🤝 Accel ने प्रमोट किए दो नए पार्टनर

Accel

भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम में सक्रिय वेंचर कैपिटल फर्म Accel ने अपने दो अनुभवी निवेशक—प्रतीक अग्रवाल और रचित पारेख को पार्टनर पद पर प्रमोट करने की घोषणा की है। यह कदम फर्म की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह अनुभवी टैलेंट को नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपकर अपनी ग्रोथ को मजबूत बनाना चाहती है।


🧑‍💼 छह सालों से Accel का हिस्सा हैं दोनों

प्रतीक अग्रवाल और रचित पारेख पिछले छह वर्षों से Accel के साथ जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्होंने न केवल निवेश रणनीति (Investment Strategy) को दिशा दी, बल्कि शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के साथ काम करके फाउंडर एंगेजमेंट और पोर्टफोलियो निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई।

Accel के मुताबिक, यह प्रमोशन उनकी लगातार मेहनत और गहरी समझ का नतीजा है, जिससे फर्म को कई मोर्चों पर फायदा हुआ है।


💼 निवेश रणनीति और फाउंडर्स से मजबूत रिश्ते

प्रतीक और रचित, दोनों ने Accel के लिए स्टार्टअप्स को समझने, फाउंडर्स को गाइड करने और सही समय पर रणनीतिक निवेश करने में अहम भूमिका निभाई है।

इनकी विशेषज्ञता खासकर एर्ली-स्टेज स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट में रही है। यही वो समय होता है जब स्टार्टअप को सबसे ज़्यादा मेंटरशिप और फाइनेंशियल गाइडेंस की जरूरत होती है।


📢 Accel का आधिकारिक ऐलान

Accel ने इस प्रमोशन की जानकारी अपने X (पूर्व में Twitter) अकाउंट के जरिए साझा की। उन्होंने कहा:

“यह प्रमोशन हमारी उस दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप है, जिसमें हम ऐसे अनुभवी निवेशकों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं जो फर्म के मूल्यों और दृष्टिकोण को गहराई से समझते हैं।”

Accel ने यह भी साफ किया कि दोनों नए पार्टनर मौजूदा टीम के साथ मिलकर काम करते रहेंगे और भविष्य के इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज को खोजने में सक्रिय रहेंगे।


🇮🇳 भारत में Accel की मजबूत पकड़

Accel का भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में काफी पुराना और गहरा योगदान रहा है। कंपनी ने अब तक Flipkart, Swiggy, Freshworks जैसी दर्जनों यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में फंडिंग दी है।

इनमें से कई कंपनियां आज ना केवल भारत बल्कि ग्लोबल स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। Accel का मानना है कि शुरुआती दौर में सही स्टार्टअप्स को पहचानना और उन्हें सपोर्ट करना, लॉन्ग टर्म सक्सेस की कुंजी है।


📈 पहले भी कई पार्टनर प्रमोशन कर चुका है Accel

यह पहली बार नहीं है जब Accel ने अपनी टीम में प्रमोशन किया हो। इससे पहले 2019 में, फर्म ने भारत में तीन प्रिंसिपल्स को पार्टनर बनाया था:

  • अभिनव चतुर्वेदी
  • प्रयंक स्वरूप
  • बरथ शंकर

इन प्रमोशन्स से यह साफ होता है कि Accel हमेशा अपनी इन-हाउस टैलेंट ग्रोथ पॉलिसी पर भरोसा करता है। फर्म में प्रतिभा और परफॉर्मेंस को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने की एक मजबूत संस्कृति है।


💰 2024 में लॉन्च हुआ Accel का आठवां फंड

Accel ने इसी साल जनवरी 2024 में अपना आठवां फंड (Accel Fund VIII) लॉन्च किया, जिसकी वैल्यू $650 मिलियन (लगभग ₹5,400 करोड़) है।

यह फंड खासतौर पर भारत और साउथईस्ट एशिया के शुरुआती स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश के लिए रखा गया है। फर्म की योजना है कि वह इस पूंजी का इस्तेमाल नए, इनोवेटिव और स्केलेबल बिजनेस मॉडलों को सपोर्ट करने में करेगी।


🚀 फाउंडर्स को मिलेगा और मज़बूत सपोर्ट

प्रतीक और रचित की प्रमोशन से उन स्टार्टअप फाउंडर्स को काफी फायदा मिलने वाला है जो Accel के साथ जुड़े हुए हैं या भविष्य में जुड़ना चाहते हैं।

दोनों पार्टनर्स ने पहले भी फाउंडर्स को स्ट्रैटेजी, स्केलिंग, प्रोडक्ट डेवेलपमेंट और ग्रोथ में मदद की है। अब पार्टनर की भूमिका में, उनकी भागीदारी और भी निर्णायक होगी।


📝 निष्कर्ष: नेतृत्व की नई परत के साथ Accel तैयार भविष्य के लिए

Accel का यह निर्णय एक बार फिर यह साबित करता है कि फर्म ना केवल बाहर के स्टार्टअप्स में निवेश करती है, बल्कि अपनी टीम में भी निवेश करने में यकीन रखती है

प्रतीक अग्रवाल और रचित पारेख जैसे पेशेवरों को लीडरशिप में लाकर, Accel ने यह सुनिश्चित किया है कि आने वाले सालों में वह और अधिक स्टार्टअप्स को स्मार्ट फंडिंग और सही मार्गदर्शन देने में सक्षम हो सकेगी।

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💼💰 A91 Partners ने $665 मिलियन के तीसरे फंड का किया फाइनल क्लोज! 🇮🇳📈

A91 Partners

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और बड़ी खबर! मुंबई स्थित वेंचर कैपिटल फर्म A91 partners ने अपने तीसरे फंड का फाइनल क्लोज $665 मिलियन (लगभग ₹5,550 करोड़) पर किया है। इस फंड के माध्यम से कंपनी ग्रोथ-स्टेज बिज़नेस को सपोर्ट करेगी और भारतीय उद्यमियों को स्केल और स्ट्रैटेजिक कैपिटल प्रदान करेगी।​


👥 A91 partners की शुरुआत और मिशन

A91 partners की स्थापना 2018 में पूर्व Peak XV (पहले Sequoia Capital India) के पार्टनर्स गौतम मगो, अभय पांडे, कौशिक आनंद और वीटी भारद्वाज ने की थी। कंपनी का उद्देश्य भारतीय उद्यमियों को दीर्घकालिक व्यवसाय बनाने में सहायता करना है। A91 Partners कंज़्यूमर, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज़ और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश करती है।​


