Constelli ने जुटाए $3 मिलियन, नए उत्पादों के विकास पर जोर

Constelli

Constelli, एक उभरता हुआ एयरोस्पेस और डिफेंस टेक स्टार्टअप, ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में $3 मिलियन जुटाए हैं। यह निवेश Pravega Ventures के नेतृत्व में हुआ और यह कंपनी के लिए पहला संस्थागत फंडिंग राउंड है।

Constelli निवेश का उपयोग और लक्ष्य

Constelli ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस फंड का उपयोग कैपिटल एक्सपेंडिचर (पूंजीगत व्यय) और नए उत्पादों के अनुसंधान और विकास (R&D) में किया जाएगा। कंपनी के सह-संस्थापक सत्या गोपाल पाणिग्रही और अविनाश चेन्नारेड्डी ने कहा कि यह निवेश उनकी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करेगा और नए समाधानों के विकास में सहायक होगा।

Constelli का परिचय

Constelli की स्थापना 2017 में हुई थी, और यह उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग समाधानों और उपकरणों के विकास में विशेषज्ञता रखता है। यह उपकरण एयरोस्पेस और डिफेंस सिस्टम्स के डिजाइन, विकास और परीक्षण को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

तकनीकी क्षमताएँ और फोकस क्षेत्र

Constelli आधुनिक तकनीकों और हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, मॉडलिंग और सिमुलेशन, तथा डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति का लाभ उठाता है।

  • तकनीकी परिष्कार में सुधार: कंपनी का उद्देश्य तकनीकी दक्षता को बढ़ाना है, जिससे जमीनी और हवाई रक्षा प्लेटफार्मों के लिए पेलोड के विकास चक्र को तेज किया जा सके।
  • वैश्विक उपस्थिति: Constelli के उत्पाद और सेवाएँ वैश्विक स्तर पर उपयोग की जाती हैं, विशेष रूप से उन संगठनों द्वारा जो रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम विकसित कर रहे हैं।

ग्राहक और साझेदारी

Constelli का ग्राहक आधार प्रमुख है और इसमें शामिल हैं:

  1. भारत के रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence):
    • कंपनी DRDO (Defence Research and Development Organisation) और अन्य भारतीय रक्षा संगठनों को सेवाएँ प्रदान करती है।
  2. अंतरराष्ट्रीय ग्राहक:
    • Constelli दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, और सिंगापुर के डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर्स को भी अपने उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करता है।

कंपनी का उद्देश्य

Constelli का मुख्य उद्देश्य एयरोस्पेस और डिफेंस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है। कंपनी ने कहा कि वह आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स की विकास प्रक्रिया को तेज और अधिक प्रभावी बनाना चाहती है।

फंडिंग का महत्व

Constelli के लिए यह पहला संस्थागत फंडिंग राउंड है, जो इसकी वृद्धि यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। Pravega Ventures का नेतृत्व इस बात का प्रमाण है कि कंपनी के पास नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में योगदान देने की क्षमता है।

एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र में Constelli का योगदान

एयरोस्पेस और डिफेंस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में Constelli का योगदान उल्लेखनीय है। कंपनी के समाधान न केवल भारतीय रक्षा प्रणालियों को सशक्त बनाते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त कर रहे हैं।

  • रडार और EW सिस्टम्स:
    Constelli के उत्पाद रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम्स के विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
  • तेज विकास प्रक्रिया:
    उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग और मॉडलिंग क्षमताओं के कारण, कंपनी रक्षा प्रणालियों के विकास चक्र को तेज करने में सक्षम है।

वैश्विक डिफेंस टेक्नोलॉजी में भारत की भूमिका

Constelli जैसी कंपनियाँ भारत को वैश्विक डिफेंस टेक्नोलॉजी परिदृश्य में प्रमुख भूमिका निभाने में मदद कर रही हैं। DRDO और अन्य भारतीय रक्षा संगठनों के साथ साझेदारी ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत तकनीकी नवाचार के मामले में आत्मनिर्भर बन सके।

भविष्य की योजनाएँ

Constelli भविष्य में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने और नए बाजारों में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। फंडिंग के बाद कंपनी ने अनुसंधान और विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है, जिससे नए और प्रभावी समाधान तैयार किए जा सकें।

निष्कर्ष

Constelli का $3 मिलियन का फंडिंग राउंड न केवल इसके विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भारतीय एयरोस्पेस और डिफेंस टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नवाचार को भी नई ऊँचाई पर ले जाने वाला है। कंपनी के सह-संस्थापकों की दृष्टि और तकनीकी विशेषज्ञता के साथ, Constelli आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।

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Avendus Future Leaders Fund III ने की पहले दौर में ₹850 करोड़ जुटाने की घोषणा

Avendus

Avendus Future Leaders Fund III (FLF III) ने अपने पहले दौर में ₹850 करोड़ ($100 मिलियन) की प्रतिबद्धता हासिल की है। यह नई पहल पिछले 7 वर्षों की सफलता पर आधारित है और अपने पूर्ववर्ती फंड्स की रणनीति को आगे बढ़ाते हुए स्थापित और उभरते बाजार के नेताओं में निवेश करने पर केंद्रित है।

FLF III: Avendusनिवेश की रणनीति और उद्देश्य

FLF III का उद्देश्य उच्च-विकास वाली बाजार अग्रणी कंपनियों और श्रेणी-निर्माण व्यवसायों का समर्थन करना है। Avendus के गहन विशेषज्ञता और उद्यमियों व वित्तीय प्रायोजकों के साथ मजबूत नेटवर्क का लाभ उठाते हुए, यह निवेशकों को एक अलग पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह निवेशकों को सह-निवेश (co-investment) के अवसर भी प्रदान करता है।

