Accel ने लॉन्च किया 8वां फंड, भारतीय और साउथईस्ट एशियाई स्टार्टअप्स को मिलेगा $650 मिलियन का समर्थन

Accel

वेंचर कैपिटल फर्म Accel ने अपने आठवें फंड की घोषणा की है, जिसमें $650 मिलियन का निवेश शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के लिए आवंटित किया जाएगा। यह पहल भारत और साउथईस्ट एशिया में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए फर्म की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह फंड एंटरप्राइज AI, कंज्यूमर सर्विसेज, फिनटेक, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को सहयोग देगा।


Accel की पिछली फंडिंग पहल

मार्च 2022 में, Accel ने भारत-केंद्रित अपने सातवें फंड की घोषणा की थी, जिसका आकार भी $650 मिलियन था। यह फंड शुरुआती, सीड, और प्री-सीड स्टेज स्टार्टअप्स पर केंद्रित था।

फर्म के अनुसार, नए फंड में 131 अज्ञात निवेशकों की भागीदारी रही, जो इस क्षेत्र के उद्यमशीलता के वातावरण में मजबूत रुचि को दर्शाता है।


निवेश रणनीति और प्राथमिकता क्षेत्र

Accel की निवेश रणनीति कुछ खास क्षेत्रों पर केंद्रित है:

  1. एंटरप्राइज AI समाधान:
    • फर्म ऐसे संस्थापकों को सहयोग देना चाहती है जो भारत की IT सेवाओं की विशेषज्ञता का उपयोग कर ऑटोमेशन प्रोडक्ट्स विकसित कर रहे हैं।
  2. कंज्यूमर-ओरिएंटेड कंपनियां:
    • कंज्यूमर सर्विसेज और वेल्थ मैनेजमेंट स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
  3. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर:
    • मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स में निवेश के जरिए फर्म इस क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है।

16 वर्षों का अनुभव और सफलता की कहानियां

भारत और साउथईस्ट एशिया में 16 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली Accel ने कई स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी की है, जिन्होंने अपने-अपने उद्योगों को नई परिभाषा दी है। Accel के पोर्टफोलियो में शामिल कुछ प्रमुख कंपनियां हैं:

  • ई-कॉमर्स: Flipkart, Urban Company
  • SaaS: Freshworks, BrowserStack
  • फिनटेक: Acko
  • फूड टेक: Swiggy
  • मैन्युफैक्चरिंग: Zetwerk
  • अन्य: Amagi, BlackBuck, BlueStone, Cult.fit

Accel का दावा है कि उसके पोर्टफोलियो में शामिल 80% कंपनियों में वह पहला संस्थागत निवेशक रहा है।


क्यों है यह फंड महत्वपूर्ण?

1. भारतीय और साउथईस्ट एशिया में स्टार्टअप्स का समर्थन

भारत और साउथईस्ट एशिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम में तेजी से वृद्धि हो रही है। Accel का यह फंड नई पीढ़ी के उद्यमियों को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने में मदद करेगा।

2. एंटरप्राइज AI में बढ़ती रुचि

AI और ऑटोमेशन का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। यह फंड एंटरप्राइज AI स्टार्टअप्स को विशेष रूप से सहयोग देगा, जो भारत की IT विशेषज्ञता का लाभ उठाकर वैश्विक समाधान प्रदान कर सकते हैं।

3. विविध पोर्टफोलियो रणनीति

Accel की निवेश रणनीति विभिन्न क्षेत्रों को कवर करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इनोवेशन हर उद्योग में हो सके।

4. शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन

प्री-सीड और सीड स्टेज स्टार्टअप्स को निवेश मिलने से उन्हें अपनी नींव मजबूत करने का अवसर मिलेगा।


निवेशकों की भागीदारी और क्षेत्रीय रुचि

Accel के अनुसार, इस फंड में 131 अज्ञात निवेशकों ने भाग लिया है। यह न केवल भारतीय और साउथईस्ट एशियाई बाजारों की संभावनाओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वैश्विक निवेशक इन क्षेत्रों के स्टार्टअप्स में निवेश करने के इच्छुक हैं।


पिछले निवेशों की सफलता

Accel ने पहले भी कई स्टार्टअप्स में निवेश किया है, जिन्होंने अपने उद्योग में क्रांति ला दी:

  • Flipkart: भारत का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म।
  • Freshworks: ग्लोबल SaaS इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी।
  • Swiggy: भारत की अग्रणी फूड डिलीवरी सर्विस।
  • Urban Company: होम सर्विसेस में अग्रणी।
  • Zetwerk: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रमुख नाम।

भारत और साउथईस्ट एशिया के लिए अवसर

यह फंड न केवल स्टार्टअप्स को फाइनेंशियल सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें मार्गदर्शन और नेटवर्किंग के अवसर भी देगा। इससे भारत और साउथईस्ट एशिया के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।


निष्कर्ष

Accel का $650 मिलियन का यह आठवां फंड भारतीय और साउथईस्ट एशियाई स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है। यह फंड उन उद्यमियों के लिए मददगार साबित होगा जो नए विचारों और तकनीकों के माध्यम से उद्योगों को बदलने का सपना देखते हैं।

इस पहल से न केवल इन क्षेत्रों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि भारतीय और साउथईस्ट एशियाई स्टार्टअप्स वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।

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Arya.ag पहला एग्रीटेक स्टार्टअप जिसने 2024 में दो फंडिंग राउंड हासिल किए

Arya.ag

Arya.ag, जो एक अग्रणी एग्रीटेक स्टार्टअप है, 2024 में दो फंडिंग राउंड हासिल करने वाला पहला स्टार्टअप बन गया है। यह उपलब्धि कंपनी की बढ़ती प्रॉफिटेबिलिटी और स्केलिंग के कारण संभव हुई, जो हाल के वर्षों में एग्रीटेक सेक्टर में दुर्लभ है।

नोएडा स्थित Arya.ag एक ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो किसानों, एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन), वित्तीय संस्थानों, एसएमई प्रोसेसर्स, ट्रेडर्स और कॉरपोरेट एग्रीबिजनेस को जोड़ता है। यह फार्मगेट स्टोरेज, फाइनेंस और सालभर सप्लाई की सुविधा प्रदान करता है। इसकी सहायक कंपनी Aryadhan वेयरहाउस रसीद वित्तपोषण (warehouse receipt financing) की सेवाएं देती है।


वित्तीय वर्ष 2024 में Arya.ag का प्रदर्शन

Arya.ag ऑपरेटिंग राजस्व में वृद्धि

  • वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में Arya.ag का ऑपरेटिंग राजस्व ₹340 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹288 करोड़ था।
  • यह 18% की वृद्धि है, जो कंपनी की लगातार बढ़ती सेवाओं और विस्तार का संकेत है।

आय के मुख्य स्रोत

  1. स्टोरेज और वेयरहाउसिंग इनकम:
    • यह ₹212.8 करोड़ के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा, जो कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 62.64% है।
    • इस श्रेणी में 7.5% की वृद्धि दर्ज की गई।
  2. ऋण पर ब्याज आय:
    • ऋण पर ब्याज आय में 27.2% की बढ़ोतरी हुई, जो FY24 में ₹55.4 करोड़ तक पहुंची।
  3. अन्य आय:
    • अन्य आय से ₹71.5 करोड़ का योगदान मिला।
  4. गैर-ऑपरेटिंग राजस्व:
    • गैर-ऑपरेटिंग राजस्व के माध्यम से कंपनी ने ₹13 करोड़ की अतिरिक्त आय अर्जित की, जिससे FY24 में कुल आय ₹352 करोड़ हो गई।