📊 फंड III की विशेषताएं

  • फंड साइज: $665 मिलियन
  • निवेश का फोकस: कंज़्यूमर, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज़, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स
  • प्रत्येक निवेश का आकार: $10 मिलियन से $50 मिलियन
  • लक्षित कंपनियों की संख्या: लगभग 15​Viestories+9Entrackr+9Inc42 Media+9

🌐 IFC का निवेश प्रस्ताव

इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC), जो वर्ल्ड बैंक ग्रुप का हिस्सा है, ने A91 Partners के तीसरे फंड में $35 मिलियन तक के इक्विटी निवेश पर विचार किया है, साथ ही $30 मिलियन तक के को-इन्वेस्टमेंट की संभावना भी जताई है। ​


🏢 पोर्टफोलियो में शामिल प्रमुख कंपनियां

A91 Partners ने कई प्रमुख भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश किया है, जिनमें शामिल हैं:​

  • Digit Insurance
  • Sugar Cosmetics
  • Atomberg Technologies
  • Blue Tokai Coffee Roasters
  • HealthKart
  • Paper Boat
  • Plum
  • Exotel

इनमें से Go Digit General Insurance ने पिछले साल पब्लिक लिस्टिंग भी की थी।​


🗣️ A91 Partners का दृष्टिकोण

A91 Partners का मानना है कि “पेशेंस कैपिटल” भारतीय व्यवसायों में वैल्यू क्रिएशन को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कंपनी का उद्देश्य विश्वस्तरीय भारतीय निवेश फर्म बनना है, जो ऐसे फाउंडर्स का समर्थन करे जो भारत से बड़े और स्थायी व्यवसाय बनाना चाहते हैं।​


📈 भविष्य की योजनाएं

A91 Partners का लक्ष्य है कि वे अपने निवेश के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करें। कंपनी भविष्य में और अधिक स्टार्टअप्स में निवेश करने, तकनीकी साझेदारियों का विस्तार करने और भारतीय उद्यमियों को दीर्घकालिक सफलता के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने की योजना बना रही है।​


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KRAFTON

भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर उत्साह चरम पर है — और इस बार कमान संभाली है PUBG फेम KRAFTON ने! 🎯

KRAFTON India Gaming Incubator (KIGI) के दूसरे बैच में अब 6 नए स्टूडियोज को शामिल किया गया है, जो भारत के अलग-अलग कोनों से नए गेमिंग टैलेंट को सामने लाएंगे। पहले बैच में सिर्फ 4 स्टूडियो थे, लेकिन अब क्राफ्टन ने गियर बढ़ा दिया है! 🚀


🌍 KRAFTON कहां-कहां से आए हैं नए गेमिंग स्टूडियो?

स्टूडियो का नामशहर
Kleanup Gamesमुंबई
Singular Schemeमुंबई
Advaita Interactiveकोलकाता
Smash Head Studioबेंगलुरु
Unwind Gamesहैदराबाद
Ginger Gamesनई दिल्ली

👉 अब KIGI का दायरा कोलकाता और मदुरै जैसे नए गेमिंग हब तक पहुंच चुका है!


💰 क्या मिलेगा स्टार्टअप्स को?

हर चयनित KRAFTON स्टूडियो को मिलेगा:

  • 💸 $150,000 (₹1.25 करोड़ तक) की फंडिंग सपोर्ट
  • 🎓 6 से 12 महीने की मेंटरशिप
  • 🧠 इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के साथ कोचिंग
  • 🌐 गेम डेवलेपमेंट के लिए टेक्निकल टूल्स

🤝 किससे हुई साझेदारी? Tech की टॉप ब्रांड्स मैदान में!

KIGI ने कुछ बेहतरीन टेक पार्टनर्स को onboard किया है:

  • ☁️ AWS – क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए
  • 🧩 AccelByte – गेम्स में फीचर्स इंटीग्रेशन में मदद
  • 📊 App Magic और GameRefinery – मार्केट इनसाइट्स और डिजाइन ऑप्टिमाइज़ेशन के लिए

🧠 कौन से गेम्स बन रहे हैं?

🎮 इस बार का बैच पहले से ज्यादा इनोवेटिव है!
कोलकाता का एक स्टूडियो AI का इस्तेमाल कर मर्डर मिस्ट्री सॉल्विंग डिटेक्टिव गेम बना रहा है।
इसके अलावा इस बार एक PC गेम भी डेवेलप हो रहा है – यानी गेमिंग का स्कोप और भी बड़ा! 💻🕵️‍♂️


📜 KIGI क्या है?

KIGI को 2023 में लॉन्च किया गया था KRAFTON (South Korea) द्वारा – वही कंपनी जिसने PUBG, Subnautica जैसे गेम्स बनाए।

इसका मकसद:
🇮🇳 भारतीय गेम डेवलेपर्स को ग्लोबल स्टेज पर लाना
🎯 इंडी स्टूडियोज को मेंटरशिप, फंडिंग और नेटवर्किंग सपोर्ट देना
📈 भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को एक्सेलरेट करना

🇮🇳 भारत में क्राफ्टन की प्रतिबद्धता

क्राफ्टन ने 2021 से अब तक भारतीय स्टार्टअप्स में $200 मिलियन से अधिक का निवेश किया है। कंपनी का उद्देश्य भारत में गेम डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करना और स्थानीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर लाना है। KIGI कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा।


💸 भारत में KRAFTON का अब तक का निवेश

📍 $200 मिलियन+ का निवेश कर चुकी है KRAFTON भारत के स्टार्टअप्स में
📌 सपोर्ट किया है गेमिंग, ईस्पोर्ट्स और कंटेंट प्लेयर्स को
🔥 भारत में गेमिंग और क्रिकेट की दीवानगी को देखते हुए, यह कदम उनके पोर्टफोलियो को और स्ट्रॉन्ग बनाता है


🕹️ क्या कहता है FundingRaised?

KRAFTON का यह कदम भारत के गेमिंग इकोसिस्टम को रिचार्ज करने वाला है।
अब युवा डेवलेपर्स, छोटे शहरों से भी, ग्लोबल लेवल के गेम्स बना सकेंगे — और वो भी KRAFTON जैसे दिग्गज के सपोर्ट से! 💪🎮


📌 Quick Recap

  • ✅ KIGI का दूसरा बैच हुआ लॉन्च
  • ✅ 6 नए गेमिंग स्टूडियो को मिला मौका
  • ✅ हर स्टूडियो को मिलेंगे ₹1.25 करोड़ और 12 महीने की मेंटरशिप
  • ✅ AI और PC गेम्स बन रहे हैं इस बैच में
  • ✅ KRAFTON का $200M+ निवेश भारत में गेमिंग क्रांति का संकेत

📈 भविष्य की योजनाएँ

KIGI कार्यक्रम के माध्यम से क्राफ्टन का लक्ष्य भारत में गेमिंग उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है। कंपनी भविष्य में और अधिक स्टूडियो को शामिल करने, तकनीकी साझेदारियों का विस्तार करने और भारतीय गेम डेवलपर्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की योजना बना रही है।

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🚀 इस हफ्ते स्टार्टअप्स ने उड़ान भरी धीमी रफ्तार से: फंडिंग घटी 65% लेकिन कहानियाँ फिर भी जोशीली रहीं!