इस फंड में प्रमुख घरेलू फैमिली ऑफिस और भारतीय संस्थानों ने भाग लिया है। FLF III का लक्ष्य ₹1,500 करोड़ जुटाना है, जिसमें अतिरिक्त ₹1,500 करोड़ का ग्रीन शू विकल्प भी शामिल है। फंड की योजना 12-14 कंपनियों में निवेश करने की है, प्रत्येक निवेश का औसत आकार ₹150-300 करोड़ के बीच होगा।

FLF III का निवेश क्षेत्र

FLF III स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवाएँ, प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता उत्पाद, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में निवेश करेगा। फंड का पहला निवेश स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में होने की उम्मीद है, जो इसे एक मजबूत शुरुआत प्रदान करेगा।

FLF के पिछले फंड्स की सफलता

FLF III अपने पहले दो फंड्स की सफलता पर आधारित है:

  1. FLF I:
    • Lenskart, Bikaji, Juspay, SBI General Insurance, और Sagility Technologies जैसी कंपनियों में निवेश किया।
    • फंड ने 4 वर्षों के भीतर अपने निवेशकों को 100% से अधिक पूंजी वापस कर दी।
  2. FLF II:
    • हाल ही में पूरी तरह से निवेशित (fully deployed) हुआ।
    • इसमें भी कई प्रमुख कंपनियों को शामिल किया गया।

SEBI के तहत पंजीकरण

FLF III को SEBI के तहत कैटेगरी-II अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) के रूप में पंजीकृत किया गया है। यह निवेशकों को बेहतर लाभ के साथ सुरक्षित विकल्प प्रदान करने का प्रयास करता है।

Avendus की भूमिका

Avendus, अपने डोमेन विशेषज्ञता और मजबूत नेटवर्क के साथ, फंड को उन कंपनियों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है, जो न केवल बाजार में अग्रणी हैं बल्कि नए मानक स्थापित कर रही हैं। इसके साथ ही, यह निवेशकों को मल्टीपल एग्जिट विकल्प (multiple exit options) प्रदान करता है, जो उनके निवेश को सुरक्षित और लाभदायक बनाता है।

FLF III के निवेशकों को विशेष लाभ

FLF III के निवेशकों को पोर्टफोलियो कंपनियों में सह-निवेश के अवसर प्रदान किए जाते हैं। यह न केवल निवेशकों को बेहतर रिटर्न का मौका देता है, बल्कि उन्हें एक विविध पोर्टफोलियो तक पहुँच भी प्रदान करता है।

स्वास्थ्य सेवा में पहला निवेश

FLF III का पहला निवेश स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किया जाएगा। भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, और यह निवेश फंड के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकता है।

निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प

FLF III निवेशकों को न केवल उच्च रिटर्न का वादा करता है, बल्कि उन्हें सह-निवेश, ग्रीन शू विकल्प, और अलग-अलग क्षेत्रों में विविध पोर्टफोलियो का लाभ भी देता है।

निष्कर्ष

Avendus Future Leaders Fund III ने अपने पहले दौर में ₹850 करोड़ जुटाकर एक मजबूत शुरुआत की है। यह फंड भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च-विकास वाली कंपनियों को समर्थन देने और निवेशकों को मजबूत रिटर्न प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। FLF III के माध्यम से, Avendus भारत के वित्तीय और व्यापारिक परिदृश्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक साबित हो सकता है।

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Axio

ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon अब भारतीय फिनटेक कंपनी Axio (पूर्व में कैपिटल फ्लोट) का अधिग्रहण करने जा रही है। यह भारत के फिनटेक क्षेत्र में अमेज़न का दूसरा अधिग्रहण होगा, इससे पहले उसने Emvantage का अधिग्रहण किया था।

Axio ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, “दिसंबर में, उचित जांच प्रक्रिया (ड्यू डिलिजेंस) पूरी होने के बाद, हमने अमेज़न के साथ Axio के प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए समझौता किया। अब यह लेन-देन आवश्यक नियामक अनुमोदनों का इंतजार कर रहा है।” Axio के अनुसार, इस प्रस्तावित अधिग्रहण का उद्देश्य एक सफल छह साल के व्यवसाय और साझेदारी को और मजबूत करना है, जिसका लक्ष्य देशभर में ग्राहकों को सुलभ और किफायती क्रेडिट उपलब्ध कराना है।

Axio की सफलता की कहानी

Axio ने अब तक 10 मिलियन से अधिक ग्राहकों को सेवा दी है, और इसका AuM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) ₹2,200 करोड़ तक पहुँच चुका है। इसके अलावा, कंपनी का GNPA (ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) 3% है, जो इसे एक मजबूत और विश्वसनीय फिनटेक कंपनी बनाता है।

Amazon पहले ही Axio में निवेशक था और उसने 2018 में कंपनी के ₹144 करोड़ के एक्सटेंडेड सीरीज C राउंड में भाग लिया था। इसके बाद हाल ही में, अमेज़न ने अपनी Amazon Smbhav Venture Fund के माध्यम से Axio में $20 मिलियन का निवेश किया।

निवेश की विस्तार से जानकारी

बैंगलोर स्थित Axio ने अब तक कुल $157 मिलियन का इक्विटी निवेश और $671 मिलियन का कर्ज जुटाया है। इसके अलावा, Decathlon और Xiaomi जैसी कंपनियाँ भी Axio के साझेदार हैं।

TheKredible, एक स्टार्टअप डाटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के अनुसार, अमेज़न वर्तमान में Axio में 17.38% हिस्सेदारी रखता है।

वित्तीय प्रदर्शन

Axio के वित्तीय प्रदर्शन में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है। कंपनी ने FY24 में अपनी आय में 50% की वृद्धि दर्ज की, जो ₹235 करोड़ से बढ़कर ₹351 करोड़ हो गई। इस दौरान कंपनी का नुकसान FY24 में ₹18 करोड़ था, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह ₹137 करोड़ था। इस सुधार से Axio के व्यापार में एक सकारात्मक दिशा दिखती है और यह अमेज़न के अधिग्रहण के बाद और भी तेजी से बढ़ने की संभावना रखता है।

Axio और अमेज़न के लिए क्या मतलब है?

