शॉर्ट वीडियो एंटरटेनमेंट स्पेस में Josh की मज़बूत पकड़ और उसके नए प्लान्स

Josh

भारत के शॉर्ट वीडियो एंटरटेनमेंट स्पेस में हाल के दिनों में कई बदलाव देखने को मिले हैं। MX TakaTak के मर्जर, Chingari के पिवोट और Mitron TV के शटडाउन के बाद, इस मार्केट में अब दो प्रमुख खिलाड़ी ही बचे हैं: ShareChat का Moj और VerSe का Josh। Moj जहां फंडिंग के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं Josh, जिसे VerSe Innovation चलाती है, बेहतर फंडिंग और रणनीतिक योजनाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। Josh के पास लगभग 180 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जो इसे इस स्पेस में अग्रणी बनाता है।

Josh का यूज़र बेस और कंटेंट का लोकल फोकस

Josh का दावा है कि उनके पास 179 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता (MAU) और 91 मिलियन दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ता (DAU) हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, Josh को खासतौर पर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी सफलता मिली है। इसकी 80% सामग्री स्थानीय भाषाओं में देखी जाती है, जो इसके प्रमुख बाजारों जैसे भुवनेश्वर, जयपुर, पटना, और रायपुर में इसके बढ़ते उपयोग को दर्शाती है। यह भाषा आधारित रणनीति Josh को अन्य प्लेटफॉर्म्स से अलग करती है और इसका मुख्य फोकस टियर II और III शहरों पर है।

OEM साझेदारी: Josh की ग्रोथ का आधार

Josh की सफलता का एक बड़ा कारण उसकी स्मार्टफोन निर्माताओं के साथ साझेदारी है। यह ऐप पहले से ही प्री-इंस्टॉल्ड मोबाइल फोन पर उपलब्ध है, जिससे इसके डाउनलोड्स में वृद्धि हुई है। Vivo, Oppo, Xiaomi, और Samsung जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ इसके सहयोग ने Josh को तेजी से लोकप्रिय बना दिया है। Josh के डाउनलोड्स में से दो-तिहाई इन्हीं साझेदारियों के जरिए आए हैं।

क्रिएटर-सेंट्रिक अप्रोच: Josh की टॉपलाइन को बढ़ाने वाली रणनीति

किसी भी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म की सफलता उसके क्रिएटर्स पर निर्भर करती है। Josh ने 100,000 से अधिक क्रिएटर्स का एक मजबूत नेटवर्क बना रखा है और 14 प्रमुख म्यूजिक लेबल्स के साथ पार्टनरशिप की है। Josh का मासिक सक्रिय क्रिएटर बेस 34% सालाना वृद्धि के साथ 71 मिलियन तक पहुंच गया है। यह Josh के प्रभावशाली कंटेंट इकोसिस्टम को दर्शाता है। इसके अलावा, Josh ने Collab फीचर लॉन्च किया है, जो ब्रांड्स को इंफ्लुएंसर से जोड़ने में मदद करता है।

ब्रांड्स के लिए Josh की खास रणनीति

Josh ने 2023 की दूसरी छमाही में अपने प्लेटफॉर्म को ब्रांड्स के लिए खोला और मोनेटाइजेशन शुरू किया। Josh अब ब्रांड्स को वीडियो विज्ञापन, इंफ्लुएंसर-ब्रांड कोलैबोरेशन और कंटेंट-लेड IPs जैसी विभिन्न विज्ञापन सेवाएँ प्रदान कर रहा है। Josh ने 450 ब्रांड्स के साथ काम किया है, जिनमें Amazon, Myntra, Nykaa, और Xiaomi शामिल हैं। Josh के उपयोगकर्ताओं में एक-तिहाई टियर 1 शहरों से आते हैं, जबकि 68% टियर II और III शहरों से हैं। इसका मुख्य फोकस उन ब्रांड्स पर है जो क्षेत्रीय भाषाओं और टियर II बाजारों में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।

वित्तीय स्थिति और मोनेटाइजेशन का लक्ष्य

Josh ने अपने राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न विज्ञापन मॉडल्स के माध्यम से अर्जित किया है और इस तिमाही में इसका औसत राजस्व रन रेट 300 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। Josh का लक्ष्य 2025 की पहली छमाही तक ब्रेक-ईवन हासिल करना है। इसके अलावा, Josh लाइव कॉमर्स, ब्रांड शॉपेबल कॉमर्स, लाइव ऑडियो, गिफ्टिंग और ऑडियो स्टोरीज जैसी नई फॉर्मेट्स को भी एक्सप्लोर कर रहा है ताकि यह अपने मोनेटाइजेशन रोडमैप को और मजबूत कर सके।

लाइव ऑडियो और ऑडियो स्टोरीज: Josh के मोनेटाइजेशन प्लान्स का हिस्सा

Josh ने अपने यूज़र्स के लिए एक लाइव ऑडियो फीचर भी पेश किया है, जिसमें यूज़र्स विशेष क्रिएटर्स के साथ वास्तविक समय में बातचीत कर सकते हैं। इसके लिए Josh का इन-ऐप करेंसी “जेम्स” का उपयोग होता है, जिससे क्रिएटर्स को “डायमंड्स” मिलते हैं, जिन्हें भारतीय मुद्रा में बदला जा सकता है। इसके अलावा, Josh ने ऑडियो स्टोरीज की भी शुरुआत की है, जो खासतौर पर क्षेत्रीय भाषाओं में लोकप्रिय हो रही हैं। ये स्टोरीज सब्सक्रिप्शन और माइक्रो-पेमेंट्स के माध्यम से उपलब्ध हैं।

TikTok की कमी को पूरा करने की कोशिश

Josh के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म भारत के शॉर्ट वीडियो एंटरटेनमेंट स्पेस में TikTok की कमी को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी की रणनीति यह रही है कि वह शुरू में अपने यूज़र बेस को मजबूत बनाए और 2023 के बाद मोनेटाइजेशन पर फोकस किया जाए। इसके परिणामस्वरूप, Josh अब एक मजबूत मंच के रूप में उभर कर आया है, जो ब्रांड्स के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।

निष्कर्ष

Josh की वर्तमान स्थिति और इसकी रणनीतियाँ इसे भारत के शॉर्ट वीडियो मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती हैं। अपने क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट पर फोकस, क्रिएटर इकोसिस्टम और स्मार्टफोन निर्माताओं के साथ साझेदारी के साथ, Josh ने एक मज़बूत यूज़र बेस बनाया है। इसके मोनेटाइजेशन प्लान्स और नए फॉर्मेट्स इसके भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। TikTok के भारत में बैन होने के बाद, Josh ने उस खाली जगह को भरने का भरपूर फायदा उठाया है और अब यह प्लेटफॉर्म तेजी से ग्रोथ की ओर बढ़ रहा है।

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Navi Finserv ने Goldman Sachs से $24.5 मिलियन का लोन सिक्यूरिटाइज़ेशन सौदा किया

Navi Finserv

Navi Finserv भारत की एक उभरती हुई फाइनेंस टेक कंपनी, ने हाल ही में Goldman Sachs (India) Finance Private Limited के साथ $24.5 मिलियन का लोन सिक्यूरिटाइज़ेशन ट्रांजैक्शन सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस सौदे ने Goldman Sachs को Navi Finserv के सातवें बहुराष्ट्रीय बैंक पार्टनर के रूप में जोड़ा है। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने J.P. Morgan के साथ $38 मिलियन का एक और सिक्यूरिटाइज़ेशन डील भी किया था।

