💸 Snapmint जल्द जुटा सकता है ₹330 करोड़ की नई फंडिंग,

Snapmint

Buy Now, Pay Later (BNPL) सेवाएं देने वाला मुंबई स्थित स्टार्टअप Snapmint एक बार फिर चर्चा में है। कंपनी फिलहाल $40 मिलियन (लगभग ₹330 करोड़) की नई फंडिंग जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। सूत्रों के अनुसार, यह Snapmint की मार्च 2022 के बाद तीसरी बड़ी फंडिंग होगी।


🤝 General Atlantic कर सकता है नेतृत्व

सूत्रों की मानें तो इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व General Atlantic कर सकता है, और मौजूदा निवेशकों की भी इसमें भागीदारी संभव है।

“General Atlantic और Snapmint के बीच डील के टर्म्स लगभग तय हो चुके हैं। कंपनी की वैल्यूएशन ₹1,300–1,400 करोड़ (करीब $150–160 मिलियन) तय की गई है,”
– एक निवेश सूत्र (नाम न छापने की शर्त पर)

इस डील को अगले कुछ हफ्तों में अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। हालांकि General Atlantic ने इस डील पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, और Snapmint या Prudent Investment से इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।


💼 अब तक Snapmint ने कितनी फंडिंग जुटाई?

Snapmint ने पिछले 2 वर्षों में लगातार फंडिंग राउंड्स किए हैं:

  • 📌 अगस्त 2022: $21 मिलियन का Series A राउंड
  • 📌 दिसंबर 2023: $18 मिलियन का फंड (डिट और इक्विटी मिश्रण में)
    • नेतृत्व: Prashasta Seth (Prudent Investment Manager)
    • अन्य भागीदार: Perpetuity Ventures, Pegasus Fininvest

इसके पहले Snapmint को Kae Capital, 9Unicorns, Anicut Capital, और Negen Capital जैसे निवेशकों का समर्थन भी मिला है।


🧾 Snapmint क्या करता है?

Snapmint की शुरुआत 2017 में तीन सह-संस्थापकों — नलिन अग्रवाल, अनिल गेलरा, और अभिनीत सावा — द्वारा की गई थी।

Snapmint का मॉडल ग्राहकों को EMI (किस्त) के ज़रिए शॉपिंग की सुविधा देता है, जिसमें वे मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थ & वेलनेस, किचन व घरेलू उत्पाद आदि “Buy Now, Pay Later” मॉडल पर खरीद सकते हैं।

कंपनी का डिजिटल प्लेटफॉर्म Nimbus, D2C ब्रांड्स को कस्टमाइज्ड क्रेडिट सॉल्यूशंस देता है, जिससे उनकी बिक्री और ग्राहक आधार में बढ़ोतरी होती है।


📈 वित्तीय स्थिति: FY24 में सुधार

TheKredible के डेटा के अनुसार, Snapmint ने FY24 (2023–24) में ₹88.56 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY23 में ₹79.75 करोड़ था।

  • 📊 FY24 घाटा: ₹33.64 करोड़
  • 📉 FY23 घाटा: ₹32.98 करोड़

यानी घाटा लगभग स्थिर बना रहा है, जबकि रेवेन्यू में 10% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई।


🧩 Snapmint का प्रतियोगी परिदृश्य

BNPL सेगमेंट में Snapmint की सीधी टक्कर कुछ अन्य प्रमुख कंपनियों से है:

  • 🏦 Axio (पूर्व में Capital Float): जिसे जल्द ही Amazon अधिग्रहित कर सकता है
  • 🔥 ZestMoney: जिसे DMI Group ने 2023 में एक fire sale में खरीदा

Snapmint ने अपने खास D2C पार्टनरशिप मॉडल और आसान EMI प्रक्रिया के ज़रिए इस भीड़ में अलग पहचान बनाई है।


📲 Snapmint की मजबूती: क्यों निवेशक दिखा रहे हैं रुचि?

  • मजबूत ग्रोथ ट्रैक: तीन सालों में तीन बड़े फंडिंग राउंड
  • D2C ब्रांड्स के साथ बढ़ता इकोसिस्टम
  • क्रेडिट तक आसान पहुंच से ग्राहकों की संख्या में निरंतर वृद्धि
  • वित्तीय घाटा सीमित रखने की क्षमता

इन सभी कारणों से Snapmint निवेशकों की नजर में एक मजबूत फिनटेक ब्रांड बनकर उभरा है।


🔮 Snapmint की आगे की योजनाएं

फंडिंग जुटाने के बाद Snapmint निम्न क्षेत्रों में फोकस कर सकता है:

  • 📌 टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म Nimbus को और मज़बूत बनाना
  • 📌 D2C और ईकॉमर्स ब्रांड्स के साथ साझेदारियाँ बढ़ाना
  • 📌 टियर-2 और टियर-3 शहरों में यूज़र बेस का विस्तार
  • 📌 BNPL अनुभव को ज्यादा सरल और सुलभ बनाना

📝 निष्कर्ष

Snapmint की यह प्रस्तावित फंडिंग BNPL स्पेस में निवेशकों की दोबारा होती रुचि को दर्शाती है। General Atlantic जैसी वैश्विक निवेश फर्म का इस डील में रुचि लेना दर्शाता है कि Snapmint ने अपनी स्थिर ग्रोथ, ग्राहक बढ़ोतरी, और साफ बिज़नेस मॉडल के ज़रिए विश्वास हासिल किया है।

जैसे-जैसे भारत में डिजिटल फाइनेंस का दायरा बढ़ता जा रहा है, Snapmint जैसे स्टार्टअप्स “क्रेडिट फॉर द मासेज़” विज़न को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :💍Giva ने ₹450 करोड़ जुटाए Series C राउंड में,

💍Giva ने ₹450 करोड़ जुटाए Series C राउंड में,

Giva

भारतीय ज्वेलरी बाजार में तेज़ी से उभरता हुआ ओम्निचैनल ब्रांड Giva अब नए फंडिंग के साथ अपने विस्तार को नई ऊंचाई देने जा रहा है। बेंगलुरु स्थित इस स्टार्टअप ने ₹450 करोड़ ($53 मिलियन) की Series C फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व Creaegis ने किया, जिसमें Premji Invest, Epiq Capital, और Edelweiss Discovery Fund जैसे बड़े निवेशकों की भागीदारी रही।


📊 फंडिंग का पूरा विवरण

Giva के बोर्ड ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत कंपनी ने 1,73,430 Series C CCPS (Compulsorily Convertible Preference Shares) जारी करने की मंजूरी दी। प्रत्येक शेयर की कीमत ₹25,947 रखी गई है।

निवेश का वितरण इस प्रकार है:

  • 💼 Creaegis (CIF II Scheme): ₹235 करोड़ ($27.6 मिलियन)
  • 💼 Premji Invest: ₹125 करोड़ ($14.7 मिलियन)
  • 💼 Epiq Capital: ₹45 करोड़
  • 💼 Edelweiss Discovery Fund: ₹35 करोड़
  • 💼 Usha Dalmia Trust: ₹10 करोड़

इसके अतिरिक्त, Alteria Capital से कंपनी ने ₹30 करोड़ का डेट फंडिंग भी प्राप्त किया है।


🎯 कहां होगा इन पैसों का उपयोग?