Indian Startups weekly funding report

भारत के इस हफ्ते स्टार्टअप इकोसिस्टम में इस हफ्ते कुछ हलचल तो रही, लेकिन इंवेस्टर्स ने इस बार थोड़ी brake लगा दी।
25 स्टार्टअप्स ने मिलकर $62.67 मिलियन (~₹520 करोड़) जुटाए, जो पिछले हफ्ते के $181.21 मिलियन के मुकाबले लगभग 65% की गिरावट दर्शाता है।


💰 ग्रोथ स्टेज: तीन बड़ी डील्स लेकिन दमदार

🛒 OfBusiness – ₹100 Cr | Pre-IPO राउंड

B2B e-commerce यूनिकॉर्न ने अपने IPO से पहले फंडिंग का आगाज़ कर दिया है। तैयारी ज़ोरों पर है!

🚁 Garuda Aerospace – ₹100 Cr | Series B

ड्रोन से देश बदलने की सोच रखने वाला Garuda, अब Series B में उड़ान भर रहा है। Venture Catalysts ने भरोसा दिखाया।

🛰️ Optimized Electrotech – ₹50 Cr | DeepTech Defense

AI surveillance और सैन्य तकनीक में काम करने वाली इस फर्म को मिला ₹25 Cr सरकारी ग्रांट और बाकी प्राइवेट निवेश।


🌱 Early-Stage स्टार्टअप्स ने भी दिखाया जलवा

इस हफ्ते 18 अर्ली-स्टेज डील्स में $33.37 मिलियन का निवेश हुआ।

🔥 Top डील्स में शामिल:

  • 💻 Magma (SaaS) – $5M Series A
  • 🧠 Risa Labs (HealthTech-AI) – Oncology care के लिए AI-पावर्ड प्लैटफॉर्म
  • 💍 Jewelbox – डिज़ाइनर ज्वेलरी का नया नाम
  • Nothing Before Coffee – QSR स्पेस में अब सिर्फ चाय नहीं, कॉफी का जलवा
  • IPEC – EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में अपनी पहचान बना रहा है

🧳 Uppercase ने Accel से $9M जुटाए (valuation: $60M) और FY25 में ₹150 Cr का टारगेट रखा है।

🎮 JetSynthesys, 🍷 Orchre Spirits, और ⚽ SportSkill ने भी फंडिंग पाई लेकिन रकम का खुलासा नहीं हुआ।


🏙️ शहरों की रेस: पुणे रहा सबसे आगे

  • 🏆 Pune – 5 डील्स
  • 🏙️ Delhi-NCR, चेन्नई और बेंगलुरु – नज़दीकी रेस में
  • 📦 सेक्टर के लिहाज से:
    • 🛍️ E-commerce – 5 डील्स
    • 🧬 HealthTech – 4 डील्स
    • 🍲 FoodTech – 3 डील्स
    • 🚁 Dronetech, 🏢 PropTech, 🖥️ SaaS – बाकी

🪜 Funding स्टेज की गिनती 📈

  • 🐣 Seed Round – 10 डील्स
  • 🚼 Pre-Series A – 4 डील्स
  • 🍼 Series A – 2 डील्स
  • 🧒 Series B – 3 डील्स

🔁 हफ्ते की उठापटक: हायरिंग, इस्तीफे और बदलाव

👨‍💼 Cashfree Payments ने Piyush Anchliya को CFO बनाया
📊 Moglix के नए CFO बने Sanjeev Arora
🥛 Milky Mist में शामिल हुए दो इंडिपेंडेंट डायरेक्टर
👨‍💻 Unicommerce के CTO Bhupinder Garg ने इस्तीफा दिया
📈 Lendingkart को मिला नया CEO – Prashant Joshi


🤝 M&A डील्स

  • 🏦 BANKIT Services का अधिग्रहण किया Findi Ltd ने ₹160 Cr में
  • 📢 CleverTap ने Y Combinator-बैक्ड rehook.ai को खरीदा

⚠️ Layoffs का दौर जारी

  • Zopper – 100+ कर्मचारियों को निकाला
  • Gupshup – 200 कर्मचारियों की छंटनी
    (पिछले साल दिसंबर में भी 300 कर्मचारियों की कटौती)

🧪 न्यू लॉन्च और साझेदारियाँ

  • 🤝 Tyger Capital x Credgenics
  • 🚚 Zippee की 60 मिनट डिलीवरी
  • 🧠 Tulu Health ने AI patient care प्लेटफॉर्म लॉन्च किया
  • 💸 Equirus Wealth का नया wealth-tech प्लान
  • 🌍 upGrad की MENA रीजन में Seed Group के साथ बड़ी साझेदारी

🔮 क्या आने वाला है?

  • 🧢 Sachin Tendulkar और अन्य मिलकर Rayzon Solar में $18M लगाएंगे
  • 🏦 Phi Commerce की Series B जल्द $150M वैल्यूएशन पर
  • 🏏 Dream11 की पैरेंट कंपनी, Cricbuzz में $50M लगाएगी
  • 🍽️ Wow! Momo को मिली ₹150 Cr की ब्रिज फंडिंग, Haldiram & Khazanah से

💹 इस हफ्ते के तगड़े नतीजे

  • 🛋️ D’Decor – ₹800 Cr रेवेन्यू | 20% प्रॉफिट ग्रोथ
  • 📚 Collegedunia – ₹200 Cr रेवेन्यू | IPO प्लान चालू
  • 🐶 Just Dogs – ₹94 Cr रेवेन्यू | ₹11 Cr घाटा
  • 🛵 Okinawa – FY24 में 87% रेवेन्यू ड्रॉप | ₹182 Cr पर अटका

📰 फंडिंग से हटकर बड़ी खबरें

  • 💸 PhonePe और Razorpay ने खुद को पब्लिक लिमिटेड में बदला – IPO की तैयारी
  • BluSmart ने Delhi-NCR में सेवाएं रोकीं
  • ⚖️ Medikabazaar के CEO को धोखाधड़ी के चलते निकाला गया
  • 💼 PB Pay (PolicyBazaar) को RBI से पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस मिला

📦 निष्कर्ष: पैसा थोड़ा कम, एक्शन ज्यादा

जहाँ फंडिंग की स्पीड घटी है, वहीं डील्स, बदलाव और प्लान्स की गर्मी बरकरार है।
अब देखना ये है कि आने वाले हफ्तों में ये ट्रेंड ऊपर जाता है या बाजार फिर से सोचने पर मजबूर करता है।


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💼 Cashfree Payments ने नियुक्त किया नया CFO,

Cashfree Payments

भारत के अग्रणी फिनटेक स्टार्टअप्स में शामिल Cashfree Payments ने अपने वरिष्ठ नेतृत्व में बड़ा बदलाव करते हुए Piyush Anchliya को नया मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब कंपनी अपने वित्तीय प्लेटफॉर्म को और अधिक सशक्त बनाने और बड़े पैमाने पर ट्रांजैक्शन हैंडलिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है।


👨‍💼 कौन हैं Piyush Anchliya?

