Digital healthcare company Practo ने FY24 में ₹3,500 करोड़ का GMV पार किया

Practo

डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म Practo ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में ₹3,500 करोड़ से अधिक का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) हासिल किया है। कंपनी ने इस दौरान 22% सालाना वृद्धि के साथ ऑपरेटिंग राजस्व में इजाफा दर्ज किया, जबकि इसके EBITDA नुकसान में 82% की कमी आई।


Practo राजस्व और वित्तीय प्रदर्शन

Practo ने FY24 में अपना कुल ऑपरेटिंग राजस्व ₹240 करोड़ तक पहुंचाया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष FY23 की तुलना में 22% की वृद्धि को दर्शाता है।

  • कंपनी ने 68% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की है, जो FY22 से FY24 के बीच Practo की मजबूत विकास रणनीति को उजागर करती है।
  • इसके योगदान मार्जिन (Contribution Margin) में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। FY22 में यह -1% था, जबकि FY24 में यह 40% तक बढ़ गया।

Practo की सेवाएं और मॉडल

Practo एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मरीजों को उपयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं और सही चिकित्सकों से जोड़ने में मदद करता है।

  1. गुणवत्तापूर्ण और सत्यापित सेवाएं:
    • मरीजों को डॉक्टर की प्रमाणिकता और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में सटीक जानकारी मिलती है।
    • मेरिट आधारित स्कोरिंग और मरीजों के रिव्यू से बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
  2. हॉस्पिटल और क्लिनिक के लिए सॉफ्टवेयर समाधान:
    Practo अस्पतालों और क्लीनिकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेयर प्रदान करता है।
  3. ऑडिट और सत्यापन:
    FY24 के दौरान Practo ने 600 से अधिक अस्पतालों का ऑडिट किया, जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित की जा सकीं।

Practo का प्रभाव और पहुंच

  • कंपनी ने 642 शहरों में 5.4 करोड़ से अधिक मरीजों को सेवा प्रदान की है।
  • यह आंकड़ा Practo की व्यापक पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है, जो इसे भारत में डिजिटल हेल्थकेयर के अग्रणी प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करता है।

Practo के विकास के प्रमुख कारक

  1. फोकस्ड बिजनेस मॉडल:
    • Practo ने अपने मुख्य भारतीय व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित किया।
    • इस रणनीति ने कंपनी को वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन में सुधार करने में मदद की।
  2. इनोवेशन और तकनीकी समाधान:
    • Practo ने अस्पतालों और क्लिनिकों के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर समाधान पेश किए।
    • इससे चिकित्सा संस्थानों की दक्षता बढ़ी और मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकीं।
  3. डेटा और विश्लेषण का उपयोग:
    • मरीजों के अनुभव और डेटा का गहराई से विश्लेषण किया गया।
    • डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं का सत्यापन और मूल्यांकन किया गया।

Practo का वित्तीय सुधार

Practo ने FY24 में अपने EBITDA नुकसान को 82% तक कम किया।

  • FY22 में कंपनी का योगदान मार्जिन -1% था, लेकिन FY24 में यह 40% तक सुधार गया।
  • यह संकेत करता है कि Practo ने न केवल अपने परिचालन खर्च को नियंत्रित किया, बल्कि राजस्व वृद्धि के साथ लाभप्रदता भी हासिल की।

डिजिटल हेल्थकेयर में Practo की भूमिका

भारत में डिजिटल हेल्थकेयर उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और Practo इस क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

  1. मरीजों के लिए सुलभता:
    • Practo ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराई हैं।
    • 642 शहरों में इसकी उपस्थिति इसका प्रमाण है।
  2. चिकित्सकों और संस्थानों के लिए लाभ:
    • डॉक्टरों को मरीजों से जुड़ने और उनके अनुभवों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
    • अस्पतालों और क्लिनिकों को अपने संचालन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए तकनीकी समाधान प्रदान किए गए।
  3. डेटा-संचालित हेल्थकेयर:
    Practo का डेटा-संचालित दृष्टिकोण स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाने में मदद कर रहा है।

डिजिटल हेल्थकेयर का भविष्य

डिजिटल हेल्थकेयर उद्योग का भविष्य उज्जवल है। Practo जैसी कंपनियां इस बदलाव को गति प्रदान कर रही हैं।

  • तकनीकी नवाचार:
    AI, डेटा एनालिटिक्स, और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सटीक और किफायती बना रहा है।
  • गुणवत्तापूर्ण सेवाएं:
    मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सत्यापित सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • सुलभता और पहुंच:
    डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से हेल्थकेयर सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाया जाएगा।

निष्कर्ष

Practo ने FY24 में ₹3,500 करोड़ का GMV पार करके और ₹240 करोड़ का ऑपरेटिंग राजस्व अर्जित करके अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की है।

  • कंपनी की वित्तीय और परिचालन दक्षता में सुधार इसे हेल्थकेयर क्षेत्र में अग्रणी बनाता है।
  • डिजिटल हेल्थकेयर को बढ़ावा देने में Practo की भूमिका महत्वपूर्ण है।

भविष्य में, Practo की रणनीतियां और इनोवेशन इसे और ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। यह न केवल मरीजों और चिकित्सकों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि हेल्थकेयर सेक्टर में क्रांति लाने में भी सहायक होगा।

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Innovaccer

हेल्थकेयर AI स्टार्टअप Innovaccer Inc. ने अपने Series F फंडिंग राउंड में $275 मिलियन (लगभग ₹2,275 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड में B Capital Group, Banner Health, Danaher Ventures LLC, Generation Investment Management, Kaiser Permanente, और Microsoft की वेंचर शाखा M12 जैसे प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया।

नोएडा और सैन फ्रांसिस्को आधारित इस कंपनी ने तीन साल के अंतराल के बाद फंडिंग जुटाई है। इससे पहले, दिसंबर 2021 में Innovaccer ने $150 मिलियन की Series E फंडिंग प्राप्त की थी। अब तक, कंपनी ने कुल $675 मिलियन जुटाए हैं और वर्तमान में इसकी वैल्यूएशन $3.4 बिलियन से अधिक हो गई है।


Innovaccer फंडिंग का उपयोग और विस्तार योजनाएं

Innovaccer ने अपनी नई फंडिंग के उपयोग की योजना का खुलासा किया है। यह निवेश कंपनी की सेवाओं और तकनीकों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

  1. ग्राहकों के साथ सहयोग को बढ़ाना
    Innovaccer अपनी मौजूदा साझेदारियों को मजबूत करते हुए नई सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रही है।
  2. AI और क्लाउड क्षमताओं का विस्तार
    कंपनी नई AI क्षमताओं और क्लाउड-आधारित सेवाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो हेल्थकेयर संगठनों के लिए फायदेमंद होंगी।
  3. डेवलपर इकोसिस्टम का निर्माण
    Innovaccer एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करेगी जहां डेवलपर्स हेल्थकेयर सॉल्यूशंस विकसित कर सकें।
  4. नई सेवाओं का इजाफा
    कंपनी ने कहा कि वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में को-पायलट्स और एजेंट्स को जोड़ेगी। इसमें निम्न सेवाएं शामिल होंगी:
    • उपयोग प्रबंधन (Utilization Management)
    • पूर्व प्राधिकरण (Prior Authorization)
    • क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट (Clinical Decision Support)
    • क्लिनिकल डाक्यूमेंटेशन (Clinical Documentation)
    • केयर मैनेजमेंट (Care Management)
    • कांटेक्ट सेंटर सेवाएं

