AstroTalk $100 मिलियन की नई फंडिंग जुटाने की तैयारी में ज्योतिषीय प्लेटफॉर्म

AstroTalk

ऑनलाइन ज्योतिष प्लेटफॉर्म AstroTalk जल्द ही एक नई फंडिंग राउंड के लिए $50-100 मिलियन (लगभग ₹835 करोड़) जुटाने की बातचीत कर रहा है। यह बातचीत कंपनी द्वारा एक साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू की गई है, और इस बार का निवेश दौर कंपनी के IPO (Initial Public Offering) से ठीक पहले होने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक, यह फंडिंग AstroTalk को $1.3 से $1.5 बिलियन की वैल्यूएशन तक पहुंचा सकती है, जिससे यह 2025 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने वाले अन्य स्टार्टअप्स जैसे Jumbotail, Drools, Porter, Netradyne और Juspay की कतार में आ जाएगा।


💼 निवेश और IPO की तैयारी

तीन सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि:

“AstroTalk वर्तमान में कई निवेशकों, जिनमें इसके मौजूदा निवेशक भी शामिल हैं, से बात कर रहा है। यह फंडिंग राउंड IPO से पहले का आखिरी दौर हो सकता है।”

कंपनी कुछ महीनों में अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल करने की तैयारी में है और 2025 की पहली छमाही में सार्वजनिक लिस्टिंग की योजना बना रही है।


📈 अब तक का निवेश और ग्रोथ

  • AstroTalk ने जून 2023 में $14 मिलियन की फंडिंग जुटाई थी
  • अब तक कुल फंडिंग: $34 मिलियन
  • प्रमुख निवेशक: Left Lane और Elev8 Capital

यह नया निवेश कंपनी की पिछली $300 मिलियन वैल्यूएशन से कई गुना अधिक उछाल लेकर आएगा, जो इसके तेज़ी से बढ़ते रेवेन्यू और मुनाफे को देखते हुए तर्कसंगत भी लगता है।


💰 मजबूत वित्तीय प्रदर्शन

AstroTalk ने बीते दो वर्षों में अभूतपूर्व ग्रोथ दर्ज की है:

वित्त वर्षरेवेन्यू (₹ करोड़)मुनाफा (₹ करोड़)
FY24651100
FY251,182250+

यह सफलता विशेष रूप से डिजिटल ज्योतिष सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता और भारत में अध्यात्मिक सलाह की मांग को दर्शाती है।


🔍 AstroTalk क्या करता है?

AstroTalk एक ऑनलाइन ज्योतिष प्लेटफॉर्म है जहां यूजर्स इंटरनेट, कॉल या चैट के माध्यम से अनुभवी ज्योतिषियों से सलाह ले सकते हैं। प्लेटफॉर्म पर:

  • 45,000+ ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडर, न्यूमेरोलॉजिस्ट और वास्तु विशेषज्ञ
  • सेवाएं: विवाह, करियर, स्वास्थ्य, संतान, संपत्ति जैसे विषयों पर व्यक्तिगत भविष्यवाणियां
  • यूज़र्स की सुविधा के लिए 24×7 सेवा उपलब्ध

🧘‍♂️ D2C वेलनेस बिज़नेस की शुरुआत

AstroTalk अब सिर्फ ज्योतिष तक सीमित नहीं है। हाल ही में कंपनी ने एक नया D2C (Direct to Consumer) वर्टिकल लॉन्च किया है, जिसमें शामिल हैं:

  • पुजा बुकिंग सेवाएं
  • रत्न और ज्योतिष उपाय
  • आध्यात्मिक और वेलनेस प्रोडक्ट्स

कंपनी के सह-संस्थापक Anmol Jain का कहना है कि यह नया वर्टिकल कंपनी के कुल राजस्व में 25-30% का योगदान देगा, और यह भी लाभदायक रहेगा।


📊 ऑनलाइन ज्योतिष क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा

हालांकि AstroTalk सबसे बड़ा और सबसे तेज़ी से बढ़ता खिलाड़ी बन चुका है, लेकिन इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा भी है:

  • Astrosage
  • Astroyogi
  • GaneshaSpeaks
  • InstraAstro

इन प्लेटफॉर्म्स के बीच यूज़र एक्सपीरियंस, ज्योतिषियों की विश्वसनीयता, और टेक्नोलॉजी इनोवेशन ही मुख्य अंतर बनते हैं। AstroTalk की मजबूत तकनीकी टीम और UX-फोकस इसे एक मजबूत बढ़त देती है।


📌 क्या बनाता है AstroTalk को खास?

  • स्वदेशी टेक प्लेटफॉर्म: भारत में विकसित और भारत के लिए डिजाइन
  • प्रामाणिक ज्योतिषी: सख्त वेरिफिकेशन और क्वालिटी कंट्रोल
  • वर्चुअल अध्यात्म का अनुभव: यूज़र्स को घर बैठे व्यक्तिगत अनुभव

🛫 आगे की उड़ान: IPO से यूनिकॉर्न तक

AstroTalk के लिए यह नई फंडिंग और आगामी IPO:

  • भारत के टेकी अध्यात्मिक स्टार्टअप्स को एक नई पहचान देगा
  • पहला ऐसा वेंचर फंडेड प्लेटफॉर्म बन सकता है जो इस क्षेत्र में सार्वजनिक होगा
  • निवेशकों और यूज़र्स दोनों के लिए भरोसे का संकेत बनेगा

🧾 निष्कर्ष

AstroTalk की यह फंडिंग यात्रा और IPO की तैयारी भारत में अध्यात्मिक टेक्नोलॉजी (Spiritual Tech) की नई लहर को दर्शाती है। अगर यह फंडिंग और लिस्टिंग सफल होती है, तो यह दुनिया के पहले डिजिटल ज्योतिष यूनिकॉर्न के रूप में स्थापित हो सकता है।

AstroTalk न सिर्फ अध्यात्म और तकनीक का संगम है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत का सांस्कृतिक ज्ञान अब ग्लोबल स्टार्टअप लैंडस्केप में भी चमक बिखेर सकता है।


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Read more :🎯 Probo पर ED की बड़ी कार्रवाई: ₹284.5 करोड़ की संपत्ति जब्त,

🎯 Probo पर ED की बड़ी कार्रवाई: ₹284.5 करोड़ की संपत्ति जब्त,

Probo

केंद्र सरकार की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मशहूर “opinion-trading” प्लेटफ़ॉर्म Probo के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम और जींद में छापेमारी की और ₹284.5 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी का आरोप है कि Probo ने ऑनलाइन सट्टेबाज़ी के नियमों का उल्लंघन करते हुए “opinion trading” की आड़ में जुआ जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया।


📌 क्या है मामला?

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि Probo पर “binary outcome events” — यानी दो संभावित परिणामों वाले इवेंट्स — पर यूज़र्स को दांव लगाने की सुविधा दी गई थी, जो जुए के समान है। हालांकि कंपनी इसे “opinion trading” कहती रही, लेकिन ED इसे Public Gambling Act और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के उल्लंघन के रूप में देख रही है।

इस सिलसिले में ED ने गुरुग्राम, पलवल और आगरा में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर छापेमारी की, जिसमें डिजिटल सबूत और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।


🧾 अब तक क्या-क्या सामने आया?

