🛋️ Delhivery के CEO Sahil Barua ने Nestasia के बोर्ड में दी एंट्री,

Delhivery

भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर के प्रमुख नामों में शुमार Delhivery के संस्थापक और CEO साहिल बरुआ (Sahil Barua) ने अब होम डेकोर और लाइफस्टाइल ब्रांड Nestasia के बोर्ड में सदस्य के रूप में शामिल होकर एक नया अध्याय शुरू किया है।

यह कदम Swiggy के स्वतंत्र निदेशक पद से उनके हालिया इस्तीफे के तुरंत बाद आया है, जिसे उन्होंने “प्रोफेशनल कमिटमेंट्स” का हवाला देते हुए छोड़ा था।


🧑‍💼 क्या होगा साहिल बरुआ की भूमिका?

साहिल बरुआ की विशेषज्ञता खास तौर पर स्केलेबल ऑपरेशंस, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, और ओम्नीचैनल डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रेटेजी में मानी जाती है। Nestasia की योजना है कि वे उनके अनुभव का लाभ उठाकर अपने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में विस्तार कर सकें।

कंपनी का लक्ष्य है:

  • ऑपरेशनल स्केलेबिलिटी को मजबूत करना
  • सेल्स चैनलों में तेज़ी से ग्रोथ लाना
  • ओम्नीचैनल नेटवर्क को और सशक्त बनाना

🏠 Nestasia: एक उभरता हुआ होम डेकोर ब्रांड

Nestasia की शुरुआत 2019 में अनुराग अग्रवाल और अदिति मुरारका अग्रवाल ने की थी। ब्रांड आज भारत के तेजी से बढ़ते D2C (Direct-to-Consumer) सेगमेंट में एक मजबूत पहचान बना चुका है।

📦 उत्पाद श्रेणियाँ:

  • डाइनिंग और किचन एक्सेसरीज़
  • होम डेकोर और बाथ प्रोडक्ट्स
  • बैग्स और स्टोरेज सॉल्यूशन्स

कंपनी का दावा है कि उसके पास 7,000 से अधिक उत्पादों का कैटलॉग है और वह अब तक 5 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे चुकी है।


🏬 2025 तक खोलने की योजना है 30 स्टोर

इस समय Nestasia के 7 शहरों — कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, नोएडा, देहरादून, बेंगलुरु और चंडीगढ़ — में फिजिकल रिटेल आउटलेट्स हैं। अब कंपनी का प्लान है कि वह 2025 के अंत तक 30 ऑफलाइन स्टोर्स खोले।

इसमें Tier-1 शहरों के साथ-साथ Tier-2 और Tier-3 मार्केट्स पर भी फोकस किया जाएगा ताकि ग्राउंड लेवल पर ब्रांड की मौजूदगी और मज़बूत हो सके।


💰 सितंबर 2024 में हुआ था बड़ा फंडरेज़

सितंबर 2024 में, Nestasia ने अपने फंडिंग के अगले चरण में $8.5 मिलियन (लगभग ₹71 करोड़) जुटाए थे। यह निवेश Susquehanna Asia Venture Capital और Stellaris Venture Partners के संयुक्त नेतृत्व में हुआ था।

इस फंडिंग का उद्देश्य था:

  • नई कलेक्शन डिज़ाइन करना
  • लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन को बेहतर बनाना
  • रिटेल एक्सपेंशन और टेक्नोलॉजी अपग्रेड करना

📦 Delhivery के अनुभव का कैसे मिलेगा लाभ?

साहिल बरुआ ने Delhivery को भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक बनाया है। उनकी विशेषज्ञता से Nestasia को निम्न क्षेत्रों में बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है:

  • फास्ट और कुशल डिलीवरी सिस्टम बनाना
  • रिटेल और ई-कॉमर्स चैनलों में बेहतर इंटीग्रेशन
  • डेटा-ड्रिवन स्केलिंग रणनीति

Nestasia, जो अभी तक एक डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड रहा है, अब एक “फिजिटल” मॉडल (फिजिकल + डिजिटल) की ओर बढ़ रहा है, जिसमें Barua जैसे लीडर की जरूरत होती है।


📈 D2C मार्केट में मुकाबला बढ़ता जा रहा है

Nestasia को भारतीय बाज़ार में The June Shop, Chumbak, Pepperfry, और IKEA जैसे ब्रांड्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है। ऐसे में कंपनी को:

  • ब्रांड डिफरेंसिएशन
  • यूज़र एक्सपीरियंस
  • तेज़ लॉजिस्टिक्स पर ज़ोर देना होगा।

Barua की एंट्री इन सभी मोर्चों पर रणनीतिक मजबूती ला सकती है।


🧵 फाउंडर्स की प्रतिक्रिया

Nestasia के को-फाउंडर अनुराग अग्रवाल ने कहा,

“हम अपने बोर्ड में साहिल जैसे अनुभवी लीडर का स्वागत करते हैं। उनकी रणनीतिक सोच और संचालन में गहराई Nestasia के आगामी ग्रोथ फेज़ में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।”


🔍 निष्कर्ष: एक स्मार्ट मूव?

Sahil Barua का Nestasia के बोर्ड में शामिल होना न केवल कंपनी की ब्रांड वैल्यू बढ़ाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब D2C ब्रांड्स भी ऑपरेशनल दक्षता को अपनी ग्रोथ रणनीति का केंद्र बना रहे हैं।

जैसे-जैसे Nestasia अपने रिटेल एक्सपेंशन और सप्लाई चेन को स्केल कर रहा है, वैसे-वैसे ऐसे लीडर्स की ज़रूरत और अधिक महसूस होती है जिनके पास ग्राउंड लेवल से बिल्डिंग का अनुभव हो — और इस मामले में Barua एकदम फिट बैठते हैं।

Read more :💼 IPO से पहले Urban Company के संस्थापकों ने बेचे ₹780 करोड़ के शेयर,

💼 IPO से पहले Urban Company के संस्थापकों ने बेचे ₹780 करोड़ के शेयर,

Urban Company

होम सर्विस प्लेटफॉर्म Urban Company के सह-संस्थापक — Abhiraj Singh Bhal, Varun Khaitan, and Raghav Chandra — ने IPO से पहले एक बड़ी सेकेंडरी एग्ज़िट करते हुए लगभग ₹780 करोड़ ($91 मिलियन) की व्यक्तिगत इक्विटी बिक्री की है।

यह खुलासा Urban Company के Draft Red Herring Prospectus (DRHP) में किया गया है, जिसे कंपनी ने हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास दाखिल किया है।


🔁 कैसे हुई यह सेकेंडरी एग्ज़िट?

