है जो 100% प्राकृतिक सामग्री का उपयोग कर इंस्टेंट फूड और बेवरेजेस की एक विस्तृत रेंज पेश करता है। ब्रांड ने सबसे पहले इंस्टेंट कप नूडल्स और पास्ता से शुरुआत की थी, लेकिन अब इसने अपनी उत्पाद श्रृंखला को बढ़ाकर रेडी-टू-कुक नूडल्स, पास्ता और शुद्ध प्राकृतिक जूस तक विस्तार कर लिया है। Yu का मुख्य आकर्षण यह है कि इसके बेवरेजेस में कोई कंसन्ट्रेट या अतिरिक्त चीनी नहीं मिलाई जाती।

फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजनाएँ

Yu ने कहा है कि इस नई फंडिंग का उपयोग अपने वितरण नेटवर्क को बढ़ाने, फूड पोर्टफोलियो को मजबूत करने और हाल ही में लॉन्च किए गए 100% फ्रूट जूस की बेवरेज रेंज को विस्तार देने के लिए किया जाएगा। कंपनी के पास पहले से ही इंस्टेंट फूड के क्षेत्र में अच्छी पहचान है, और अब वह बेवरेजेस के क्षेत्र में भी मजबूती से प्रवेश कर रही है। यह फंड कंपनी को नए उत्पाद विकसित करने और अपनी बाजार पहुंच को और मजबूत करने में सहायता करेगा।

ओमनी-चैनल वितरण नेटवर्क

Yu का दावा है कि उसने एक ओमनी-चैनल वितरण नेटवर्क तैयार किया है, जिसके जरिए कंपनी भारत भर में 7,500 से अधिक स्टोर्स में ऑफलाइन उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। इसके अलावा, ब्रांड Blinkit, Swiggy Instamart और Zepto जैसी क्विक कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी उपलब्ध है, साथ ही Amazon, Flipkart Grocery और Dmart Ready जैसे ई-कॉमर्स चैनलों पर भी इसका प्रोडक्ट आसानी से खरीदा जा सकता है। Yu ने संस्थागत बाजारों में भी अपनी पकड़ बनाई है, जहां इसके उत्पाद Akasa Air और SpiceJet जैसी एयरलाइनों में उपलब्ध हैं।

अंतरराष्ट्रीय विस्तार

भारत के बाजार में एक ठोस उपस्थिति बनाने के बाद, Yu ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कदम रखा है। कंपनी के उत्पाद अब दक्षिण अफ्रीका के 2,000 से अधिक रिटेल आउटलेट्स में बेचे जा रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि Yu अपने ब्रांड को वैश्विक स्तर पर भी मजबूती से स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।

फाउंडर्स की दृष्टि और उद्देश्य

Yu के फाउंडर्स, भारत भल्ला और वरुण कपूर, की दृष्टि यह है कि वे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले, स्वस्थ और सुविधाजनक खाद्य और पेय उत्पाद प्रदान करें। उनकी प्राथमिकता यह है कि उपभोक्ता जल्दी से पकने वाले और तैयार किए जाने वाले खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकें, जिसमें स्वास्थ्य और स्वाद का संतुलन बना रहे। कंपनी ने अपने उत्पादों में कोई हानिकारक तत्व नहीं डाला है, और इसके सभी उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित हैं।

वित्तीय प्रदर्शन और निवेशकों का विश्वास

Yu का वित्तीय प्रदर्शन अब तक अच्छा रहा है, जिससे इसके शुरुआती निवेशकों को 4x रिटर्न मिला है। निवेशकों का इस ब्रांड में इतना विश्वास है कि उन्होंने इसके विस्तार के लिए नई फंडिंग प्रदान की है। सीरीज बी राउंड में जुटाए गए 55 करोड़ रुपये से कंपनी को अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे यह साफ है कि कंपनी का विकास पथ सही दिशा में है और आने वाले समय में यह और भी ऊंचाइयों को छू सकती है।