Innovaccer का परिचय और उत्पाद

2014 में स्थापित, Innovaccer हेल्थकेयर संगठनों को डिजिटल समाधान प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

  • मुख्य उद्देश्य: हेल्थकेयर संगठनों को मूल्य-आधारित देखभाल (Value-based Care) कार्यक्रम संचालित करने, मरीजों के अनुभव को आधुनिक बनाने और प्रदाताओं पर प्रशासनिक भार कम करने में मदद करना।
  • प्रमुख उत्पाद: Innovaccer के सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस का उपयोग हेल्थकेयर डेटा को एकीकृत करने, विश्लेषण करने और चिकित्सकीय निर्णयों को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है।
  • सेवाओं का दायरा: कंपनी मरीज की देखभाल, डेटा प्रबंधन, और स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने के लिए व्यापक समाधान प्रदान करती है।

फंडिंग इतिहास और ग्रोथ ट्रैक

Innovaccer की वित्तीय यात्रा:

  1. दिसंबर 2021: $150 मिलियन की Series E फंडिंग से कंपनी यूनिकॉर्न बनी।
  2. अब तक का कुल निवेश: $675 मिलियन।
  3. वैल्यूएशन: $3.4 बिलियन से अधिक।

Innovaccer की सेवाओं का उपयोग वर्तमान में अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर हो रहा है।


हेल्थकेयर AI सेक्टर में Innovaccer की स्थिति

हेल्थकेयर सेक्टर में AI और डेटा एनालिटिक्स का महत्व बढ़ रहा है। Innovaccer इस क्षेत्र में अग्रणी है:

  • डेटा एकीकरण: कंपनी हेल्थकेयर डेटा को सटीक और तेज़ी से प्रोसेस करने के लिए उपकरण प्रदान करती है।
  • मरीज-केंद्रित सेवाएं: Innovaccer की तकनीकें मरीजों को बेहतर अनुभव देने और चिकित्सकों को सटीक निर्णय लेने में मदद करती हैं।
  • वैश्विक उपस्थिति: अमेरिका के साथ-साथ अन्य बाजारों में भी Innovaccer की सेवाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

AI और हेल्थकेयर का भविष्य

Innovaccer जैसी कंपनियां हेल्थकेयर सेक्टर में डिजिटल बदलाव को बढ़ावा दे रही हैं।

  1. डेटा का प्रभावी उपयोग
    हेल्थकेयर संगठनों के पास बहुत बड़ा डेटा होता है। Innovaccer जैसी कंपनियां इस डेटा का उपयोग उपचार को बेहतर बनाने और लागत को कम करने में कर रही हैं।
  2. मरीजों के लिए लाभ
    • मरीजों को तेज़, सटीक और किफायती सेवाएं मिल रही हैं।
    • डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स और AI-आधारित निर्णय समर्थन से चिकित्सीय त्रुटियां कम हो रही हैं।
  3. चिकित्सकों और संगठनों के लिए लाभ
    • प्रशासनिक कार्यों का बोझ कम हुआ है।
    • स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल और प्रभावी बनाया गया है।

Innovaccer के लिए आगे की राह

  1. तकनीकी नवाचार
    कंपनी को नई तकनीकों और सेवाओं को विकसित करते रहना होगा ताकि वह प्रतिस्पर्धा में आगे बनी रहे।
  2. वैश्विक विस्तार
    Innovaccer को अपने उत्पादों और सेवाओं को और अधिक देशों में विस्तारित करना चाहिए।
  3. मरीज-केंद्रित समाधान
    AI का उपयोग कर मरीजों की देखभाल को अधिक सटीक और व्यक्तिगत बनाना कंपनी के दीर्घकालिक विकास में मदद करेगा।
  4. IPO की संभावना
    फंडिंग और विस्तार योजनाओं के साथ Innovaccer भविष्य में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध (IPO) होने की तैयारी कर सकती है।

निष्कर्ष

Innovaccer की नई फंडिंग हेल्थकेयर AI सेक्टर में इसके प्रभाव को और मजबूत करेगी। कंपनी का लक्ष्य है कि वह तकनीक और नवाचार के जरिए हेल्थकेयर सेवाओं को अधिक सुलभ, किफायती और कुशल बनाए।

  • $275 मिलियन की फंडिंग से कंपनी को अपने विस्तार और नई सेवाओं को लॉन्च करने में मदद मिलेगी।
  • AI और क्लाउड क्षमताओं पर फोकस करके Innovaccer हेल्थकेयर में डिजिटल क्रांति लाने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

हेल्थकेयर और तकनीक के इस संगम से आने वाले समय में मरीजों और चिकित्सकों दोनों के लिए नए अवसर और समाधान सामने आएंगे।

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Waycool ने Grand Anicut से 110 करोड़ रुपये जुटा

Waycool

बी2बी फूड और एग्रीटेक प्लेटफॉर्म WayCool ने अपने विस्तार और संचालन के लिए ग्रैंड एनिकट से 110 करोड़ रुपये (लगभग 13 मिलियन डॉलर) का कर्ज जुटाया है। चेन्नई स्थित इस कंपनी ने पिछले चार महीनों में दूसरी बार कर्ज के जरिए फंडिंग जुटाई है।


WayCool कर्ज जुटाने की प्रक्रिया

कंपनी के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित करते हुए 1,100 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) जारी करने का निर्णय लिया है।

  • प्रत्येक डिबेंचर की कीमत: 1,00,000 रुपये
  • कुल राशि: 100 करोड़ रुपये (13 मिलियन डॉलर)
  • कर्ज का ब्याज दर: 18% सालाना
  • अतिरिक्त ब्याज: कंपनी और निवेशक के बीच सहमति से 4% अतिरिक्त ब्याज लागू होगा।
  • अवधि: 18 महीने

यह विवरण रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) में दाखिल Waycool की नियामक फाइलिंग से सामने आया है।


फंड का उपयोग

WayCool ने बताया है कि यह धनराशि सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। हालांकि, उच्च ब्याज दरों और बार-बार कर्ज लेने की प्रवृत्ति यह संकेत देती है कि कंपनी को इक्विटी राउंड के लिए निवेशकों को आकर्षित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


कंपनी की पृष्ठभूमि और गतिविधियां

Waycool का परिचय

Waycool एक बी2बी फूड और एग्रीटेक प्लेटफॉर्म है, जो किसानों, वितरकों, और खुदरा विक्रेताओं के बीच आपूर्ति श्रृंखला को कुशल बनाता है।

  • स्थापना: चेन्नई में स्थित इस कंपनी की स्थापना कृषि और खाद्य आपूर्ति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
  • मुख्य सेवाएं:
    • किसानों से सीधे उत्पाद खरीदना
    • वितरकों और खुदरा विक्रेताओं तक इन उत्पादों को पहुंचाना
    • आपूर्ति श्रृंखला में तकनीकी समाधान प्रदान करना

कंपनी की विस्तार योजनाएं

Waycool का लक्ष्य है कि वह भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांति लाए और इसे और अधिक संगठित और लाभदायक बनाए।

  • डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए कंपनी आपूर्ति श्रृंखला को तेज और प्रभावी बना रही है।
  • किसानों को बाजार से जोड़ने के अलावा, यह प्लेटफॉर्म उन्हें उचित मूल्य और नई तकनीक तक पहुंच प्रदान करता है।

कर्ज का बढ़ता दबाव: संकेत और चुनौतियां

Waycool के हालिया फंडिंग दौर से कुछ महत्वपूर्ण संकेत मिलते हैं:

  1. इक्विटी फंडिंग में कठिनाई
    • कंपनी को बैक-टू-बैक कर्ज के जरिए पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ रही है।
    • उच्च ब्याज दर (18% + 4%) से संकेत मिलता है कि Waycool को तुरंत धन की आवश्यकता है।
  2. उच्च ब्याज दर का प्रभाव
    • 18 महीने की छोटी अवधि में इतनी ऊंची ब्याज दर कंपनी के मुनाफे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
    • यह वित्तीय दबाव Waycool की दीर्घकालिक योजनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  3. व्यापार मॉडल पर दबाव
    • Waycool का बिजनेस मॉडल किसानों और खुदरा विक्रेताओं को जोड़ने पर आधारित है।
    • लेकिन लगातार कर्ज लेने से संकेत मिलता है कि कंपनी को अपने परिचालन खर्चों को संतुलित करने में चुनौतियां आ रही हैं।

एग्रीटेक सेक्टर में फंडिंग की स्थिति

बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत में एग्रीटेक कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। नए खिलाड़ी और टेक्नोलॉजी-फोकस्ड स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।

  • बड़े प्लेटफॉर्म्स जैसे DeHaat, Ninjacart पहले से बाजार में मजबूत उपस्थिति बनाए हुए हैं।
  • Waycool को इन कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अधिक पूंजी और बेहतर रणनीतियों की आवश्यकता है।

फंडिंग के बदलते रुझान

2024 में, निवेशक एग्रीटेक सेक्टर में अधिक सतर्क हो गए हैं।

  • इक्विटी फंडिंग की गति धीमी हुई है।
  • निवेशक अब उन कंपनियों में निवेश करने को प्राथमिकता दे रहे हैं जो पहले से लाभदायक हैं या मजबूत विकास पथ पर हैं।

Waycool के लिए आगे की राह

वित्तीय संरचना को मजबूत करना

कंपनी को उच्च ब्याज दर के कर्ज से बचने के लिए इक्विटी निवेशकों को आकर्षित करने की आवश्यकता है।

  • उद्यम पूंजी: Waycool को बड़े निवेशकों और फंड्स से संपर्क करना चाहिए।
  • संस्थागत निवेशक: लंबे समय तक सहयोग देने वाले निवेशकों पर फोकस करना चाहिए।

नवाचार और तकनीकी समाधान

Waycool को अपनी सेवाओं और उत्पादों में नवाचार करना होगा ताकि यह प्रतिस्पर्धा में बने रहे।

  • डिजिटल समाधान: किसानों और खुदरा विक्रेताओं के लिए नए और प्रभावी तकनीकी टूल्स विकसित करने होंगे।
  • डेटा एनालिटिक्स: आपूर्ति श्रृंखला के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए डेटा का उपयोग करना होगा।

पारदर्शिता और भरोसे का निर्माण

इक्विटी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कंपनी को अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट्स और व्यवसाय की सफलता को पारदर्शी बनाना होगा।


निष्कर्ष

Waycool ने एग्रीटेक सेक्टर में एक मजबूत पहचान बनाई है, लेकिन वित्तीय चुनौतियों को हल करना इसके लिए जरूरी हो गया है।

  • लगातार कर्ज के जरिए पूंजी जुटाना दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकता।
  • कंपनी को अपने बिजनेस मॉडल को और अधिक लाभदायक और निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना होगा।

अगर Waycool इन चुनौतियों को हल कर लेता है, तो यह एग्रीटेक सेक्टर में एक अग्रणी कंपनी के रूप में उभर सकता है और किसानों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकता है।

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INTEGRIS Health

मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनी INTEGRIS Health ने प्रमुख निवेशकों के समूह से नई पूंजी जुटाई है। इन निवेशकों में मुकुल अग्रवाल और इंडिया SME फंड शामिल हैं। कंपनी को पहले से ही एवरस्टोन कैपिटल का समर्थन प्राप्त है।


INTEGRIS Health निवेश का उद्देश्य

INTEGRIS Health ने बताया कि इस पूंजी का उपयोग कंपनी के विस्तार और नए क्षेत्रों में प्रवेश के लिए किया जाएगा।

  1. नए थेरेप्यूटिक एरिया में विस्तार:
    • इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स (IVD)
    • लैबोरेटरी सॉल्यूशन्स
  2. रणनीतिक अधिग्रहण और इन-हाउस प्रोडक्ट डिवेलपमेंट
    • कंपनी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करने और नए नवाचार लाने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण करेगी।
    • साथ ही, कंपनी की योजना है कि वह खुद के रिसर्च और डिवेलपमेंट के जरिए नई तकनीकों का विकास करे।

नई नेतृत्व टीम और भविष्य की रणनीति

नए सीईओ की नियुक्ति

2024 में, इंटीग्रिस हेल्थ ने प्रोबीर दास को अपना नया सीईओ नियुक्त किया।

  • प्रोबीर दास को हेल्थकेयर और मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में दशकों का अनुभव है।
  • उनका प्राथमिक फोकस कंपनी की ग्रोथ रणनीतियों को लागू करना और इंटीग्रिस को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाना है।

IPO की तैयारी

कंपनी ने घोषणा की है कि वह 2025 के अंत तक पब्लिक लिस्टिंग की योजना बना रही है।

  • इस लक्ष्य के लिए IPO की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
  • सार्वजनिक लिस्टिंग से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार और अनुसंधान में किया जाएगा।

कंपनी की पृष्ठभूमि और स्थापना

स्थापना और संस्थापक

इंटीग्रिस हेल्थ की स्थापना 2008 में गुरमीत सिंह चुग द्वारा की गई थी।

  • कंपनी की शुरुआत मेडिकल डिवाइस निर्माण और वितरण के क्षेत्र में हुई।
  • शुरुआती वर्षों में, कंपनी ने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, कार्डियोवैस्कुलर और वैस्कुलर सर्जरी जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता विकसित की।

विस्तार और वैश्विक उपस्थिति

आज, इंटीग्रिस हेल्थ एक पूरी तरह से एकीकृत कंपनी है, जो उत्पाद विकास, निर्माण, और बिक्री-वितरण में सक्रिय है।

  • उत्पादन इकाइयां: जर्मनी, नीदरलैंड्स और भारत में हैं।
  • बिक्री का दायरा: कंपनी 50 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं देती है।

तकनीकी और नवाचार पर जोर

कंपनी का मुख्य फोकस उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल डिवाइस का उत्पादन करना है, जो मरीजों और चिकित्सकों की जरूरतों को पूरा कर सके।


विस्तार के क्षेत्र और योजनाएं

इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स और लैब सॉल्यूशन्स

इंटीग्रिस हेल्थ इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स (IVD) क्षेत्र में कदम रखकर अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती है।

  • यह क्षेत्र वर्तमान में हेल्थकेयर इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ रहा है।
  • कंपनी इस सेगमेंट में अत्याधुनिक तकनीक और समाधान पेश करने की योजना बना रही है।

रणनीतिक अधिग्रहण

कंपनी ने संकेत दिया है कि वह कुछ महत्वपूर्ण अधिग्रहण करेगी, जो उसके प्रोडक्ट लाइन और बाजार पहुंच को और मजबूत करेंगे।

वैश्विक बाजार पर फोकस

इंटीग्रिस हेल्थ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

  • यूरोप, एशिया और अफ्रीका में नए वितरण चैनलों और साझेदारियों पर काम किया जा रहा है।