DRHP के अनुसार, संस्थापकों ने सितंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच अलग-अलग चरणों में यह बिक्री की। वहीं, अन्य बड़े निवेशकों जैसे Bessemer Venture Partners, Accel और Tiger Global ने भी आंशिक रूप से कुल ₹615 करोड़ के शेयर बेचे।

🗓️ प्रमुख डील्स का क्रम इस प्रकार है:

  • सितंबर 2024: संस्थापकों ने ₹121 करोड़ के शेयर VY Capital को बेचे।
  • अक्टूबर 2024: Prosus को ₹124.5 करोड़ के शेयर ट्रांसफर किए।
  • दिसंबर 2024: Prosus और Arohi Seed को संयुक्त रूप से ₹482 करोड़ की इक्विटी बेची।
  • जनवरी 2025: Dharana Capital (VY Capital की सब्सिडियरी) को ₹50 करोड़ के शेयर बेचे गए।
  • मार्च 2025: Sanjiv Rangrass, Sri Harsha Majety और Venturesail LLP को आखिरी किस्त में ₹1.8 करोड़ के शेयर ट्रांसफर किए गए।

📉 निवेशकों की भी आंशिक एग्ज़िट

संस्थापकों के अलावा, प्रमुख निवेशकों ने भी IPO से पहले अपनी हिस्सेदारी घटाई:

  • Bessemer ने ₹142 करोड़ के शेयर Think Investments को बेचे और अतिरिक्त ₹195 करोड़ के शेयर Arohi Seed SPC को ट्रांसफर किए।
  • Accel ने ₹194 करोड़, और
  • Tiger Global ने ₹84 करोड़ के शेयर Think Investments को बेचे।

📈 IPO डिटेल: ₹1,900 करोड़ का इश्यू

Urban Company अपने IPO के माध्यम से कुल ₹1,900 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है। इसमें शामिल हैं:

  • ₹429 करोड़ का फ्रेश इश्यू (नई इक्विटी शेयर जारी करना)
  • ₹1,471 करोड़ का Offer for Sale (OFS) — जिसमें मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।

OFS में भाग लेने वाले निवेशक:

  • Accel
  • VY Capital
  • Prosus
  • Bessemer
  • Elevation Capital

यह सभी आंशिक रूप से अपनी हिस्सेदारी कम करेंगे।


💹 कंपनी की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस: FY25 की झलक

Urban Company का IPO सिर्फ फंड जुटाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह कंपनी की वित्तीय मजबूती और ग्रोथ ट्रैक रिकॉर्ड का भी प्रतीक है।

FY25 की पहली तीन तिमाहियों (अप्रैल–दिसंबर 2024) के आंकड़े:

  • कुल आय (Total Income): ₹930 करोड़
  • सालाना ग्रोथ: 37.8% (FY24 की समान अवधि की तुलना में)
  • मुनाफा (Profit): ₹27.1 करोड़

यह पहली बार है जब Urban Company ने इतने मजबूत मुनाफे के साथ IPO फाइल किया है, जो संभावित निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।


👨‍💼 संस्थापक क्यों कर रहे हैं एग्ज़िट?

Urban Company के तीनों सह-संस्थापक — अभिराज भल, वरुण खैतान और राघव चंद्रा — पिछले एक दशक से कंपनी को लीड कर रहे हैं। उनकी यह आंशिक एग्ज़िट:

  • वैयक्तिक वित्तीय विविधीकरण के तौर पर देखी जा रही है
  • साथ ही, यह संकेत भी देती है कि वे कंपनी को IPO के बाद प्रोफेशनल मैनेजमेंट की ओर ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं

महत्वपूर्ण बात यह है कि वे अब भी कंपनी में हिस्सेदार हैं और लॉन्ग टर्म विज़न का हिस्सा बने हुए हैं।


🌐 Urban Company की विकास यात्रा

Urban Company, जिसकी शुरुआत 2014 में Abhiraj, Varun और Raghav ने की थी, आज भारत की सबसे बड़ी होम सर्विस मार्केटप्लेस में से एक है। इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में शामिल हैं:

  • ब्यूटी और ग्रूमिंग
  • इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर सेवाएं
  • एसी/वॉशिंग मशीन मरम्मत
  • गृह सफाई और पेस्ट कंट्रोल

आज कंपनी की मौजूदगी भारत के अलावा UAE, सिंगापुर और सिडनी जैसे विदेशी बाजारों में भी है।


🧐 निष्कर्ष: IPO से पहले स्मार्ट एग्ज़िट या रणनीतिक मूव?

Urban Company के संस्थापकों और प्रमुख निवेशकों द्वारा IPO से ठीक पहले किया गया यह सेकेंडरी एग्ज़िट कई बातों का संकेत देता है:

  • यह निवेशकों का कंपनी पर भरोसा जताने का संकेत भी हो सकता है — क्योंकि यह एग्ज़िट एक रणनीतिक प्लानिंग के तहत किया गया है, न कि घबराहट में।
  • IPO से पहले मार्केट में उत्साह भी बढ़ा है, क्योंकि कंपनी मुनाफा दर्ज कर रही है और उसका ब्रांड बहुत मजबूत हो चुका है।

ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जब Urban Company के शेयर मार्केट में लिस्ट होंगे, तो उनकी बाजार में किस प्रकार की प्रतिक्रिया मिलती है।

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☀️ ग्रामीण भारत को सौर ऊर्जा से रोशन करेगा Metafin, जुटाए ₹85 करोड़ की फंडिंग

Metafin

भारत में क्लीन एनर्जी और ग्रामीण वित्तीय सेवाओं को जोड़ने वाला NBFC स्टार्टअप Metafin अब एक नई रफ्तार से आगे बढ़ने को तैयार है। कंपनी ने अपने सीरीज़ A फंडिंग राउंड में $10 मिलियन (लगभग ₹85 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व Vertex Ventures Southeast Asia and India ने किया है, जो सिंगापुर स्थित निवेश दिग्गज Temasek की एक सहायक कंपनी है।

💸 कौन-कौन शामिल रहे इस निवेश में?

Metafin के इस सीरीज़ A राउंड में केवल Vertex Ventures ही नहीं, बल्कि Northern Arc, AU Small Finance Bank, Prime Venture Partners, और Varanium Capital जैसे प्रमुख निवेशकों ने भी भाग लिया है।

इससे पहले, कंपनी ने फरवरी 2023 में प्री-सीरीज़ A राउंड में $5 मिलियन जुटाए थे, जिससे इसके फाइनेंसिंग नेटवर्क को गति मिली थी।


🚀 कहां होगा इस फंड का इस्तेमाल?

Metafin के अनुसार, इस फंडिंग से कंपनी निम्नलिखित प्रमुख कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी:

  • ग्रामीण भारत में 10,000 सोलर इंस्टॉलेशन प्रोजेक्ट्स को पूरा करना
  • टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर (tech stack) को और मजबूत बनाना
  • सीनियर लीडरशिप टीम का विस्तार करना
  • और बिज़नेस ऑपरेशन्स का स्केलअप करना

कंपनी का उद्देश्य है कि वह 2025 के अंत तक भारत के छह से सात नए राज्यों, जैसे कि छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश, में अपने संचालन को विस्तारित करे।


🧑‍🌾 Metafin क्या करता है?