  • कुल ₹284.5 करोड़ की संपत्तियां और डिजिटल डेटा जब्त
  • तीन शहरों में एफआईआर: गुरुग्राम, पलवल, आगरा
  • आरोप: “opinion trading” की आड़ में सट्टा बाजार जैसा संचालन
  • कार्रवाई: Public Gambling Act, PMLA और BNS के तहत जांच

⚖️ न्यायिक लड़ाई भी जारी

Probo सिर्फ ED की जांच में ही नहीं, बल्कि हरियाणा हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका (PIL) का सामना कर रहा है। इस याचिका में मांग की गई है कि Probo जैसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि ये टेक स्टार्टअप की आड़ में जुए जैसे प्लेटफ़ॉर्म चला रहे हैं।

🏛️ हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया:

इस मामले को देखते हुए हरियाणा सरकार ने हाल ही में Prevention of Gambling Act, 2025 लागू किया है। इस कानून के तहत ऐसे सभी ऐप्स और प्लेटफॉर्म पर लगाम कसने की कोशिश की गई है जो “दांव पर खेलने” जैसे मॉडल पर आधारित हैं।

हालांकि, यह नया कानून खुद विवादों में घिर गया है, क्योंकि गेमिंग इंडस्ट्री के कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कानून बहुत व्यापक है और इसके संवैधानिक वैधता पर भी सवाल उठ रहे हैं।


🗣️ Probo की प्रतिक्रिया

Probo ने एक बयान जारी कर कहा:

“हम सभी हितधारकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि Probo जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता यूज़र्स की सुरक्षा और विश्वास है। हम कानूनों का पालन करते हैं और पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखते हैं।”

कंपनी ने यह भी कहा कि वह इस मामले में जल्द ही आगे की जानकारी साझा करेगी और हर स्थिति में न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करती है।


📈 कंपनी का प्रदर्शन और फंडिंग

Probo ने अब तक कुल $28 मिलियन (लगभग ₹230 करोड़) से ज़्यादा की फंडिंग जुटाई है।

प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:

  • Peak XV Partners (21.72%) – सबसे बड़ा बाहरी शेयरधारक
  • Elevation Capital
  • The Fundamentum Partnership

वित्तीय प्रदर्शन (FY24):

  • राजस्व: ₹86 करोड़ से बढ़कर ₹459 करोड़ (5.4 गुना वृद्धि)
  • मुनाफा: ₹92 करोड़
  • FY25 के आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं हुए हैं

🧠 Probo का बिज़नेस मॉडल क्या है?

Probo एक “opinion trading platform” है जहां यूज़र हां/ना वाले सवालों पर “शेयर” खरीदकर अपना मत देते हैं। जैसे: “क्या भारत अगला T20 मैच जीतेगा?”, “क्या बजट में आयकर छूट बढ़ेगी?”
यह मॉडल देखने में गेमिफाइड है लेकिन ED का कहना है कि इसमें असल में सट्टा शामिल है, क्योंकि इसमें पैसा लगाने और दांव जीतने का तत्व है।


🕹️ टेक स्टार्टअप बनाम सट्टा बहस

  • Probo जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स खुद को “टेक स्टार्टअप” कहते हैं
  • लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह सिर्फ जुए को वैध रूप देने की रणनीति है
  • सवाल उठता है: क्या टेक्नोलॉजी का उपयोग इस तरह के व्यापारिक मॉडल को वैध बना देता है?

📅 आगे क्या?

  • अगली सुनवाई हरियाणा हाईकोर्ट में अगस्त के अंत में निर्धारित है
  • ED की वित्तीय जांच जारी है
  • संभावित रूप से और भी फंड्स और बैंक खातों की जांच हो सकती है
  • Gaming और Tech उद्योग में नीति निर्धारण को लेकर बहस तेज हो रही है

✅ निष्कर्ष

Probo पर ED की कार्रवाई भारत में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के भविष्य को लेकर एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। जहां एक ओर सरकार टेक इनोवेशन को बढ़ावा देना चाहती है, वहीं दूसरी ओर सट्टा गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम भी उठा रही है।

आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि Probo और अन्य ऐसे प्लेटफॉर्म इस कानूनी और नियामकीय चुनौती से कैसे निपटते हैं, और भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम इस नई हकीकत के साथ कैसे तालमेल बैठाता है।


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Read more :📱 जून में UPI ट्रांजैक्शंस में मामूली गिरावट,

📱 जून में UPI ट्रांजैक्शंस में मामूली गिरावट,

UPI

भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की रीढ़ बन चुके यूपीआई (UPI) नेटवर्क ने जून 2025 में कुल 18.4 अरब ट्रांजैक्शंस को प्रोसेस किया, जिसकी कुल वैल्यू ₹24.04 लाख करोड़ रही। यह मई 2025 के मुकाबले थोड़ी गिरावट दर्शाता है, जब रिकॉर्ड 18.68 अरब ट्रांजैक्शंस और ₹25.14 लाख करोड़ वैल्यू दर्ज की गई थी।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भले ही ट्रांजैक्शंस की संख्या में हल्की कमी आई हो, लेकिन PhonePe और Google Pay का UPI ट्रांजैक्शंस में प्रभुत्व अभी भी अटूट बना हुआ है।


📊 टॉप पर कौन रहा?

🔹 PhonePe – नंबर 1

  • ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 8.55 अरब
  • वैल्यू: ₹11.99 लाख करोड़
  • मार्केट शेयर: कुल वॉल्यूम का 46.5% और वैल्यू का लगभग 50%
    PhonePe लगातार UPI की दुनिया का निर्विवाद लीडर बना हुआ है। कंपनी ने जून में लगभग हर दो में से एक ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया।

🔹 Google Pay – दूसरा स्थान

  • ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 6.54 अरब
  • वैल्यू: ₹8.41 लाख करोड़
  • मार्केट शेयर: वॉल्यूम में 35.6% और वैल्यू में 35%
    Google Pay भी UPI के उपयोग में मजबूती से बना हुआ है, खासकर मिड और टियर I शहरों में।

🔹 Paytm – तीसरा स्थान

  • ट्रांजैक्शन वॉल्यूम: 1.27 अरब
  • वैल्यू: ₹1.34 लाख करोड़
  • मार्केट शेयर: वॉल्यूम का 6.9%, वैल्यू का 5.6%
    हालांकि Paytm कुछ नियामकीय चुनौतियों से जूझ रहा है, फिर भी इसकी उपस्थिति मजबूत बनी हुई है।

🌱 उभरते खिलाड़ी भी कर रहे हैं कमाल

🟢 super.money बनाम CRED

  • Super.money ने वॉल्यूम में CRED को पछाड़ा, लेकिन ट्रांजैक्शन वैल्यू में पीछे रहा।
  • Navi और FamApp जैसे नए प्लेटफॉर्म्स ने भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया:
    • Navi: 406 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹21,815 करोड़ वैल्यू
    • FamApp: 113 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹1,440 करोड़ वैल्यू

🟠 Amazon Pay और BHIM

  • Amazon Pay: 93 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹9,942 करोड़
  • BHIM: 73 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹11,726 करोड़
  • BHIM ऐप, जो सरकार द्वारा प्रमोटेड है, 17 महीनों के बाद फिर से टॉप 10 UPI ऐप्स में शामिल हुआ।

🏦 बैंक-समर्थित ऐप्स का योगदान

  • Axis Bank UPI ऐप्स: 24 मिलियन ट्रांजैक्शन | ₹5,231 करोड़
  • B2C UPI ट्रांजैक्शंस में Axis Bank अग्रणी रहा, जहां उसने 102 मिलियन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए जिसकी वैल्यू ₹4,155 करोड़ रही।

🌍 भारत से बाहर भी UPI का विस्तार

UPI अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा। वर्तमान में यह 8 देशों में ऑपरेशनल है:

  • भूटान, नेपाल, मॉरीशस, श्रीलंका, सिंगापुर, फ्रांस, ओमान, UAE

🗺️ आगामी विस्तार की योजनाएं:

  • Qatar, Thailand, Malaysia और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में जल्द लॉन्च की तैयारी
  • UK, ओमान, मालदीव UPI इंटीग्रेशन की शुरुआती प्रक्रिया में हैं
  • नामीबिया भी 2025 के अंत तक UPI लॉन्च करने की योजना बना रहा है

NPCI ग्लोबल पेमेंट इकोसिस्टम में भारत की भागीदारी को मज़बूत बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।


📉 ट्रेंड: क्यों घटे ट्रांजैक्शंस?