फाइलिंग के अनुसार, यह पूंजी कंपनी के ऑपरेशनल खर्चों, जैसे कि भर्ती, मार्केटिंग, सामान्य कॉरपोरेट जरूरतों और विस्तार योजनाओं में इस्तेमाल की जाएगी।

साथ ही, giva ने अपने ESOP (Employee Stock Option Pool) को भी 15,853 नए इक्विटी शेयरों के साथ ₹41 करोड़ मूल्य तक बढ़ाया है। इससे कुल ESOP पूल का मूल्य अब ₹203 करोड़ (लगभग $24 मिलियन) हो गया है।


💰 अब Giva की वैल्यू कितनी हो गई?

Entrackr के अनुमान के अनुसार, इस फंडिंग के बाद Giva की वैल्यूएशन ₹3,950 करोड़ ($465 मिलियन) तक पहुंच गई है। यह पिछली फंडिंग के समय की ₹1,975 करोड़ वैल्यू से दोगुनी वृद्धि को दर्शाता है।


🛍️ Giva का अब तक का सफर

Giva की शुरुआत साल 2019 में एक अफॉर्डेबल ज्वेलरी ब्रांड के रूप में हुई थी। लेकिन समय के साथ इसने अपना दायरा बढ़ाते हुए गोल्ड ज्वेलरी और लैब-ग्रो डायमंड्स में भी कदम रखे।

कंपनी के फाउंडर ईशेंद्र अग्रवाल (Ishendra Agarwal) के नेतृत्व में Giva अब देशभर में करीब 150 फिजिकल स्टोर्स चला रही है और वेबसाइट व मोबाइल ऐप के माध्यम से ओम्निचैनल मॉडल पर काम कर रही है। कंपनी अब फ्रैंचाइज़ी आधारित विस्तार रणनीति को अपनाकर छोटे शहरों तक पहुंच बना रही है।


📈 फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड: FY24

Giva का वित्तीय प्रदर्शन वर्ष 2023–24 (FY24) में इस प्रकार रहा:

  • 💵 ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹274 करोड़ (FY23 में ₹165 करोड़ से 66% अधिक)
  • 🔻 घाटा: ₹59 करोड़ (FY23 की तुलना में 30% अधिक)

हालांकि घाटा बढ़ा है, लेकिन रेवेन्यू में आई तेज़ी इस बात का संकेत है कि कंपनी की ग्रोथ ट्रैक पर है और इसका बाजार में पकड़ मजबूत हो रही है।


👥 Giva के प्रमुख शेयरधारक

फंडिंग से पहले Giva में हिस्सेदारी का वितरण इस प्रकार था:

  • 👤 ईशेंद्र अग्रवाल (संस्थापक): 25.10%
  • 💼 Premji Invest: 17.13%
  • 💼 India Quotient: 13.38%
  • 💼 A91 Partners: 9.58%

नई फंडिंग और ESOP विस्तार के बाद इन शेयरहोल्डिंग्स में कुछ बदलाव होने की संभावना है।


⚔️ प्रतियोगिता और बाजार स्थिति

Giva का मुकाबला भारत के कई प्रमुख ज्वेलरी ब्रांड्स से है, जिनमें शामिल हैं:

  • Bluestone: जो पहले ही ₹1,000 करोड़ की IPO प्रक्रिया में है
  • CaratLane: Titan का अधिग्रहित ऑनलाइन ब्रांड
  • Melorra: फंडेड ऑनलाइन ज्वेलरी स्टार्टअप
  • इसके अलावा, कई पारंपरिक पारिवारिक ब्रांड्स और हाइब्रिड ओम्निचैनल प्लेयर्स

Giva ने अपनी आकर्षक डिज़ाइनों, किफायती कीमतों और ऑनलाइन-ऑफलाइन उपस्थिति के दम पर एक खास जगह बनाई है।


📦 आगे की रणनीति क्या है?

Giva अब फंडिंग का इस्तेमाल कर:

  • ✅ नई भर्तियाँ करने
  • ✅ ब्रांड मार्केटिंग को तेज़ करने
  • ✅ Tier-2 और Tier-3 शहरों में स्टोर खोलने
  • ✅ और अपने गोल्ड एवं डायमंड कलेक्शन का विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है।

🔚 निष्कर्ष

Giva का यह नया फंडिंग राउंड न केवल कंपनी के विकास को रफ्तार देगा, बल्कि भारतीय ज्वेलरी उद्योग में इसके प्रतिस्पर्धियों को भी नई रणनीति पर सोचने को मजबूर करेगा।

एक ऐसे समय में जब भारतीय उपभोक्ता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से शॉपिंग कर रहे हैं, Giva का ओम्निचैनल मॉडल, बढ़ती ब्रांड वैल्यू, और तेज़ी से बढ़ती वैल्यूएशन इसे बाजार में एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।

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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :🎮 Nazara Technologies रेखा झुनझुनवाला ने घटाई हिस्सेदारी, ₹374 करोड़ के शेयर बेचे

🎮 Nazara Technologies रेखा झुनझुनवाला ने घटाई हिस्सेदारी, ₹374 करोड़ के शेयर बेचे

Nazara Technologies

भारत की प्रमुख गेमिंग सेवा प्रदाता कंपनी Nazara Technologies से जुड़ा एक बड़ा निवेश बदलाव सामने आया है। दिग्गज निवेशक स्व. राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी में भारी कटौती की है।

बीएसई (BSE) में दर्ज जानकारी के अनुसार, रेखा झुनझुनवाला ने जून 2025 के पहले 10 दिनों के भीतर 29.75 लाख शेयर बेचे, जिनकी कुल अनुमानित कीमत लगभग ₹374 करोड़ है।


📉 हिस्सेदारी 7.05% से घटकर 3.66% हुई

Nazara Technologies में रेखा झुनझुनवाला की हिस्सेदारी:

  • 1 जून 2025 तक: 7.05% (कुल 61.83 लाख शेयर)
  • 10 जून 2025 के बाद: 3.66% (कुल 32.08 लाख शेयर)

इस हिसाब से उन्होंने कुल 29.75 लाख शेयरों की बिक्री की, और औसतन ₹1,256.5 प्रति शेयर की दर से यह डील हुई।

यह कंपनी में उनके निवेश पोर्टफोलियो में एक बड़ा बदलाव है और बाजार की हलचलों में भी इसका असर दिख रहा है।


🏦 अन्य प्रमुख निवेशक कौन हैं?