2018 में आदित्य शाह और संदीप चोपड़ा द्वारा स्थापित Metafin, एक क्लीनटेक-केंद्रित NBFC (Non-Banking Financial Company) है, जो ग्रामीण ग्राहकों को स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) से जुड़े प्रोडक्ट्स के लिए वित्तीय समाधान उपलब्ध कराता है। इनमें शामिल हैं:

  • रूफटॉप सोलर पैनल्स
  • इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs)
  • सोलर वॉटर पंप्स

Metafin की एक खासियत यह है कि यह ग्रामीण भारत के ग्राहकों तक सीधे पहुंच बनाता है, जो आमतौर पर पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम से वंचित रहते हैं।


🌞 600+ इंस्टॉलर, 2,600+ सोलर प्रोजेक्ट्स पूरे

कंपनी का दावा है कि वह अब तक 600 से अधिक सोलर इंस्टॉलेशन कंपनियों के साथ साझेदारी कर चुकी है और इनके माध्यम से 2,600 सोलर प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस कर चुकी है।

यह आंकड़ा यह दिखाता है कि कैसे Metafin देश के सौर ऊर्जा क्रांति में एक सशक्त भूमिका निभा रहा है।


🌍 भारत में NBFC और लेंडिंगटेक का उभरता बाज़ार

Metafin की यह फंडिंग ऐसे समय में आई है जब भारत में NBFC सेक्टर और डिजिटल लेंडिंग मार्केट में तेजी से निवेश हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार, भारत का डिजिटल लेंडिंग मार्केट 2030 तक $1.3 ट्रिलियन के स्तर तक पहुंच सकता है।

पिछले हफ्ते, मध्य प्रदेश स्थित NBFC Finodaya Capital ने भी $2.5 मिलियन की सीड फंडिंग हासिल की थी, जिसका नेतृत्व White Venture Capital ने किया।

यह स्पष्ट संकेत है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत की वित्तीय सेवाएं अब स्टार्टअप और निवेशकों की प्राथमिकता बन चुकी हैं।


🔎 क्यों खास है Metafin?

Metafin के बिज़नेस मॉडल की कुछ अनोखी बातें:

  • ✅ ग्रामीण भारत को सस्ती और सुलभ क्लीन एनर्जी फाइनेंसिंग देना
  • सोलर प्रोडक्ट्स और ईवी सेगमेंट में टारगेटेड फाइनेंसिंग
  • ✅ फील्ड टीम के ज़रिए सीधे ग्राहकों तक पहुंच
  • स्थानीय इंस्टॉलर्स के साथ नेटवर्किंग करके प्रभावी डिलीवरी

इस तरह Metafin एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनता जा रहा है जो पर्यावरण, समाज और आर्थिक विकास तीनों को साथ लेकर चलता है।


📊 निवेशकों की नजर में Metafin क्यों अहम?

Vertex Ventures के मैनेजिंग डायरेक्टर बेन माथ्यूज के अनुसार:

“Metafin न सिर्फ क्लीनटेक NBFC है, बल्कि यह भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा के न्याय को लेकर काम कर रही एक सशक्त ताकत है। उनका ग्राउंड-लेवल नेटवर्क और टेक फोकस, निवेश के लिए आदर्श मॉडल है।”

इसी तरह, अन्य निवेशक भी मानते हैं कि Metafin आने वाले वर्षों में ग्रामीण भारत के सोलर और ग्रीन एनर्जी एक्सपेंशन में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।


📅 आगे की रणनीति

Metafin की रणनीति 2025 के अंत तक निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित है:

  • 6–7 नए राज्यों में विस्तार
  • 10,000 से अधिक इंस्टॉलेशन
  • तकनीक और डेटा एनालिटिक्स पर निवेश
  • फाइनेंशियल इन्क्लूज़न को बढ़ावा देना

📝 निष्कर्ष

Metafin की फंडिंग और विस्तार योजना इस बात का संकेत है कि अब भारत में सिर्फ शहरों की नहीं, गांवों की ऊर्जा क्रांति भी स्टार्टअप और निवेशकों का ध्यान खींच रही है।

एक ऐसा NBFC जो स्वच्छ ऊर्जा के लिए आसान वित्त मुहैया कराता है — यह न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करता है बल्कि देश के सुदूर क्षेत्रों तक विकास की रोशनी पहुंचाता है।

Metafin की यह सफलता आने वाले समय में क्लाइमेट-फ्रेंडली फाइनेंसिंग मॉडल्स के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।

Read more : 🌿 देसी सेहत का स्टार्टअप Anveshan को मिली ₹29.86 करोड़ की फंडिंग,

🌿 देसी सेहत का स्टार्टअप Anveshan को मिली ₹29.86 करोड़ की फंडिंग,

Anveshan

गांवों की परंपरा और सेहत को जोड़ने वाला D2C फूड ब्रांड “Anveshan एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। कंपनी ने अपने Series A फंडिंग राउंड में ₹29.86 करोड़ (लगभग $3.5 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Wipro Enterprises ने किया है, वहीं मौजूदा निवेशकों DSG Consumer Partners, Titan Capital, boAt के को-फाउंडर्स Aman Gupta और Sameer Mehta, और AngelList ने भी भागीदारी निभाई।

💰 फंडिंग डिटेल्स: कीमत, शेयर और वैल्यूएशन

Registrar of Companies (RoC) के साथ दर्ज किए गए दस्तावेज़ों के अनुसार:

  • Anveshan के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पास किया है जिसके तहत कंपनी 1,178 Series A CCPS और 10 इक्विटी शेयर ₹2,51,367 प्रति शेयर के मूल्य पर जारी करेगी।
  • इस फंडिंग से कंपनी कुल ₹29.86 करोड़ जुटाएगी।

📈 2.7X बढ़ी कंपनी की वैल्यूएशन

Entrackr की रिपोर्ट के मुताबिक, इस राउंड के बाद Anveshan की वैल्यूएशन ₹430 करोड़ (लगभग $51 मिलियन) हो गई है, जो पिछली फंडिंग वैल्यूएशन $19 मिलियन की तुलना में लगभग 2.7 गुना ज्यादा है।

🧑‍🌾 गाँवों से ग्लोबल प्लेट तक: Anveshan की कहानी

Anveshan की शुरुआत 2020 में तीन युवाओं — आयुषी खंडेलवाल, अखिल कंसल और कुलदीप पारेवा ने की थी। इस ब्रांड का उद्देश्य था:

  • कम से कम प्रोसेस किए गए खाद्य उत्पाद बनाना,
  • ग्रामीण भारत में माइक्रो-उद्यमियों को बढ़ावा देना,
  • और भारतीय पारंपरिक विधियों से बना शुद्ध खाना ग्राहकों तक पहुंचाना

Anveshan देशभर के गांवों में किसानों और छोटे निर्माताओं के साथ मिलकर:

  • A2 गाय का घी
  • लकड़ी से निकाले गए तेल (Wood-Pressed Oils)
  • कच्चा शहद (Raw Honey)
  • हेल्दी मिठाइयाँ
  • बेवरीज मिक्सेस
  • और अन्य नैचुरल खाद्य उत्पाद बनाता है।

इन उत्पादों की खास बात है कि ये रसायन मुक्त, पारंपरिक तरीके से बनाए गए होते हैं, जो न केवल सेहत के लिए अच्छे हैं, बल्कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हैं।

📊 कंपनी की परफॉर्मेंस और रेवेन्यू ग्रोथ

Anveshan ने वित्त वर्ष 2023-24 में शानदार प्रदर्शन किया:

  • कंपनी की ऑपरेशनल रेवेन्यू 85% की वार्षिक वृद्धि के साथ ₹58 करोड़ तक पहुंची, जो पिछले वर्ष ₹31.3 करोड़ थी।
  • वहीं, कंपनी ने 24% तक घाटा कम करके ₹5.7 करोड़ तक सीमित कर दिया।

यह संकेत देता है कि ब्रांड सिर्फ ग्रोथ ही नहीं कर रहा, बल्कि सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी मजबूत कदम उठा रहा है।

🧾 अब तक का निवेश और हिस्सेदारी का ब्योरा

Anveshan अब तक कुल मिलाकर लगभग $4.5 मिलियन (₹37 करोड़) का निवेश जुटा चुका है। इसमें सितंबर 2022 में मिला $2 मिलियन का प्री-सीरीज़ A निवेश भी शामिल है, जिसका नेतृत्व DSG Consumer Partners ने किया था।

