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BharatPe

फिनटेक यूनिकॉर्न BharatPe ने वित्त वर्ष 2025 (अप्रैल-दिसंबर) के पहले नौ महीनों में अपने नेट लॉस को ₹148.8 करोड़ तक कम कर लिया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष (FY24) में ₹492 करोड़ था। इसके अलावा, कंपनी ने EBITDA स्तर पर ब्रेक-ईवन हासिल कर लिया है (ESOP एडजस्टमेंट के बाद)


BharatPe की वित्तीय स्थिति में सुधार

BharatPe के गैर-बैंकिंग वित्तीय सहयोगी Trillion Loans Fintech ने FY25 के पहले तीन तिमाहियों में ₹29.6 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि FY24 में यह ₹36.5 करोड़ था। हालांकि, FY23 में कंपनी को ₹15.2 करोड़ का नुकसान हुआ था।

Trillion Loans, जो एक RBI-पंजीकृत NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) है, छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) को मर्चेंट लोन, रेवेन्यू-बेस्ड फाइनेंसिंग और टर्म लोन जैसी सेवाएं प्रदान करता है।

🔹 Trillion Loans की स्वामित्व संरचना:

  • इसे 2018 में स्थापित किया गया था और 2021 में NDX Financial Services द्वारा अधिग्रहित किया गया था।
  • अप्रैल 2023 में BharatPe ने इसमें 51% हिस्सेदारी ली, जिसे 2025 के अंत तक 62.26% तक बढ़ा दिया गया
  • कंपनी अगले तीन वर्षों में अपनी हिस्सेदारी 100% करने की योजना बना रही है, बशर्ते नियामक मंजूरी मिले।

BharatPe के बिजनेस मॉडल में बदलाव और लोन एलिजिबिलिटी प्रोसेस

BharatPe, QR-कोड पेमेंट्स और मर्चेंट कैश फ्लो की मदद से अपने ग्राहकों की क्रेडिट योग्यता का आकलन करता है। इसके बाद, वह योग्य ग्राहकों के लीड्स को Trillion Loans (TFPL) के साथ शेयर करता है, जिससे TFPL लोन की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बना सकता है।

📌 BharatPe के योगदान का असर:

  • FY24 के अंत तक TFPL के कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) का 76% हिस्सा BharatPe के रेफरल से आया।
  • FY25 के पहले 9 महीनों में TFPL का कुल AUM ₹1,154 करोड़ तक पहुंच गया, जो कि FY24 में ₹869 करोड़ था।

📌 Trillion Loans की बैंक रेटिंग:

  • Ind-Ra (India Ratings & Research) ने Trillion Loans को ‘BBB+’ रेटिंग दी है, जो कि कंपनी के लिए एक स्थिर आउटलुक दर्शाता है।
  • इस रेटिंग का कारण है कि Trillion Loans को BharatPe का सपोर्ट मिल रहा है, जिससे इसका प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बढ़ रहा है।

BharatPe के फंडिंग और IPO की योजनाएं

BharatPe ने अब तक $583 मिलियन से अधिक की इक्विटी फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

🔹 Peak XV Partners
🔹 Tiger Global
🔹 Ribbit Capital
🔹 Insight Partners
🔹 Amplo
🔹 Beenext
🔹 Steadview Capital और अन्य।

कंपनी अगले 18-24 महीनों में IPO लाने की योजना बना रही है, जिससे इसे पूंजी जुटाने और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।


Ashneer Grover विवाद के बाद सफाई अभियान, लेकिन चुनौतियाँ बरकरार

BharatPe ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर से जुड़े विवादों के बाद एक ठोस सुधार यात्रा शुरू की है। हालांकि, अब भी कुछ बड़ी चुनौतियाँ बनी हुई हैं:

लॉस कम हुआ, लेकिन निवेश का अपेक्षित रिटर्न नहीं मिला
मार्केट में अपनी पुरानी स्थिति को फिर से हासिल करना बाकी
NBFC सेक्टर में शीर्ष स्थान पाने का वादा पूरा करने के लिए और मेहनत करनी होगी

💡 विशेषज्ञों के अनुसार, BharatPe FY26 तक पूरी तरह प्रॉफिटेबल हो सकता है, लेकिन इसके लिए एक अधिक स्थिर, रणनीतिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना होगा।


क्या BharatPe निवेशकों का भरोसा वापस जीत पाएगा?

🚀 बाजार में नए निवेशकों को आकर्षित करना मुश्किल होगा, क्योंकि मौजूदा निवेशकों को रिटर्न के लिए पहले से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
🚀 अशनीर ग्रोवर के विवाद से उभरकर कंपनी ने अपनी छवि सुधारने की कोशिश की है, लेकिन इसे एक बार फिर से “हाइप इंजन” बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
🚀 NBFC सेगमेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, BharatPe को अपने बिज़नेस मॉडल को और मजबूत करना होगा।

निष्कर्ष

BharatPe ने पिछले कुछ महीनों में सकारात्मक सुधार दिखाए हैं, लेकिन इसे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी पर और फोकस करना होगा। यदि कंपनी अपने NBFC ऑपरेशंस को कुशलतापूर्वक स्केल कर पाती है, तो यह अगले कुछ वर्षों में बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकती है।

क्या BharatPe FY26 तक अपने वादे पूरे कर पाएगा और NBFC इंडस्ट्री में टॉप प्लेयर बन पाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा! 🚀

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