यह लेनदेन पास-थ्रू सर्टिफिकेट्स (Pass-Through Certificates) के जरिए संरचित है, जिसे इंडिया रेटिंग्स द्वारा IND AA (SO) रेटिंग दी गई है। यह सर्टिफिकेट्स एक ऐसे लोन पूल पर आधारित हैं जो Navi Finserv द्वारा मैनेज किए गए असुरक्षित व्यक्तिगत लोन से समर्थित हैं। इस ट्रांजैक्शन के ज़रिए जुटाए गए फंड्स को कंपनी की वित्तीय सेवाओं को और अधिक सरल बनाने, ऑपरेशन्स को मजबूत करने, और बेहतर अंडरराइटिंग प्रैक्टिसेस के साथ वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ाने के उद्देश्य से उपयोग किया जाएगा।

कंपनी का इतिहास और स्थापना

Navi Finserv की स्थापना 2018 में भारत के प्रमुख उद्यमी सचिन बंसल और अंकित अग्रवाल ने की थी। सचिन बंसल फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक हैं और भारतीय स्टार्टअप जगत में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने ई-कॉमर्स से हटने के बाद फाइनेंस टेक्नोलॉजी और बैंकिंग सेक्टर में अपना ध्यान केंद्रित किया। Navi Finserv को एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मध्य परत श्रेणी (Middle Layer Category) के अंतर्गत रजिस्टर किया गया है। कंपनी मुख्य रूप से व्यक्तिगत और होम लोन प्रदान करती है।

कंपनी की सेवाएँ और वित्तीय स्थिति

Navi Finserv अपने ग्राहकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पर्सनल और होम लोन की सुविधाएं प्रदान करती है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को जितना हो सके उतना आसान और सहज बना सके। Navi Finserv अपने तेज और आसान लोन एप्लिकेशन प्रक्रिया के लिए जानी जाती है, जिससे ग्राहक आसानी से और बिना किसी बड़ी कागजी कार्रवाई के लोन प्राप्त कर सकते हैं।

2023 के पहले छमाही में, Navi ने बड़ी संख्या में व्यक्तिगत ऋण वितरित किए हैं, और कंपनी का रेवेन्यू लगातार बढ़ रहा है। इस नए सौदे से कंपनी को और अधिक फंड्स प्राप्त होंगे, जिससे वह अपने ऑपरेशंस को विस्तार दे सकेगी और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेगी।

कंपनी के मिशन और भविष्य की योजनाएं

Navi Finserv का मुख्य उद्देश्य है वित्तीय सेवाओं को हर किसी के लिए सुलभ बनाना। कंपनी का मानना है कि तकनीकी नवाचार और मजबूत अंडरराइटिंग प्रैक्टिसेस से वे वित्तीय समावेशन को व्यापक कर सकते हैं। उनकी योजना है कि वे भारत के और अधिक हिस्सों में अपनी सेवाओं का विस्तार करें और उन लोगों तक पहुंचें, जिन्हें अब तक पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली में कठिनाई होती है।

कंपनी अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत लोन के साथ-साथ होम लोन, बीमा और निवेश की भी सुविधाएं प्रदान करती है। कंपनी के अनुसार, उन्होंने अब तक लाखों ग्राहकों को लोन प्रदान किया है और उनकी सेवाएं भारत भर में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।

फाइनेंशियल प्लानिंग और विकास

Navi Finserv ने अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को बहुत ही समझदारी से आगे बढ़ाया है। उन्होंने न केवल अपने कस्टमर बेस को बढ़ाने पर ध्यान दिया है, बल्कि उनके ऋण देने की प्रक्रिया को भी पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाया है। इस नए फंडिंग राउंड से कंपनी को अपनी विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, खासकर उनके नए बाजारों में प्रवेश की योजनाओं के लिए।

सिक्यूरिटाइज़ेशन डील्स की भूमिका

सिक्यूरिटाइज़ेशन डील्स कंपनी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह उन्हें अधिक फंड्स जुटाने में मदद करता है, जिससे वे अपने फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को बेहतर और अधिक सुलभ बना सकते हैं। J.P. Morgan और Goldman Sachs जैसे बड़े बहुराष्ट्रीय बैंकों के साथ की गई डील्स यह दर्शाती हैं कि Navi Finserv की साख और भविष्य की योजनाओं में बड़ी वैश्विक कंपनियों का विश्वास है।

सचिन बंसल और अंकित अग्रवाल की भूमिका

Navi Finserv के सह-संस्थापक सचिन बंसल और अंकित अग्रवाल ने कंपनी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सचिन बंसल के पास फ्लिपकार्ट के साथ काम करने का गहन अनुभव है, और उन्होंने ई-कॉमर्स से बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में अपनी कुशलता का प्रदर्शन किया है। वहीं अंकित अग्रवाल की तकनीकी और फाइनेंस इंडस्ट्री में विशेषज्ञता ने कंपनी को मजबूत आधार दिया है।

भविष्य की चुनौतियाँ

भले ही Navi Finserv तेजी से बढ़ रही है, कंपनी को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। भारतीय वित्तीय बाजार अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक है, और कई अन्य फाइनेंस टेक्नोलॉजी कंपनियाँ भी इसी क्षेत्र में काम कर रही हैं। इसके अलावा, बढ़ती हुई कर्ज लेने की मांग और डिफॉल्ट के जोखिमों को भी कंपनी को संभालना होगा।

कुल मिलाकर, Navi Finserv की रणनीतियाँ और उनकी भविष्य की योजनाएँ उन्हें भारतीय वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बनने की दिशा में आगे बढ़ा रही हैं।

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IBM ने Prescinto का किया अधिग्रहण

IBM

दुनिया की प्रमुख इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन IBM ने हाल ही में Prescinto का अधिग्रहण किया है, जो कि एक एसेट परफॉरमेंस मैनेजमेंट (APM) सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस (SaaS) प्रोवाइडर है, जो रिन्यूएबल एनर्जी के लिए अपनी सेवाएं देता है। इस अधिग्रहण से आईबीएम की क्षमता में इज़ाफा होगा, विशेषकर इसके IBM Maximo Application Suite (MAS) के साथ, जो कि एसेट लाइफसाइकल मैनेजमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

Prescinto का परिचय

Prescinto एक बेहतरीन सॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म है जो रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री में ऑपरेशंस को आसान बनाने के लिए एआई का इस्तेमाल करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म उन्नत मॉनिटरिंग, एनालिटिक्स और ऑटोमेशन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण जैसी तकनीकों को कुशलतापूर्वक मैनेज किया जा सके। इसके अलावा, यह वैश्विक ग्राहकों को सेवा देता है और 14 देशों में 16 गीगावाट से अधिक की ऊर्जा को मैनेज करता है।

संस्थापक और उनकी भूमिका

प्रेसींटो की स्थापना पुनीत जग्गी, अनमोल जग्गी, और संजय भसीन द्वारा की गई थी। कंपनी के संस्थापकों ने पहले भी एक और सफल कंपनी ब्लूस्मार्ट की स्थापना की थी, जो कि मोबिलिटी सेक्टर में काम करती है। पुनीत और अनमोल जग्गी का अनुभव और विजन इस कंपनी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद कर रहा है। उन्होंने अपने व्यवसायिक यात्रा में तकनीक और इनोवेशन का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, जिसका लाभ अब प्रेसींटो को हो रहा है।

फंडिंग और वित्तीय स्थिति

प्रेसींटो ने मार्च 2021 में वेंचर कैटालिस्ट्स द्वारा नेतृत्व में $3.5 मिलियन की सीड फंडिंग प्राप्त की थी। इस फंडिंग से कंपनी ने अपने उत्पादों में सुधार किया, नए ग्राहकों को जोड़ा और अपने वैश्विक विस्तार को मजबूत किया। कंपनी का मुख्य फोकस रिन्यूएबल एनर्जी और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने पर रहा है।

IBM के लिए प्रेसींटो का अधिग्रहण क्यों महत्वपूर्ण है?