यह अधिग्रहण अमेज़न के लिए भारतीय फिनटेक बाजार में एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह भारत में एक मजबूत वित्तीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने में मदद करेगा। अमेज़न पहले से ही भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में एक बड़ा नाम है, और अब वह फिनटेक उद्योग में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

Axio की विशेषज्ञता और अमेज़न के संसाधनों का संयोजन भारतीय फिनटेक बाजार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। जहां एक ओर Axio किफायती क्रेडिट और वित्तीय सेवाओं को ग्राहकों तक पहुँचाने का काम कर रहा है, वहीं अमेज़न के पास विशाल ग्राहक आधार और टेक्नोलॉजी के मामले में भी एक मजबूत विशेषज्ञता है।

भविष्य की संभावनाएं

अमेज़न और Axio का यह अधिग्रहण भारतीय फिनटेक क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दे सकता है। यह कदम न केवल अमेज़न की उपस्थिति को भारत के फिनटेक क्षेत्र में और मजबूत करेगा, बल्कि यह भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बेहतर और सुलभ वित्तीय सेवाएँ भी उपलब्ध कराएगा।

अधिग्रहण के बाद, Axio के उत्पादों और सेवाओं को और भी विस्तार दिया जा सकता है, जिससे देशभर में अधिक ग्राहकों तक पहुंचने की संभावना है।

निष्कर्ष

अमेज़न का Axio का अधिग्रहण भारतीय फिनटेक क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साझेदारी न केवल दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को सुलभ और किफायती वित्तीय सेवाएँ प्राप्त करने में भी मदद करेगी। इसके अलावा, यह भारतीय फिनटेक उद्योग में और भी नवाचार और विकास को प्रेरित कर सकता है, जिससे देशभर में डिजिटल वित्तीय समाधानों की पहुंच बढ़ेगी।

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Emiza

तीसरी-पक्ष लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग कंपनी Emiza Supply Chain Services ने अपनी सीरीज़ A फंडिंग राउंड में ₹50 करोड़ (लगभग $6 मिलियन) जुटाए हैं। यह फंडिंग राउंड Evolvence India द्वारा नेतृत्व किया गया, और Mirabilis Investment ने भी इसमें भाग लिया।

इस निवेश के साथ, Emiza ने 4,327 अनिवार्य कुमुलेटिव प्रेफरेंस शेयरों को जारी करने का निर्णय लिया, जिनकी इश्यू प्राइस ₹1,15,569 प्रति शेयर थी। कंपनी ने इस फंडिंग का इस्तेमाल अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपने वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए लंबे समय तक संसाधन जुटाने के लिए करने का निर्णय लिया है।

Evolvence India ने ₹45 करोड़ का निवेश किया, जबकि Mirabilis Investment Trust ने ₹5 करोड़ का योगदान दिया। इस फंडिंग का उपयोग Emiza के वेयरहाउसिंग और पूरीफिलमेंट सर्विसेज के विस्तार और संचालन में किया जाएगा।

Emiza Supply Chain Services D2C (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) ब्रांड्स, SMEs, और बड़े ऑनलाइन व्यवसायों के लिए वेयरहाउसिंग और पूरा करने की सेवाएं प्रदान करती है। भारत के 14 शहरों में स्थित 27 वेयरहाउस के साथ, यह कंपनी स्टोरेज, पिकिंग, पैकिंग और लेबलिंग सहित 3 लाख B2B आदेशों का दैनिक प्रसंस्करण करती है।

कंपनी का इतिहास और भविष्य

Emiza की स्थापना 2016 में की गई थी, और अब यह भारतीय लॉजिस्टिक्स उद्योग में प्रमुख नामों में से एक बन चुकी है। वर्तमान में, कंपनी ने FY24 के दौरान ₹102 करोड़ की आय दर्ज की है, जो कि पिछले वर्ष से 40% अधिक है। हालांकि, कंपनी के लाभ में कमी आई है और यह ₹2.6 करोड़ रहा है, जबकि FY23 में यह ₹4.98 करोड़ था।

Emiza ने अब तक कुल ₹130 करोड़ (लगभग $16 मिलियन) से अधिक का निवेश प्राप्त किया है। इसमें 2022 में JM Financial Private Equity द्वारा किए गए ₹37.5 करोड़ का निवेश भी शामिल है। इसके अलावा, Mayfield ने अब तक सबसे बड़ा बाहरी निवेशक होने का दर्जा प्राप्त किया है, जिसमें उसका 26.42% का शेयर है।

लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग उद्योग में वृद्धि

भारत में ईकॉमर्स उद्योग में वृद्धि के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेवाओं की मांग में भी तेजी आई है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए Emiza जैसी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर सेवाओं का विस्तार किया है। खासकर D2C ब्रांड्स के लिए, जो तेजी से बढ़ रहे हैं और जिनके लिए वेयरहाउसिंग और फुलफिलमेंट की सेवाएं बहुत जरूरी हो गई हैं।

Emiza का उद्देश्य अपने सेवा क्षेत्र को और बढ़ाना है। कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और आने वाले समय में नए वर्टिकल्स को भी शुरू करने की योजना बना रही है।

फंडिंग का उपयोग

इस फंडिंग से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने, अपने नए क्षेत्रों में विस्तार करने और अपनी सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा। Emiza का उद्देश्य भविष्य में अपनी तकनीकी और सेवा क्षमताओं को और बेहतर बनाना है, जिससे वह अधिक व्यवसायों की जरूरतों को पूरा कर सके।