Piyush Anchliya एक अनुभवी फाइनेंस प्रोफेशनल हैं, जो वित्तीय रणनीति और निवेश प्रबंधन में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखते हैं। उन्होंने इससे पहले Bandhan Asset Management Company (पूर्व में IDFC AMC) में CFO के रूप में काम किया है।

उनके अन्य प्रमुख अनुभव:

  • Barclays Investment Bank, न्यूयॉर्क
  • Lehman Brothers, लंदन

अब वह Cashfree के सह-संस्थापक आकश सिन्हा को रिपोर्ट करेंगे और कंपनी की समग्र वित्तीय योजना और परिचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे।


🔄 CFO परिवर्तन: विदाई Vikas Guru को

Anchliya ने Vikas Guru का स्थान लिया है, जिन्होंने पिछले चार वर्षों तक Cashfree में CFO की भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में कंपनी ने महत्वपूर्ण नियामकीय स्वीकृतियां और मजबूत वित्तीय वृद्धि हासिल की।


💰 Cashfree Payments की फंडिंग और विस्तार की दिशा

हाल ही में Cashfree Payments ने $53 मिलियन (लगभग ₹440 करोड़) की फंडिंग जुटाई थी, जिसका नेतृत्व Krafton और Apis Partners ने किया था। यह फंडिंग कंपनी की विकास योजनाओं और नए प्रोडक्ट्स के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।


📊 Cashfree का परिचालन और कारोबार

  • कंपनी का दावा है कि वह सालाना $80 बिलियन (₹6.6 लाख करोड़ से अधिक) के ट्रांजैक्शंस प्रोसेस करती है।
  • यह सेवा भारत के 8 लाख से अधिक बिजनेसों को उपलब्ध कराती है।
  • इसके ग्राहकों में ईकॉमर्स कंपनियां, NBFCs, एजुकेशन प्लेटफॉर्म्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियां शामिल हैं।

🏦 RBI की मंजूरी: पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में बड़ा कदम

दिसंबर 2023 में, Cashfree को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में संचालन की मंजूरी मिली थी। अब यह कंपनी:

  • डोमेस्टिक और
  • क्रॉस-बॉर्डर दोनों तरह के पेमेंट प्रोसेस कर सकती है।

साथ ही, Cashfree को Prepaid Payment Instruments (PPI) जैसे मोबाइल वॉलेट जारी करने का भी लाइसेंस मिला है।


🔍 कंपनी का रणनीतिक फोकस: टेक्नोलॉजी और स्केलेबिलिटी

CFO की भूमिका में Anchliya के आने के बाद Cashfree की रणनीति होगी:

  • ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग स्केल को और मज़बूत करना
  • नई वित्तीय सेवाओं और प्रोडक्ट्स को लॉन्च करना
  • रिस्क मैनेजमेंट और रेगुलेटरी अनुपालन को ऑप्टिमाइज़ करना
  • सस्टेनेबल फाइनेंशियल प्लानिंग को अपनाना

🌐 भारतीय फिनटेक इकोसिस्टम में Cashfree की भूमिका

Cashfree आज भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते फिनटेक पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म्स में से एक है। इसकी सेवाएं निम्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं:

  • पेआउट सॉल्यूशंस
  • इंस्टैंट रिफंड सिस्टम
  • सब्सक्रिप्शन बिलिंग
  • एपीआई-बेस्ड पेमेंट गेटवे
  • ऑटोमेटेड वेंडर पेमेंट्स

इसके प्रतिस्पर्धी Razorpay, PayU, Instamojo और Juspay जैसे प्लेटफॉर्म्स हैं, लेकिन Cashfree ने सरल इंटरफेस, तेजी से सेवा और व्यापक API इंटीग्रेशन के माध्यम से अपना एक अलग स्थान बना लिया है।


🗣️ संस्थापकों की प्रतिक्रिया

सह-संस्थापक और CEO आकश सिन्हा ने कहा:

“हमारे लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है। Piyush के पास फाइनेंशियल ऑपरेशंस, स्ट्रैटेजी और फंडरेजिंग का समृद्ध अनुभव है, जो हमें अगली विकास यात्रा के लिए तैयार करेगा।”


📌 निष्कर्ष

Piyush Anchliya की CFO के रूप में नियुक्ति दर्शाती है कि Cashfree अपने नेतृत्व ढांचे को मजबूत कर, आगे की वित्तीय और तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। पेमेंट्स, फिनटेक इंफ्रास्ट्रक्चर और रेगुलेटरी अनुपालन जैसे क्षेत्रों में अब Cashfree का भविष्य और भी स्पष्ट और सशक्त दिख रहा है। रणनीतिक कदम है जो Cashfree को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में प्रेरित करेगा।


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Eruditus ने FY24 में ₹3,733 करोड़ का राजस्व पार किया,

Eruditus

मुंबई: ग्लोबल एडटेक कंपनी Eruditus ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 12% सालाना वृद्धि के साथ ₹3,733 करोड़ ($448 मिलियन) का परिचालन राजस्व पार कर लिया। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को 83% तक कम करने में सफलता हासिल की।

👉 Eruditus का वित्तीय वर्ष जुलाई से जून तक चलता है, जिससे यह अन्य एडटेक कंपनियों से अलग वित्तीय रिपोर्टिंग करता है।

🚀 इस प्रदर्शन के साथ Eruditus भारतीय एडटेक कंपनियों के मुकाबले कहीं आगे नजर आ रहा है।


📊 Eruditus बनाम अन्य एडटेक कंपनियां

Eruditus का FY24 में राजस्व 👉 ₹3,733 करोड़
PhysicsWallah का FY24 राजस्व 👉 ₹2,015 करोड़
upGrad का FY24 राजस्व 👉 ₹1,487 करोड़

