Kuku FM की वित्तीय वर्ष 2024 में शानदार वृद्धि: राजस्व में 2.1 गुना बढ़ोतरी, घाटा 18% कम”

Kuku FM,

Kuku FM, एक ऑडियो कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म, ने मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में बेहतरीन वृद्धि दर्ज की है। कंपनी की ऑपरेशनल आय 2.1 गुना बढ़कर 88 करोड़ रुपये हो गई, जो कि वित्त वर्ष 2023 में 41 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, कंपनी ने जमा पर ब्याज और मौजूदा निवेशों की बिक्री से 16 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय भी अर्जित की, जिससे कुल राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 104 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 49 करोड़ रुपये था।

Kuku FM ने अपने ऑडियो कंटेंट की पहुँच को बढ़ाने के लिए विज्ञापन और मार्केटिंग पर बड़े पैमाने पर खर्च किया। इसके कुल कैश बर्न का 50% से अधिक हिस्सा इसी दिशा में लगाया गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 102 करोड़ रुपये रहा। यह खर्च वित्त वर्ष 2023 की तुलना में 8.5% अधिक था। हालांकि, ऑडियो कंटेंट निर्माण पर खर्च अपेक्षाकृत कम था, जो केवल 16 करोड़ रुपये रहा।

कंपनी के बढ़ते पैमाने और नियंत्रित खर्च ने उसे अपने घाटे को कम करने में मदद की। वित्त वर्ष 2024 में Kuku FM का घाटा 18% घटकर 96 करोड़ रुपये रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 117 करोड़ रुपये था। कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड (ROCE) -46.38% और एबिटडा (EBITDA) मार्जिन -89.42% पर था, जो इसके वित्तीय प्रदर्शन की स्थिति को दर्शाता है।

अब तक Kuku FM ने $71 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जिसमें से $25 मिलियन की सीरीज C राउंड की फंडिंग अक्टूबर 2023 में आई थी। यह फंडिंग इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) और नंदन नीलकेणी के फंडामेंटम पार्टनरशिप द्वारा लीड की गई थी।

इस सफलता के पीछे कंपनी की रणनीति और स्मार्ट खर्च नियंत्रण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि मार्केटिंग और विज्ञापन पर ज़ोर देने से प्लेटफ़ॉर्म की लोकप्रियता और यूज़र बेस में वृद्धि हुई है, लेकिन कंटेंट क्रिएशन पर अपेक्षाकृत कम खर्च करना यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपने बजट का बड़ा हिस्सा ब्रांड निर्माण और उपभोक्ता तक पहुँच बढ़ाने पर केंद्रित किया है। यह कदम समझदारी भरा है, क्योंकि किसी भी कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म की सफलता काफी हद तक उसकी पहुँच और पहचान पर निर्भर करती है।

Kuku FM ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय ऑडियो कंटेंट बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है। भारत में ऑडियो कंटेंट का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, खासकर ग्रामीण और टियर-2, टियर-3 शहरों में, जहाँ लोग मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुलभता के कारण ज्यादा से ज्यादा डिजिटल ऑडियो कंटेंट की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। Kuku FM ने इस अवसर का अच्छा लाभ उठाया है और अपनी सेवा को हिंदी समेत कई अन्य भाषाओं में उपलब्ध करवा कर बड़े दर्शक वर्ग तक पहुँचने में कामयाबी हासिल की है।

वित्तीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो, कंपनी का घाटा कम हुआ है, जो एक सकारात्मक संकेत है। घाटे में यह कमी दिखाती है कि कंपनी ने अपने खर्चों को नियंत्रित करने और अपनी आय में वृद्धि लाने के लिए सही कदम उठाए हैं। हालांकि EBITDA मार्जिन और ROCE अभी भी नकारात्मक हैं, लेकिन कंपनी के लिए आने वाले वर्षों में इन संकेतकों को बेहतर करने की संभावना है, खासकर अगर वे अपने कंटेंट निर्माण और उपयोगकर्ता जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करते रहें।

Kuku FM की अब तक की कुल फंडिंग इसे और विस्तार करने में मदद कर सकती है। इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन और फंडामेंटम पार्टनरशिप जैसी बड़ी संस्थाओं से निवेश मिलना भी इस बात का प्रमाण है कि कंपनी के बिजनेस मॉडल और भविष्य की संभावनाओं पर निवेशकों का भरोसा है। यह फंडिंग Kuku FM को तकनीकी उन्नति, कंटेंट की गुणवत्ता सुधारने, और नए यूजर्स को प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने के लिए और अधिक निवेश करने का अवसर देगी।

हालांकि Kuku FM की मार्केटिंग रणनीति और ब्रांड निर्माण सफल साबित हो रहा है, कंपनी को भविष्य में कंटेंट निर्माण पर भी ध्यान देना होगा। कंटेंट की गुणवत्ता और विविधता किसी भी ऑडियो प्लेटफ़ॉर्म की नींव होती है, और यदि Kuku FM इसे सही तरीके से विकसित करता है, तो यह और भी बड़े दर्शक वर्ग को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। इसके साथ ही, कंपनी को प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए नवीनतम तकनीकी और यूजर इंटरफेस में सुधार करना होगा ताकि यूजर्स को बेहतर अनुभव मिल सके।

अंत में, Kuku FM की वित्तीय स्थिति और इसकी रणनीतिक दृष्टिकोण को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है। मार्केटिंग पर ध्यान देने और घाटे को कम करने के लिए खर्चों को नियंत्रित करने की उनकी रणनीति से कंपनी को लंबी अवधि में फायदा होगा। हालांकि, कंपनी को अपने कंटेंट के विस्तार और गुणवत्ता सुधार पर भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वे तेजी से बढ़ते ऑडियो कंटेंट बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति बनाए रख सकें।

आगे चलकर, Kuku FM के लिए चुनौती यह होगी कि वह अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के साथ-साथ उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों को भी पूरा करे। यदि वे इस दिशा में सही कदम उठाते हैं, तो निस्संदेह वे भारतीय ऑडियो बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने रहेंगे और भविष्य में और भी ऊँचाइयों को छू सकते हैं।

Readmore : Basecamp Research ने $60 मिलियन सीरीज B फंडिंग जुटाई

Basecamp Research ने $60 मिलियन सीरीज B फंडिंग जुटाई

Basecamp Research raised $60M in Series B funding.