Nazara Technologies में वर्तमान में कुछ और बड़े निवेशक भी हिस्सेदारी रखते हैं:

  • SBI म्यूचुअल फंड: 8.37%
  • Plutus Wealth Management: 11.54%
  • Nikhil Kamath की संस्थाएं (NK Squared और Kamath Associates): कुल मिलाकर 3.72%

इन संस्थागत निवेशकों की मौजूदगी Nazara के बिजनेस पर लंबी अवधि के भरोसे को दर्शाती है।


🏢 Nazara में नई डील्स और अधिग्रहण

Nazara Technologies साल 2025 में अब तक चार बड़े अधिग्रहण कर चुकी है, जिससे यह साफ है कि कंपनी आक्रामक विस्तार की रणनीति पर काम कर रही है।

✅ जनवरी 2025

  • ZeptoLab से दो मोबाइल गेम्स का अधिग्रहण:
    • King of Thieves
    • CATS: Crash Arena Turbo Stars
    • डील वैल्यू: $7.7 मिलियन

✅ मई 2025

  • Curve Games (UK बेस्ड गेम पब्लिशर) का अधिग्रहण
    • डील वैल्यू: ₹247 करोड़

✅ मई 2025

  • स्पोर्ट्सकीड़ा (Nazara की सब्सिडियरी) ने खरीदा:
    • TJRWrestling.net
    • ITRWrestling.com
    • डील वैल्यू: ₹10.5 करोड़ (पूरी तरह कैश डील)

इन अधिग्रहणों से Nazara की ग्लोबल गेमिंग उपस्थिति और डिजिटल मीडिया विस्तार की रणनीति को बल मिला है।


🏛️ CCI से मिली नई मंज़ूरी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने हाल ही में Axana Estates LLP, Plutus Wealth Management LLP और Junomoneta Finsol Pvt Ltd को Nazara Technologies में बहुलांश हिस्सेदारी लेने की मंज़ूरी दी है।

इस डील के बाद कंपनी में नए रणनीतिक नियंत्रण की नींव रखी गई है, जो आने वाले समय में बिजनेस डायरेक्शन को प्रभावित कर सकती है।


💹 वित्तीय प्रदर्शन: FY25 में 40.8% की शानदार ग्रोथ

Nazara Technologies का FY25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) का प्रदर्शन काफ़ी सशक्त रहा है:

  • Q4 FY25 (जनवरी–मार्च):
    • राजस्व: ₹520 करोड़
    • मुनाफा: ₹4 करोड़
  • FY25 कुल राजस्व: ₹1,715 करोड़
    • FY24 के मुकाबले वृद्धि: 40.8% (FY24 में ₹1,218 करोड़)

यह आंकड़े बताते हैं कि Nazara ना सिर्फ़ विस्तार कर रही है, बल्कि मुनाफे और रेवेन्यू दोनों में अच्छा बैलेंस भी बनाए हुए है।


📊 शेयर बाजार में स्थिति

Nazara Technologies का स्टॉक वर्तमान में (12:43 PM, 11 जून 2025) ₹1,276.5 प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है।

  • मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹11,184 करोड़
  • यानी लगभग $1.31 बिलियन

रेखा झुनझुनवाला द्वारा शेयर बिक्री के बावजूद, कंपनी की मार्केट वैल्यू स्थिर और मजबूत बनी हुई है, जो निवेशकों के भरोसे का संकेत देती है।


🤔 झुनझुनवाला परिवार की रणनीति में बदलाव?

Nazara Technologies में रेखा झुनझुनवाला का निवेश पिछले कई वर्षों से लगातार रहा है। अब जब उन्होंने हिस्सेदारी में लगभग आधी कटौती की है, तो विशेषज्ञ इसे एक पोर्टफोलियो रियलाइज़ेशन मूव मान रहे हैं।

यह भी संभव है कि यह बिक्री Nazara में नियंत्रण में हो रहे बदलावों और भविष्य की रणनीति के अनिश्चित रुख से जुड़ी हो।

हालांकि उन्होंने पूरी हिस्सेदारी नहीं बेची है, इसका मतलब है कि वह कंपनी की संभावनाओं में अभी भी विश्वास रखती हैं।


📌 निष्कर्ष

Nazara Technologies फिलहाल गेमिंग और डिजिटल मीडिया स्पेस में भारत की सबसे आक्रामक और वैश्विक विस्तार करने वाली कंपनियों में से एक है। रेखा झुनझुनवाला की हिस्सेदारी में कटौती एक प्राकृतिक निवेश चक्र का हिस्सा हो सकती है, लेकिन कंपनी की ग्रोथ, अधिग्रहण रणनीति और वित्तीय मजबूती इसे निवेशकों के लिए अब भी एक आकर्षक विकल्प बनाती है।

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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी टीम

Read more :🛒 IPO की तैयारी में Meesho!, ₹1 अरब इश्यू की दिशा में बड़ा कदम

🛒 IPO की तैयारी में Meesho!, ₹1 अरब इश्यू की दिशा में बड़ा कदम

Meesho

भारत की तेज़ी से उभरती ई-कॉमर्स कंपनी Meesho ने अपने आईपीओ (IPO) की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है। कंपनी ने खुद को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल लिया है — जो इसके आगामी $1 बिलियन के पब्लिक इश्यू की तैयारी का स्पष्ट संकेत है।


📑 कंपनी अब Meesho Limited बनी

Meesho Private Limited ने अब अपना नाम बदलकर “Meesho Limited” कर लिया है। यह बदलाव कंपनी की RoC (Registrar of Companies) को दी गई रेगुलेटरी फाइलिंग से सामने आया है।

इससे पहले मई 2025 में, कंपनी ने अपना रजिस्टर्ड नाम Fashnear Technologies Private Limited से बदलकर Meesho Private Limited किया था। अब, Meesho का यह नाम परिवर्तन इंगित करता है कि कंपनी पूरी तरह से पब्लिक लिस्टिंग के लिए तैयारी कर रही है।


🧾 IPO की आधिकारिक प्रक्रिया अभी शुरू नहीं

हालांकि Meesho ने अब तक आईपीओ की आधिकारिक प्रक्रिया (DRHP फाइलिंग आदि) शुरू नहीं की है, लेकिन कंपनी के निदेशक मंडल ने यह नाम परिवर्तन इसीलिए किया है ताकि जब भी पब्लिक इश्यू लाया जाए, तो रेगुलेटरी और कॉम्प्लायंस स्तर पर कोई अड़चन न हो।


💰 शेयरहोल्डर्स को ₹411 करोड़ के बोनस शेयर

Meesho ने एक अन्य बड़ी घोषणा करते हुए अपने मौजूदा शेयरधारकों को ₹411 करोड़ मूल्य के बोनस शेयर देने का प्रस्ताव भी रखा है। इससे शेयरधारकों का विश्वास और कंपनी की मार्केट पोजिशन दोनों मजबूत होंगी।


🏦 ये बैंकर्स संभालेंगे Meesho का IPO

सूत्रों के अनुसार, Meesho ने अपने संभावित आईपीओ के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकर्स भी तय कर लिए हैं। कंपनी ने जिन बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया है, वे हैं:

  • Morgan Stanley
  • Kotak Mahindra Capital
  • JP Morgan
  • Citi Group

इन बैंकर्स के सहयोग से Meesho का आईपीओ 2025 के अंत तक लॉन्च होने की संभावना है।


📈 FY24 में शानदार ग्रोथ: राजस्व ₹7,615 करोड़

Meesho ने वित्त वर्ष 2023–24 (FY24) में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कंपनी ने:

  • 33% की वार्षिक वृद्धि के साथ ₹7,615 करोड़ का राजस्व दर्ज किया।
  • अपनी एडजस्टेड घाटा को 97% तक घटाकर ₹53 करोड़ कर लिया, जो पहले के मुकाबले एक बड़ी उपलब्धि है।

इसका मतलब है कि Meesho अब मुनाफे की ओर अग्रसर है, जो किसी भी संभावित निवेशक के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है।


🌍 अमेरिका से भारत शिफ्ट कर रही है डोमिसाइल

Meesho फिलहाल अपना कानूनी डोमिसाइल अमेरिका से भारत में शिफ्ट कर रही है। इसके लिए कंपनी ने National Company Law Tribunal (NCLT) में आवेदन दायर किया है।