TheKredible की रिपोर्ट के अनुसार:

  • DSG Consumer Partners के पास अब कंपनी की 16.59% हिस्सेदारी है,
  • जबकि Wipro Enterprises को इस नए राउंड में 3.49% हिस्सेदारी मिली है।

यह साफ दिखाता है कि निवेशक इस ब्रांड को एक दीर्घकालिक खिलाड़ी मानते हैं, खासकर नेचुरल, ऑर्गेनिक और ग्रामीण भारत से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला को देखते हुए।

🛒 प्रतिस्पर्धा का मैदान

Anveshan का मुकाबला भारत के नए दौर के हेल्दी फूड ब्रांड्स से है, जैसे:

  • Vedic
  • Auric
  • Kapiva
  • Two Brothers Organic Farms
  • Rosier Foods और अन्य

इन सभी ब्रांड्स की फोकस सेहतमंद, केमिकल-फ्री, और पारंपरिक भारतीय खाद्य उत्पादों पर है। मगर Anveshan की खासियत यह है कि वह गांवों में माइक्रो-उद्यमियों को जोड़कर उत्पाद बनाता है, जिससे उसे सामाजिक प्रभाव (social impact) और प्रामाणिकता (authenticity) दोनों में बढ़त मिलती है।

🚀 फंड का इस्तेमाल कहां होगा?

कंपनी के RoC फाइलिंग के अनुसार, इस फंड का उपयोग दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • नई तकनीक और मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों में निवेश
  • सप्लाई चेन को मजबूत करना
  • मार्केटिंग और ब्रांडिंग
  • और नई भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार

🔚 निष्कर्ष

Anveshan न केवल एक हेल्दी फूड ब्रांड है, बल्कि यह एक सामाजिक मिशन भी है। जहां एक ओर यह उपभोक्ताओं को शुद्ध, देसी और सेहतमंद खाना देता है, वहीं दूसरी ओर यह गांवों में रोजगार, महिला सशक्तिकरण और किसान उन्नति को बढ़ावा देता है।

Wipro जैसे कॉर्पोरेट इन्वेस्टर का इसमें विश्वास जताना, इस बात का संकेत है कि सस्टेनेबल और देसी समाधान अब मेनस्ट्रीम का हिस्सा बन रहे हैं।

Anveshan की यह फंडिंग और ग्रोथ कहानी निश्चित रूप से भारतीय D2C और हेल्थ फूड स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए प्रेरणादायक है।

Read more :💥 Paytm की सहायक कंपनी First Games को ₹5,712 करोड़ का GST नोटिस,

💥 Paytm की सहायक कंपनी First Games को ₹5,712 करोड़ का GST नोटिस,

First Games

Paytm की सहायक कंपनी First Games Technology Private Limited को GST खुफिया निदेशालय (DGGI), दिल्ली से ₹5,712 करोड़ का शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस जनवरी 2018 से मार्च 2023 की अवधि के लिए जारी हुआ है और इसमें ब्याज और जुर्माने की राशि भी शामिल है।

यह जानकारी Paytm ने खुद राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को दी गई एक आधिकारिक फाइलिंग में साझा की है।

📌 किस मुद्दे पर मिला है नोटिस?

यह नोटिस ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में चल रही जीएसटी विवाद से जुड़ा हुआ है, जो पिछले 18 महीनों से बहस का विषय बना हुआ है।

मुख्य विवाद यह है कि क्या GST केवल प्लेटफॉर्म फीस (रेवेन्यू) पर लगनी चाहिए या पूरे एंट्री अमाउंट (जैसे टोटल एंट्री फीस/बेटिंग अमाउंट) पर।

  • सरकार और DGGI का दावा है कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लागू होती है, और वह भी टोटल एंट्री अमाउंट पर।
  • जबकि कंपनियों का मानना है कि GST सिर्फ उनके द्वारा कमाई गई प्लेटफॉर्म फीस (जैसे कमीशन या सर्विस चार्ज) पर ही लगाई जानी चाहिए, और वह दर भी 18% होनी चाहिए।

🧾 First Games की प्रतिक्रिया: अदालत का दरवाज़ा खटखटाएगी कंपनी

Paytm ने अपनी फाइलिंग में बताया है कि:

  • First Games इस शो-कॉज नोटिस (SCN) को चुनौती देने के लिए एक रिट याचिका दायर करेगी।
  • कंपनी इस बात का विरोध करेगी कि GST विभाग ने जो नया 28% टैक्स रेट लागू किया है (जो कि 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी हुआ है), उसे पिछली तारीखों पर लागू नहीं किया जा सकता

इस याचिका में कंपनी “इंटरिम राहत” (अस्थायी संरक्षण) भी मांगेगी, जैसा कि कई अन्य गेमिंग कंपनियों को हाल ही में दिया गया है।

📉 क्या Paytm की कमाई पर पड़ेगा असर?

Paytm ने साफ किया है कि:

  • इस नोटिस से उसके मुख्य ऑपरेशंस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि First Games में उसका निवेश पहले ही शून्य (nil) हो चुका है।
  • यानी, Paytm के मार्च 2024 के समेकित वित्तीय विवरणों में First Games की वैल्यू पहले से ही “nil” थी।

यह बयान Paytm ने निवेशकों की चिंता को शांत करने के लिए जारी किया है, क्योंकि इतने बड़े GST नोटिस से कंपनी की छवि पर असर पड़ सकता है।

🕵️‍♀️ यह कोई पहला नोटिस नहीं है

गौरतलब है कि पिछले महीने भी Paytm को प्रवर्तन निदेशालय (ED) से एक शो-कॉज नोटिस मिला था।
यह नोटिस Little Internet Pvt Ltd (LIPL) और NearBuy India Pvt Ltd (NIPL) से जुड़े कुछ कथित मामलों को लेकर जारी हुआ था।

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब Paytm जल्द ही वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4 FY25) के नतीजे पेश करने वाला है।

📊 तीसरी तिमाही में कैसा रहा Paytm का प्रदर्शन?

Paytm ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में:

  • ₹1,828 करोड़ का ऑपरेशनल रेवेन्यू दर्ज किया।
  • लेकिन इस अवधि में कंपनी को ₹208 करोड़ का घाटा भी उठाना पड़ा।

यह लगातार दूसरी तिमाही थी जब कंपनी घाटे में रही, जो कि निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।

🎮 गेमिंग उद्योग पर GST का साया

ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में GST को लेकर असमंजस लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार ने अक्टूबर 2023 में एक बड़ा बदलाव करते हुए:

  • सभी गेमिंग, कैसीनो और बेटिंग गतिविधियों पर 28% GST लागू कर दिया।
  • इस दर को टोटल पैसे की एंट्री पर लगाया जा रहा है, जिससे कई स्टार्टअप और कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी झेलनी पड़ रही है।

इससे पहले Dream11, Gameskraft, और कई अन्य कंपनियों को भी भारी GST नोटिस मिल चुके हैं।

Supreme Court और High Courts में कई याचिकाएं पहले से ही लंबित हैं, जिनमें कंपनियां यह कह रही हैं कि GST केवल उनके असली रेवेन्यू (प्लेटफॉर्म फीस) पर लागू होना चाहिए, पूरे एंट्री अमाउंट पर नहीं।

🧩 क्या हो सकता है अगला कदम?