आईबीएम का प्रेसींटो का अधिग्रहण उनकी Maximo Application Suite (MAS) की क्षमताओं को बढ़ाएगा। MAS पहले से ही विभिन्न इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल हो रहा है, जैसे कि पानी, प्राकृतिक गैस, तेल, न्यूक्लियर और अन्य ऊर्जा तथा यूटिलिटी इंडस्ट्रीज में। प्रेसींटो के जुड़ने से आईबीएम की मौजूदा सेवाओं में और सुधार होगा और इसे एनर्जी और क्लीन एनर्जी के प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन मिलेगा।

प्रेसींटो का योगदान

प्रेसींटो का एआई-पावर्ड प्लेटफ़ॉर्म रिन्यूएबल एनर्जी ऑपरेशंस को आसान बनाता है। इसकी मदद से यूज़र्स ऊर्जा उत्पन्न करने वाले उपकरणों की नियर रियल-टाइम मॉनिटरिंग कर सकते हैं। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण की सुविधाओं का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने के लिए प्रेसींटो की सेवाएं बेहद उपयोगी साबित हो रही हैं।

आईबीएम का सस्टेनेबिलिटी पर फोकस

आईबीएम ने इस अधिग्रहण के माध्यम से अपने ग्राहकों की नेट-जीरो गोल्स और सस्टेनेबिलिटी पहलों को और मज़बूती दी है। आईबीएम की यह पहल दुनिया भर में उन एंटरप्राइजेस को सहायता प्रदान करेगी जो जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसके अलावा, इस अधिग्रहण से आईबीएम को रिन्यूएबल एनर्जी मैनेजमेंट में एक नई दिशा मिलेगी।

प्रेसींटो का भविष्य

आईबीएम के साथ प्रेसींटो का जुड़ना दोनों कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे प्रेसींटो को आईबीएम के वैश्विक नेटवर्क और रिसोर्सेज का लाभ मिलेगा, जबकि आईबीएम को रिन्यूएबल एनर्जी और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में एक उन्नत तकनीक प्राप्त होगी। इस अधिग्रहण के बाद, प्रेसींटो को आईबीएम की बड़ी परियोजनाओं में भी काम करने का मौका मिलेगा, जिससे इसकी पहुंच और प्रभाव और बढ़ेगा।

उद्योग पर प्रभाव

यह अधिग्रहण सिर्फ आईबीएम और प्रेसींटो के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे नई तकनीकें सामने आएंगी, और अन्य कंपनियां भी अपने ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित होंगी।

निष्कर्ष

प्रेसींटो का अधिग्रहण आईबीएम के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे उसकी एनर्जी मैनेजमेंट क्षमताओं में वृद्धि होगी। प्रेसींटो के संस्थापकों की दूरदृष्टि और तकनीकी कौशल ने इस कंपनी को एक प्रमुख स्थान पर पहुंचाया है। भविष्य में, इस साझेदारी से दोनों कंपनियों को वैश्विक स्तर पर और अधिक सफलता मिल सकती है, जिससे वे सस्टेनेबिलिटी और क्लीन एनर्जी के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।

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Giva ज्वेलरी स्टार्टअप ने सीरीज बी राउंड में 255 करोड़ रुपये जुटाए

Giva

ऑम्निचैनल ज्वेलरी स्टार्टअप Giva ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में 255 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व प्रेमजी इनवेस्ट, एपिक कैपिटल, एडेलवाइस डिस्कवर फंड और कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन ने किया। इस फंड में से 89 करोड़ रुपये प्राइमरी कैपिटल के रूप में जुटाए गए हैं, जबकि शेष राशि सेकेंडरी कैपिटल के रूप में आई है।

Giva: कंपनी का परिचय

GIVA एक ऑम्निचैनल ज्वेलरी स्टार्टअप है, जो डिज़ाइन और क्वालिटी पर खासा ध्यान देते हुए सोने, चांदी और अन्य कीमती धातुओं से बने आभूषण बेचता है। यह स्टार्टअप ग्राहकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से आभूषण खरीदने की सुविधा देता है। अपने बेहतरीन डिज़ाइनों और उपभोक्ताओं के प्रति बेहतरीन सेवा के चलते गिवा ने भारतीय बाजार में काफी लोकप्रियता हासिल की है।

संस्थापक और उनकी यात्रा

GIVA की स्थापना 2019 में श्रेया मूर्ति, विनायक रंगराजन, और नंदन बालासुब्रमण्यम ने की थी। कंपनी के संस्थापकों ने अपने अनुभव और विज़न का उपयोग करते हुए गिवा को एक उभरते हुए ब्रांड में तब्दील किया। उनका मुख्य उद्देश्य एक ऐसा ब्रांड बनाना था जो आधुनिक और पारंपरिक ज्वेलरी को एक साथ लाकर हर प्रकार के उपभोक्ताओं की जरूरतें पूरी कर सके।

फंडिंग डिटेल्स

इस फंडिंग राउंड में गिवा के पहले के निवेशकों ने भी हिस्सा लिया, जिसमें A91 पार्टनर्स और इंडिया कोटिएंट शामिल थे। यह निवेशकों की गिवा में बढ़ती विश्वसनीयता को दर्शाता है। गिवा ने पिछले साल सितंबर में सीरीज बी राउंड में फर्स्ट चेक द्वारा किए गए सीड इन्वेस्टमेंट पर 33 गुना रिटर्न हासिल किया था। इसके पहले के निवेशकों में टाइटन कैपिटल भी शामिल है, लेकिन अभी तक टाइटन कैपिटल ने अपने किसी भी हिस्से को नहीं बेचा है।

कैसे किया जाएगा फंड का उपयोग

गिवा ने इस फंड को अपने ऑपरेशन्स को बढ़ाने, उत्पादों के विकास में सुधार करने और नए बाजारों में विस्तार के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। यह निवेश कंपनी के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि यह अपने ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।

गिवा की विकास यात्रा

कंपनी ने अपने लॉन्च के बाद से तेजी से विकास किया है और वर्तमान में यह भारत में आभूषण के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रही है। गिवा का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को एक शानदार और सुविधाजनक शॉपिंग अनुभव प्रदान करता है। इसके साथ ही, कंपनी अपने ऑफलाइन स्टोर्स के माध्यम से भी ग्राहकों तक पहुंच बना रही है, जिससे वह एक ऑम्निचैनल ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बना रही है।