खर्चों का विश्लेषण

कुल खर्चों में वृद्धि

  • FY24 में Arya.ag के कुल खर्चों में 16% की वृद्धि हुई, जो FY23 में ₹284.6 करोड़ से बढ़कर ₹330.4 करोड़ हो गई।

मुख्य खर्च श्रेणियां:

  1. सेवाओं की लागत:
    • यह सबसे बड़ा खर्च क्षेत्र रहा, जो FY24 में ₹183.9 करोड़ था।
    • इसमें 3.1% की मामूली वृद्धि हुई।
  2. कर्मचारी लाभ लागत:
    • कर्मचारियों के लाभ खर्च में 17.1% की वृद्धि हुई, जो FY24 में ₹50 करोड़ तक पहुंच गई।
  3. वित्तीय व्यय:
    • वित्तीय व्यय में 56.3% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹60 करोड़ हो गया।
  4. अन्य खर्च:
    • अन्य खर्चों ने कुल ₹36.5 करोड़ का योगदान दिया।

लाभ और प्रॉफिटेबिलिटी

लाभ में बड़ी छलांग

  • Arya.ag का FY24 में शुद्ध लाभ ₹19 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹7.6 करोड़ था।
  • यह लाभ 2.5 गुना वृद्धि को दर्शाता है।

अन्य वित्तीय संकेतक:

  • ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड):
    • FY24 में ROCE 14.87% पर रहा।
  • EBITDA मार्जिन:
    • कंपनी का EBITDA मार्जिन 25.3% रहा।
  • व्यय-से-आय अनुपात:
    • व्यय-से-आय अनुपात ₹0.97 दर्ज किया गया, जो बताता है कि प्रत्येक ₹1 कमाने के लिए कंपनी ₹0.97 खर्च कर रही है।

Arya.ag की सफलता के कारण

  1. इनोवेटिव बिजनेस मॉडल:
    • कंपनी का ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म किसानों और खरीदारों को सीधे जोड़ता है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ती है।
  2. स्टोरेज और फाइनेंस की मजबूत सेवाएं:
    • कंपनी की फार्मगेट स्टोरेज और वेयरहाउस रसीद वित्तपोषण सेवाएं इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखती हैं।
  3. लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित:
    • बढ़ती आय के साथ-साथ खर्चों पर नियंत्रण ने कंपनी को लाभप्रदता बनाए रखने में मदद की।

चुनौतियां और आगे की राह

चुनौतियां:

  1. बढ़ती प्रतिस्पर्धा:
    • एग्रीटेक सेक्टर में कई नए खिलाड़ी प्रवेश कर रहे हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
  2. मूल्य स्थिरता:
    • अनाज और कृषि उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव कंपनी के राजस्व पर असर डाल सकता है।

आगे की रणनीतियां:

  1. टेक्नोलॉजी का उपयोग:
    • डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग का उपयोग सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
  2. भौगोलिक विस्तार:
    • नए बाजारों में प्रवेश करना और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार Arya.ag को और अधिक ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा।
  3. नए प्रोडक्ट और सेवाएं:
    • वित्तीय सेवाओं और स्मार्ट स्टोरेज सॉल्यूशंस जैसे इनोवेशन कंपनी के विकास को तेज कर सकते हैं।

निष्कर्ष: Arya.ag की स्थिर प्रगति

Arya.ag ने FY24 में अपने राजस्व और लाभप्रदता में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किया है।

  • दो फंडिंग राउंड प्राप्त करना और लाभप्रदता बनाए रखना इसे एग्रीटेक सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है।
  • भविष्य में, कंपनी को अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत करने, नई तकनीकों को अपनाने और ग्राहक आधार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

यदि Arya.ag इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी रणनीतियों को लागू कर पाती है, तो यह भारतीय एग्रीटेक क्षेत्र में एक लीडर के रूप में उभर सकती है।

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Logistics Platform Shiprocket ने Rs 219 करोड़ की फंडिंग जुटाई

Shiprocket

लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन को सुलभ बनाने वाले प्लेटफॉर्म Shiprocket ने अपनी चल रही सीरीज E फंडिंग राउंड के विस्तार में Rs 219 करोड़ (लगभग $26 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व KDT Ventures ने किया है, जबकि MUFG बैंक, Tribe Capital, और SAI Global ने भी इसमें भाग लिया है।


Shiprocket फंडिंग का वितरण

Shiprocket के बोर्ड ने 50,461 सीरीज E3 CCPS (कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर्स) को Rs 43,394 प्रति शेयर के इश्यू प्राइस पर जारी करने का प्रस्ताव पास किया है। इस फंडिंग का विवरण इस प्रकार है:

  • KDT Ventures: Rs 124.5 करोड़
  • MUFG बैंक: Rs 49.8 करोड़
  • Tribe Capital: Rs 6.23 करोड़
  • Huddle Collective: Rs 34.7 लाख
  • SAI Global India: Rs 38 करोड़

कंपनी की वैल्यूएशन और आगे की संभावनाएं

फंडिंग के बाद, Shiprocket की पोस्ट-फंडिंग वैल्यूएशन लगभग Rs 10,195 करोड़ (लगभग $1.21 बिलियन) आंकी गई है। यह संभावना है कि यह फंडिंग एक बड़े राउंड का हिस्सा है, जिसमें भविष्य में और पूंजी जुटाई जा सकती है।

Shiprocket ने अब तक कुल $320 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है। इससे पहले, कंपनी ने McKinsey के नेतृत्व में $11 मिलियन का फंड जुटाया था।


Shiprocket का परिचय और सेवाएं

Shiprocket की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना ने की थी। यह एक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है, जो व्यवसायों को लॉजिस्टिक्स से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदद करता है।

सेवाओं में शामिल हैं:

  1. कूरियर इंटीग्रेशन: व्यवसायों को अपने शिपिंग विकल्पों को कूरियर सेवाओं के साथ जोड़ने की सुविधा।
  2. रियल-टाइम ट्रैकिंग: शिपमेंट की स्थिति को लाइव ट्रैक करने का विकल्प।
  3. ऑटोमेटेड सॉल्यूशंस: शिपिंग और लॉजिस्टिक्स प्रक्रिया को ऑटोमेट करना।

Shiprocket छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMBs) को शिपिंग की प्रक्रिया को कुशल और सस्ती बनाने में मदद करता है।


Shiprocket के प्रमुख निवेशक

Shiprocket के निवेशकों की सूची प्रभावशाली है।

  • Bertelsmann Nederland B.V.: सबसे बड़े बाहरी स्टेकहोल्डर।
  • Tribe Capital: प्रमुख निवेशकों में शामिल।
  • अन्य notable निवेशक: Zomato, Temasek, LightRock, और PayPal

लॉजिस्टिक्स सेक्टर में Shiprocket का प्रभाव

लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इंडस्ट्री में Shiprocket का एक बड़ा योगदान है।

  1. डिजिटल समाधान: Shiprocket की तकनीकी क्षमताएं इसे अन्य पारंपरिक लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं से अलग बनाती हैं।
  2. छोटे व्यवसायों का सशक्तिकरण: Shiprocket के माध्यम से SMBs के लिए ग्राहक तक सामान पहुंचाना अधिक सरल और किफायती हो गया है।
  3. विस्तृत नेटवर्क: Shiprocket ने भारत में अपने सेवा नेटवर्क का विस्तार किया है, जिससे यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से पहुंच बना सका है।

Shiprocket की विकास यात्रा

Shiprocket की स्थापना 2017 में हुई थी।

  • यह तेजी से विकसित हुआ और आज भारतीय यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल है।
  • कंपनी ने तकनीकी नवाचारों के माध्यम से अपनी सेवाओं को अपग्रेड किया है।
  • फंडिंग राउंड्स और नए साझेदारियों के माध्यम से Shiprocket ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है।