यह ट्रेंड अब कई यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स फॉलो कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, Pine Labs ने भी हाल ही में सिंगापुर से भारत डोमिसाइल शिफ्ट किया है और उसे NCLT से अंतिम मंज़ूरी मिल चुकी है।

इस कदम से Meesho को भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लिए नियमों का पालन करना आसान होगा और यह सरकार की “Make in India” और “Startups in India” जैसी पहलों से भी मेल खाता है।


👥 कंपनी का बैकअप: निवेशकों की लंबी कतार

Meesho के बैकर्स में दुनिया के प्रमुख निवेशक शामिल हैं:

  • SoftBank
  • Prosus Ventures
  • Elevation Capital
  • Sequoia Capital India
  • Meta (Facebook)

इन निवेशकों के समर्थन से Meesho ने अब तक $1.2 बिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है और भारत के सबसे बड़े सोशल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में से एक बन चुकी है।


🛍️ Meesho का बिज़नेस मॉडल

Meesho एक सोशल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो छोटे विक्रेताओं, घरेलू व्यवसायों और महिलाओं को बिना इन्वेंट्री के व्यापार शुरू करने की सुविधा देता है। यह खासकर उन यूज़र्स को टारगेट करता है जो WhatsApp, Facebook, Instagram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर प्रोडक्ट शेयर करके सेलिंग करते हैं।

कंपनी ने पिछले वर्षों में:

  • लोकल MSMEs को डिजिटल प्लेटफॉर्म दिया
  • हज़ारों महिलाओं को बिज़नेस शुरू करने का साधन बनाया
  • देश के छोटे शहरों और गांवों तक पहुंच बनाई

🚀 आगे की रणनीति: IPO से पहले पुख्ता नींव

Meesho अब IPO से पहले अपनी नींव को और मजबूत करने में लगी है:

  • डोमिसाइल शिफ्ट
  • पब्लिक कंपनी का रूप
  • बोनस शेयर
  • बैलेंस शीट की सफाई
  • टॉप बैंकर्स की नियुक्ति

इन सब संकेतों से स्पष्ट है कि Meesho एक अच्छी तरह से प्लान किया गया IPO लॉन्च करने जा रही है — जो निवेशकों और मार्केट दोनों के लिए एक बड़ी घटना होगी।


📍 निष्कर्ष

Meesho का पब्लिक कंपनी में बदला जाना और $1 बिलियन IPO की तैयारी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए मील का पत्थर है। यह कदम न सिर्फ Meesho की मजबूती दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत की नई पीढ़ी की डिजिटल कंपनियां अब ग्लोबल निवेशकों के बीच विश्वास अर्जित कर रही हैं।

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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी न्यूज़ टीम

Read more :🥟 Wow! Momo को ₹85 करोड़ की डेब्ट फंडिंग,

🥟 Wow! Momo को ₹85 करोड़ की डेब्ट फंडिंग,

Wow! Momo

भारत की प्रमुख क्विक-सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) चेन Wow! Momo Foods ने एक और बड़ी फंडिंग सफलता हासिल की है। कंपनी ने Stride Ventures से ₹85 करोड़ (लगभग $10 मिलियन) की डेब्ट फंडिंग जुटाई है। यह निवेश कंपनी के विस्तार, ऋण पुनर्भुगतान, और FMCG बिज़नेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अहम साबित होगा।


💼 पहले ही मिल चुकी है बड़ी इक्विटी फंडिंग

इस डेब्ट फंडिंग से पहले, अप्रैल 2025 में Wow! Momo ने ₹480 करोड़ ($51 मिलियन) की Series D फंडिंग हासिल की थी। इसमें:

  • ₹270 करोड़ प्राइमरी कैपिटल (कंपनी को सीधे मिला निवेश)
  • ₹210 करोड़ सेकेंडरी कैपिटल (पुराने निवेशकों के हिस्से की बिक्री) शामिल थे।

इससे पहले से ही Wow! Momo ने बाजार में अपनी फाइनेंशियल पकड़ मजबूत कर ली थी, और अब यह डेब्ट फंडिंग उस ग्रोथ को और तेज़ करने के लिए है।


🧾 फंड का उपयोग कहां होगा?

Wow! Momo ने साफ किया है कि इस ₹85 करोड़ की फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से इन उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  • 🔁 पुराने लोन का पुनर्भुगतान (Refinancing)
  • 🏪 QSR आउटलेट्स की संख्या बढ़ाना
  • 🏭 FMCG और HoReCa (होटल, रेस्टोरेंट, कैफे) सेक्टर में विस्तार करना

कंपनी अगले तीन वर्षों में 100 शहरों में 1,500 आउटलेट्स खोलने का लक्ष्य रख रही है।


🏗️ Wow! Momo की ग्रोथ जर्नी

Wow! Momo Foods की स्थापना 2008 में सागर दरियानी और बिनोद होमागाई ने की थी। कोलकाता से शुरू हुई यह कंपनी आज:

  • 700+ आउटलेट्स
  • 70+ शहरों में मौजूदगी
  • ब्रांड पोर्टफोलियो में शामिल:
    • 🥟 Wow! Momo
    • 🍜 Wow! China
    • 🍗 Wow! Chicken
    • 🍦 Wow! Kulfi

Wow! Momo ने भारतीय उपभोक्ताओं को देसी स्वाद और फ़ास्ट सर्विस का बेहतरीन मेल देने में कामयाबी पाई है।


🗣️ फाउंडर ने क्या कहा?

Wow! Momo के सह-संस्थापक और CEO सागर दरियानी ने कहा:

“Stride Ventures से मिला यह सहयोग हमें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेगा। हम अब अधिक इनोवेटिव फॉर्मैट्स लॉन्च करेंगे और ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहकों तक पहुंच सकेंगे।”


📈 वित्तीय स्थिति: FY24 का परफॉर्मेंस

TheKredible के आंकड़ों के अनुसार:

  • कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू बढ़कर ₹470 करोड़ पहुंच गया है, जो FY23 में ₹413 करोड़ था।
  • कंपनी का घाटा लगभग स्थिर रहा — FY24 में ₹114 करोड़, जबकि पिछले साल भी लगभग यही रहा था।

यह दर्शाता है कि कंपनी के ऑपरेशंस स्केल हो रहे हैं, लेकिन बड़े विस्तार के साथ घाटे को नियंत्रित करना एक अहम चुनौती बनी हुई है।


🛒 FMCG और HoReCa सेगमेंट में एंट्री

Wow! Momo अब केवल रेस्टोरेंट्स तक सीमित नहीं रहना चाहता। कंपनी की योजना है कि:

  • FMCG डिवीजन को ₹100 करोड़ तक स्केल किया जाए, जिसमें फ्रोज़न मोमोज़, इंस्टेंट नूडल्स जैसे प्रोडक्ट्स लॉन्च किए जाएंगे।
  • HoReCa चैनल (Hotels, Restaurants, Cafés) में प्रोडक्ट सप्लाई को तेज़ किया जाए।

इस तरह, कंपनी अपने ब्रांड को केवल QSR से हटाकर हर प्लेटफॉर्म पर मौजूद बनाना चाहती है।


🧭 भविष्य की दिशा

Wow! Momo भारत में एकमात्र ऐसी QSR चेन है जिसने देसी स्वाद को ब्रांड वैल्यू के साथ पैक किया है। अब जब कंपनी ने डेब्ट और इक्विटी दोनों फॉर्म्स में बड़ी रकम जुटा ली है, तो ये रणनीतिक कदम दर्शाते हैं कि:

  • वह IPO की दिशा में भी आगे बढ़ सकती है
  • कंपनी पैन-इंडिया प्रेजेंस के साथ ग्लोबल विस्तार की तैयारी भी कर सकती है

🧮 निवेशकों के लिए संकेत

Stride Ventures का यह डेब्ट निवेश इस बात का संकेत है कि Wow! Momo को निवेशकों से न केवल इक्विटी बल्कि डेट फाइनेंसिंग पर भी भरोसा मिल रहा है। यह दर्शाता है कि:

  • कंपनी की कैश फ्लो स्थिति स्थिर है
  • ब्रांड का मार्केट ट्रस्ट लगातार बढ़ रहा है

📍 निष्कर्ष

Wow! Momo Foods की ₹85 करोड़ की यह लेटेस्ट डेब्ट फंडिंग न केवल उसके QSR नेटवर्क को मजबूत करेगी, बल्कि उसके FMCG और HoReCa सेगमेंट में भी आक्रामक विस्तार का रास्ता खोलेगी। इससे यह स्पष्ट है कि कंपनी अब भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती F&B ब्रांड्स में से एक बन चुकी है।

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✍️ लेखक: FundingRaised हिंदी न्यूज़ टीम

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🚀 Sanlayan Technologies को मिला ₹186 करोड़ का निवेश,

Sanlayan

भारत में डिफेंस और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, बेंगलुरु स्थित Sanlayan Technologies ने ₹186 करोड़ (लगभग $22 मिलियन) की Series A फंडिंग जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व किए हैं प्रमुख निवेशकों आशीष कचोलिया, लशित संघवी और Jungle Ventures ने, जबकि मौजूदा निवेशक Gemba Capital, Singularity Ventures और नए निवेशक Shastra VC ने भी भागीदारी की है।

यह निवेश सिर्फ कंपनी के विस्तार के लिए नहीं, बल्कि भारत को रक्षा तकनीक में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।


👨‍🔬 इंजीनियरिंग टीम में पांच गुना विस्तार की योजना

Sanlayan ने बताया कि वह अगले 6 महीनों में अपनी इंजीनियरिंग टीम को 5 गुना तक बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी सक्रिय रूप से:

  • डोमेन एक्सपर्ट्स
  • R&D साइंटिस्ट्स
  • रिटायर्ड आर्म्ड फोर्सेस वेटरन्स
  • सार्वजनिक और निजी डिफेंस कंपनियों के सीनियर लीडर्स

को हायर कर रही है।

कंपनी का मानना है कि भारत में रक्षा तकनीक के क्षेत्र में इनोवेशन को तभी आगे बढ़ाया जा सकता है, जब अनुभव और आधुनिक तकनीक का सही तालमेल हो।


🛡️ Sanlayan का फोकस: Radar से लेकर Electronic Warfare तक

Sanlayan Technologies की स्थापना Zetwerk के पूर्व कर्मचारियों अभिजीत कोठावले, रोहन गाला, और राहुल वम्सिधर ने की थी। कंपनी का फोकस है:

  • Radar सिस्टम
  • Electronic Warfare (EW)
  • Mission-Critical Avionics
  • CUAS (Counter Unmanned Aerial Systems)
  • AESAR (Active Electronically Scanned Array Radar)

जैसे एडवांस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स को भारत में डिजाइन और डिवेलप करना।

Sanlayan ने मार्च 2023 में $4.4 मिलियन की सीड फंडिंग भी हासिल की थी जिसमें शामिल थे First Cheque, Gemba Capital, और Singularity Ventures


🛠️ Inorganic ग्रोथ: Dexcel Electronics का अधिग्रहण

Sanlayan Technologies ने हाल ही में 20 साल पुरानी एम्बेडेड सिस्टम्स फर्म Dexcel Electronics में बहुलांश हिस्सेदारी (majority stake) खरीदी है। यह अधिग्रहण Sanlayan की मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन क्षमताओं को काफी मजबूत करता है।

Dexcel Electronics का योगदान भारत के कई अहम डिफेंस और स्पेस प्रोग्राम्स में रहा है, जैसे:

  • Jaguar फाइटर जेट
  • Sukhoi Su-30 MKI
  • LCA Tejas
  • Chandrayaan-3

Sanlayan अब Dexcel की क्षमताओं का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर indigenisation और सिस्टम अपग्रेड प्रोग्राम्स को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है।


💬 को-फाउंडर रोहन गाला का बयान

Sanlayan के को-फाउंडर और CEO रोहन गाला ने कहा:

“हम अपनी क्षमताओं का विस्तार ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरीकों से कर रहे हैं। हमने CUAS और EW सिस्टम्स के लिए क्रिटिकल टेक्नोलॉजीज के स्वतः विकास हेतु पूंजी आवंटित की है।”

उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी अब बड़े स्केल पर भारत के लिए advanced defence और aerospace solutions तैयार करने के लिए तैयार है।


🔭 भविष्य की परियोजनाएं: UUV के लिए AESA Radar

Sanlayan अपनी इन-हाउस R&D क्षमताओं का उपयोग करके भारत के Unmanned Underwater Vehicle (UUV) प्रोग्राम के लिए AESA Radar भी डिवेलप कर रहा है। यह भारत के डिफेंस इनोवेशन क्षेत्र में एक बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है।


🧱 आत्मनिर्भर भारत के सपने को मिल रहा समर्थन

Sanlayan का यह फंडिंग राउंड भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों को मजबूत करता है। भारत को अब रक्षा और एयरोस्पेस तकनीकों के लिए विदेशी निर्भरता से छुटकारा दिलाने का समय आ गया है, और Sanlayan जैसे स्टार्टअप्स इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं।


💡 निष्कर्ष

Sanlayan Technologies का यह नया फंडिंग राउंड भारत के लिए एक उम्मीद की किरण है, खासकर उस समय जब देश रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।

इस अधिग्रहण और नए निवेश के साथ, Sanlayan न केवल भारत में उन्नत तकनीकों को जन्म देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय डिफेंस टेक स्टार्टअप्स की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा।


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Read more :👓 Lenskart करेगा GeoIQ का अधिग्रहण,

👓 Lenskart करेगा GeoIQ का अधिग्रहण,

Lenskart

भारत की अग्रणी ओम्नीचैनल आईवियर रिटेलर Lenskart अब अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मज़बूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। खबरों के अनुसार, Lenskart जल्द ही लोकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप GeoIQ का अधिग्रहण करने जा रही है।

यह डील भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और महत्वपूर्ण M&A (Merger & Acquisition) मूव है, जहां एक सफल रिटेल ब्रांड, डेटा-इंटेलिजेंस स्टार्टअप को अपनी रणनीतिक ज़रूरतों के तहत शामिल कर रहा है।


📍 GeoIQ क्या करता है?