First Games की ओर से रिट याचिका दायर करने के बाद, यह मामला अदालत में जाएगा।
अगर अदालत कंपनी को अंतरिम राहत देती है, तो फिलहाल टैक्स की वसूली टल सकती है।

लेकिन अगर अदालत ने GST विभाग के पक्ष में फैसला दिया, तो न सिर्फ First Games, बल्कि पूरे गेमिंग सेक्टर को भारी टैक्स चुकाना पड़ सकता है — वो भी पिछली तारीखों से

📌 निष्कर्ष

Paytm की सहायक कंपनी को ₹5,712 करोड़ का यह नोटिस न केवल खुद कंपनी के लिए, बल्कि पूरे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक चेतावनी जैसा है।

जब देश में गेमिंग इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ रही है और करोड़ों की पूंजी इसमें निवेश की जा रही है, ऐसे में GST की यह नीति निवेशकों और कंपनियों दोनों के लिए असमंजस पैदा कर रही है।

अब देखना यह है कि अदालत इस पर क्या रुख अपनाती है — क्या कंपनियों को राहत मिलेगी या उन्हें भारी टैक्स चुकाना पड़ेगा?

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🚀 IPO के रास्ते पर Urban Company, SEBI में दाखिल किया DRHP

Urban Company

होम सर्विसेज मार्केटप्लेस Urban Company ने सोमवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपना Draft Red Herring Prospectus (DRHP) दाखिल कर दिया है। कंपनी अब अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के ज़रिए स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने की तैयारी कर रही है।

📑 IPO का स्ट्रक्चर: नई इक्विटी और ऑफर फॉर सेल

Urban Company का IPO दो हिस्सों में बंटा है:

  • ₹429 करोड़ (लगभग $50 मिलियन) की नई इक्विटी शेयरों का इश्यू।
  • ₹1,471 करोड़ के शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS)

इस ऑफर फॉर सेल के तहत कंपनी के मौजूदा बड़े निवेशक अपने शेयर बेचेंगे।

💰 कौन बेच रहे हैं अपने शेयर?

DRHP के मुताबिक, प्रमुख निवेशक जो अपने हिस्से के शेयर बेच रहे हैं, वे हैं:

  • Accel India: ₹433 करोड़ के शेयर बेचेगा।
  • Elevation Capital: ₹346 करोड़ के शेयर बेचेगा।
  • Tiger Global: ₹303 करोड़ के शेयर बेचेगा।
  • VY Capital: ₹216 करोड़ के शेयर बेचेगा।
  • Bessemer Venture Partners: ₹173 करोड़ के शेयर बेचेगा।

यह बिक्री दर्शाती है कि इन निवेशकों ने Urban Company में शुरूआती निवेश के बाद शानदार रिटर्न कमाए हैं।

📊 कंपनी में किसका कितना हिस्सा?

DRHP दस्तावेज़ के अनुसार, फिलहाल कंपनी के बड़े शेयरधारकों का स्वामित्व इस प्रकार है:

  • Elevation Capital: 10.84%
  • Accel India: 10.5%
  • VY Capital: 9.18%
  • Steadview और Prosus: 6.80% प्रत्येक
  • Bessemer: 6.46%
  • Tiger Global: 4.73%

वहीं, कंपनी के तीन सह-संस्थापक — अभिराज सिंह भल, वरुण खेतान और राघव चंद्र — मिलकर 20.01% हिस्सेदारी रखते हैं, जो तीनों के बीच समान रूप से विभाजित है।

🏦 किन बैंकों के जिम्मे IPO का प्रबंधन?

Urban Company के इस बहुप्रतीक्षित IPO को Kotak Mahindra Capital, Morgan Stanley, Goldman Sachs और JM Financial संभालेंगे। ये सभी बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) की भूमिका निभाएंगे।
IPO के बाद कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों पर लिस्ट किए जाएंगे।

📈 निवेशकों के लिए भारी रिटर्न

Accel India, जो Urban Company में शुरुआती निवेशकों में से एक था, इस IPO के जरिए सबसे बड़ी एग्जिट लेने वाला है।
रिपोर्ट के मुताबिक:

  • Accel का एग्जिट वैल्यू Tiger Global की तुलना में 16.6 गुना अधिक होगी।
  • VY Capital से 5.6 गुना अधिक।
  • और Bessemer India से करीब 97% अधिक होगी।

इसी तरह, Elevation Capital भी अपने शुरुआती निवेश पर शानदार रिटर्न कमाने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि पिछले साल Snapdeal के सह-संस्थापकों कुणाल बहल और रोहित बंसल ने भी अपनी इनवेस्टमेंट कंपनी Titan Capital के जरिए Urban Company से 200X रिटर्न कमाया था।

🏗️ IPO से जुटाई गई रकम का उपयोग

Urban Company ने साफ किया है कि IPO से जुटाई गई नई पूंजी का इस्तेमाल निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  • नई टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश।
  • लीज पेमेंट (किराए) का भुगतान।
  • मार्केटिंग और ब्रांड प्रमोशन पर खर्च।
  • अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उपयोगों के लिए।

यह रणनीति कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।

📅 कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

Urban Company के ताजा वित्तीय आंकड़े बताते हैं कि कंपनी का ग्रोथ ट्रैक अच्छा रहा है:

  • वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में कंपनी ने ₹846 करोड़ का राजस्व दर्ज किया।
  • इस अवधि में कंपनी ने ₹24.25 करोड़ का पुनर्निर्धारित (restated) मुनाफा कमाया।

हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में:

  • कंपनी का कुल राजस्व ₹828 करोड़ रहा।
  • जबकि इस दौरान ₹92.7 करोड़ का घाटा दर्ज किया गया था।
  • इससे पता चलता है कि कंपनी ने FY25 की शुरुआत में घाटे से उबरते हुए मुनाफे की राह पकड़ ली है।
  • 🌟 निष्कर्ष
  • Urban Company का IPO भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा मोमेंट है।
  • एक दशक से भी कम समय में घरेलू सेवाओं के क्षेत्र में Urban Company ने जो भरोसा और पहचान बनाई है, वही अब उसे पब्लिक लिस्टिंग तक ले आई है।
  • IPO के जरिए निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर पैदा हो रहा है, वहीं कंपनी नई तकनीकों में निवेश कर अपने प्लेटफॉर्म को और आधुनिक बनाने की योजना पर काम कर रही है।
  • अब देखना दिलचस्प होगा कि निवेशक इस IPO को कितना उत्साह दिखाते हैं और Urban Company शेयर बाजार में किस तरह की शुरुआत करती है। 🚀📈

Read more :📈 Go Digit General Insurance ने दर्ज की जबरदस्त ग्रोथ,

📈 Go Digit General Insurance ने दर्ज की जबरदस्त ग्रोथ,

Go Digit

बेंगलुरु स्थित बीमा कंपनी Go Digit General Insurance ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4 FY25) में शानदार वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है।
कंपनी ने न सिर्फ अपनी ग्रॉस रिटन प्रीमियम (GWP) में बढ़ोतरी दर्ज की है, बल्कि इस दौरान उसका मुनाफा भी दोगुना हो गया है।

