Kinetic Green को भारी वित्तीय झटका: FY24 में घाटा 11 गुना बढ़ा,

Kinetic Green

इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता Kinetic Green को वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ा है। कंपनी का घाटा 11 गुना (11X) बढ़कर ₹77 करोड़ हो गया, जिसका मुख्य कारण विज्ञापन खर्च और कर्मचारी लाभों में भारी वृद्धि रही।

📉 इसके अलावा, Kinetic Green की कुल आय में भी 3% की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹301 करोड़ (FY23) से घटकर ₹291 करोड़ (FY24) रह गई।

💡 Greater Pacific Capital द्वारा समर्थित इस कंपनी के लिए यह झटका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत के बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।


Kinetic Green की मुख्य व्यवसाय गतिविधियां

📌 Kinetic Green एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता है, जो विभिन्न श्रेणियों में वाहन बनाती है, जिनमें शामिल हैं:

  • इलेक्ट्रिक स्कूटर
  • इलेक्ट्रिक रिक्शा (E-Rickshaw)
  • इलेक्ट्रिक साइकिल
  • इलेक्ट्रिक बग्गी और अन्य व्यावसायिक वाहन

💰 FY24 में, कंपनी की आय का एकमात्र स्रोत इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री से हुआ।

📉 हालांकि, बाज़ार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बढ़ते खर्चों ने इसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है।


सबसे बड़ा खर्च: प्रोक्योरमेंट और विज्ञापन

Kinetic Green के लिए सबसे बड़ा खर्च कच्चे माल (Procurement) की लागत रही, जो इसके कुल खर्च का 62% है।

📊 हालांकि, कंपनी ने इस लागत को 5.4% घटाकर ₹229 करोड़ (FY24) कर दिया, जो FY23 में ₹242 करोड़ थी।

लेकिन…

🚀 विज्ञापन खर्च में भारी उछाल आया है!

  • FY24 में विज्ञापन खर्च 8.2X बढ़कर ₹58 करोड़ हो गया, जबकि पिछले साल यह बहुत कम था।
  • यह दर्शाता है कि कंपनी ने मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर बड़े पैमाने पर निवेश किया है।

📌 कर्मचारी लाभों में भी 52.4% की वृद्धि हुई है, जिससे कुल लागत बढ़ गई।

💡 इन बढ़े हुए खर्चों के कारण Kinetic Green का कुल व्यय FY23 में ₹310 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹369 करोड़ हो गया, यानी 19% की वृद्धि!


गिरती कमाई और बढ़ते नुकसान

💸 बिक्री में गिरावट और बढ़ते खर्चों के कारण, Kinetic Green का घाटा 11 गुना बढ़कर ₹77 करोड़ हो गया।

📊 मुख्य वित्तीय आँकड़े:

  • FY23 का घाटा: ₹7 करोड़
  • FY24 का घाटा: ₹77 करोड़ (11X वृद्धि)
  • EBITDA मार्जिन: -20.55% (यानी, कंपनी को परिचालन स्तर पर भारी नुकसान हो रहा है)
  • FY24 में कंपनी ने ₹1.27 खर्च किए हर ₹1 की ऑपरेटिंग रेवेन्यू कमाने के लिए

📉 इसका मतलब है कि कंपनी को अपना व्यवसाय लाभदायक बनाने के लिए बड़े बदलाव करने होंगे।


FY24 के अंत तक कंपनी की संपत्तियाँ

📌 पुणे स्थित Kinetic Green ने FY24 के अंत तक ₹169 करोड़ की कुल संपत्तियाँ दर्ज कीं।

📌 कंपनी के पास ₹2.3 करोड़ की नकद राशि और बैंक बैलेंस था, जो वित्तीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत अधिक नहीं है।


Kinetic Green के सामने बड़ी चुनौतियाँ

🚧 1. प्रतिस्पर्धा का दबाव:

  • भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।
  • Ola Electric, Ather Energy, और Hero Electric जैसे बड़े ब्रांड बाज़ार पर हावी हो रहे हैं।
  • Kinetic Green को इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए बेहतर रणनीति अपनानी होगी।

🚧 2. बढ़ते विज्ञापन खर्च का असर:

  • FY24 में कंपनी ने बड़े स्तर पर विज्ञापन पर खर्च किया, लेकिन इसका असर बिक्री पर नहीं दिखा।
  • यदि बिक्री नहीं बढ़ी, तो इतनी भारी मार्केटिंग लागत स्थायी नहीं होगी।

🚧 3. लागत कम करने की जरूरत:

  • कर्मचारियों की लागत और अन्य ऑपरेटिंग खर्चों को नियंत्रित करना जरूरी है।
  • प्रोक्योरमेंट और लॉजिस्टिक्स में सुधार लाकर कंपनी मुनाफे में आ सकती है।

क्या Kinetic Green FY25 में वापसी कर पाएगी?

🔍 क्या किया जा सकता है?
1️⃣ लागत प्रबंधन:

  • कंपनी को अपने विज्ञापन और कर्मचारियों की लागत को संतुलित करना होगा।

2️⃣ बेहतर प्रोडक्ट पोर्टफोलियो:

  • अधिक किफायती और उन्नत फीचर्स वाले इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने होंगे।

3️⃣ बेहतर फंडिंग और निवेश:

  • नई फंडिंग जुटाने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की जरूरत होगी।

निष्कर्ष: Kinetic Green को वित्तीय स्थिति सुधारने की जरूरत

📉 FY24 में Kinetic Green के लिए कई वित्तीय चुनौतियाँ रहीं:
कंपनी का राजस्व 3% घटा
विज्ञापन खर्च 8X बढ़ा
कर्मचारियों की लागत 52% बढ़ी
कुल घाटा 11X बढ़कर ₹77 करोड़ हो गया

💡 अगर कंपनी को FY25 में मजबूती से वापसी करनी है, तो उसे अपनी लागतों को नियंत्रित करने, सेल्स बढ़ाने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी पर फोकस करना होगा।

🚀 क्या Kinetic Green इन चुनौतियों से उभर पाएगी, या यह घाटा और बढ़ेगा? यह देखने वाली बात होगी!

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Increff के को-फाउंडर और पूर्व CTO रोमिल जैन ने दिया इस्तीफा,

Increff

SaaS स्टार्टअप Increff के को-फाउंडर और पूर्व चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) रोमिल जैन ने कंपनी छोड़ दी है। सूत्रों के मुताबिक, जैन ने पिछले साल के अंत में Increff से अपना नाता तोड़ लिया था और अब वे एक नए एंटरप्रेन्योरियल वेंचर पर काम कर सकते हैं।

📌 एक सूत्र ने जानकारी दी, “रोमिल जैन ने पिछले साल Increff छोड़ दिया था और जल्द ही वे अपने नए प्रोजेक्ट की घोषणा कर सकते हैं।”

हालांकि, Increff ने इस खबर पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।


रोमिल जैन: SaaS इंडस्ट्री में एक मजबूत लीडर

रोमिल जैन ने 2016 में Increff की सह-स्थापना की थी। इससे पहले, उन्होंने DevFactory और Computer Associates में चीफ आर्किटेक्ट और प्रिंसिपल इंजीनियर के रूप में काम किया था।

🚀 Increff को-फाउंडर्स:

  • रोमिल जैन
  • राहुल जैन
  • अंशुमान अग्रवाल

📌 सूत्रों के अनुसार, जैन अपने नए स्टार्टअप की घोषणा जल्द ही कर सकते हैं।

💡 उनकी अगली पहल SaaS, ई-कॉमर्स, या टेक्नोलॉजी के अन्य उभरते क्षेत्रों में हो सकती है, लेकिन अभी इस पर कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।