उपभोक्ता अनुभव और उत्पाद की गुणवत्ता

Yu के उत्पादों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे उपभोक्ताओं को तेज़, आसान और स्वास्थ्यवर्धक फूड ऑप्शंस प्रदान करते हैं। इंस्टेंट फूड कैटेगरी में होने के बावजूद, Yu ने अपने सभी उत्पादों को पूरी तरह से प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर रखा है। उपभोक्ता अपने रोजमर्रा के जीवन में बिना किसी झंझट के इन उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं, जो उन्हें स्वादिष्ट और पोषण युक्त भोजन का अनुभव देता है।

भविष्य की योजनाएँ

Yu के फाउंडर्स की योजना है कि वे कंपनी के उत्पादों को और ज्यादा व्यापक बनाएं और नई बाजारों में प्रवेश करें। कंपनी आने वाले समय में और भी नई प्रोडक्ट रेंज लॉन्च कर सकती है, जिससे उसे फूड और बेवरेजेस इंडस्ट्री में और बड़ी पहचान मिलेगी। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने पैर जमाने की योजना के तहत कंपनी दक्षिण अफ्रीका जैसे अन्य देशों में अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर सकती है।

निष्कर्ष

Yu ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से अपनी जगह बनाई है। स्वस्थ, स्वादिष्ट और सुविधाजनक खाद्य उत्पादों की बढ़ती मांग के बीच, Yu ने अपनी गुणवत्ता और वितरण नेटवर्क के जरिए उपभोक्ताओं का विश्वास जीता है। नई फंडिंग से कंपनी अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी और आने वाले समय में अपने उपभोक्ताओं को और भी बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर रहेगी।

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PayU ने टाली IPO योजना, FY26 में हो सकता है पब्लिक लिस्टिंग

PayU

PayU, जो डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफ़ॉर्म है और Prosus के स्वामित्व में है, ने अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की योजना को इस वित्तीय वर्ष में स्थगित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, PayU इस साल या 2024 के दूसरे छमाही में अपने IPO की योजना बना रहा था, लेकिन अब इसे अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के बाद लाने पर विचार कर रहा है।

कंपनी की IPO योजना

PayU पिछले कुछ वर्षों से अपने IPO की योजना बना रही थी, लेकिन कंपनी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस वापस मिलने के बाद इसे टाल दिया गया। कंपनी ने अप्रैल 2024 में यह लाइसेंस फिर से प्राप्त कर लिया, जिसके बाद उसने नए व्यापारियों को ऑनबोर्ड करना शुरू कर दिया है। इससे पहले, जनवरी 2023 से अप्रैल 2024 के बीच व्यापारियों का ऑनबोर्डिंग प्रतिबंधित कर दिया गया था।

Goldman Sachs बनी प्रमुख बैंकिंग पार्टनर

सूत्रों के अनुसार, PayU ने Goldman Sachs को अपने IPO के लिए मुख्य बैंकिंग पार्टनर के रूप में चुना है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को दायर नहीं किया है, लेकिन संभावना है कि 2025 की शुरुआत में इसे दाखिल किया जाएगा। इससे पहले कंपनी अपने कॉर्पोरेट ढांचे को और मजबूत करने में व्यस्त थी ताकि सार्वजनिक लिस्टिंग की प्रक्रिया को आसानी से अंजाम दिया जा सके।

PayU की भारतीय बाजार में स्थिति

भारत में PayU ने एक मजबूत स्थिति बनाई है। कंपनी के पास तीन प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों – पेमेंट्स, क्रेडिट, और PayTech में 500,000 से अधिक व्यापारी हैं। कंपनी हर साल $60 बिलियन से अधिक का ट्रांजैक्शन वॉल्यूम जनरेट करने का दावा करती है। हालांकि, FY23 के मुकाबले FY24 में कंपनी की राजस्व वृद्धि केवल 11% रही और उसका राजस्व $444 मिलियन तक पहुंचा।

धीमी वृद्धि और वित्तीय चुनौतियाँ

कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में गिरावट का मुख्य कारण RBI की पाबंदी रही, जिसके कारण नए व्यापारियों को ऑनबोर्ड नहीं किया जा सका। इसके अलावा, FY24 में कंपनी ने नुकसान झेला। यह धीमी वृद्धि और नकारात्मक मार्जिन कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं, और यह भी एक कारण है कि PayU ने अपने IPO को स्थगित कर दिया है।

