भारत की प्रमुख कोवर्किंग फर्म Innov8 ने 110 करोड़ रुपये (13 मिलियन डॉलर) का फंडिंग राउंड पूरा किया है। इस प्राइमरी फंडिंग राउंड का नेतृत्व मैनकाइंड फार्मा, गौरी खान, रूपा ग्रुप, और जागृति डालमिया जैसे प्रतिष्ठित फैमिली ऑफिस ने किया।
प्रमुख बातें:
- इन निवेशकों ने कुल जुटाई गई राशि का 55% योगदान दिया।
- इस फंडिंग के लिए कंपनी ने अपनी 10% हिस्सेदारी का डाइल्यूशन किया।
- फंडिंग का इश्यू 2.7 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ और इसे इनक्रेड द्वारा संचालित किया गया।
- फंडिंग के समय इन्वो8 का मूल्यांकन 1,000 करोड़ रुपये (लगभग 120 मिलियन डॉलर) आंका गया।
Innov8 2025 तक कोवर्किंग सेंटर्स को दोगुना करने की योजना
Innov8 ने हाल ही में घोषणा की है कि वह भारत में अपने कोवर्किंग सेंटर्स की संख्या 2025 तक 100 तक बढ़ाने की योजना बना रही है।
- जुटाई गई ताजा पूंजी का उपयोग रणनीतिक और इनोर्गेनिक ग्रोथ के लिए किया जाएगा, जिसमें अधिग्रहण, तकनीकी उन्नयन, साझेदारियां और निच सेगमेंट्स में विस्तार शामिल हैं।
इन्वो8 का परिचय और उपलब्धियां
इन्वो8 की स्थापना 2015 में रितेश मलिक ने की थी। वर्तमान में यह कंपनी 10 शहरों में काम कर रही है, जिसमें शामिल हैं:
- दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, और इंदौर।
- इन्वो8 के पास वर्तमान में 45 से अधिक कोवर्किंग सेंटर्स हैं, जिनमें 17,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
- इनके प्रमुख क्लाइंट्स में स्विगी, इंडसइंड बैंक, जियो सावन, फोनपे, और टाटा डिजिटल जैसी कंपनियां शामिल हैं।
नए सेंटर्स की शुरुआत
हाल ही में इन्वो8 ने मुंबई में दो नए सेंटर्स लॉन्च किए हैं:
- नवी मुंबई
- अंधेरी
- दोनों सेंटर्स का क्षेत्रफल 1 लाख वर्ग फुट से अधिक है।
- इन सेंटर्स में कुल 3,000 सीटों की क्षमता है।
- ये इन्वो8 के अब तक के सबसे बड़े फसिलिटीज में से हैं।
आर्थिक प्रदर्शन में सुधार
इन्वो8 का वित्तीय प्रदर्शन भी तेजी से सुधर रहा है:
- वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में कंपनी ने 62 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
- पिछले वित्तीय वर्ष (FY23) में यह लाभ केवल 2.5 करोड़ रुपये था।
- यह सुधार कंपनी की सशक्त बिजनेस रणनीति और बढ़ते क्लाइंट बेस को दर्शाता है।
ओयो के अधिग्रहण के बाद इन्वो8 का सफर
इन्वो8 को मार्च 2019 में ओयो द्वारा अधिग्रहित किया गया था।
- अधिग्रहण के बावजूद, इन्वो8 ने एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करना जारी रखा है।
- ओयो के समर्थन ने इन्वो8 को प्रमुख बाजार हिस्सेदारी और तेजी से विकास हासिल करने में मदद की है।
फंडिंग के बाद की योजनाएं
ताजा फंडिंग से इन्वो8 निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश करने की योजना बना रही है:
- अधिग्रहण और विस्तार:
- नए सेंटर्स की स्थापना और रणनीतिक अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित।
- तकनीकी उन्नयन:
- कोवर्किंग स्पेस के प्रबंधन और उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग।
- साझेदारियां और निच सेगमेंट्स में विस्तार:
- उन क्षेत्रों में प्रवेश करना, जहां कोवर्किंग स्पेस की मांग तेजी से बढ़ रही है।
कोवर्किंग इंडस्ट्री में इन्वो8 का स्थान
भारतीय कोवर्किंग मार्केट में इन्वो8 की मजबूत उपस्थिति है।
- इन्वो8 ने कोवर्किंग स्पेस को सस्ती और सुविधाजनक बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
- कंपनी के मॉडल ने स्टार्टअप्स, SMEs, और बड़ी कंपनियों को लचीलापन और दक्षता प्रदान की है।
फंडिंग में फैमिली ऑफिस की भूमिका
इस फंडिंग राउंड में मैनकाइंड फार्मा, गौरी खान, रूपा ग्रुप, और जागृति डालमिया जैसे प्रमुख फैमिली ऑफिस ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- फैमिली ऑफिस द्वारा किया गया निवेश इन्वो8 के भविष्य के विकास और विश्वसनीयता को दर्शाता है।
- इन्वो8 के नेतृत्व और दृष्टिकोण ने इन निवेशकों का विश्वास अर्जित किया है।
निष्कर्ष
इन्वो8 ने अपनी अग्रणी रणनीतियों और सशक्त नेतृत्व के जरिए कोवर्किंग इंडस्ट्री में खुद को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।
- ताजा फंडिंग न केवल कंपनी के विस्तार और विकास को गति देगी, बल्कि इसे भारत के कोवर्किंग सेक्टर में अग्रणी ब्रांड बनने की दिशा में एक कदम और करीब ले जाएगी।
- इन्वो8 की कहानी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम और कोवर्किंग इंडस्ट्री के लिए प्रेरणा है।
आने वाले वर्षों में इन्वो8 का प्रदर्शन देखने लायक होगा, क्योंकि यह तेजी से बढ़ते कोवर्किंग बाजार में अपनी पहचान और मजबूत करेगा।
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