Increff में नेतृत्व में बदलाव: विशाल राज बने नए को-फाउंडर

🚀 Increff ने रोमिल जैन के जाने के बाद कंपनी के नेतृत्व में बदलाव किया है।

📌 विशाल राज, जो पिछले सात सालों से कंपनी के साथ जुड़े हैं, अब Increff के नए को-फाउंडर बन गए हैं।
📌 वर्तमान में, विशाल राज Increff के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) हैं।

💡 Increff इस बदलाव के साथ अपनी टेक्नोलॉजी को और मजबूत करने और नए बिजनेस अवसरों को एक्सप्लोर करने की योजना बना रहा है।


Increff: 700+ ब्रांड्स के साथ इन्वेंट्री मैनेजमेंट को आसान बना रहा है

🚀 Increff एक SaaS प्लेटफॉर्म है जो फैशन ब्रांड्स और रिटेलर्स को इन्वेंटरी मैनेजमेंट ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करता है।

📌 यह स्टार्टअप ब्रांड्स को उनकी सेल्स वेलोसिटी को 2 से 3 गुना तक बढ़ाने में मदद करता है।
📌 Increff के ओमनीचैनल और मर्चेंडाइजिंग प्लेटफॉर्म से ब्रांड्स को बेहतर इन्वेंटरी मैनेजमेंट, वेयरहाउस ऑप्टिमाइज़ेशन, और ऑर्डर फुलफिलमेंट में मदद मिलती है।
📌 फिलहाल, कंपनी 700+ ब्रांड्स के साथ काम कर रही है और इसकी पहुंच 35 देशों तक फैली हुई है।

💡 इसका प्लेटफॉर्म ब्रांड्स को अधिक कुशल और लागत प्रभावी तरीके से संचालन करने में सक्षम बनाता है।


Increff की अब तक की फंडिंग और ग्रोथ

🚀 Increff ने फरवरी 2022 में अपने सीरीज B फंडिंग राउंड में $12 मिलियन (करीब ₹100 करोड़) जुटाए थे।

📌 इस राउंड का नेतृत्व TVS Capital Funds, Premji Invest और Flipkart के को-फाउंडर बिन्नी बंसल की 021 Capital ने किया था।
📌 कुल मिलाकर, Increff ने अब तक लगभग $17 मिलियन (करीब ₹140 करोड़) की फंडिंग जुटाई है।

💡 इन्वेस्टर्स का ध्यान इस स्टार्टअप की मजबूत ग्रोथ और इन्वेंट्री मैनेजमेंट सॉल्यूशंस पर है, जो फैशन और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं।


Increff की वित्तीय स्थिति: FY24 में राजस्व बढ़ा, घाटा घटा

📊 TheKredible की रिपोर्ट के अनुसार, Increff का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY24 में 5.8% बढ़कर ₹90 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹85 करोड़ था।

📌 कंपनी ने अपने नुकसान को भी 29% तक कम किया, जो FY23 में ₹48 करोड़ था और FY24 में ₹34 करोड़ रह गया।

📌 बेहतर लागत प्रबंधन और बढ़ते राजस्व के कारण कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है।

💡 यह आंकड़े दिखाते हैं कि Increff अपने बिजनेस मॉडल को सफलतापूर्वक स्केल कर रहा है और आने वाले समय में और भी ग्रोथ कर सकता है।


आगे का रास्ता: Increff और रोमिल जैन दोनों के लिए नए अवसर

🚀 Increff के लिए:
📌 नए को-फाउंडर और CTO विशाल राज के नेतृत्व में, कंपनी अपने वैश्विक विस्तार और तकनीकी नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
📌 कंपनी के पास पहले से ही मजबूत निवेशकों और ब्रांड पार्टनर्स का समर्थन है, जिससे इसके ग्रोथ की संभावनाएं अच्छी दिख रही हैं।

🚀 रोमिल जैन के लिए:
📌 सूत्रों के अनुसार, वे जल्द ही अपने नए स्टार्टअप की घोषणा कर सकते हैं।
📌 उनका नया वेंचर SaaS, ई-कॉमर्स, या अन्य टेक्नोलॉजी सेगमेंट में हो सकता है।

💡 दोनों पक्षों के लिए यह बदलाव नए अवसरों को जन्म देगा और SaaS इंडस्ट्री में इनोवेशन को बढ़ावा देगा।


निष्कर्ष: Increff और रोमिल जैन, दोनों के लिए एक नया अध्याय

📌 रोमिल जैन का Increff छोड़ना कंपनी के लिए एक बड़ा बदलाव है, लेकिन विशाल राज के नेतृत्व में यह SaaS स्टार्टअप अपनी ग्रोथ जारी रखने के लिए तैयार है।
📌 Increff की मजबूत टेक्नोलॉजी, फंडिंग, और ग्लोबल विस्तार योजनाएं इसे और अधिक सफल बना सकती हैं।
📌 वहीं, रोमिल जैन के अगले कदम पर सबकी नजरें टिकी हैं – क्या वे एक नया स्टार्टअप लॉन्च करेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा!

💡 SaaS और इन्वेंट्री मैनेजमेंट इंडस्ट्री में इन बदलावों के क्या प्रभाव होंगे? यह आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा। 🚀

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Vidyut ने Flourish Ventures से $2.5 मिलियन की फंडिंग जुटाई,

Vidyut

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अपनाने को गति देने के उद्देश्य से, फुल-स्टैक EV इकोसिस्टम प्लेटफॉर्म Vidyut ने वैश्विक फिनटेक निवेशक Flourish Ventures से $2.5 मिलियन (करीब ₹20.75 करोड़) की फंडिंग जुटाई है

📌 इस फंडिंग का उपयोग Vidyut की “बैटरी-एज़-अ-सर्विस” (BaaS) पेशकश को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, जिससे पैसेंजर और कॉमर्शियल EV सेगमेंट में इसका विस्तार होगा।
📌 Vidyut का लक्ष्य छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMBs) के लिए EV को अधिक किफायती और सुलभ बनाना है, ताकि भारत की क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन को तेज किया जा सके।

💡 Vidyut का अनूठा बिजनेस मॉडल EV बैटरियों को वाहन से अलग करके “पे-पर-किलोमीटर” सब्सक्रिप्शन पर पेश करता है, जिससे तीन-पहिया (3W) EV की शुरुआती लागत 35-40% तक कम हो जाती है।


Vidyut अब तक $16.5 मिलियन की फंडिंग जुटा चुका है

Vidyut ने अब तक कुल $16.5 मिलियन (₹137 करोड़) से अधिक की फंडिंग जुटाई है, जिसमें शामिल हैं:

3one4 Capital
Credit Saison
Flourish Ventures
Zephyr Peacock
Lighthouse Canton
अन्य प्रमुख निवेशक

📌 कंपनी ने फरवरी 2023 में अपनी सीरीज A फंडिंग में $10 मिलियन जुटाए थे

💡 यह नया निवेश Vidyut को EV फाइनेंसिंग और बैटरी सेवाओं में और अधिक नवाचार करने में मदद करेगा।


Vidyut: भारत में EV फाइनेंसिंग को बदलने वाला स्टार्टअप

Vidyut की स्थापना 2021 में हुई थी और इसे Swiggy और Bounce के पूर्व अधिकारी क्षितिज कोठी (Xitij Kothi) और गौरव श्रीवास्तव (Gaurav Srivastava) ने शुरू किया था

Vidyut की खासियत:

📌 “बैटरी-एज़-अ-सर्विस” (BaaS) मॉडल:

  • बैटरियों को EV से अलग कर किराए पर देने से, ग्राहकों की शुरुआती लागत कम हो जाती है।
  • तीन-पहिया EV की कीमतें 35-40% तक कम हो जाती हैं, जिससे वे पेट्रोल-डीजल वाहनों से भी सस्ते हो जाते हैं।