भविष्य की योजनाएं

Shiprocket का उद्देश्य अपने लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन समाधान को और मजबूत करना है।

  1. तकनीकी निवेश:
    • Shiprocket अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक कुशल बनाने के लिए नई तकनीकों में निवेश करेगा।
  2. नेटवर्क विस्तार:
    • कंपनी का लक्ष्य भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करना है।
  3. साझेदारियों का विस्तार:
    • Shiprocket नई साझेदारियां बनाकर अपने व्यवसाय को और बढ़ाएगा।

लॉजिस्टिक्स सेक्टर का व्यापक प्रभाव

भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर में Shiprocket जैसे प्लेटफॉर्म का महत्व तेजी से बढ़ रहा है।

  • ई-कॉमर्स का विस्तार: भारत में ई-कॉमर्स का विकास लॉजिस्टिक्स सेक्टर की वृद्धि को प्रेरित कर रहा है।
  • डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: Shiprocket जैसे प्लेटफॉर्म डिजिटल तकनीकों के उपयोग से सेक्टर को आधुनिक बना रहे हैं।
  • नए अवसर: लॉजिस्टिक्स सेक्टर में नवाचार और निवेश के कारण नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

निष्कर्ष

Shiprocket का Rs 219 करोड़ का फंडिंग राउंड और $1.21 बिलियन की वैल्यूएशन इसे भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाते हैं।

  • कंपनी का फोकस तकनीकी नवाचार, सेवा विस्तार, और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने पर है।
  • भविष्य में, Shiprocket का उद्देश्य अपने नेटवर्क और सेवाओं को और अधिक विकसित करना है, जो भारतीय लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

Shiprocket की यह उपलब्धि भारतीय स्टार्टअप्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए एक प्रेरणा है।

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Univest ने सीरीज A फंडिंग राउंड में जुटाए $10 मिलियन

Univest

रिटेल एडवाइजरी प्लेटफॉर्म Univest ने अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में $10 मिलियन (लगभग ₹83 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व Bertelsmann India Investments (BII) ने किया। इससे पहले, स्टार्टअप ने $1.5 मिलियन (लगभग ₹12.4 करोड़) का सीड फंडिंग राउंड Trinity Media Group, आकाश आनंद, दीप बजाज, और अन्य निवेशकों से जुटाया था।


Univest फंडिंग का उपयोग

Univest ने अपने बयान में बताया कि इस ताज़ा फंडिंग का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाली रिसर्च को सभी के लिए सुलभ बनाने और फुल-स्टैक ब्रोकरेज सर्विस प्रदान करने के अपने लक्ष्य को तेजी से आगे बढ़ाने में किया जाएगा।


यूनिवेस्ट का परिचय और उद्देश्य

स्थापना और संस्थापक:

यूनिवेस्ट की स्थापना 2022 में प्रणीत अरोड़ा, अवनीत धमीजा, और विकाश अग्रवाल ने की थी। यह एक रिटेल एडवाइजरी प्लेटफॉर्म है, जो निवेशकों को SEBI-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट के माध्यम से जनरल सिफारिशें प्रदान करता है।

प्रमुख सेवाएं:

यूनिवेस्ट प्लेटफॉर्म निवेशकों को स्टॉक्स, डेरिवेटिव्स, और कमोडिटीज में एक्सपर्ट ट्रेडिंग सलाह देता है।

लक्ष्य:

यूनिवेस्ट का उद्देश्य भारत का सबसे भरोसेमंद और रिसर्च-फोकस्ड स्टॉक मार्केट सुपर ऐप बनना है। यह खुदरा निवेशकों की सभी समस्याओं का समाधान एक ही प्लेटफॉर्म पर प्रदान करता है, जिसमें सही स्टॉक चुनने से लेकर समय पर एग्जिट करने तक की सहायता शामिल है।


यूनिवेस्ट की विशिष्टताएं

  1. ह्यूमन एक्सपर्टाइज और एडवांस एल्गोरिद्म का संयोजन:
    यूनिवेस्ट अपने प्लेटफॉर्म पर रियल-टाइम स्टॉक स्क्रीनिंग और उन्नत एल्गोरिद्म के साथ मानव विशेषज्ञता को जोड़ता है।
  2. लाइव मार्केट एनालिसिस:
    निवेशकों को SEBI-रजिस्टर्ड एनालिस्ट्स से लाइव मार्केट के दौरान एंट्री और एग्जिट सिग्नल्स मिलते हैं।
  3. लचीलापन और किफायती प्लान्स:
    यूनिवेस्ट इक्विटी, फ्यूचर्स, ऑप्शन्स, और कमोडिटीज के लिए 3, 6, 12 महीने और 5 साल के लचीले सब्सक्रिप्शन प्लान्स प्रदान करता है।
  4. टाइमली और एक्यूरेट निर्णय:
    यूनिवेस्ट के प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को समय पर और सटीक निर्णय लेने में मदद की जाती है।

यूनिवेस्ट के सह-संस्थापक का दृष्टिकोण

यूनिवेस्ट के सह-संस्थापक और सीईओ प्रणीत अरोड़ा ने कहा:

“हमारा फोकस उपयोगकर्ताओं के लिए निवेश यात्रा को सरल बनाने के लिए निर्बाध, व्यक्तिगत और क्रियाशील इनसाइट्स प्रदान करने पर रहेगा। हम इस साझेदारी का लाभ उठाकर ब्रोकरेज मॉडल को फिर से परिभाषित करने और यूनिवेस्ट को भारत में खुदरा निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करने की उम्मीद कर रहे हैं।”


यूनिवेस्ट की सेवाओं की विशेषताएं

1. SEBI-रजिस्टर्ड रिसर्च:

यूनिवेस्ट का Uniresearch SEBI-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट इकाई है, जो निवेशकों को प्रमाणित और विश्वसनीय सलाह प्रदान करती है।

2. एंट्री और एग्जिट सिग्नल्स:

निवेशकों को लाइव मार्केट घंटों में सही समय पर एंट्री और एग्जिट सिग्नल्स मिलते हैं, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

3. निवेशकों के लिए एक ही प्लेटफॉर्म:

प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को उनके सभी निवेश जरूरतों के समाधान एक ही स्थान पर मिलते हैं, जिससे उनकी प्रक्रिया आसान हो जाती है।


भारत में रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स का भविष्य

बढ़ती मांग:

भारत में रिटेल निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्मार्टफोन और डिजिटल ट्रेंड्स ने छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए स्टॉक मार्केट में प्रवेश करना आसान बना दिया है।

टेक्नोलॉजी का प्रभाव:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों ने निवेशकों के लिए सही स्टॉक्स चुनना और उनके पोर्टफोलियो को मैनेज करना अधिक प्रभावी बना दिया है।

सरकारी समर्थन:

सरकार द्वारा वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयासों ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।


फंडिंग में प्रमुख निवेशक

Bertelsmann India Investments (BII):

BII का निवेश यूनिवेस्ट की क्षमता और बाजार में इसके संभावनाओं को दर्शाता है।

Trinity Media Group और अन्य:

पहले राउंड के निवेशकों ने यूनिवेस्ट की शुरुआती यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


निष्कर्ष

यूनिवेस्ट का $10 मिलियन का सीरीज A फंडिंग राउंड न केवल इसकी विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत के खुदरा निवेश क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने की क्षमता को भी दर्शाता है।