UPI ट्रांजैक्शन में आई गिरावट के संभावित कारण:

  1. महीने के अंत में छुट्टियां और वेतन नहीं आना
  2. ऑफर और कैशबैक की कमी
  3. ई-कॉमर्स या ऑनलाइन रिटेल में गिरावट

हालांकि यह एक सामान्य मासिक उतार-चढ़ाव माना जा रहा है, विशेषज्ञों का मानना है कि कुल मिलाकर UPI की ग्रोथ स्थिर और विश्वसनीय बनी हुई है।


📈 भविष्य की दिशा

  • रिटेल पेमेंट्स में UPI की हिस्सेदारी अब 80% से अधिक पहुंच चुकी है
  • रूरल क्षेत्रों में UPI अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है, खासकर फीचर फोन पर आधारित UPI Lite और Voice-based UPI विकल्पों के ज़रिए
  • सरकार और RBI भी जल्द ही क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज करने वाले हैं, जिससे बड़ी वैल्यू के ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा मिलेगा

✅ निष्कर्ष

UPI ने डिजिटल भुगतान का चेहरा बदल दिया है। जून 2025 में आई मामूली गिरावट कोई चिंता की बात नहीं बल्कि एक सामान्य रुझान है। PhonePe और Google Pay का वर्चस्व जारी है, जबकि Paytm, Amazon Pay, BHIM और नए खिलाड़ियों की स्थिति भी मज़बूत हो रही है।

भारत से बाहर UPI के विस्तार और नई तकनीकी पहल, जैसे वॉयस पेमेंट्स, इसे आने वाले वर्षों में और भी प्रभावशाली बनाएंगे।


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Read more :🎙️ Pocket FM बनाम Kuku FM दिल्ली हाई कोर्ट में बढ़ा ऑडियो

🎙️ Pocket FM बनाम Kuku FM दिल्ली हाई कोर्ट में बढ़ा ऑडियो

Pocket FM

भारत के दो प्रमुख ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स — Pocket FM और Kuku FM — के बीच चल रहा कॉपीराइट और ट्रेडमार्क उल्लंघन का मामला गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा। इस हाई-प्रोफाइल कानूनी लड़ाई में दोनों पक्षों ने विस्तृत दलीलें पेश कीं, जिससे भारत में डिजिटल ऑडियो कंटेंट इंडस्ट्री में बढ़ते प्रतिस्पर्धा और कॉपीराइट नियमों पर रोशनी पड़ती है।


🧑‍⚖️ Pocket FM or Kuku FM केस की मुख्य बातें

Pocket FM ने Kuku FM की पैरेंट कंपनी Mebigo Labs पर आरोप लगाया है कि उसने जानबूझकर उसकी पांच लोकप्रिय ऑडियो सीरीज़ की कॉपी की है। इस मामले में Pocket FM ने:

  • ₹85.7 करोड़ का हर्जाना माँगा है
  • इन सीरीज़ के फॉर्मेट, टाइटल, थंबनेल और आर्टवर्क के उपयोग पर स्थायी रोक लगाने की मांग की है

📅 कोर्ट में क्या हुआ?

वर्चुअल सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष मजबूत तरीक़े से रखे:

🔹 Pocket FM का आरोप

  • Kuku FM पिछले चार सालों से उसकी ऑडियो सीरीज़, एपिसोड का फॉर्मेट, थंबनेल डिज़ाइन और प्रेजेंटेशन को कॉपी कर रहा है
  • इससे यूज़र्स भ्रमित हो रहे हैं और Pocket FM का ट्रैफिक Kuku FM की ओर जा रहा है
  • पहले भी कुछ मामलों में कोर्ट से उन्हें राहत मिल चुकी है, जिनमें Kuku FM को कुछ कंटेंट हटाना पड़ा

🔹 Kuku FM का बचाव

  • कंपनी ने सभी आरोपों को “सामान्य और निराधार” बताया
  • कहा कि जिन पांच सीरीज़ की बात हो रही है, उनमें गहन रिसर्च और मौलिक कार्य शामिल है
  • उन्होंने कोर्ट से दो हफ्तों की मोहलत मांगी है ताकि वे विस्तृत जवाब दाखिल कर सकें

⚖️ कोर्ट का फैसला क्या रहा?

दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की जटिलता को स्वीकार करते हुए:

  • Kuku FM को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया
  • Kuku FM को एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) प्रमाणपत्र जमा करने को कहा, जिसमें बताए जाए कि इन पांच सीरीज़ से कितना रेवेन्यू कमाया गया
  • जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, Kuku FM को इन सीरीज़ के नए एपिसोड रिलीज़ करने से रोका गया है

अगली सुनवाई की तारीख: 29 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने “संतुलित दृष्टिकोण” से अपनी बात रखी और इस समय किसी भी कंटेंट को हटाने या किसी पक्ष को राहत देने से इनकार किया।


🔁 पिछली कानूनी लड़ाइयों का इतिहास

यह पहला मौका नहीं है जब Pocket FM और Kuku FM कोर्ट में आमने-सामने आए हों:

  • 2022 में, दोनों कंपनियों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कानूनी मुकदमे दायर किए थे
  • दिसंबर 2022 में, एक केस सुलझा था जिसमें Pocket FM ने आरोप लगाया था कि Kuku FM ने उन किताबों की ऑडियो समरीज़ पब्लिश की जिनके एक्सक्लूसिव राइट्स Pocket FM के पास थे
  • मई 2025 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने Kuku FM के खिलाफ अंतरिम रोक लगाई थी क्योंकि उसने Pocket FM के वॉयसओवर (“आगे की कहानी के लिए, लॉग इन करें Pocket FM पर”) को हूबहू कॉपी किया था

📉 Kuku FM के खिलाफ समयबद्ध कानूनी कार्रवाई?

Kuku FM की ओर से यह भी कहा गया कि Pocket FM द्वारा इस तरह की लगातार कानूनी कार्रवाइयां निवेशकों और आम जनता के भरोसे को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही हैं, खासकर जब कंपनी IPO की तैयारी कर रही है।

हालांकि कोर्ट ने इस बात को संज्ञान में लिया, लेकिन ध्यान वर्तमान कॉपीराइट दावों और तथ्यों पर केंद्रित रखा।


🎧 भारत की ऑडियो कंटेंट इंडस्ट्री में मुकाबला

भारत में ऑडियो स्ट्रीमिंग और पॉडकास्टिंग इंडस्ट्री लगातार तेजी से बढ़ रही है। साथ ही बढ़ रही है प्रतिस्पर्धा और कॉपीराइट से जुड़ी जटिलताएं।

प्लेटफॉर्मयूएसपीहाल की गतिविधियाँ
Pocket FMथ्रिलर, रोमांस वॉइस सीरीज़इंटरनेशनल एक्सपेंशन, निवेश जुटाना
Kuku FMबुक समरीज़, मोटिवेशनल कंटेंटIPO प्लान की तैयारी
Audible, Spotifyप्रीमियम ऑडियोबुक्स और पॉडकास्टभारत में एंटरटेनमेंट बढ़ाना