📌 EV रीसेल और लाइफसाइकल मैनेजमेंट:

  • Vidyut ने 2023 में EV रीसेल और लाइफसाइकल मैनेजमेंट समाधान पेश किए।
  • यह EV मालिकों को उनके पुराने वाहनों के लिए बेहतर कीमत दिलाने में मदद करता है।

📌 सितंबर 2024 में पैसेंजर EV सेगमेंट में एंट्री:

  • JSW MG Motor India के साथ साझेदारी कर Vidyut ने भारत का पहला 4-व्हीलर BaaS मॉडल पेश किया, जिससे ग्राहकों की शुरुआती लागत 30% तक घट गई।

💡 Vidyut के इस मॉडल ने EV अपनाने को आसान बना दिया है और इससे ग्राहकों की आय में 10-15% तक की वृद्धि हुई है।


Vidyut के प्रमुख उद्योग साझेदार और वितरण नेटवर्क

Vidyut के पास मजबूत इंडस्ट्री टाई-अप्स हैं, जिससे यह भारत के प्रमुख EV निर्माताओं के साथ काम कर रहा है:

TATA Motors
JSW
MG Motor India
Mahindra Last Mile Mobility
Piaggio
Euler Motors

📌 वर्तमान में Vidyut का नेटवर्क 30 शहरों में फैला हुआ है, जिससे छोटे व्यवसायी और फ्लीट ऑपरेटर अधिक लाभ कमा रहे हैं।

💡 इस मजबूत नेटवर्क के चलते Vidyut भारत में EV सेक्टर में गेम-चेंजर बन सकता है।


Vidyut की नई EV रीसेल सर्विस: सेकंडरी मार्केट में क्रांति

Vidyut ने हाल ही में तीन-पहिया कॉमर्शियल EV वाहनों के लिए एक रीसेल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है

📌 यह सेवा वाहनों के निरीक्षण, मूल्यांकन, बिक्री, और RTO डॉक्यूमेंटेशन की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाती है
📌 EV रीसेल प्लेटफॉर्म की मदद से ग्राहक अपने पुराने EV वाहनों के लिए 10-15% अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं, जो पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों से अधिक है।

💡 इस नई सेवा से सेकंडरी EV बाजार को मजबूती मिलेगी और कॉमर्शियल EV मालिकों को अधिक रिटर्न मिलेगा।


क्या Vidyut भारत में EV इंडस्ट्री में बड़ा खिलाड़ी बन सकता है?

Vidyut की तेजी से बढ़ती ग्रोथ और मजबूत बिजनेस मॉडल इसे भारत में EV सेक्टर का बड़ा खिलाड़ी बना सकता है।

📊 Vidyut की प्रमुख उपलब्धियां:
हर महीने 15% की ग्रोथ
OEM कंपनियों के साथ मजबूत टाई-अप्स
EV फाइनेंसिंग और रीसेल मार्केट में इनोवेशन

Vidyut के विस्तार में ये चीजें मदद करेंगी:

🚀 नए फंडिंग राउंड – अधिक निवेश के साथ कंपनी अपने BaaS मॉडल को और विकसित कर सकती है।
🚀 नए वाहन सेगमेंट में प्रवेश – वर्तमान में Vidyut तीन-पहिया और चार-पहिया EV सेगमेंट में काम कर रही है, लेकिन आने वाले समय में यह और विस्तार कर सकती है।
🚀 डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार – 30 से अधिक शहरों में उपस्थिति बढ़ाने से कंपनी को ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।

💡 भारत में बढ़ती EV मांग और सरकार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नीति के चलते, Vidyut का भविष्य उज्ज्वल नजर आता है! 🚗⚡

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Nykaa ने ESOP स्कीम के तहत 90,500 इक्विटी शेयर जारी किए,

Nykaa

भारत की अग्रणी ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केटप्लेस Nykaa ने अपनी Employee Stock Option (ESOP) योजना के तहत 90,500 इक्विटी शेयर आवंटित किए हैं।

📌 ESOP के तहत जारी किए गए इन शेयरों की कुल कीमत लगभग ₹1.49 करोड़ आंकी गई है, जो सोमवार को NSE पर ₹165 प्रति शेयर के ओपनिंग प्राइस पर आधारित है।
📌 कंपनी ने अपने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि नए जारी किए गए इक्विटी शेयर मौजूदा इक्विटी शेयरों के बराबर माने जाएंगे।

Nykaa की ESOP योजना में लगातार विस्तार

Nykaa बीते कुछ महीनों में लगातार ESOP योजना के तहत नए शेयर जारी कर रही है

📌 नवंबर 2023 में कंपनी ने 1.80 लाख इक्विटी शेयर जारी किए थे
📌 अक्टूबर 2024 में 3.08 लाख शेयर जारी किए गए
📌 दिसंबर तिमाही (Q3 FY25) में कुल 4.8 लाख शेयर जारी किए गए


Nykaa के Q3 FY25 के नतीजे: मुनाफे में 51.7% की जबरदस्त वृद्धि

📈 Nykaa का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है और कंपनी ने Q3 FY25 में शानदार ग्रोथ दर्ज की है।

Q3 FY25 में Nykaa का कुल राजस्व ₹2,267 करोड़ तक पहुंच गया
Q3 FY24 में यह ₹1,789 करोड़ था, यानी 26.7% की बढ़ोतरी
ब्यूटी सेगमेंट का योगदान सबसे ज्यादा रहा, जिसने कुल ₹2,060 करोड़ का राजस्व उत्पन्न किया
फैशन सेगमेंट से कंपनी को ₹200 करोड़ की आमदनी हुई, जो कुल राजस्व का 8.8% है
कंपनी का शुद्ध लाभ 51.7% बढ़कर ₹26.4 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में ₹17.4 करोड़ था

💡 Nykaa की यह बढ़त दिखाती है कि भारत में ब्यूटी और फैशन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और कंपनी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।


Nykaa के अधिग्रहण और निवेश: Earth Rhythm और Dot & Key में हिस्सेदारी बढ़ाई

Nykaa अपनी मार्केट पोजीशन मजबूत करने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण कर रही है।

Earth Rhythm में बहुमत हिस्सेदारी

📌 Nykaa ने पहले 2022 में Earth Rhythm में एक अल्पसंख्यक हिस्सेदारी ली थी
📌 अब कंपनी ने इसे बहुमत हिस्सेदारी में बदल दिया है, जिससे इसका नियंत्रण बढ़ गया है
📌 यह अधिग्रहण प्राथमिक और द्वितीयक लेनदेन के मिश्रण के माध्यम से किया गया

Dot & Key में 90% हिस्सेदारी

📌 Nykaa ने अपनी सहायक कंपनी Dot & Key में हिस्सेदारी बढ़ाकर 90% कर दी है
📌 इसके लिए कंपनी ने ₹265.3 करोड़ का निवेश किया
📌 Dot & Key एक स्किनकेयर और ब्यूटी ब्रांड है, जिसकी मार्केट में अच्छी पकड़ बन रही है

💡 इन अधिग्रहणों से Nykaa का ब्यूटी सेगमेंट और मजबूत होगा और कंपनी को नए ग्राहक मिलने की संभावना बढ़ेगी।


Nykaa की रणनीति: ग्रोथ को अगले स्तर तक ले जाने की तैयारी

Nykaa अपने बिजनेस को तेजी से डिजिटल और ऑफलाइन दोनों मोर्चों पर विस्तार कर रही है

📌 ऑफलाइन स्टोर्स का विस्तार

Nykaa ने भारत के कई शहरों में अपने ऑफलाइन स्टोर्स खोले हैं, जिससे ग्राहकों को शॉपिंग का बेहतर अनुभव मिल रहा है।

📌 डिजिटल इनोवेशन

AI और डेटा एनालिटिक्स के जरिए ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना
Nykaa Fashion और Nykaa Man के जरिए नए कैटेगिरी में विस्तार
Nykaa ऐप पर नए फीचर्स और पर्सनलाइज्ड सिफारिशें जोड़ना


Nykaa का भविष्य: क्या यह ब्यूटी मार्केट में लीडर बना रहेगा?