📢 Eruditus का राजस्व PhysicsWallah से 1.8 गुना और upGrad से दोगुना से भी अधिक है।

📌 इससे साफ है कि Eruditus वैश्विक स्तर पर भारतीय एडटेक कंपनियों की तुलना में कहीं बड़ा और मजबूत खिलाड़ी बनकर उभर रहा है।


🌍 80+ देशों में फैला ग्लोबल नेटवर्क

Eruditus की शिक्षा सेवाएं 80 से अधिक देशों में फैली हुई हैं, और कंपनी के 80 से ज्यादा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी है।

🎓 प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ Eruditus की साझेदारी:
अमेरिका
यूरोप
लैटिन अमेरिका
दक्षिण पूर्व एशिया
भारत
चीन

📢 हालांकि, कंपनी ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उसकी किस भौगोलिक क्षेत्र से कितनी कमाई हुई है।


📈 वित्तीय प्रदर्शन और लागत नियंत्रण

💰 राजस्व वृद्धि 👉 12% बढ़कर ₹3,733 करोड़ हुआ
📉 घाटे में कमी 👉 83% घटकर ₹69 करोड़ ($8.3 मिलियन) रह गया
📊 समायोजित EBITDA घाटा 👉 ₹417 करोड़ से ₹69 करोड़ तक गिरा

💸 लागत में कटौती से Eruditus को बड़ा फायदा मिला:
📉 मार्केटिंग खर्च 18.85% घटकर ₹1,007 करोड़ हुआ
📉 अन्य परिचालन खर्च 32.16% घटकर ₹1,045 करोड़ हुआ

👉 इस लागत सुधार ने कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है और मुनाफे की ओर बढ़ने में मदद की है।


💰 निवेश और पूंजी विस्तार

🚀 Eruditus को निवेशकों का जबरदस्त समर्थन प्राप्त है:
📌 TPG
📌 Chan Zuckerberg Initiative
📌 SoftBank Vision Fund 2
📌 Prosus Ventures
📌 Accel
📌 Peak XV Partners

📢 अक्टूबर 2024 में, Eruditus ने $150 मिलियन का निवेश जुटाया था।
👉 यह PhysicsWallah के $210 मिलियन के निवेश के बाद साल का दूसरा सबसे बड़ा एडटेक निवेश था।

📌 इन फंडिंग राउंड्स ने कंपनी को अपने बाजार विस्तार और नए सेगमेंट में प्रवेश करने का अवसर दिया है।


💡 FY25 में Eruditus की रणनीति

📌 FY25 के लिए कंपनी के पास ₹800 करोड़ ($96 मिलियन) का डिफर्ड रेवेन्यू (Deferred Revenue) है।
📌 यह संकेत देता है कि आने वाले साल में Eruditus का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है।
📌 कंपनी का लक्ष्य FY25 में मुनाफा कमाने की दिशा में आगे बढ़ना है।

👉 Eruditus अपनी ब्रांड वैल्यू को और मजबूत करने के लिए मार्केटिंग खर्च को कम करते हुए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट पर फोकस करेगा।

🚀 शिक्षा क्षेत्र में अच्छी ब्रांड्स समय के साथ और बेहतर होती हैं, और Eruditus इसी राह पर आगे बढ़ रहा है।


📢 निष्कर्ष: क्या Eruditus भारत की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बनने की ओर है?

📈 Eruditus का FY24 का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है:
₹3,733 करोड़ का राजस्व पार
83% तक घाटे में कमी
वैश्विक स्तर पर मजबूत उपस्थिति

👉 PhysicsWallah और upGrad जैसे प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलते हुए, Eruditus ने यह दिखा दिया कि वह भारतीय एडटेक सेक्टर में अग्रणी बन सकता है।

🚀 यदि कंपनी लागत प्रबंधन और रणनीतिक निवेश जारी रखती है, तो यह जल्द ही भारत की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बन सकती है।

📌 अब सबकी नजर इस पर है कि क्या Eruditus FY25 में मुनाफा कमाने में सफल होगा?

⚡ आपकी क्या राय है? क्या Eruditus एडटेक सेक्टर का अगला बड़ा लीडर बन सकता है? हमें कमेंट में बताएं! 🚀

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HRTech स्टार्टअप ZingHR की जबरदस्त ग्रोथ,

ZingHR

मुंबई स्थित क्लाउड-आधारित HRTech स्टार्टअप ZingHR ने बीते वित्तीय वर्ष में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का परिचालन से राजस्व 47% की बढ़ोतरी के साथ 124 करोड़ रुपये को पार कर गया। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को दो-तिहाई तक कम कर लिया है।

आइए विस्तार से समझते हैं कि ZingHR ने कैसे अपनी फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को बेहतर किया।


FY24 में ZingHR का प्रदर्शन

ZingHR का राजस्व FY23 में 84 करोड़ रुपये था, जो FY24 में बढ़कर 124 करोड़ रुपये हो गया। इस 47% ग्रोथ का मुख्य कारण कंपनी की सेवाओं की बढ़ती मांग और नए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि रही।

कंपनी BFSI, रिटेल, IT और अन्य सेक्टर्स में स्टाफिंग और टैलेंट एक्विजिशन सेवाएं देती है। इसके अलावा, ZingHR का मुख्य रेवेन्यू सोर्स सब्सक्रिप्शन-बेस्ड सॉफ्टवेयर सेवाओं की बिक्री से आता है।


सबसे ज्यादा खर्च कर्मचारी वेतन पर

किसी भी HRTech प्लेटफॉर्म की तरह, ZingHR का सबसे बड़ा खर्चा कर्मचारियों का वेतन और लाभ (Employee Benefits) ही रहा।

  • FY24 में कंपनी ने इस मद में कुल 81 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले साल की तुलना में 37% अधिक है (FY23 में यह खर्च 59 करोड़ रुपये था)।
  • कुल खर्चों में कर्मचारियों की सैलरी का योगदान 61% रहा।

इसके अलावा, कंपनी ने अन्य मदों में भी खर्च बढ़ाया:

  • सर्वर और डेटा सिक्योरिटी पर खर्च 71% बढ़कर 12 करोड़ रुपये हो गया।
  • प्रोडक्ट मेंटेनेंस पर खर्च 50% की बढ़ोतरी के साथ 9 करोड़ रुपये हो गया।
  • हालांकि, प्रोफेशनल फीस और अन्य खर्चों में हल्की गिरावट देखने को मिली।

