Nazara Technologies ने 196 करोड़ रुपये का निवेश किया

Nazara Technologies

भारत की अग्रणी गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स कंपनी Nazara टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड ने हाल ही में चार गेमिंग कंपनियों में 196 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह निवेश नजारा की वैश्विक गेमिंग और मनोरंजन प्लेटफॉर्म बनाने की रणनीति का हिस्सा है।


Nazara फंकी मंकीज प्ले में 60% हिस्सेदारी खरीदी

Nazara ने फंकी मंकीज प्ले में 43.7 करोड़ रुपये का निवेश करके कंपनी की 60% हिस्सेदारी हासिल की है। यह कदम कंपनी के भौतिक मनोरंजन (physical entertainment) क्षेत्र में विस्तार करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

फंकी मंकीज प्ले बच्चों और परिवारों के लिए इंटरैक्टिव मनोरंजन केंद्र संचालित करती है, और यह निवेश नजारा के पोर्टफोलियो में एक नई दिशा जोड़ता है।


एआई-ड्रिवन प्लेटफॉर्म LearnTube.ai में निवेश

नजारा ने LearnTube.ai में 4.2 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह एक एआई-संचालित शैक्षणिक मंच है, जिसके 20 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं। LearnTube.ai का उद्देश्य छात्रों के लिए गेमिफाइड लर्निंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है।

यह निवेश शिक्षा और गेमिंग के समन्वय को प्रोत्साहित करेगा, जिससे नजारा का ध्यान विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल नवाचारों पर केंद्रित रहेगा।


मौजूदा सब्सिडियरी कंपनियों में भी निवेश

नजारा ने अपने पोर्टफोलियो की तीन मौजूदा सब्सिडियरी कंपनियों में 148 करोड़ रुपये का निवेश किया है:

  • Nodwin Gaming: 64 करोड़ रुपये
  • Sportskeeda: 69 करोड़ रुपये
  • Datawrkz: 15 करोड़ रुपये

CEO नितीश मित्तरसैन का बयान

नजारा के सीईओ नितीश मित्तरसैन ने कहा:
“ये निवेश हमारी वैश्विक और विविधतापूर्ण गेमिंग और मनोरंजन प्लेटफॉर्म बनाने की दृष्टि के अनुरूप हैं।”


ई-स्पोर्ट्स में नजारा का दबदबा

नजारा ने ई-स्पोर्ट्स के क्षेत्र में लगातार अधिग्रहण के माध्यम से अपना प्रभाव बनाए रखा है।

  1. Nodwin Gaming का विस्तार:
    नजारा समर्थित Nodwin Gaming ने हाल ही में Trinity Gaming को $2.8 मिलियन में अधिग्रहित किया।
  2. Datawrkz का अधिग्रहण:
    नजारा की सहायक कंपनी Datawrkz ने अक्टूबर में UK-आधारित Space & Time में 100% हिस्सेदारी हासिल की।

अन्य प्रमुख अधिग्रहण और निवेश

  1. PokerBaazi में बड़ा निवेश:
    नजारा ने PokerBaazi की पैरेंट कंपनी Moonshine Technology में 982 करोड़ रुपये का निवेश किया।
  2. स्टेन और अन्य ई-स्पोर्ट्स कंपनियां:
    नजारा ने Stan, Fusebox Games, Paper Boat Apps (Kiddopia के डेवलपर), Ultimate Teen Patti, और DeltiasGaming जैसी कंपनियों में भी हिस्सेदारी हासिल की।

पिछले महीने जुटाए 855 करोड़ रुपये

नजारा ने पिछले महीने प्रिफरेंशियल इश्यू के माध्यम से 855 करोड़ रुपये (लगभग $100 मिलियन) जुटाए। इस राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार और अधिग्रहण रणनीति को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।


नजारा का प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

नजारा टेक्नोलॉजीज़ भारत में गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स क्षेत्र का अग्रणी नाम बन चुका है। कंपनी ने अपने विस्तार और अधिग्रहण रणनीति के माध्यम से न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी उपस्थिति मजबूत की है।

निवेश के मुख्य क्षेत्र:

  1. ई-स्पोर्ट्स और गेमिंग:
    Nodwin Gaming और Sportskeeda जैसे ब्रांडों के माध्यम से।
  2. शैक्षिक तकनीक:
    LearnTube.ai के माध्यम से छात्रों के लिए गेमिफाइड लर्निंग।
  3. भौतिक मनोरंजन:
    फंकी मंकीज प्ले के साथ नए क्षेत्रों में विस्तार।

भविष्य की योजनाएं:

  1. नए अधिग्रहण:
    कंपनी का लक्ष्य और अधिक कंपनियों का अधिग्रहण करके अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करना है।
  2. डिजिटल नवाचार:
    एआई और अन्य तकनीकों का उपयोग करके उन्नत समाधान विकसित करना।
  3. वैश्विक विस्तार:
    अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाना।

निष्कर्ष

नजारा टेक्नोलॉजीज़ का 196 करोड़ रुपये का यह निवेश गेमिंग, ई-स्पोर्ट्स, और शैक्षणिक तकनीक में कंपनी की विस्तारवादी रणनीति का हिस्सा है। फंकी मंकीज प्ले और LearnTube.ai में निवेश से यह स्पष्ट है कि नजारा डिजिटल और भौतिक दोनों क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह रणनीति नजारा को न केवल भारतीय बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गेमिंग और मनोरंजन का अग्रणी ब्रांड बनाएगी।

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AdvantageClub.ai ने जुटाए $4 मिलियन,

AdvantageClub

कर्मचारी जुड़ाव मंच AdvantageClub ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में $4 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Axilor Ventures ने किया, जिसमें AFG Ventures, प्रसन्ना सरकार, Bytez Ventures, और कुछ मौजूदा निवेशकों ने भाग लिया। इस फंडिंग के साथ, कंपनी की कुल फंडिंग $11 मिलियन हो गई है।


AdvantageClub फंड का उपयोग कहां होगा?