गिवा का राजस्व और मुनाफा

गिवा की वित्तीय सेहत भी लगातार मजबूत हो रही है। कंपनी के संस्थापक और निवेशक इसका श्रेय गिवा के डिज़ाइन और गुणवत्ता की प्राथमिकता को देते हैं, जो ग्राहकों को आकर्षित करता है। इस फंडिंग से कंपनी के राजस्व और मुनाफे में और वृद्धि की उम्मीद है, खासकर जब कंपनी ने अपने विस्तार की योजना बनाई है।

भारतीय आभूषण बाजार में गिवा का स्थान

भारतीय आभूषण बाजार एक बहुत बड़ा और प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र है, जिसमें गिवा जैसी कंपनियां अपनी अनूठी सेवाओं और बेहतरीन डिज़ाइनों के माध्यम से उपभोक्ताओं का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। गिवा का फोकस डिज़ाइन और गुणवत्ता पर है, जो इसे अन्य ब्रांड्स से अलग बनाता है। कंपनी का उद्देश्य भारतीय बाजार में अपनी पकड़ को और मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करना है।

गिवा की भविष्य की योजनाएँ

गिवा के संस्थापकों का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने ब्रांड को और अधिक लोकप्रिय बनाना और राजस्व में 10 गुना वृद्धि करना है। इस विस्तार की योजना में नए बाजारों में प्रवेश करना और अपने उत्पादों की रेंज को बढ़ाना शामिल है। कंपनी के लिए 2027 तक IPO की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे यह सार्वजनिक रूप से भी निवेशकों को आकर्षित कर सकेगी।

निष्कर्ष

गिवा का यह फंडिंग राउंड कंपनी के भविष्य की योजनाओं और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। कंपनी ने अपने डिज़ाइन और गुणवत्ता के प्रति समर्पण के साथ बाजार में एक खास जगह बनाई है। आने वाले वर्षों में, गिवा का ध्यान अपने ब्रांड को और मजबूत करने, नए बाजारों में विस्तार करने और निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न देने पर रहेगा।

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MamaEarth के चीफ प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी ऑफिसर जयंत चौहान का इस्तीफा

MamaEarth

Mamaearth की पैरेंट कंपनी होना सा कंज्यूमर लिमिटेड के चीफ प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी ऑफिसर जयंत चौहान ने व्यक्तिगत कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने यह जानकारी मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल की। चौहान का इस्तीफा 30 नवंबर को प्रभावी होगा, जिससे उनकी कंपनी में चार साल की सेवा समाप्त होगी।

जयंत चौहान का सफर

जयंत चौहान ने मामा अर्थ से पहले लगभग दो साल तक पॉलिसीबाजार में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के रूप में काम किया था। मामा अर्थ में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने उत्पाद विकास और टेक्नोलॉजी में कंपनी की मजबूत उपस्थिति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चौहान के नेतृत्व में, Mamaearth ने अपनी उत्पाद रेंज को बढ़ाया और तेजी से विस्तार किया, जिससे वह भारत के सबसे तेजी से बढ़ते व्यक्तिगत और सौंदर्य देखभाल ब्रांडों में से एक बना।

कंपनी में बड़े बदलाव और इस्तीफे

यह हाल के महीनों में मामा अर्थ की पैरेंट कंपनी होना सा कंज्यूमर लिमिटेड से दूसरा प्रमुख इस्तीफा है। अगस्त में, कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ कॉमर्स, अभिषेक राज पांडे ने इस्तीफा देकर जालॉन नामक एक स्टार्टअप के सह-संस्थापक बनने का निर्णय लिया। इन इस्तीफों से कंपनी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं, जो आने वाले समय में कंपनी की दिशा पर असर डाल सकते हैं।

मामा अर्थ का व्यापारिक प्रदर्शन

मामा अर्थ ने हाल ही में अपने वित्तीय प्रदर्शन में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) की चौथी तिमाही में राजस्व में 17.6% की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि की, जो 471 करोड़ रुपये से बढ़कर 554 करोड़ रुपये तक पहुँच गई। यह मामा अर्थ के इतिहास की सबसे अधिक लाभदायक तिमाही रही, जिसमें 40 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया।

यह आंकड़े मामा अर्थ के बढ़ते बाजार हिस्से और लोकप्रियता को दर्शाते हैं, विशेषकर उस समय जब व्यक्तिगत और सौंदर्य देखभाल उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है।

कंपनी के वित्तीय पहलू

मामा अर्थ की वित्तीय सेहत भी काफी मजबूत नजर आ रही है। हाल ही में, कंपनी के शुरुआती निवेशक जैसे पीक XV, स्टेलारिस वेंचर्स, सोफिना वेंचर्स, और फायरसाइड वेंचर्स ने मिलकर कंपनी में 1,600 करोड़ रुपये (लगभग 190 मिलियन डॉलर) के शेयर बेचे। यह बिक्री न केवल मामा अर्थ के बढ़ते मूल्यांकन का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निवेशकों को कंपनी के भविष्य को लेकर उच्च विश्वास है।

मामा अर्थ: एक सफल ब्रांड की कहानी

मामा अर्थ, जो अपने प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों के लिए जाना जाता है, भारत के D2C (डायरेक्ट-टू-कस्टमर) क्षेत्र में एक अग्रणी नाम बन चुका है। 2016 में स्थापित होने के बाद से, कंपनी ने बाजार में तेजी से अपनी पकड़ बनाई और एक व्यापक उपभोक्ता आधार तैयार किया। इसके उत्पादों की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हो रही है, खासकर युवाओं और पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच।

कंपनी के संस्थापक और विकास यात्रा

वरुण और ग़जल अलघ द्वारा स्थापित मामा अर्थ ने अपने शुरुआती दिनों से ही अपने उत्पादों में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल कर पर्यावरण की सुरक्षा पर जोर दिया। दोनों संस्थापकों का ध्यान विशेष रूप से माता-पिता और बच्चों के लिए हानिरहित और सुरक्षित उत्पाद बनाने पर था। लेकिन समय के साथ, कंपनी ने अपनी उत्पाद श्रृंखला का विस्तार किया और एक व्यापक उपभोक्ता आधार को लक्षित किया।

कंपनी का मुख्यालय गुड़गांव में है, और वर्तमान में यह कई प्रमुख भारतीय शहरों में अपनी सेवाएँ दे रही है। साथ ही, इसका ध्यान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रवेश करने पर है।

चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाएँ

हालांकि मामा अर्थ ने कई सफलता की कहानियाँ लिखी हैं, पर कंपनी को आगे बढ़ने के दौरान कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलते उपभोक्ता रुझान जैसी चुनौतियाँ इसके सामने हैं। इसके अलावा, कंपनी को अपनी उत्पाद श्रृंखला को और व्यापक बनाने और ग्राहकों के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाने पर भी ध्यान देना होगा।

IPO की तैयारी और भविष्य की उम्मीदें

कंपनी के सह-संस्थापक और CEO वरुण अलघ ने पहले भी संकेत दिया है कि मामा अर्थ 2027 तक IPO लाने की योजना बना रही है। यह कदम कंपनी के लिए एक बड़ा मील का पत्थर हो सकता है और इसे सार्वजनिक बाजारों में अपनी पहचान बनाने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा, मामा अर्थ अपने विकास को 10 गुना और मुनाफे को 6 गुना बढ़ाने की दीर्घकालिक योजना पर भी काम कर रहा है। हालांकि, यह देखा जाना बाकी है कि कंपनी इन लक्ष्यों को कैसे हासिल करती है, खासकर तब जब कई D2C कंपनियों को स्केलिंग में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