कंपनी का लक्ष्य न केवल भारत के विभिन्न शहरों में अपने नेटवर्क का विस्तार करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि वह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रतिस्पर्धी बनी रहे। इसके लिए Emiza ने अपने कर्मचारियों और प्रक्रियाओं के विस्तार के लिए एक मजबूत योजना बनाई है।

निष्कर्ष

Emiza Supply Chain Services ने अपनी फंडिंग के साथ यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भारतीय लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है। इस निवेश से न केवल कंपनी का विकास होगा, बल्कि इससे भारत में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सेवाओं के क्षेत्र में भी नई दिशा मिलेगी। Emiza की योजनाओं से यह भी संकेत मिलता है कि वह आने वाले वर्षों में और अधिक व्यवसायों के लिए अपनी सेवाओं को विस्तारित करेगी, जिससे भारत के ईकॉमर्स और छोटे व्यापारियों के लिए एक मजबूत और भरोसेमंद सप्लाई चेन तैयार होगी।

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Indiyanet

भुवनेश्वर स्थित Indiyanet ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में PointOne Capital और कुछ एंजल निवेशकों से फंडिंग जुटाई है। यह स्टार्टअप वाणिज्यिक मोबिलिटी डोमेन में कई ऑनलाइन प्रॉपर्टीज़ का संचालन करता है।

फंडिंग से मिलने वाले पैसे का उपयोग स्टार्टअप अपनी विस्तार योजनाओं को गति देने के लिए करेगा, जिसमें क्षेत्रीय बाजारों में अपनी पेशकशों को बढ़ाना और मोबिलिटी डोमेन के नए वर्टिकल्स को एक्सपेंड करना शामिल है।


Indiyanet का परिचय

Indiyanet की स्थापना सुब्रत कर ने 2024 में की थी। इस ब्रांड के तहत दो प्रमुख प्लेटफॉर्म्स हैं Motorfloor और Trucksfloor, जो दोनों वाणिज्यिक वाहनों से संबंधित हैं। इन प्लेटफॉर्म्स का उद्देश्य उपभोक्ताओं को वाहन खरीदने के फैसले में मदद करना है।

Motorfloor और Trucksfloor उपभोक्ताओं को वाहन की विशेषताओं, स्पेसिफिकेशन्स, फोटो, ऑन-रोड कीमतें और अन्य जरूरी जानकारी की खोज में सहायक रिसर्च टूल्स प्रदान करते हैं, ताकि उपभोक्ता सूचित निर्णय ले सकें।


मूल्य वर्धन मॉडल

वर्तमान में Motorfloor ओईएम (ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स) और डीलरों से लीड जेनरेशन के लिए शुल्क लेता है। इसका उद्देश्य कनेक्टेड मोबिलिटी को बढ़ावा देना और उपयोगकर्ताओं को व्यवसायिक वाहनों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करना है।

आगे चलकर, यह प्लेटफॉर्म ट्रांजैक्शनल ओरिएंटेड वर्टिकल्स को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है, जिससे एंड-टू-एंड कॉमर्स को बढ़ावा मिल सके। इससे वाहन खरीदने और बेचने का अनुभव और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगा।


भविष्य की दिशा

Indiyanet का मुख्य लक्ष्य वाणिज्यिक मोबिलिटी के क्षेत्र में एक समग्र और सहज अनुभव प्रदान करना है। कंपनी आने वाले समय में अपनी सेवा क्षेत्रों का विस्तार करेगी। इसके लिए वह कुछ प्रमुख योजनाओं पर काम कर रही है:

  1. क्षेत्रीय बाजारों में विस्तार:
    Indiyanet की योजना देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की है, ताकि अधिक से अधिक उपभोक्ता इसका लाभ उठा सकें।
  2. नई वर्टिकल्स में विस्तार:
    स्टार्टअप अपनी वर्तमान सेवाओं के अलावा और भी कई वर्टिकल्स को जोड़ने पर विचार कर रहा है, जो वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र को नया दृष्टिकोण दे सकें।
  3. ट्रांजैक्शनल मॉडल का विकास:
    आने वाले समय में यह कंपनी अपने व्यापार मॉडल को ट्रांजैक्शनल ओरिएंटेड बनाने पर काम कर रही है, जिससे उपभोक्ताओं को वाहन खरीदने और बेचने का समग्र अनुभव हो सके।

टीम विस्तार और ऑपरेशनल जरूरतें

Indiyanet की वर्तमान टीम में 25 सदस्य हैं, जो भुवनेश्वर में स्थित हैं। टीम के प्रमुख कार्यों में सपोर्ट ऑपरेशंस, कंटेंट, और भाषा की स्थानीयकरण शामिल हैं।

कंपनी का लक्ष्य टीम का आकार बढ़ाना है, खासकर बैक-एंड सपोर्ट और कंटेंट डिवेलपमेंट में ताकि सेवा का स्तर और भी बेहतर हो सके।


पारंपरिक और डिजिटल समाधान का समागम

Indiyanet पारंपरिक ऑटोमोबाइल डीलर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बीच एक सतुंलित सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। यह उपभोक्ताओं को वाहन से संबंधित अधिक जानकारी प्रदान करता है, जिससे वे उचित निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

इसके अलावा, यह प्लेटफॉर्म ओईएम और डीलरों को लीड्स उत्पन्न करने के लिए एक बेहतरीन माध्यम प्रदान करता है, जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं।


निष्कर्ष

Indiyanet का व्यापार मॉडल वाणिज्यिक मोबिलिटी डोमेन में एक नया आयाम प्रस्तुत करता है। अपनी प्लेटफॉर्म आधारित सेवाओं के माध्यम से यह उपभोक्ताओं को वाहन खरीदने के फैसले में सहायक बन रहा है। इसके अलावा, फंडिंग से मिलने वाले संसाधनों का उपयोग यह स्टार्टअप अपने विस्तार की योजनाओं को साकार करने में करेगा।