RBI की पाबंदी और पुनः लाइसेंस प्राप्ति

PayU की IPO योजना को उस समय झटका लगा जब RBI ने उसकी जटिल कॉर्पोरेट संरचना के कारण भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस वापस कर दिया था। हालांकि, अप्रैल 2024 में यह लाइसेंस वापस मिलने के बाद, कंपनी ने अपनी सेवाओं को फिर से चालू कर दिया है और नए व्यापारियों को जोड़ना शुरू किया है। इस लाइसेंस की प्राप्ति के बाद कंपनी ने अपने विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है और IPO के लिए खुद को तैयार किया है।

आगे की योजना

सूत्रों के अनुसार, PayU ने अपनी IPO योजना को इस वित्तीय वर्ष से आगे बढ़ा दिया है और अब इसका लक्ष्य है कि FY26 के पहले तिमाही के बाद पब्लिक लिस्टिंग की जाए। यह कदम कंपनी को अपने वित्तीय प्रदर्शन को सुधारने और राजस्व में तेजी लाने का समय देगा। कंपनी ने अपने वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, और उम्मीद है कि आने वाले समय में इसका प्रदर्शन बेहतर होगा।

PayU का वैश्विक विस्तार

PayU केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी ने विभिन्न देशों में अपने पेमेंट सॉल्यूशंस का विस्तार किया है और वित्तीय सेवाओं में अपने पैर पसार रही है। PayU का फोकस उभरते बाजारों पर है, जहां डिजिटल पेमेंट्स और क्रेडिट सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। कंपनी अपनी सेवाओं को और भी अधिक व्यापारियों तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जो इसके राजस्व को बढ़ाने में मदद करेगी।

वित्तीय प्रदर्शन और चुनौतियाँ

PayU ने FY23 में बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन RBI की पाबंदी और नए व्यापारियों को जोड़ने पर रोक के कारण FY24 में इसका प्रदर्शन धीमा रहा। कंपनी की राजस्व वृद्धि केवल 11% रही और इसका कुल राजस्व $444 मिलियन तक पहुंचा। इसके अलावा, कंपनी को नकारात्मक मार्जिन का भी सामना करना पड़ा, जिससे उसकी लाभप्रदता प्रभावित हुई।

निष्कर्ष

PayU की IPO योजना को स्थगित करना कंपनी के लिए एक रणनीतिक कदम है, जिससे वह अपने वित्तीय प्रदर्शन को सुधारने और बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का समय हासिल कर सके। कंपनी ने Goldman Sachs जैसे प्रमुख बैंकों के साथ मिलकर अपने IPO की तैयारी शुरू कर दी है और उम्मीद है कि 2025 की शुरुआत में वह DRHP दायर करेगी। भारतीय बाजार में PayU की मजबूत स्थिति और उसके व्यापारियों का बढ़ता आधार इसे भविष्य में और भी अधिक सफलता की ओर ले जा सकता है।

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8i Ventures की M2P Fintech से 12x रिटर्न के साथ पूरी निकासी: एक बड़ी उपलब्धि

8i Ventures

8i Ventures, एक प्रमुख वेंचर कैपिटल फर्म, ने हाल ही में M2P Fintech में अपने निवेश से पूरी तरह से बाहर निकलने की घोषणा की है, जिसमें उन्होंने 4.5 वर्षों में 12x का रिटर्न हासिल किया है। यह निकासी M2P Fintech के हालिया $100 मिलियन पूंजी वृद्धि का हिस्सा थी, जिसमें प्राथमिक और द्वितीयक निवेश शामिल थे।

कंपनी और निवेश की शुरुआत

8i Ventures ने M2P Fintech में पहली बार 9.7 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसे अब 4.5 साल बाद 115.9 करोड़ रुपये में बदल दिया गया है। इस निवेश से 8i Ventures को 131% का आंतरिक रिटर्न दर (IRR) मिला है। यह एकल निवेश 8i के Fund I के कुल फंड का 1.27x रिटर्न देता है, और इसके लिए उन्होंने अपने कुल पूंजी का केवल 10% उपयोग किया था।