लंदन स्थित स्टार्टअप Basecamp Research, जो दुनिया भर में वैज्ञानिकों को माइक्रोब्स और नए प्रोटीन खोजने के लिए भेजता है ताकि अज्ञात बायोलॉजी की खोज की जा सके, ने VC Singular के नेतृत्व में सीरीज B फंडिंग राउंड में $60 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग दौर में अन्य निवेशकों में S32, Redalpine, एंड्रे हॉफमैन (रॉश के वाइस-चेयरमैन), फेक सिज़बेसमा (रॉयल फिलिप्स के चेयरमैन), और पॉल पॉलमैन (यूनिलीवर के पूर्व सीईओ) शामिल थे। इसके अलावा, पहले के निवेशक True Ventures और Hummingbird Ventures ने भी इस राउंड में भाग लिया।

कंपनी के उद्देश्य और तकनीकी समाधान

Basecamp Research का मिशन प्रकृति में पाए जाने वाले प्रोटीन का एक डेटाबेस बनाना है, जिसका उपयोग नई दवाओं और अनोखे पदार्थों की खोज में किया जा सकता है। कंपनी के फील्ड रिसर्च साइंटिस्ट मार्लोन क्लार्क के अनुसार, “हम दुनिया भर में प्रोटीन कोड्स की खोज कर रहे हैं ताकि हमारे ग्राहक विशेष गुणों की खोज कर सकें।” इस खोज का उद्देश्य उन कंपनियों के लिए नए और सुधारित उत्पाद विकसित करने के लिए उपयोगी प्रोटीन ढूंढना है जो अपनी रिसर्च में नए प्रोटीन की खोज करना चाहती हैं।

बायोसाइंस इंडस्ट्री में साझेदारियां

Basecamp ने अब तक 15 से अधिक उद्योगों में विभिन्न बायोसाइंस कंपनियों के साथ व्यावसायिक साझेदारियां स्थापित की हैं। इसके अलावा, यह बायोफार्मा कंपनियों और शैक्षणिक अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर नए प्रोटीन अनुक्रम डिज़ाइन करने पर काम करता है, जो नई चिकित्सा उपचारों की रिसर्च और डेवलपमेंट को आगे बढ़ाते हैं। कंपनी का मानना ​​है कि उनकी प्रोटीन खोज का डेटा सेट पारंपरिक डेटाबेस की तुलना में 100 गुना अधिक उन्नत बायोलॉजिकल सिस्टम्स की जानकारी प्रदान करता है, जो फार्मा रिसर्चरों के लिए अत्यधिक उपयोगी हो सकता है।

Broad Institute के साथ साझेदारी

फंडिंग राउंड के साथ ही, कंपनी ने MIT और Harvard के Broad Institute में डॉ. डेविड आर. लियू की प्रयोगशाला के साथ एक बहु-वर्षीय सहयोग भी किया है। यह साझेदारी नए फ्यूजन प्रोटीन और अन्य बड़े अणुओं को विकसित करने के लिए है, जिनका उपयोग नई जेनेटिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाएगा, जो विभिन्न बीमारियों का इलाज करने में सक्षम होंगी। यह Basecamp की भविष्य की योजनाओं के साथ मेल खाता है, जिसका उद्देश्य बायोलॉजी के लिए एक नई प्रकार की फाउंडेशनल मॉडल्स विकसित करना है, जो बायोलॉजिकल सिस्टम्स की गहरी समझ के साथ AI को सक्षम बनाएगी।

टीम और संचालन का विस्तार

Basecamp Research अपने संचालन का विस्तार करने के लिए ताज़ा फंडिंग का उपयोग करेगी, जिसमें डेटा संग्रह की गति और मात्रा को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी ने कहा कि वे अपनी डेटा कलेक्शन क्षमता में 10 गुना वृद्धि की योजना बना रहे हैं और इसके लिए उन्होंने दुनिया भर में 100 से अधिक बायोडायवर्सिटी पार्टनर्स के साथ मिलकर तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, कंपनी नमूना संग्रहण को और अधिक व्यवस्थित करेगी और अपने नेटवर्क का विस्तार करेगी।

नेतृत्व टीम का विस्तार

कंपनी ने हाल ही में अपने नेतृत्व टीम का भी विस्तार किया है। अनुपमा होए, जो पहले Sensei Biotherapeutics में चीफ बिजनेस ऑफिसर थीं और 2021 में कंपनी का IPO हुआ था, को Basecamp Research का चीफ कमर्शियल ऑफिसर नियुक्त किया गया है। अनुपमा की नियुक्ति कंपनी की रणनीति और विकास को और अधिक मजबूती प्रदान करेगी।

भविष्य की योजनाएं

Basecamp Research ने अगले कुछ वर्षों के लिए अपनी डेटा संग्रहण प्रक्रिया और तकनीकी विकास में बड़े पैमाने पर निवेश करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, कंपनी UN बायोडायवर्सिटी टॉक्स में भी सक्रिय रूप से भाग लेगी, जो कि इस महीने काली, कोलंबिया में होने जा रही है, ताकि वैश्विक स्तर पर बायोडायवर्सिटी की दिशा में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाया जा सके।

कुल मिलाकर, Basecamp Research का उद्देश्य बायोलॉजी के गूढ़ रहस्यों को उजागर करना और उन्नत AI के माध्यम से दुनिया की सबसे जटिल समस्याओं का समाधान करना है।

Readmore :Figr ने सीड फंडिंग में जुटाए $2.25 मिलियन

Figr ने सीड फंडिंग में जुटाए $2.25 मिलियन

Figr has raised $2.25 million

बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप Figr ने हाल ही में $2.25 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग दौर का नेतृत्व Kalaari Capital ने किया, जबकि Antler, Golden Sparrow, और अन्य एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया। इस निवेश का उपयोग कंपनी अपनी कोर तकनीक को और उन्नत बनाने और विशेष रूप से अपने कस्टम AI मॉडल्स को बेहतर करने में करेगी, जो यूजर इंटरफेस (UI) और यूजर एक्सपीरियंस (UX) डिजाइन के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसके साथ ही, कंपनी अपने प्रोडक्ट और ग्रोथ टीम्स को भी विस्तार देने की योजना बना रही है।

Figr का परिचय

Figr एक AI-आधारित डिज़ाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जो प्रोडक्ट टीम्स के लिए यूजर इंटरफेस डिज़ाइन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने पर केंद्रित है। यह स्टार्टअप अपने उपयोगकर्ताओं को एआई-संचालित डिज़ाइन समाधान प्रदान करता है, जिससे वे अपने आइडियाज को तेजी से और कुशलता से शानदार UI डिजाइनों में बदल सकते हैं। कंपनी के अनुसार, Figr के पास अब तक 75,000 से अधिक साइनअप हो चुके हैं और 500,000 से ज्यादा क्वेरीज प्रोसेस की जा चुकी हैं।

संस्थापकों के बारे में

Figr की स्थापना मोक्श गर्ग और चिराग सिंघला ने की है। मोक्श और चिराग दोनों ने डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में गहरा अनुभव हासिल किया है, जिससे उन्होंने Figr को एक प्रभावी और उन्नत एआई प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया है। दोनों संस्थापक उपयोगकर्ताओं की समस्याओं को समझते हुए एक समाधान विकसित करना चाहते थे, जो डिज़ाइन प्रक्रिया को आसान और तेज़ बना सके। उनके नेतृत्व में, Figr ने उपयोगकर्ताओं के बीच एक मजबूत पहचान बनाई है।

फंडिंग का उपयोग

इस नई फंडिंग का उपयोग Figr मुख्य रूप से अपने AI मॉडल्स को और उन्नत करने और तकनीकी ढांचे को मजबूत करने के लिए करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने उत्पाद के माध्यम से डिजाइन प्रक्रिया को और अधिक स्वचालित और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाए। इसके साथ ही, Figr अपने प्रोडक्ट और ग्रोथ टीम्स में भी निवेश करेगा ताकि वह अपनी बाजार उपस्थिति को और बढ़ा सके और अपने उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बना सके।