AdvantageClub ने बताया कि यह फंडिंग कंपनी की AI क्षमताओं को विकसित करने, नए उत्पाद जोड़ने, भौगोलिक विस्तार, और स्वास्थ्य व कल्याण कार्यक्रमों जैसे OPD प्लान, फिटनेस प्लान, स्वास्थ्य जांच, और सामाजिक व्यवहार आधारित स्वस्थ आदत निर्माण पर खर्च की जाएगी।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा:
“हम अपने कर्मचारी जुड़ाव और अनुभव क्षेत्र में नवीनतम उत्पाद विकसित करेंगे, जिससे कर्मचारियों की खुशी और उनकी कंपनी से जुड़ाव को और बेहतर बनाया जा सके।”


AdvantageClub का परिचय

2016 में स्थापित, AdvantageClub एक AI-संचालित कर्मचारी जुड़ाव, पुरस्कार, और वेलनेस प्लेटफ़ॉर्म है। इसे सौरभ डियोरा और स्मिति भट्ट डियोरा ने सह-स्थापित किया था। यह प्लेटफॉर्म कंपनियों को एकल मंच पर कई समाधान प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. पुरस्कार और मान्यता (Rewards & Recognition):
    कर्मचारियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित और पुरस्कृत करना।
  2. वेलनेस समाधान (Wellness Solutions):
    • OPD योजनाएं
    • वार्षिक स्वास्थ्य जांच
    • स्वास्थ्य चुनौतियां
  3. सेल्स इंसेंटिव ऑटोमेशन:
    सेल्स टीमों को उनके प्रदर्शन के आधार पर स्वचालित रूप से प्रोत्साहन प्रदान करना।
  4. लचीले लाभ (Flexible Benefits):
    कर्मचारी अपनी जरूरतों के अनुसार लाभ चुन सकते हैं।
  5. सर्वेक्षण और समुदाय:
    कंपनियों को कर्मचारियों की राय समझने और उनकी खुशी को मापने में मदद करना।

AI की नई भूमिका

AdvantageClub ने हाल ही में AI बॉट Adva लॉन्च किया है, जो कर्मचारियों के साथ जुड़ाव बढ़ाने और संगठनों को उनके कर्मचारियों के साथ नए तरीके से जुड़ने का मौका देता है।

कंपनी के सीईओ सौरभ डियोरा ने कहा:
“हम AI के क्षेत्र में अत्याधुनिक समाधान विकसित करना जारी रखेंगे। हमने पुरस्कार क्षेत्र में AI का उपयोग कर एक नई क्रांति लाई है। भविष्य में, हम प्लेटफ़ॉर्म में और भी AI आधारित उपयोग के मामलों को जोड़कर कर्मचारी जुड़ाव को बढ़ाएंगे।”


कर्मचारी जुड़ाव का महत्व

किसी भी संगठन की सफलता उसके कर्मचारियों की खुशी और उत्पादकता पर निर्भर करती है।

  1. जुड़ाव बढ़ाने के लाभ:
    • कर्मचारी संगठन से अधिक जुड़ाव महसूस करते हैं।
    • यह कर्मचारी प्रतिधारण (retention) को बढ़ावा देता है।
    • कर्मचारी खुशी (employee happiness) में सुधार होता है।
  2. डिजिटल समाधान की आवश्यकता:
    • डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से कंपनियां अपनी R&R नीतियों को आसानी से प्रबंधित कर सकती हैं।
    • वेलनेस प्रोग्राम से कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है।

फंडिंग का महत्व

AdvantageClub के लिए $4 मिलियन की यह फंडिंग कई मायनों में अहम है:

  • भौगोलिक विस्तार: कंपनी अपनी सेवाओं को और अधिक देशों में ले जाने की योजना बना रही है।
  • नई तकनीक का विकास: AI और मशीन लर्निंग आधारित समाधान विकसित करना।
  • स्वास्थ्य व कल्याण पर जोर: कर्मचारियों के लिए वेलनेस प्रोग्राम को और प्रभावी बनाना।

AdvantageClub की अब तक की यात्रा

  1. कर्मचारियों के लिए प्लेटफ़ॉर्म:
    AdvantageClub ने 6 वर्षों में एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बनाया है, जो 70,000 से अधिक कर्मचारियों को उनकी कंपनियों से जोड़ता है।
  2. ग्राहक संतुष्टि:
    कंपनी ने 500+ कंपनियों को सेवाएं प्रदान की हैं, जिनमें कई प्रमुख नाम शामिल हैं।
  3. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार:
    AdvantageClub के ग्राहक भारत के अलावा अन्य देशों में भी मौजूद हैं।

वर्तमान बाजार और प्रतिस्पर्धा

आज के समय में कर्मचारी जुड़ाव और वेलनेस का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। AdvantageClub जैसी कंपनियां इस बढ़ते बाजार का फायदा उठा रही हैं।

  • प्रमुख प्रतियोगी:
    • Darwinbox
    • Empuls
    • Plum Benefits

AdvantageClub की AI-आधारित रणनीति इसे अन्य प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाती है।


भविष्य की योजनाएं

AdvantageClub आने वाले वर्षों में और अधिक विकास की योजना बना रहा है:

  1. AI का गहन उपयोग:
    कर्मचारियों की ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग।
  2. नई सेवाओं का विकास:
    • मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
    • कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत वेलनेस योजनाएं
  3. ग्राहक आधार का विस्तार:
    वर्तमान 500+ कंपनियों से बढ़ाकर हजारों ग्राहकों तक पहुंचने का लक्ष्य।

निष्कर्ष

AdvantageClub ने $4 मिलियन जुटाकर अपनी विकास यात्रा में एक और कदम बढ़ाया है। यह फंडिंग कंपनी को अपने AI क्षमताओं को बढ़ाने, नए उत्पाद विकसित करने और कर्मचारियों के जुड़ाव को और बेहतर बनाने में मदद करेगी।

यह मंच उन कंपनियों के लिए एक आदर्श समाधान बन रहा है, जो अपने कर्मचारियों की खुशी और उत्पादकता को प्राथमिकता देती हैं। AI का उपयोग करते हुए AdvantageClub आने वाले समय में कर्मचारी जुड़ाव और वेलनेस के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने के लिए तैयार है।

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Navi Finserv

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Navi Finservपर लगी प्रतिबंधों को हटा दिया है, जिससे अब यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) फिर से लोन स्वीकृति और वितरण शुरू कर सकेगी। पहले ये प्रतिबंध कंपनी के नियामकीय अनुपालन और मूल्य निर्धारण नीतियों में कमियों के चलते लगाए गए थे। RBI का यह फैसला संकेत देता है कि Navi Finserv ने इन मुद्दों को समय पर सुलझा लिया है।


Navi Finserv क्यों लगाए गए थे प्रतिबंध?

अक्टूबर 2024 में, RBI ने Navi Finserv और तीन अन्य NBFCs को निर्देश दिया था कि वे नए लोन स्वीकृत न करें। यह कदम उन कंपनियों द्वारा नियामकीय दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन न करने के कारण उठाया गया था।

RBI ने कहा,
“इन मुद्दों के समाधान और कंपनी की नियामकीय अनुपालन के प्रति प्रतिबद्धता से संतुष्ट होकर, RBI ने अब तत्काल प्रभाव से इन प्रतिबंधों को हटा लिया है। यह निर्णय वित्तीय क्षेत्र में नियामकीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करता है।”


अन्य NBFCs पर अभी भी जारी है प्रतिबंध

Navi Finserv के साथ ही, DMI Finance, Asirvad Micro Finance, और Arohan Financial Services पर भी प्रतिबंध लगाए गए थे। हालांकि, इन तीन NBFCs को अभी भी लोन वितरण की अनुमति नहीं दी गई है।