  • यूनिवेस्ट का उद्देश्य खुदरा निवेशकों की समस्याओं को हल करना और उन्हें बेहतर निवेश अनुभव प्रदान करना है।
  • यह फंडिंग स्टार्टअप को अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने, नई सेवाएं जोड़ने, और भारतीय निवेशकों के लिए निवेश प्रक्रिया को और सरल बनाने में मदद करेगी।

यूनिवेस्ट जैसे प्लेटफॉर्म भारत के खुदरा निवेश परिदृश्य को एक नई दिशा दे रहे हैं और देश के वित्तीय सशक्तिकरण में योगदान कर रहे हैं।

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Cult.fit में नेतृत्व परिवर्तन Naresh Krishnaswamy बने CEO

Cult.fit

फिटनेस टेक कंपनी cult.fit ने वित्त वर्ष 2024 में महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन का अनुभव किया। कंपनी के सह-संस्थापक नरेश कृष्णस्वामी को CEO के पद पर पदोन्नत किया गया, जबकि सह-संस्थापक मुकेश बंसल ने कार्यकारी चेयरमैन का पद संभाला।

इस बदलाव के साथ, Cult.fit ने 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की, लेकिन वित्तीय वर्ष 2024 के दौरान कंपनी के घाटे में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं हुआ।


राजस्व में 33.6% की वृद्धि

cult.fit की ऑपरेटिंग रेवन्यू (संचालन से होने वाली आय) में 33.6% की वृद्धि दर्ज की गई। वित्तीय वर्ष 2023 में यह आय 694 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 927 करोड़ रुपये हो गई।

कमाई के मुख्य स्रोत:

  1. फिटनेस सब्सक्रिप्शन (Fitness Subscriptions)
    • कंपनी की कुल आय का 72.3% हिस्सा फिटनेस सब्सक्रिप्शन से आया।
    • इसमें Cultpass, Cult.fit सेंटर्स और अन्य प्लेटफॉर्म सेवाएं शामिल हैं।
    • इस श्रेणी से आय में 46.6% की वृद्धि हुई और यह 670 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
  2. स्पोर्ट्सवेयर और फिटनेस इक्विपमेंट (Sportswear and Fitness Equipment)
    • Cultsport के तहत संचालित स्पोर्ट्सवेयर और फिटनेस उपकरण बिक्री ने 257 करोड़ रुपये का योगदान दिया।

नई नेतृत्व टीम का प्रभाव

नरेश कृष्णस्वामी को CEO बनाए जाने के बाद, कंपनी ने नई रणनीतियों पर जोर दिया, जिससे स्केल और रेवन्यू में तेजी से बढ़ोतरी हुई।

नरेश कृष्णस्वामी की भूमिका:

  • कंपनी के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया।
  • फिटनेस से जुड़ी डिजिटल सेवाओं और फिजिकल सेंटर्स के संचालन को मजबूत किया।
  • स्पोर्ट्सवेयर और इक्विपमेंट सेगमेंट में नई योजनाएं पेश कीं।

मुकेश बंसल ने कार्यकारी चेयरमैन के रूप में अपनी भूमिका में रणनीतिक दिशा देने और कंपनी के दीर्घकालिक विजन को मजबूत करने पर ध्यान दिया।


Cult.fit की सेवाएं और व्यवसाय मॉडल

Cult.fit एक व्यापक फिटनेस टेक प्लेटफॉर्म है, जो कई सेवाएं प्रदान करता है:

  1. Cultpass:
    • यह सब्सक्रिप्शन आधारित सेवा है, जिसके तहत ग्राहक कंपनी के फिटनेस सेंटर्स और जिम्स का उपयोग कर सकते हैं।
    • कंपनी ने इस सेवा को और अधिक किफायती व व्यापक बनाने पर जोर दिया।
  2. Cult.fit सेंटर्स:
    • फिजिकल फिटनेस सेंटर्स कंपनी की प्रमुख सेवाओं में शामिल हैं।
    • यहां पर विभिन्न फिटनेस एक्टिविटीज जैसे जिम, योगा, ग्रुप वर्कआउट और ट्रेनिंग क्लासेस की पेशकश की जाती है।
  3. स्पोर्ट्सवेयर और इक्विपमेंट:
    • Cultsport के अंतर्गत स्पोर्ट्सवियर और फिटनेस इक्विपमेंट की बिक्री की जाती है।
    • कंपनी ने इस सेगमेंट को अपने व्यवसाय का दूसरा बड़ा राजस्व स्रोत बनाया है।
  4. डिजिटल प्लेटफॉर्म सेवाएं:
    • फिटनेस ऐप्स और ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल्स के जरिए होम वर्कआउट और ऑनलाइन फिटनेस क्लासेस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

घाटे में कोई बदलाव नहीं

भले ही कंपनी ने राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि की, लेकिन वित्तीय वर्ष 2024 में कुल घाटा पिछले वर्ष के समान ही बना रहा।

  • इस स्थिति का मुख्य कारण कंपनी का विस्तार और विकास पर निवेश है।
  • कंपनी ने मार्केटिंग, तकनीकी अपग्रेड और नई सेवाओं के विस्तार पर खर्च बढ़ाया।

विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी के खर्चे और निवेश से भविष्य में स्थायी लाभ की संभावना बढ़ेगी।


फिटनेस बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत का फिटनेस टेक बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, और Cult.fit इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक है। हालांकि, इस क्षेत्र में कई नई कंपनियां उभरकर आ रही हैं:

  1. डिजिटल फिटनेस प्लेटफॉर्म्स:
    • HealthifyMe, Fittr, और Peloton जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
  2. होम फिटनेस का बढ़ता ट्रेंड:
    • कोविड-19 के बाद, लोग होम वर्कआउट को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं।
  3. सप्लाई चेन और लागत:
    • फिटनेस इक्विपमेंट और स्पोर्ट्सवियर की बिक्री में बढ़ोतरी के बावजूद, लागत का दबाव कंपनी के मुनाफे पर असर डालता है।

आगे की रणनीति और भविष्य की योजनाएं

Cult.fit ने अपनी लीडरशिप टीम में बदलाव के साथ नई योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।

  1. डिजिटल और फिजिकल सेवाओं का विस्तार:
    • कंपनी आने वाले महीनों में नए शहरों और कस्टमर बेस का विस्तार करेगी।
  2. स्पोर्ट्सवेयर सेगमेंट में निवेश:
    • Cultsport ब्रांड के जरिए प्रीमियम स्पोर्ट्सवियर और इक्विपमेंट की बिक्री बढ़ाई जाएगी।
  3. सस्टेनेबल ग्रोथ पर ध्यान:
    • कंपनी का फोकस लॉन्ग-टर्म प्रोफिटेबिलिटी पर रहेगा।
  4. मार्केटिंग और कस्टमर इंगेजमेंट:
    • डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए अधिक ग्राहकों को जोड़ने और ब्रांड वैल्यू बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

निष्कर्ष

Cult.fit ने वित्त वर्ष 2024 में लीडरशिप बदलाव के साथ उल्लेखनीय 33.6% की राजस्व वृद्धि दर्ज की है। नरेश कृष्णस्वामी के नेतृत्व में कंपनी ने विस्तार की ओर कदम बढ़ाए हैं, जबकि मुकेश बंसल रणनीतिक दिशा प्रदान कर रहे हैं।

हालांकि, घाटे में कोई बदलाव न आना एक चुनौती बना हुआ है, लेकिन निवेश और विकास योजनाओं के जरिए Cult.fit आने वाले वर्षों में भारतीय फिटनेस टेक बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए तैयार है।

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Ullu OTT प्लेटफॉर्म का वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में 7% राजस्व वृद्धि, लेकिन मुनाफे में 16% गिरावट