कंपनी की वृद्धि और वैश्विक पहुंच

Figr के उपयोगकर्ताओं में से लगभग 80% भारत के बाहर से हैं, जो यह दर्शाता है कि कंपनी की सेवाओं की वैश्विक अपील बढ़ रही है। Figr ने कुछ ही समय में 75,000 से अधिक साइनअप और 500,000 से ज्यादा क्वेरीज प्रोसेस की हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि यह प्लेटफ़ॉर्म यूजर इंटरफेस डिज़ाइन के क्षेत्र में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कंपनी अपने उत्पाद के साथ वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति बना रही है और डिज़ाइन प्रक्रिया को और सरल बना रही है।

तकनीकी दृष्टिकोण

Figr का मुख्य फोकस AI-संचालित डिज़ाइन समाधान पर है। यह प्लेटफ़ॉर्म डिजाइन टीमों को अपने विचारों को कागज से डिजिटल फॉर्मेट में लाने में मदद करता है, जिससे उनके लिए डिज़ाइनिंग की प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाती है। प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने वाले उत्पादक टीमों को अब मैन्युअल डिज़ाइन प्रोसेस पर अधिक समय खर्च नहीं करना पड़ता, जिससे उनके काम की गति और गुणवत्ता में सुधार आता है। AI के उपयोग से, Figr डिज़ाइनरों को अधिक क्रिएटिव और प्रभावी ढंग से काम करने का अवसर प्रदान करता है।

भविष्य की योजनाएँ

Figr की भविष्य की योजना है कि वह अपने AI मॉडल्स को और उन्नत बनाए और अपनी सेवाओं को विभिन्न उद्योगों में विस्तार दे। स्टार्टअप अपने यूजर्स को और अधिक प्रोडक्टिव और क्रिएटिव बनाने के लिए नई तकनीकों का विकास कर रहा है। कंपनी अपने इंटरनेशनल यूजर बेस को और बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है और जल्द ही नए प्रोडक्ट्स और फीचर्स लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो डिज़ाइन प्रक्रिया को और आसान और प्रभावी बना सकेंगे।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

हालांकि Figr ने अब तक केवल सीड राउंड में $2.25 मिलियन जुटाए हैं, कंपनी का फोकस अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत करने और लगातार विकास करने पर है। फंडिंग से प्राप्त संसाधनों का उपयोग कंपनी के टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और टीमों के विस्तार में किया जाएगा। इसके अलावा, Figr की योजना है कि वह और भी निवेशकों के साथ साझेदारी कर अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाए।

डिज़ाइन इंडस्ट्री पर प्रभाव

Figr की AI-संचालित डिज़ाइन प्रक्रिया ने डिज़ाइन इंडस्ट्री में एक नया आयाम जोड़ा है। जहां पहले मैन्युअल डिज़ाइन प्रक्रिया में काफी समय लगता था, वहीं Figr के एआई समाधान ने इसे बहुत हद तक स्वचालित और सरल बना दिया है। इससे न केवल डिज़ाइनिंग की गुणवत्ता में सुधार आया है, बल्कि प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है। डिज़ाइन टीम्स अब और अधिक क्रिएटिव और नए आइडियाज पर काम कर सकती हैं, जबकि AI उनके बाकी कार्यों को संभालता है।

निष्कर्ष

Figr ने अपनी उन्नत AI तकनीक और समर्पित संस्थापकों के नेतृत्व में डिज़ाइन प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है। इस फंडिंग से प्राप्त संसाधनों का उपयोग करके कंपनी अपने उत्पाद को और बेहतर बनाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है। डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी के संगम पर खड़ी यह कंपनी भविष्य में डिज़ाइन इंडस्ट्री को नए आयाम देने के लिए तैयार है।

Read more : Swara Fincare ने सीरीज़ ए फंडिंग में 19.4 करोड़ जुटाए

ZenStatement ने जुटाए $1.62 मिलियन सीड फंडिंग -2024

ZenStatement

AI-आधारित फाइनेंस ऑटोमेशन और कैशफ्लो मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म ZenStatement ने हाल ही में $1.62 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग दौर का नेतृत्व 3One4 Capital और Boldcap VC ने किया, जबकि Dynamis Ventures और Atrium Angels जैसे निवेशकों ने भी भाग लिया। इस स्टार्टअप को कई प्रमुख एंजल निवेशकों और बिजनेस लीडर्स का भी समर्थन प्राप्त है, जिनमें एप्पल के पूर्व ग्लोबल ट्रेजरी हेड माइकल बॉयड, EatFit के संस्थापक अंकित नागोरी, और Onsurity के संस्थापक कुलिन शाह शामिल हैं।

फंडिंग का उद्देश्य

इस फंडिंग से ZenStatement का लक्ष्य अपने प्रोडक्ट ऑफरिंग्स को और बढ़ाना और भारत व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है। इसके साथ ही कंपनी एक मजबूत सेल्स और मार्केटिंग इंजन बनाने की दिशा में भी कार्य करेगी, जिससे उसका वैश्विक विस्तार संभव हो सके।

कंपनी की स्थापना और उत्पाद

ZenStatement की स्थापना सौरभ नोलखा और अंकित नरसारिया ने 2023 में की थी। पहले यह कंपनी SimpliFin के नाम से जानी जाती थी, लेकिन अब इसे ZenStatement के रूप में रीब्रांड किया गया है। यह प्लेटफॉर्म व्यवसायों को उनके कैश फ्लो को मॉनिटर करने, ऑप्टिमाइज़ करने, रीकॉन्साइल करने और पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है। इसके अलावा, AI-चालित प्राकृतिक भाषा प्रश्नों के जरिए वित्तीय अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है, जो व्यवसायों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हो सकता है।

ZenStatement के उत्पाद की खासियत

ZenStatement का प्रमुख उत्पाद वित्तीय प्रबंधन के कई जटिल कार्यों को सरल बनाता है। यह व्यवसायों को कैशफ्लो की जानकारी आसानी से समझने और वास्तविक समय में डेटा विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके AI-संचालित उपकरण उपयोगकर्ताओं को प्राकृतिक भाषा के प्रश्नों के माध्यम से वित्तीय जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर और सटीक बनाया जा सकता है।

संस्थापकों के बारे में

ZenStatement के संस्थापक सौरभ नोलखा और अंकित नरसारिया ने फाइनेंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी अनुभव प्राप्त किया है। सौरभ नोलखा ने पूर्व में कई प्रौद्योगिकी कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जबकि अंकित नरसारिया वित्तीय क्षेत्र में अपने गहरे अनुभव के साथ स्टार्टअप के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। इन दोनों के नेतृत्व में ZenStatement ने बाजार में अपनी पहचान बनाई है और अपने उत्पादों को लगातार उन्नत कर रहा है।

वित्तीय स्थिति और फंडिंग की रणनीति

ZenStatement ने अपनी फंडिंग का उपयोग अपने उत्पादों को बेहतर बनाने और अपने संचालन को बढ़ाने के लिए किया है। कंपनी ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में कई बड़े निवेशकों और प्रमुख बिजनेस लीडर्स का समर्थन प्राप्त किया है, जो इसके भविष्य के विकास की संभावनाओं को दर्शाता है। कंपनी ने पहले दौर में $1.62 मिलियन की राशि जुटाई है, जो इसके उत्पाद विकास और बाजार में विस्तार के लिए उपयोग की जाएगी।