निष्कर्ष

मामा अर्थ ने भारतीय सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल क्षेत्र में अपनी मजबूत जगह बनाई है और इसके भविष्य की संभावनाएँ उज्ज्वल दिख रही हैं। हालांकि, जयंत चौहान जैसे उच्च-स्तरीय अधिकारियों का इस्तीफा कंपनी के लिए एक चुनौती हो सकता है, लेकिन इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति और विस्तार योजनाएँ इसे आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं।

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Tractor Junction 2024 में ऑपरेटिंग रेवेन्यू 60 करोड़ रुपये के पार

Tractor Junction

ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर केंद्रित ई-कॉमर्स प्लेटफार्मTractor Junction ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू 2.3 गुना बढ़कर 62 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष (FY23) में 26.8 करोड़ रुपये थी। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को 51% तक कम कर लिया है, जो इसे एक सफल और तेजी से बढ़ती कंपनी के रूप में स्थापित करता है।

कंपनी का परिचय और उद्देश्यों पर प्रकाश

Tractor Junction एक ग्रामीण वाहन मार्केटप्लेस है जो नए और इस्तेमाल किए गए ट्रैक्टरों, फार्म उपकरणों, और ग्रामीण वाणिज्यिक वाहनों की खरीद, बिक्री, फाइनेंसिंग और बीमा कराने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, यह उपयोगकर्ताओं को कृषि उपकरणों की तुलना करने के लिए आवश्यक जानकारी और विश्वसनीय समीक्षाएँ भी उपलब्ध कराता है। कंपनी का उद्देश्य ग्रामीण भारत में कृषि उपकरणों की खरीद-फरोख्त को आसान और पारदर्शी बनाना है।

कमाई का स्रोत और बढ़त

FY24 में ट्रैक्टर बिक्री कंपनी की कुल कमाई का 73% हिस्सा रही, और इसमें तिगुनी बढ़त देखने को मिली। इसके अलावा, ट्रैक्टर से संबंधित सेवाओं से 27% राजस्व आया। कंपनी ने अपनी जमा राशि पर 5.8 करोड़ रुपये का ब्याज भी कमाया, जिससे इसका कुल आय 67.8 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।

यह आंकड़े दिखाते हैं कि ट्रैक्टर जंक्शन न केवल अपने मुख्य व्यवसाय में वृद्धि कर रहा है, बल्कि वित्तीय प्रबंधन में भी कुशलता दिखा रहा है, जो कंपनी की समग्र आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।

खर्चों का विश्लेषण

कंपनी के खर्चों में सबसे बड़ा हिस्सा मटीरियल कॉस्ट का था, जो कुल खर्चों का 60% रहा और 43 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह खर्च भी पिछले साल की तुलना में तिगुना हो गया है। इसके अलावा, कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभ कंपनी के कुल खर्चों का 21% हिस्सा रहे।

विज्ञापन, फाइनेंस, और किराये पर भी कंपनी ने खर्च किया, जिससे कुल व्यय FY24 में 72.8 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल यह 35 करोड़ रुपये था। यह बढ़ते खर्च कंपनी के तेजी से विस्तार और संचालन की जटिलताओं को दर्शाते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में एक मजबूत नेटवर्क बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

कंपनी के संस्थापक और टीम

ट्रैक्टर जंक्शन की स्थापना कुछ साल पहले ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों की बेहतर पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके संस्थापक अमित पंजाबी और उनकी टीम ने इस प्लेटफार्म को ऐसे समय में विकसित किया जब ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की मांग बढ़ रही थी।

अमित का मानना है कि ग्रामीण किसानों को सस्ती और सही जानकारी के साथ-साथ वित्तीय सहायता प्रदान करना आवश्यक है, ताकि वे सही उत्पाद चुन सकें और अपने व्यवसाय में सुधार कर सकें। उनके नेतृत्व में कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक नेटवर्क तैयार किया है और ग्राहकों के बीच विश्वसनीयता हासिल की है।

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

ट्रैक्टर जंक्शन का वित्तीय प्रदर्शन FY24 में मजबूत रहा। कंपनी ने न केवल अपनी कमाई में वृद्धि की, बल्कि अपने घाटे को भी प्रभावी रूप से कम किया। FY23 में कंपनी का घाटा काफी अधिक था, लेकिन FY24 में इसे 51% तक कम कर लिया गया।

यह स्पष्ट करता है कि कंपनी अपने व्यावसायिक संचालन को संतुलित करने और मुनाफे की ओर बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। कंपनी का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने रेवेन्यू को और बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाओं का विस्तार करना है।

भविष्य की योजनाएँ और चुनौतियाँ

ट्रैक्टर जंक्शन ने अपने व्यापार मॉडल को सफलतापूर्वक स्थापित किया है, लेकिन इसके सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। ग्रामीण इलाकों में डिजिटल अवसंरचना की सीमाएँ, किसानों के बीच जागरूकता की कमी, और प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों का सामना करना होगा।

हालांकि, कंपनी की दीर्घकालिक योजना यह है कि वह अपनी सेवा गुणवत्ता को सुधारते हुए और अधिक ग्राहकों तक पहुंचे। इसके अलावा, कंपनी वित्तीय सेवाओं, बीमा, और कृषि उपकरणों की मरम्मत जैसी सेवाओं को भी विस्तारित करने की योजना बना रही है।

विज्ञापन और विपणन रणनीतियाँ

कंपनी की विपणन रणनीति में सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफ़ार्म, और पारंपरिक विज्ञापनों का उपयोग शामिल है। इसके अलावा, कंपनी किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑन-ग्राउंड प्रचार और प्रदर्शनियों का भी आयोजन करती है।

विपणन और विज्ञापन पर खर्चों में बढ़ोतरी कंपनी की विकासशील उपस्थिति और ग्रामीण इलाकों में व्यापक ब्रांड पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से की गई है।

निष्कर्ष

ट्रैक्टर जंक्शन ने ग्रामीण भारत में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है, जहाँ ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों की आवश्यकता दिन-ब-दिन बढ़ रही है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन और संचालन में सुधार इस बात का संकेत है कि यह एक मजबूत और स्थिर व्यापार मॉडल के साथ आगे बढ़ रही है।

आने वाले समय में, ट्रैक्टर जंक्शन की दीर्घकालिक योजनाएँ इसे ग्रामीण कृषि उद्योग के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करती है।

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ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म Evenflow ने ब्रिज राउंड में जुटाए फंड्स

Evenflow

ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म Evenflow ने हाल ही में एक ब्रिज राउंड में अज्ञात राशि जुटाई है। इस राउंड का नेतृत्व सीरियल एंटरप्रेन्योर शैल पटेल और कुछ मौजूदा निवेशकों ने किया है। यह फंडिंग Evenflow के चल रहे 5 मिलियन डॉलर के सीरीज़ ए राउंड का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कंपनी की संचालन क्षमता को बढ़ाना और इसके अधिग्रहित सात भारतीय ब्रांड्स को वैश्विक स्तर पर विस्तारित करना है।