कंपनी की ताकत और उपलब्धियां

इंटीग्रेटेड ऑपरेशन मॉडल

इंटीग्रिस हेल्थ का सबसे बड़ा फायदा इसका एंड-टू-एंड ऑपरेशन मॉडल है, जिसमें:

  1. उत्पाद विकास
  2. निर्माण
  3. वितरण और बिक्री

ग्राहक और बाजार पर पकड़

कंपनी ने विभिन्न चिकित्सा और सर्जिकल क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता से मजबूत पकड़ बनाई है।

  • इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी
  • कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी
  • वैस्कुलर सर्जरी

50+ बाजारों में उपस्थिति

कंपनी की वैश्विक उपस्थिति इसके मजबूत वितरण नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के कारण है।


मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत में मेडिकल डिवाइस सेक्टर का विकास

भारत में हेल्थकेयर सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है, और मेडिकल डिवाइस का बाजार इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • सरकार की मेक इन इंडिया पहल ने इस सेक्टर को गति दी है।
  • इंटीग्रिस हेल्थ जैसी कंपनियां घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में लाभ उठा रही हैं।

तकनीकी नवाचार का महत्व

मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए नवाचार और अनुसंधान अत्यंत आवश्यक हैं।

  • इंटीग्रिस हेल्थ इस दिशा में लगातार निवेश कर रही है।

भविष्य की राह

IPO के जरिए विकास

IPO के जरिए जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी के विस्तार और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।

नए उत्पाद और सेवाएं

कंपनी ने संकेत दिया है कि वह आने वाले वर्षों में नए और अत्याधुनिक उत्पाद लॉन्च करेगी।

वैश्विक बाजारों में विस्तार

इंटीग्रिस हेल्थ का लक्ष्य अधिक देशों में अपनी सेवाएं प्रदान करना और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना है।


निष्कर्ष

इंटीग्रिस हेल्थ ने अपनी फंडिंग और विस्तार योजनाओं से भारतीय मेडिकल डिवाइस सेक्टर में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत किया है।

  • कंपनी का उद्देश्य केवल व्यवसाय को बढ़ाना नहीं है, बल्कि मरीजों और चिकित्सकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले समाधान प्रदान करना भी है।
  • 2025 के IPO के साथ, इंटीग्रिस हेल्थ भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने पैर और मजबूत करेगी।

कंपनी की इस विकास यात्रा से भारतीय हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एक नई ऊर्जा और नवाचार की लहर देखने को मिलेगी।

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केरल की Beyond Snack ब्रांड ने $8.3 मिलियन जुटाए,

Beyond Snack

केरल स्थित Beyond Snack, जो अपने प्रीमियम केले के चिप्स के लिए जानी जाती है, ने $8.3 मिलियन (लगभग ₹68.8 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग 12 फ्लैग्स ग्रुप के नेतृत्व में हुई, जो उपभोक्ता व्यवसायों पर केंद्रित एक फंड है और जिसे रेकिट बेंकिज़र के पूर्व सीईओ राकेश कपूर ने स्थापित किया है।


Beyond Snack निवेश में किसने किया योगदान

मौजूदा और नए निवेशक

इस दौर में Beyond Snack के मौजूदा निवेशक नैब वेंचर्स ने भी भाग लिया और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। इसके अलावा,

  • जापानी वेंचर कैपिटल फर्म एनरिशन इंडिया कैपिटल
  • फाड नेटवर्क और अन्य मौजूदा निवेशकों ने भी फंडिंग में योगदान दिया।

पिछले निवेश

जुलाई 2023 में, बियॉन्ड स्नैक ने अपने प्री-सीरीज़ ए राउंड में $3.5 मिलियन जुटाए थे, जो मुख्य रूप से नैबवेंचर्स फंड से प्राप्त हुआ था।


फंड का उपयोग

विस्तार और नवाचार

इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के विभिन्न पहलुओं को मजबूत करने में किया जाएगा, जैसे:

  1. नए बाजारों में विस्तार: बियॉन्ड स्नैक भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बाजार का दायरा बढ़ाना चाहता है।
  2. उत्पाद नवाचार: कंपनी ने बताया कि वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में नई और अनोखी स्वादों की पेशकश करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  3. सप्लाई चेन को मजबूत करना: कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करके ग्राहकों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना चाहती है।

बियॉन्ड स्नैक के पीछे की कहानी

संस्थापक और शुरुआत

बियॉन्ड स्नैक की स्थापना मनस मधु, ज्योति राजगुरु और गौतम रघुरामन ने की थी।

  • यह एक प्लांट-बेस्ड स्नैक्स ब्रांड है, जो बिना किसी कृत्रिम रंगों और फ्लेवर के केले के चिप्स का उत्पादन करता है।
  • कंपनी के उत्पाद स्वस्थ, स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाले माने जाते हैं।

उत्पाद की विशेषता

बियॉन्ड स्नैक के केले के चिप्स अपनी पारंपरिक विधि और उच्चतम गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं।

  • कोई प्रिजर्वेटिव नहीं
  • विविध फ्लेवर विकल्प
  • सस्टेनेबल और नैचुरल सामग्री का उपयोग

अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपस्थिति

12 देशों में ब्रांड की उपस्थिति

बियॉन्ड स्नैक ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से अपनी पहचान बनाई है।

  • वर्तमान में यह 12 देशों में अपने उत्पाद उपलब्ध करा रहा है।
  • कंपनी उन नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों का पता लगा रही है, जहां उनके उत्पादों की मजबूत मांग है।

ग्लोबल फुटप्रिंट का विस्तार

नए फंडिंग के साथ, बियॉन्ड स्नैक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में और भी आक्रामक तरीके से विस्तार करने की योजना बना रहा है।


भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

फिटनेस और स्वास्थ्य पर जोर

आज के समय में उपभोक्ता स्वस्थ और पौष्टिक स्नैक्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

  • बियॉन्ड स्नैक इस बदलते रुझान का लाभ उठाने में सफल रहा है।
  • इसके केले के चिप्स प्लांट-बेस्ड डाइट के बढ़ते क्रेज को पूरा करते हैं।

अन्य प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स

भारत में अन्य ब्रांड भी स्नैक सेगमेंट में सक्रिय हैं, लेकिन बियॉन्ड स्नैक की गुणवत्ता और उत्पाद की विशेषताएं इसे प्रतियोगिता से अलग बनाती हैं।


कंपनी की विकास यात्रा

तेजी से बढ़ता कारोबार

बियॉन्ड स्नैक ने अपने लॉन्च के बाद से ही तेजी से वृद्धि दर्ज की है।

  • प्रीमियम स्नैक्स सेगमेंट में कंपनी ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जगह बनाई है।
  • इसके उत्पादों की मांग हर महीने लगातार बढ़ रही है।

ग्राहक विश्वास

कंपनी का मानना है कि उनके उत्पादों की गुणवत्ता और स्वाद ने ग्राहकों का विश्वास जीता है।


भविष्य की योजनाएं

नए उत्पाद और फ्लेवर

कंपनी ने घोषणा की है कि वह आने वाले महीनों में नए फ्लेवर और उत्पाद लॉन्च करेगी।

स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी

बियॉन्ड स्नैक अधिक देशों में अपने वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नई साझेदारियों पर विचार कर रहा है।

स्वास्थ्य और स्थिरता पर ध्यान

कंपनी का लक्ष्य अपने उत्पादों को और अधिक पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक बनाना है।