कुल मिलाकर, ZingHR का कुल खर्च 24% बढ़कर 133 करोड़ रुपये हो गया।


ZingHR ने दो-तिहाई घाटा कम किया

बढ़ते खर्चों के बावजूद, ZingHR ने अपने घाटे को 67% कम कर लिया है

  • FY23 में कंपनी का कुल घाटा 21 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर सिर्फ 7 करोड़ रुपये रह गया।
  • यह सुधार कंपनी की बेहतर लागत-प्रबंधन रणनीति और बढ़ते राजस्व की वजह से हुआ है।

कंपनी का ROCE (Return on Capital Employed) -24.69% और EBITDA मार्जिन -5.52% दर्ज किया गया।


प्रत्येक 1 रुपये की कमाई के लिए खर्च किए 1.07 रुपये

वित्तीय वर्ष 2024 में, ZingHR ने प्रत्येक 1 रुपये के ऑपरेटिंग रेवेन्यू के लिए 1.07 रुपये खर्च किए। हालांकि, यह घाटे को दर्शाता है, लेकिन इसमें पिछले साल की तुलना में सुधार हुआ है।


कैश और एसेट्स का मजबूत पोर्टफोलियो

ZingHR ने FY24 में 56 करोड़ रुपये के करंट एसेट्स दर्ज किए, जिनमें 12 करोड़ रुपये कैश और बैंक बैलेंस के रूप में थे।


ZingHR की भविष्य की योजनाएं

ZingHR अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए कई नई रणनीतियों पर काम कर रही है। कंपनी की योजना है कि वह:

  1. HRTech में नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाएगी ताकि कंपनियों को और अधिक एडवांस्ड सॉल्यूशंस मिल सकें।
  2. AI और ऑटोमेशन जैसी तकनीकों के जरिए टैलेंट हायरिंग को आसान बनाएगी।
  3. नए ग्राहकों को जोड़ने और सब्सक्रिप्शन-बेस्ड रेवेन्यू मॉडल को मजबूत करने पर ध्यान देगी।

निष्कर्ष: ZingHR की ग्रोथ जारी, प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ रहा है स्टार्टअप

ZingHR ने FY24 में शानदार प्रदर्शन किया है, जहां कंपनी ने अपने राजस्व में 47% की बढ़ोतरी की और घाटे को 67% कम किया

हालांकि, कंपनी को अभी भी ऑपरेटिंग प्रोफिट तक पहुंचने के लिए और सुधार करने होंगे। लेकिन जिस गति से ZingHR आगे बढ़ रही है, यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्षों में कंपनी एक सस्टेनेबल और प्रॉफिटेबल HRTech स्टार्टअप बनने की ओर अग्रसर है। 🚀

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Glance ने Stride Ventures से ₹200 करोड़ का कर्ज जुटाया,

Glance

मोबाइल-फर्स्ट कंटेंट प्लेटफॉर्म Glance ने अपनी पहली डेट फंडिंग हासिल की है। कंपनी ने Stride Ventures से ₹200 करोड़ (लगभग $23 मिलियन) का कर्ज जुटाया है। यह फंडिंग कंपनी के लिए तीन साल बाद पहली पूंजी निवेश है। इससे पहले, फरवरी 2022 में, Jio Platforms से मिले $200 मिलियन के सीरीज D राउंड के बाद कंपनी को कोई नई फंडिंग नहीं मिली थी।


Glance कर्ज जुटाने की प्रक्रिया

📌 Glance के बोर्ड ने Stride Ventures को 20,000 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) जारी करने की मंजूरी दी है।
📌 प्रत्येक डिबेंचर की कीमत ₹1,00,000 तय की गई है, जिससे कुल ₹200 करोड़ जुटाए जाएंगे।
📌 Registrar of Companies (RoC) के पास दायर रेगुलेटरी फाइलिंग से यह जानकारी सामने आई है।

📊 इस फंडिंग का उपयोग Glance अपनी ग्रोथ, विस्तार और सामान्य कॉर्पोरेट गतिविधियों के लिए करेगा।


Glance: मोबाइल-फर्स्ट कंटेंट प्लेटफॉर्म

Glance एक मोबाइल-फर्स्ट कंटेंट प्लेटफॉर्म है, जो स्मार्टफोन लॉक स्क्रीन पर डायरेक्ट कंटेंट और विज्ञापन उपलब्ध कराता है।

🔹 Glance Lock Screen: उपयोगकर्ता को मोबाइल लॉक स्क्रीन पर समाचार, मूवी, स्पोर्ट्स, यात्रा, गेम्स और अन्य आकर्षक कंटेंट दिखाया जाता है।
🔹 Home Screen फीचर: उपयोगकर्ता अपने डिवाइस की होम स्क्रीन को व्यक्तिगत पसंद के अनुसार कस्टमाइज़ कर सकते हैं।

📊 Glance की यह खासियत इसे अन्य कंटेंट प्लेटफॉर्म्स से अलग बनाती है और विज्ञापनदाताओं के लिए एक अनोखा अवसर प्रदान करती है।


Glance के प्रमुख निवेशक और अब तक जुटाई गई फंडिंग

Startup डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म TheKredible के अनुसार, Glance ने अब तक कुल $390 मिलियन की इक्विटी फंडिंग जुटाई है।

इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

Reliance-स्वामित्व वाली Jio Platforms
Google
Mithril Capital

📌 दिसंबर 2020 में, Glance ने Google और US-आधारित वेंचर कैपिटल फर्म Mithril से $145 मिलियन जुटाकर यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त किया था।
📌 कंपनी 2023 में Google के नेतृत्व में $250 मिलियन जुटाने की योजना बना रही थी, लेकिन सौदा आगे नहीं बढ़ पाया।

💰 Glance की पेरेंट कंपनी InMobi ने भी 2023 में MARS Growth Capital (MUFG और Liquidity Group का जॉइंट वेंचर) से $100 मिलियन की डेट फंडिंग जुटाई थी।


Glance की वित्तीय स्थिति और FY24 परफॉर्मेंस

📈 Glance ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में ₹600 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 90% अधिक था।
हालांकि, कंपनी को ₹929 करोड़ का भारी नुकसान हुआ।

📉 FY24 में बढ़े हुए खर्च और ऑपरेशनल कॉस्ट्स के कारण कंपनी को घाटा सहना पड़ा।

📌 Glance को अपनी फाइनेंशियल स्थिति सुधारने के लिए फंडिंग की जरूरत थी, और यही कारण है कि कंपनी ने पहली बार डेट फाइनेंसिंग का रास्ता अपनाया।


Glance का भविष्य और नई फंडिंग का प्रभाव

🚀 Glance अपनी नई फंडिंग का उपयोग किन क्षेत्रों में करेगा?