Evenflow: कंपनी का परिचय और रणनीति

Evenflow एक ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म है, जिसका उद्देश्य भारतीय बाज़ार में सफल होमग्रोन ब्रांड्स को अधिग्रहित करना और उन्हें तेजी से विकसित करना है। यह प्लेटफ़ॉर्म भारत और अमेरिका दोनों में काम करता है और अमेज़न, फ्लिपकार्ट, क्रेड, ज़ेप्टो, और इंस्टामार्ट जैसे मार्केटप्लेस पर अपने ब्रांड्स की 350% वृद्धि का दावा करता है।

कंपनी ने सात प्रमुख ब्रांड्स का अधिग्रहण किया है, जिनमें Xtrim, Yogarise, Rusabl, BabyPro, Trendy Homes, Cinagro, और Frenchware शामिल हैं। इन ब्रांड्स को नए बाजारों में प्रवेश दिलाने के साथ-साथ उनकी वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाना Evenflow की प्रमुख रणनीति है।

Evenflow कंपनी के संस्थापक और नई नियुक्तियाँ

Evenflow के सह-संस्थापक और सीईओ उत्सव अग्रवाल हैं, जिन्होंने कंपनी की दीर्घकालिक योजनाओं को स्पष्ट किया है। हाल ही में कंपनी ने शशांक रंजन को सह-संस्थापक के रूप में प्रमोट किया है, जो कंपनी के सप्लाई चेन, मार्केटप्लेस और डी2सी (डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर) मॉडल को मजबूत करने में मदद करेंगे। इन नियुक्तियों के साथ, कंपनी ने अपनी विकास गति को बढ़ाने के लिए रणनीतिक प्रयास किए हैं।

वित्तीय स्थिति और विकास योजनाएँ

Evenflow ने अपने मौजूदा ब्रिज राउंड में जुटाए गए फंड्स को संचालन का विस्तार और अधिग्रहित ब्रांड्स के वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए उपयोग करने की योजना बनाई है। कंपनी की दीर्घकालिक योजना 2027 तक अपनी आय को 10 गुना और मुनाफे को छह गुना बढ़ाने की है।

हालांकि, इन लक्ष्यों को प्राप्त करना कंपनी के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, क्योंकि कई रोल-अप प्लेटफ़ॉर्म स्केलिंग के दौरान कठिनाइयों का सामना करते हैं। कंपनी का लक्ष्य 2027 के अंत तक एक आईपीओ (Initial Public Offering) के लिए तैयारी करना भी है, जो इसे बाजार में एक मजबूत स्थिति में स्थापित करने में मदद करेगा।

ई-कॉमर्स रोल-अप इंडस्ट्री का इतिहास

2021 में ई-कॉमर्स रोल-अप कंपनियों की मांग उच्चतम स्तर पर थी, और इस दौरान कई कंपनियाँ उभरीं। 2021 में भारत में इस क्षेत्र ने Mensa और Globalbees जैसे दो यूनिकॉर्न दिए, जबकि 10club ने 40 मिलियन डॉलर जुटाए, जो भारत के सबसे बड़े सीड राउंड्स में से एक था।

हालांकि, वैश्विक रोल-अप पोस्टरबॉय थारासियो के विफल होने और कठिन फंडिंग माहौल के कारण इस क्षेत्र में उत्साह धीरे-धीरे कम हो गया। इसके परिणामस्वरूप, इन कंपनियों के लिए निवेश में तेज गिरावट आई है। 2021 में जहां इस क्षेत्र में 540 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ था, वहीं 2022 में यह घटकर 70 मिलियन डॉलर रह गया, 2023 में 78 मिलियन डॉलर, और वर्तमान कैलेंडर वर्ष में केवल 39 मिलियन डॉलर जुटाए गए हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ और अवसर

ई-कॉमर्स रोल-अप कंपनियों के लिए प्रमुख चुनौती बाजार में विस्तार करते समय स्केलिंग की होती है। इस उद्योग के लिए फंडिंग में आई गिरावट से संकेत मिलता है कि निवेशक अब ज्यादा सावधानी से निवेश कर रहे हैं। हालांकि, Evenflow का मानना है कि उसकी रणनीतिक नियुक्तियाँ और वैश्विक विस्तार की योजना इसे दीर्घकालिक सफलता दिलाने में मदद करेंगी।

मार्केटप्लेस और सप्लाई चेन पर फोकस

Evenflow ने अपने सप्लाई चेन, मार्केटप्लेस और डी2सी मॉडल को मजबूत करने के लिए हाल ही में बड़े कदम उठाए हैं। यह कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि बाजार की प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और तेजी से विकसित होने के लिए इन क्षेत्रों में नवाचार जरूरी हो गया है।

आने वाले वर्षों की योजना

Evenflow की योजना अगले कुछ वर्षों में अपने अधिग्रहित ब्रांड्स को नए बाजारों में लॉन्च करना और उन्हें तेजी से बढ़ाना है। कंपनी का मानना है कि ये ब्रांड्स वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूती से स्थापित कर सकते हैं। इसके साथ ही, 2027 में आईपीओ की तैयारी से कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में और सुधार हो सकता है।

निष्कर्ष

Evenflow का हालिया फंड जुटाना कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे दीर्घकालिक विकास के लिए तैयार कर रहा है। हालाँकि ई-कॉमर्स रोल-अप इंडस्ट्री में चुनौतियाँ बनी हुई हैं, Evenflow ने अपनी रणनीतियों में बदलाव और नए बाजारों में विस्तार करके अपनी स्थिति को मजबूत किया है। आने वाले वर्षों में, कंपनी का फोकस न केवल अधिग्रहित ब्रांड्स की वृद्धि पर होगा, बल्कि निवेशकों के लिए मूल्य सृजन पर भी होगा।

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Anicut Capital ने 11 मिलियन डॉलर जुटाए

Anicut Capital

Anicut Capital, एक प्रमुख वैकल्पिक निवेश फर्म, ने हाल ही में अपनी प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के तहत 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह निवेश GIFT City के माध्यम से प्राप्त हुआ है, जो भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संरचना है। इस फंड के माध्यम से, कंपनी का उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को भारतीय बाजार की ओर आकर्षित करना है, जिसमें प्रमुख निवेशक अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, और मध्य पूर्व से हैं।

Anicut Capital के माध्यम से निवेश

GIFT City (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है, जो विदेशी निवेश को भारत में आकर्षित करने के लिए विकसित किया गया है। अनिकट कैपिटल ने इस संरचना का उपयोग करते हुए डॉलर-आधारित निवेशकों से 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह संरचना संस्थागत निवेशकों, परिवार कार्यालयों और उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों (HNIs) के लिए विशेष रूप से आकर्षक है।

कंपनी की स्थापना और फोकस

अनिकट कैपिटल की स्थापना आशित मेहता और अभिषेक नायर ने की थी। कंपनी का उद्देश्य मझोले आकार के भारतीय उद्यमों में निवेश करना है, जो पारंपरिक वित्तीय सेवाओं से वंचित रहते हैं। अनिकट कैपिटल प्राइवेट क्रेडिट, इक्विटी और जोखिम पूंजी में निवेश करता है, और यह तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में उन कंपनियों के लिए पूंजी प्रदान करता है जो विकास की अगली लहर चला रही हैं।