बाजार में प्रतिस्पर्धा और विस्तार

ZenStatement का प्रमुख ध्यान भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद की पहुंच को बढ़ाने पर है। वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, ZenStatement अपनी उन्नत AI-आधारित तकनीक के जरिए व्यवसायों के लिए एक अभिनव समाधान प्रस्तुत कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए फायदेमंद है जो अपने कैशफ्लो को बेहतर तरीके से समझने और उसका प्रबंधन करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हालांकि, ZenStatement के सामने बाजार में कई प्रतिस्पर्धी चुनौतियाँ हैं, फिर भी इसका अनूठा AI-आधारित समाधान और संस्थापकों का मजबूत नेतृत्व इसे तेजी से विकास के लिए प्रेरित कर रहा है। कंपनी की दीर्घकालिक योजना नए वित्तीय उत्पादों को लॉन्च करने और अपनी सेवा को व्यापक बनाने की है, जिससे अधिक से अधिक व्यवसाय इस प्लेटफॉर्म का लाभ उठा सकें।

भविष्य की योजना

ZenStatement ने अपने मौजूदा ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त की हैं और अब इसका लक्ष्य और अधिक व्यवसायों को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ना है। कंपनी की दीर्घकालिक योजना वित्तीय स्वचालन के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की है, जिससे यह अपने उपयोगकर्ताओं को और अधिक मूल्यवान सेवाएँ प्रदान कर सके।

निष्कर्ष

ZenStatement का यह नवीनतम फंडिंग दौर कंपनी की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। अपनी अनूठी तकनीक और समर्पित संस्थापकों के नेतृत्व में, ZenStatement आने वाले समय में वित्तीय प्रबंधन और कैशफ्लो ऑप्टिमाइजेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

Readmore: स्वारा फिनकेयर ने सीरीज़ ए फंडिंग में जुटाए 19.4 करोड़, छोटे उद्यमियों की मदद के लिए तैयार

Readmore : iRasus Technologies: ऊर्जा विश्लेषण कंपनी ने जुटाए 4 करोड़ रुपये, भारत में विस्तार की योजना

Swara Fincare ने सीरीज़ ए फंडिंग में 19.4 करोड़ जुटाए

Swara Fincare News

टेक्नोलॉजी से लैस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) Swara Fincare ने सीरीज़ ए फंडिंग राउंड में 19.4 करोड़ रुपये ($2.3 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व यूसी इम्पावर ने किया, जिसमें सेरिका एंजेल फंड ने भी भाग लिया।

कंपनी के अनुसार, यह नई फंडिंग ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में छोटे उद्यमियों और व्यक्तियों के लिए वित्तीय सेवाओं का विस्तार करने, अपने वितरण नेटवर्क को बढ़ाने, नई और नवाचारपूर्ण उत्पादों को विकसित करने और अपनी तकनीकी प्लेटफार्मों को उन्नत बनाने के लिए उपयोग की जाएगी।

स्वारा फिनकेयर की स्थापना और उद्देश्य

Swara Fincare  की स्थापना 2022 में देव वर्मा, मुकुंद माधव, और सुमित रंजन द्वारा की गई थी। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं को उन लोगों तक पहुँचाना है, जो पारंपरिक बैंकों की सेवाओं से वंचित हैं। स्वारा फिनकेयर छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों के लिए अनुकूलित वित्तीय समाधान, जीवन, स्वास्थ्य, और सामान्य बीमा उत्पाद, साथ ही लोन अकाउंट की EMI भुगतान और वास्तविक समय पर ट्रैकिंग सेवाएं प्रदान करता है।

स्वारा फिनकेयर का मुख्य फोकस उन लोगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है, जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं, विशेषकर छोटे उद्यमियों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की। कंपनी ने इस दिशा में कई सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और अन्य संस्थाओं के साथ साझेदारी की है ताकि अपने ग्राहकों को वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। इस पहल से कंपनी को न केवल अपने ग्राहकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में मदद मिल रही है, बल्कि उन्हें उद्यमशीलता में भी प्रेरित कर रही है।

तकनीकी नवाचार और सेवाएं

Swara Fincare की सेवाएं तकनीकी रूप से सक्षम हैं और कंपनी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके अपने ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रही है। स्वारा फिनकेयर का डिजिटल प्लेटफार्म ग्राहकों को वास्तविक समय पर अपने लोन अकाउंट की ट्रैकिंग की सुविधा देता है, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इसके अलावा, कंपनी की अनुकूलित वित्तीय सेवाएं ग्राहकों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार डिज़ाइन की जाती हैं, जो उन्हें उनके व्यवसायों को बढ़ाने और विस्तार करने में मदद करती हैं।

स्वारा फिनकेयर का वितरण नेटवर्क

गुरुग्राम आधारित स्वारा फिनकेयर का वितरण नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में, कंपनी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, और उत्तराखंड में 45 शाखाओं के साथ संचालन कर रही है। स्वारा फिनकेयर ने अब तक 35,000 से अधिक घरों को प्रभावित किया है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद की है। कंपनी का लक्ष्य अपने शाखाओं के नेटवर्क को और अधिक व्यापक बनाना और अधिक लोगों तक पहुंचना है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।

वित्तीय स्थिति और साझेदारी

स्वारा फिनकेयर को वित्तीय संस्थानों और बैंकों से भी मजबूत समर्थन मिला है। कंपनी को 30 से अधिक प्रमुख वित्तीय संस्थानों और बैंकों से कर्ज समर्थन मिला है, जो इसे अपनी सेवाओं का विस्तार करने में मदद कर रहा है। इसके अलावा, स्वारा फिनकेयर ने तीन को-लेंडिंग साझेदारियों के साथ मिलकर अपनी ग्रोथ को तेज करने के लिए कदम उठाए हैं। यह साझेदारियां कंपनी को अपने वित्तीय उत्पादों की व्यापक पहुंच और विकास में मदद कर रही हैं।

सीरीज़ ए फंडिंग और भविष्य की योजनाएं

हाल ही में जुटाए गए 19.4 करोड़ रुपये की फंडिंग से स्वारा फिनकेयर को अपने विस्तार और विकास योजनाओं को गति मिलेगी। कंपनी का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को और भी अधिक मजबूत बनाना है। इसके लिए, कंपनी ने अपनी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने और अपने वितरण नेटवर्क को विस्तारित करने की योजना बनाई है।

संस्थापकों के बारे में

स्वारा फिनकेयर के संस्थापक देव वर्मा, मुकुंद माधव और सुमित रंजन ने इस कंपनी की नींव रखी है। तीनों संस्थापक वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखते हैं और उनका मुख्य उद्देश्य भारत के अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की पहुँच को बढ़ाना है। इनकी नेतृत्व क्षमता और नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण स्वारा फिनकेयर को एक सफल स्टार्टअप के रूप में उभरने में मदद कर रही है।