Nykaa की मजबूत वित्तीय स्थिति और तेजी से बढ़ती बाजार हिस्सेदारी इसे भारत का अग्रणी ब्यूटी और पर्सनल केयर ब्रांड बनाए रखने में मदद करेगी।
ESOP योजनाएं कर्मचारियों के लिए आकर्षक हैं और यह टैलेंट को बनाए रखने में कारगर साबित हो सकती हैं।
Earth Rhythm और Dot & Key में हिस्सेदारी बढ़ाने से कंपनी का पोर्टफोलियो और मजबूत होगा।
ब्यूटी और फैशन सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद Nykaa की रणनीतिक प्लानिंग इसे आगे बनाए रखने में मदद करेगी।

💡 क्या Nykaa अपनी ग्रोथ बनाए रख पाएगा या अन्य कंपनियां इसे चुनौती देंगी? यह देखना दिलचस्प होगा! 🚀

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Zomato का Blinkit में ₹1,500 करोड़ का निवेश,

Blinkit

भारत का फूडटेक दिग्गज Zomato अपनी क्विक कॉमर्स शाखा Blinkit में ₹1,500 करोड़ (~$178 मिलियन) का भारी निवेश कर चुका है। यह निवेश ₹500 करोड़ के फंडिंग राउंड को बंद करने के सिर्फ एक महीने बाद आया है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि Zomato अपने क्विक कॉमर्स बिजनेस को लेकर कितनी गंभीर है।

लेकिन यह निवेश कितना प्रभावी होगा? क्या Zomato Blinkit को भारत का सबसे बड़ा क्विक कॉमर्स ब्रांड बना पाएगा? आइए विस्तार से समझते हैं।


Blinkit को फंडिंग कैसे मिली?

Zomato ने Blinkit में यह ₹1,500 करोड़ की राशि विशेष प्रस्ताव (special resolution) के तहत जुटाई

📌 Blinkit के बोर्ड ने 7,612 इक्विटी शेयर जारी किए, जिनका प्रत्येक का मूल्य ₹19,70,181 था।
📌 इससे कुल ₹1,500 करोड़ (~$178 मिलियन) जुटाए गए
📌 Zomato ने यह निवेश Blinkit की ग्रोथ और ऑपरेशनल विस्तार के लिए किया है

Zomato पहले भी ₹8,500 करोड़ जुटा चुका है

📌 तीन महीने पहले Zomato ने ₹8,500 करोड़ जुटाए थे
📌 Qualified Institutional Placement (QIP) के जरिए यह राशि मिली
📌 इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्थिति मजबूत करना और Blinkit को क्विक कॉमर्स सेगमेंट में लीडर बनाना था


Zomato और Blinkit का बिजनेस परफॉर्मेंस

📈 Zomato की रेवेन्यू ग्रोथ शानदार रही

Q3 FY25 में Zomato की ऑपरेशनल रेवेन्यू 64.4% बढ़कर ₹5,405 करोड़ हो गई
पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹3,288 करोड़ थी
लेकिन मुनाफे में गिरावट आई, जो 57.2% घटकर ₹59 करोड़ रह गया

🔥 Blinkit ने भी शानदार प्रदर्शन किया

Q3 FY25 में Blinkit का रेवेन्यू 117% बढ़कर ₹1,399 करोड़ हो गया
Q3 FY24 में यह सिर्फ ₹644 करोड़ था

📌 यह वृद्धि बताती है कि Blinkit भारत में तेजी से ग्रोथ कर रहा है
📌 अब Zomato इसे और बड़े स्तर पर ले जाना चाहता है


Swiggy और Zepto से कड़ी प्रतिस्पर्धा

भारत में क्विक कॉमर्स का बाजार बहुत प्रतिस्पर्धी हो चुका है।

Swiggy का बड़ा निवेश

📌 Swiggy ने भी पिछले हफ्ते अपनी सप्लाई चेन यूनिट Scootsy Logistics में ₹1,000 करोड़ (~$117 मिलियन) का निवेश किया
📌 Swiggy Instamart, Blinkit और Zepto से पिछड़ रही है
📌 इसलिए कंपनी नए निवेश और रणनीतियों पर काम कर रही है

Citi की रिपोर्ट में Blinkit सबसे आगे

📌 भारत के क्विक कॉमर्स मार्केट में Blinkit की बाजार हिस्सेदारी 41% है
📌 Zepto भी तेजी से बढ़ रहा है
📌 Swiggy Instamart 23% बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है

इसका मतलब है कि फिलहाल Blinkit आगे है, लेकिन प्रतियोगिता बहुत तगड़ी है।


Zomato और Blinkit की रणनीति: क्या आगे होगा?

🚀 Blinkit की रणनीति यह सुनिश्चित करने पर आधारित है कि ग्राहक 10-15 मिनट में ग्रोसरी और अन्य सामान प्राप्त कर सकें।
🚀 नए निवेश का उपयोग डिलीवरी नेटवर्क को मजबूत करने, नए शहरों में विस्तार करने और सर्विस क्वालिटी बढ़ाने में किया जाएगा।

Zomato की क्विक कॉमर्स रणनीति में मुख्य बिंदु

📌 और अधिक डार्क स्टोर्स खोलना, जिससे डिलीवरी टाइम कम किया जा सके
📌 फ्लैश सेल और डिस्काउंट ऑफर्स के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करना
📌 AI और डेटा एनालिटिक्स के जरिए डिमांड-फोरकास्टिंग को बेहतर बनाना
📌 Swiggy और Zepto को मात देने के लिए नए इनोवेशन लाना


क्या Zomato Blinkit को नंबर 1 बना पाएगा?

Zomato का Blinkit में ₹1,500 करोड़ का निवेश बताता है कि कंपनी क्विक कॉमर्स सेगमेंट में लीडर बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।
Swiggy Instamart और Zepto के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, लेकिन Blinkit की ग्रोथ इसे नंबर 1 बना सकती है।
आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि Zomato का यह निवेश कितना सफल साबित होता है!


निष्कर्ष

Zomato ने Blinkit में ₹1,500 करोड़ निवेश कर यह साफ कर दिया है कि क्विक कॉमर्स उसका प्रमुख फोकस एरिया है। हालांकि, Swiggy और Zepto जैसी कंपनियां भी बड़े निवेश कर रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा और तेज होगी। अब यह देखना बाकी है कि Zomato इस सेगमेंट में अपनी पकड़ को और मजबूत कर पाता है या नहीं! 🚀

Read more : Progcap का वित्तीय प्रदर्शन FY22 से FY24 तक 5X की वृद्धि, घाटा हुआ कम

Progcap का वित्तीय प्रदर्शन FY22 से FY24 तक 5X की वृद्धि, घाटा हुआ कम

Progcap

Peak XV और Tiger Global समर्थित फिनटेक कंपनी Progcap ने बीते दो वित्तीय वर्षों में 5X से अधिक वृद्धि दर्ज की है। FY22 में मात्र 26 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने वाली इस कंपनी ने FY24 में 139 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू हासिल कर लिया। इसके साथ ही, Progcap ने अपने घाटे को भी घटाने में सफलता पाई है