Navi Finserv का परिचय

Navi Finserv की स्थापना 2018 में सचिन बंसल और अंकित अग्रवाल ने की थी। यह कंपनी RBI द्वारा पंजीकृत मध्य-स्तर (middle layer) की NBFC के रूप में काम करती है। Navi Finserv व्यक्तिगत और होम लोन प्रदान करती है।

हाल ही में, Navi Finserv ने गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ $24.5 मिलियन का लोन सेक्यूरिटाइजेशन ट्रांजेक्शन पूरा किया।


कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

Navi Finserv का वित्तीय प्रदर्शन FY24 में बेहतर रहा:

  1. संचालन से आय (Revenue from Operations):
    FY23 में ₹1,238 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹1,906 करोड़ हो गई।
  2. शुद्ध लाभ (Net Profit):
    FY24 में ₹668 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ, जिसमें इसकी सहायक कंपनी की बिक्री से हुए लाभ का बड़ा योगदान है।

RBI का कदम: एक सख्त संदेश

RBI द्वारा NBFCs पर लगाए गए प्रतिबंध यह दर्शाते हैं कि नियामकीय अनुपालन को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह कदम NBFCs और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने संचालन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है।

विशेषज्ञों का कहना है:

  • “यह फैसला Navi Finserv के लिए राहत की बात है, लेकिन यह अन्य NBFCs के लिए भी एक चेतावनी है कि नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।”

भारतीय NBFC क्षेत्र का महत्व

भारत में NBFCs का वित्तीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण स्थान है। ये संस्थाएं उन क्षेत्रों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाती हैं, जहां बैंकों की पहुंच कम होती है।

  • वित्तीय समावेशन: NBFCs का बड़ा योगदान उन लोगों को वित्तीय सेवाएं देने में है, जो पारंपरिक बैंकिंग से वंचित हैं।
  • आर्थिक विकास: ये संस्थाएं छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) के लिए वित्तीय सहायता का प्रमुख स्रोत हैं।

Navi Finserv का भविष्य

Navi Finserv पर से प्रतिबंध हटने के बाद, कंपनी अब अपने संचालन को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

  1. नई रणनीतियां: कंपनी अब सीधे ग्राहकों को जोड़ने और अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को विस्तार देने पर काम कर सकती है।
  2. डिजिटल सेवाओं का उपयोग: डिजिटल तकनीक के जरिए ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा सकता है।
  3. नए निवेश: गोल्डमैन सैक्स जैसे प्रमुख निवेशकों के साथ सहयोग कंपनी के लिए नए निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।

क्या सीखने को मिला?

RBI का यह कदम भारतीय वित्तीय प्रणाली की सुदृढ़ता को दर्शाता है। Navi Finserv द्वारा समय पर सुधारात्मक कदम उठाना यह दर्शाता है कि नियामकीय अनुपालन से संबंधित समस्याओं को सही तरीके से हल किया जा सकता है।

यह मामला अन्य NBFCs के लिए एक सबक है कि नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करना उनके दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए अनिवार्य है।


निष्कर्ष

RBI द्वारा Navi Finserv पर से प्रतिबंध हटाना कंपनी के लिए एक बड़ा राहतभरा कदम है। यह निर्णय वित्तीय प्रणाली में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। अब Navi Finserv के पास अपने ग्राहकों की सेवा में सुधार करने और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मौका है।

NBFC क्षेत्र के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि नियामकीय अनुपालन और पारदर्शिता से ही वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है।

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लाइव एआई प्लेटफॉर्म Pathway ने जुटाए $10 मिलियन

Pathway

डाटा और लाइव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम करने वाली कंपनी Pathway ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $10 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व TQ Ventures ने किया, जिसमें Kadmos और Id4 Menlo Park, California ने भी भाग लिया।

पिछले साल नवंबर में Pathway ने अपने शुरुआती सीड फंडिंग राउंड में $5 मिलियन जुटाए थे। उस राउंड का नेतृत्व Yamaha Motor Ventures ने किया था, जिसमें Verge HealthTech Fund और अन्य निवेशकों ने भी हिस्सा लिया था।


Pathway कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Pathway की स्थापना दो प्रमुख व्यक्तियों ने की है:

  • एड्रियन कोसोव्स्की (CSO)
  • जॉन चोरोव्स्की (CTO)

दोनों संस्थापक AI के क्षेत्र में गहरा अनुभव रखते हैं। जॉन चोरोव्स्की का पहले काम फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार विजेता और एआई के ‘गॉडफादर’ जेफ हिंटन के साथ रहा है।

Pathway का मुख्य उद्देश्य ऐसे लाइव AI सिस्टम बनाना है, जो जटिल निर्णय लेने में सक्षम हों। ये सिस्टम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को सही और अद्यतन जानकारी तक तुरंत पहुंचाने में मदद करते हैं।


फंड का उपयोग

Pathway ने बताया कि जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के मिशन को अगले स्तर तक ले जाने के लिए किया जाएगा। कंपनी का फोकस है:

  1. लाइव AI सिस्टम का विकास: जो लगातार अपडेट होते डेटा के आधार पर निर्णय लेने में सक्षम हों।
  2. हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुधार: जिससे चिकित्सकों को तेजी से सही सलाह और जानकारी मिले।
  3. क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडेंस का विस्तार: जो लाखों स्रोतों से एकत्रित साक्ष्य-आधारित डेटा प्रदान करता है।

Pathway का AI प्लेटफॉर्म कैसे काम करता है?

Pathway का प्लेटफॉर्म लाखों साक्ष्य-आधारित स्रोतों से डेटा इकट्ठा करता है और उसे एक ऐसे डेटाबेस में बदलता है, जिसे स्वास्थ्यसेवा पेशेवर आसानी से खोज और एक्सेस कर सकते हैं।

इसकी खासियतें:

  • 70,000 से अधिक अनुशंसाएं: प्लेटफॉर्म 30,000 से अधिक क्लीनिकल टॉपिक्स पर जानकारी प्रदान करता है।
  • 370,000 चिकित्सक पंजीकृत: Pathway का दावा है कि इसके प्लेटफॉर्म पर 200 देशों के 3.7 लाख से अधिक चिकित्सक पंजीकृत हैं।
  • डायनेमिक डाटा: लाइव AI सिस्टम संरचित और असंरचित दोनों प्रकार के डेटा का उपयोग करके लगातार अपडेट होती जानकारी देता है।

हेल्थकेयर में Pathway का योगदान

Pathway का लक्ष्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को समय पर सटीक जानकारी प्रदान करना है। इसका सीधा असर:

  1. तेजी से निर्णय लेने की क्षमता: डॉक्टर और हेल्थकेयर वर्कर्स तुरंत सही इलाज और प्रक्रियाओं के बारे में जान सकते हैं।
  2. रोगी देखभाल में सुधार: अप-टू-डेट जानकारी रोगियों के लिए बेहतर इलाज सुनिश्चित करती है।
  3. वैश्विक पहुंच: 200 देशों में उपयोगकर्ताओं की उपस्थिति यह दिखाती है कि Pathway हेल्थकेयर को वैश्विक स्तर पर प्रभावित कर रहा है।