निष्कर्ष

स्वारा फिनकेयर ने सीरीज़ ए फंडिंग में 19.4 करोड़ रुपये जुटाकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। यह फंडिंग न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि इसके विस्तार और विकास योजनाओं को भी साकार करेगी। संस्थापकों की मजबूत नेतृत्व क्षमता और कंपनी के नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण ने इसे तेजी से बढ़ते हुए एक महत्वपूर्ण एनबीएफसी के रूप में स्थापित किया है।

Readmore : iRasus Technologies: ऊर्जा विश्लेषण कंपनी ने जुटाए 4 करोड़ रुपये, भारत में विस्तार की योजना

iRasus Technologies: ऊर्जा विश्लेषण कंपनी ने जुटाए 4 करोड़ रुपये, भारत में विस्तार की योजना

iRasus Technologies

नई दिल्ली – एनर्जी एनालिटिक्स क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी iRasus Technologies ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 4 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व IAN Angel के रोहित राजपूत और श्रीकर रेड्डी ने किया, जिसमें DFAN और अन्य एंजेल निवेशकों ने भी भाग लिया। कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह फंडिंग उसके उत्पाद और इंजीनियरिंग टीम के विस्तार और भारत में व्यवसायिक वृद्धि को तेज करने के लिए उपयोग की जाएगी।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Irasus Technologies की स्थापना 2019 में अर्जुन सिन्हा रॉय और अनिरुद्ध रमेश ने की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य बैटरी डेटा का विश्लेषण और इंटेलिजेंस प्रदान करना है, खासकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और स्टेशनेरी बैटरी स्टोरेज समाधानों के लिए। iRasus उन यूजर्स को डेटा इंटेलिजेंस प्रदान करने पर केंद्रित है जो जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा समाधानों से दूर हो रहे हैं और नवीकरणीय ऊर्जा के रास्ते पर बढ़ रहे हैं।

उत्पाद और सेवाएं

कंपनी का प्रमुख उत्पाद Preksha एक उन्नत बैटरी प्रबंधन प्लेटफार्म है, जो वास्तविक समय में बैटरी की निगरानी और भविष्यवाणी आधारित मेंटेनेंस की सुविधा प्रदान करता है। यह प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को उनकी बैटरी की स्थिति का सही आकलन करने, लागत को कम करने, सुरक्षा बढ़ाने और बैटरी के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद करता है। यह सेवा विशेष रूप से इलेक्ट्रिक बसों, फ्लीट ऑपरेटरों और स्टेशनेरी बैटरी उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।

प्रोडक्ट विस्तार और इंजीनियरिंग

iRasus ने हाल ही में जो फंड जुटाए हैं, उसे कंपनी अपने प्रोडक्ट को और उन्नत बनाने और इंजीनियरिंग टीम को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करेगी। कंपनी का ध्यान अब भारतीय बाजार में अपने कारोबार को बढ़ाने पर केंद्रित है। फंडिंग से iRasus को अपने एनालिटिक्स समाधान को और विस्तार देने, बड़े पैमाने पर डाटा इंटेलिजेंस प्रदान करने और बैटरी प्रबंधन क्षेत्र में प्रमुखता से उभरने में मदद मिलेगी।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बैटरी स्टोरेज समाधान

iRasus का बैटरी डेटा एनालिटिक्स प्लेटफार्म बैटरी प्रबंधन के लिए एक आवश्यक उपकरण बन गया है। इसकी खासियत यह है कि यह यूजर्स को बैटरी लाइफ बढ़ाने, परफॉर्मेंस में सुधार लाने और सुरक्षा के उपायों को बेहतर करने में सहायता करता है। यह सेवा विशेष रूप से उन संगठनों के लिए महत्वपूर्ण है जो इलेक्ट्रिक बसों और वाहनों के बड़े फ्लीट का संचालन कर रहे हैं। इसके अलावा, स्टेशनेरी बैटरी उपयोगकर्ताओं के लिए भी यह तकनीक बेहद उपयोगी है।

संस्थापकों के बारे में

अर्जुन सिन्हा रॉय और अनिरुद्ध रमेश, iRasus के सह-संस्थापक, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहरा अनुभव रखते हैं। अर्जुन सिन्हा रॉय का कहना है कि उनका लक्ष्य जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा समाधानों को नवीकरणीय ऊर्जा से बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। अनिरुद्ध रमेश, जो प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं, ने बैटरी प्रबंधन और डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, जो iRasus की सफलता का आधार है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

हालांकि iRasus अभी एक उभरती हुई स्टार्टअप है, लेकिन यह कंपनी तेजी से विकास कर रही है। हाल ही में जुटाई गई 4 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग कंपनी को विस्तार और विकास के लिए नई दिशा देगी। इससे पहले भी कंपनी को निवेशकों का समर्थन मिला है, और अब यह फंडिंग इसके उत्पादों और सेवाओं को और अधिक उन्नत बनाने में मदद करेगी।

iRasus का भविष्य

कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में बैटरी डेटा एनालिटिक्स क्षेत्र में अग्रणी बनना है। iRasus का भविष्य काफी उज्ज्वल दिखता है क्योंकि यह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रही है। कंपनी ने अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है और इसका मुख्य उद्देश्य बैटरी प्रबंधन को सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी बनाना है।

निष्कर्ष

iRasus Technologies ने एनर्जी एनालिटिक्स के क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है और इसकी नवीनतम फंडिंग इसे और भी सशक्त बनाएगी। कंपनी का बैटरी प्रबंधन प्लेटफार्म और डाटा इंटेलिजेंस समाधान आने वाले समय में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। संस्थापकों की मजबूत नेतृत्व क्षमता और निवेशकों का विश्वास iRasus को एक अग्रणी कंपनी बनने की ओर ले जा रहा है।

Read more: UrjaMobility: बैटरी लीजिंग स्टार्टअप ने जुटाए 100 करोड़ रुपये, ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में विस्तार की योजना

UrjaMobility: बैटरी लीजिंग स्टार्टअप ने जुटाए 100 करोड़ रुपये, ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में विस्तार की योजना

UrjaMobility

नई दिल्ली – उर्जा सेक्टर में नई क्रांति लाने वाली स्टार्टअप UrjaMobility ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में 100 करोड़ रुपये (12 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं। इस राउंड में Mufin Green Finance और Hindon Mercantil ने मुख्य निवेशक की भूमिका निभाई। कंपनी इस फंडिंग से अपने बैटरी लीजिंग मॉडल का विस्तार करने और ई-मोबिलिटी क्षेत्र में अपनी सेवाओं को बढ़ाने की योजना बना रही है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Urja Mobility की स्थापना 2022 में पंकज चोपड़ा द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए बैटरी लीजिंग सेवाएं प्रदान करना है। कंपनी विशेष रूप से L3, L5 वाहनों और लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक L2 वाहनों के लिए बैटरी लीजिंग विकल्प देती है। इसके तहत कंपनी ने एक अनूठा पे-पर-यूज़ लीजिंग मॉडल विकसित किया है, जो ग्राहकों को उनके द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर बैटरी किराए पर लेने की सुविधा देता है। यह मॉडल पारंपरिक पूंजीगत खर्च (CapEx) को स्मार्ट संचालन खर्च (OpEx) में बदलकर ग्राहकों को आर्थिक और आसान समाधान प्रदान करता है।