निष्कर्ष

बियॉन्ड स्नैक ने $8.3 मिलियन की फंडिंग जुटाकर अपने विस्तार और नवाचार की योजनाओं को मजबूती दी है।

  • कंपनी की प्लांट-बेस्ड हेल्दी स्नैक्स की पेशकश ने इसे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक भरोसेमंद ब्रांड बना दिया है।
  • आने वाले वर्षों में, बियॉन्ड स्नैक का उद्देश्य नए बाजारों में प्रवेश करना और अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को और अधिक विविध बनाना है।

इस फंडिंग के साथ, बियॉन्ड स्नैक की विकास यात्रा को नई गति मिलेगी और यह ब्रांड भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में अपनी अग्रणी स्थिति को और भी मजबूत करेगा।

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Infinity Fincorp Solutions ने जुटाए $35 मिलियन

Infinity Fincorp Solutions

Infinity Fincorp Solutions, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तहत पंजीकृत एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है, ने $35 मिलियन (लगभग ₹290 करोड़) की फंडिंग हासिल की है। इस निवेश का नेतृत्व जंगल वेंचर्स ने किया, जिसमें आर्चरमैन कैपिटल और मैग्निफिको ने भी भाग लिया।

इस निवेश के साथ, इनफिनिटी की कुल नेट वर्थ बढ़कर ₹530 करोड़ ($61.6 मिलियन) हो गई है।


Infinity Fincorp Solutions माइक्रो-उद्यमियों को समर्थन देने का उद्देश्य

लक्षित ग्राहक

Infinity Fincorp छोटे उद्यमियों को कर्ज प्रदान करती है, जैसे:

  • चाय की दुकान चलाने वाले व्यापारी
  • सब्जी विक्रेता
  • इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर
  • छोटे निर्माता

ये वे लोग हैं, जिन्हें अक्सर पारंपरिक वित्तीय संस्थान अनदेखा कर देते हैं।

भौगोलिक विस्तार

इनफिनिटी वर्तमान में आठ राज्यों में सक्रिय है और इसके पास 120 शाखाओं का नेटवर्क है।

फंडिंग और वितरण

कंपनी का दावा है कि उसने पिछले 12 महीनों में ₹562 करोड़ ($65.4 मिलियन) का वितरण किया है, जिससे हजारों छोटे व्यापारियों को फायदा हुआ है।


एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में बड़ी उपलब्धि

1,000 करोड़ का मील का पत्थर

इनफिनिटी ने नवंबर 2024 तक ₹1,000 करोड़ के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) का आंकड़ा पार कर लिया है। यह मार्च 2024 से 33% की वृद्धि दर्शाता है।

भविष्य की योजनाएं

कंपनी का लक्ष्य मार्च 2025 तक AUM को बढ़ाकर ₹1,300 करोड़ तक ले जाना है।

  • यह वृद्धि उन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मिशन से प्रेरित है, जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं तक नहीं पहुंच पाते।

वित्तीय प्रदर्शन और लाभ

FY24 का प्रदर्शन

इनफिनिटी ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में ₹26 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

FY25 की भविष्यवाणी

कंपनी को उम्मीद है कि FY25 में यह लाभ बढ़कर ₹47 करोड़ तक पहुंच जाएगा।


निवेश और रणनीति का महत्व

जंगल वेंचर्स की भूमिका

जंगल वेंचर्स का यह निवेश न केवल इनफिनिटी के वित्तीय प्रदर्शन को मजबूत करेगा, बल्कि कंपनी की विस्तार योजनाओं को भी गति देगा।

MSME सेक्टर पर फोकस

भारत में MSMEs को अक्सर औपचारिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती है। इनफिनिटी का मॉडल उन्हें सस्ती दरों पर ऋण प्रदान करता है, जिससे उनके व्यवसायों को बढ़ने में मदद मिलती है।

डिजिटल तकनीक का उपयोग

इनफिनिटी अपनी सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर रही है।


इनफिनिटी की सफलता के कारण

समाज के अनदेखे वर्ग को सेवा देना

इनफिनिटी ने उन ग्राहकों को प्राथमिकता दी है, जिन्हें पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली अक्सर नजरअंदाज करती है।

  • छोटे कर्ज प्रदान करके, कंपनी ने इन व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।

सुदृढ़ नेटवर्क और वितरण प्रणाली

120 शाखाओं का नेटवर्क इनफिनिटी को भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में गहराई से पहुंचने में सक्षम बनाता है।

संगठित और दीर्घकालिक दृष्टिकोण

कंपनी की डेटा-संचालित रणनीतियां और संगठित दृष्टिकोण ने इसे स्थिरता और विकास दोनों प्रदान किए हैं।


भविष्य की योजनाएं और विस्तार

नए बाजारों में प्रवेश

इनफिनिटी की योजना अगले वित्तीय वर्ष में अपने भौगोलिक विस्तार को और बढ़ाने की है।

नए उत्पाद और सेवाएं

कंपनी MSMEs के लिए नई वित्तीय सेवाएं और योजनाएं पेश करने पर काम कर रही है, जो उनकी अलग-अलग जरूरतों को पूरा कर सकें।

सस्टेनेबल ग्रोथ पर जोर

इनफिनिटी अपने विस्तार के साथ पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे यह एक जिम्मेदार वित्तीय सेवा प्रदाता के रूप में उभर सके।


निष्कर्ष

इनफिनिटी फिनकॉर्प सॉल्यूशंस ने छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करके न केवल अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि भारतीय MSME सेक्टर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

  • $35 मिलियन की फंडिंग और ₹1,000 करोड़ AUM के साथ, कंपनी वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • इसके दीर्घकालिक लक्ष्य और मजबूत प्रदर्शन इसे भारत के फिनटेक क्षेत्र में एक प्रभावशाली खिलाड़ी बनाते हैं।
  • आने वाले वर्षों में, इनफिनिटी का उद्देश्य MSMEs को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करना और भारत के आर्थिक विकास में योगदान देना है।

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Mintoak ने 71 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई

Mintoak

Mintoak, एक मर्चेंट SaaS प्लेटफॉर्म जो बैंकों और मर्चेंट एक्वायरर्स को सेवाएं प्रदान करता है, ने 71 करोड़ रुपये (लगभग $8.2 मिलियन) का फंड सेकेंडरी फंडिंग राउंड में जुटाया है। इस राउंड का नेतृत्व Z3Partners ने किया।


Mintoak फंडिंग डील का विवरण

Z3Partners की हिस्सेदारी

  • इस ट्रांजैक्शन के तहत, Z3Partners ने मिन्टोक के शुरुआती संस्थागत निवेशकों से अल्पसंख्यक हिस्सेदारी खरीदी।
  • हालांकि, Mintoak ने इस सेकेंडरी ट्रांजैक्शन में शामिल निवेशकों के नामों का खुलासा नहीं किया।

पहले की फंडिंग

  • फरवरी 2023 में, मुंबई स्थित इस स्टार्टअप ने $20 मिलियन का सीरीज A फंडिंग राउंड पूरा किया, जिसका नेतृत्व PayPal Ventures और अन्य निवेशकों ने किया।
  • इससे पहले, दिसंबर 2022 में, HDFC बैंक ने $3.7 मिलियन की नकद राशि के लिए मिन्टोक में हिस्सेदारी हासिल की थी।
  • बाद में HDFC बैंक ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 7.75% कर ली, जो पहले 5.20% थी।

अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग

मिन्टोक ने अब तक कुल 192 करोड़ रुपये (लगभग $25 मिलियन) की फंडिंग जुटाई है।


मिन्टोक का परिचय और उत्पाद पोर्टफोलियो

स्थापना और संस्थापक

  • मिन्टोक की स्थापना रमन खंडूजा, रमा तादेपल्ली, और संजय नजरेथ ने की थी।
  • कंपनी की शुरुआत 7 साल पहले हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।

उत्पाद और सेवाएं

  • मिन्टोक का सॉफ़्टवेयर-एज़-ए-सर्विस (SaaS) पोर्टफोलियो बैंकों और मर्चेंट एक्वायरर्स को छोटे और मध्यम उद्यम (SME) ग्राहकों से जुड़ने में मदद करता है।
  • इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:
    • फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स का क्रॉस-सेल
    • मर्चेंट के लिए डिजिटल भुगतान समाधान
    • डेटा-चालित एनालिटिक्स टूल्स
    • ग्राहक संबंध प्रबंधन सेवाएं

मिशन और दृष्टिकोण

  • कंपनी का उद्देश्य बैंकों और मर्चेंट एक्वायरर्स को स्मार्ट, कस्टमाइज्ड समाधान प्रदान करना है, जिससे छोटे व्यापारियों को उनके व्यवसाय में सुधार करने का अवसर मिले।

ग्राहक और बाजार पहुंच

मिन्टोक का प्रभाव

  • मिन्टोक का दावा है कि यह 1.5 मिलियन से अधिक व्यापारियों को सेवाएं प्रदान करता है।
  • इसके प्रमुख साझेदारों में भारत के अग्रणी बैंक जैसे:
    • HDFC बैंक
    • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
    • YES बैंक
  • इसके अलावा, कंपनी अफ्रीका और मध्य पूर्व जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सक्रिय है।

बढ़ती मांग और विस्तार

  • भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डिजिटल भुगतान और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग के साथ, मिन्टोक ने इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है।
  • कंपनी के समाधान छोटे व्यापारियों को डिजिटल और फाइनेंशियल उत्पादों तक आसान पहुंच प्रदान करते हैं।

भविष्य की योजनाएं और प्राथमिकताएं

तकनीकी उन्नयन

  • हाल ही में जुटाई गई फंडिंग का उपयोग मिन्टोक अपने AI-ड्रिवन प्लेटफॉर्म को और उन्नत बनाने के लिए करेगा।
  • कंपनी अपने उत्पादों में डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों को और मजबूत करेगी।

भौगोलिक विस्तार

  • मिन्टोक ने भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहुंच बढ़ाने की योजना बनाई है।
  • विशेष रूप से, मध्य पूर्व और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में कंपनी की उपस्थिति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

नई निवेश संभावनाएं

  • मिन्टोक अपने ग्राहकों के लिए हाई-वैल्यू इन्वेस्टमेंट अवसर प्रदान करने की दिशा में काम करेगा।
  • कंपनी छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए उन्नत वित्तीय समाधान पेश करेगी।

मिन्टोक की सफलता के कारण

डेटा-ड्रिवन दृष्टिकोण

  • मिन्टोक का AI-आधारित एनालिटिक्स सिस्टम बाजार की ट्रेंड्स और मर्चेंट की आवश्यकताओं को समझने में मदद करता है।
  • यह व्यापारियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित समाधान प्रदान करता है।

ग्राहक-केंद्रितता

  • छोटे व्यापारियों की समस्याओं को समझते हुए मिन्टोक ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो उनके लिए फायदेमंद है।
  • इसका फोकस ग्राहकों के अनुभव को सरल और प्रभावी बनाना है।

अंतरराष्ट्रीय पहुंच

  • भारत में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ-साथ, कंपनी ने वैश्विक बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत की है।

निष्कर्ष

मिन्टोक ने अपनी 71 करोड़ रुपये की फंडिंग और अब तक 192 करोड़ रुपये की कुल फंडिंग के साथ फिनटेक इंडस्ट्री में एक प्रमुख स्थान बना लिया है।

  • बैंकों और छोटे व्यापारियों के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करके, मिन्टोक ने खुद को एक भरोसेमंद ब्रांड के रूप में स्थापित किया है।
  • इसकी AI-आधारित रणनीतियां और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण इसे उद्योग में और ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
  • आने वाले वर्षों में, मिन्टोक का फोकस अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार, उत्पाद विकास, और तकनीकी उन्नयन पर होगा, जिससे यह फिनटेक क्षेत्र में नवाचार और नेतृत्व की दिशा में कदम बढ़ाएगा।

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Drishti IAS ने वित्तीय वर्ष 2024 में पार किया 400 करोड़ का राजस्व

Drishti IAS

दिल्ली स्थित Drishti IAS इंस्टीट्यूट ने वित्तीय वर्ष मार्च 2024 में 400 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व दर्ज किया। साथ ही, विकास दिव्यकीर्ति के नेतृत्व वाली इस फर्म का मुनाफा इसी अवधि में 90 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।


Drishti IAS आय में प्रभावशाली वृद्धि

वित्तीय प्रदर्शन

  • Drishti IAS का ऑपरेटिंग राजस्व वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 30.6% बढ़कर 405 करोड़ रुपये हो गया।
  • पिछले वर्ष, FY23, में यह राजस्व 310 करोड़ रुपये था।
  • पिछले चार वर्षों में संस्थान की आय में लगातार वृद्धि हुई है:
    • FY21 में 40 करोड़ रुपये
    • FY22 में 119 करोड़ रुपये
    • FY23 में 310 करोड़ रुपये

मुख्य आय स्रोत

कोचिंग सेवाएं

  • संस्थान की आय का 94.8% हिस्सा सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी के लिए प्रदान की जाने वाली ऑफलाइन कोचिंग सेवाओं से आता है।
  • FY24 में कोचिंग सेवाओं से आय 37.6% बढ़कर 384 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष 279 करोड़ रुपये थी।

स्टडी मटीरियल से आय

  • कोचिंग सेवाओं के अलावा, दृष्टि आईएएस अन्य स्रोतों से भी आय अर्जित करता है, जिनमें शामिल हैं:
    • पेन ड्राइव क्लासेस
    • पुस्तकें
    • टेस्ट पेपर्स
    • अन्य अध्ययन सामग्री
  • संस्थान ने 15.3 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मुख्य रूप से निवेशों पर ब्याज से अर्जित किया।
  • इन सभी स्रोतों को मिलाकर कुल राजस्व FY24 में 421 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष 314 करोड़ रुपये था।

दृष्टि आईएएस की सफलता के पीछे कारण

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

  • दृष्टि आईएएस अपनी सटीक और प्रासंगिक कोचिंग के लिए प्रसिद्ध है।
  • संस्थान का फोकस छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की विस्तृत और गहन तैयारी प्रदान करने पर है।
  • अनुभवी शिक्षकों और व्यवस्थित पाठ्यक्रम ने छात्रों का विश्वास जीता है।

अध्ययन सामग्री की विविधता

  • संस्थान द्वारा प्रदान की जाने वाली अध्ययन सामग्री व्यापक है और छात्रों की परीक्षा तैयारी में सहायक होती है।
  • ऑनलाइन और ऑफलाइन संसाधनों का संयोजन छात्रों के लिए अधिक उपयोगी साबित हुआ है।

विकासशील व्यापार मॉडल

  • संस्थान ने ऑफलाइन कोचिंग के साथ-साथ डिजिटल साधनों को भी अपनाया है।
  • पेन ड्राइव कोर्सेस और ई-बुक्स जैसे विकल्प ने इसे व्यापक दर्शकों तक पहुंचने में मदद की है।