Ullu

मुंबई स्थित ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म ULLU ने वित्तीय वर्ष 2024 में 7% की मामूली राजस्व वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, कंपनी के मुनाफे में इसी अवधि के दौरान 16% से अधिक की गिरावट हुई।

ULLU राजस्व में वृद्धि, लेकिन लाभ में गिरावट

वित्त वर्ष 2024 में ULLU का परिचालन राजस्व 99.7 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष 2023 में 93 करोड़ रुपये था।

  • 99.9% आय Ullu के मुख्य व्यवसाय, यानी कंटेंट की बिक्री से आई।
  • कंटेंट बिक्री से राजस्व वित्त वर्ष 2023 में 92.44 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 99.5 करोड़ रुपये हो गया, यानी 7.7% की वृद्धि

हालांकि, अन्य उत्पादों की बिक्री से आय में 82.9% की गिरावट दर्ज की गई। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 में घटकर 12 लाख रुपये रह गया।
कंपनी ने 50 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व ब्याज आय से भी अर्जित किया, जिससे कुल राजस्व 100.18 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।


Ullu की व्यावसायिक रणनीति और कंटेंट मॉडल

Ullu एक सब्सक्रिप्शन-आधारित OTT प्लेटफॉर्म है, जो अपने उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की वीडियो स्ट्रीमिंग सामग्री प्रदान करता है।

  • इसका मुख्य आकर्षण सॉफ्ट पोर्न और बोल्ड कंटेंट है, जिसने इसे छोटे शहरों और कस्बों में लोकप्रिय बनाया है।
  • प्लेटफॉर्म कम कीमत में अनूठा और एंटरटेनिंग कंटेंट प्रदान करता है, जिससे इसे निम्न और मध्यम आय वर्ग के उपयोगकर्ताओं के बीच व्यापक पैठ मिली है।

Ullu की सफलता का एक बड़ा कारण इसका लो-कॉस्ट सब्सक्रिप्शन मॉडल है, जो इसे अन्य प्रीमियम OTT प्लेटफॉर्म्स से अलग करता है।


वित्त वर्ष 2024: चुनौतियां और प्रदर्शन

उत्पाद बिक्री में गिरावट:

  • वित्त वर्ष 2024 में उत्पाद बिक्री से आय में भारी गिरावट आई।
  • यह संकेत देता है कि कंपनी को अपनी गैर-कंटेंट आधारित आय धाराओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।

मुनाफे में गिरावट:

कंपनी के मुनाफे में 16% की गिरावट यह दर्शाती है कि राजस्व में वृद्धि के बावजूद, बढ़ती लागत और अन्य चुनौतियों ने लाभप्रदता को प्रभावित किया।

  • ऑपरेटिंग खर्च: कंपनी के ऑपरेटिंग खर्चों में वृद्धि हुई है, जो मुनाफे में गिरावट का प्रमुख कारण हो सकता है।
  • कंटेंट क्रिएशन और मार्केटिंग पर निवेश: Ullu को अपने दर्शकों के लिए प्रासंगिक और आकर्षक कंटेंट बनाने के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है।

अतिरिक्त आय स्रोत:

ब्याज आय के जरिए 50 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व यह दर्शाता है कि कंपनी के पास नकदी प्रवाह को मजबूत बनाए रखने के लिए निवेश का विकल्प है।


OTT सेक्टर में Ullu का स्थान

भारतीय OTT उद्योग का विकास:

भारत में OTT प्लेटफॉर्म्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।

  • 2024 में भारतीय OTT बाजार का आकार $3.5 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
  • छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और सस्ते डेटा प्लान्स ने इस उद्योग को और बढ़ावा दिया है।

प्रतिस्पर्धा:

Ullu को भारतीय बाजार में Netflix, Amazon Prime Video, और Disney+ Hotstar जैसे बड़े नामों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
हालांकि, Ullu ने अपनी निश-पोजिशनिंग और बोल्ड कंटेंट के जरिए खुद के लिए एक अलग दर्शक वर्ग तैयार किया है।

लोकप्रियता का कारण:

  • किफायती सब्सक्रिप्शन मॉडल।
  • स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट।
  • बोल्ड और अनूठे विषयों पर आधारित शोज।

Ullu के लिए भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

विस्तार की संभावनाएं:

  1. कंटेंट विविधता में वृद्धि:
    • केवल बोल्ड और सॉफ्ट पोर्न तक सीमित न रहकर अन्य प्रकार के कंटेंट, जैसे क्राइम थ्रिलर, कॉमेडी, और परिवारिक ड्रामा, पर फोकस।
    • प्रमुख दर्शकों के साथ-साथ व्यापक दर्शक वर्ग को आकर्षित करने की रणनीति।
  2. नई आय धाराएं:
    • विज्ञापन-आधारित राजस्व मॉडल पर काम करना।
    • मर्चेंडाइज और अन्य उत्पादों की बिक्री में सुधार।
  3. ग्लोबल मार्केट में प्रवेश:
    • Ullu अपनी लोकल फ्लेवर वाली स्टोरीटेलिंग के जरिए वैश्विक दर्शकों को भी आकर्षित कर सकता है।

चुनौतियां:

  1. प्रतिस्पर्धा:
    • प्रीमियम कंटेंट प्लेटफॉर्म्स के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा।
    • बड़े प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी या उनके साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए खुद को अलग साबित करना।
  2. कंटेंट सेंसरशिप:
    • बोल्ड कंटेंट के चलते Ullu को कानूनी और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
  3. लाभप्रदता बनाए रखना:
    • बढ़ते खर्च और मुनाफे में गिरावट को संतुलित करना।
    • ऑपरेशनल लागत को कम करते हुए गुणवत्ता बनाए रखना।

Ullu का प्रभाव और योगदान

स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा:

Ullu ने भारतीय OTT उद्योग में स्थानीय निर्माताओं, निर्देशकों, और अभिनेताओं को एक मंच दिया है।

  • छोटे बजट की कहानियों और क्षेत्रीय कंटेंट को बढ़ावा।

बोल्ड कंटेंट के लिए स्वीकार्यता:

Ullu ने भारतीय दर्शकों के बीच बोल्ड और अनोखे विषयों को स्वीकार्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


निष्कर्ष:

वित्त वर्ष 2024 में Ullu का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि कंपनी ने राजस्व में मामूली वृद्धि तो की है, लेकिन लाभप्रदता बनाए रखना एक चुनौती साबित हो रहा है।

भारतीय OTT बाजार में अपनी जगह को मजबूत रखने के लिए, Ullu को अपनी कंटेंट रणनीति और वित्तीय मॉडल पर फिर से विचार करना होगा।
यदि कंपनी कंटेंट विविधता, नई आय धाराएं, और लागत नियंत्रण पर ध्यान दे, तो Ullu भारतीय OTT उद्योग में लंबे समय तक टिकने और बढ़ने में सक्षम हो सकता है।

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Cashify ने 900 करोड़ रुपये का राजस्व पार किया, घाटा 63% घटाया

Cashify

री-कॉमर्स मार्केटप्लेस Cashify ने वित्त वर्ष 2024 में अपने राजस्व में 14.4% की वृद्धि दर्ज करते हुए 900 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया। वहीं, NewQuest Capital द्वारा समर्थित इस कंपनी ने अपने घाटे को 63% तक कम करने में भी सफलता हासिल की।

Cashify के वित्तीय प्रदर्शन की प्रमुख बातें

  • वित्त वर्ष 2024 में Cashify का परिचालन राजस्व बढ़कर 935 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 817 करोड़ रुपये था।
  • कंपनी ने अपने घाटे को वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले 63% घटा लिया।
  • ये आंकड़े Registrar of Companies (RoC) के माध्यम से सामने आए हैं।