Pathway का भविष्य और चुनौतियां

Pathway का ध्यान हेल्थकेयर में AI के उपयोग को और बेहतर बनाने पर है। लेकिन इस क्षेत्र में कुछ चुनौतियां भी हैं:

  • डेटा सुरक्षा: हेल्थकेयर डेटा अत्यधिक संवेदनशील होता है, और इसे सुरक्षित रखना कंपनी के लिए प्राथमिकता है।
  • वैश्विक नियमों का पालन: अलग-अलग देशों में हेल्थकेयर से जुड़े नियमों का पालन करना एक चुनौती हो सकता है।
  • प्रतिस्पर्धा: हेल्थकेयर AI में कई अन्य कंपनियां भी काम कर रही हैं, जिससे Pathway को अपनी सेवाओं को अलग साबित करना होगा।

निवेशकों का नजरिया

Pathway में निवेश करने वाले निवेशकों का मानना है कि हेल्थकेयर और AI का संगम भविष्य की बड़ी जरूरतों को पूरा करेगा। TQ Ventures और अन्य निवेशकों ने Pathway के AI प्लेटफॉर्म और इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले समाधानों को बेहद उपयोगी माना है।


AI और हेल्थकेयर का भविष्य

AI का उपयोग हेल्थकेयर में तेजी से बढ़ रहा है। Pathway जैसे प्लेटफॉर्म:

  1. समय की बचत करते हैं: डॉक्टरों को तेजी से जानकारी मिलती है।
  2. प्रमाणित डेटा प्रदान करते हैं: जिससे सटीक और साक्ष्य-आधारित निर्णय लिए जा सकते हैं।
  3. वैश्विक कनेक्टिविटी: तकनीक को सीमाओं से परे ले जाते हैं।

निष्कर्ष

Pathway का लाइव AI प्लेटफॉर्म हेल्थकेयर में एक नई क्रांति ला सकता है। $10 मिलियन की नई फंडिंग से कंपनी को अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने का मौका मिलेगा।

AI और हेल्थकेयर का यह गठजोड़ मरीजों के इलाज में सुधार लाने और डॉक्टरों की कार्यक्षमता बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाएगा। Pathway की तकनीक ने यह साबित कर दिया है कि लाइव AI भविष्य का हेल्थकेयर है।

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PhonePe ने Juspay के साथ साझेदारी तोड़ी, अब सीधे मर्चेंट्स से करेगा डील

phonePe

डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म PhonePe ने पेमेंट ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म जस्पे के साथ अपनी साझेदारी खत्म करने का फैसला किया है। यह निर्णय फोनपे के उस कदम का हिस्सा है जिसमें कंपनी मर्चेंट्स के साथ सीधे और व्यापक संबंध स्थापित करना चाहती है।

PhonePe सीधे इंटीग्रेशन की ओर कदम

PhonePe अब मर्चेंट्स को अपने पेमेंट गेटवे सॉल्यूशंस सीधे इंटीग्रेशन के जरिए उपलब्ध कराएगा। एक सूत्र ने कहा,

“इस कदम का उद्देश्य किसी भी तीसरे पक्ष के प्लेटफॉर्म, जैसे जस्पे, पर निर्भर होने के बजाय मर्चेंट्स के साथ सीधा संबंध स्थापित करना है।”

PhonePe ने अपने ग्राहकों को भेजे गए एक ईमेल में लिखा:

“हमने निर्णय लिया है कि अब हम अपने पेमेंट गेटवे सॉल्यूशंस सीधे इंटीग्रेशन के माध्यम से ही प्रदान करेंगे। भारत की अग्रणी डिजिटल पेमेंट कंपनी होने के नाते, फोनपे अपने मर्चेंट्स को इनोवेटिव प्रोडक्ट्स तेजी से उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें विश्वास है कि सीधे इंटीग्रेशन से हम इस कार्य को और प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।”

जस्पे का महत्व और बाजार हिस्सेदारी

जस्पे एक प्रमुख पेमेंट प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जो जस्पे सेफ, हाइपरएसडीके, एक्सप्रेस चेकआउट, और यूपीआई इन ए बॉक्स जैसे प्रोडक्ट्स के जरिए ऑफलाइन पेमेंट्स को सपोर्ट करता है।

जानकारी के मुताबिक, फोनपे के पेमेंट गेटवे वॉल्यूम का लगभग 15% हिस्सा वर्तमान में जस्पे के माध्यम से प्रोसेस होता है। हालांकि, इस साझेदारी को खत्म करने का निर्णय फोनपे के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है।

जस्पे के अन्य प्रतिस्पर्धी

जस्पे को रेजरपे और कैशफ्री जैसे अन्य पेमेंट ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म से मुकाबला करना पड़ता है। हालांकि, जस्पे का प्लेटफॉर्म इन कंपनियों की तुलना में बड़ा और अधिक प्रभावी माना जाता है।

फोनपे का लक्ष्य

फोनपे का यह निर्णय कंपनी की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत देता है। फोनपे अब मर्चेंट्स को सीधे जोड़कर न केवल अपनी सेवाओं में सुधार करना चाहती है, बल्कि अपनी पकड़ भी मजबूत बनाना चाहती है।

फोनपे ने पिछले कुछ सालों में डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभाई है। अपने उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने और मर्चेंट्स के लिए सुविधाजनक विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कंपनी लगातार नए कदम उठा रही है।

क्या है अगला कदम?

इस बदलाव के बाद फोनपे अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करेगा। सीधे मर्चेंट्स से जुड़ने से कंपनी को:

  • अपने उत्पादों की बेहतर निगरानी और सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • बाजार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने का मौका मिलेगा।
  • थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म पर निर्भरता कम होगी।

पेमेंट इंडस्ट्री के लिए इसका मतलब

फोनपे और जस्पे के अलगाव का असर केवल इन दोनों कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा। यह कदम भारतीय डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

  • मर्चेंट्स का फायदा: सीधे इंटीग्रेशन से मर्चेंट्स को तेज और किफायती समाधान मिलेंगे।
  • प्रतिक्रिया: अन्य कंपनियां, जैसे रेजरपे और कैशफ्री, इस अवसर का उपयोग अपने प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए कर सकती हैं।
  • प्रतिस्पर्धा: डिजिटल पेमेंट स्पेस में प्रतिस्पर्धा और अधिक तीव्र हो सकती है।

फोनपे की नई रणनीति: मर्चेंट्स से सीधे जुड़ने का महत्व

फोनपे ने अपने प्लेटफॉर्म पर पेमेंट गेटवे सेवाओं को सीधे मर्चेंट्स से जोड़ने का फैसला किया है। यह निर्णय कंपनी की ‘थर्ड-पार्टी पर निर्भरता कम करने’ की सोच का हिस्सा है।

कंपनी का मानना है कि मर्चेंट्स के साथ सीधे और मजबूत संबंध होने से:

  1. तेजी से इनोवेशन: उत्पाद और सेवाओं को तेजी से बाजार में लाना संभव होगा।
  2. बेहतर सेवा: फोनपे को ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार अपने सॉल्यूशंस को कस्टमाइज़ करने में आसानी होगी।
  3. डेटा सुरक्षा: डेटा का नियंत्रण कंपनी के पास रहेगा, जिससे गोपनीयता और सुरक्षा बढ़ेगी।

जस्पे के लिए क्या होगा असर?