प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 और निवेश संरचना

अनिकट कैपिटल का प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 भारत के मध्यम आकार के उद्यमों में ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। इस फंड के तहत कंपनी वर्तमान में कुल 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसका एक हिस्सा GIFT City के माध्यम से प्राप्त 11 मिलियन डॉलर से आता है। यह संरचना भारत में निजी ऋण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश को आसान बनाती है।

फंड का उपयोग और कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड

इस फंड के पहले वर्ष के संचालन में ही अनिकट कैपिटल ने छह कंपनियों में निवेश किया है, जिनमें Earth Rhythm, Neemans, Wheelocity, The Ayurveda Experience, Blue Tokai Coffee, और XYXX शामिल हैं। इन कंपनियों का चयन भारतीय बाजार में उनकी अनूठी स्थिति और तेजी से बढ़ने की क्षमता के आधार पर किया गया है। यह दर्शाता है कि अनिकट कैपिटल भारतीय उद्यमों में दीर्घकालिक मूल्य सृजन के लिए प्रतिबद्ध है।

SIDBI के साथ साझेदारी

सितंबर 2023 में, अनिकट कैपिटल ने Small Industries Development Bank of India (SIDBI) से 50 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया था, जो कि अनिकट इक्विटी फंड में किया गया था। SIDBI का यह निवेश भारतीय छोटे और मझोले आकार के उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन था, और अनिकट कैपिटल के निवेश दृष्टिकोण की सफलता को भी दर्शाता है।

निवेश का प्रभाव

अनिकट कैपिटल द्वारा जुटाए गए इन फंड्स का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो अपने विकास के महत्वपूर्ण चरण में हैं। कंपनी ने अब तक 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और कई मझोले आकार के भारतीय उद्यमों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनिकट कैपिटल का मानना है कि भारत में निजी ऋण क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं, और यह फंड उन कंपनियों की सहायता करेगा जो तेजी से विस्तार कर रही हैं।

निवेशकों के लिए लाभ

अनिकट कैपिटल की इस फंड संरचना का प्रमुख लाभ यह है कि यह निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने का एक सुरक्षित और संगठित तरीका प्रदान करती है। GIFT City के माध्यम से प्राप्त होने वाले डॉलर-नामित निवेशों के कारण, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारतीय बाजार में अपने पोर्टफोलियो को विस्तार करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी से वृद्धि और मझोले उद्यमों के विकास की क्षमता को देखते हुए, अनिकट कैपिटल के निवेशकों को आकर्षक रिटर्न की उम्मीद है।

भविष्य की योजनाएं

अनिकट कैपिटल की योजना अपने प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 के माध्यम से और अधिक कंपनियों में निवेश करने की है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी हैं। कंपनी का फोकस उन कंपनियों पर है जो नवाचार और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देती हैं। भविष्य में, अनिकट कैपिटल का लक्ष्य भारतीय निजी ऋण क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करना और वैश्विक निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाना है।

निष्कर्ष

अनिकट कैपिटल की हालिया फंडिंग न केवल भारतीय बाजार में उनके निवेश की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे GIFT City जैसी संरचनाएं वैश्विक निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर रही हैं। 11 मिलियन डॉलर की यह फंडिंग अनिकट के प्राइवेट क्रेडिट फंड 3 का एक हिस्सा है, जो भारतीय उद्यमों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधन बन रहा है।

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Licious ने My Chicken and More का किया अधिग्रहण

Licious

भारत की प्रमुख D2C (Direct-to-Consumer) मीट और सीफूड ब्रांड Licious ने बेंगलुरु स्थित ऑफलाइन रिटेलर My Chicken and More का अधिग्रहण किया है। इस सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह कदम Licious की ओम्निचैनल (ऑनलाइन और ऑफलाइन) उपस्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। Licious पहले से ही 4 मिलियन घरों तक अपनी डिजिटल कॉमर्स सेवाएं पहुंचा चुका है, और अब My Chicken and More की 23 स्टोर्स के साथ, Licious अपनी फिजिकल रिटेल उपस्थिति को 26 बिक्री केंद्रों तक बढ़ा सकेगा।

My Chicken and More: एक तेजी से बढ़ती ब्रांड

My Chicken and More बेंगलुरु के उपभोक्ताओं के बीच अपने इन-स्टोर अनुभव के लिए जाना जाता है। 2021 से 2023 के बीच, इस ब्रांड ने अपने आउटलेट्स की संख्या 10 से बढ़ाकर 23 कर ली, और 2023 में इसका कुल राजस्व 110 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह ब्रांड सालाना 1.6 से 1.8 मिलियन ऑर्डर प्रोसेस करने का दावा करता है। कुछ स्टोर्स में मासिक फुटफॉल (ग्राहकों की संख्या) 10,000 से 12,000 तक रहती है, जो इसकी लोकप्रियता और गुणवत्ता को दर्शाता है।

Licious: ऑनलाइन से ऑफलाइन की ओर कदम

Licious की स्थापना 2015 में अभय हांजुरा और विवेक गुप्ता ने की थी। कंपनी ने मीट, सीफूड और रेडी-टू-कुक प्रोडक्ट्स के लिए भारत में 25 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। इस अधिग्रहण के जरिए, Licious का मकसद अपने डिजिटल कारोबार के साथ-साथ फिजिकल स्टोर्स के माध्यम से भी उपभोक्ताओं तक पहुंचना है। Licious के पास अब अपने उत्पादों की बिक्री के लिए दोनों प्लेटफॉर्म होंगे, जिससे यह अपने ग्राहकों को एक व्यापक और सहज अनुभव प्रदान कर सकेगा।

Liciousके वित्तीय आंकड़े और विकास की कहानी

Licious की यात्रा में वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) महत्वपूर्ण रहा। हालांकि, कंपनी को बड़े निवेश प्राप्त हुए, लेकिन इसका ऑपरेटिंग इनकम केवल 9.6% की मामूली वृद्धि के साथ 747.7 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो FY22 में 682.5 करोड़ रुपये था। वहीं, इसके नुकसान में भी वृद्धि हुई और FY23 में 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 485 करोड़ रुपये था।

Licious की फंडिंग और यूनिकॉर्न बनने की कहानी

Licious ने अक्टूबर 2021 में IIFL AMC के लेट स्टेज टेक फंड से 52 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की और उसके बाद यह कंपनी यूनिकॉर्न बन गई। उसी साल, इसे सीरीज F राउंड में 192 मिलियन डॉलर का निवेश भी प्राप्त हुआ। अब तक, Licious ने कुल 490 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिससे यह मीट और सीफूड सेगमेंट में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

इन्फिनिटी: Licious की लॉयल्टी प्रोग्राम

Licious का प्रमुख लॉयल्टी प्रोग्राम Infiniti भी कंपनी के व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस प्रोग्राम के 2 लाख साप्ताहिक सक्रिय सब्सक्राइबर्स हैं, जो कंपनी के मासिक व्यापार का 58% योगदान करते हैं। यह लॉयल्टी प्रोग्राम कंपनी के ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने में मदद करता है और यह उनकी ब्रांडिंग को भी मजबूत करता है।

My Chicken and More का अधिग्रहण क्यों है महत्वपूर्ण?