1️⃣ ग्रोथ और विस्तार – कंपनी अपनी सेवाओं का विस्तार और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए इस पूंजी का उपयोग करेगी।
2️⃣ तकनीकी उन्नति – कंटेंट डिलीवरी, यूजर एक्सपीरियंस और पर्सनलाइज़ेशन को बेहतर बनाने के लिए निवेश होगा।
3️⃣ नई साझेदारियाँ और विज्ञापन रणनीति – अधिक विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए कंपनी नई साझेदारियाँ कर सकती है।

📌 कंपनी की रणनीति मोबाइल विज्ञापन और AI-ड्रिवन कंटेंट पर्सनलाइज़ेशन को बेहतर बनाने की है, ताकि अधिक यूजर्स को जोड़ा जा सके और रेवेन्यू बढ़ाया जा सके।


क्या Glance बाजार में मजबूत स्थिति बनाए रख पाएगा?

🔹 Glance भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए लगातार नए फीचर्स और बिजनेस मॉडल पर काम कर रहा है।
🔹 हालांकि, भारी घाटे के चलते कंपनी को अपने लागत प्रबंधन और रेवेन्यू जनरेशन रणनीति पर ध्यान देना होगा।
🔹 डेट फंडिंग से कंपनी को अस्थायी राहत मिलेगी, लेकिन दीर्घकालिक लाभ के लिए मुनाफे पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी होगा।

📊 क्या Glance इस नई फंडिंग के जरिए अपने वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर बना पाएगा? यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा! 🚀

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Flipkart Super.money ने BharatX का अधिग्रहण किया,

Flipkart

भारत में डिजिटल भुगतान और UPI आधारित क्रेडिट सेवाओं को और मजबूत करने के उद्देश्य से Flipkart Super.money ने फिनटेक स्टार्टअप BharatX का अधिग्रहण किया है

📌 यह अधिग्रहण विशेष रूप से “चेकआउट फाइनेंसिंग” सेगमेंट को मजबूत करने के लिए किया गया है
📌 हालांकि, इस डील के वित्तीय विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं
📌 BharatX की कोर टीम अब Super.money के साथ मिलकर काम करेगी और UPI पर क्रेडिट ऑफरिंग्स को स्केल करने में मदद करेगी

💡 इस अधिग्रहण के साथ, Super.money का लक्ष्य सरल, फ्लेक्सिबल और पेपरलेस क्रेडिट सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाना है।


Super.money और BharatX के एकीकरण से UPI क्रेडिट को नया आयाम

Super.money ने कहा कि इस अधिग्रहण के तहत उन्होंने BharatX की टेक्नोलॉजी, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP), और पूरी टीम को शामिल किया है

📌 हालांकि, BharatX फिलहाल अपने मौजूदा लोन साइकल्स को पूरा करने के लिए ऑपरेट करेगा, जिसके बाद इसे बंद कर दिया जाएगा
📌 इस अधिग्रहण के बाद Super.money की क्रेडिट ऑफरिंग्स और मजबूत होंगी, जिससे UPI पर आसान फाइनेंसिंग का फायदा यूजर्स को मिलेगा

💡 यह अधिग्रहण भारत में डिजिटल पेमेंट और UPI इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, खासकर क्रेडिट और इंस्टेंट लोन सेक्टर में।


Super.money: Flipkart समर्थित UPI सुपर ऐप

Super.money एक फिनटेक सुपर ऐप है जिसे ई-कॉमर्स दिग्गज Flipkart ने जून 2023 में लॉन्च किया था

📌 Super.money अपने प्लेटफॉर्म पर पेमेंट्स, क्रेडिट, डिपॉजिट्स और अन्य डिजिटल वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है
📌 BharatX के अधिग्रहण से अब Super.money अपने ग्राहकों को अधिक क्रेडिट ऑप्शंस दे सकेगा


UPI मार्केट में Super.money की स्थिति

भारत में UPI भुगतान मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इसमें कई बड़े खिलाड़ी सक्रिय हैं।

📊 UPI ऐप्स की मौजूदा बाजार हिस्सेदारी इस प्रकार है:

PhonePe – 47.67% मार्केट शेयर (सबसे बड़ा UPI ऐप)
Google Pay – 36.38% मार्केट शेयर
Paytm – 6.78% मार्केट शेयर
Super.money – शीर्ष 10 UPI ऐप्स में शामिल

💡 Super.money अभी बड़े UPI ऐप्स के मुकाबले नया खिलाड़ी है, लेकिन यह तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।


Checkout Financing: भारत में नई क्रेडिट क्रांति?

Checkout financing एक नया और उभरता हुआ फिनटेक सेगमेंट है, जिसमें ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान आसान और त्वरित क्रेडिट का लाभ उठा सकते हैं

📌 इस मॉडल में यूजर्स को तत्काल क्रेडिट दिया जाता है, जिसे वे बाद में किश्तों में चुका सकते हैं
📌 भारत में “बाय नाउ, पे लेटर (BNPL)” और इंस्टेंट लोन सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है, और इसी को ध्यान में रखते हुए Super.money ने यह अधिग्रहण किया है
📌 BharatX की तकनीक के साथ, Super.money अब अपने ग्राहकों को अधिक सुविधाजनक फाइनेंसिंग ऑप्शंस दे पाएगा

💡 Checkout Financing से न केवल ऑनलाइन शॉपिंग आसान होगी, बल्कि यह भारत में डिजिटल क्रेडिट अपनाने की दर को भी बढ़ाएगा।


Super.money का भविष्य: क्या यह UPI क्रेडिट मार्केट में लीडर बन सकता है?

Super.money तेजी से अपनी जगह बना रहा है और BharatX के अधिग्रहण से इसे और मजबूती मिलेगी।

Super.money की ग्रोथ को किन चीजों से मदद मिलेगी?