Cashify: इस्तेमाल किए गए डिवाइस का मार्केटप्लेस

Cashify एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो उपयोगकर्ताओं को पुराने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप, को खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, कंपनी कई नामी OEMs (Original Equipment Manufacturers) जैसे:

  1. Xiaomi
  2. OnePlus
  3. Samsung

के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम्स के लिए साझेदारी करती है।

कंपनी Amazon और Flipkart जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर रीफर्बिश्ड डिवाइस ट्रेड को भी आसान बनाती है।


री-कॉमर्स मार्केट का बढ़ता दायरा

री-कॉमर्स की परिभाषा:

री-कॉमर्स का अर्थ है पुराने उत्पादों का खरीद-बिक्री और पुन: उपयोग। यह मॉडल उन उत्पादों को फिर से बाजार में लाता है, जो उपयोगकर्ता द्वारा इस्तेमाल किए जा चुके हैं लेकिन अच्छी स्थिति में हैं।

डिमांड में वृद्धि:

भारत में स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे उपकरणों की रीफर्बिश्ड डिवाइस की मांग तेजी से बढ़ रही है।

  • कम कीमत पर स्मार्टफोन की आवश्यकता।
  • पर्यावरणीय दृष्टिकोण से ई-वेस्ट को कम करना।
  • टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली नई पीढ़ी का इस ओर झुकाव।

आंकड़ों पर एक नजर:

  • भारत में पुराने स्मार्टफोन्स का बाजार 2024 में $5 बिलियन के करीब पहुंचने का अनुमान है।
  • रीफर्बिश्ड डिवाइस सेक्टर में 20-25% की सालाना वृद्धि हो रही है।

Cashify के राजस्व में वृद्धि के कारण

  1. साझेदारी का विस्तार:
    • Xiaomi, OnePlus, और Samsung जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ साझेदारी।
    • Amazon और Flipkart पर रीफर्बिश्ड डिवाइस की बिक्री को बढ़ावा।
  2. ग्राहक आधार का विस्तार:
    • छोटे शहरों और कस्बों में बढ़ता उपयोग।
    • Cashify ऐप और वेबसाइट पर आसान प्रक्रियाओं ने ग्राहकों को आकर्षित किया।
  3. पर्यावरणीय जागरूकता:
    • ग्राहकों का ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग और रीयूज की ओर बढ़ता रुझान।
    • कंपनियों द्वारा सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता देना।
  4. टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशंस:
    • एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग, जिससे सही मूल्यांकन और तेज़ प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके।

घाटे में कमी के पीछे की रणनीति

1. कुशल परिचालन:

  • Cashify ने अपनी लॉजिस्टिक्स और प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बनाया।
  • लागत को कम करते हुए उच्च गुणवत्ता सेवा प्रदान की।

2. मार्केटिंग खर्च में कमी:

  • अधिक ऑर्गेनिक ग्रोथ पर फोकस।
  • पुराने ग्राहकों को बनाए रखने की रणनीति।

3. उत्पाद विविधता:

  • केवल स्मार्टफोन तक सीमित न रहते हुए लैपटॉप और अन्य उपकरणों का व्यापार बढ़ाया।

4. स्थायी विकास मॉडल:

  • फिजिकल ऑपरेशन्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बीच सही संतुलन।

Cashify के लिए आगे की राह

फोकस क्षेत्र:

  1. ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में विस्तार।
  2. नए उत्पाद श्रेणियों को शामिल करना, जैसे:
    • टेबलेट
    • स्मार्टवॉच
    • अन्य गैजेट्स

तकनीकी उन्नति:

  • एआई और मशीन लर्निंग के अधिक उपयोग से प्राइसिंग और कस्टमर एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाना।

सस्टेनेबिलिटी पहल:

  • ई-वेस्ट को कम करने के लिए रीसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग पर अधिक जोर।
  • ग्रीन ऑपरेशन्स को प्राथमिकता देना।

अंतरराष्ट्रीय विस्तार:

  • Cashify भारतीय बाजार में अपनी सफलता के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश कर सकता है।

भारतीय री-कॉमर्स क्षेत्र में Cashify का योगदान

इकोसिस्टम को बढ़ावा:

Cashify ने भारतीय री-कॉमर्स इकोसिस्टम में एक स्ट्रक्चर्ड मॉडल पेश किया है।

  • उपयोगकर्ताओं को पुराने उपकरण बेचने और खरीदने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म।
  • OEMs और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ स्ट्रैटेजिक साझेदारी।

नवाचार और रोजगार:

  • टेक-ड्रिवन अप्रोच के माध्यम से इनोवेशन।
  • नई नौकरियां और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में वृद्धि।

निष्कर्ष

Cashify का वित्त वर्ष 2024 का प्रदर्शन री-कॉमर्स सेक्टर में इसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

  • राजस्व में वृद्धि और घाटे में कमी यह दर्शाती है कि कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
  • भारत में रीफर्बिश्ड डिवाइस ट्रेड के बढ़ते बाजार के साथ, Cashify के पास अपनी सेवाओं को और विस्तार देने का सुनहरा अवसर है।
  • यदि यह कंपनी अपनी ग्राहक-केंद्रित रणनीतियों और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन पर काम जारी रखती है, तो यह न केवल भारतीय बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी री-कॉमर्स के भविष्य को परिभाषित कर सकती है।

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ZingBus को 59 करोड़ रुपये की फंडिंग: BP Ventures ने किया नेतृत्व

ZingBus

गुरुग्राम स्थित इंटरसिटी मोबिलिटी स्टार्टअप Zingbus ने 59 करोड़ रुपये (लगभग 7 मिलियन डॉलर) की फंडिंग जुटाई है। यह 2024 में कंपनी की पहली बड़ी निवेश डील है, जिसमें BP Technology Ventures ने प्रमुख निवेशक की भूमिका निभाई है।

Zingbus फंडिंग विवरण

Zingbus के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित करते हुए 38,455 प्रेफरेंस शेयर जारी करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक शेयर की कीमत 15,355 रुपये निर्धारित की गई है, जिससे कुल मिलाकर 59 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई जाएगी। यह जानकारी कंपनी रजिस्ट्रार (RoC) से प्राप्त रेगुलेटरी फाइलिंग्स में दी गई है।

फंडिंग राउंड में प्रमुख योगदानकर्ता:

  1. BP Ventures:
    • 41.8 करोड़ रुपये का निवेश।
    • इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व किया।
  2. IE Ventures (Info Edge-backed):
    • 14 करोड़ रुपये का निवेश।
  3. 9 Unicorns:
    • 1.25 करोड़ रुपये का निवेश।
  4. AdvantEdge VC:
    • 2 करोड़ रुपये का निवेश।

फंडिंग का उद्देश्य

नए फंड्स का उपयोग मुख्य रूप से कंपनी के विस्तार और विकास में किया जाएगा। इसके अलावा, कंपनी अपने अतिरिक्त पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी इन फंड्स का इस्तेमाल करेगी।

इक्विटी में हिस्सेदारी और मूल्यांकन

  • इक्विटी में 11.16% का डाइल्यूशन होगा।
  • फंडिंग के बाद:
    • BP Ventures: 7.9% हिस्सेदारी प्राप्त करेगा।
    • IE Ventures: 6.07% हिस्सेदारी पर कब्जा करेगा।
  • फंडिंग के बाद ZingBus का कुल मूल्यांकन:
    • लगभग 530 करोड़ रुपये (63 मिलियन डॉलर)।

