दिल्ली आधारित House of Chikankari, एक कारीगर-केंद्रित एथनिक वियर डी2सी ब्रांड, ने अपने सीड फंडिंग राउंड में ₹4 करोड़ जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख एंजल इन्वेस्टर्स और माइक्रो-वीसी फंड्स शामिल हुए, जिनमें टुडिप वेंचर्स, लेंसकार्ट के पीयुष बंसल, एटॉमबर्ग के मनोज मीना, क्योरफूड्स के अंकित नागोरी, द मैन कंपनी के हितेश धिंगरा, अल्लुवियम कैपिटल, और औरिंको पार्टनर्स प्रमुख हैं।
House of Chikankari फंड का उपयोग
House of Chikankari ने बताया कि इस फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:
- मार्केटिंग का विस्तार: ब्रांड की पहचान और पहुंच को व्यापक बनाने के लिए।
- टीम का विस्तार: बेहतर संचालन और विकास के लिए नई प्रतिभाओं को जोड़ने के लिए।
- व्यवसाय को स्केल करना: अगले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को हासिल करना।
ब्रांड की स्थापना और दृष्टिकोण
हाउस ऑफ चिकनकारी की स्थापना आकृति रावल और पूनम रावल ने की थी।
- ब्रांड का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक डिजाइन के बीच की खाई को पाटना है।
- यह प्लेटफॉर्म पारंपरिक भारतीय कारीगरों को समर्थन और रोजगार प्रदान करता है।
ब्रांड की वृद्धि और बाजार उपस्थिति
- हाउस ऑफ चिकनकारी हर महीने लगभग 15,000 उत्पादों की पूर्ति कर रहा है।
- इसका 85% राजस्व सीधे इसकी डी2सी वेबसाइट के माध्यम से आता है।
- ब्रांड की उपस्थिति Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे मार्केटप्लेस पर भी है।
- भविष्य में, ब्रांड की योजना Noon और Styli जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर विस्तार करने की है।
कारीगरों के साथ जुड़ाव
पिछले चार वर्षों में, हाउस ऑफ चिकनकारी ने भारत भर के 10,000 से अधिक कारीगरों के साथ साझेदारी की है।
- यह ब्रांड न केवल चिकनकारी को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अन्य भारतीय हस्तशिल्प को भी अपनाने की योजना बना रहा है।
- 2025 तक, ब्रांड का 30% राजस्व चिकनकारी के अलावा अन्य हस्तशिल्पों से आने की उम्मीद है।
फंडिंग से क्या बदलेगा?
नए निवेश का उपयोग ब्रांड को व्यापक स्तर पर बढ़ाने में होगा। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
- मार्केटिंग का उन्नयन: ब्रांड को अधिक ग्राहकों तक पहुंचाने और उसकी ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने के लिए।
- टीम का सशक्तिकरण: नई प्रतिभाओं को जोड़कर संचालन को अधिक प्रभावी बनाना।
- राजस्व वृद्धि: अगले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ का सालाना टर्नओवर हासिल करना।
ब्रांड की यात्रा और दृष्टिकोण
2019 में आकृति रावल और पूनम रावल द्वारा शुरू किया गया हाउस ऑफ चिकनकारी भारतीय हस्तशिल्प को आधुनिकता का तड़का देकर दुनिया भर में लोकप्रिय बना रहा है।
- यह ब्रांड मुख्य रूप से चिकनकारी कला पर केंद्रित है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक प्रसिद्ध पारंपरिक कढ़ाई शैली है।
- ब्रांड का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय कारीगरों को सशक्त बनाना और उनकी कला को एक नई पहचान देना है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थिति
हाउस ऑफ चिकनकारी ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रभावी उपयोग किया है।
- 85% बिक्री ब्रांड की डी2सी वेबसाइट के माध्यम से होती है।
- इसके अलावा, यह Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे प्रमुख मार्केटप्लेस पर भी उपलब्ध है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की योजना के तहत ब्रांड Noon और Styli जैसे प्लेटफार्मों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।
कारीगरों के साथ जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव
हाउस ऑफ चिकनकारी ने पिछले चार वर्षों में देश भर के 10,000 से अधिक कारीगरों को जोड़ा है।
- यह ब्रांड कारीगरों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि उनके कौशल को एक नई पहचान भी देता है।
- इसके उत्पादों की बढ़ती मांग ने स्थानीय समुदायों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए हैं।
- 2025 तक, ब्रांड का 30% राजस्व चिकनकारी के अलावा अन्य भारतीय हस्तशिल्पों से आने की संभावना है।
अद्वितीय उत्पाद और सेवाएं
हाउस ऑफ चिकनकारी के उत्पाद आधुनिक और पारंपरिक का मिश्रण हैं।
- इसकी कढ़ाई और डिजाइनें न केवल पारंपरिक भारतीय सौंदर्यशास्त्र को दर्शाती हैं, बल्कि आधुनिक फैशन ट्रेंड के अनुरूप भी हैं।
- ब्रांड ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले परिधान और समय पर डिलीवरी की गारंटी देता है।
भविष्य की योजनाएं
हाउस ऑफ चिकनकारी आने वाले वर्षों में अपनी उपस्थिति और उत्पाद श्रेणी को और विस्तारित करना चाहता है।
- नई हस्तशिल्प शैलियों का समावेश: पारंपरिक कढ़ाई के अलावा, अन्य भारतीय हस्तशिल्प जैसे बनारसी, कच्छ कढ़ाई आदि को पेश करना।
- वैश्विक विस्तार: मिडल ईस्ट और यूरोप के बाजारों में प्रवेश करने की योजना।
- तकनीकी उन्नति: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और इंटरेक्टिव बनाना।
ब्रांड का महत्व
- ग्राहकों के लिए: हाउस ऑफ चिकनकारी ग्राहकों को भारतीय हस्तशिल्प का प्रामाणिक और उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करता है।
- कारीगरों के लिए: यह ब्रांड कारीगरों को उनके पारंपरिक कौशल के लिए एक सम्मानजनक स्थान और आजीविका प्रदान करता है।
- पर्यावरण के लिए: ब्रांड की प्रक्रियाएं पर्यावरण के अनुकूल हैं, जो स्थिरता को बढ़ावा देती हैं।
निष्कर्ष
हाउस ऑफ चिकनकारी न केवल एक ब्रांड है, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और कारीगरों को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी है।
- इसकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दृष्टिकोण और तकनीकी नवाचार के साथ पारंपरिक भारतीय कला को वैश्विक स्तर पर ले जाया जा सकता है।
- यह ब्रांड उन कारीगरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो अपनी कला को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का सपना देखते हैं।
हाउस ऑफ चिकनकारी का सफर भारतीय कारीगरी की समृद्धि को दुनिया तक पहुंचाने का एक प्रयास है, जो अपने मिशन में तेजी से प्रगति कर रहा है।
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