जस्पे को भारत के पेमेंट ऑर्केस्ट्रेशन क्षेत्र में एक अग्रणी खिलाड़ी माना जाता है। लेकिन फोनपे के इस निर्णय के बाद, जस्पे को:

  1. ग्राहक आधार में कमी: फोनपे के वॉल्यूम का 15% हिस्सा खोने से कंपनी के राजस्व पर असर पड़ेगा।
  2. नई रणनीति की आवश्यकता: जस्पे को अब अन्य ग्राहकों के साथ संबंध मजबूत करने और अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान देना होगा।

जस्पे की सेवाएं, जैसे हाइपरएसडीके और यूपीआई इन ए बॉक्स, अभी भी कई मर्चेंट्स के लिए उपयोगी हैं। यह देखना होगा कि जस्पे इस झटके से कैसे उबरती है और बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखती है।

निष्कर्ष

फोनपे का यह निर्णय कंपनी के लंबे समय के विकास और डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सीधे मर्चेंट्स से जुड़ने की रणनीति न केवल ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि फोनपे को अपनी सेवाओं को तेज और प्रभावी तरीके से डिलीवर करने में भी मदद करेगी।

हालांकि, जस्पे जैसे प्लेटफॉर्म के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, लेकिन यह प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र में नवाचार और सुधार के नए रास्ते भी खोल सकता है।

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भाविश अग्रवाल

भाविश अग्रवाल का नया कदम
ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और प्रमोटर भाविश अग्रवाल ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Krutrim SI Designs के लिए डेट फंडिंग जुटाने के उद्देश्य से अपने ओला इलेक्ट्रिक के शेयर गिरवी रखे हैं। यह फंडिंग डिबेंचर जारी करके जुटाई जा रही है।

भाविश अग्रवाल गिरवी रखे गए शेयरों का विवरण
ओला इलेक्ट्रिक के आंतरिक दस्तावेज़ों के अनुसार, भाविश अग्रवाल के पास ओला इलेक्ट्रिक के कुल 132.39 करोड़ शेयर हैं, जो कंपनी की 30.02% हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से 4.83 करोड़ शेयर (कंपनी के कुल इक्विटी का 1.10% और उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी का 3.65%) गिरवी रखे गए हैं।

भाविश अग्रवाल ने 23 नवंबर को Axis Trustee और Krutrim Data Center Private Limited के साथ एक समझौता किया। इस समझौते के तहत Krutrim SI Designs द्वारा जारी डिबेंचर के लिए आश्वासन प्रदान किया गया।

Krutrim SI Designs की प्रगति
Krutrim SI Designs, जो एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप है, ने अब तक $75 मिलियन की फंडिंग जुटाई है और इस वर्ष यूनिकॉर्न क्लब (कंपनी का मूल्यांकन $1 बिलियन से अधिक) में शामिल हो गया है। इसके निवेशकों में Z47 (पूर्व में Matrix), Sarin Family और अन्य शामिल हैं।

ओला इलेक्ट्रिक की योजनाएं
भाविश अग्रवाल ने हाल ही में दिसंबर में 4,000 ओला इलेक्ट्रिक स्टोर्स खोलने की योजना का ऐलान किया। यह कदम कंपनी की बाजार में उपस्थिति बढ़ाने और उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच मजबूत करने के लिए उठाया गया है।

ओला इलेक्ट्रिक का शेयर बाजार में प्रदर्शन भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कंपनी का शेयर वर्तमान में ₹91.79 पर ट्रेड कर रहा है और इसका कुल बाजार पूंजीकरण ₹40,487 करोड़ ($4.82 बिलियन) है।

ओला इलेक्ट्रिक का वित्तीय प्रदर्शन

  • Q2 FY25: कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹1,214 करोड़ रहा, जो Q1 FY25 के ₹1,644 करोड़ से 26% कम है।
  • वार्षिक वृद्धि: Q2 FY24 के ₹873 करोड़ की तुलना में, कंपनी ने 39% की सालाना वृद्धि दर्ज की।
  • शुद्ध घाटा: सितंबर तिमाही के दौरान, ओला इलेक्ट्रिक ने ₹495 करोड़ का शुद्ध घाटा पोस्ट किया।

AI और इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में तालमेल
ओला इलेक्ट्रिक और Krutrim SI Designs के बीच यह तालमेल दर्शाता है कि भाविश अग्रवाल भारतीय बाजार में AI और EV (इलेक्ट्रिक वाहन) के संयुक्त प्रयासों के जरिए नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। यह कदम ओला के बिजनेस मॉडल में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन दृष्टिकोण को उजागर करता है।

AI स्टार्टअप के लिए फंडिंग की आवश्यकता
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते महत्व और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, Krutrim SI Designs का फंड जुटाना आवश्यक था। यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने के बावजूद, स्टार्टअप को अपने प्रोजेक्ट्स और टेक्नोलॉजी के विकास के लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत थी।

ओला इलेक्ट्रिक की चुनौतियां और भविष्य की राह
हालांकि ओला इलेक्ट्रिक भारतीय EV बाजार में अग्रणी है, लेकिन वित्तीय प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव और बढ़ती प्रतिस्पर्धा कंपनी के लिए चुनौतियां पेश कर रही हैं।

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू में गिरावट: तिमाही आधार पर गिरावट कंपनी के बिक्री और मार्केटिंग प्रयासों को पुनः मजबूत करने की आवश्यकता दर्शाती है।
  • शुद्ध घाटा: ₹495 करोड़ का घाटा कंपनी के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की मांग करता है।

दूसरी ओर, 4,000 नए स्टोर्स खोलने की योजना और नए उत्पादों के लॉन्च से कंपनी की बाजार में पकड़ मजबूत हो सकती है।

भारतीय EV बाजार में ओला का दबदबा
ओला इलेक्ट्रिक ने भारतीय EV बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कंपनी की बाजार रणनीतियां, जैसे कि अफोर्डेबल EV लॉन्च करना और तेज़ चार्जिंग नेटवर्क बनाना, उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही हैं।

AI और EV का भविष्य
AI और EV का संयोजन अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी को परिभाषित करेगा। Krutrim SI Designs के AI समाधानों को ओला इलेक्ट्रिक के EV प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत करना दोनों कंपनियों के लिए नए अवसर उत्पन्न कर सकता है।