Fund I की सफलता

8i Ventures का Fund I मई 2019 में लॉन्च हुआ था और जुलाई 2021 में इसका क्लोजिंग हुआ था, जिसमें कुल $15.5 मिलियन जुटाए गए थे। यह फंड भी शानदार प्रदर्शन कर रहा है, जिसके मौजूदा आँकड़े 2.5x रिटर्न के साथ 37% IRR और MOIC (Multiple On Invested Capital) 3.3x पर खड़े हैं। यह फंड कई उभरते हुए स्टार्टअप्स में निवेश करता है, जो भविष्य में IPO लॉन्च करने की तैयारी में हैं।

पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियाँ

8i Ventures का पोर्टफोलियो बेहद प्रभावशाली है, जिसमें कुछ प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं जैसे Blue Tokai, Slice, Easebuzz, और Bbetter। इनमें से Bbetter सबसे कम उम्र की कंपनी है, लेकिन यह पहले से ही मुनाफा कमा रही है। कंपनी इस साल $10 मिलियन रन रेट का लक्ष्य रख रही है और अपनी राजस्व को दोगुना करने की योजना बना रही है। ये कंपनियाँ अपने उद्योग में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और भविष्य में और भी उन्नति करने की ओर अग्रसर हैं।

M2P Fintech: एक सफल निवेश

M2P Fintech में 8i Ventures का निवेश वेंचर कैपिटल फर्म की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक रहा है। M2P Fintech एक अग्रणी फिनटेक प्लेटफॉर्म है जो डिजिटल पेमेंट्स और वित्तीय सेवाओं को आसान और सुलभ बनाने पर केंद्रित है। हाल ही में कंपनी ने $100 मिलियन की पूंजी जुटाई है, जो कंपनी के भविष्य के विस्तार और विकास को मजबूती देने वाली है। M2P Fintech का यह विकास दिखाता है कि 8i Ventures ने सही समय पर सही कंपनी में निवेश किया।

Fund II की शुरुआत

8i Ventures ने 2022 में अपना दूसरा फंड लॉन्च किया था, जिसमें पहली बार $25 मिलियन जुटाए गए थे। इस फंड के जरिए 8i Ventures और अधिक उभरते हुए स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने हाल ही में $10 मिलियन का सीड फंडिंग प्रोग्राम ‘Origami’ लॉन्च किया है, जो भारत में उभरते स्टार्टअप्स का समर्थन करेगा। यह प्रोग्राम उन स्टार्टअप्स को फंडिंग और मार्गदर्शन प्रदान करेगा, जिनके पास बड़ी क्षमता है, लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ता है।

8i Ventures के पीछे की सोच

8i Ventures का मुख्य उद्देश्य ऐसे स्टार्टअप्स में निवेश करना है, जिनमें उच्च विकास की संभावनाएँ हों। कंपनी न केवल पूंजी प्रदान करती है, बल्कि स्टार्टअप्स को व्यवसाय विकास, रणनीतिक मार्गदर्शन और नेटवर्किंग में भी मदद करती है। पिछले एक दशक में, 8i Ventures और उनके पार्टनर्स ने 60 से अधिक स्टार्टअप्स को शुरुआती चरणों में समर्थन दिया है। ये स्टार्टअप्स कई अलग-अलग क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जिनमें फिनटेक, ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, और कई अन्य उद्योग शामिल हैं।

भविष्य की योजनाएँ

8i Ventures भविष्य में और अधिक स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए तत्पर है। उनका ध्यान भारत के उभरते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम पर केंद्रित है, जहां तकनीकी और वित्तीय नवाचारों की बहुत संभावनाएँ हैं। कंपनी की रणनीति यह है कि वे उभरते स्टार्टअप्स को शुरुआती दौर में समर्थन दें और उनके विकास की गति को बढ़ावा दें। इसके साथ ही, वे अपने फंड्स के जरिए अन्य उच्च प्रदर्शन करने वाले स्टार्टअप्स में भी निवेश जारी रखेंगे।

निवेशकों के लिए संदेश

8i Ventures का M2P Fintech से 12x रिटर्न प्राप्त करना न केवल कंपनी के लिए बल्कि उनके निवेशकों के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। यह दिखाता है कि सही समय पर सही निवेश कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। 8i Ventures के पास उन निवेशकों के लिए एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है, जो उभरते स्टार्टअप्स में निवेश करना चाहते हैं और उच्च रिटर्न की उम्मीद रखते हैं।