Checkout Financing में विस्तार – BharatX के तकनीकी समाधान से Super.money ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचेगा।
Flipkart का समर्थन – Flipkart पहले से ही डिजिटल पेमेंट स्पेस में मजबूत उपस्थिति रखता है, जिससे Super.money को फायदा मिलेगा।
UPI क्रेडिट की बढ़ती मांग – भारत में डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ-साथ क्रेडिट आधारित UPI सेवाओं की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
कॉम्पिटीशन से निपटना – Super.money को PhonePe, Google Pay, और Paytm जैसे बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला करना होगा, लेकिन Checkout Financing जैसे नए सेगमेंट में यह आगे निकल सकता है।

💡 क्या Super.money UPI क्रेडिट मार्केट में एक बड़ा नाम बन पाएगा? यह आने वाले महीनों में देखना दिलचस्प होगा! 🚀

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The Ayurveda Co (TAC) 66% की ग्रोथ के बावजूद घाटा तीन गुना बढ़ा

TAC

D2C आयुर्वेदिक ब्रांड The Ayurveda Co (TAC) ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 66% सालाना ग्रोथ दर्ज की, लेकिन खर्चों में भारी वृद्धि के कारण इसका घाटा तीन गुना बढ़कर ₹68 करोड़ हो गया

The Ayurveda Co Sixth Sense Ventures द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय ब्रांड है, जो आयुर्वेदिक ब्यूटी, पर्सनल केयर, हेयर केयर, स्किनकेयर, मेकअप और वेलनेस प्रोडक्ट्स बनाता और बेचता है। हालांकि, बिक्री बढ़ने के बावजूद कंपनी की बिजनेस स्ट्रैटेजी और फाइनेंशियल हेल्थ पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।


TAC FY24 में कंपनी का राजस्व ₹62 करोड़, लेकिन लागत दोगुनी हुई

कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में ₹62 करोड़ का कुल राजस्व अर्जित किया, जिसमें:

  • ₹59.6 करोड़ की आमदनी प्रोडक्ट्स की बिक्री से हुई, जो FY23 के ₹36 करोड़ की तुलना में 66% अधिक है।
  • ₹2.4 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू ब्याज और अन्य स्रोतों से आया।

हालांकि, तेजी से बढ़ते खर्चों ने मुनाफे पर दबाव डाल दिया, जिससे कंपनी के घाटे में बड़ा उछाल आया।


खर्चों में जबरदस्त बढ़ोतरी, कच्चे माल और विज्ञापन सबसे बड़े खर्च

FY24 में The Ayurveda Co (TAC)के कुल खर्चों में 97% की वृद्धि हुई, जिससे यह ₹109.5 करोड़ तक पहुंच गया

📌 मुख्य खर्च:
कच्चे माल (Raw Material) का खर्च: ₹12 करोड़ (FY23) → ₹28.6 करोड़ (FY24) (2.4 गुना वृद्धि)
विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च: ₹15 करोड़ (FY23) → ₹26 करोड़ (FY24) (73.3% वृद्धि)
कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभ: ₹8.6 करोड़ (FY23) → ₹15.5 करोड़ (FY24) (80.2% वृद्धि)
भर्ती और कर्मचारी प्रबंधन का खर्च: ₹11.3 करोड़

कंपनी ने अपने ब्रांड को मजबूत करने के लिए भारी विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च किए, लेकिन इनका असर कंपनी की लाभप्रदता पर पड़ा है।


तीन गुना बढ़ा घाटा, ₹1 कमाने पर ₹1.84 खर्च

इतने अधिक खर्चों के कारण FY24 में The Ayurveda Co को ₹68 करोड़ का घाटा हुआ, जो FY23 के ₹21 करोड़ के घाटे से 3.2 गुना अधिक है।

📊 महत्वपूर्ण फाइनेंशियल आंकड़े:
ROCE (Return on Capital Employed): -700%
EBITDA मार्जिन: -100.65%
प्रत्येक ₹1 कमाने के लिए कंपनी को ₹1.84 खर्च करना पड़ा।


क्या The Ayurveda Co सही बिजनेस मॉडल पर चल रही है?

बिजनेस मॉडल की मौजूदा स्थिति:

The Ayurveda Co D2C (Direct-to-Consumer) मॉडल पर आधारित है, जहां यह अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचती है। हालांकि, D2C मॉडल की अपनी चुनौतियां होती हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती उच्च मार्केटिंग खर्च और ब्रांड बिल्डिंग है।

📌 मुख्य समस्याएं:
D2C मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा – Mamaearth, Plum, और Forest Essentials जैसी कंपनियों से सीधा मुकाबला।
ऑपरेशनल कॉस्ट का तेज़ी से बढ़ना – सप्लाई चेन, वेयरहाउसिंग और डिलीवरी में अधिक खर्च।
कस्टमर रिटेंशन की चुनौती – बार-बार नए ग्राहकों को लाना महंगा पड़ता है।


The Ayurveda Co को मुनाफे में कैसे लाया जा सकता है?

अगर The Ayurveda Co को मजबूत ब्रांड और फाइनेंशियल रूप से स्थिर कंपनी बनना है, तो इसे अपने बिजनेस मॉडल में सुधार करने होंगे

मार्केटिंग खर्च को स्मार्ट तरीके से नियंत्रित करना
✔ डिजिटल मार्केटिंग को ऑर्गेनिक ग्रोथ पर केंद्रित करना
✔ इंफ्लुएंसर मार्केटिंग पर अधिक ध्यान देना
✔ ब्रांड अवेयरनेस पर खर्च को सीमित रखना

उच्च मार्जिन वाले नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करना
✔ स्किनकेयर और हेल्थ सेगमेंट में प्रीमियम प्रोडक्ट्स जोड़ना
✔ सब्सक्रिप्शन मॉडल अपनाना (जैसे मासिक हेल्थ बॉक्स)

ऑफलाइन स्टोर्स और रिटेल चैनलों में विस्तार करना
✔ D2C के साथ-साथ मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोर्स में एंट्री लेना
✔ बड़े शहरों में एक्सक्लूसिव स्टोर्स खोलना

सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन से लागत कम करना
✔ प्रोडक्शन कॉस्ट को नियंत्रित करने के लिए लोकल सप्लायर्स के साथ काम करना
✔ डिलीवरी पार्टनरशिप्स को मजबूत करना


क्या The Ayurveda Co का भविष्य सुरक्षित है?

The Ayurveda Co ने पिछले कुछ सालों में तेजी से ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन उच्च लागत और लगातार बढ़ते घाटे के कारण कंपनी की लॉन्ग-टर्म स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

संभावनाएं:
🚀 अगर कंपनी अपनी मार्केटिंग और ऑपरेशनल स्ट्रैटेजी में बदलाव करती है, तो यह भविष्य में एक मजबूत और लाभदायक ब्रांड बन सकती है।
💡 लेकिन अगर कंपनी इसी तरह उच्च खर्चों के साथ बिना मुनाफे पर ध्यान दिए आगे बढ़ती रही, तो इसके लिए टिके रहना मुश्किल हो सकता है।

निष्कर्ष: ग्रोथ है, लेकिन सतर्क रणनीति अपनाने की जरूरत

📌 The Ayurveda Co के पास आगे बढ़ने की बड़ी संभावनाएं हैं, लेकिन इसे फाइनेंशियल प्लानिंग और रणनीतिक खर्च पर ध्यान देने की जरूरत है।
📌 अगर कंपनी सही कदम उठाती है, तो यह आने वाले वर्षों में D2C सेगमेंट में एक लीडिंग ब्रांड बन सकती है। 🚀

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