Progcap के विकास की प्रमुख बातें

FY22 में 26 करोड़ रुपये का राजस्व, FY24 में बढ़कर 139 करोड़ रुपये हुआ।
FY23 में 71 करोड़ रुपये के मुकाबले FY24 में ऑपरेशनल रेवेन्यू लगभग दोगुना हुआ।
कंपनी का कुल राजस्व (ऑपरेशनल और अन्य आय मिलाकर) FY24 में 159 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हुए घाटे को 6% तक घटाया।
फिनटेक सेक्टर में तेजी से विस्तार, MSME सेक्टर के लिए डिजिटल वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा दिया।


Progcap राजस्व और आय स्रोतों का विस्तृत विश्लेषण

Progcap का मुख्य व्यवसाय छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों (MSMEs) को डिजिटल वित्तीय सहायता प्रदान करना है। कंपनी सप्लाई चेन फाइनेंसिंग को डिजिटाइज़ करने और अंतिम मील खुदरा विक्रेताओं को कर्ज की पहुंच देने में मदद करती है

📌 FY24 में, कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 139 करोड़ रुपये था, जो पूरी तरह से इन फाइनेंसिंग सेवाओं से आया।
📌 Progcap ने अपनी अतिरिक्त आय में भी वृद्धि की, जिसमें शामिल हैं:

  • ब्याज से अर्जित आय और मौजूदा निवेशों से प्राप्त लाभ = 20 करोड़ रुपये
  • इस तरह, कंपनी का कुल राजस्व FY24 में बढ़कर 159 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 102 करोड़ रुपये था।

Progcap का खर्च और प्रमुख लागतें

किसी भी स्टार्टअप के लिए वृद्धि के साथ-साथ लागत प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। Progcap ने अपने ऑपरेशन को बढ़ाया, जिससे कंपनी के खर्चों में भी वृद्धि हुई।

📌 FY24 में कंपनी का कुल खर्च 203 करोड़ रुपये था, जो FY23 के 149 करोड़ रुपये से 36% अधिक था
📌 सबसे बड़ा खर्च कर्मचारियों की सैलरी और लाभ (Employee Benefits) का रहा, जो कुल खर्च का 61% था।
📌 इस लागत में 15% की बढ़ोतरी हुई और FY24 में यह बढ़कर 124 करोड़ रुपये हो गई।
📌 वित्तीय लागत (Finance Cost) में भी भारी वृद्धि देखी गई, जो FY23 के मात्र 1 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 22.5 करोड़ रुपये हो गई।
📌 अन्य महत्वपूर्ण खर्चों में शामिल हैं:

  • कलेक्शन डेफिशिएंसी चार्ज (Collection Deficiency Charges): 9.5 करोड़ रुपये
  • यात्रा खर्च (Travel Expenses): 6 करोड़ रुपये
  • अन्य विविध खर्च (Miscellaneous Costs)

Progcap के घाटे में सुधार

Progcap ने अपने घाटे को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय सफलता पाई है

📌 FY23 में कंपनी का घाटा 49 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर 46 करोड़ रुपये हो गया।
📌 इसका EBITDA मार्जिन -11.32% और ROCE (Return on Capital Employed) -2.96% रहा।
📌 ऑपरेशनल लागत नियंत्रण और राजस्व वृद्धि के चलते, कंपनी ने FY24 में प्रति 1 रुपये की ऑपरेटिंग आय अर्जित करने के लिए 1.46 रुपये खर्च किए।


Progcap की ग्रोथ रणनीति और भविष्य की योजनाएं

Progcap ने अपनी MSME-केंद्रित डिजिटल वित्तीय सेवाओं के जरिए तेजी से विस्तार किया है

📌 सप्लाई चेन फाइनेंसिंग को और मजबूत करने के लिए नए इनोवेशन किए जा रहे हैं।
📌 भारत के छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए फंडिंग की आसान पहुंच बनाने पर फोकस किया जा रहा है।
📌 डिजिटल लेंडिंग और डेटा-संचालित वित्तीय समाधानों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने की योजना है।
📌 कंपनी के लक्ष्य में निवेशकों से अतिरिक्त फंडिंग प्राप्त करना और अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक स्केलेबल बनाना शामिल है।


Progcap का फिनटेक सेक्टर में प्रभाव

भारत में फिनटेक और डिजिटल लेंडिंग सेक्टर में तेजी से उभरती कंपनियों में Progcap का नाम महत्वपूर्ण बन चुका है

📌 MSME सेक्टर को डिजिटल ऋण सुविधा देने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
📌 छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा दे रही है।
📌 कंपनी की रणनीति वित्तीय सेवाओं को सरल, तेज़ और सुलभ बनाना है।


निष्कर्ष: क्या Progcap भारत की अगली बड़ी फिनटेक सफलता होगी?

Progcap की वित्तीय प्रगति और बिजनेस मॉडल को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है

पिछले 2 वर्षों में 5 गुना वृद्धि हासिल करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
कंपनी ने घाटे को नियंत्रित किया और अपने वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर बनाया।
MSME के लिए डिजिटल फाइनेंसिंग और सप्लाई चेन फंडिंग में नई संभावनाएं बना रही है।
आने वाले वर्षों में यह भारत के टॉप फिनटेक स्टार्टअप्स में अपनी जगह बना सकती है।

🚀 Progcap की वृद्धि यह दर्शाती है कि भारत में MSME फाइनेंसिंग में डिजिटल इनोवेशन की जबरदस्त संभावनाएं हैं, और कंपनी इस क्षेत्र में लीडर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है!

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PV सिंधु बनीं KiranaPro की इन्वेस्टर और ब्रांड एंबेसडर,

KiranaPro

भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी PV सिंधु ने KiranaPro (KiranaPro) में निवेश किया है और अब वह कंपनी की ब्रांड एंबेसडर भी बन गई हैं। इस साझेदारी के तहत, PV सिंधु सिर्फ KiranaPro का चेहरा ही नहीं होंगी, बल्कि कंपनी की डिजिटल क्रांति में भी योगदान देंगी

कंपनी के अनुसार, PV सिंधु छोटे खुदरा विक्रेताओं (Kirana Stores) के लिए डिजिटल समाधान लाने के ब्रांड के विजन को मजबूत करने में मदद करेंगी। साथ ही, IPL 2025 के दौरान वह KiranaPro की आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर के रूप में ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करेंगी


KiranaPro: छोटे रिटेलर्स के लिए डिजिटल बदलाव लाने वाली कंपनी

KiranaPro की स्थापना दीपक रविंद्रन और दीपांकर सरकार ने की थी। यह कंपनी स्थानीय किराना स्टोर्स और सुपरमार्केट्स को डिजिटल तकनीक से सशक्त बनाती है। KiranaPro का मुख्य उद्देश्य किराना दुकानों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखना और उन्हें बड़े ऑनलाइन रिटेलर्स के सामने टिके रहने में मदद करना है

📌 KiranaPro की मुख्य सुविधाएं:
10 मिनट की डिलीवरी सेवा – ग्राहकों को तेजी से उत्पाद उपलब्ध कराने में मदद
फ्लेक्सिबल रेवेन्यू मॉडल – किराना दुकानों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर
डिजिटल टूल्स और टेक्नोलॉजी – छोटे दुकानदारों को ऑनलाइन बिजनेस में बदलने की सुविधा

इस तकनीकी समाधान के चलते, KiranaPro भारत के लाखों किराना दुकानदारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने में मदद कर रहा है


PV सिंधु की भागीदारी: ब्रांड एंबेसडर से ज्यादा, एक इन्वेस्टर भी

KiranaPro के साथ PV सिंधु का जुड़ना केवल एक मार्केटिंग रणनीति नहीं है, बल्कि वह इस स्टार्टअप में निवेश भी कर रही हैं। इसका मतलब है कि वह कंपनी की ग्रोथ में व्यक्तिगत रूप से भी रुचि रखती हैं

