भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस Snapdeal ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में मजबूत प्रदर्शन किया। कंपनी की लागत कटौती पहल और रणनीतिक सुधारों ने उसके एडजस्टेड EBITDA घाटे को 88% तक घटा दिया। FY23 में यह घाटा 144 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर मात्र 16 करोड़ रुपये रह गया। इसके अलावा, कंपनी ने ऑपरेटिंग कैश फ्लो में भी सुधार किया।
Snapdeal राजस्व में मामूली वृद्धि
Snapdeal ने FY24 में ऑपरेटिंग राजस्व में 2.1% की वृद्धि दर्ज की। FY23 में 371.96 करोड़ रुपये के मुकाबले यह आंकड़ा FY24 में बढ़कर 379.76 करोड़ रुपये हो गया।
मुख्य राजस्व स्रोत
कंपनी का राजस्व मुख्य रूप से तीन स्रोतों से आता है:
- मार्केटिंग सेवाएँ
- FY24 में, यह सबसे बड़ा राजस्व स्रोत बना, जिससे 252.55 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
- हालांकि, FY23 की तुलना में इसमें 9.6% की गिरावट दर्ज की गई।
- ई-कॉमर्स इनेबलमेंट सेवाएँ
- प्लेटफॉर्म पर वैल्यू-फोकस्ड विक्रेताओं की बढ़ती संख्या के कारण यह राजस्व 14.8% बढ़कर 103.36 करोड़ रुपये हो गया।
- अन्य स्रोत
- अन्य स्रोतों से आय में 8 गुना वृद्धि हुई, जो FY24 में 23.85 करोड़ रुपये रही।
कुल खर्च में 21.4% की कमी
स्नैपडील ने FY24 में कई क्षेत्रों में लागत-कटौती रणनीतियाँ अपनाईं, जिससे कुल खर्च में महत्वपूर्ण कमी आई। FY23 में कंपनी का कुल खर्च 687.93 करोड़ रुपये था, जो FY24 में 21.4% घटकर 540.76 करोड़ रुपये रह गया।
मुख्य क्षेत्रों में लागत में कटौती
- कर्मचारी लाभ खर्च
- FY24 में कर्मचारी लाभ पर खर्च 48.5% घटकर 158.4 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 307.53 करोड़ रुपये था।
- विज्ञापन और प्रमोशनल खर्च
- कंपनी ने FY24 में विज्ञापन और प्रचार पर खर्च में 23.5% की कमी की, जो FY23 के 91.99 करोड़ रुपये से घटकर 70.37 करोड़ रुपये रह गया।
- अन्य खर्च
- स्नैपडील ने कई अन्य श्रेणियों में भी खर्च में कमी की, जिससे कंपनी को अपने घाटे को कम करने में मदद मिली।
EBITDA घाटे में 88% की कमी
स्नैपडील के एडजस्टेड EBITDA घाटे में बड़ी गिरावट देखी गई। FY23 में यह घाटा 144 करोड़ रुपये था, जबकि FY24 में यह केवल 16 करोड़ रुपये रह गया।
कैसे संभव हुआ यह सुधार?
- लागत-कटौती पहल
- राजस्व के विविध स्रोतों पर ध्यान केंद्रित
- स्मार्ट ऑपरेटिंग मॉडल
स्नैपडील का रणनीतिक फोकस
स्नैपडील ने अपनी व्यापारिक रणनीतियों को मजबूत करने और लागत-प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए।
- वैल्यू-फोकस्ड विक्रेताओं पर जोर
- ई-कॉमर्स इनेबलमेंट सेवाओं में वृद्धि इस बात का संकेत है कि स्नैपडील ने विक्रेताओं के साथ बेहतर तालमेल बनाया है।
- लागत में सुधार और प्रबंधन
- लागत में कटौती के उपायों ने न केवल घाटे को कम किया, बल्कि कंपनी को अधिक स्थिर वित्तीय स्थिति में पहुँचाया।
- अन्य आय स्रोतों का विकास
- अन्य स्रोतों से राजस्व में 8 गुना वृद्धि यह दर्शाती है कि कंपनी अपने राजस्व स्रोतों को विविध बना रही है।
ई-कॉमर्स सेक्टर में स्नैपडील की स्थिति
भारत का ई-कॉमर्स सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, और स्नैपडील ने अपनी वैल्यू-फोकस्ड रणनीति से खुद को इस प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाए रखा है।
चुनौतियाँ और अवसर
- चुनौतियाँ: फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा।
- अवसर: छोटे और मध्यम विक्रेताओं के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करके बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना।
भविष्य की योजनाएँ
- स्नैपडील का फोकस भविष्य में लागत में और कमी लाने और ग्राहक अनुभव में सुधार करने पर रहेगा।
- कंपनी वैल्यू-फोकस्ड उपभोक्ताओं और विक्रेताओं को अधिक सेवाएँ प्रदान करने की योजना बना रही है।
FY24 का वित्तीय प्रदर्शन: एक सारांश
श्रेणी | FY23 | FY24 | परिवर्तन (%) |
---|---|---|---|
ऑपरेटिंग राजस्व | ₹371.96 करोड़ | ₹379.76 करोड़ | +2.1% |
मार्केटिंग सेवाएँ राजस्व | ₹279.41 करोड़ | ₹252.55 करोड़ | -9.6% |
इनेबलमेंट राजस्व | ₹90.02 करोड़ | ₹103.36 करोड़ | +14.8% |
अन्य स्रोतों का राजस्व | ₹2.85 करोड़ | ₹23.85 करोड़ | +736% |
कुल खर्च | ₹687.93 करोड़ | ₹540.76 करोड़ | -21.4% |
EBITDA घाटा | ₹144 करोड़ | ₹16 करोड़ | -88% |
निष्कर्ष
FY24 में स्नैपडील ने अपने वित्तीय प्रदर्शन में स्थिरता और सुधार दिखाया।
- लागत-कटौती पहल ने कंपनी को घाटा कम करने में मदद की।
- वैल्यू-फोकस्ड रणनीति और विकासशील राजस्व स्रोतों ने स्नैपडील को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाया।
भविष्य में, स्नैपडील की योजनाएँ इसे भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगी। कंपनी का उद्देश्य ग्राहकों और विक्रेताओं को बेहतर सेवाएँ प्रदान करते हुए वित्तीय स्थिरता बनाए रखना है।
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