निष्कर्ष

8i Ventures ने M2P Fintech में अपने निवेश से जबरदस्त लाभ प्राप्त किया है और यह फर्म की कुशलता और सही निवेश रणनीति को दर्शाता है। कंपनी का फंड I भी अच्छे परिणाम दिखा रहा है और फंड II की शुरुआत से वे और अधिक स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। आने वाले समय में 8i Ventures भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है, जिससे और भी अधिक नवाचार और व्यवसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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Simplismart: बेंगलुरु स्थित SaaS स्टार्टअप ने $7 मिलियन सीरीज़ A फंडिंग जुटाई

Simplismart

बेंगलुरु स्थित SaaS स्टार्टअप Simplismart ने हाल ही में सीरीज़ A फंडिंग राउंड में $7 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Accel ने किया, जिसमें Shastra VC, Titan Capital और अन्य निवेशकों ने भी भाग लिया। कंपनी ने कहा है कि यह फंडिंग शोध एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देने और कंपनी की वृद्धि में तेजी लाने के लिए उपयोग की जाएगी।

कंपनी का परिचय और मिशन

Simplismart की स्थापना 2022 में अमृतांशु जैन और देवांश घटक द्वारा की गई थी। यह स्टार्टअप एक AI-आधारित नो-कोड मशीन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है, जो उपयोगकर्ताओं को बिना कोड लिखे अपने डेटा के आधार पर कस्टम मशीन लर्निंग मॉडल बनाने की सुविधा देता है। कंपनी का उद्देश्य AI को व्यवसायों के लिए सरल और सुलभ बनाना है, ताकि वे अपने निर्णय लेने और एप्लिकेशनों में AI का उपयोग आसानी से कर सकें।

संस्थापकों का परिचय

अमृतांशु जैन और देवांश घटक दोनों तकनीकी और उद्यमशीलता के क्षेत्र में अनुभव रखते हैं। अमृतांशु ने पहले भी विभिन्न AI और SaaS प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, जबकि देवांश डेटा साइंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। इन दोनों ने मिलकर सिंपलिस्मार्ट की स्थापना की, ताकि AI को व्यवसायों के लिए सरल और सुलभ बनाया जा सके।

फंडिंग का उपयोग

सिंपलिस्मार्ट इस फंडिंग का उपयोग अपने शोध एवं विकास (R&D) में तेजी लाने के लिए करेगा। कंपनी की योजना है कि वह अपने प्लेटफ़ॉर्म को और अधिक उन्नत और शक्तिशाली बनाए, ताकि वह व्यवसायों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार अधिक कस्टमाइज्ड समाधान प्रदान कर सके। इसके अलावा, कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं पर भी ध्यान देगी और नए बाजारों में प्रवेश करेगी।

तकनीक और नवाचार

सिंपलिस्मार्ट का AI-आधारित नो-कोड प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों को बिना कोड लिखे मशीन लर्निंग मॉडल बनाने की सुविधा देता है। यह प्लेटफ़ॉर्म खासकर उन कंपनियों के लिए उपयोगी है, जिनके पास तकनीकी संसाधनों की कमी होती है। सिंपलिस्मार्ट का उद्देश्य है कि AI को सरल बनाया जाए और व्यवसायों को उनके डेटा का अधिकतम लाभ उठाने में मदद मिले। इसके जरिए वे AI के जटिल वर्कफ़्लो और उच्च लागत जैसी समस्याओं से निपट सकते हैं।

व्यवसायों के लिए लाभ

सिंपलिस्मार्ट का प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों को उच्च-प्रदर्शन, किफायती और उपयोग में आसान AI समाधान प्रदान करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म उन समस्याओं को हल करता है, जो आमतौर पर AI को अपनाने में होती हैं, जैसे कि प्रदर्शन में समझौते, लागत की समस्या, ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) में कमी, डेटा गोपनीयता और कस्टमाइजेशन की आवश्यकता।

AWS ML Elevate प्रोग्राम

2023 में, सिंपलिस्मार्ट को AWS और Accel द्वारा शुरू किए गए AWS ML Elevate प्रोग्राम के हिस्से के रूप में चुना गया था। यह प्रोग्राम उन 35 जनरेटिव स्टार्टअप्स के लिए था जो भारत से चयनित किए गए थे। इस कार्यक्रम में सिंपलिस्मार्ट ने अपनी तकनीक और बिजनेस मॉडल के लिए काफी सराहना प्राप्त की, जिससे उसकी ब्रांड वैल्यू और नेटवर्क को काफी बढ़ावा मिला।