वित्तीय प्रबंधन और मुनाफा

मुनाफे की स्थिरता

  • संस्थान का 90 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा इसकी आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है।
  • यह मुनाफा राजस्व वृद्धि के साथ संतुलित खर्च प्रबंधन का परिणाम है।

भविष्य की संभावनाएं

  • संस्थान अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकता है, जिसमें अधिक शहरों में ऑफलाइन केंद्र खोलना और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उन्नयन शामिल है।
  • डिजिटल लर्निंग और ऑनलाइन कोचिंग के क्षेत्र में निवेश इसकी पहुंच को और बढ़ा सकता है।

चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा

बढ़ती प्रतिस्पर्धा

  • कोचिंग इंडस्ट्री में ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म और अन्य प्रमुख कोचिंग संस्थानों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
  • छात्रों का ध्यान आकर्षित करना और उन्हें बनाए रखना संस्थान के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

डिजिटल परिवर्तन की आवश्यकता

  • तेजी से बढ़ती डिजिटल शिक्षा के युग में संस्थान को अपनी ऑनलाइन सेवाओं को और मजबूत करना होगा।
  • एडटेक कंपनियों के उभरते मॉडल को अपनाना आवश्यक होगा।

दृष्टि आईएएस का योगदान

शिक्षा क्षेत्र में प्रभाव

  • दृष्टि आईएएस ने हजारों छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयार किया है।
  • इसकी व्यवस्थित कोचिंग प्रणाली ने छात्रों को आईएएस, आईपीएस, और अन्य प्रशासनिक सेवाओं में स्थान पाने में मदद की है।

भारत की शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा

  • संस्थान ने भारत की कोचिंग इंडस्ट्री में एक मजबूत और भरोसेमंद ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
  • छात्रों की जरूरतों के अनुसार अपनी सेवाओं को लगातार अपडेट कर संस्थान ने गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने में योगदान दिया है।

निष्कर्ष

दृष्टि आईएएस इंस्टीट्यूट का वित्तीय वर्ष 2024 में 405 करोड़ रुपये का राजस्व और 90 करोड़ रुपये का मुनाफा इसकी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं, उत्कृष्ट प्रबंधन, और बाजार की मांग के प्रति अनुकूलता को दर्शाता है।

  • संस्थान का लगातार बढ़ता राजस्व और छात्रों में बढ़ता विश्वास इसे कोचिंग इंडस्ट्री में एक अग्रणी स्थान पर स्थापित करता है।
  • हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और डिजिटल परिवर्तन के युग में इसे नवाचार और डिजिटल सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
  • शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के साथ-साथ, दृष्टि आईएएस आने वाले वर्षों में और अधिक ऊंचाइयों को छू सकता है।

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Otipy ने गुरुग्राम में पेश किए electric carts, ऑफलाइन फ्रूट्स और वेजिटेबल्स

Otipy

फार्म-टू-फोर्क कंपनी Otipy (Otipy) ने गुरुग्राम शहर में इलेक्ट्रिक कार्ट्स का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह कदम ग्राहकों तक ताजा फल और सब्जियां पहुंचाने के लिए उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार, ओटिपी ने पिछले 5-6 महीनों से लगभग 15 कार्ट्स के साथ इस परियोजना को आजमाया है।

  • शुरुआती प्रतिक्रिया के आधार पर, कंपनी आने वाले महीनों में अधिक कार्ट्स तैनात करने की योजना बना रही है।
  • ओटिपी इन कार्ट्स पर फल और सब्जियों के अलावा दूध और ब्रेड जैसी दैनिक आवश्यकताएं भी जोड़ने का विचार कर रही है।

Otipy कार्ट्स की संचालन योजना

समय और ऑपरेशन

  • ये ऑफलाइन कार्ट्स सुबह 6:30 से 10:00 बजे तक और शाम 6:30 से 10:00 बजे तक संचालित होंगे।
  • कार्ट्स को फ्रेंचाइज़ी मॉडल के माध्यम से संगठित किया जाएगा।
  • वर्तमान में, प्रत्येक कार्ट प्रतिदिन 8,000 से 10,000 रुपये की बिक्री कर रहा है, और इनमें से अधिकांश लाभदायक हैं।

भविष्य की योजना

Otipy ने 2026 तक दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 5,000 से 7,000 कार्ट्स तैनात करने का लक्ष्य रखा है।

  • फ्रेंचाइज़ी मॉडल के तहत, एक ऑपरेटर प्रति माह 30,000 से 35,000 रुपये तक कमा सकता है।

क्यों खास है ओटिपी का यह मॉडल?

ऑफलाइन सेगमेंट में कदम

ओटिपी का यह कदम उन कंपनियों के लिए खास है जो क्विक कॉमर्स मॉडल को अपना रही हैं।

  • उदाहरण के लिए, बिगबास्केट ने पहले स्लॉट-बेस्ड डिलीवरी का मॉडल अपनाया था, लेकिन अब यह पूरी तरह से 10-15 मिनट डिलीवरी मॉडल में बदल गया है।
  • इसके विपरीत, ओटिपी ऑफलाइन मोड के माध्यम से ग्राहकों के करीब पहुंचने का प्रयास कर रही है।

स्थानीय स्तर पर सशक्तिकरण

  • यह पहल न केवल ग्राहकों को ताजा उत्पाद पहुंचाने में मदद करेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
  • फ्रेंचाइज़ी मॉडल से छोटे उद्यमियों और विक्रेताओं को अपने व्यवसाय को बढ़ाने का मौका मिलेगा।

पर्यावरण के लिए बेहतर समाधान

  • इलेक्ट्रिक कार्ट्स का उपयोग करने से यह पहल पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि यह प्रदूषण रहित संचालन सुनिश्चित करता है।

ओटिपी का फार्म-टू-फोर्क मॉडल

ताजा और गुणवत्ता उत्पाद

ओटिपी अपने फार्म-टू-फोर्क मॉडल के तहत:

  • सीधे किसानों से ताजा फल और सब्जियां एकत्र करती है।
  • उन्हें न्यूनतम समय में ग्राहकों तक पहुंचाती है।
  • इससे उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहती है और ग्राहक अधिक संतुष्ट होते हैं।

डिजिटल और ऑफलाइन का संयोजन

  • पहले ओटिपी अपने ऐप के माध्यम से ताजा उत्पादों की डिलीवरी करती थी।
  • अब यह ऑफलाइन कार्ट्स के जरिए भी ग्राहकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

कार्ट्स का पायलट प्रोजेक्ट: शुरुआती परिणाम

सकारात्मक प्रतिक्रिया

  • शुरुआती 15 कार्ट्स की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है।
  • ग्राहकों ने फल और सब्जियों की गुणवत्ता और त्वरित सेवा की सराहना की है।

लाभदायक संचालन

  • अधिकांश कार्ट्स लाभ में चल रहे हैं, जो इस मॉडल की सफलता का संकेत है।
  • फ्रेंचाइज़ी मॉडल इसे और अधिक कुशल और आकर्षक बना सकता है।

भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

संभावनाएं

  • बड़े स्तर पर विस्तार से ओटिपी अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ा सकती है।
  • अधिक फ्रेंचाइज़ी साझेदारों को जोड़कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • यह मॉडल ग्राहकों और विक्रेताओं दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

चुनौतियां

  • क्विक कॉमर्स मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • बड़े पैमाने पर संचालन के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा और प्रबंधन जरूरी होगा।
  • ताजगी और गुणवत्ता बनाए रखना हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।