निष्कर्ष
भाविश अग्रवाल का यह कदम उनके उद्यमशीलता दृष्टिकोण और टेक्नोलॉजी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। Krutrim SI Designs में निवेश और ओला इलेक्ट्रिक के विस्तार के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों कंपनियां भारतीय और वैश्विक बाजार में कैसे अपनी छाप छोड़ती हैं।

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Vastu Housing को Prosus से $100 मिलियन का निवेश, 8.4% हिस्सेदारी हासिल

Vastu Housing

Vastu Housing का उद्देश्य और फोकस
Vastu Housing फाइनेंस, किफायती आवास वित्त क्षेत्र में एक प्रमुख नाम है, जो वंचित समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। हाल ही में, कंपनी ने अमेरिकी इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (USDFC) से $50 मिलियन का ऋण प्राप्त किया था। अब, Prosus ने वास्तु हाउसिंग में $100 मिलियन का निवेश करते हुए 8.4% हिस्सेदारी (7.8% पूरी तरह से घटी हुई हिस्सेदारी) हासिल की है। Prosus, जो एक प्रमुख उपभोक्ता इंटरनेट समूह है, ने इस निवेश के साथ भारतीय आवास वित्त बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है।

Vastu Housing आवास वित्त कंपनियों में बढ़ता निवेश
हाल के महीनों में आवास वित्त कंपनियों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।

  • ईज़ी होम फाइनेंस: हाल ही में, इस कंपनी ने $35 मिलियन का निवेश रंजन पाई के परिवार कार्यालय और अन्य निवेशकों से जुटाया।
  • बेसिक होम लोन: सितंबर में इस स्टार्टअप ने सीरीज बी फंडिंग राउंड में $10.6 मिलियन जुटाए।
  • वृद्धि होम फाइनेंस: अक्टूबर में, इस कंपनी ने नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स के नेतृत्व में $35 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा किया।

इन निवेशों से स्पष्ट है कि भारत के आवास वित्त बाजार में तेजी देखी जा रही है, खासकर किफायती आवास वित्त क्षेत्र में।

Prosus का Mintifi में भी निवेश
Prosus ने न केवल Vastu में, बल्कि B2B सप्लाई चेन फाइनेंसिंग फर्म Mintifi में भी निवेश किया है। इस समूह ने $80 मिलियन का निवेश करते हुए Mintifi में 10.65% हिस्सेदारी हासिल की है। यह निवेश Mintifi को $750 मिलियन के मूल्यांकन पर किया गया है।

Mintifi, छोटे और मझोले उद्योगों (SMEs) के लिए विशेष रूप से भुगतान समाधान, इनवॉइसिंग और कस्टमाइज्ड फाइनेंसिंग समाधान प्रदान करता है। यह कंपनी अंतिम मील वितरण नेटवर्क को सक्षम बनाती है और विभिन्न उद्योगों में अपनी सेवाएं देती है।

Mintifi का विकास और फंडिंग इतिहास
Mintifi ने इससे पहले भी लगभग $170 मिलियन की फंडिंग जुटाई है। मार्च 2023 में, कंपनी ने $110 मिलियन का सीरीज डी फंडिंग राउंड पूरा किया था। इस नए निवेश के साथ, Mintifi की स्थिति SME क्षेत्र में और मजबूत हो गई है।

आवास वित्त क्षेत्र की बढ़ती संभावनाएं
भारतीय आवास वित्त क्षेत्र, खासकर किफायती आवास वित्त, निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं:

  1. सरकार की किफायती आवास योजनाएं: प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों ने किफायती आवास क्षेत्र को बढ़ावा दिया है।
  2. वित्तीय समावेशन: ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने की पहल से इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा है।
  3. तेजी से बढ़ती शहरीकरण दर: भारत में शहरीकरण और आवास की बढ़ती मांग ने आवास वित्त कंपनियों के विकास को गति दी है।

Prosus की भारत में रणनीति
Prosus ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में अपनी उपस्थिति को बढ़ाया है। इसके निवेश पोर्टफोलियो में कई प्रमुख कंपनियां शामिल हैं, जैसे:

  • Swiggy: भारत का प्रमुख फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म।
  • BYJU’S: अग्रणी एडटेक स्टार्टअप।
  • Urban Company: होम सर्विसेस प्लेटफॉर्म।

वास्तु हाउसिंग और Mintifi में निवेश Prosus की भारत में रणनीति को और व्यापक बनाता है। ये निवेश न केवल वित्तीय सेवाओं बल्कि तकनीकी समाधान प्रदान करने वाले स्टार्टअप्स पर केंद्रित हैं।

आगे की राह
वास्तु हाउसिंग के लिए Prosus का निवेश कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा। यह निवेश वास्तु को न केवल अपनी सेवाओं का विस्तार करने में बल्कि नई तकनीकों और समाधानों को अपनाने में भी सक्षम बनाएगा।

दूसरी ओर, Mintifi का निवेश SME सेक्टर में कंपनी की स्थिति को मजबूत करेगा, जिससे छोटे और मझोले व्यापारियों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध होंगी।

निष्कर्ष
Prosus का $100 मिलियन का निवेश और आवास वित्त क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियां इस बात का संकेत हैं कि भारतीय बाजार में किफायती आवास और SME फाइनेंसिंग से जुड़े अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि वास्तु हाउसिंग और Mintifi जैसे स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में कैसे नए मानक स्थापित करते हैं।

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Ola Electric की बादशाहत बरकरार, TVS और Bajaj ने दी टक्कर

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भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार ने नवंबर 2024 में 29% की सालाना वृद्धि दर्ज की, जिसमें कुल बिक्री 1,18,000 यूनिट्स को पार कर गई। हालांकि, अक्टूबर के मुकाबले मासिक आधार पर यह आंकड़ा 15% कम रहा। यह जानकारी वाहन डेटा के आधार पर सामने आई है।


Ola Electric का दबदबा बरकरार

Ola Electric ने नवंबर में 29,191 यूनिट्स की बिक्री के साथ बाजार में अपना नेतृत्व बनाए रखा। कंपनी ने कुल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार का 24.54% हिस्सा अपने नाम किया।
हालांकि, भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली इस कंपनी के बाजार हिस्सेदारी में पिछले छह महीनों में उतार-चढ़ाव देखा गया है।

  • अक्टूबर में बाजार हिस्सेदारी 30% थी, जो सितंबर के 27% से बढ़ी थी।
  • अगस्त में यह 32% और जुलाई में 39% रही।
  • जून में कंपनी ने अपने उच्चतम 49% बाजार हिस्सेदारी को छुआ था।

TVS और Bajaj Auto की कड़ी टक्कर

नवंबर में, TVS Motor और Bajaj Auto ने Ola Electric के करीब पहुंचते हुए मजबूत प्रदर्शन किया।

  • TVS Motor ने 28,200 यूनिट्स बेचीं, जो बाजार का 23% हिस्सा है।
  • Bajaj Auto ने 27,400 यूनिट्स की बिक्री की और 22% बाजार हिस्सेदारी हासिल की।