📌 निष्कर्ष

Pocket FM बनाम Kuku FM का यह मामला सिर्फ दो कंपनियों का संघर्ष नहीं, बल्कि भारतीय ऑडियो इंडस्ट्री में बौद्धिक संपदा (IPR) के भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है। जैसे-जैसे कंटेंट और टेक्नोलॉजी एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं, वैसी ही कॉपीराइट सुरक्षा और कानूनी समझदारी की जरूरत बढ़ती जा रही है।

अब सभी की नजरें 29 अगस्त की अगली सुनवाई पर टिकी होंगी, जहां तय होगा कि यह विवाद किस दिशा में बढ़ेगा।


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Read more :✈️ IndiGo Ventures ने ₹450 करोड़ के पहले फंड क्लोज,

✈️ IndiGo Ventures ने ₹450 करोड़ के पहले फंड क्लोज,

IndiGo Ventures

भारत की प्रमुख एयरलाइन कंपनी IndiGo की वेंचर कैपिटल इकाई IndiGo Ventures ने अपने पहले फंड का प्रारंभिक क्लोज ₹450 करोड़ पर पूरा कर लिया है। इस फंड की स्थापना अगस्त 2024 में की गई थी, जिसके तहत SEBI से ₹600 करोड़ जुटाने की अनुमति मिली थी। अब इस क्लोज के साथ, कंपनी ने अपने पहले निवेश की भी घोषणा की है — Hyderabad आधारित Jeh Aerospace में, जिसकी रकम सार्वजनिक नहीं की गई है।


🚀 IndiGo Ventures का उद्देश्य: एयरोस्पेस में नवाचार को गति देना

IndiGo Ventures का फोकस खासकर early-stage स्टार्टअप्स में निवेश करने पर है जो एविएशन, एयरोस्पेस और इससे संबंधित क्षेत्रों में इनोवेशन ला रहे हैं। फंड Pre-Series A से Series B स्टेज के स्टार्टअप्स को लक्षित करेगा, ताकि दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग तैयार किया जा सके।

IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स (Pieter Elbers) ने कहा:

“यह निवेश न सिर्फ भारत और अमेरिका के एयरोस्पेस संबंधों को मजबूती देगा, बल्कि ‘Make-in-India’ अभियान को आगे बढ़ाएगा और भारत को वैश्विक एयरोस्पेस हब बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”


🛠️ Jeh Aerospace: भारत का उभरता एयरोस्पेस स्टार्टअप

Jeh Aerospace की स्थापना दो अनुभवी प्रोफेशनल्स — विशाल संघवी और वेंकटेश मुद्रगल्ला — द्वारा की गई थी, जो Tata-Boeing, Lockheed Martin और Sikorsky जैसी कंपनियों के साथ अनुभव रखते हैं।

🔧 Jeh Aerospace क्या करता है?

  • वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग को मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और सप्लाई चेन सॉल्यूशंस प्रदान करता है।
  • AS9100 मानकों के अनुरूप flight-critical aeroengine components और precision tools का निर्माण करता है।
  • स्टार्टअप ने एक साल के भीतर:
    • 100 इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम बनाई।
    • 100,000 से अधिक एयरक्राफ्ट कंपोनेंट्स डिलीवर किए।
    • $100 मिलियन से अधिक के लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए।

💻 फंडिंग से क्या होगा?

IndiGo Ventures द्वारा प्राप्त निवेश का उपयोग Jeh Aerospace निम्नलिखित में करेगा:

  • डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को स्केल करना
  • AI-संचालित प्रोडक्शन ऑप्टिमाइजेशन और सप्लाई चेन इंटीग्रेशन प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाना
  • इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन टैलेंट को जोड़ना

Jeh का लक्ष्य एक आधुनिक, डिजिटल और स्केलेबल एयरोस्पेस उत्पादन इकाई बनाना है जो भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाए।


💰 पिछले निवेश और प्रगति

Jeh Aerospace ने जनवरी 2024 में भी $2.75 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई थी, जिसका नेतृत्व General Catalyst ने किया था। अन्य निवेशकों में शामिल थे:

  • प्रत्युष कुमार – बोइंग इंडिया के पूर्व प्रमुख
  • द्वारकानाथ श्रीनिवास – रणनीतिक सलाहकार और एंजेल निवेशक

यह फंडिंग Jeh की प्रारंभिक ग्रोथ में सहायक रही और इसने अपनी मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं का विस्तार किया।


🛫 IndiGo Ventures का रणनीतिक दृष्टिकोण

IndiGo Ventures का यह पहला निवेश यह दर्शाता है कि वह सिर्फ वित्तीय रिटर्न पर नहीं, बल्कि इंडस्ट्री-फिट इनोवेशन, मेक इन इंडिया समर्थन, और दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग पर ध्यान दे रहा है।

IndiGo न केवल एक एयरलाइन है, बल्कि अब वह खुद को एक टेक-एनेबल्ड एविएशन प्लेटफॉर्म में बदलने की दिशा में काम कर रही है। इसी उद्देश्य से उसने यह वेंचर फंड शुरू किया है।


🔍 भारत का एयरोस्पेस परिदृश्य

भारत में एयरोस्पेस सेक्टर लगातार विकास कर रहा है:

  • सरकार की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष जोर
  • Make in India और Atmanirbhar Bharat की नीति
  • तेजी से बढ़ती प्राइवेट और कमर्शियल एविएशन इंडस्ट्री
  • स्टार्टअप्स द्वारा ड्रोन, सैटेलाइट और डिफेंस टेक में इनोवेशन

Jeh Aerospace जैसे स्टार्टअप्स इस इकोसिस्टम का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं।


🌐 भविष्य की योजनाएं

पहलविवरण
🎯 रणनीतिएयरोस्पेस-फोकस्ड इनोवेशन और निर्माण को प्रोत्साहन देना
🚀 लक्ष्यभारत को एयरोस्पेस और एविएशन हब बनाना
💼 अगला कदमJeh जैसे और स्टार्टअप्स में निवेश कर पूरे इकोसिस्टम को मजबूती देना
🔬 फोकस क्षेत्रAI, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई चेन, इंजीनियरिंग

📌 निष्कर्ष

IndiGo Ventures का यह पहला फंड क्लोज और Jeh Aerospace में निवेश भारत के एयरोस्पेस इनोवेशन क्षेत्र में एक बड़ी शुरुआत है। यह केवल एक फाइनेंशियल डील नहीं, बल्कि एक रणनीतिक पहल है जो भारत को एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में वैश्विक मंच पर स्थापित कर सकती है।

IndiGo के अनुभव और Jeh की टेक्निकल क्षमता का मेल आने वाले वर्षों में भारत की डिफेंस और एविएशन क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।


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📺 Chai Bisket की नई पेशकश ‘Chai Shots’ के लिए ₹41 करोड़ की फंडिंग

Chai Bisket

हैदराबाद स्थित लोकप्रिय कंटेंट ब्रांड Chai Bisket ने अपने नए OTT प्लेटफॉर्म Chai Shots के लॉन्च के लिए $5 मिलियन (लगभग ₹41 करोड़) की सीड फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग राउंड InfoEdge Ventures और General Catalyst के नेतृत्व में हुआ, जिसमें देश के कई नामी एंजेल इन्वेस्टर्स ने भी भाग लिया।


📈 Chai Bisket निवेशकों की लंबी लिस्ट में दिग्गज स्टार्टअप फाउंडर्स

इस फंडिंग राउंड में जिन प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया, उनमें शामिल हैं:

  • अभिनेता राणा दग्गुबाती
  • Swiggy के सह-संस्थापक श्री हर्षा मजेती और नंदन रेड्डी
  • redBus के फाउंडर फणिंद्र समा
  • Darwinbox के को-फाउंडर रोहित चेनमनेनी
  • PhysicsWallah के को-फाउंडर्स आलख पांडेय और प्रतीक महेश्वरी
  • Rapido के को-फाउंडर्स
  • Virgio के फाउंडर अमर नागरम