Indiyanet की आगे बढ़ने की दिशा बहुत ही सकारात्मक और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप है, जिससे वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में इसे एक प्रमुख स्थान मिल सकता है।

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seaweed-based packaging Zerocircle ने जुटाए ₹20 करोड़

Zerocircle

बायोटेक स्टार्टअप Zerocircle ने अपने नए फंडिंग राउंड में ₹20 करोड़ (लगभग $2.3 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Zerodha के सह-संस्थापक नितिन कामथ की Rainmatter ने किया।

फंडिंग में 1Crowd, VC Grid, 7th Gen Ventures, और पर्यावरण समर्थक Trudie Styler सहित कई अन्य शुरुआती चरण के वेंचर कैपिटल फर्मों ने भी भाग लिया।


Zerocircle फंडिंग का उद्देश्य

Zerocircle इस फंडिंग का उपयोग तीन प्रमुख क्षेत्रों में करेगा:

  1. मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना: उत्पादन क्षमता में सुधार कर बड़े पैमाने पर उत्पादों का निर्माण।
  2. सप्लाई चेन का ऑप्टिमाइजेशन: आपूर्ति श्रृंखला को अधिक कुशल बनाना।
  3. टीम का विस्तार: नए टैलेंट को जोड़कर संचालन को और मजबूत करना।

Zerocircle: सस्टेनेबल पैकेजिंग की नई दिशा

Zerocircle, जिसकी स्थापना नेहा जैन ने 2020 में की थी, समुद्री शैवाल (सीवीड) से आधारित पैकेजिंग बनाता है। इसका उद्देश्य पेट्रोकेमिकल-आधारित हानिकारक सामग्रियों को बदलकर पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्रदान करना है।

उत्पाद श्रेणियां

कंपनी के उत्पादों में शामिल हैं:

  • कोटेड पैकेजिंग: बर्गर बॉक्स और फ्राइड फूड कंटेनर।
  • बेकरी पैकेजिंग: केक और पेस्ट्री के लिए इको-फ्रेंडली विकल्प।
  • फूड ट्रे: खाने की ट्रे जो बायोडिग्रेडेबल होती हैं।

भविष्य की योजनाएं और उत्पादन क्षमता

Zerocircle का लक्ष्य 2028 तक अपनी कुल उत्पादन क्षमता को 3,000 टन प्रति वर्ष से अधिक करना है।
यह उत्पादन विभिन्न श्रेणियों में किया जाएगा:

  • कोटेड पेपरबोर्ड्स
  • फूड बॉक्सेस
  • एडवांस कोटिंग्स

कंपनी वर्तमान में यूरोप में संचालन कर रही है और GCC (गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल) बाजारों में विस्तार करने की योजना बना रही है।


पर्यावरण के लिए वरदान

समुद्री शैवाल-आधारित पैकेजिंग न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, बल्कि यह पेट्रोकेमिकल-आधारित उत्पादों का सस्टेनेबल विकल्प भी है।

  • बायोडिग्रेडेबल: इन पैकेजिंग सामग्रियों को आसानी से रीसाइक्लिंग किया जा सकता है।
  • कार्बन फुटप्रिंट कम करना: पेट्रोकेमिकल-आधारित सामग्री की तुलना में इसका उत्पादन कम प्रदूषण करता है।
  • समुद्री जीवन को सुरक्षित रखना: समुद्री कचरे को कम कर समुद्री जीवों की रक्षा करना।

निवेशकों की भूमिका

Zerocircle को इस फंडिंग में कई प्रतिष्ठित निवेशकों का साथ मिला है:

  • Rainmatter: नितिन कामथ की इस फर्म ने पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ समाधानों को बढ़ावा देने के लिए निवेश किया।
  • 1Crowd और VC Grid: ये शुरुआती चरण के वेंचर कैपिटल फर्म हैं जो इनोवेटिव स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं।
  • Trudie Styler: पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने वाले इन्वेस्टर।

Zerocircle का सफर

2020 में पुणे स्थित इस स्टार्टअप ने छोटे स्तर पर शुरुआत की, लेकिन आज यह सस्टेनेबल पैकेजिंग के क्षेत्र में एक अग्रणी नाम बन चुका है। कंपनी ने न केवल अपने उत्पादों के जरिए बाजार में पहचान बनाई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया है।


भारतीय बाजार और संभावनाएं

भारत जैसे देश में जहां प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, Zerocircle का सीवीड-आधारित पैकेजिंग समाधान एक बड़ी जरूरत बन सकता है।

  • प्लास्टिक का विकल्प: भारतीय बाजार में प्लास्टिक का उपयोग बहुत अधिक है, और इसे कम करने के लिए ऐसे सस्टेनेबल विकल्पों की मांग बढ़ रही है।
  • नौकरी के अवसर: उत्पादन और सप्लाई चेन के विस्तार से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

निष्कर्ष

Zerocircle ने ₹20 करोड़ की फंडिंग के साथ न केवल अपने विस्तार की राह खोली है, बल्कि सस्टेनेबल पैकेजिंग के क्षेत्र में एक नया मानक भी स्थापित किया है।

समुद्री शैवाल से बने उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि वे भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करते हैं। Zerocircle की यह पहल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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WeVOIS

वेस्ट मैनेजमेंट स्टार्टअप WeVOIS ने अपने सीरीज ए फंडिंग राउंड में ₹36 करोड़ (लगभग $4.2 मिलियन) जुटाए हैं। यह फंडिंग Negen Capital और Vyom Wealth (Polycab फैमिली ऑफिस) के नेतृत्व में हुई, जिसमें Venture Catalysts, SN Capital, Warmup Ventures, Marsshot Ventures (Razorpay Founders’ Fund), और अन्य एंजेल निवेशकों ने भी भाग लिया।