📌 PV सिंधु की इस साझेदारी से क्या मिलेगा?
राष्ट्रीय और डिजिटल पहचान: KiranaPro को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी, खासकर IPL 2025 के दौरान
बड़े पैमाने पर विज्ञापन अभियान: PV सिंधु डिजिटल और पारंपरिक मीडिया कैंपेन में दिखाई देंगी
स्पोर्ट्स मार्केटिंग का प्रभाव: सिंधु अपने जर्सी पर KiranaPro का लोगो पहनेंगी, जिससे कंपनी की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी।
छोटे दुकानदारों के लिए प्रेरणा: छोटे किराना स्टोर्स को डिजिटल बनाने में सिंधु की भागीदारी एक प्रेरणा बन सकती है।


KiranaPro का विस्तार: Joper.app का अधिग्रहण

📌 हाल ही में KiranaPro ने Joper.app को अधिग्रहित किया। यह एक हाइपरलोकल ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विस है, जो छोटे किराना दुकानदारों को ग्राहकों से जोड़ने में मदद करती है

➡️ इस अधिग्रहण से KiranaPro को क्या फायदा होगा?
🔹 डिलीवरी नेटवर्क मजबूत होगा
🔹 छोटे किराना दुकानदारों को ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे
🔹 ग्राहकों तक तेज़ी से उत्पाद पहुंचाने की क्षमता बढ़ेगी

इस अधिग्रहण के साथ, KiranaPro का लक्ष्य अपने मार्केट शेयर को बढ़ाना और अधिक खुदरा विक्रेताओं तक पहुंच बनाना है


IPL 2025 में PV सिंधु और KiranaPro की बड़ी एंट्री

📌 IPL 2025 के दौरान, PV सिंधु KiranaPro की आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर के रूप में कंपनी को प्रमोट करेंगी

➡️ IPL में KiranaPro के शामिल होने से क्या मिलेगा?
ब्रांड की राष्ट्रीय पहचान बढ़ेगी
स्पोर्ट्स लवर्स के बीच जागरूकता बढ़ेगी
छोटे दुकानदारों तक कंपनी का संदेश पहुंचेगा

🎯 KiranaPro इस मौके का इस्तेमाल करके भारतीय खुदरा उद्योग में अपनी मजबूत स्थिति बना सकता है


क्या कहती हैं PV सिंधु?

PV सिंधु ने इस साझेदारी पर कहा:

“मैं KiranaPro के साथ जुड़कर बहुत उत्साहित हूं। यह केवल एक ब्रांड पार्टनरशिप नहीं है, बल्कि भारत के छोटे दुकानदारों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने का एक प्रयास है। मुझे गर्व है कि मैं इस पहल का हिस्सा बन रही हूं।”

📌 यह बयान दिखाता है कि PV सिंधु केवल एक प्रमोशनल पार्टनर नहीं, बल्कि KiranaPro की विकास यात्रा का सक्रिय हिस्सा बनने जा रही हैं


KiranaPro के इस कदम का बाजार पर असर

स्टार्टअप और किराना बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा
अन्य एडटेक और रिटेल टेक कंपनियों को नई रणनीतियों पर काम करने की प्रेरणा मिलेगी
IPL जैसी बड़ी स्पोर्ट्स लीग में भागीदारी से डिजिटल स्टार्टअप्स को नई पहचान मिलेगी


निष्कर्ष

📌 PV सिंधु का KiranaPro के साथ जुड़ना सिर्फ एक मार्केटिंग रणनीति नहीं, बल्कि भारतीय खुदरा बाजार में डिजिटल बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है

📌 IPL 2025 में उनकी भागीदारी से KiranaPro को एक राष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जिससे छोटे किराना दुकानदारों को फायदा होगा

📌 Joper.app के अधिग्रहण से कंपनी का डिलीवरी नेटवर्क और मजबूत होगा, जिससे ग्राहकों और दुकानदारों दोनों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी

📌 PV सिंधु के इन्वेस्टर और ब्रांड एंबेसडर बनने से, KiranaPro के भविष्य में तेजी से ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है

🚀 आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि यह साझेदारी भारतीय खुदरा बाजार और डिजिटल कॉमर्स स्पेस को कैसे प्रभावित करती है!

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Veranda Learning जून 2025 तक BB Virtuals में 10.59% अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदेगी

Veranda Learning

डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म Veranda Learning ने BB Virtuals में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी जून 2025 तक BB Virtuals में 10.59% अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदेगी, जिससे उसका भारत में कॉमर्स एजुकेशन सेक्टर में प्रभाव और मजबूत होगा। इस अधिग्रहण के बाद, Veranda Learning की कॉमर्स डिवीजन का EBITDA FY25 में ₹120 करोड़ से अधिक होने की संभावना है


Veranda Learning: एक प्रमुख डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म

Veranda Learning की स्थापना 2018 में Kalpathi AGS Group द्वारा की गई थी। यह एक पब्लिकली लिस्टेड एडटेक कंपनी है, जो सरकारी परीक्षाओं, बैंकिंग, बीमा, रेलवे और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए डिजिटल लर्निंग समाधान प्रदान करती है

📌 दिसंबर 2023 में, Veranda Learning ने ₹250 करोड़ जुटाने की मंजूरी प्राप्त की थी। यह निवेश कंपनी के विस्तार और नए अधिग्रहणों के लिए उपयोग किया जाएगा।


BB Virtuals: CA और कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए अग्रणी प्लेटफॉर्म

BB Virtuals की स्थापना भंवर बोरणा (Bhanwar Borana) ने की थी और यह CA और कॉमर्स छात्रों के लिए एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म है

📌 BB Virtuals का दावा है कि उसने 2 लाख से अधिक छात्रों को ऑनलाइन प्रशिक्षित किया है और 500 से अधिक ऑल इंडिया रैंक होल्डर्स तैयार किए हैं

Veranda Learning और BB Virtuals के इस गठबंधन से कॉमर्स एजुकेशन को डिजिटल रूप से और अधिक विस्तार मिलेगा। यह अधिग्रहण Veranda को एक बड़े छात्र आधार तक पहुंचने में मदद करेगा और CA, CS, CMA जैसी प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराएगा


Navkar Digital: गुजरात में ऑफलाइन कॉमर्स एजुकेशन का मजबूत खिलाड़ी

📌 Navkar Digital गुजरात में एक प्रमुख ऑफलाइन शिक्षा मंच है, जो चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA), कंपनी सेक्रेटरी (CS) और कॉस्ट & मैनेजमेंट अकाउंटेंसी (CMA) की तैयारी कराने के लिए जाना जाता है

📌 यह प्लेटफॉर्म कॉमर्स स्टूडेंट्स को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और गाइडेंस प्रदान करता है। हालांकि BB Virtuals मुख्य रूप से ऑनलाइन लर्निंग पर केंद्रित है, Navkar Digital ऑफलाइन लर्निंग के क्षेत्र में अग्रणी है

Veranda Learning के BB Virtuals में हिस्सेदारी बढ़ाने के इस कदम को कॉमर्स एजुकेशन के डिजिटल विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे भारत में CA, CS, CMA और अन्य कॉमर्स से जुड़े पाठ्यक्रमों की डिजिटल लर्निंग को और अधिक बढ़ावा मिलेगा


Veranda Learning का यह अधिग्रहण क्यों महत्वपूर्ण है?

डिजिटल एजुकेशन में विस्तार: BB Virtuals पहले से ही ऑनलाइन एजुकेशन में मजबूत स्थिति रखता है। Veranda Learning के साथ आने से इसकी पहुंच और अधिक बढ़ेगी।

कॉमर्स एजुकेशन मार्केट में मजबूती: इस अधिग्रहण से Veranda Learning भारत में कॉमर्स एजुकेशन सेगमेंट में एक प्रमुख स्थान हासिल कर सकती है।

बड़े पैमाने पर छात्रों को फायदा: इस अधिग्रहण के बाद छात्रों को बेहतर संसाधन, ऑनलाइन कोर्सेज और एडवांस लर्निंग टूल्स मिलेंगे।

Veranda Learning का ग्रोथ प्लान: ₹250 करोड़ की फंडिंग मंजूरी के बाद, यह अधिग्रहण कंपनी के विस्तार की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।


क्या होगा Veranda Learning और BB Virtuals के इस गठबंधन का असर?