ये दोनों कंपनियां Ola Electric के साथ प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़ी हैं और धीरे-धीरे अपने बाजार हिस्सेदारी को बढ़ा रही हैं।


Ather Energy और Hero MotoCorp का प्रदर्शन

Ather Energy ने 15,800 यूनिट्स की बिक्री के साथ चौथा स्थान हासिल किया और 11% बाजार हिस्सेदारी को नियंत्रित किया।

  • Ather Energy जल्द ही स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने की तैयारी कर रही है।

वहीं, Hero MotoCorp की इलेक्ट्रिक डिवीजन ने केवल 3,300 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की।


Ola Electric का स्टॉक प्रदर्शन

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में Ola Electric के प्रदर्शन की तरह ही, कंपनी के स्टॉक प्राइस में भी हाल के महीनों में उतार-चढ़ाव देखा गया है।

  • नवंबर में कंपनी का शेयर मूल्य ₹72.72 पर ट्रेड कर रहा था, जो अगस्त के मध्य में ₹157.53 के अपने उच्चतम स्तर से 54% कम है।
  • हालांकि, पिछले सप्ताह कंपनी के शेयरों में 30% की तेजी देखी गई।

इस तेजी का कारण कंपनी द्वारा नए स्कूटर रेंज की घोषणा है, जिसे खासतौर पर वाणिज्यिक उपयोग जैसे ई-कॉमर्स और डिलीवरी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस नए रेंज के जरिए कंपनी को आने वाले महीनों में अपनी बिक्री बढ़ाने की उम्मीद है।


बाजार की चुनौतियां और संभावनाएं

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में नवंबर के आंकड़े बताते हैं कि यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन कंपनियों के लिए चुनौतियां भी कम नहीं हैं।

  1. मासिक गिरावट: अक्टूबर की तुलना में 15% की गिरावट उद्योग की मौसमी मांग और उत्पादन चुनौतियों को दर्शाती है।
  2. प्रतिस्पर्धा: TVS, Bajaj, और Ather जैसी कंपनियों ने Ola Electric के बाजार नेतृत्व को चुनौती देना शुरू कर दिया है।
  3. नए उत्पादों की मांग: वाणिज्यिक उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए स्कूटर्स और अन्य इनोवेशन कंपनियों को बढ़त दिला सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत का इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता का भी प्रतिबिंब है।

  • Ola Electric, TVS Motor, और Bajaj Auto जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
  • नई योजनाएं और उत्पादों के साथ, कंपनियां इस प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं।

आने वाले महीनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी कंपनी बाजार हिस्सेदारी में सबसे आगे रहती है और कौन से नए इनोवेशन इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाते हैं।

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DSLR Technologies को ₹18.96 करोड़ की प्री-सीरीज ए फंडिंग

DSLR Technologies

निवेशकों का भरोसा और बढ़ता हुआ वैल्यूएशन
डी2सी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म DSLR Technologies ने अपने मौजूदा निवेशकों Z47 (पहले Matrix Partners India) और Accel India से ₹18.96 करोड़ ($2.24 मिलियन) की प्री-सीरीज ए फंडिंग जुटाई है।

कंपनी के निदेशक मंडल ने एक विशेष प्रस्ताव पास कर 8,530 प्री-सीरीज ए क्यूम्युलेटिव प्रेफरेंस शेयर ₹22,224 की प्रति शेयर कीमत पर जारी करने का निर्णय लिया है। यह राशि पूंजीगत व्यय, मार्केटिंग और सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों में निवेश की जाएगी।


DSLR Technologies और Aramya ब्रांड का परिचय
DSLR Technologies की स्थापना अंकुश गोयल ने की थी। यह कंपनी Aramya नामक डी2सी ब्रांड के तहत महिलाओं के लिए एथनिक वियर प्रदान करती है। यह ब्रांड पारंपरिक हैंड-प्रिंटेड डिजाइनों जैसे ब्लॉक प्रिंट्स, बंधनी, और अज्रक को शुद्ध कॉटन और लिनन कॉटन जैसे प्रीमियम फैब्रिक्स के साथ पेश करता है।

TheKredible के अनुसार, इस फंडिंग के बाद DSLR Technologies की वैल्यूएशन लगभग ₹381 करोड़ ($45.3 मिलियन) हो जाएगी, जो इसके पिछले सीड राउंड के $25 मिलियन से 80% अधिक है।


नए फंडिंग राउंड का असर
ताजा निवेश के बाद, Z47 (Matrix) और Accel कंपनी में 14.78% हिस्सेदारी रखेंगे। यह फंडिंग राउंड अभी जारी है, और DSLR Technologies भविष्य में और फंड जुटा सकता है। इससे कंपनी की वैल्यूएशन और कैप टेबल में और बदलाव होने की संभावना है।


पिछले फंडिंग राउंड और वित्तीय स्थिति
जयपुर स्थित यह कंपनी अपने सीड राउंड में Matrix Partners और Accel Partners से लगभग $7 मिलियन जुटा चुकी है। हालांकि, FY23 में DSLR Technologies का प्रदर्शन वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण रहा।

  • कंपनी ने FY23 में कुल ₹2.66 करोड़ का राजस्व अर्जित किया।
  • इनमें से ₹41 लाख ऑपरेटिंग रेवेन्यू से आए।
  • कंपनी को ₹10 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ।

हालांकि, FY24 के लिए कंपनी ने अभी तक अपनी वित्तीय रिपोर्ट दाखिल नहीं की है।


Aramya ब्रांड की अनूठी पेशकश
Aramya ब्रांड ने पारंपरिक भारतीय डिजाइनों को आधुनिक फैब्रिक्स और स्टाइलिंग के साथ मिलाकर ग्राहकों का ध्यान खींचा है।

  • पारंपरिक प्रिंटिंग तकनीकें जैसे अज्रक, बंधनी, और ब्लॉक प्रिंटिंग
  • प्रीमियम क्वालिटी के फैब्रिक्स जैसे शुद्ध कॉटन और लिनन कॉटन
  • महिलाओं के लिए विशेष तौर पर डिज़ाइन किए गए एथनिक कपड़े।

यह ब्रांड न केवल भारतीय उपभोक्ताओं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहा है।


फंडिंग का उपयोग
DSLR Technologies ने यह स्पष्ट किया है कि यह ताजा फंडिंग निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश की जाएगी:

  1. पूंजीगत व्यय: उत्पाद की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए।
  2. मार्केटिंग: ब्रांड की दृश्यता बढ़ाने और अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए।
  3. कॉर्पोरेट विस्तार: कंपनी के संचालन और व्यापारिक रणनीतियों को मजबूत करने के लिए।

निवेशकों की भूमिका और कंपनी का भविष्य
Z47 (Matrix) और Accel जैसे निवेशकों का बढ़ता भरोसा DSLR Technologies की दीर्घकालिक सफलता का संकेत है। इस फंडिंग के जरिए कंपनी न केवल अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को विस्तारित करेगी बल्कि नई तकनीकों और डिजाइनों को भी अपनाएगी।


चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि DSLR Technologies ने अपने ब्रांड और उत्पादों के माध्यम से बाजार में जगह बनाई है, लेकिन FY23 का वित्तीय प्रदर्शन कंपनी के लिए एक चुनौतीपूर्ण संकेत है।

  • कंपनी को राजस्व बढ़ाने और घाटे को कम करने के लिए मजबूत रणनीतियों की आवश्यकता होगी।
  • मार्केटिंग और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने पर अधिक ध्यान देना होगा।
  • D2C क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए नवाचार और ग्राहक-केंद्रित उत्पाद विकसित करने होंगे।

निष्कर्ष
DSLR Technologies की प्री-सीरीज ए फंडिंग न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय डी2सी ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। Aramya जैसे ब्रांड पारंपरिक भारतीय कला और आधुनिक तकनीक का बेहतरीन संयोजन पेश कर रहे हैं, जिससे न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ग्राहकों का ध्यान आकर्षित हो रहा है।

ताजा फंडिंग और बढ़ती वैल्यूएशन के साथ, DSLR Technologies भविष्य में अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हुए डी2सी मार्केट में अपनी पकड़ को और मजबूत कर सकता है।

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इस हफ्ते की स्टार्टअप और फंडिंग अपडेट: भारतीय स्टार्टअप्स के लिए मिश्रित परिणाम

हफ्ते की स्टार्टअप और फंडिंग

पिछले हफ्ते 23 शुरुआती और ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $596 मिलियन का फंड जुटाया। हालांकि, इस सप्ताह फंडिंग में 90.9% की गिरावट देखी गई, और स्टार्टअप्स ने केवल $54.43 मिलियन जुटाए। आइए इस हफ्ते के प्रमुख घटनाक्रमों पर एक नजर डालते हैं।


ग्रोथ-स्टेज डील्स

ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स ने इस हफ्ते कुल $13 मिलियन का फंड हासिल किया।

  1. ShopDeck (D2C ई-कॉमर्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर) ने $8 मिलियन जुटाए।
  2. NeoGrowth (MSME-केंद्रित डिजिटल लेंडर) ने $5 मिलियन जुटाए।

अर्ली-स्टेज डील्स

इस हफ्ते 13 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $41.43 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की।

प्रमुख स्टार्टअप्स

  • SM Toys (प्लास्टिक प्रमोशनल टॉयज मैन्युफैक्चरर) ने लिस्ट में टॉप किया।
  • अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स में ALT Mobility (कमर्शियल EV लीजिंग), Elchemy (स्पेशलिटी केमिकल्स प्लेटफॉर्म), All Things Baby (बेबी और मदरकेयर उत्पाद), और Beyond Appliances (स्मार्ट किचन उपकरण ब्रांड) शामिल हैं।

सेगमेंट-वाइज डील्स

  • ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स ने 6 डील्स के साथ टॉप स्थान हासिल किया।
  • अन्य प्रमुख सेगमेंट्स: मैन्युफैक्चरिंग, EV, केमिकल्स, और फिनटेक।

सीरीज-वाइज डील्स

इस हफ्ते की फंडिंग डील्स में:

  • सीरीज A और प्री-सीरीज A फंडिंग टॉप पर रहीं, प्रत्येक में 5 डील्स हुईं।
  • इनके बाद सीड, प्री-सीड, सीरीज B, और डेट डील्स आईं।

फंड लॉन्च और नए इनिशिएटिव्स

नए फंड लॉन्च

  1. Stellaris Venture Partners
  2. Kenro Capital
    दोनों फंड्स ने स्टार्टअप्स पर केंद्रित निवेश योजनाएं पेश की हैं।

नए लॉन्च और अपडेट्स

  • Uber ने भारत में ‘Uber One’ लॉयल्टी प्रोग्राम लॉन्च किया।
  • Meesho ने AI-पावर्ड मल्टीलिंगुअल वॉयस बॉट पेश किया।
  • Amazon India ने ‘Tez’ के साथ क्विक कॉमर्स में एंट्री की घोषणा की।
  • Tata Neu ने Neu Flash नामक क्विक कॉमर्स सर्विस लॉन्च की।

प्रमुख हायरिंग्स और इस्तीफे

हायरिंग्स

  1. Battery Smart ने अमित भारद्वाज को CFO के रूप में शामिल किया।
  2. Allianz Partners ने माइकल बट्सटेड को फाइनेंस चीफ और बोर्ड मेंबर नियुक्त किया।

इस्तीफे

  1. श्रीराम कृष्णन ने Andreessen Horowitz (a16z) से इस्तीफा दिया।
  2. आनंदमय रॉयचौधरी ने Peak XV Partners छोड़ा।
  3. हार्दिक पांड्या ने Unacademy से SVP ऑफ डिज़ाइन पद से इस्तीफा दिया।

मर्जर और एक्विज़िशन

  1. Nykaa ने Earth Rhythm में बहुमत हिस्सेदारी खरीदी।
  2. Nodwin Gaming ने Trinity Gaming का अधिग्रहण किया।
  3. ISMG ने Nullcon में बहुमत हिस्सेदारी ली।

ESOP बायबैक

  • StockGro ने 2023 और 2024 के बीच दो ESOP बायबैक किए।
  • कंपनी ने इन बायबैक को कर्मचारियों को उनके वेस्टेड शेयरों को कैश में बदलने का मौका देने के लिए पेश किया।

फाइनेंशियल परिणाम

प्रमुख फाइनेंशियल अपडेट्स

  • Bloom Hotels: FY24 में ₹250 करोड़ का राजस्व; मुनाफे में 2.3X बढ़ोतरी।
  • CitiusTech: ₹350 करोड़ का मुनाफा, 6X बढ़ा।
  • Pocket FM: ₹1,000 करोड़ के रेवेन्यू क्लब में शामिल।
  • ShareChat: FY24 में 33% की वृद्धि के साथ ₹718 करोड़ का राजस्व।
  • Beardo: ₹170 करोड़ का राजस्व पार किया और मुनाफा फिर से हासिल किया।
  • Cars24: 2 लाख कारों की बिक्री, ₹7,000 करोड़ के करीब राजस्व।

निष्कर्ष

इस हफ्ते फंडिंग में भारी गिरावट देखी गई, लेकिन Stellaris Venture Partners और Kenro Capital के फंड लॉन्च से स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊर्जा मिली है।

  • Amazon और Tata Neu का क्विक कॉमर्स में प्रवेश बाजार को प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगा।
  • Ola Electric और Flipkart जैसे दिग्गज नए उत्पाद और सेवाएं लाकर अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं।

स्टार्टअप इकोसिस्टम के ये घटनाक्रम यह दर्शाते हैं कि नवाचार और रणनीतिक विस्तार भारतीय बाजार में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

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