इससे पहले Entrackr ने इस फंडिंग को लेकर एक्सक्लूसिव रिपोर्ट दी थी।


📱 क्या है Chai Shots? – जेन Z और टियर-2/3 भारत के लिए मोबाइल-ओनली मनोरंजन

Chai Shots एक रीजनल-फर्स्ट, मोबाइल-ओनली माइक्रोड्रामा OTT प्लेटफॉर्म है, जो 2 मिनट की फिक्शनल एपिसोड्स के ज़रिए युवा और उभरते दर्शकों को टारगेट कर रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर आने वाले शोज़ होंगे:

  • हाई-क्वालिटी, इमोशनल और एंगेजिंग स्टोरीज़
  • सभी प्रमुख भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में
  • खासतौर पर Telugu, उसके बाद Tamil, Malayalam और Kannada

यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से Gen Z और टियर II–III शहरों के लिए तैयार किया गया है, जहां शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।


🎬 100+ ओरिजिनल शोज़: छह महीनों में बड़ा कंटेंट धमाका

Chai Shots को शरत चंद्र, अनुराग रेड्डी, और कृष्ण मोहन वर्मा मिलकर नेतृत्व कर रहे हैं। कृष्ण मोहन वर्मा अब टेक्नोलॉजी को-फाउंडर की भूमिका में जुड़ गए हैं और इस नए प्लेटफॉर्म के तकनीकी रोडमैप को लीड करेंगे।

कंपनी का दावा है कि पहले छह महीनों में 100 से ज्यादा ओरिजिनल शोज़ रिलीज़ किए जाएंगे। ये सभी शोज़ होंगे:

  • स्क्रिप्टेड और हाई-प्रोडक्शन वैल्यू वाले
  • शॉर्ट-फॉर्म फिक्शन पर फोकस
  • मोबाइल व्यूइंग के लिए खासतौर पर डिज़ाइन किए गए

यह प्लेटफॉर्म यूट्यूब या इंस्टाग्राम जैसे यूज़र-जनरेटेड वीडियो प्लेटफॉर्म्स से बिल्कुल अलग होगा।


📊 बढ़ती प्रतिस्पर्धा: Flick TV, Kuku TV, QuickTV भी दौड़ में

Chai Shots को मार्केट में Flick TV जैसे प्लेटफॉर्म से मुकाबला करना होगा, जिसने हाल ही में $2.3 मिलियन जुटाए हैं। इसके अलावा:

  • Kuku FM द्वारा लॉन्च किया गया Kuku TV
  • ShareChat का QuickTV
  • Reel Saga और Reelies जैसे शॉर्ट-फॉर्म वीडियो ऐप्स

…भी इसी स्पेस में तेजी से उभर रहे हैं। मगर Chai Shots का फिक्शन-केंद्रित और प्रीमियम शॉर्ट ड्रामा फॉर्मेट इसे इनसे अलग बनाता है।


🎯 क्यों खास है Chai Shots?

विशेषताविवरण
🎯 लक्ष्य दर्शकGen Z और टियर II-III दर्शक
🕒 फॉर्मेट2 मिनट के फिक्शनल एपिसोड्स
🌐 भाषाएंTelugu से शुरुआत, फिर Tamil, Malayalam, Kannada
📱 डिवाइसमोबाइल-फर्स्ट, व्यक्तिगत व्यूइंग अनुभव
📡 कंटेंट100+ ओरिजिनल शोज़, इमोशनल और कहानी-आधारित

🗣️ संस्थापक की प्रतिक्रिया

शरत चंद्र ने कहा:

“भारत में शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर टियर 2-3 शहरों में। हम मानते हैं कि Chai Shots जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए हम एक नया मनोरंजन अनुभव बना सकते हैं — छोटा, मगर असरदार।”


🧠 टेक्नोलॉजी से मिलेगी ताकत

Chai Shots सिर्फ कंटेंट प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक कंटेंट+टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम के रूप में तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य है:

  • कंटेंट की सटीक पर्सनलाइजेशन
  • स्मूथ और कम डाटा में प्लेबैक
  • यूज़र इंगेजमेंट बढ़ाने वाले फीचर्स

यह प्लेटफॉर्म भारत के OTT इकोसिस्टम में एक नये सब-सेगमेंट — माइक्रो फिक्शन OTT — को जन्म दे सकता है।


🔮 भविष्य की योजनाएं

  • तेलुगू भाषा में लॉन्च, फिर तमिल, मलयालम, कन्नड़ में विस्तार
  • 6 महीनों में 100+ शोज़
  • अगले 12 महीनों में 5 मिलियन यूज़र टारगेट
  • भविष्य में हिंदी, बंगाली और मराठी भाषाओं में भी एंट्री की तैयारी

📌 निष्कर्ष

भारत में मनोरंजन का तरीका तेज़ी से बदल रहा है। अब दर्शक बड़े पर्दे पर नहीं, बल्कि माइक्रो स्क्रीन्स पर माइक्रो ड्रामा देखना चाहते हैं। ऐसे में Chai Bisket की नई पेशकश Chai Shots इस ट्रेंड को ध्यान में रखकर एक अनोखा, सशक्त और स्केलेबल OTT मॉडल लेकर आई है।

अगर प्लेटफॉर्म अपने वादे के मुताबिक कंटेंट क्वालिटी और यूज़र एक्सपीरियंस बनाए रखता है, तो यह भारत के डिजिटल मनोरंजन जगत में “Netflix of Microdrama” बन सकता है।

Read more :🎓 Varthana को मिला ₹159 करोड़ का निवेश,

🎓 Varthana को मिला ₹159 करोड़ का निवेश,

Varthana

बेंगलुरु स्थित शिक्षा-आधारित नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) वर्थना (Varthana) ने कुल ₹159 करोड़ का कर्ज निवेश (debt investment) हासिल किया है। यह फंडिंग External Commercial Borrowing (ECB) और Non-Convertible Debentures (NCD) के ज़रिए जुटाई गई है। इस निवेश में शामिल तीन प्रमुख वैश्विक निवेशकों में BlueEarth Capital, Franklin Templeton AIF और ResponsAbility शामिल हैं।

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💸 फंडिंग ब्रेकअप: कौन-कितना निवेश लाया?

  • BlueEarth Capital ने ₹69 करोड़ का निवेश किया
  • ResponsAbility ने ₹65 करोड़ की भागीदारी की
  • Franklin Templeton AIF ने ₹25 करोड़ का निवेश किया

इससे पहले भी वर्थना ने $89.5 मिलियन (करीब ₹745 करोड़) की फंडिंग ओमिड्यार नेटवर्क (Omidyar Network) समेत अन्य निवेशकों से जुटाई थी।


🏫 varthana का मिशन: हर बच्चे तक पहुंचे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

वर्थना की स्थापना 2013 में स्टीव हार्डग्रेव (Steve Hardgrave) और ब्रजेश मिश्रा ने की थी। इसका उद्देश्य देशभर के अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूलों और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। वर्थना मुख्य रूप से निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

  • स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लोन
  • शिक्षक प्रशिक्षण के लिए फंडिंग
  • छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण

वर्थना का फोकस है कि वह शिक्षा क्षेत्र में ऐसे स्कूलों और समुदायों के साथ साझेदारी करे जो आम तौर पर पारंपरिक बैंकिंग और फाइनेंस सिस्टम से वंचित रहते हैं।


