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Redcliffe Labs

गुरुग्राम स्थित डायग्नोस्टिक्स प्लेटफॉर्म रेडक्लिफ लैब्स (Redcliffe Labs) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में अपनी ऑपरेटिंग आय में 20% की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उसका रेवेन्यू ₹419 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष (FY24) के ₹350 करोड़ से बढ़ा है।

इतना ही नहीं, कंपनी ने अपने EBITDA घाटे (कमाई से पहले ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और परिशोधन) को -38% से घटाकर -21% कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रेडक्लिफ लाभप्रदता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा रहा है।


🧪 Redcliffe Labs सेवाओं का विस्तार और प्रभाव

रेडक्लिफ लैब्स की स्थापना आदित्य कंडोई द्वारा की गई थी। यह कंपनी भारतभर में 80 से अधिक लैब्स का नेटवर्क संचालित करती है और दावा करती है कि इसका घरों से सैंपल कलेक्शन देश में सबसे बड़ा है।

डायग्नोस्टिक सेवाओं से कंपनी को FY25 में 95% से अधिक रेवेन्यू प्राप्त हुआ, जबकि बाकी आय उत्पादों की बिक्री और अन्य संचालन स्रोतों से आई।

कंपनी का कहना है कि FY25 के दौरान उसने 25 लाख से अधिक मामलों का निदान किया और अब भी देश के पिछड़े और कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

आज, 70% से अधिक टेस्टिंग वॉल्यूम टियर-2 शहरों और उससे छोटे क्षेत्रों से आता है, जो भारत के हेल्थकेयर परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है।


📈 लाभप्रदता और भविष्य की योजनाएं

कंपनी ने FY25 में 70% का ग्रॉस मार्जिन दर्ज किया और FY26 में इसे बढ़ाकर 74% करने का लक्ष्य रखा है।

इसके अलावा, रेडक्लिफ ने FY26 में ₹560 करोड़ रेवेन्यू का लक्ष्य तय किया है, जिसे वह ऑर्गेनिक ग्रोथ (यानी बिना किसी विलय या अधिग्रहण के प्राकृतिक वृद्धि) और रणनीतिक अधिग्रहणों के माध्यम से प्राप्त करना चाहती है।

कंपनी के संस्थापक और CEO आदित्य कंडोई ने कहा:

“हम लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं और डायग्नोस्टिक्स को उन लाखों लोगों के लिए प्राथमिक समाधान बना रहे हैं, जो पहले तक उपेक्षित थे।”

रेडक्लिफ का लक्ष्य FY28 तक 150 लैब्स और 300 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराना है।


💰 निवेश और अधिग्रहण गतिविधियां

TheKredible के आंकड़ों के अनुसार, रेडक्लिफ लैब्स ने अब तक कुल $113 मिलियन (लगभग ₹940 करोड़) जुटाए हैं।

इसमें प्रमुख $42 मिलियन की सीरीज़ C फंडिंग शामिल है, जिसका नेतृत्व LeapFrog Investments ने किया था।

रेडक्लिफ ने हाल ही में बेंगलुरु स्थित सेलारा डायग्नोस्टिक्स (Celara Diagnostics) को $7 मिलियन में अधिग्रहित किया है। इस अधिग्रहण से कंपनी की टेस्टिंग क्षमता और R&D क्षमताएं बढ़ी हैं।


🏁 प्रतिस्पर्धी परिदृश्य

रेडक्लिफ लैब्स को डायग्नोस्टिक क्षेत्र में कई प्रमुख खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। इसमें शामिल हैं:

  • Thyrocare (PharmEasy की स्वामित्व वाली): FY25 में ₹687 करोड़ का रेवेन्यू और ₹91 करोड़ का लाभ।
  • Tata 1mg: FY24 में ₹1,968 करोड़ की टॉपलाइन (कुल बिक्री) हासिल की।
  • Healthians: FY24 में ₹250 करोड़ की आय दर्ज की।

हालांकि, रेडक्लिफ की रणनीति इनसे अलग है। यह डिजिटल टेक्नोलॉजी, घर-घर टेस्टिंग पहुंच, और सेकेंडरी शहरों पर फोकस के जरिये एक अलग श्रेणी बना रही है।


🧠 टेक्नोलॉजी और इनोवेशन

रेडक्लिफ का ध्यान सिर्फ स्केलेबिलिटी पर नहीं है, बल्कि वह AI और डेटा-संचालित प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूर्वानुमानित हेल्थ एनालिटिक्स, कस्टमर एंगेजमेंट, और तेज़ सैंपल प्रोसेसिंग पर भी ध्यान दे रहा है।

कंपनी अपने ऐप और वेबसाइट के माध्यम से यूज़र्स को रियल-टाइम रिपोर्ट्स, हेल्थ टिप्स और हॉस्पिटल-इंटीग्रेशन जैसी सेवाएं भी प्रदान करती है।


📝 निष्कर्ष

FY25 में रेडक्लिफ लैब्स ने न सिर्फ राजस्व बढ़ाया, बल्कि घाटे को भी घटाया, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी मजबूत वित्तीय स्थिति की ओर बढ़ रही है।

टियर-2 और उससे छोटे शहरों पर फोकस, व्यापक लैब नेटवर्क, टेक-संचालित सेवाएं और रणनीतिक अधिग्रहण — ये सभी रेडक्लिफ को आने वाले वर्षों में एक डायग्नोस्टिक्स यूनिकॉर्न बनने की दिशा में ले जा सकते हैं।

भारत में डायग्नोस्टिक्स सेक्टर का भविष्य अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहा — और रेडक्लिफ इस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है।

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