निष्कर्ष

ओटिपी का इलेक्ट्रिक कार्ट्स पायलट प्रोजेक्ट एक सकारात्मक और टिकाऊ पहल है, जो ग्राहकों को ताजा उत्पादों तक पहुंचाने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है।

  • यह मॉडल न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देगा बल्कि ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में भी मदद करेगा।
  • ओटिपी का लक्ष्य 2026 तक 7,000 कार्ट्स तैनात करना है, जो इसे वाणिज्यिक बाजार में एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बना सकता है।

ओटिपी का यह प्रयास क्विक कॉमर्स के बढ़ते दबाव के बीच एक नया और अनूठा विकल्प पेश करता है।

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hBits ने सीरीज ए फंडिंग में जुटाए 40 करोड़ रुपये

hBits

मुंबई आधारित hBits (hBits), जो वाणिज्यिक रियल एस्टेट में निवेश का प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, ने सीरीज ए फंडिंग राउंड में कैप्रिकॉन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (ठक्करसी ग्रुप की इकाई) से 40 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

इससे पहले कंपनी ने श्री नमन ग्रुप और अन्य निवेशकों से $3.32 मिलियन जुटाए थे।


hBits फंडिंग का उपयोग और विस्तार की योजनाएं

एआई-ड्रिवन प्लेटफॉर्म में सुधार

hBits ने घोषणा की है कि इस फंडिंग का उपयोग कंपनी के एआई-आधारित प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।

  • यह प्लेटफॉर्म बाजार के रुझानों का विश्लेषण करता है, संपत्तियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, और निवेशकों के लिए सर्वोत्तम अवसरों की पहचान करता है।
  • डेटा-ड्रिवन दृष्टिकोण से जोखिम को कम करना और रिटर्न को अनुकूलित करना हबिट्स की प्राथमिकता है।

भौगोलिक विस्तार

  • हबिट्स भारत के अन्य प्रमुख शहरों में अपने संचालन का विस्तार करेगा।
  • कंपनी का उद्देश्य अधिक से अधिक निवेशकों तक पहुंचना और उन्हें वाणिज्यिक रियल एस्टेट में क्यूरेटेड और उच्च-मूल्य निवेश के अवसर प्रदान करना है।

नए उत्पादों का विकास

  • हबिट्स एसएम आरईआईटी (SM REITs) का परिचय कराएगा, जो एक रेगुलेटेड फ्रेमवर्क प्रदान करेगा।
  • यह मॉडल म्यूचुअल फंड्स की तरह काम करेगा और वाणिज्यिक रियल एस्टेट में निवेश को अधिक संरचित और सहज बनाएगा।

हबिट्स की स्थापना और उद्देश्य

संस्थापक और मिशन

हबिट्स की स्थापना शिव पारेख और समीर भंडारी ने की थी।

  • कंपनी का उद्देश्य भारत में वाणिज्यिक रियल एस्टेट निवेश को सशक्त बनाना है।
  • यह प्लेटफॉर्म निवेशकों को ग्रेड-ए वाणिज्यिक संपत्तियों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
  • न्यूनतम 10 लाख रुपये के निवेश के साथ, हबिट्स ने रियल एस्टेट निवेश को पहले से अधिक सुलभ बनाया है।

रिटर्न और स्थिरता

हबिट्स निवेशकों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

  • 10% तक औसत किराए का रिटर्न।
  • 18% तक की अनुमानित आंतरिक दर (Internal Rate of Return – IRR)।
  • यह निवेश मॉडल स्थिरता और वृद्धि का अद्वितीय संयोजन प्रदान करता है, जो नए और अनुभवी निवेशकों दोनों के लिए आकर्षक है।

हबिट्स की प्रौद्योगिकी-आधारित रणनीति

एआई-आधारित समाधान

हबिट्स अपने उन्नत एआई तकनीक का उपयोग करके निवेश प्रक्रिया को आसान और जोखिम मुक्त बनाता है।

  • बाजार का विश्लेषण: एआई प्लेटफॉर्म बाजार के रुझानों को समझने और बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।
  • संपत्ति का मूल्यांकन: यह तकनीक संपत्तियों की परफॉर्मेंस का मूल्यांकन करती है और उपयोगकर्ताओं के लिए सर्वोत्तम विकल्पों की पहचान करती है।
  • जोखिम प्रबंधन: डेटा-ड्रिवन दृष्टिकोण से जोखिम को कम किया जाता है।

एसएम आरईआईटी्स (SM REITs) का महत्व

एसएम आरईआईटी्स हबिट्स के बिजनेस मॉडल को और मजबूत बनाएंगे।

  • यह म्यूचुअल फंड्स जैसा एक संरचित और रेगुलेटेड मॉडल होगा।
  • यह निवेशकों के लिए वाणिज्यिक रियल एस्टेट में निवेश करना अधिक सरल और सुरक्षित बनाएगा।

वाणिज्यिक रियल एस्टेट में हबिट्स की भूमिका

नए निवेशकों के लिए अवसर

  • हबिट्स ने वाणिज्यिक रियल एस्टेट निवेश को अधिक सुलभ और पारदर्शी बना दिया है।
  • यह प्लेटफॉर्म छोटे और मध्यम आकार के निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो सुरक्षित और उच्च रिटर्न देने वाले विकल्पों की तलाश में हैं।

डेटा और पारदर्शिता पर जोर

हबिट्स का पूरा मॉडल डेटा और पारदर्शिता पर आधारित है, जो निवेशकों को सूचित और आत्मविश्वासपूर्ण निर्णय लेने में मदद करता है।

पारंपरिक निवेश की तुलना में लाभ

  • पारंपरिक रियल एस्टेट निवेश की तुलना में हबिट्स का मॉडल अधिक व्यवस्थित और जोखिम मुक्त है।
  • यह निवेशकों को स्थिर आय और दीर्घकालिक मूल्य वृद्धि दोनों प्रदान करता है।

वर्तमान और भविष्य की योजनाएं

संपत्ति पोर्टफोलियो का विस्तार

  • कंपनी नए क्षेत्रों में निवेश के अवसरों का विस्तार करेगी।
  • उच्च-मूल्य वाली संपत्तियों का पोर्टफोलियो तैयार किया जाएगा।

निवेशकों के लिए अनुभव को बेहतर बनाना

  • हबिट्स का लक्ष्य निवेशकों के लिए एक संपूर्ण और निर्बाध अनुभव प्रदान करना है।
  • प्रौद्योगिकी और मानव अनुभव का सही मिश्रण कंपनी की रणनीति का हिस्सा है।

बाजार में नेतृत्व स्थापित करना

  • भारत में वाणिज्यिक रियल एस्टेट निवेश के क्षेत्र में हबिट्स का उद्देश्य बाजार में अग्रणी बनना है।
  • कंपनी उन्नत तकनीक और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है।

निष्कर्ष

हबिट्स ने सीरीज ए फंडिंग के साथ अपने विस्तार और प्रौद्योगिकी में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

  • यह प्लेटफॉर्म निवेशकों के लिए वाणिज्यिक रियल एस्टेट में एक सुरक्षित और लाभदायक अवसर प्रदान करता है।
  • कंपनी का फोकस एआई तकनीक, पारदर्शिता, और निवेशकों के लिए सुलभता पर है।

इस फंडिंग के साथ, हबिट्स भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट बाजार में एक मजबूत स्थान बनाने और वैश्विक मानकों के अनुरूप निवेश अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार है।

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