🔋 अब स्कूलों में होगी सोलर एनर्जी की एंट्री

वर्थना ने अपने प्रेस रिलीज में कहा कि यह नई फंडिंग देशभर के अफोर्डेबल स्कूल नेटवर्क को बढ़ाने और स्कूलों में सौर ऊर्जा और रिन्यूएबल एनर्जी समाधान लाने में उपयोग की जाएगी।

यह कदम न केवल स्कूलों के बिजली खर्च को घटाएगा बल्कि पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी को भी दर्शाएगा। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि बिजली की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।


🌱 इम्पैक्ट इन्वेस्टमेंट की ओर बढ़ता कदम

इस फंडिंग का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह इम्पैक्ट इन्वेस्टमेंट के तहत आती है। इसमें वे निवेशक शामिल हैं जो केवल मुनाफा नहीं, बल्कि सामाजिक प्रभाव भी देखना चाहते हैं। BlueEarth Capital, Franklin Templeton और ResponsAbility जैसे वैश्विक संस्थान इस बात का उदाहरण हैं कि भारतीय शिक्षा क्षेत्र में कैसे वैश्विक विश्वास बढ़ रहा है।


📈 10 वर्षों की यात्रा: 12,000+ स्कूलों को सपोर्ट

पिछले एक दशक में वर्थना ने:

  • 12,000 से अधिक अफोर्डेबल स्कूलों को वित्तीय सहायता दी
  • 19,000 से अधिक स्कूल लोन स्वीकृत किए
  • 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अपना ऑपरेशन फैलाया
  • 40 शाखाओं के नेटवर्क के ज़रिए टीयर II और टीयर III शहरों में अपनी मौजूदगी दर्ज की

इस तरह वर्थना भारत के ऐसे समुदायों तक पहुंच बना रही है जहां गुणवत्ता वाली शिक्षा की पहुंच सीमित रही है।


📣 CEO स्टीव हार्डग्रेव का बयान

“हम Blue Earth Capital, Franklin Templeton AIF और ResponsAbility के साथ साझेदारी कर शिक्षा क्षेत्र में प्रभावशाली बदलाव लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं। हमारा उद्देश्य हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है, और यह निवेश उस दिशा में बड़ा कदम है।”

स्टीव हार्डग्रेव, सीईओ, वर्थना


🌍 शिक्षा क्षेत्र में वित्तीय नवाचार का उदाहरण

वर्थना का यह प्रयास दिखाता है कि NBFC मॉडल को केवल रियल एस्टेट या ऑटो लोन तक सीमित नहीं रखा जा सकता। यदि सही दिशा में काम किया जाए, तो NBFCs भी सामाजिक परिवर्तन और समावेशी विकास का बड़ा माध्यम बन सकते हैं।

वर्थना ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा में निवेश न केवल ज़रूरी है, बल्कि यह एक स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट भी बन सकता है, जो दीर्घकालिक लाभ और सामाजिक उन्नति दोनों प्रदान करता है।


🔍 वर्थना के प्रतियोगी कौन?

वर्थना का मुकाबला उन NBFCs और फिनटेक कंपनियों से है जो शिक्षा ऋण या माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में काम कर रही हैं, जैसे:

  • Avanse Financial Services
  • InCred Education Loans
  • Eduvanz
  • Propelld

हालाँकि, वर्थना की विशिष्टता उसके स्कूल केंद्रित अप्रोच और सौर ऊर्जा इंटीग्रेशन में है, जिससे यह शिक्षा क्षेत्र में फंडिंग के लिए एक यूनिक प्लेटफॉर्म बन जाता है।


✍️ निष्कर्ष

वर्थना द्वारा जुटाई गई ₹159 करोड़ की यह फंडिंग न केवल उसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि यह संकेत देती है कि भारत में शिक्षा के लिए वित्तीय सहयोग का दायरा अब तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में वर्थना का लक्ष्य है कि वह 150+ जिलों में अपनी पहुंच बढ़ाए और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के मिशन को साकार करे।

Read more :🇮🇳 CoinDCX में लीडरशिप बदलाव

🇮🇳 CoinDCX में लीडरशिप बदलाव

CoinDCX

भारत की अग्रणी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX ने अपनी टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट रणनीति को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की हैं। कंपनी ने अमोल वांजारी को हेड ऑफ इंजीनियरिंग और संगीथ एलोशियस को हेड ऑफ प्रोडक्ट नियुक्त किया है।

इन नई नियुक्तियों के ज़रिए CoinDCX अगले छह महीनों में अधिक से अधिक भारतीय निवेशकों को प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या में भी 15% की वृद्धि करने की योजना बना रही है।


👨‍💻 अमोल वांजारी: तकनीकी बुनियाद को मजबूत करने की जिम्मेदारी

CoinDCX के नए हेड ऑफ इंजीनियरिंग अमोल वांजारी अमेजन, अक्को और बिज़ोंगो जैसी दिग्गज कंपनियों में 20 वर्षों से अधिक का इंजीनियरिंग अनुभव लेकर आए हैं। उन्होंने Amazon Pay में भुगतान प्रणालियों और AI आधारित टूल्स पर कार्य किया है, साथ ही डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम, प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट, और इंफ्रास्ट्रक्चर डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की है।

“मेरा फोकस CoinDCX की तकनीकी नींव को और मजबूत करने और प्लेटफॉर्म को सभी प्रकार के निवेशकों के लिए और अधिक सीमलेस, विश्वसनीय और यूजर-फ्रेंडली बनाने पर होगा,”
— अमोल वांजारी, हेड ऑफ इंजीनियरिंग, CoinDCX

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी के पास 200 से अधिक इंजीनियरिंग पेशेवरों की एक मजबूत टीम है, जिससे CoinDCX बड़े पैमाने पर इनोवेशन करने के लिए तैयार है।


📱 संगीथ एलोशियस: यूजर एक्सपीरियंस और प्रोडक्ट डेवेलपमेंट को नई दिशा

CoinDCX में हेड ऑफ प्रोडक्ट की जिम्मेदारी संभाल रहे संगीथ एलोशियस इससे पहले Flipkart में सीनियर डायरेक्टर और हेड ऑफ प्रोडक्ट्स के रूप में काम कर चुके हैं। उनके पास 18 वर्षों का प्रोडक्ट मैनेजमेंट अनुभव है और वे उपभोक्ता अनुभव, मूल्य निर्धारण, लॉयल्टी प्रोग्राम और सप्लाई चेन डेवेलपमेंट जैसे क्षेत्रों में कार्य कर चुके हैं।

Indian School of Business (ISB) के पूर्व छात्र संगीथ एलोशियस अब CoinDCX में प्रोडक्ट रणनीति, नवाचार और उपयोगकर्ता-केंद्रित अनुभव पर ध्यान केंद्रित करेंगे।


📈 CoinDCX की भविष्य की योजना: भारत के लिए क्रिप्टो को और सरल बनाना

CoinDCX का लक्ष्य है कि वह भारत में क्रिप्टो निवेश को आसान, सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाए। वर्तमान में कंपनी के पास 1.9 करोड़ से अधिक यूजर्स का विशाल आधार है और वह लगातार अपना प्लेटफॉर्म विस्तार कर रही है।

कंपनी अपनी आगामी रणनीति के तहत:

  • नए प्रोडक्ट्स और फीचर्स लाने,
  • यूजर इंटरफेस को और आसान बनाने,
  • ट्रेडिंग एक्सपीरियंस को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाने,
  • और भारत के नए-नए इलाकों में यूजर्स तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

👥 हायरिंग और टीम विस्तार भी है प्राथमिकता

CoinDCX ने यह भी घोषणा की है कि वह अपनी वर्कफोर्स में 15% की वृद्धि करने जा रही है। इसका उद्देश्य है नए तकनीकी और उत्पाद नवाचारों को बेहतर ढंग से कार्यान्वित करना।