उर्जा समाधान और विस्तार योजनाएं

UrjaMobility ने अपनी शुरुआत के पहले महीने में अपने Energy-as-a-Service (EaaS) मॉडल के तहत 150 kWh ऊर्जा की आपूर्ति की। वर्तमान में, कंपनी हर दिन 45 MWh ऊर्जा प्रदान कर रही है। नए जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी अपने ऊर्जा खपत और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन समाधानों को विस्तार देने, ई-मोबिलिटी क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करने और अपने संचालन को बढ़ाने के लिए करेगी।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजना

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह नया फंड कंपनी को अपनी सेवाओं के विस्तार में मदद करेगा। UrjaMobility अपने पे-पर-यूज़ मॉडल को और भी व्यापक रूप से लागू करना चाहती है, जिससे अधिक से अधिक व्यवसाय और उपभोक्ता इसकी सेवाओं का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, कंपनी ई-मोबिलिटी सेक्टर में अपने परिचालन का भी विस्तार करेगी, जिससे यह क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूत बना सकेगी।

अनोखा लीजिंग मॉडल

UrjaMobility का पे-पर-यूज़ लीजिंग मॉडल इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह मॉडल उपयोगकर्ताओं को बैटरी की दूरी के आधार पर लीजिंग करने की सुविधा देता है, जिससे वे अपने परिचालन खर्चों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। पारंपरिक बैटरी लीजिंग मॉडल के मुकाबले, यह मॉडल उपभोक्ताओं को अधिक लचीलापन और लागत-प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

कंपनी के संस्थापक: पंकज चोपड़ा

कंपनी के संस्थापक पंकज चोपड़ा का कहना है कि उनकी इस पहल का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की अग्रिम लागत को कम करके इसे एक प्रबंधनीय मासिक लीज़ वैल्यू (Monthly Lease Value – MLV) में बदलना है। इससे न केवल EV अपनाने में आसानी होगी, बल्कि कंपनियों को अपनी परिचालन लागतों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने में भी मदद मिलेगी। चोपड़ा की नेतृत्व क्षमता और नवाचार के प्रति उनकी दृष्टि ने UrjaMobility को एक अग्रणी ई-मोबिलिटी समाधान प्रदाता के रूप में स्थापित किया है।

वित्तीय स्थिति और उपलब्धियाँ

UrjaMobility ने अपने पहले वर्ष में ही उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने 2022 में अपनी यात्रा की शुरुआत की और कुछ ही समय में 100 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रही। इस फंडिंग का मुख्य उद्देश्य कंपनी के लीजिंग मॉडल को और मजबूत करना और उसके विस्तार को बढ़ावा देना है। कंपनी ने अपने पहले महीने में 150 kWh ऊर्जा प्रतिदिन की आपूर्ति की थी, जो अब बढ़कर 45 MWh हो गई है, जिससे कंपनी की सफलता और बढ़ते ऑपरेशन्स का अंदाजा लगाया जा सकता है।

ई-मोबिलिटी सेक्टर में संभावनाएँ

UrjaMobility का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करना है। बैटरी लीजिंग के क्षेत्र में इसका अनोखा पे-पर-यूज़ मॉडल कंपनियों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इस मॉडल के ज़रिए उपभोक्ता अधिक फ्लेक्सिबल तरीके से बैटरी का उपयोग कर सकते हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ जुड़ी बड़ी शुरुआती लागत से बच सकते हैं।

निष्कर्ष

UrjaMobility ने अपने अनूठे बैटरी लीजिंग मॉडल के साथ ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। कंपनी का पे-पर-यूज़ लीजिंग मॉडल और ऊर्जा-सेवा समाधान इसे अन्य कंपनियों से अलग बनाते हैं। 100 करोड़ रुपये की इस ताजा फंडिंग से UrjaMobility को अपने व्यवसाय का विस्तार करने और ई-मोबिलिटी सेक्टर में अपनी पहचान को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

Readmore : SPRY Therapeutics ने $15 मिलियन का फंड जुटाया, यूएस में विस्तार की योजना

SPRY Therapeutics ने $15 मिलियन का फंड जुटाया, यूएस में विस्तार की योजना

SPRY Therapeutics

नई दिल्ली – फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए एक SaaS प्लेटफ़ॉर्म, Spry Therapeutics ने प्रमुख निवेशकों Flourish Ventures, Together Fund, Fidelity’s Eight Roads और F-prime Capital के नेतृत्व में $15 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा किया है। इस नवीनतम फंडिंग के साथ SPRY की कुल फंडिंग $25 मिलियन हो गई है, जो कंपनी की शुरुआत के बाद से लगातार बढ़ती रही है।

कंपनी ने इससे पहले जून 2022 में Eight Roads Ventures और F-Prime Capital के नेतृत्व में $7 मिलियन जुटाए थे, जिसमें मौजूदा निवेशकों ने भी हिस्सा लिया था। इस फंड का उपयोग SPRY के यूएस बाजार में विस्तार के लिए किया जाएगा, जहां कंपनी पहले से ही तेजी से बढ़ रही है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

SPRY Therapeutics की स्थापना बृजराज भुप्तानी, जो पहले Ola के CTO रह चुके हैं, और रियाज़ रहमान ने मिलकर 2021 में की थी। कंपनी का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी क्लीनिक्स के लिए एक व्यापक समाधान प्रदान करना है, जो जटिल बिलिंग प्रक्रियाओं को स्वचालित करता है और मरीजों के साथ बेहतर जुड़ाव सुनिश्चित करता है। SPRY ने पारंपरिक क्लाउड समाधानों और बेसिक मशीन लर्निंग आधारित बिलिंग सिस्टम्स से आगे बढ़ते हुए एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है जो न केवल क्लिनिकल आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि जटिल बिलिंग प्रक्रियाओं को भी आसान बनाता है।

प्लेटफ़ॉर्म की विशेषताएँ और सेवाएँ

SPRY एक ऑल-इन-वन क्लिनिक मैनेजमेंट सॉल्यूशन है, जो फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म छोटे सोलो प्रैक्टिशनर्स से लेकर बड़े क्लिनिक्स तक की ज़रूरतों को पूरा करता है। इसका मुख्य फोकस बीमा भुगतान (insurance reimbursements) और नकदी प्रवाह प्रबंधन (cash flow management) जैसे प्रमुख मुद्दों पर है, जो कई चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौतियां साबित होती हैं। इसके अलावा, SPRY का सॉफ़्टवेयर डेटा एंट्री और रिपोर्ट जेनरेशन को भी आसान बनाता है, जिससे चिकित्सक अधिक समय अपने मरीजों पर केंद्रित कर सकते हैं।

कंपनी का विकास और विस्तार

SPRY Therapeutics ने बेहद कम समय में अपनी जगह बनाई है। कंपनी के अनुसार, पिछले 18 महीनों में उसने 105 से अधिक क्लिनिक्स के साथ साझेदारी की है, जो 30 अमेरिकी राज्यों में फैले हुए हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म ने फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर समाधान के क्षेत्र में काफी मान्यता प्राप्त की है। G2 की समर और फॉल एडिशन रिपोर्ट्स में इसे टॉप फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन का दर्जा दिया गया है, जो इसके प्रभावी उत्पाद और सेवाओं को दर्शाता है।