यह फंडिंग का हिस्सा एक बड़े राउंड का हो सकता है, जिसकी पहली बार रिपोर्टिंग अप्रैल 2023 में Entrackr द्वारा की गई थी।


ZingBus: परिचय और विस्तार योजनाएं

ZingBus एक इंटरसिटी मोबिलिटी स्टार्टअप है, जो लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए सुलभ, सुविधाजनक और किफायती बस सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी ने हाल के वर्षों में तेजी से विस्तार किया है और यात्रियों के बीच अपनी पकड़ मजबूत की है।

मुख्य सेवाएं:

  1. डिजिटल बुकिंग प्लेटफॉर्म:
    यात्रियों के लिए एक सहज और उपयोगकर्ता-अनुकूल ऐप और वेबसाइट।
  2. इंटरसिटी कनेक्टिविटी:
    प्रमुख शहरों के बीच आरामदायक और समयनिष्ठ बस सेवाएं।
  3. किफायती मूल्य:
    बजट-फ्रेंडली विकल्प, जिससे हर वर्ग के यात्री अपनी यात्रा को सुविधाजनक बना सकें।

विस्तार की योजना:

नवीनतम फंडिंग से ZingBus अपनी सेवाओं का विस्तार करने और नई बाजारों में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। कंपनी का उद्देश्य टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपनी पहुंच बढ़ाना और वहां की जनता को उच्च गुणवत्ता वाली बस सेवाएं प्रदान करना है।


BP Ventures और Info Edge की भूमिका

BP Ventures:

  • BP Ventures, जो मुख्य रूप से सस्टेनेबल और इनोवेटिव बिज़नेस मॉडल्स में निवेश करता है, ने इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व किया।
  • 7.9% हिस्सेदारी के साथ, BP Ventures ने ZingBus के हरित और तकनीकी विकास में रुचि दिखाई है।

IE Ventures:

  • Info Edge समर्थित IE Ventures ने 14 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
  • यह ZingBus के भविष्य की संभावनाओं और इसके बढ़ते बाजार को लेकर काफी आशान्वित है।

भारतीय मोबिलिटी बाजार में ZingBus का प्रभाव

भारतीय इंटरसिटी ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर:

  • भारत का इंटरसिटी ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है।
  • यात्री अब पारंपरिक बस सेवाओं से हटकर संगठित और डिजिटल समाधान को प्राथमिकता दे रहे हैं।

ZingBus की सफलता के कारण:

  1. डिजिटल तकनीक का उपयोग:
    ZingBus ने अपनी सेवाओं को तकनीकी रूप से उन्नत बनाया है, जिससे बुकिंग और ट्रैकिंग आसान हो गई है।
  2. यात्रियों की प्राथमिकता:
    किफायती कीमतों, आरामदायक यात्रा और समयबद्ध सेवाओं ने इसे यात्रियों के लिए पसंदीदा विकल्प बनाया है।
  3. नई पीढ़ी पर फोकस:
    युवा यात्रियों और प्रोफेशनल्स को लक्षित करते हुए ZingBus ने अपने सेवाओं को आधुनिक और सरल बनाया है।

निष्कर्ष: ZingBus का भविष्य

नवीनतम फंडिंग राउंड के साथ, ZingBus ने भारतीय इंटरसिटी मोबिलिटी सेक्टर में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

  • कंपनी के विस्तार और प्रौद्योगिकी उन्नयन के प्रयास इसे बाजार में और प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
  • BP Ventures और IE Ventures जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन कंपनी के विकास को गति देगा।

ZingBus का लक्ष्य न केवल यात्री परिवहन में क्रांति लाना है, बल्कि इसे पर्यावरण-संवेदनशील और तकनीकी-आधारित परिवहन मॉडल के रूप में स्थापित करना है। यह फंडिंग राउंड कंपनी के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगा।

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upGrad ने FY24 में 1,876 करोड़ रुपये का revenue दर्ज किया, घाटा 50% कम किया

upGrad

मुंबई स्थित upGrad (upGrad), एक स्किलिंग और लर्निंग प्लेटफॉर्म, ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 1,876 करोड़ रुपये का सकल राजस्व दर्ज किया। इंड-AS अकाउंटिंग मानकों के तहत समायोजनों के बाद, कंपनी की कुल आय 1,547 करोड़ रुपये रही।

upGrad आने वाले वर्षों के लिए अग्रिम राजस्व

upGrad ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 507 करोड़ रुपये का अनरेकोग्नाइज्ड लेकिन कलेक्टेड एडवांस रेवेन्यू अगले वर्षों के लिए अग्रेषित किया गया है।


घाटे में भारी कमी

  • EBITDA घाटा (Excluding one-time costs):
    FY24 में, कंपनी का इंड-AS EBITDA घाटा (एकमुश्त लागतों को छोड़कर) 202 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 558 करोड़ रुपये था।
  • कुल घाटा:
    एकमुश्त लागतों को शामिल करते हुए, EBITDA घाटा साल-दर-साल 50% घटकर 285 करोड़ रुपये रह गया।
    • कंपनी ने FY23 में 1,142 करोड़ रुपये के मुकाबले FY24 में कुल घाटे को 560 करोड़ रुपये तक घटा दिया।

विकास और लागत प्रबंधन का संतुलन

अपग्रेड ने यह दावा किया है कि उसने कर्मचारी लाभ, मार्केटिंग और डिलीवरी पर मामूली लागत वृद्धि के साथ अपने संचालन का विस्तार किया। साथ ही, तकनीकी और उत्पाद विकास पर निवेश भी जारी रखा।

अपग्रेड के सह-संस्थापक मयंक कुमार ने इस प्रदर्शन को लेकर कहा:

“यह हमारे लिए एक मजबूत समेकन (consolidation) का वर्ष रहा है। हमने कोर बिजनेस ऑपरेशंस और संस्थाओं को एकीकृत कर कुशल और स्केलेबल परिणाम प्राप्त किए। हम FY25 पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और मजबूत वृद्धि व लाभप्रदता की उम्मीद कर रहे हैं। हम अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं, हमारे पास शून्य शुद्ध ऋण है, और हम मजबूत ROCE (Return on Capital Employed) उत्पन्न करना जारी रखते हैं।”


अपग्रेड की स्थापना और पेशकश

2015 में स्थापित अपग्रेड ऑनलाइन और हाइब्रिड स्किलिंग प्रोग्राम्स, सर्टिफिकेशन, और बूटकैंप्स प्रदान करता है। इसके अलावा, यह शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में डिप्लोमा, मास्टर और डॉक्टरेट प्रोग्राम्स भी ऑफर करता है।

अपग्रेड की प्रमुख सेवाएं:

  1. स्किलिंग प्रोग्राम्स: प्रोफेशनल्स और छात्रों के लिए स्किल अपग्रेडेशन कोर्स।
  2. सर्टिफिकेशन और बूटकैंप्स: इंडस्ट्री-केंद्रित शॉर्ट-टर्म कोर्स।
  3. डिग्री प्रोग्राम्स: डिप्लोमा से लेकर डॉक्टरेट तक।

FY24 में अपग्रेड का प्रदर्शन

राजस्व और व्यय का प्रभावी प्रबंधन

अपग्रेड ने FY24 में अपने राजस्व में वृद्धि करते हुए घाटे में उल्लेखनीय कमी दर्ज की। यह उपलब्धि कई कारकों के कारण मुमकिन हो सकी:

  • लागत में किफायती वृद्धि: कर्मचारी लाभ, मार्केटिंग और डिलीवरी में अनावश्यक खर्च से बचते हुए लक्षित निवेश।
  • तकनीकी और उत्पाद विकास में निवेश: कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी उन्नयन पर जोर दिया।
  • व्यवसाय संचालन का एकीकरण: कोर ऑपरेशंस को एकीकृत कर संचालन में कुशलता बढ़ाई।