GeoIQ, जिसकी स्थापना देवाशीष फुलोरिया, तुषनीत श्रीवास्तव और अंकिता ठाकुर ने की थी, एक लोकेशन डेटा इंटेलिजेंस स्टार्टअप है जो जियोस्पेशियल एनालिटिक्स में विशेषज्ञता रखता है।

GeoIQ का प्रमुख काम है:

  • सरकारी और सार्वजनिक डेटा को सैटेलाइट इमेजरी के साथ मर्ज करके
  • 100 मीटर x 100 मीटर के जियो-स्पेशियल ग्रिड्स बनाना
  • जिससे कंपनियों को ऑफलाइन कंज़्यूमर डिमांड और बिज़नेस लोकेशन एक्सपैंशन को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है।

इसकी क्लाइंट लिस्ट में शामिल हैं:
Lenskart, Zepto, Swiggy, Navi, GIVA, CultFit, CaratLane, और Licious


💸 डील का आकार और हिस्सेदारी

सूत्रों के अनुसार, Lenskart GeoIQ में अधिकांश हिस्सेदारी (majority stake) खरीद रहा है। यह सौदा लगभग $15–20 मिलियन (₹125–₹165 करोड़) के मूल्यांकन पर तय हुआ है।

  • Lenskart पहले से GeoIQ का सबसे बड़ा शेयरधारक है, जिसकी हिस्सेदारी 17.11% है।
  • तीनों को-फाउंडर्स की हिस्सेदारी 16.57%-16.57% के बीच है।
  • डील के बाद, अधिकांश मौजूदा निवेशक कंपनी से बाहर हो जाएंगे।

यह अधिग्रहण अब पूरा होने के करीब है और जल्द ही इसका आधिकारिक ऐलान हो सकता है।


🏗️ फंडिंग इतिहास और विकास

GeoIQ ने अब तक कई प्रतिष्ठित इन्वेस्टर्स से फंडिंग प्राप्त की है:

  • मई 2022: $2.25 मिलियन की फंडिंग जिसमें Lenskart, 9Unicorns (अब 100Unicorns) और Ecosystem Ventures शामिल थे।
  • नवंबर 2020: ₹2.5 करोड़ की प्रारंभिक फंडिंग जिसमें शामिल थे:
    Inflection Point Ventures (IPV), Kayenne, LetsVenture

वित्त वर्ष 2024 (FY24) में GeoIQ का प्रदर्शन:

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹6.7 करोड़
  • FY23 में था: ₹7.1 करोड़
  • नेट लॉस: ₹6.1 करोड़ (FY23 में ₹4.2 करोड़)

हालांकि कंपनी घाटे में है, लेकिन उसका IP और बिज़नेस वैल्यूएशन भारतीय टेक इंडस्ट्री में काफी आकर्षक माना जा रहा है।


🤝 क्यों कर रहा है Lenskart यह अधिग्रहण?

Lenskart का लक्ष्य है अपनी डाटा-संचालित विस्तार रणनीति को और मज़बूत बनाना। GeoIQ के अधिग्रहण से Lenskart को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:

  • बेहतर लोकेशन सिलेक्शन: नई दुकानों के लिए आदर्श लोकेशन चुनना
  • कस्टमर बिहेवियर का एनालिसिस
  • ऑफलाइन डिमांड की समझ
  • AI व डेटा इंटेलिजेंस को इन-हाउस एकीकृत करना

यह अधिग्रहण Lenskart को न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिए भी तैयार करेगा।


🧠 Lenskart की पिछली टेक डील्स

यह GeoIQ के साथ Lenskart की दूसरी बड़ी टेक्नोलॉजी डील है। इससे पहले:

  • अक्टूबर 2023: Lenskart ने TangoEye का अधिग्रहण किया था – एक AI-आधारित कंप्यूटर विज़न स्टार्टअप, जिसमें यह पहले से निवेशक था।
  • जून 2022: जापान की Eyewear कंपनी Owndays में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी।
  • सितंबर 2022: इसकी सब्सिडियरी Neso Brands ने पेरिस की कंपनी Le Petit Lunetier में माइनॉरिटी स्टेक लिया।

💹 IPO की तैयारी और Public Company का रूप

Lenskart फिलहाल अपनी IPO (Initial Public Offering) की तैयारी में भी जुटा हुआ है। कंपनी का लक्ष्य है:

  • $1 बिलियन जुटाना
  • $10 बिलियन का मूल्यांकन प्राप्त करना

इसी दिशा में हाल ही में Lenskart ने अपनी होल्डिंग कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड में बदल दिया है। यह बदलाव Entrackr की रिपोर्ट के अनुसार हुआ है।


📊 निष्कर्ष

GeoIQ के अधिग्रहण के ज़रिए Peyush Bansal की अगुवाई वाली Lenskart सिर्फ एक आईवियर कंपनी नहीं, बल्कि एक डेटा-ड्रिवन ग्लोबल रिटेल ब्रांड बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

इस अधिग्रहण से न सिर्फ GeoIQ के फाउंडर्स और निवेशकों को एग्ज़िट मिलेगा, बल्कि Lenskart को डेटा आधारित निर्णयों में बढ़त मिलेगी — खासकर जब कंपनी अपने IPO और वैश्विक विस्तार की राह पर है।


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🛏️ Wakefit बनेगी Public Company! ₹2000 करोड़ IPO की तैयारी में जुटी,

Wakefit

भारत की प्रमुख होम एंड स्लीप सॉल्यूशन्स ब्रांड Wakefit अब जल्द ही पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनने जा रही है। यह कदम कंपनी के बहुप्रतीक्षित IPO (Initial Public Offering) की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

नवीनतम नियामकीय फाइलिंग्स के अनुसार, Wakefit के बोर्ड ने इसके नाम को Wakefit Innovations Private Limited से बदलकर Wakefit Innovations Limited करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह बदलाव दर्शाता है कि कंपनी जल्दी ही भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लिए तैयार हो रही है।


📈 IPO से जुटाएगी ₹1500–₹2000 करोड़

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Wakefit जल्द ही अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) फाइल करने की योजना बना रही है। कंपनी की योजना है कि पब्लिक इश्यू के ज़रिए लगभग ₹1500 से ₹2000 करोड़ (लगभग $200 मिलियन) जुटाए जाएं।

यह IPO Wakefit को न सिर्फ पूंजी के नए स्रोत देगा, बल्कि कंपनी को एक व्यापक निवेशक आधार और पब्लिक मार्केट में मान्यता भी दिलाएगा।


🧑‍⚖️ गवर्नेंस को मज़बूत करने के लिए नियुक्त किए गए स्वतंत्र निदेशक

IPO के रास्ते को सुगम बनाने के लिए, Wakefit ने नियामकीय नियमों के अनुसार स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की है। कंपनी ने बोर्ड में निम्नलिखित सदस्यों को जोड़ा है:

  • सुदीप नागर
  • संध्या पोट्टिगारी
  • अरिदम पॉल
  • गुनेंदर कपूर
  • आलोक चंद्र मिश्रा

इनकी नियुक्ति से कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस ढांचे को मजबूती मिलेगी और पब्लिक कंपनी के तौर पर ट्रांसफॉर्मेशन की तैयारी सुचारु होगी।


🛋️ कैसे बना Wakefit एक घरेलू नाम?