संस्थापकों के बारे में

SPRY Therapeutics के सह-संस्थापक बृजराज भुप्तानी के पास टेक्नोलॉजी और प्रबंधन के क्षेत्र में गहरा अनुभव है। Ola के CTO के रूप में, उन्होंने जटिल समस्याओं का हल ढूंढने और बड़े पैमाने पर संचालन का प्रबंधन करने का अनुभव प्राप्त किया। उनके साथी, रियाज़ रहमान, भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुशल हैं और उन्होंने क्लिनिक प्रबंधन के क्षेत्र में SPRY की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

SPRY ने 2021 में लॉन्च होने के बाद अब तक कुल $25 मिलियन का फंड जुटाया है। इसकी नवीनतम फंडिंग $15 मिलियन की है, जो यूएस बाजार में इसके विस्तार को गति देगी। इससे पहले 2022 में, कंपनी ने Eight Roads Ventures और F-prime Capital से $7 मिलियन जुटाए थे।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

इस ताजा फंडिंग से SPRY Therapeutics अपने प्लेटफ़ॉर्म को और उन्नत बनाने और अमेरिकी बाजार में विस्तार करने की योजना बना रहा है। कंपनी का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करना है, जिससे उनकी प्रक्रियाएं और अधिक स्वचालित और कुशल हो सकें। इसके साथ ही, कंपनी नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने प्लेटफ़ॉर्म को और बेहतर बनाएगी, जिससे उसके ग्राहक लाभान्वित हो सकें।

बाजार में प्रतिस्पर्धा और संभावनाएँ

फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के क्षेत्र में SPRY की तेज़ी से बढ़ती पहचान ने इसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बना दिया है। हालांकि, यह एक प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र है, जिसमें अन्य कंपनियाँ भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। SPRY की तकनीकी उत्कृष्टता और मजबूत ग्राहक संबंध इसके प्रतिस्पर्धियों पर इसे बढ़त दिला सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी बाजार में अपनी जड़ें जमाने और नए क्लिनिक्स के साथ साझेदारी करने से कंपनी की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।

निष्कर्ष

SPRY Therapeutics ने अपने अभिनव समाधान और तेज़ी से बढ़ते क्लाइंट बेस के माध्यम से फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। इसके संस्थापक बृजराज भुप्तानी और रियाज़ रहमान के नेतृत्व में, कंपनी ने तेजी से विकास किया है और आने वाले समय में भी अपनी स्थिति को और मजबूत करने की तैयारी कर रही है। $15 मिलियन की नई फंडिंग से कंपनी को अमेरिकी बाजार में और विस्तार करने में मदद मिलेगी, जिससे यह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेगी।

Readmore:पाइन लैब्स का भारतीय यूनिट: राजस्व स्थिर, लेकिन FY24 में तीन गुना बढ़े नुकसान

B2B पैकेजिंग समाधान प्लेटफार्म DCGpac ने FY24 में 100 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य हासिल किया

DCGpac

गुरुग्राम स्थित B2B पैकेजिंग समाधान कंपनी DCGpac ने वित्तीय वर्ष 2024 में अपने राजस्व को करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाया, जो कि 2023 के 79.5 करोड़ रुपये के मुकाबले 21.4% की वृद्धि है। कंपनी ने केवल 20 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के बावजूद इस वर्ष मुनाफा भी कमाया है। इस वित्तीय वर्ष में कंपनी का संचालन राजस्व 96.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो इसकी निरंतर विकास दर को दर्शाता है।

कंपनी का परिचय और सेवाएं

DCGpac मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्रियों की आपूर्ति करता है और इसके उत्पादों में कॉरुगेटेड बॉक्सेस, कूरियर बैग्स, बबल फिल्म्स, डिजाइनर बॉक्सेस शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी “डिजाइन टू डिस्ट्रीब्यूशन” सेवाएं भी प्रदान करती है। इसके प्रमुख ग्राहक मिंत्रा, डेल्हीवरी, ब्लिंकिट, शिपरॉकेट, DHL और शैडोफैक्स जैसे बड़े ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स प्लेटफार्म हैं। कंपनी का दावा है कि इसके पास 50,000 से अधिक ग्राहक हैं, जो इसके उत्पादों और सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

वित्तीय वृद्धि और खर्च

DCGpac ने FY24 में मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्रियों की बिक्री से राजस्व अर्जित किया। वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का कुल खर्च 96.7 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सबसे अधिक 80.4 करोड़ रुपये का खर्च सामग्री की लागत पर हुआ। FY23 के मुकाबले इसमें 19% की वृद्धि हुई है, जिससे कंपनी की कुल लागत में भी इजाफा हुआ।

कंपनी के अन्य खर्चों में विज्ञापन, वेयरहाउसिंग, पैकेजिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रिंटिंग और अन्य ऑपरेटिंग ओवरहेड्स शामिल हैं, जो कंपनी के कुल खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं। कर्मचारी लाभों पर FY24 में 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो कंपनी की संचालन लागत का एक बड़ा हिस्सा रहा।

मुनाफा और लागत प्रबंधन

DCGpac ने वित्तीय वर्ष 2024 में मुनाफा कमाने में सफलता हासिल की। FY23 में 1.67 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले FY24 में कंपनी ने 19 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। यह वृद्धि मुख्य रूप से इसके मजबूत लागत प्रबंधन और स्थिर राजस्व वृद्धि के कारण संभव हो पाई। कंपनी का ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉइड) 3.34% और EBITDA मार्जिन 1.19% रहा।

कंपनी ने हर एक रुपये के ऑपरेटिंग राजस्व के लिए FY24 में 1 रुपये खर्च किए, जो उसके कुशल लागत प्रबंधन को दर्शाता है।

संस्थापक और कंपनी की यात्रा

DCGpac की स्थापना कुछ साल पहले पैकेजिंग उद्योग में एक व्यवस्थित समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। संस्थापकों ने इस प्लेटफ़ॉर्म को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि यह न केवल बड़े ग्राहकों के लिए, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भी किफायती और प्रभावी पैकेजिंग समाधान उपलब्ध करा सके।

बाजार में स्थिति

पैकेजिंग उद्योग में DCGpac की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि कंपनी ने ग्राहकों की बदलती जरूरतों को समझते हुए अपने उत्पाद और सेवाओं को लगातार अपडेट किया है। जहां ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए पैकेजिंग की मांग लगातार बढ़ रही है, DCGpac जैसे प्लेटफार्म इन जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

DCGpac की सकारात्मकता उसकी लगातार बढ़ती राजस्व दर और लागत प्रबंधन की रणनीति में झलकती है, जिसने उसे वित्तीय वर्ष 2024 में मुनाफा कमाने में मदद की। कंपनी की मुनाफा दर भले ही कम हो, लेकिन यह उसके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नकारात्मक पक्ष यह है कि कंपनी की खर्च वृद्धि भी इसके राजस्व वृद्धि के साथ-साथ बढ़ी है, जो भविष्य में एक चुनौती बन सकती है। इसके अलावा, 83% खर्च केवल सामग्री की लागत में जाना दर्शाता है कि कंपनी को लागत कम करने के नए उपायों पर ध्यान देना होगा।

