भारत के डीप-टेक स्टार्टअप Theranautilus (Theranautilus) ने हाल ही में $1.2 मिलियन का सीड फंडिंग राउंड पूरा किया। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व pi Ventures ने किया, जिसमें Golden Sparrow Ventures और प्रमुख एंजल निवेशकों जैसे Tracxn के सीईओ अभिषेक गोयल और Groww के सीईओ ललित केशरे ने भाग लिया।
फंडिंग का उपयोग और प्राथमिक लक्ष्य
Theranautilus अपने नैनोरबोटिक्स-आधारित मेडिकल डिवाइस को डेंटल केयर के लिए कॉमर्शियलाइज़ करने की योजना बना रहा है।
- फंडिंग का उद्देश्य:
- डेंटल केयर एप्लिकेशन्स के लिए नैनोरबोटिक्स तकनीक को बाजार में उतारना।
- गो-टू-मार्केट रणनीति को विकसित करना।
- इस तकनीक को डेंटल एप्लिकेशन्स से आगे बढ़ाकर अन्य स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में लागू करना।
कंपनी के अनुसार, यह फंडिंग उन्हें न केवल अपने मौजूदा उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करेगी, बल्कि नई तकनीकों को विकसित करने में भी सहायक होगी।
थेरानॉटिलस की स्थापना और इसका विज़न
थेरानॉटिलस की स्थापना 2020 में अम्बरीश घोष, देबयान दासगुप्ता, और पेड्डी शानमुख श्रीनिवास ने की थी।
- कंपनी का लक्ष्य है नैनोरबोटिक्स तकनीक के माध्यम से हेल्थकेयर समस्याओं को हल करना।
- उनका फोकस है उन स्वास्थ्य समस्याओं पर, जिन्हें पारंपरिक तरीकों से हल करना कठिन है।
डेंटल हेल्थ में नैनोरबोट्स का उपयोग
दुनिया भर में डेंटल हाइपरसेंसिटिविटी जैसी समस्या लगभग 2 बिलियन लोगों को प्रभावित करती है। यह समस्या $6 बिलियन के बाजार का प्रतिनिधित्व करती है।
थेरानॉटिलस की तकनीक:
- नैनोरबोटिक्स समाधान:
- कंपनी द्वारा बनाए गए नैनोरबोट्स दांतों के भीतर लक्षित स्थानों तक पहुंच सकते हैं।
- ये बायो-कम्पैटिबल सामग्री को डिलीवर करते हैं, जिससे दांतों की मरम्मत की जाती है।
- लंबे समय तक राहत:
- इन नैनोमटीरियल्स को बाहरी रूप से ट्रिगर किया जा सकता है।
- ये क्षतिग्रस्त दांतों की मरम्मत कर बायो-मिमेटिक संरचनाएं बनाते हैं।
- यह तकनीक दांतों की मरम्मत के लिए स्थायी समाधान प्रदान करती है।
थेरानॉटिलस के उत्पादों की संभावनाएं
डेंटल हेल्थ के अलावा अन्य क्षेत्रों में उपयोग:
डेंटल केयर के अलावा, थेरानॉटिलस की नैनोरबोटिक्स तकनीक को अन्य चिकित्सा क्षेत्रों में भी उपयोग किया जा सकता है, जैसे:
- कैंसर उपचार
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
- सर्जिकल एप्लिकेशन
सटीक और सुरक्षित समाधान:
थेरानॉटिलस की तकनीक, पारंपरिक चिकित्सा उपकरणों के मुकाबले, अधिक सटीक और कम इनवेसिव है। यह मरीजों के लिए तेजी से रिकवरी और अधिक सुरक्षित विकल्प प्रदान करती है।
नैनोरबोटिक्स: हेल्थकेयर का भविष्य
1. हेल्थकेयर के लिए नई राह
नैनोरबोट्स का उपयोग हेल्थकेयर में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
- सर्जरी में सटीकता।
- दवाओं को लक्षित स्थान पर भेजने की क्षमता।
- चिकित्सा उपचार में समय और लागत की बचत।
2. भारत में नैनोटेक्नोलॉजी का विकास
थेरानॉटिलस जैसी कंपनियां, भारत को नैनोटेक्नोलॉजी इनोवेशन के केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती हैं।
- यह तकनीक न केवल भारतीय बाजार के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपयोगी साबित होगी।
निवेशकों का बढ़ता भरोसा
pi Ventures और अन्य निवेशकों की भूमिका:
pi Ventures और अन्य निवेशकों ने थेरानॉटिलस में निवेश करके हाई-टेक हेल्थकेयर सॉल्यूशंस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
- यह निवेश दर्शाता है कि भारतीय डीप-टेक स्टार्टअप्स में बड़े पैमाने पर विकास की संभावना है।
- यह फंडिंग थेरानॉटिलस को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगी।
चुनौतियां और आगे की राह
1. तकनीकी जटिलता:
नैनोरबोटिक्स जैसे नए क्षेत्र में काम करना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- इनोवेशन के साथ, प्रोडक्ट को विनियामक मंजूरी प्राप्त करना भी एक बड़ा कदम होगा।
2. बाजार में प्रवेश की कठिनाई:
हालांकि तकनीक उन्नत है, लेकिन इसे डेंटल और हेल्थकेयर पेशेवरों तक पहुंचाना और उन्हें इसके लाभों के बारे में समझाना एक चुनौती हो सकती है।
3. प्रतिस्पर्धा:
वैश्विक स्तर पर, अन्य कंपनियां भी नैनो-हेल्थकेयर सॉल्यूशंस पर काम कर रही हैं।
- थेरानॉटिलस को अपनी सटीकता और नवाचार के माध्यम से खुद को अलग साबित करना होगा।
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत
थेरानॉटिलस ने नैनोरबोटिक्स तकनीक के माध्यम से हेल्थकेयर उद्योग में एक नई दिशा दिखाई है।
- यह न केवल डेंटल हेल्थ में बदलाव ला सकता है, बल्कि अन्य चिकित्सा क्षेत्रों में भी व्यापक उपयोग के लिए तैयार है।
- फंडिंग के साथ, कंपनी को अपने उत्पादों को बाजार में लाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का अवसर मिलेगा।
अगर थेरानॉटिलस अपनी तकनीक को सफलतापूर्वक व्यावसायिक रूप से लागू करता है, तो यह न केवल भारतीय डीप-टेक स्पेस में अग्रणी बनेगा, बल्कि हेल्थकेयर में नैनोटेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए एक वैश्विक उदाहरण भी पेश करेगा।
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