2016 में Ankit Garg और Chaitanya Ramalingegowda द्वारा शुरू किया गया Wakefit, शुरुआत में एक D2C (Direct-to-Consumer) मैट्रेस ब्रांड था।

धीरे-धीरे इसने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ाया और अब यह एक फुल-फ्लेज्ड होम सॉल्यूशन्स कंपनी बन चुकी है जो कि निम्नलिखित सेवाएं देती है:

  • मैट्रेस और स्लीप प्रोडक्ट्स
  • होम फर्नीचर
  • इंटीरियर डेकोर
  • इंटीरियर डिज़ाइन सेवाएं

Wakefit की खास बात इसकी वर्टिकली इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन है – यानी कंपनी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिलीवरी तक सब कुछ खुद ही करती है, जिससे प्रोडक्ट क्वालिटी और ग्राहक अनुभव बेहतर बना रहता है।


💰 वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में बम्पर ग्रोथ

TheKredible की रिपोर्ट के मुताबिक, Wakefit ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में शानदार प्रदर्शन किया है:

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹986.4 करोड़
    (FY23 के ₹812.6 करोड़ से 21% की ग्रोथ)
  • नेट लॉस: ₹15 करोड़
    (FY23 के ₹145 करोड़ के मुकाबले लगभग 90% की गिरावट)

यह आंकड़े बताते हैं कि कंपनी अपनी ग्रोथ के साथ-साथ लाभप्रदता की दिशा में भी मजबूत कदम बढ़ा रही है।


🌍 किन निवेशकों ने किया है निवेश?

अब तक Wakefit ने $100 मिलियन (लगभग ₹850 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital India)
  • Verlinvest
  • Paramark Ventures (South Korea आधारित निवेशक)

कंपनी के IPO में संभावना है कि इनमें से कुछ निवेशक आंशिक रूप से अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे उन्हें पार्शियल एग्ज़िट का मौका मिलेगा।


🪑 Wakefit किससे करता है मुकाबला?

Wakefit आज एक प्रतिस्पर्धी बाजार में काम कर रहा है जहाँ इसे पारंपरिक और नई दोनों तरह की कंपनियों से मुकाबला करना पड़ता है। इसके प्रमुख प्रतिस्पर्धी हैं:

  • IKEA
  • Pepperfry
  • Duroflex
  • SleepyCat
  • WoodenStreet

Wakefit की सीधी-से-ग्राहक (D2C) अप्रोच, तेज़ डिलीवरी नेटवर्क, और अफोर्डेबल रेंज इसे इस प्रतिस्पर्धा में अलग पहचान दिलाते हैं।


🔮 आगे की रणनीति

IPO के बाद Wakefit की रणनीति में निम्नलिखित कदम शामिल हो सकते हैं:

  • रिटेल आउटलेट्स का विस्तार
  • नए प्रोडक्ट सेगमेंट (जैसे ऑफिस फर्नीचर, बच्चों के लिए खास रेंज)
  • ग्लोबल मार्केट में प्रवेश
  • टेक्नोलॉजी और AI आधारित होम सॉल्यूशन प्लेटफॉर्म का विकास

📝 निष्कर्ष

Wakefit का IPO न केवल इसकी विकास यात्रा का अगला चरण है, बल्कि यह भारत के D2C इकोसिस्टम के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

₹2000 करोड़ तक का संभावित पब्लिक इश्यू Wakefit को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा – निवेशकों को आंशिक एग्ज़िट मिलेगा, और आम निवेशकों को इस तेज़ी से बढ़ती कंपनी में भागीदारी का अवसर।


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Vecmocon ने सीरीज़ A राउंड में जुटाए ₹150 करोड़!

Vecmocon

नई दिल्ली स्थित डीप-टेक इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) स्टार्टअप Vecmocon Technologies ने अपने सीरीज़ A फंडिंग राउंड में कुल $18 मिलियन (लगभग ₹150 करोड़) की पूंजी जुटाई है। यह फंडिंग Ecosystem Integrity Fund (EIF) के नेतृत्व में हुई, जिसमें Aavishkaar Capital, British International Investment (BII) और मौजूदा निवेशक Blume Ventures ने भाग लिया।

यह राउंड कंपनी की नवंबर 2024 में मिली $10 मिलियन की सीरीज़ A फंडिंग का ही विस्तार है। उस समय EIF और BII ही प्रमुख निवेशक थे। इस विस्तार की एक्सक्लूसिव रिपोर्टिंग Entrackr द्वारा पिछले सप्ताह की गई थी।


🚀 फंडिंग का उपयोग किस लिए होगा?

Vecmocon द्वारा प्राप्त इस फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. टीम का विस्तार – कंपनी भारत और विदेशों में टॉप टैलेंट को अपनी टीम में जोड़ने की योजना बना रही है।
  2. ग्लोबल-स्टैंडर्ड R&D लैब्स – उन्नत तकनीक पर रिसर्च और प्रोडक्ट इनोवेशन के लिए अत्याधुनिक लैब्स स्थापित की जाएंगी।
  3. 1 लाख से अधिक EVs को पावर देना – कंपनी का लक्ष्य अगले चरण में 1 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनी तकनीक से लैस करना है।

🔧 क्या करती है Vecmocon?

Vecmocon एक डीप-टेक स्टार्टअप है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्मार्ट, भरोसेमंद और सेफ्टी-केंद्रित सिस्टम तैयार करता है। कंपनी का फोकस विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल टेक्नोलॉजी विकसित करने पर है।

इनकी प्रमुख तकनीकों में शामिल हैं:

  • IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) इंटीग्रेशन
  • डेटा एनालिटिक्स
  • पावर इलेक्ट्रॉनिक्स

इनका मकसद EVs को और अधिक स्मार्ट, एफिशिएंट और सेफ बनाना है, ताकि भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को नई दिशा मिल सके।


🛵 अभी तक किन गाड़ियों में लग चुकी है इनकी तकनीक?

Vecmocon की तकनीक वर्तमान में 1 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों में पहले ही उपयोग हो रही है, जिनमें शामिल हैं:

  • इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (स्कूटर, बाइक)
  • इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (ऑटो, ई-रिक्शा)
  • लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (LCV)

कंपनी विभिन्न ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स और OEMs के साथ मिलकर स्मार्ट बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, ड्राइव कंट्रोल यूनिट और डैशबोर्ड इंटीग्रेशन जैसे सॉल्यूशंस तैयार करती है।


📊 फाइनेंशियल परफॉर्मेंस FY24

वित्त वर्ष 2023-24 (मार्च 2024 को समाप्त) में Vecmocon ने शानदार ग्रोथ दर्ज की। इसके प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹15.87 करोड़
    (FY23 के मुकाबले लगभग 4 गुना वृद्धि)
  • नेट लॉस: ₹6 करोड़
    (तेजी से ग्रो कर रही कंपनियों के लिए शुरुआती घाटा आम है)

इससे साफ है कि कंपनी की मार्केट में डिमांड बढ़ रही है और फंडिंग के साथ अब इसका विस्तार और तेज़ी से होगा।


🌍 क्यों है Vecmocon खास?

भारत में EV सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन इस ग्रोथ को टेक्नोलॉजी और सेफ्टी से जोड़ना अभी भी एक चुनौती है। Vecmocon इस गैप को भरने की दिशा में काम कर रही है। इसके कुछ प्रमुख स्ट्रेंथ हैं:

  • भारतीय सड़कों और मौसम के अनुरूप डिजाइन
  • इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग और सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन
  • स्मार्ट IoT-इनेबल्ड डिवाइसेस
  • डेटा-ड्रिवन एनालिटिक्स और डायग्नोस्टिक्स

🌱 निवेशकों का भरोसा क्यों?