WeVOIS फंडिंग का उद्देश्य

WeVOIS इस फंडिंग का उपयोग तीन मुख्य क्षेत्रों में करेगा:

  1. ऑपरेशन्स का विस्तार: कंपनी अपने संचालन को देशभर में बढ़ाने के लिए इस फंड का इस्तेमाल करेगी।
  2. पार्टनरशिप का विस्तार: नई साझेदारियां स्थापित कर वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार लाया जाएगा।
  3. इनोवेशन को बढ़ावा: नई तकनीकों और रिसर्च के माध्यम से वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम में इनोवेशन किया जाएगा।

WeVOIS: सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट का भविष्य

WeVOIS, जिसे अभिनव वशिष्ठ ने स्थापित किया है, टेक्सटाइल वेस्ट रीसाइक्लिंग सुविधाएं और बायो-CNG प्लांट्स स्थापित कर रहा है। यह गीले कचरे को स्वच्छ ऊर्जा में बदलने के लिए कार्यरत है।

IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित अपनी प्रौद्योगिकी के माध्यम से, WeVOIS वेस्ट कलेक्शन को बेहतर बना रहा है, मैटेरियल फ्लो को ऑप्टिमाइज़ कर रहा है, कार्बन उत्सर्जन को कम कर रहा है, और रीसाइक्लिंग की दक्षता को बढ़ा रहा है।


भारत में वेस्ट मैनेजमेंट की जरूरत

मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारत हर साल लगभग 62 मिलियन टन कचरा उत्पन्न करता है, जिसमें से केवल 12 मिलियन टन का निपटारा सही तरीके से किया जाता है।

2030 तक यह मात्रा दोगुनी हो सकती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नवाचार और स्केलेबल समाधानों की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है।


कंपनी की प्रमुख परियोजनाएं

WeVOIS की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:

  1. टेक्सटाइल वेस्ट रीसाइक्लिंग: पुरानी और अनुपयोगी वस्त्र सामग्री को पुनः उपयोगी बनाने के लिए नई रीसाइक्लिंग सुविधाएं।
  2. बायो-CNG प्लांट्स: गीले कचरे से स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन।
  3. टेक्नोलॉजी-ड्रिवन अप्रोच: IoT और AI-आधारित वेस्ट कलेक्शन और प्रोसेसिंग।

निवेशकों का योगदान

WeVOIS को इस फंडिंग राउंड में जिन निवेशकों से सहयोग मिला है, वे विभिन्न उद्योगों से आते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • Negen Capital और Vyom Wealth, जो स्थिरता-आधारित परियोजनाओं में रुचि रखते हैं।
  • Venture Catalysts और Marsshot Ventures, जो नए विचारों और इनोवेशन को प्रोत्साहित करते हैं।

WeVOIS की सफलता का सफर

WeVOIS ने अपनी शुरुआत से ही टिकाऊ वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में बड़ा प्रभाव डाला है। इसकी तकनीकी दक्षता और सस्टेनेबल अप्रोच ने इसे बाजार में अलग पहचान दिलाई है।


भारत के लिए वेस्ट मैनेजमेंट के लाभ

  1. स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन: बायो-CNG प्लांट्स के माध्यम से।
  2. पर्यावरण संरक्षण: कचरे को सही तरीके से प्रबंधित कर कार्बन उत्सर्जन कम करना।
  3. रोजगार के अवसर: नए प्लांट्स और परियोजनाओं से।

भविष्य की योजनाएं

WeVOIS आने वाले समय में:

  • भारत के प्रमुख शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ाएगा।
  • नई साझेदारियां बनाकर सस्टेनेबल समाधानों को बढ़ावा देगा।
  • वेस्ट मैनेजमेंट को और अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों का विकास करेगा।

निष्कर्ष

WeVOIS ने टिकाऊ वेस्ट मैनेजमेंट में नवाचार के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण स्थापित किया है। ₹36 करोड़ की फंडिंग के साथ, कंपनी भविष्य में अपनी परियोजनाओं को और व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए तैयार है।

भारत जैसे देश में, जहां वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती है, WeVOIS की पहल एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभर रही है।

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ErlySign ने जुटाए ₹16 करोड़, ओरल कैंसर डिटेक्शन में मचाएगा क्रांति

ErlySign

भारत के हेल्थटेक सेक्टर में तेजी से उभरते Erly Sign ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में ₹16 करोड़ (लगभग $1.8 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व प्रसिद्ध निवेशक आशीष कचोलिया ने किया।


Erly Sign क्लिनिकल ट्रायल और बाजार विस्तार पर फोकस

Erly Sign इस फंड का उपयोग क्लिनिकल ट्रायल, सीडीएससीओ (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) की मंजूरी प्राप्त करने और अपने ओरल कैंसर डिटेक्शन किट को बाजार में लॉन्च करने के लिए करेगा।


कैंसर का जल्दी पता लगाने में महारत

ErlySign की स्थापना 2019 में शुभेंद्र सिंह ठाकुर और देवव्रत बेगड़े ने की थी। यह स्टार्टअप ओरल कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए समाधान विकसित करता है।

कंपनी का दावा है कि उसने भारत का पहला सैलिवरी बायोमार्कर-आधारित टेस्ट विकसित किया है, जो लक्षण दिखने से पहले ही कैंसर की पहचान कर सकता है। यह परीक्षण मरीजों को शुरुआती चरण में ही इलाज का मौका देता है, जिससे जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।


CRISPR तकनीक से भविष्य की योजना

ErlySign आने वाले समय में CRISPR miRNA-आधारित परीक्षण तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहा है। यह तकनीक एक ही लार के नमूने से 15–20 मिनट में कई प्रकार के कैंसर का पता लगाने में सक्षम होगी।