विस्तार और भविष्य की योजनाएं

सिंपलिस्मार्ट की योजना है कि वह अपने उत्पादों और सेवाओं को और भी उन्नत बनाए और वैश्विक स्तर पर अपने प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार करे। इसके लिए कंपनी नए बाजारों में प्रवेश कर रही है और अपनी सेवाओं को अधिक कस्टमाइज्ड बना रही है, ताकि वे विविध व्यवसायों की जरूरतों को पूरा कर सकें। कंपनी का उद्देश्य है कि वह AI को छोटे और बड़े व्यवसायों के लिए सुलभ बनाए, ताकि वे अपनी कार्यप्रणाली में AI का लाभ उठा सकें।

निवेशकों का समर्थन

Accel, Shastra VC, और Titan Capital जैसे प्रतिष्ठित निवेशकों का समर्थन सिंपलिस्मार्ट को प्राप्त है। इन निवेशकों का अनुभव और समर्थन कंपनी को उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। निवेशकों ने कंपनी की तकनीक, उसके बिजनेस मॉडल और भविष्य की संभावनाओं में विश्वास जताया है, जिससे सिंपलिस्मार्ट को अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

सिंपलिस्मार्ट ने AI को सरल और सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके संस्थापक, अमृतांशु जैन और देवांश घटक, ने एक ऐसी कंपनी की स्थापना की है, जो व्यवसायों को AI अपनाने में मदद करती है। कंपनी की तकनीक और नवाचार उसे व्यवसायों के लिए एक प्रभावी समाधान बनाते हैं। नई फंडिंग से सिंपलिस्मार्ट को अपनी योजनाओं को और अधिक विस्तार करने का अवसर मिलेगा, जिससे वह वैश्विक स्तर पर अपने AI समाधान प्रदान कर सकेगा।

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Aerleum पेरिस स्थित क्लाइमेट टेक कंपनी ने $6 मिलियन सीड फंडिंग जुटाई

Aerleum

पेरिस, फ्रांस में स्थित एक क्लाइमेट टेक कंपनी, Aerleum ने हाल ही में $6 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व 360 कैपिटल और HTGF ने किया, जिसमें Norrsken, Bpifrance, और Marble ने भी भाग लिया। एरल्युम की स्थापना 2023 में स्टीवन बार्डे और सेबास्टियन फीडोरो द्वारा की गई थी। यह कंपनी मार्बल वेंचर स्टूडियो की एक स्पिन-आउट है, जो CO₂ को कैप्चर और कन्वर्ट करने की तकनीक प्रदान करती है।

कंपनी का परिचय और उद्देश्य

Aerleum का मिशन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देना है। कंपनी ने एक विशेष समाधान विकसित किया है जो एक ही रिएक्टर में CO₂ को कैप्चर और कन्वर्ट करता है। इस प्रक्रिया में प्रोप्रीएटरी बाइफंक्शनल मटेरियल्स और प्रिसिजन हीटिंग का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक ऊर्जा-गहन चरणों को खत्म करती है, जिससे कम लागत में बड़े पैमाने पर ई-फ्यूल्स और केमिकल्स का उत्पादन संभव हो पाता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती होती है।

संस्थापकों का योगदान

स्टीवन बार्डे और सेबास्टियन फीडोरो ने एरल्युम की स्थापना की थी। दोनों संस्थापक जलवायु परिवर्तन और हरित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में गहरी विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी नेतृत्व में, एरल्युम ने जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए नवाचार और स्थिरता पर जोर दिया है। इनकी दूरदर्शी सोच और नवीन दृष्टिकोण ने एरल्युम को एक महत्वपूर्ण कंपनी बना दिया है।

फंडिंग का उद्देश्य

एरल्युम इस फंडिंग का उपयोग अपनी तकनीक के औद्योगिकीकरण में तेजी लाने के लिए करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वह वातावरण से CO₂ और लो-कार्बन हाइड्रोजन को सिंथेटिक फ्यूल्स (ई-फ्यूल्स) और केमिकल्स में परिवर्तित कर सके। यह तकनीक कठिन-से-घटने वाले क्षेत्रों को कार्बन-न्यूट्रल भविष्य की ओर अग्रसर करेगी। इस फंडिंग से एरल्युम को अपने प्रोडक्शन क्षमताओं को बढ़ाने और नई तकनीकों को विकसित करने में मदद मिलेगी।