शून्य ऋण और पूंजी की मजबूती

अपग्रेड के पास वर्तमान में शून्य शुद्ध ऋण (Zero Net Debt) है, जो इसे भविष्य की योजनाओं को लागू करने में स्वतंत्रता और स्थिरता प्रदान करता है।


भविष्य की रणनीति: FY25 पर फोकस

अपग्रेड ने FY25 में और मजबूत वृद्धि और लाभप्रदता का लक्ष्य रखा है। कंपनी अपने मौजूदा संसाधनों का कुशल प्रबंधन करते हुए नए बाजारों में विस्तार करने और अधिक छात्रों तक पहुंचने की योजना बना रही है।

प्रमुख फोकस एरिया:

  1. नई तकनीकों का समावेश: एआई और अन्य एडवांस्ड टेक्नोलॉजी को कोर्सेस में शामिल करना।
  2. वैश्विक विस्तार: अपग्रेड की नजर न केवल भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी है।
  3. व्यावसायिक पाठ्यक्रम: उद्योग की मांग के अनुरूप स्किलिंग और अपस्किलिंग कोर्स तैयार करना।

एडटेक इंडस्ट्री में अपग्रेड की भूमिका

एडटेक का बढ़ता दायरा

  • भारत में एडटेक इंडस्ट्री पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकसित हुई है।
  • डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कोविड-19 महामारी के बाद से बढ़ा है।

अपग्रेड का योगदान

अपग्रेड ने भारतीय एडटेक सेक्टर में एक मजबूत स्थान बनाया है। यह न केवल प्रोफेशनल्स को अपस्किलिंग का मौका देता है, बल्कि छात्रों और संगठनों के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती शिक्षा भी उपलब्ध कराता है।


निष्कर्ष

अपग्रेड का FY24 प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि सही रणनीतियों और कुशल प्रबंधन से एडटेक कंपनियां प्रभावशाली परिणाम प्राप्त कर सकती हैं। राजस्व में वृद्धि और घाटे में कमी ने कंपनी को FY25 के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है।

अपग्रेड अब शिक्षा और स्किलिंग के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए नए अवसर उत्पन्न करने की दिशा में अग्रसर है। एडटेक इंडस्ट्री के बढ़ते महत्व के साथ, अपग्रेड की ये प्रगति न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

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Equentis Wealth Advisory Services ने लॉन्च किया पहला एंजल फंड, 500 करोड़ रुपये का टारगेट

equentis new fund

Equentis Wealth Advisory Services ने अपना पहला कैटेगरी I अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF)एक्वेंटिस एंजल फंड लॉन्च किया है। इस फंड का उद्देश्य शुरुआती चरण के उच्च-विकास वाले भारतीय स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान करना है। 500 करोड़ रुपये (60 मिलियन डॉलर) का टारगेट कॉर्पस रखते हुए, यह फंड प्री-सीरीज A और ब्रिज-टू-सीरीज A राउंड में निवेश करेगा।


निवेश का दायरा और प्राथमिकता

  • निवेश सीमा: फंड प्रत्येक स्टार्टअप में 4-10 करोड़ रुपये (500K–1.2 मिलियन डॉलर) का निवेश करेगा।
  • प्रमुख फोकस: वे स्टार्टअप्स, जिनका टोटल एड्रेसेबल मार्केट (TAM) 8,000 करोड़ रुपये (1 बिलियन डॉलर) है और जो मजबूत विकास पथ पर हैं, इस फंड की प्राथमिकता में रहेंगे।
  • उद्योग क्षेत्र: रक्षा (डिफेंस), उपभोक्ता तकनीक (कंज्यूमर टेक), डीपटेक, लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी (लॉजिटेक), फिनटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे क्षेत्रों में कार्यरत स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।

फंड का लक्ष्य और रणनीति

18-24 महीनों में, एक्वेंटिस एंजल फंड का लक्ष्य 40-50 स्टार्टअप्स में निवेश करना है। यह फंड उन स्टार्टअप्स को सहयोग देगा जो ग्रोथ कैपिटल की आवश्यकता में हैं और अपने व्यवसाय को बड़े पैमाने पर विस्तारित करना चाहते हैं।

स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या और अवसर

  • ग्लोबल रैंकिंग: 2024 तक, भारत में 1,28,000 से अधिक स्टार्टअप्स हैं, जो इसे स्टार्टअप्स की संख्या के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बनाते हैं।
  • फंडिंग की स्थिति:
    • 2024 में भारतीय स्टार्टअप्स ने अब तक 10 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई है।
    • यह अनुमान है कि वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 15 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच सकता है।
  • एंजल फंड्स की भागीदारी: कैटेगरी I AIF और वेंचर कैपिटल फंड्स (VCF) ने अकेले 1 बिलियन डॉलर से अधिक की इन्वेस्टर कमिटमेंट हासिल की है।

स्टार्टअप्स में निवेश का बढ़ता रुझान

भारतीय स्टार्टअप्स का प्रदर्शन

भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विस्तार कर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों जैसे डिफेंस, एआई, फिनटेक, और कंज्यूमर टेक्नोलॉजी में इनोवेटिव आइडियाज पर काम करने वाले स्टार्टअप्स ने न केवल भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाई है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान स्थापित की है।

निवेशकों का दृष्टिकोण

निवेशकों के लिए शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स में निवेश करना अधिक आकर्षक हो रहा है। यह न केवल उच्च रिटर्न का वादा करता है, बल्कि इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने का एक प्रमुख माध्यम भी है।


एक्वेंटिस एंजल फंड: बदलाव की ओर एक कदम

उद्योगों को नई दिशा

एक्वेंटिस एंजल फंड भारत के विकासशील उद्योगों को नई दिशा देने का प्रयास कर रहा है। स्टार्टअप्स के लिए सही पूंजी और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए, यह फंड देश के आर्थिक और तकनीकी विकास में योगदान देगा।

उद्यमियों को मिलेगा समर्थन

भारत में उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह फंड उद्यमियों को उनके विचारों को हकीकत में बदलने का अवसर प्रदान करेगा।


एंजल फंड्स का महत्व

स्टार्टअप्स की फंडिंग जरूरतें

  • शुरुआती चरण में स्टार्टअप्स को सबसे अधिक पूंजी की जरूरत होती है।
  • एंजल फंड्स उन्हें वह समर्थन प्रदान करते हैं, जिसकी मदद से वे अपने उत्पाद और सेवाओं को बेहतर बना सकते हैं।

रोजगार सृजन में योगदान

स्टार्टअप्स में निवेश का एक प्रमुख परिणाम यह भी है कि यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करता है।


फंड लॉन्च का व्यापक प्रभाव

नए स्टार्टअप्स के लिए अवसर

एक्वेंटिस का यह प्रयास नए स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस तरह के निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे, जिससे देश में तकनीकी और व्यावसायिक नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।


निष्कर्ष

एक्वेंटिस एंजल फंड का लॉन्च भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 500 करोड़ रुपये के टारगेट और विविध क्षेत्रों में निवेश की योजना के साथ, यह फंड न केवल उद्यमियों को सपोर्ट करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में नवाचार और विकास को भी गति देगा।

उद्यमियों और निवेशकों के लिए, यह फंड एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां विचार, पूंजी और संभावनाएं एक साथ आएंगी। 2024 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक संभावनाओं से भरा साल साबित हो रहा है, और ऐसे में एक्वेंटिस एंजल फंड का आगमन इस क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करेगा।

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