भविष्य की संभावनाएं

DCGpac ने FY24 में अपनी वृद्धि और मुनाफा दर को स्थिर किया है। भविष्य में कंपनी का लक्ष्य अपनी सेवाओं और उत्पादों की रेंज को और विस्तारित करना है। कंपनी के पास पैकेजिंग उद्योग में और भी ऊंचाइयों को छूने की अपार संभावनाएं हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।

Read More: Fairwork India Ratings 2024 रिपोर्ट :ओला, उबर और पोर्टर ने गिग वर्कर्स के लिए काम करने की स्थिति में सबसे निचला स्थान पाया

Fairwork India Ratings 2024 रिपोर्ट :ओला, उबर और पोर्टर ने गिग वर्कर्स के लिए काम करने की स्थिति में सबसे निचला स्थान पाया

Fairwork India Ratings 2024

भारतीय प्लेटफॉर्म इकोनॉमी में काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। हाल ही में जारी की गई Fairwork India Ratings 2024 के अनुसार, ओला, उबर, और लॉजिस्टिक्स कंपनी पोर्टर ने गिग वर्कर्स के लिए कार्य स्थितियों में सबसे कम अंक हासिल किए हैं। यह रिपोर्ट भारतीय गिग इकोनॉमी में श्रम मानकों की कमी और इसमें सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

According to the recently released Fairwork India Ratings 2024, Ola, Uber, and logistics company Porter have received the lowest scores in terms of working conditions for gig workers in the Indian platform economy. This report highlights the challenging situation faced by gig workers in the Indian platform economy, emphasizing the need for improvement in labor standards.

Fairwork India Ratings का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स की कार्य स्थितियों का आकलन करना है। इस रिपोर्ट में 11 प्रमुख प्लेटफॉर्म्स का मूल्यांकन किया गया, जिनमें लॉजिस्टिक्स, फूड डिलीवरी, और ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी कंपनियाँ शामिल हैं। इनमें अमेजन फ्लेक्स, बिगबास्केट, ब्लूस्मार्ट, Flipkart,ओला, पोर्टर, स्विगी, उबर, अर्बन कंपनी, जेप्टो और जोमाटो जैसी कंपनियों का विश्लेषण किया गया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, ओला, उबर, और पोर्टर ने गिग वर्कर्स के लिए सबसे खराब प्रदर्शन किया है, जबकि बिगबास्केट, स्विगी, अर्बन कंपनी और जोमाटो ने बेहतर अंक प्राप्त किए हैं। इन चार कंपनियों ने 6 अंक हासिल किए, जो कि Fairwork Index में सबसे अच्छा स्कोर है।

Fairwork India Team और रिपोर्ट का प्रकाशन

इस रिपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलुरु (IIIT-B) के Centre for IT and Public Policy (CITAPP) द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रकाशित किया गया है। Fairwork India Team का नेतृत्व करते हुए, इस रिपोर्ट ने भारत के गिग वर्कर्स की वास्तविक स्थिति और उनके अधिकारों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कई कंपनियों में श्रम मानकों की कमी है और उन्हें तत्काल सुधार की आवश्यकता है।

गिग वर्कर्स के लिए चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ

गिग वर्कर्स, जोकि अस्थायी या कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित कार्य करते हैं, उनके पास अक्सर स्थायी कर्मचारियों के समान अधिकार नहीं होते। उन्हें सामान्य रूप से स्वास्थ्य लाभ, सामाजिक सुरक्षा, या अन्य प्रकार की सुरक्षा नहीं मिलती, जो एक स्थायी कर्मचारी को मिलती है। खासकर ओला, उबर, और पोर्टर जैसी कंपनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए यह स्थिति और भी गंभीर है।

रिपोर्ट के अनुसार सुधार की आवश्यकता

Fairwork India की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की प्लेटफॉर्म इकोनॉमी में कार्यरत गिग वर्कर्स के लिए श्रम मानकों में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि कंपनियों को गिग वर्कर्स के लिए न्यूनतम वेतन, स्वास्थ्य बीमा, और अन्य सुरक्षा उपायों की पेशकश करनी चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, बिगबास्केट, स्विगी, अर्बन कंपनी, और जोमाटो ने अपने वर्कर्स के लिए बेहतर कामकाजी स्थिति प्रदान की है, जिससे इन कंपनियों को Fairwork Index में शीर्ष स्थान मिला है। इन कंपनियों ने श्रम मानकों और अधिकारों के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसके परिणामस्वरूप इन्हें उच्च अंक प्राप्त हुए।

कंपनियों की प्रतिक्रिया

हालांकि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि कुछ कंपनियों ने अपने गिग वर्कर्स के लिए बेहतर उपाय किए हैं, लेकिन ओला, उबर, और पोर्टर जैसे प्लेटफॉर्म्स को अपनी कार्य स्थितियों में सुधार करने की आवश्यकता है। इन कंपनियों ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उम्मीद है कि रिपोर्ट के बाद ये कंपनियाँ अपने गिग वर्कर्स की स्थिति सुधारने के लिए कुछ कदम उठाएंगी।

कंपनी का परिचय और संस्थापक

Ola और Uber जैसी कंपनियाँ दुनिया भर में लोकप्रिय मोबिलिटी प्लेटफॉर्म्स हैं, जो कैब सेवा प्रदान करती हैं। Ola की स्थापना 2010 में भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी ने की थी, जबकि Uber की स्थापना 2009 में Garrett Camp और Travis Kalanick ने की थी। Porter, जो कि लॉजिस्टिक्स और ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्ट सेवा प्रदान करता है, की स्थापना 2014 में उत्पल मट्टू, प्रणय जी, वरुण बडोला और अन्य संस्थापकों द्वारा की गई थी।

ये कंपनियाँ भारतीय और वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं, लेकिन Fairwork India की रिपोर्ट के अनुसार, उनके श्रम मानकों में सुधार की बहुत आवश्यकता है।

कंपनी के वित्तीय विवरण

Ola, Uber, और Porter जैसी कंपनियों ने भारतीय बाजार में व्यापक निवेश किया है और बड़े पैमाने पर अपने कारोबार का विस्तार किया है। Ola और Uber की मोबिलिटी सेवाओं से संबंधित राजस्व में हाल के वर्षों में वृद्धि देखी गई है, लेकिन श्रम मानकों की अनदेखी से इन कंपनियों के संचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आगे की संभावनाएँ और चुनौतियाँ

Fairwork India Ratings 2024 की रिपोर्ट ने गिग वर्कर्स के लिए बेहतर कार्य स्थितियों की आवश्यकता को प्रमुखता से सामने रखा है। अगर ओला, उबर, और पोर्टर जैसी कंपनियाँ अपने श्रम मानकों में सुधार करती हैं, तो यह न केवल उनके वर्कर्स के लिए लाभकारी होगा, बल्कि उनके ब्रांड की प्रतिष्ठा और बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को भी मजबूत करेगा।

भविष्य में, इन कंपनियों को अपने गिग वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा और उनके लिए बेहतर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

Read more:ओला इलेक्ट्रिक को उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन पर मिला CCPA का नोटिस