प्रौद्योगिकी और नवाचार

एरल्युम की तकनीक अद्वितीय है, क्योंकि यह एक ही रिएक्टर में CO₂ को कैप्चर और कन्वर्ट करती है। प्रोप्रीएटरी बाइफंक्शनल मटेरियल्स और प्रिसिजन हीटिंग का उपयोग करके, यह तकनीक ऊर्जा-गहन चरणों को कम करती है, जिससे उत्पादन लागत में कमी आती है। इस तकनीक का उपयोग बड़े पैमाने पर ई-फ्यूल्स और केमिकल्स के उत्पादन में किया जा सकता है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।

भविष्य की योजनाएं

एरल्युम का भविष्य उज्ज्वल है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपने तकनीक को और विकसित करके बाजार में उतारे। इसके लिए वे नई फंडिंग का उपयोग अपने औद्योगिकीकरण और प्रोडक्शन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए करेंगे। इसके साथ ही, वे और अधिक शोध और विकास करेंगे, ताकि उनकी तकनीक और भी प्रभावी हो सके। कंपनी का लक्ष्य है कि वह जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।

वैश्विक विस्तार

एरल्युम का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीक को फैलाना है। वे यूरोप, अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में अपने प्रोडक्ट्स को लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए वे विभिन्न देशों में साझेदारियों और सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं। इस वैश्विक विस्तार से एरल्युम को अधिक बाजार और अवसर प्राप्त होंगे।

निवेशकों का समर्थन

एरल्युम को विभिन्न प्रतिष्ठित निवेशकों का समर्थन प्राप्त है। 360 कैपिटल, HTGF, Norrsken, Bpifrance, और Marble ने कंपनी में निवेश किया है। इन निवेशकों का अनुभव और समर्थन एरल्युम को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। निवेशकों ने कंपनी की तकनीक और उसके भविष्य की संभावनाओं में विश्वास जताया है।

निष्कर्ष

एरल्युम ने अपनी अनूठी तकनीक और नवाचार के साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। स्टीवन बार्डे और सेबास्टियन फीडोरो के नेतृत्व में, कंपनी ने अपनी तकनीक को विकसित करके और औद्योगिकीकरण करके बाजार में अपनी पहचान बनाई है। नई फंडिंग से एरल्युम को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और वह वैश्विक स्तर पर अपने तकनीक को फैला सकेगा। एरल्युम का मिशन है कि वह जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए और एक हरित और स्थायी भविष्य की ओर अग्रसर हो।

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Eruditus : एडटेक यूनिकॉर्न ने $150 मिलियन की सीरीज F फंडिंग जुटाई

Eruditus

एडटेक यूनिकॉर्न एरुडिटस ने हाल ही में $150 मिलियन की सीरीज F फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व टीपीजी के ग्लोबल इम्पैक्ट इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म, The Rise Fund, ने किया, जिसमें मौजूदा निवेशक जैसे सॉफ्टबैंक विजन फंड 2, लीड्स इल्यूमिनेट, एक्सेल, CPP इन्वेस्टमेंट्स, और चान ज़करबर्ग इनिशिएटिव ने भी भाग लिया। यह मुम्बई स्थित कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण फंडिंग राउंड है, जिसने तीन साल के अंतराल के बाद इक्विटी फंडिंग जुटाई है।

कंपनी का परिचय और उद्देश्य

Eruditus एक अग्रणी एडटेक कंपनी है, जो दुनिया भर के 80 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में शॉर्ट कोर्स, डिग्री प्रोग्राम और प्रोफेशनल सर्टिफिकेट्स प्रदान करती है। कंपनी का उद्देश्य उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रासंगिक बनाना है, ताकि छात्र और पेशेवर आधुनिक दुनिया की आवश्यकताओं के अनुसार कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकें। Eruditus अब तक 1 मिलियन से अधिक व्यक्तियों को 80 से अधिक देशों में शिक्षित कर चुका है और इसका संचालन अमेरिका, यूरोप, और एशिया जैसे प्रमुख बाजारों में है।