कैंसर डिटेक्शन में बड़ा कदम

भारत में हर साल ओरल कैंसर के लाखों मामले सामने आते हैं। सस्ते और तेज़ डिटेक्शन किट्स की कमी के कारण, अधिकांश मामलों का पता देर से चलता है। ErlySign की यह तकनीक इस समस्या का प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है।


देशभर में पहुंच का लक्ष्य

ErlySign का उद्देश्य है कि उनकी किट्स देशभर के क्लीनिक्स, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचे। इसके साथ ही, वे अपनी तकनीक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं।


फंडिंग का महत्व

इस फंडिंग से ErlySign को न केवल अपने उत्पादों को बाजार में लाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को भी सशक्त बनाएगा। कम लागत, तेज़ परिणाम और सरल प्रक्रिया के माध्यम से, यह किट भारत में ओरल कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने में मदद कर सकती है।


ErlySign: एक उम्मीद की किरण

ErlySign जैसे हेल्थटेक स्टार्टअप्स यह साबित कर रहे हैं कि उन्नत तकनीक और नवाचार से जीवन बचाया जा सकता है। ₹16 करोड़ की यह फंडिंग इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारत में कैंसर की जांच और इलाज को आसान और सुलभ बनाएगा।


निष्कर्ष

ErlySign का प्रयास न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावी बनाता है। ओरल कैंसर के क्षेत्र में यह नई शुरुआत भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगी और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

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KisaanSay ने जुटाए $2 मिलियन, किसानों के लिए नई उम्मीद

KisaanSay

किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा जुड़ाव स्थापित करने वाली KisaanSay ने अपनी प्री-सीड फंडिंग राउंड में $2 मिलियन (करीब ₹16 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व जंगल वेंचर्स ने फर्स्ट चेक@जंगल के माध्यम से किया। इसके अलावा, फूड इंडस्ट्री के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इसमें भाग लिया।


KisaanSay मार्केटिंग और संचालन विस्तार पर फोकस

KisaanSay इस फंड का उपयोग अपने मार्केटिंग प्रयासों को मजबूत करने, टीम को बढ़ाने और संचालन को व्यापक बनाने के लिए करेगी। कंपनी का उद्देश्य अपने उत्पाद पोर्टफोलियो और वितरण नेटवर्क को तेजी से बढ़ाना है।


किसान और उपभोक्ता के बीच सेतु

किसानसे की स्थापना नितिन पुरी, मनोज कार्की, और वैशाली मेहता ने की थी। यह ब्रांड किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा जुड़ाव बनाकर प्राकृतिक खेती और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देता है।

किसानसे, देश के पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों, जनजातीय इलाकों, और शुष्क भूमि में प्राकृतिक खेती करने वाले किसान समूहों के साथ साझेदारी करती है। यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक उत्पाद अपनी जन्मस्थली से सीधे उपभोक्ता तक पहुंचे। इसके लिए उत्पादों को न्यूनतम प्रसंस्करण के साथ पैक किया जाता है।


80 से अधिक उत्पाद और 12 श्रेणियां

किसानसे के पास 80 से अधिक उत्पादों का एक बड़ा पोर्टफोलियो है, जो 12 अलग-अलग श्रेणियों में फैला हुआ है।

कंपनी 20 किसान समूहों के साथ सह-ब्रांडिंग और सह-लाभ साझेदारी मॉडल पर काम करती है। ये समूह 50,000 से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


ऑनलाइन और ऑफलाइन मौजूदगी

किसानसे का वितरण नेटवर्क बेहद व्यापक है। कंपनी के उत्पाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, अपनी डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर वेबसाइट, और दिल्ली-एनसीआर के रिटेल स्टोर्स के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचते हैं।


भविष्य की योजनाएं

किसानसे का लक्ष्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को सशक्त बनाना और उपभोक्ताओं तक गुणवत्तापूर्ण, प्राकृतिक और टिकाऊ उत्पाद पहुंचाना है।

कंपनी आने वाले समय में अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक ले जाने और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।


किसानों और उपभोक्ताओं के लिए नई संभावनाएं

किसानसे ने जिस तरह से प्राकृतिक खेती, टिकाऊ उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया है, वह भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम है।


निष्कर्ष

किसानसे न केवल किसानों की आय में वृद्धि कर रही है, बल्कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध कराने में भी सफल हो रही है। $2 मिलियन की इस फंडिंग के साथ, कंपनी अपने विस्तार और प्रभाव को और अधिक बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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House of Chikankari दिल्ली की एथनिक वियर ब्रांड ने जुटाए ₹4 करोड़

House of Chikankari

दिल्ली आधारित House of Chikankari, एक कारीगर-केंद्रित एथनिक वियर डी2सी ब्रांड, ने अपने सीड फंडिंग राउंड में ₹4 करोड़ जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख एंजल इन्वेस्टर्स और माइक्रो-वीसी फंड्स शामिल हुए, जिनमें टुडिप वेंचर्स, लेंसकार्ट के पीयुष बंसल, एटॉमबर्ग के मनोज मीना, क्योरफूड्स के अंकित नागोरी, द मैन कंपनी के हितेश धिंगरा, अल्लुवियम कैपिटल, और औरिंको पार्टनर्स प्रमुख हैं।


House of Chikankari फंड का उपयोग

House of Chikankari ने बताया कि इस फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. मार्केटिंग का विस्तार: ब्रांड की पहचान और पहुंच को व्यापक बनाने के लिए।
  2. टीम का विस्तार: बेहतर संचालन और विकास के लिए नई प्रतिभाओं को जोड़ने के लिए।
  3. व्यवसाय को स्केल करना: अगले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को हासिल करना।