💼 GWP में 10% की वृद्धि

Go Digit General Insurance ने चौथी तिमाही में अपनी GWP को 10% बढ़ाकर ₹2,576 करोड़ कर लिया है।
पिछले साल की समान तिमाही यानी Q4 FY24 में कंपनी की GWP ₹2,335 करोड़ थी।

यह आंकड़े नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से जारी कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट के जरिए सामने आए हैं।
यह लगातार दूसरी तिमाही है जब Go Digit ने तगड़ी विकास दर दिखाई है, जो कंपनी के मजबूत बिजनेस मॉडल और बढ़ती बाजार पकड़ को दर्शाता है।

🎯 पूरे वित्त वर्ष में नया रिकॉर्ड: ₹10,282 करोड़ का GWP

सिर्फ तिमाही नहीं, पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में भी Go Digit ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है:

  • कंपनी ने पहली बार सालाना GWP में ₹10,000 करोड़ का आंकड़ा पार किया।
  • कुल GWP वित्त वर्ष के अंत में बढ़कर ₹10,282 करोड़ पहुंच गई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 14% अधिक है।

यह उपलब्धि कंपनी के लिए एक मील का पत्थर है, खासकर ऐसे समय में जब बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है।

💸 मुनाफे में दोगुनी तेजी

Go Digit का मुनाफा चौथी तिमाही में दोगुना हो गया है, हालांकि अभी सटीक लाभ राशि का खुलासा नहीं किया गया है।
लेकिन कंपनी के प्रदर्शन से यह साफ है कि:

  • लागत प्रबंधन में सुधार हुआ है।
  • अंडरराइटिंग मार्जिन बेहतर हुए हैं।
  • दावे (claims) के निपटान में तेजी आई है।

इससे Go Digit की लाभप्रदता (profitability) पर सकारात्मक असर पड़ा है।

🛡️ Go Digit का बिजनेस मॉडल

Go Digit General Insurance का बिजनेस मॉडल पारंपरिक बीमा कंपनियों से काफी अलग है।
कंपनी डिजिटल माध्यम से ग्राहकों को बीमा पॉलिसी खरीदने, क्लेम करने और सर्विस पाने की सुविधा देती है।
इसके कुछ प्रमुख फीचर्स हैं:

  • पूरी तरह डिजिटल प्रोसेस: पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम तक सबकुछ ऑनलाइन।
  • तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग: दावा करने पर कम से कम दस्तावेज़ीकरण और तेज निपटान।
  • पारदर्शिता: ग्राहकों के साथ साफ-सुथरा और भरोसेमंद व्यवहार।
  • कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स: हर तरह के ग्राहक के लिए बीमा योजनाएं।

यही वजह है कि कम समय में Go Digit ने भारत के बीमा बाजार में एक अलग पहचान बना ली है।

📊 IPO के बाद से लगातार निगरानी में

Go Digit ने मई 2024 में अपना IPO (Initial Public Offering) लॉन्च किया था, जो निवेशकों के बीच अच्छी प्रतिक्रिया पा चुका है।
IPO के बाद कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन बाजार विशेषज्ञों की निगरानी में है और ताजा आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि Go Digit अपने ग्रोथ प्लान पर सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

🌟 बीमा सेक्टर में Go Digit का बढ़ता प्रभाव

भारत में इंश्योरेंस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, खासकर:

  • हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती मांग।
  • वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्यता।
  • सरकार की पहलें जैसे ‘आयुष्मान भारत’।

Go Digit इस ग्रोथ को भुनाने में सफल रही है।
कंपनी का ध्यान खासतौर पर:

  • मोटर इंश्योरेंस
  • हेल्थ इंश्योरेंस
  • ट्रैवल इंश्योरेंस
  • प्रॉपर्टी इंश्योरेंस

जैसे सेगमेंट्स पर है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर Go Digit बड़े पैमाने पर ग्राहकों तक अपनी पहुंच बना रही है।

🔥 आगे का रास्ता

Go Digit General Insurance के लिए आने वाला समय और भी रोमांचक हो सकता है:

  • कंपनी अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने की योजना बना रही है।
  • नए बीमा प्रोडक्ट्स और ग्राहक अनुभव (customer experience) को बेहतर बनाने पर फोकस रहेगा।
  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में बीमा पेनिट्रेशन बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2025-26 तक अपना GWP और मुनाफा दोनों को और तेज गति से बढ़ाए।

📢 निष्कर्ष

Go Digit General Insurance का ताजा वित्तीय प्रदर्शन न सिर्फ निवेशकों को भरोसा दिलाता है, बल्कि भारतीय बीमा सेक्टर में इसके मजबूत होते कदमों का भी संकेत देता है।
10% GWP ग्रोथ, सालाना ₹10,000 करोड़ का आंकड़ा पार करना और मुनाफे में दोगुनी तेजी — ये सब कंपनी के उज्ज्वल भविष्य की कहानी कहते हैं।

यदि Go Digit इसी गति से आगे बढ़ता रहा, तो आने वाले समय में यह भारत का सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा डिजिटल बीमा ब्रांड बन सकता है। 🚀

Read more:🚀 $120 मिलियन फंडिंग राउंड के लिए Ultrahuman की तैयारी,

🚀 $120 मिलियन फंडिंग राउंड के लिए Ultrahuman की तैयारी,

Ultrahuman

बेंगलुरु आधारित हेल्थटेक स्टार्टअप Ultrahuman एक नए फंडिंग राउंड में $120 मिलियन जुटाने की बातचीत कर रहा है। इस राउंड का नेतृत्व WestBridge Capital द्वारा किया जाएगा।
यह विकास उस समय हो रहा है जब कंपनी ने पिछले साल ही अपना $35 मिलियन का सीरीज़ बी राउंड पूरा किया था।

💰 फंडिंग डिटेल्स और संभावित निवेशक

Moneycontrol की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस फंडिंग राउंड में कुछ प्राइवेट इक्विटी फंड्स भी भाग ले सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि:

  • इस राउंड के बाद Ultrahuman का अनुमानित मूल्यांकन $550 से $600 मिलियन के बीच हो सकता है।
  • TheKredible के अनुमानों के अनुसार, सीरीज बी राउंड के बाद कंपनी का मूल्यांकन $125 मिलियन था।

अब तक, Ultrahuman ने $60 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है, जिनमें प्रमुख निवेशक शामिल हैं:

  • Zomato के संस्थापक और CEO दीपिंदर गोयल
  • Nexus Ventures
  • Blume Ventures
  • Alpha Wave

🏋️‍♂️ Ultrahuman: फिटनेस और हेल्थ टेक्नोलॉजी का भविष्य

Ultrahuman एक सेल्फ-क्वांटिफिकेशन प्लेटफॉर्म है जो यूज़र्स को अपने स्वास्थ्य डेटा को ट्रैक और मॉनिटर करने की सुविधा देता है।
कंपनी के प्रमुख प्रोडक्ट्स में शामिल हैं:

  • Ring Air – एक स्मार्ट रिंग जो स्वास्थ्य संकेतकों को ट्रैक करती है।
  • M1 Live – एक ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस।
  • Blood Vision – एक ब्लड टेस्टिंग प्रोडक्ट।

इसके अलावा, इस साल की शुरुआत में Ultrahuman ने Rare Smart Ring Collection भी लॉन्च किया, जो एक लक्ज़री सेगमेंट को टारगेट करता है।

📈 कारोबार में जबरदस्त ग्रोथ

Ultrahuman ने 2024 कैलेंडर ईयर (CY24) के दौरान अपने संचालन के स्केल में जबरदस्त उछाल दर्ज किया है:

  • कंपनी का कुल ऑपरेटिंग स्केल $74.5 मिलियन (लगभग ₹620 करोड़) रहा।
  • कंपनी ने 11% प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) और 8% EBITDA मार्जिन हासिल करने का दावा किया है।

यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि Ultrahuman केवल राजस्व बढ़ा ही नहीं रहा है, बल्कि लाभप्रदता की दिशा में भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है — जो आज के प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप वातावरण में एक दुर्लभ बात है।

👨‍💼 नेतृत्व और विजन

Ultrahuman के संस्थापक और CEO मोहित कुमार के नेतृत्व में कंपनी ने हेल्थटेक सेगमेंट में एक अनोखी पहचान बनाई है।
उनका मानना है कि:

“हमें विश्वास है कि अगली पीढ़ी का स्वास्थ्य समाधान केवल इलाज नहीं, बल्कि रियल टाइम प्रिवेंटिव हेल्थकेयर होगा।”

Ultrahuman का लक्ष्य लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक बनाना है, ताकि बीमारियों से पहले ही बचाव किया जा सके।

🌎 ग्लोबल प्लान्स और एक्सपैंशन रणनीति

Ultrahuman ने भारत में तो अपनी पकड़ मजबूत की ही है, अब कंपनी की नजरें वैश्विक विस्तार पर भी हैं।
कंपनी का लक्ष्य है:

  • अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व जैसे बड़े बाजारों में प्रवेश करना।
  • अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करना, जैसे कि और अधिक बायोमेट्रिक ट्रैकिंग डिवाइस लॉन्च करना।
  • स्वास्थ्य डेटा एनालिटिक्स और AI-बेस्ड हेल्थ इनसाइट्स पर निवेश बढ़ाना।

🔥 क्यों खास है Ultrahuman?

Ultrahuman अन्य फिटनेस ट्रैकिंग कंपनियों से अलग इसलिए है क्योंकि:

  • यह केवल फिटनेस ट्रैकिंग नहीं, बल्कि बायोलॉजिकल हेल्थ मैनेजमेंट पर फोकस करता है।
  • रिंग और ग्लूकोज मॉनिटरिंग के साथ-साथ ब्लड बायोमार्कर टेस्टिंग भी ऑफर करता है।
  • हेल्थ डेटा को रियल टाइम में एनालाइज कर यूज़र्स को actionable insights देता है।
  • डिजाइन और तकनीक के स्तर पर कंपनी का अप्रोच बेहद प्रीमियम और उपयोगकर्ता-केंद्रित है।

📢 निष्कर्ष

Ultrahuman की $120 मिलियन फंडिंग डील न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के हेल्थटेक स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
बढ़ता हुआ राजस्व, मजबूत लाभप्रदता, और वैश्विक विस्तार की योजनाएं — ये सब दर्शाते हैं कि Ultrahuman आने वाले वर्षों में फिटनेस और स्वास्थ्य तकनीक की दुनिया में एक बड़ा नाम बनने जा रहा है।

अगर यह डील सफल होती है, तो Ultrahuman को नए मार्केट्स में एंट्री करने, प्रोडक्ट इनोवेशन बढ़ाने और ब्रांड को और मजबूत करने में जबरदस्त मदद मिलेगी।
बिना शक, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में यह एक और प्रेरणादायक सफलता कहानी बन सकती है! 🌟

Read more :📢 Meesho बदलेगा अपना आधिकारिक नाम, IPO से पहले बड़ी रणनीतिक तैयारी

📢 Meesho बदलेगा अपना आधिकारिक नाम, IPO से पहले बड़ी रणनीतिक तैयारी

Meesho

घरेलू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho ने अपने आगामी पब्लिक लिस्टिंग (IPO) से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी के बोर्ड ने अपनी लीगल पहचान बदलने के लिए मंजूरी दे दी है। अब “Fashnear Technologies Private Limited” का नाम बदलकर “Meesho Private Limited” किया जाएगा।

आइए जानते हैं इस बदलाव के पीछे का कारण और Meesho की भविष्य की बड़ी योजनाओं के बारे में।

🏷️ ब्रांड पहचान के साथ नाम का मेल

Meesho ने वर्षों से डिजिटल कॉमर्स में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।
कंपनी ने छोटे विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच जबरदस्त विश्वास और ब्रांड वैल्यू हासिल की है।

रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, बोर्ड ने यह महसूस किया कि Meesho ब्रांड के साथ कंपनी की कानूनी पहचान को मेल कराना अब जरूरी हो गया है। इससे निवेशकों और ग्राहकों दोनों के बीच एक स्पष्ट और मजबूत छवि बनेगी, जो कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए फायदेमंद होगी।

📈 IPO की तैयारी जोरों पर

यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब Meesho अपने $1 बिलियन (लगभग ₹8,300 करोड़) के आईपीओ की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक:

  • कंपनी ने अपने IPO एडवाइज़र्स के तौर पर Morgan Stanley, Kotak Mahindra Capital और Citi को शॉर्टलिस्ट किया है।
  • JP Morgan को भी इस सिंडिकेट में शामिल करने की चर्चा चल रही है।

बैंकरों ने Meesho का अनुमानित मूल्यांकन $10 बिलियन (लगभग ₹83,000 करोड़) तय किया है।
कंपनी की योजना है कि इस साल दिवाली के आसपास स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी सूचीबद्धता पूरी करे।

💸 ESOP बायबैक से कर्मचारियों को बड़ा फायदा

Meesho ने इस साल अपने अब तक के सबसे बड़े ESOP बायबैक प्रोग्राम की भी घोषणा की।
इस कार्यक्रम के तहत:

  • कंपनी ने ₹200 करोड़ (लगभग $25 मिलियन) मूल्य के शेयर वापस खरीदे।
  • इस योजना से करीब 1,700 पूर्व और वर्तमान कर्मचारी लाभान्वित हुए, जिनमें जूनियर एग्जीक्यूटिव से लेकर सीनियर लीडरशिप तक के लोग शामिल हैं।

इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में Meesho के को-फाउंडर्स ने भी 27 लाख ऑप्शंस एक्सरसाइज़ किए, जिनकी कुल वैल्यू लगभग $120 मिलियन थी।
यह खबर सबसे पहले Entrackr ने रिपोर्ट की थी।

📊 वित्तीय प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार

Meesho ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में शानदार प्रदर्शन किया है:

  • कंपनी की सालाना राजस्व वृद्धि 33% रही, जो बढ़कर ₹7,615 करोड़ पहुंच गई।
  • कंपनी ने अपने एडजस्टेड घाटे को 97% तक घटाकर मात्र ₹53 करोड़ कर दिया।

यह वित्तीय प्रदर्शन यह दिखाता है कि Meesho न केवल तेज़ी से बढ़ रही है, बल्कि मुनाफे की दिशा में भी मजबूती से कदम बढ़ा रही है।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में कंपनी ने 1.3 बिलियन ऑर्डर डिलीवर किए हैं, जो इसके बढ़ते हुए ग्राहक आधार और संचालन क्षमता का प्रमाण है।

📦 Meesho का बिजनेस मॉडल और बाजार में पकड़

Meesho भारत का एक प्रमुख सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है।
कंपनी छोटे विक्रेताओं, खासकर महिलाओं और छोटे व्यवसायों को सीधे ग्राहकों से जोड़ती है, जिससे वे बिना किसी बड़े निवेश के ऑनलाइन व्यापार कर सकते हैं।