Ecosystem Integrity Fund, Aavishkaar Capital, BII और Blume Ventures जैसे निवेशकों ने Vecmocon में बार-बार निवेश करके यह दिखा दिया है कि वे कंपनी के विज़न में भरोसा रखते हैं।

इन निवेशकों का मानना है कि:

सिर्फ EV बनाना काफी नहीं, उन्हें स्मार्ट और सेफ बनाना ज़रूरी है। Vecmocon इस ज़रूरत को पूरा करने वाली कंपनी है।”


🛣️ आगे का रोडमैप

इस फंडिंग के साथ Vecmocon का अगला लक्ष्य है:

  • अपने सॉल्यूशंस को भारत के छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक पहुँचाना
  • मिड-सेगमेंट EV मैन्युफैक्चरर्स के साथ पार्टनरशिप
  • एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों में एंट्री

🔚 निष्कर्ष

Vecmocon Technologies एक उदाहरण है कि कैसे भारत की डीप-टेक स्टार्टअप्स न सिर्फ इनोवेशन कर रही हैं, बल्कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य को आकार भी दे रही हैं।

₹150 करोड़ की इस नई फंडिंग से कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुँचने का मौका मिलेगा – साथ ही यह भारत को एक स्वच्छ, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत EV भविष्य की ओर ले जाएगी।


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🏥 लॉन्च हुआ $300 मिलियन का नया फंड HealthKois

HealthKois

HealthQuad के अनुभवी फाउंडर्स द्वारा शुरू किया गया नया फंड, भारत सहित एशिया और यूरोप में करेगा हेल्थटेक कंपनियों में निवेश

हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले स्टार्टअप्स और कंपनियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। HealthQuad के संस्थापकों की नई निवेश फर्म HealthKois ने आधिकारिक रूप से अपना शुभारंभ किया है। इस नए फंड का मुख्य फोकस हेल्थटेक, मेडटेक, लाइफ साइंसेज, हेल्थ डिलीवरी और क्लाइमेट हेल्थ जैसे उभरते क्षेत्रों में होगा।


💼 फंड का आकार: $300 मिलियन + $100 मिलियन ग्रीन शू विकल्प

HealthKois ने अपने पहले फंड के लिए $300 मिलियन (लगभग ₹2,500 करोड़) के टार्गेट कॉर्पस की घोषणा की है। साथ ही, इसके साथ एक अतिरिक्त $100 मिलियन ग्रीन शू ऑप्शन भी रखा गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर फंड का आकार बढ़ाया जा सकता है।

इस फंड का उद्देश्य ऐसे हेल्थकेयर स्टार्टअप्स और कंपनियों में निवेश करना है, जो अपने प्रोडक्ट या सेवाओं के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, गुणवत्ता और लागत से जुड़ी समस्याओं को हल कर रही हैं।


👥 कौन हैं इसके संस्थापक?

HealthKois को HealthQuad के पूर्व संस्थापक और अनुभवी निवेशकों की एक टीम ने मिलकर शुरू किया है:

  • चार्ल्स जैनसेन (Charles Janssen)मैनेजिंग पार्टनर
  • अजय महिपाल (Ajay Mahipal)पार्टनर
  • डॉ. पिनाक श्रीखंडे (Dr. Pinak Shrikhande)पार्टनर

इन तीनों की संयुक्त विशेषज्ञता क्लिनिकल केयर, हेल्थ ऑपरेशन्स और हेल्थ इन्वेस्टमेंट्स में 100 वर्षों से अधिक की है। HealthKois का मुख्यालय एशिया और यूरोप दोनों में ऑपरेट करता है।


📊 निवेश रणनीति: $7 मिलियन से $25 मिलियन प्रति कंपनी

HealthKois अगले 4 वर्षों में लगभग 25-30 हेल्थकेयर कंपनियों में निवेश करने की योजना बना रहा है। प्रत्येक कंपनी में $7 मिलियन से लेकर $25 मिलियन तक का निवेश किया जाएगा।

चयन मानदंड होंगे:

  • 🏥 प्रमाणित क्लिनिकल आउटकम्स
  • 🚀 स्केलेबल ऑपरेशन्स
  • 🧱 सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल

🎯 फोकस सेगमेंट्स:

HealthKois निम्नलिखित हेल्थकेयर सेगमेंट्स में निवेश करेगा:

  1. HealthTech – डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म्स, AI-आधारित डायग्नोस्टिक्स
  2. MedTech – मेडिकल डिवाइसेज़, इनोवेटिव टेक्नोलॉजी
  3. Life Sciences – बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल R&D
  4. Healthcare Delivery – क्लिनिक नेटवर्क, टेलीमेडिसिन
  5. Climate Health – पर्यावरणीय कारकों पर आधारित स्वास्थ्य सेवाएं

💬 संस्थापकों की टिप्पणी

HealthKois के मैनेजिंग पार्टनर चार्ल्स जैनसेन ने कहा:

“हम उन हेल्थकेयर एंटरप्राइजेज का समर्थन करेंगे जो एक्सेस, अफोर्डेबिलिटी और क्वालिटी से जुड़ी चुनौतियों का समाधान कर रही हैं। हमारे पास 75% से अधिक प्रोपाइटरी डील फ्लो है, जिससे हम वित्तीय रिटर्न के साथ-साथ वास्तविक सामाजिक और स्वास्थ्य प्रभाव प्रदान करने में सक्षम हैं।”


🤝 फाउंडर-फर्स्ट दृष्टिकोण

HealthKois एक “फाउंडर-फर्स्ट” अप्रोच अपनाएगा, जिसमें सिर्फ पूंजी नहीं बल्कि रणनीतिक मार्गदर्शन, मार्केट एक्सपेंशन, और गवर्नेंस प्लानिंग में भी स्टार्टअप्स की मदद की जाएगी।

कंपनी का लक्ष्य स्टार्टअप्स के साथ लंबी साझेदारी बनाना है, जिससे न केवल उनके रेवेन्यू बढ़े, बल्कि वे अधिक प्रभावशाली और टिकाऊ हेल्थ सॉल्यूशन्स भी प्रदान कर सकें।


📌 पिछला ट्रैक रिकॉर्ड: HealthQuad की सफलता

HealthKois का यह नया प्रयास HealthQuad की दो सफल फंड्स – Fund I और Fund II – पर आधारित है। HealthQuad का दावा है कि:

  • उन्होंने 90 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित किया है
  • हर साल 8 मिलियन से अधिक मरीजों को सेवाएं दी जाती हैं
  • पोर्टफोलियो में प्रोवेन स्केलेबल बिज़नेस मॉडल वाले स्टार्टअप्स को शामिल किया गया है

HealthKois इन्हीं अनुभवों को आधार बनाकर अगली पीढ़ी की हेल्थकेयर कंपनियों में निवेश करेगा।


📍 निष्कर्ष: भारत और एशिया के हेल्थटेक स्टार्टअप्स के लिए बड़ा अवसर

भारत सहित एशिया के उभरते हेल्थटेक स्टार्टअप्स के लिए HealthKois एक बेहतरीन अवसर बनकर आया है। ये फंड न सिर्फ पूंजी देगा बल्कि गाइडेंस, स्ट्रैटेजी और स्केलिंग में भी अहम भूमिका निभाएगा।

जैसे-जैसे हेल्थकेयर डिजिटाइज़ेशन की तरफ बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ऐसे समर्पित फंड्स की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।


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💡 HealthKois का लॉन्च हेल्थकेयर इन्वेस्टमेंट के नए युग की शुरुआत है – जहां तकनीक और मानवीय सेवा साथ चलेंगी।

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