My Chicken and More का अधिग्रहण Licious के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह कदम कंपनी को सिर्फ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहने से अलग करता है। अब कंपनी के पास ऑफलाइन रिटेल नेटवर्क भी होगा, जिससे उसे और अधिक ग्राहकों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय को और विस्तारित करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, My Chicken and More के स्टोर्स में मिलने वाले इन-स्टोर अनुभव से ग्राहकों को बेहतर सेवा मिल सकेगी।

Licious की ओम्निचैनल रणनीति

Licious की ओम्निचैनल रणनीति से यह स्पष्ट है कि कंपनी अब सिर्फ डिजिटल तक सीमित नहीं रहना चाहती। कंपनी अब एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर अपनी सेवाओं को फिजिकल रिटेल नेटवर्क के जरिए भी बढ़ा रही है। इससे कंपनी को उन ग्राहकों तक भी पहुंचने में मदद मिलेगी, जो ऑनलाइन खरीदारी में रुचि नहीं रखते, लेकिन फिजिकल स्टोर्स से खरीदारी करना पसंद करते हैं।

भविष्य की योजनाएं

Licious का लक्ष्य अधिग्रहण के बाद अपने उत्पाद पोर्टफोलियो और वितरण नेटवर्क को और मजबूत करना है। कंपनी आने वाले समय में और अधिक शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, Licious ने अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि को हमेशा प्राथमिकता दी है, और इस अधिग्रहण से वह अपने ग्राहकों के लिए और भी बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए तत्पर है।

निष्कर्ष

Licious द्वारा My Chicken and More का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इसे भारतीय मीट और सीफूड बाजार में और अधिक मजबूत स्थिति में लाएगा। डिजिटल और फिजिकल दोनों प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने ग्राहकों तक पहुंचकर, Licious अपनी ओम्निचैनल रणनीति के जरिए अपनी मार्केट उपस्थिति को और व्यापक बनाने के लिए तैयार है। कंपनी के संस्थापकों की दूरदर्शिता और निवेशकों का विश्वास इसे और भी ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

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Perceptyne: AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप ने जुटाए $3 मिलियन

Perceptyne

Perceptyne, एक गहरे तकनीकी (deep tech) और AI-आधारित रोबोटिक्स स्टार्टअप, ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $3 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Endiya Partners और Yali Capital ने किया, जिसमें Whiteboard Capital और कुछ प्रमुख एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया। इस फंडिंग का उपयोग कंपनी अपने प्रोडक्ट डेवलपमेंट, कस्टमर एक्विजिशन और ग्रोथ में तेजी लाने के लिए करेगी। Perceptyne वर्तमान में ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ घनिष्ठता से काम कर रही है।

Percept yne की शुरुआत और संस्थापक

Perceptyne की स्थापना तीन संस्थापकों – रवितेजा शिवुकुला, जग्गा राजू नडिंपल्ली, और मृत्युंजय नडिमिंती ने की। ये सभी संस्थापक गहरी तकनीकी पृष्ठभूमि से आते हैं और रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उनकी तकनीकी क्षमता और इनोवेशन के लिए दृष्टिकोण ने इस स्टार्टअप को एक मजबूत नींव प्रदान की है। उनकी सोच है कि AI और रोबोटिक्स के माध्यम से उन कार्यों को स्वचालित किया जा सके, जिन्हें अभी तक केवल मनुष्यों द्वारा किया जाता था।

Perceptyne की प्रमुख टेक्नोलॉजी

Perceptyne का मुख्य फोकस AI और रोबोटिक्स को मिलाकर एक ऐसी प्रणाली तैयार करना है, जो मानवीय कौशल और चपलता के साथ काम कर सके। कंपनी का दावा है कि उनके उत्पाद जैसे PR-34D और PR-9D, जो क्रमशः ड्यूल-आर्म और सिंगल-आर्म रोबोट्स हैं, मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली लाइन जैसे कार्यों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हैं। ये रोबोट कंप्यूटर विज़न, मल्टी-मोडल सेंसिंग और उन्नत एंड-इफेक्टर्स के साथ आते हैं, जो उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए अत्यधिक सक्षम बनाते हैं।

PR-34D और PR-9D: रोबोटिक्स में क्रांति

Perceptyne के इन फ्लैगशिप उत्पादों का डिज़ाइन विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के लिए किया गया है। इन रोबोट्स को इस प्रकार से बनाया गया है कि वे उत्पाद असेंबली और पैकेजिंग जैसे कार्यों में मानवीय दक्षता के साथ काम कर सकें। AI द्वारा संचालित होने के कारण ये रोबोट जटिल और सूक्ष्म कार्यों को भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं, जिससे मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में गति और सटीकता दोनों बढ़ती हैं।

कंपनी की योजना और भविष्य की रणनीति

फंडिंग के बाद, Perceptyne अब अपने उत्पादों को और उन्नत करने, नए ग्राहकों को जोड़ने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने की योजना बना रहा है। कंपनी वर्तमान में ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग दिग्गजों के साथ काम कर रही है, और आने वाले समय में अन्य उद्योगों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।

निवेशकों की भूमिका

Endiya Partners और Yali Capital जैसे प्रमुख निवेशकों का इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व करना दर्शाता है कि Perceptyne का व्यवसाय मॉडल और तकनीक निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। Whiteboard Capital और अन्य एंजल निवेशकों ने भी इस स्टार्टअप के भविष्य को लेकर अपने विश्वास को व्यक्त किया है। इस निवेश से यह स्पष्ट है कि रोबोटिक्स और AI का संयोजन आने वाले समय में और अधिक महत्वपूर्ण होने वाला है।

मैन्युफैक्चरिंग उद्योग पर प्रभाव

Perceptyne के उत्पाद मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। असेंबली लाइन में दक्षता और स्वचालन को बढ़ाने के साथ-साथ, ये रोबोट कंपनियों के लिए लागत को भी कम कर सकते हैं। मानव श्रम की जगह स्वचालित मशीनों का इस्तेमाल करना मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को तेज बनाता है और उत्पादन में त्रुटियों को भी कम करता है।

AI और रोबोटिक्स का भविष्य

Perceptyne जैसे स्टार्टअप्स यह दिखा रहे हैं कि भविष्य में AI और रोबोटिक्स का मेल एक नई क्रांति ला सकता है। न केवल बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग बल्कि अन्य उद्योगों में भी इस तकनीक का विस्तार किया जा सकता है। Perceptyne की तकनीक उन क्षेत्रों में भी काम आ सकती है जहां जटिल और संवेदनशील कार्यों की आवश्यकता होती है।

कंपनी का वित्तीय पक्ष

Perceptyne ने अपने सीड राउंड में $3 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जो इसके विकास के शुरुआती चरण के लिए एक महत्वपूर्ण राशि है। यह फंडिंग कंपनी के लिए प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ग्राहक जोड़ने और अपने मार्केट विस्तार को मजबूत करने में मदद करेगी। इसके संस्थापक का कहना है कि यह निवेश उन्हें अपने AI और रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने में सक्षम बनाएगा।

निष्कर्ष

Perceptyne का उदय AI और रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति का संकेत है। कंपनी का उद्देश्य उन कार्यों को स्वचालित करना है, जिन्हें अभी तक केवल मनुष्यों द्वारा ही किया जा सकता था। संस्थापकों की दूरदृष्टि और निवेशकों का समर्थन इस स्टार्टअप को भविष्य में और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

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