Meesho का बिजनेस मॉडल निम्नलिखित पहलुओं पर केंद्रित है:

  • कम लागत वाला और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल।
  • छोटे शहरों और कस्बों में गहरी पहुंच।
  • सरल और सुलभ मोबाइल ऐप अनुभव।
  • विक्रेताओं के लिए सुविधाजनक लॉजिस्टिक्स और पेमेंट सॉल्यूशंस।

कंपनी की रणनीति ने उसे भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर में एक मजबूत स्थान दिलाया है, खासकर उस सेगमेंट में जो Amazon और Flipkart जैसे बड़े खिलाड़ियों से अलग है।

🌟 भविष्य की योजनाएं

Meesho की भविष्य की योजनाएं भी बेहद दिलचस्प हैं:

  • IPO से जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल अपने तकनीकी प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने में किया जाएगा।
  • नए-नए क्षेत्रों में विस्तार, खासकर ग्रामीण और सेमी-अर्बन मार्केट्स पर ध्यान।
  • लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना।
  • और अधिक विक्रेताओं और ग्राहकों को जोड़ने के लिए बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग अभियान।

Meesho का लक्ष्य है न केवल भारत में, बल्कि भविष्य में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने पंख फैलाना।


🔥 निष्कर्ष

Meesho का “Fashnear Technologies” से “Meesho Private Limited” बनने का कदम केवल एक नाम परिवर्तन नहीं है, बल्कि एक बड़ी रणनीतिक चाल है।
IPO के ज़रिए Meesho भारत के सबसे बड़े टेक आईपीओ में से एक बन सकता है और अपने सोशल कॉमर्स मॉडल को दुनिया के सामने पेश कर सकता है।

जैसे-जैसे कंपनी अपने अगले विकास चरण में प्रवेश कर रही है, सभी की निगाहें Meesho पर टिकी हैं। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो दिवाली 2025 भारत के स्टार्टअप और फिनटेक इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ सकती है। 🚀

Read more :💉 Care.fi को 6 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली,

💉 Care.fi को 6 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली,

Care.fi

हेल्थकेयर-फोकस्ड फिनटेक स्टार्टअप Care.fi ने हाल ही में RevX से 6 करोड़ रुपये की डेब्ट फंडिंग जुटाई है। कंपनी इस फंड का इस्तेमाल विशेष रूप से अपने आयुष्मान भारत योजना (AB-PMJAY) से जुड़े संचालन को मजबूत करने में करेगी।

आइए जानते हैं इस डील के पीछे की पूरी कहानी और Care.fi की आगे की योजनाएं।

🏥 आयुष्मान भारत योजना से जुड़े संचालन पर फोकस

Care.fi ने बताया कि इस फंडिंग से वह आयुष्मान भारत योजना के तहत अपने कार्यों को और प्रभावी बनाने पर जोर देगा।
गौरतलब है कि जून 2024 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत:

  • 550 मिलियन (55 करोड़) से अधिक लाभार्थी कवर किए जा चुके हैं।
  • 29,000 से अधिक अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है।

यह आंकड़े दिखाते हैं कि देशभर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ रहा है, और Care.fi जैसे स्टार्टअप्स को इसमें अहम भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है।

📈 सरकारी हेल्थकेयर खर्च में इज़ाफा

मार्केट रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार का हेल्थकेयर पर खर्च अब GDP का 1.84% हो चुका है।
इस बढ़े हुए बजट ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) जैसी पहलों को सपोर्ट किया है, जिससे लाखों लोगों को मुफ्त और किफायती इलाज मिल रहा है।

Care.fi इस बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए अपने टेक्नोलॉजी-संचालित वित्तीय समाधानों के जरिए अस्पतालों को बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट और क्लेम सेटलमेंट में सहायता प्रदान कर रहा है।

👨‍⚕️ Care.fi की स्थापना और अब तक की यात्रा

Care.fi की स्थापना सिदक सिंह और विक्रांत अग्रवाल ने की थी।
कंपनी का उद्देश्य था — हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के जरिए तेज़ और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करना।

अब तक Care.fi ने:

  • 100 से अधिक अस्पतालों को वित्तीय सहायता दी है।
  • कुल मिलाकर 800 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया है।
  • शुरुआत के दो सालों के भीतर NBFC लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया है।

ये उपलब्धियां Care.fi के तेज़ विकास और मजबूत बिजनेस मॉडल का संकेत देती हैं।

🔧 फंड का इस्तेमाल कहां होगा?

Care.fi ने स्पष्ट किया है कि इस नई फंडिंग का इस्तेमाल मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:

  • आयुष्मान भारत योजना के तहत तेज़ और सुरक्षित क्लेम सेटलमेंट सिस्टम बनाना।
  • अस्पतालों के लिए कैश फ्लो मैनेजमेंट को आसान और कुशल बनाना।
  • अपने बैकएंड ऑपरेशंस को मजबूत करना ताकि बड़े स्तर पर सेवा दी जा सके।
  • हेल्थकेयर सेक्टर के लिए AI और डेटा एनालिटिक्स आधारित समाधान तैयार करना।

जैसे-जैसे आयुष्मान भारत योजना और अधिक केंद्रीकृत हो रही है, वैसे-वैसे अस्पतालों के लिए भुगतान का प्रोसेस अधिक तकनीकी और तेज़ बनाना आवश्यक होता जा रहा है — और Care.fi इसी जरूरत को पूरा करने के लिए काम कर रहा है।

🛡️ Care.fi का रणनीतिक दृष्टिकोण

Care.fi की रणनीति न केवल तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने की है, बल्कि अस्पतालों को दीर्घकालिक स्थिरता और ग्रोथ के लिए तैयार करना भी है।
इसके लिए कंपनी:

  • अस्पतालों को समय पर क्लेम सेटलमेंट में मदद करती है।
  • ऑपरेशनल खर्चों के बेहतर प्रबंधन में सपोर्ट करती है।
  • टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशंस के माध्यम से प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करती है।

Care.fi मानता है कि यदि अस्पतालों का वित्तीय आधार मजबूत होगा, तो वे मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान कर पाएंगे और देश का हेल्थकेयर सिस्टम भी मजबूत होगा।

🌐 भविष्य की योजनाएं

Care.fi भविष्य में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और विस्तृत करने की योजना बना रहा है। इसके तहत:

  • छोटे और मझोले अस्पतालों के लिए वर्किंग कैपिटल सॉल्यूशंस
  • बीमा कंपनियों के साथ गठजोड़ कर इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेसिंग को तेज़ करना।
  • टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का विस्तार कर ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ना।

साथ ही, कंपनी AI-ड्रिवन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है जिससे हेल्थकेयर सेक्टर में निर्णय प्रक्रिया और भी तेज और डेटा-आधारित हो सके।


✨ निष्कर्ष

Care.fi की इस 6 करोड़ रुपये की फंडिंग ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत में हेल्थकेयर फिनटेक सेक्टर तेजी से उभर रहा है।
आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए, Care.fi जैसी कंपनियां भारत के डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

आगे आने वाले समय में, Care.fi का प्रभाव भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम में और भी अधिक देखने को मिलेगा — खासकर ऐसे समय में जब सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही है और टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर दे रही है। 🚀

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