ब्रांड की स्थापना और दृष्टिकोण

हाउस ऑफ चिकनकारी की स्थापना आकृति रावल और पूनम रावल ने की थी।

  • ब्रांड का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक डिजाइन के बीच की खाई को पाटना है।
  • यह प्लेटफॉर्म पारंपरिक भारतीय कारीगरों को समर्थन और रोजगार प्रदान करता है।

ब्रांड की वृद्धि और बाजार उपस्थिति

  • हाउस ऑफ चिकनकारी हर महीने लगभग 15,000 उत्पादों की पूर्ति कर रहा है।
  • इसका 85% राजस्व सीधे इसकी डी2सी वेबसाइट के माध्यम से आता है।
  • ब्रांड की उपस्थिति Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे मार्केटप्लेस पर भी है।
  • भविष्य में, ब्रांड की योजना Noon और Styli जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर विस्तार करने की है।

कारीगरों के साथ जुड़ाव

पिछले चार वर्षों में, हाउस ऑफ चिकनकारी ने भारत भर के 10,000 से अधिक कारीगरों के साथ साझेदारी की है।

  • यह ब्रांड न केवल चिकनकारी को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अन्य भारतीय हस्तशिल्प को भी अपनाने की योजना बना रहा है।
  • 2025 तक, ब्रांड का 30% राजस्व चिकनकारी के अलावा अन्य हस्तशिल्पों से आने की उम्मीद है।

फंडिंग से क्या बदलेगा?

नए निवेश का उपयोग ब्रांड को व्यापक स्तर पर बढ़ाने में होगा। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

  • मार्केटिंग का उन्नयन: ब्रांड को अधिक ग्राहकों तक पहुंचाने और उसकी ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने के लिए।
  • टीम का सशक्तिकरण: नई प्रतिभाओं को जोड़कर संचालन को अधिक प्रभावी बनाना।
  • राजस्व वृद्धि: अगले कुछ वर्षों में ₹100 करोड़ का सालाना टर्नओवर हासिल करना।

ब्रांड की यात्रा और दृष्टिकोण

2019 में आकृति रावल और पूनम रावल द्वारा शुरू किया गया हाउस ऑफ चिकनकारी भारतीय हस्तशिल्प को आधुनिकता का तड़का देकर दुनिया भर में लोकप्रिय बना रहा है।

  • यह ब्रांड मुख्य रूप से चिकनकारी कला पर केंद्रित है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ की एक प्रसिद्ध पारंपरिक कढ़ाई शैली है।
  • ब्रांड का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय कारीगरों को सशक्त बनाना और उनकी कला को एक नई पहचान देना है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थिति

हाउस ऑफ चिकनकारी ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रभावी उपयोग किया है।

  • 85% बिक्री ब्रांड की डी2सी वेबसाइट के माध्यम से होती है।
  • इसके अलावा, यह Nykaa, Myntra, Flipkart, Amazon, और Ajio जैसे प्रमुख मार्केटप्लेस पर भी उपलब्ध है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की योजना के तहत ब्रांड Noon और Styli जैसे प्लेटफार्मों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।

कारीगरों के साथ जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव

हाउस ऑफ चिकनकारी ने पिछले चार वर्षों में देश भर के 10,000 से अधिक कारीगरों को जोड़ा है।

  • यह ब्रांड कारीगरों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि उनके कौशल को एक नई पहचान भी देता है।
  • इसके उत्पादों की बढ़ती मांग ने स्थानीय समुदायों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए हैं।
  • 2025 तक, ब्रांड का 30% राजस्व चिकनकारी के अलावा अन्य भारतीय हस्तशिल्पों से आने की संभावना है।

अद्वितीय उत्पाद और सेवाएं

हाउस ऑफ चिकनकारी के उत्पाद आधुनिक और पारंपरिक का मिश्रण हैं।

  • इसकी कढ़ाई और डिजाइनें न केवल पारंपरिक भारतीय सौंदर्यशास्त्र को दर्शाती हैं, बल्कि आधुनिक फैशन ट्रेंड के अनुरूप भी हैं।
  • ब्रांड ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले परिधान और समय पर डिलीवरी की गारंटी देता है।

भविष्य की योजनाएं

हाउस ऑफ चिकनकारी आने वाले वर्षों में अपनी उपस्थिति और उत्पाद श्रेणी को और विस्तारित करना चाहता है।

  1. नई हस्तशिल्प शैलियों का समावेश: पारंपरिक कढ़ाई के अलावा, अन्य भारतीय हस्तशिल्प जैसे बनारसी, कच्छ कढ़ाई आदि को पेश करना।
  2. वैश्विक विस्तार: मिडल ईस्ट और यूरोप के बाजारों में प्रवेश करने की योजना।
  3. तकनीकी उन्नति: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और इंटरेक्टिव बनाना।

ब्रांड का महत्व

  • ग्राहकों के लिए: हाउस ऑफ चिकनकारी ग्राहकों को भारतीय हस्तशिल्प का प्रामाणिक और उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करता है।
  • कारीगरों के लिए: यह ब्रांड कारीगरों को उनके पारंपरिक कौशल के लिए एक सम्मानजनक स्थान और आजीविका प्रदान करता है।
  • पर्यावरण के लिए: ब्रांड की प्रक्रियाएं पर्यावरण के अनुकूल हैं, जो स्थिरता को बढ़ावा देती हैं।

निष्कर्ष

हाउस ऑफ चिकनकारी न केवल एक ब्रांड है, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प और कारीगरों को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी है।

  • इसकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दृष्टिकोण और तकनीकी नवाचार के साथ पारंपरिक भारतीय कला को वैश्विक स्तर पर ले जाया जा सकता है।
  • यह ब्रांड उन कारीगरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो अपनी कला को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का सपना देखते हैं।

हाउस ऑफ चिकनकारी का सफर भारतीय कारीगरी की समृद्धि को दुनिया तक पहुंचाने का एक प्रयास है, जो अपने मिशन में तेजी से प्रगति कर रहा है।

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