इस हायरिंग के तहत कंपनी को:

  • डेटा एनालिटिक्स,
  • साइबर सुरक्षा,
  • क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर,
  • और यूजर एक्सपीरियंस डिजाइन जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की तलाश है।

🔐 निवेशकों के लिए सुरक्षित और प्रभावशाली प्लेटफॉर्म

CoinDCX अपनी तकनीकी क्षमताओं के ज़रिए निवेशकों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना चाहता है जहां वे भरोसेमंद तरीके से क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग और निवेश कर सकें।

अमोल वांजारी और संगीथ एलोशियस जैसे अनुभवी लीडर्स की नियुक्ति इस दिशा में एक बड़ा कदम है।


📊 भारतीय क्रिप्टो मार्केट में CoinDCX की स्थिति

भारत में CoinDCX एक अग्रणी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म बन चुका है। Binance, WazirX, CoinSwitch जैसे प्रतियोगियों के बीच CoinDCX का फोकस यूजर-केंद्रित इनोवेशन और पारदर्शिता पर है।

पिछले कुछ वर्षों में, क्रिप्टो मार्केट को लेकर भले ही नियामक स्पष्टता की कमी रही हो, लेकिन CoinDCX ने लगातार SEBI और RBI के साथ संवाद बनाए रखा है, ताकि भविष्य में नियामकीय ढांचे के भीतर संचालन किया जा सके।


🧠 निष्कर्ष

CoinDCX की ये नई नियुक्तियाँ एक स्पष्ट संकेत हैं कि कंपनी आने वाले वर्षों में भारत को क्रिप्टो निवेश का हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

तकनीकी सुदृढ़ता, उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार, और पारदर्शी संचालन के ज़रिए CoinDCX भारतीय युवाओं, निवेशकों और व्यापारियों के लिए क्रिप्टो को एक आसान और सुरक्षित विकल्प बनाना चाहता है।

Read more :Zepto जल्द जुटा सकता है $500 मिलियन की फंडिंग

Zepto जल्द जुटा सकता है $500 मिलियन की फंडिंग

Zepto

मुंबई आधारित क्विक कॉमर्स स्टार्टअप Zepto एक बार फिर निवेशकों की नजरों में छाया हुआ है। Zepto $500 मिलियन (लगभग ₹4,160 करोड़) की एक नई फंडिंग राउंड के लिए जनरल कैटालिस्ट (General Catalyst), Avenir और अन्य मौजूदा निवेशकों के साथ उन्नत बातचीत में है।

इस फंडिंग राउंड के बाद कंपनी की वैल्यूएशन लगभग $7 बिलियन (₹58,000 करोड़) तक पहुंचने की संभावना है, जो कि इसके पिछले नवंबर 2024 के फंडिंग राउंड में मिली $5 बिलियन वैल्यूएशन से काफी अधिक है।


🚀 2024 में $1.35 बिलियन जुटा चुका है Zepto

Zepto ने साल 2024 में ही कुल मिलाकर $1.35 बिलियन की फंडिंग जुटाई थी। इसमें एक बड़ा हिस्सा $665 मिलियन की सीरीज़ F फंडिंग और फिर एक $340 मिलियन का टॉप-अप राउंड शामिल था।

कंपनी के को-फाउंडर आदित पालिचा (Aadit Palicha) के नेतृत्व में Zepto भारत में क्विक कॉमर्स का प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरा है।


📉 IPO को किया गया पोस्टपोन, फोकस में है प्रॉफिटेबिलिटी

इस फंडिंग की खबर ऐसे समय पर सामने आई है जब Zepto ने अपनी IPO योजना को 2026 तक स्थगित कर दिया है। हालांकि कंपनी ने जनवरी 2025 में ‘रिवर्स फ्लिप’ कर भारत में रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है, जो एक आईपीओ की दिशा में जरूरी कदम माना जाता है।

अब कंपनी का पूरा ध्यान कैश बर्न कम करने और EBITDA स्तर पर लाभ कमाने पर है, जिससे IPO के वक्त मजबूत वित्तीय स्थिति प्रस्तुत की जा सके।


🛑 छोटे शहरों में Zepto Cafe अस्थायी रूप से बंद

लागतों में बढ़ोत्तरी के चलते Zepto ने अपने Zepto Cafe सेवा को उत्तर भारत के कुछ छोटे शहरों—जैसे कि आगरा, चंडीगढ़, मेरठ, मोहाली और अमृतसर—में अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। यह सेवा कंपनी के फूड सर्विस वर्टिकल का हिस्सा थी और यह निर्णय लागत कम करने की रणनीति का हिस्सा है।


⚔️ Blinkit और Swiggy से तीव्र प्रतिस्पर्धा

हालांकि Zepto तेज़ी से बढ़ रहा है, पर उसे Blinkit और Swiggy Instamart जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। ICICI Securities की एक रिपोर्ट के अनुसार, FY26 की पहली तिमाही में Blinkit और Instamart ने क्रमशः 25% और 22% की ग्रोथ दर्ज की, जो कि इस सेक्टर की औसतन 20% से कम ग्रोथ को पीछे छोड़ती है।


📦 $4 बिलियन GOV और EBITDA पॉज़िटिव डार्क स्टोर्स

Zepto के अनुसार, कंपनी अब सालाना $4 बिलियन की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) के नजदीक पहुंच चुकी है। पालिचा ने अप्रैल में बताया था कि कंपनी ने सिर्फ 8 महीनों में $1B से $3B तक का स्केल किया, जो कि 300% साल-दर-साल ग्रोथ को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि Zepto के अधिकांश डार्क स्टोर्स अगली तिमाही तक पूरी तरह EBITDA पॉज़िटिव हो जाएंगे, जिससे कंपनी का प्रॉफिटेबिलिटी मॉडल और मजबूत होगा।


🧠 फंडिंग का उपयोग: टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन और विस्तार

इस आगामी फंडिंग का उपयोग Zepto:

  • अपने ऑपरेशनल स्केल को बढ़ाने,
  • टेक्नोलॉजी स्टैक को अपग्रेड करने,
  • और सप्लाई चेन एफिशिएंसी को मजबूत करने में करेगा।

कंपनी खास तौर पर मेट्रो शहरों और टियर-2, टियर-3 शहरों में विस्तार की योजना बना रही है, जिससे उसका यूजर बेस और बढ़ेगा।


📅 IPO टाइमलाइन: अब 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में संभावित

हालांकि पहले की रिपोर्ट्स में कहा गया था कि Zepto का IPO टल गया है, कंपनी ने अब स्पष्ट किया है कि IPO का लक्ष्य 2025 के अंत से 2026 की शुरुआत के बीच रखा गया है — यह भी मार्केट कंडीशन्स पर निर्भर करेगा।

साथ ही, कंपनी अब अपने कैप टेबल में घरेलू निवेशकों को भी शामिल करने पर काम कर रही है, ताकि भारत में लिस्टिंग की प्रक्रिया सरल और मजबूत हो सके।


🏁 Zepto का सफर: 2021 से 2025 तक

  • 2021 में शुरुआत हुई थी इस स्टार्टअप की।
  • शुरुआत से ही 15-20 मिनट में डिलीवरी के वादे ने युवा उपभोक्ताओं के बीच इसे पॉपुलर बनाया।
  • कंपनी ने तेजी से मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में डार्क स्टोर्स खोलकर अपने नेटवर्क को बढ़ाया।
  • 2024 में यह भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्विक कॉमर्स स्टार्टअप बनकर उभरा।

🏆 प्रतियोगिता और संभावनाएं

Zepto वर्तमान में Blinkit (Zomato समर्थित), Swiggy Instamart, Tata-backed BigBasket जैसे बड़े खिलाड़ियों से मुकाबला कर रहा है।