संस्थापकों का योगदान

एरुडिटस की स्थापना अश्विन डमेरा ने की थी, जो वर्तमान में कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में, कंपनी ने वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार किया और एडटेक उद्योग में एक अग्रणी स्थान प्राप्त किया। अश्विन डमेरा और उनकी टीम ने एडटेक प्लेटफॉर्म को एक वैश्विक मंच पर विकसित करने के लिए कई रणनीतिक साझेदारियां की हैं।

फंडिंग का उद्देश्य

कंपनी इस नई फंडिंग का उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक में निवेश करने, छात्रों के अनुभव को और बेहतर बनाने, और सरकारी और एंटरप्राइज सेवाओं को बढ़ाने के लिए करेगी। इसके अलावा, कंपनी भारत और एशिया पैसिफिक (APAC) क्षेत्रों में अपने निवेश को मजबूत करने की भी योजना बना रही है। एरुडिटस ने यह भी कहा कि वे भविष्य में अधिग्रहण और निवेश की ओर ध्यान देंगे, जो कंपनी की शीर्ष पंक्ति में वृद्धि और रणनीतिक बाजारों में विस्तार के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं।

वित्तीय स्थिति

कंपनी ने अपने हाल के वित्तीय आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन FY23 में एरुडिटस का राजस्व 70.39% बढ़कर Rs 3,343 करोड़ हो गया है। वहीं, कंपनी ने अपने घाटे में भी 66.1% की कमी की है, जो Rs 1,049 करोड़ रहा, जबकि FY22 में यह घाटा Rs 3,094 करोड़ था। इन आंकड़ों से यह साफ है कि कंपनी ने वित्तीय रूप से सुधार किया है और घाटे को नियंत्रित किया है, जिससे उसकी विकास यात्रा में मजबूती आई है।

विस्तार और अधिग्रहण की योजना

एरुडिटस का भविष्य का दृष्टिकोण कंपनी के वैश्विक विस्तार और अधिग्रहण के जरिए रणनीतिक बाजारों में वृद्धि पर केंद्रित है। कंपनी ने पहले भी अधिग्रहण और निवेश के माध्यम से अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है, और आगे भी इसी दिशा में बढ़ने की योजना बना रही है। यह फंडिंग राउंड कंपनी को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा, जिससे वह नए बाजारों में प्रवेश कर सके और अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंच सके।

वैश्विक उपस्थिति

एरुडिटस का मुख्यालय मुंबई में है, लेकिन यह दुनिया भर में फैला हुआ है। इसके कार्यालय न्यूयॉर्क, लंदन, सिंगापुर, शंघाई, पेलो ऑल्टो, और दुबई जैसे महत्वपूर्ण शहरों में हैं। कंपनी के पास वर्तमान में 1,750 से अधिक कर्मचारी हैं, जो वैश्विक स्तर पर काम कर रहे हैं। इस वैश्विक उपस्थिति ने कंपनी को दुनिया भर के छात्रों और विश्वविद्यालयों से जुड़ने में मदद की है।

सीखने का अनुभव और प्रोग्राम

एरुडिटस ने छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा देने के लिए 80 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी की है। इन विश्वविद्यालयों में हार्वर्ड, एमआईटी, कोलंबिया और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं। यह विविध पाठ्यक्रमों और प्रमाणपत्रों के माध्यम से छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए तैयार करता है, जिससे उन्हें अपनी प्रोफेशनल और व्यक्तिगत क्षमताओं को बढ़ाने का मौका मिलता है।

निष्कर्ष

एरुडिटस ने अपनी नवीनतम फंडिंग के साथ वैश्विक एडटेक बाजार में एक मजबूत स्थिति प्राप्त की है। अश्विन डमेरा के नेतृत्व में, कंपनी ने अपनी सेवाओं को लगातार उन्नत किया है और छात्रों को बेहतर अनुभव प्रदान किया है। नए निवेश से एरुडिटस के पास और अधिक विस्तार के अवसर हैं, जो उसे वैश्विक एडटेक उद्योग में एक अग्रणी खिलाड़ी बनाए रखने में मदद करेंगे।

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