📌 छात्रों को मिलेगा ज्यादा कंटेंट और संसाधन:
BB Virtuals के मजबूत ऑनलाइन प्रेजेंस के कारण, Veranda Learning अब और अधिक छात्रों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकेगी

📌 एडटेक इंडस्ट्री में नई प्रतिस्पर्धा:
Unacademy, Byju’s, और अन्य एडटेक कंपनियों के मुकाबले Veranda Learning अब कॉमर्स एजुकेशन के डिजिटल स्पेस में एक बड़ी ताकत बन सकती है

📌 एडटेक कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी:
Veranda Learning और BB Virtuals की यह साझेदारी एडटेक इंडस्ट्री में निवेशकों की रुचि बढ़ा सकती है, खासकर कॉमर्स और प्रोफेशनल एजुकेशन सेगमेंट में।


Veranda Learning का अगला कदम क्या हो सकता है?

🔹 कॉमर्स एजुकेशन में और अधिक इनोवेशन लाना
🔹 AI और एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बेहतर लर्निंग प्लेटफॉर्म तैयार करना
🔹 भारत के छोटे शहरों में डिजिटल लर्निंग की पहुंच बढ़ाना
🔹 CA, CS, CMA के अलावा अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज में भी विस्तार करना


निष्कर्ष

📌 Veranda Learning का BB Virtuals में 10.59% अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने का फैसला भारत में कॉमर्स एजुकेशन के लिए एक बड़ा कदम है

📌 इस अधिग्रहण से डिजिटल लर्निंग को और मजबूती मिलेगी, जिससे लाखों छात्रों को फायदा होगा

📌 Navkar Digital जैसे ऑफलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर, Veranda Learning अब भारत में कॉमर्स और प्रोफेशनल एजुकेशन का एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है

📌 आने वाले समय में Veranda Learning के इस कदम का एडटेक इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा! 🚀

read more :इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $184.4 मिलियन, पिछले हफ्ते की तुलना में 51% की गिरावट

इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $184.4 मिलियन, पिछले हफ्ते की तुलना में 51% की गिरावट

Last Week Indian startups

इस हफ्ते 22 भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर करीब $184.4 मिलियन (₹1,530 करोड़) की फंडिंग जुटाई, जिसमें 10 ग्रोथ-स्टेज डील्स और 12 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल हैं। इसके अलावा, 1 स्टार्टअप ने अपने फंडिंग डिटेल्स साझा नहीं किए।

फंडिंग ट्रेंड: पिछले हफ्ते के मुकाबले भारी गिरावट

इसके विपरीत, पिछले हफ्ते 32 स्टार्टअप्स ने कुल $375.52 मिलियन (₹3,100 करोड़) जुटाए थे। इस हफ्ते फंडिंग में करीब 51% की गिरावट दर्ज की गई


ग्रोथ-स्टेज फंडिंग: Udaan, Waterfield Advisory और Spyne को बड़ा निवेश

इस हफ्ते ग्रोथ-स्टेज फंडिंग में कुछ बड़े सौदे देखने को मिले। प्रमुख स्टार्टअप्स जिन्होंने इस कैटेगरी में फंडिंग जुटाई:

Udaan – B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने Series G राउंड में $75 मिलियन जुटाए।
Waterfield Advisory – वेल्थ एडवाइजरी फर्म ने Jungle Ventures के नेतृत्व में $18 मिलियन जुटाए।
Spyne – SaaS स्टार्टअप ने $16 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की।
The Whole Truth – हेल्दी फूड ब्रांड को निवेश मिला।
Dogsee Chew – पेट-केयर ब्रांड ने फंडिंग हासिल की।
Rare Rabbit – न्यू-एज फैशन ब्रांड को निवेश मिला।
Credit Fair – NBFC स्टार्टअप को फंडिंग प्राप्त हुई।
Curefoods – फूडटेक स्टार्टअप को निवेश मिला।
Solitario Diamonds – ज्वेलरी कंपनी ने फंडिंग जुटाई।


अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने जुटाए $33.4 मिलियन

इस हफ्ते 12 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $33.4 मिलियन जुटाए। इनमें से कुछ प्रमुख सौदे:

Singulr AI – एंटरप्राइज़ AI स्टार्टअप ने Seed राउंड में $10 मिलियन जुटाए।
Ikonz Studios – AI फर्म को निवेश मिला।
Probus – IoT और डेटा एनालिटिक्स स्टार्टअप ने फंडिंग जुटाई।
Swish Club – DaaS (Devices-as-a-Service) स्टार्टअप ने निवेश प्राप्त किया।
OneTab AI – वर्कप्लेस SaaS स्टार्टअप को फंडिंग मिली।
Lurny – कंटेंट क्रिएशन प्लेटफॉर्म ने निवेश जुटाया लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया।


शहर और सेक्टर-वाइज फंडिंग ट्रेंड

📌 शहरों के हिसाब सेबेंगलुरु ने 12 डील्स के साथ बढ़त बनाई, इसके बाद मुंबई, पुणे और अन्य शहरों का स्थान रहा।

📌 सेक्टर-वाइज
🔹 AI स्टार्टअप्स ने 5 डील्स के साथ टॉप पोजिशन हासिल की।
🔹 फूडटेक सेक्टर में 3 स्टार्टअप्स को फंडिंग मिली।
🔹 फिनटेक, ई-कॉमर्स और SaaS स्टार्टअप्स ने भी निवेश प्राप्त किया।

📌 सीरीज-वाइज डील्स
🔹 Seed राउंड में सबसे अधिक 6 डील्स हुईं
🔹 इसके बाद Series A, Pre-Series A, और Series G में निवेश हुआ।


महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ और इस्तीफे

इस हफ्ते स्टार्टअप इंडस्ट्री में कई महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन हुए:

🆕 नई नियुक्तियाँ:
Practo – हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म ने Jagnoor Singh को COO नियुक्त किया।
PayU India – डिजिटल पेमेंट फर्म ने Pramod Rao को चीफ रिस्क ऑफिसर बनाया।
Tuco Kids – फ्लिपकार्ट के पूर्व VP Chanakya Gupta को को-फाउंडर बनाया गया।
Trifecta Capital – इन्वेस्टर Saurabh Singh को पार्टनर के रूप में नियुक्त किया।

🚪 इस्तीफे:
ShareChat के सीनियर एग्जीक्यूटिव्स Anurag Verma और Shashank Shekhar ने अपने पद छोड़ दिए।


मर्जर और अधिग्रहण (M&A) डील्स

🛠️ इस हफ्ते कई बड़ी अधिग्रहण डील्स देखने को मिली:

Atlys – वीज़ा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म Artionis UK सब्सिडियरी का अधिग्रहण किया।
PayRangeSaaS स्टार्टअप Turns को खरीदा।
Yuma EnergyGrinntech का अधिग्रहण किया, बैटरी टेक्नोलॉजी को मजबूत करने के लिए।
InCred GroupArrow Capital (DIFC) Limited का अधिग्रहण किया, MENA क्षेत्र में विस्तार के लिए।


फंड लॉन्चेस

🚀 इस हफ्ते दो बड़े निवेश फंड लॉन्च हुए:

IN-SPACe$57.58 मिलियन का फंड लॉन्च किया, स्पेस-टेक स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए।
Steptrade Share Services₹1,000 करोड़ का SME और माइक्रोकैप फंड लॉन्च किया।


नए लॉन्च और पार्टनरशिप्स

🔹 Zypp ElectricIndofast Energy के साथ EV विस्तार के लिए साझेदारी
🔹 Skylark Dronesएग्रीकल्चर-फोकस्ड नया सॉफ्टवेयर DMO-AG लॉन्च किया।
🔹 StockGro और Zomatoफाइनेंशियल लिटरेसी प्रमोट करने के लिए पार्टनरशिप
🔹 Paytmसोलर पावर्ड साउंडबॉक्स लॉन्च किया
🔹 CARS24नया प्लेटफॉर्म लॉन्च कर लोन सेवाओं का विस्तार किया
🔹 KiranaProONDC से जुड़ा, क्विक कॉमर्स बिजनेस को बढ़ाने के लिए


फाइनेंशियल रिजल्ट्स

📉 SolarSquare – घाटा 2.3 गुना बढ़ा।
📈 Rare Rabbit – ₹650 करोड़ का राजस्व, मुनाफा 2.3 गुना बढ़ा।
📉 The Ayurveda Co – ₹60 करोड़ का राजस्व, घाटा 3 गुना बढ़ा।
📈 The Souled Store – FY24 में पहली बार प्रॉफिट में पहुंचा।


संभावित डील्स और IPO अपडेट्स

WLDDScoopWhoop के अधिग्रहण की बातचीत में
PhonePeIPO की तैयारी शुरू
NaviFY26 में IPO लॉन्च करने की योजना


निष्कर्ष: इस हफ्ते की प्रमुख खबरें

📉 स्टार्टअप फंडिंग में 51% की गिरावट दर्ज की गई
🔹 Zomato और Jio Financial Services, Nifty 50 में शामिल हुए
🚀 Elon Musk की Tesla ने भारत में हायरिंग शुरू की
🔹 Swiggy ₹1,000 करोड़ Scootsy में निवेश करेगा

📌 आने वाले हफ्तों में फंडिंग ट्रेंड कैसा रहेगा? जानने के लिए बने रहें! 🚀

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WLDD और ScoopWhoop के बीच अधिग्रहण की बातचीत,

WLDD

भारत की डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक और बड़ा बदलाव हो सकता है, क्योंकि मार्केटिंग कंपनी Wubba Lubba Dub Dub (WLDD) डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म ScoopWhoop का अधिग्रहण करने की तैयारी में है।

➡️ WLDD और The Good Glamm Group (GGG) के बीच बातचीत जारी है।
➡️ WLDD ने इस अधिग्रहण के लिए टर्म शीट जारी कर दी है और ड्यू डिलिजेंस की प्रक्रिया चल रही है।
➡️ ScoopWhoop को करीब ₹18-20 करोड़ में बेचा जा सकता है।

यह खबर सबसे पहले Livemint ने रिपोर्ट की थी।


Good Glamm Group की गिरती वैल्यूएशन और बेचने की वजह

The Good Glamm Group ने अक्टूबर 2021 में ScoopWhoop को करीब ₹100 करोड़ में खरीदा था। हालांकि, अब यह प्लेटफॉर्म सिर्फ ₹18-20 करोड़ में बिकने की संभावना है, जो बताता है कि कंपनी वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है।

📌 Good Glamm Group ने इस खबर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

👉 वित्तीय परेशानियों के चलते Good Glamm Group अपने डिजिटल मीडिया बिजनेस को बेचकर कंपनी के अन्य दायित्वों को पूरा करने की योजना बना रहा है।

➡️ इस बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी वेतन भुगतान, वेंडर पेमेंट्स और अन्य वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए कर सकती है।


Good Glamm Group की मौजूदा स्थिति और वित्तीय चुनौतियाँ

💰 Good Glamm Group ने 2021 में $250 मिलियन जुटाकर यूनिकॉर्न स्टेटस हासिल किया था।
💰 मार्च 2023 में एक ब्रिज राउंड में $30 मिलियन की फंडिंग हासिल की थी।
💰 कंपनी का वैल्यूएशन अब काफी गिर चुका है और नए फंडिंग राउंड के लिए संघर्ष कर रही है।

📉 पिछले एक साल में Good Glamm Group को कई वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें वेतन में देरी और छंटनी शामिल हैं।

➡️ हाल ही में, Sirona ने भी Good Glamm Group से अपनी ब्रांड ओनरशिप वापस खरीद ली और स्वतंत्र रूप से संचालन करने का फैसला किया।


Good Glamm Group से प्रमुख अधिकारियों का इस्तीफा

📌 जनवरी 2024 में, कंपनी की को-फाउंडर Priyanka Gill ने भी Good Glamm Group में अपनी एक्टिव भूमिका छोड़ दी।
📌 पिछले महीने, कई प्रमुख निवेशकों और स्वतंत्र निदेशकों ने भी कंपनी से इस्तीफा दे दिया, जिनमें शामिल हैं:

✔️ Anand Daniel (Accel Partners)
✔️ Vishal Gupta (Bessemer)
✔️ Gaurav Kothari (Prosus Ventures)

👉 इन प्रमुख अधिकारियों के जाने से यह संकेत मिलता है कि कंपनी आंतरिक रूप से कठिनाइयों का सामना कर रही है।


WLDD के लिए यह अधिग्रहण क्यों महत्वपूर्ण है?

ScoopWhoop भारत के प्रमुख डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों में से एक है और इसकी व्यापक यूजर एंगेजमेंट क्षमता है।

🎯 ScoopWhoop क्यों आकर्षक है?
✔️ मजबूत डिजिटल प्रजेंस – सोशल मीडिया और वेब ट्रैफिक पर अच्छा प्रदर्शन
✔️ युवा यूजर्स का बड़ा बेस – मिलेनियल्स और जेन Z ऑडियंस के बीच लोकप्रिय
✔️ ब्रांड्स के साथ मजबूत टाई-अप्स – डिजिटल विज्ञापन और ब्रांडेड कंटेंट का बड़ा पोर्टफोलियो

➡️ WLDD इस अधिग्रहण के जरिए अपने मार्केटिंग और डिजिटल मीडिया बिजनेस का विस्तार कर सकता है।

👉 यह अधिग्रहण WLDD को डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में एक बड़ी पहचान दिला सकता है और नए ब्रांड्स को अपनी मार्केटिंग सर्विसेस से जोड़ने में मदद कर सकता है।


Good Glamm Group के लिए आगे क्या?

Good Glamm Group एक समय भारतीय ब्यूटी और डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ रही थी, लेकिन वित्तीय दबाव के कारण अब इसे अपने कई बिजनेस यूनिट्स बेचने पड़ रहे हैं।

➡️ कंपनी को फंडिंग जुटाने में मुश्किल हो रही है, और नए निवेशक भी कम वैल्यूएशन पर सौदे कर रहे हैं।
➡️ अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो Good Glamm Group को अपने अन्य बिजनेस वर्टिकल्स भी बेचने पड़ सकते हैं।

📉 कंपनी के यूनिकॉर्न स्टेटस को बनाए रखना अब चुनौती बन गया है।

👉 क्या ScoopWhoop की बिक्री Good Glamm Group को आर्थिक संकट से उबार पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा।


निष्कर्ष: यह सौदा क्यों अहम है?

🔥 Good Glamm Group का यह फैसला कंपनी के गिरते वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाता है।
🔥 WLDD इस अधिग्रहण से अपने डिजिटल मीडिया बिजनेस को तेजी से बढ़ा सकता है।
🔥 ScoopWhoop के लिए यह मौका नई संभावनाओं को खोल सकता है, अगर WLDD इसे सही तरीके से मैनेज करता है।
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