लेकिन Zepto की तेज़ ग्रोथ, लो कैश बर्न रणनीति और मजबूत सप्लाई चेन इसे लिस्टिंग से पहले एक आकर्षक विकल्प बना रही है।


🔚 निष्कर्ष

Zepto की $500 मिलियन फंडिंग की संभावित डील यह दर्शाती है कि भारत का क्विक कॉमर्स स्पेस निवेशकों के लिए अभी भी बहुत आकर्षक बना हुआ है।

IPO टालने के बावजूद, कंपनी की वित्तीय स्थिति, ग्रोथ रेट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी इस बात का संकेत देती हैं कि आने वाले समय में Zepto भारत का अगला यूनिकॉर्न स्टार बन सकता है — या शायद डेकाकॉर्न।

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📉 भारतीय स्टॉक मार्केट में एक्टिव यूजर्स की संख्या घटी, Groww बना लीडर

Groww

📊 भारतीय (groww) शेयर बाजार के रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच ऐक्टिव यूजर बेस में गिरावट देखी गई है। जनवरी 2025 में 4.96 करोड़ (49.67 मिलियन) की पीक पर पहुंचने के बाद यह संख्या जून 2025 में घटकर 4.79 करोड़ (47.89 मिलियन) रह गई है। हालांकि, मई से जून के बीच इसमें 2% की मामूली बढ़ोतरी हुई है — मई में कुल 4.69 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे।


🥇 Groww बना नंबर 1, लेकिन यूजर बेस में आई गिरावट

स्टॉक ब्रोकिंग एप्स में Groww ने 26.27% मार्केट शेयर के साथ अपनी लीडिंग पोज़िशन बरकरार रखी है। हालांकि, इसकी यूजर संख्या 12.79 मिलियन से घटकर जून में 12.58 मिलियन हो गई, जो कि 1.67% की गिरावट है।

Groww का तेजी से बढ़ता वर्चस्व 2023 के बाद शुरू हुआ था जब इसने युवा निवेशकों को डिजिटल-फर्स्ट एक्सपीरियंस के साथ आकर्षित किया। हालांकि अब इसके यूजर ग्रोथ में थोड़ी सुस्ती दिख रही है।


🥈 Zerodha दूसरे नंबर पर, Angel One नज़दीक

Zerodha, जो लम्बे समय तक बाजार में अग्रणी रहा, अब 15.58% मार्केट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके एक्टिव यूजर्स जून में 7.75 मिलियन से घटकर 7.58 मिलियन हो गए हैं — यानी 2.23% की गिरावट।

Zerodha का मुख्य फोकस अनुभवशील ट्रेडर्स और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स रहा है, लेकिन नए ग्राहकों को जोड़ने में इसकी पकड़ कमजोर हुई है।

Angel One, जो कि लगातार मजबूत हो रहा है, अब तीसरे स्थान पर 7.32 मिलियन यूजर्स और 15.28% मार्केट शेयर के साथ Zerodha के बेहद करीब पहुंच गया है। अगर मौजूदा रुझान जारी रहे, तो अगले कुछ महीनों में Angel One Zerodha को पछाड़ सकता है।


📉 Upstox और ICICIdirect की स्थिति स्थिर

Upstox, जो रतन टाटा समर्थित प्लेटफॉर्म है, अब चौथे स्थान पर है। इसका मार्केट शेयर 5.37% है और यूजर बेस जून में घटकर 2.57 मिलियन रह गया — यानी 3.36% की गिरावट।

वहीं ICICIdirect ने स्थिरता दिखाई है। इसका यूजर बेस मई की तुलना में जून में लगभग समान रहा — 1.95 मिलियन, यानी कोई विशेष बढ़ोतरी नहीं, लेकिन गिरावट भी नहीं।


🏛️ ट्रेडिशनल ब्रोकर्स का प्रदर्शन

परंपरागत ब्रोकर्स जैसे HDFC Securities और SBI Securities ने जून में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की है:

  • HDFC Securities: 1.58 मिलियन यूजर्स | 1.32% मासिक वृद्धि
  • SBI Securities: 1.01 मिलियन यूजर्स | 1.65% मासिक वृद्धि

इसके विपरीत, Kotak Securities और Motilal Oswal जैसे ब्रांड्स को गिरावट का सामना करना पड़ा:

  • Kotak: -0.86%
  • Motilal Oswal: -1.07%

इससे संकेत मिलता है कि परंपरागत ब्रोकिंग कंपनियों को डिजिटल स्पेस में और मजबूत पकड़ बनाने की आवश्यकता है।


🌱 उभरते ब्रोकर्स: Dhan, Paytm Money, Sharekhan

Dhan, जो एक उभरता हुआ प्लेटफॉर्म है, ने जून में अपनी 10वीं पोजीशन बनाए रखी। इसके पास 1 मिलियन यूजर्स हैं और इसका मार्केट शेयर 2.08% है।

Paytm Money, जिसने बीते वर्षों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, ने 2.74% की बढ़ोतरी दर्ज की और इसका यूजर बेस बढ़कर 7.24 लाख हो गया है।

वहीं दूसरी ओर, Sharekhan का यूजर बेस 2.46% गिरकर 6.25 लाख रह गया है।


📉 गिरावट पर Share.Market (PhonePe)

PhonePe द्वारा लॉन्च किया गया Share.Market ऐप फिलहाल कठिन समय से गुजर रहा है। जून 2025 में इसके यूजर्स की संख्या 3.52% घटकर 3.47 लाख रह गई है।

PhonePe जैसी बड़ी फिनटेक कंपनी के लिए यह चिंता का विषय है, खासकर तब जब ब्रोकिंग स्पेस में प्रतियोगिता तेज़ हो रही हो।


📉 एक्टिव यूजर्स में गिरावट का क्या मतलब है?

जनवरी से जून तक करीब 1.78 मिलियन एक्टिव यूजर्स के कम होने का मतलब है कि बाजार में रिटेल निवेशकों की सक्रियता थोड़ी धीमी हुई है। इसके पीछे संभावित कारण हो सकते हैं:

  • बाजार की अस्थिरता या करेक्शन
  • आईपीओ गतिविधियों में गिरावट
  • युवा निवेशकों की प्राथमिकता में बदलाव
  • या कुछ यूजर्स द्वारा एकाधिक प्लेटफॉर्म से हटकर एक को चुनना

हालांकि, जून में 2% की मासिक बढ़त यह भी दर्शाती है कि बाजार में वापसी का संकेत मिल रहा है।


🔮 आगे की संभावनाएं

भारत का ब्रोकिंग सेक्टर अब भी दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते रिटेल इन्वेस्टमेंट स्पेस में से एक है। अगर कंपनियां अपने यूजर्स को बेहतर डिजिटल अनुभव, रिसर्च टूल्स और कम फीस मुहैया करवा सकें, तो आने वाले महीनों में एक्टिव यूजर्स की संख्या फिर से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है।

Groww, Zerodha, Angel One जैसे प्लेटफॉर्म्स को अब भी युवा निवेशकों की पहली पसंद माना जाता है, लेकिन नए खिलाड़ी जैसे Dhan और Paytm Money भी धीरे-धीरे अपना स्थान बना रहे हैं।


निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में सक्रिय रिटेल निवेशकों की संख्या में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन बाजार में फिर से सक्रियता बढ़ने की संभावना है। Groww और Angel One की मजबूत पकड़ को देखते हुए आने वाले महीनों में शीर्ष स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा और तेज हो सकती है। परंपरागत ब्रोकर्स को अगर डिजिटल दुनिया में टिके रहना है तो उन्हें अपनी सेवाओं में इनोवेशन लाना होगा।

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