NG Earsafe ने सीड फंडिंग में जुटाए 1.06 करोड़ रुपये

NG Earsafe

NG EarSafe ने इन्फ्लेक्शन पॉइंट वेंचर्स के नेतृत्व में अपने सीड फंडिंग राउंड में 1.06 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस फंडिंग का मुख्य उद्देश्य ब्रांड और श्रेणी की जागरूकता को बढ़ाना, ब्रांड की पहुंच का विस्तार करना और नए उत्पादों के विकास को गति देना है। इस रणनीतिक निवेश से एनजी ईयरसेफ की बाजार में उपस्थिति को मजबूत करने और ग्राहकों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए नए और नवाचारी उत्पाद पेश करने की योजना है।

एनजी ईयरसेफ: सुरक्षित सुनने का अनूठा समाधान

NG EarSafe के सह-संस्थापक मीट शाह और राज शाह द्वारा स्थापित यह ब्रांड कानों के स्वास्थ्य और सुनने के आराम को प्राथमिकता देने वाला एक प्रीमियम ओपन-ईयर हेडफोन ब्रांड है। ब्रांड ईएनटी-प्रमाणित है और इसकी विशेषता एयर कंडक्शन और बोन कंडक्शन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो ध्वनि को कंपन के माध्यम से कान के पर्दे को बायपास करते हुए सुनने योग्य बनाती है। इससे उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित और आरामदायक सुनने का अनुभव मिलता है।

बोन कंडक्शन तकनीक विशेष रूप से उन लोगों के लिए भी उपयोगी होती है जिन्हें कानों से संबंधित समस्याएं होती हैं या जो लंबे समय तक हेडफोन का उपयोग करते हैं। यह तकनीक कानों पर किसी भी अतिरिक्त दबाव को कम करती है, जिससे सुनने के दौरान कोई परेशानी नहीं होती। एनजी ईयरसेफ अपने उत्पादों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ सुनने के समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

फंडिंग का उद्देश्य और ब्रांड की रणनीति

इस फंडिंग राउंड से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल मुख्य रूप से तीन उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. ब्रांड और श्रेणी जागरूकता बढ़ाना: एनजी ईयरसेफ का उद्देश्य अपने ब्रांड को उपभोक्ताओं के बीच और भी मजबूत बनाना और सुरक्षित सुनने की तकनीक के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  2. ब्रांड की पहुंच का विस्तार करना: कंपनी अपने उत्पादों को और अधिक बाजारों तक पहुंचाने के लिए अपनी वितरण प्रणाली को मजबूत करने की योजना बना रही है। एनजी ईयरसेफ का लक्ष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत बनाना है।
  3. नए उत्पादों का विकास: कंपनी का ध्यान नए और उन्नत उत्पादों को विकसित करने पर भी है, जो उपयोगकर्ताओं की बदलती जरूरतों को पूरा करेंगे। इस फंडिंग से एनजी ईयरसेफ इनोवेशन और रिसर्च में निवेश करेगा ताकि नए उत्पादों की लाइन पेश की जा सके।

ब्रांड की प्रगति और भविष्य की योजनाएं

एनजी ईयरसेफ का दावा है कि अब तक 43,000 से अधिक हेडफोन बेचे जा चुके हैं। ब्रांड की एक मजबूत डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) उपस्थिति है और इसके उत्पाद अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, एनजी ईयरसेफ के उत्पाद भारत में 100 से अधिक रिटेल स्टोर्स में भी उपलब्ध हैं, जिनमें संगीता और फोनवाले जैसे प्रमुख रिटेलर शामिल हैं। वर्तमान में, कंपनी का वार्षिक राजस्व रन रेट (ARR) 10 करोड़ रुपये है।

एनजी ईयरसेफ को 2022 में रिटेल स्टार्टअप अवॉर्ड्स में फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया था, और इसे 2019 में आईआईटी बॉम्बे के आयोजन ‘आकार’ में पहला पुरस्कार भी मिला था।

सुरक्षित सुनने की तकनीक पर जोर

एनजी ईयरसेफ की सफलता का एक बड़ा कारण उसकी अभिनव तकनीक है, जो हेडफोन के उपयोग के दौरान कानों को सुरक्षित रखती है। बोन कंडक्शन तकनीक विशेष रूप से कान के पर्दे के बिना ध्वनि को सुनने योग्य बनाती है। इसके जरिए ध्वनि कंपन हड्डियों के माध्यम से भेजे जाते हैं, जिससे कानों पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। यह तकनीक उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है, जो लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं या जिन्हें सुनने में परेशानी होती है।

कंपनी का मानना है कि इस तकनीक से उपयोगकर्ताओं को न केवल बेहतर सुनने का अनुभव मिलेगा, बल्कि उनके कानों की सेहत भी सुरक्षित रहेगी। एनजी ईयरसेफ का उद्देश्य कानों के स्वास्थ्य और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सुनने के समाधानों को और भी उन्नत बनाना है।

फंडिंग के साथ नई उम्मीदें

एनजी ईयरसेफ की यह फंडिंग न केवल कंपनी के विकास को गति देगी, बल्कि नए उत्पादों के विकास में भी सहायक होगी। इस फंडिंग से कंपनी को अपने ब्रांड को और मजबूत करने, नए ग्राहकों तक पहुंचने और बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

कंपनी के सह-संस्थापक मीट शाह का कहना है, “हम इस फंडिंग से न केवल अपने मौजूदा उत्पादों को बेहतर बनाने की योजना बना रहे हैं, बल्कि नए और इनोवेटिव उत्पादों को भी विकसित करेंगे, जो हमारे ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करेंगे।”

भविष्य की योजनाएं

फंडिंग के बाद एनजी ईयरसेफ का लक्ष्य अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना और नए बाजारों तक पहुंचना है। कंपनी अपने ब्रांड की जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ नए ग्राहकों को आकर्षित करने की भी योजना बना रही है।

एनजी ईयरसेफ का ध्यान मुख्य रूप से ग्राहकों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक सुनने के अनुभव को बेहतर बनाने पर है, और कंपनी आने वाले समय में और भी नवाचारी उत्पादों को लॉन्च करने की योजना बना रही है।

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Blinkit ने ग्राहकों के लिए EMI विकल्प पेश किया, बड़ी खरीदारी होगी आसान

Blinkit

क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit ने अपने ग्राहकों के लिए एक नई सुविधा पेश की है। अब ग्राहक Rs 2,999 से अधिक की खरीदारी पर EMI (Equated Monthly Installments) के जरिए भुगतान कर सकते हैं। यह विकल्प सभी ऑर्डरों पर उपलब्ध होगा, सिवाय उन ऑर्डरों के जिनमें सोने और चांदी के सिक्के शामिल हैं।

ग्राहकों की सुविधा और बड़ी खरीदारी को प्रोत्साहन

EMI विकल्प Blinkit की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करना और प्लेटफॉर्म पर बड़ी खरीदारी को प्रोत्साहित करना है। आजकल, तेजी से बढ़ती क्विक कॉमर्स सेवाओं के जरिए लोग किराना, घरेलू सामान और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में EMI विकल्प उन्हें बड़ी खरीदारी करने में सक्षम बना सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुविधा उपभोक्ताओं को समय के साथ भुगतान करने का विकल्प देकर उच्च मूल्य वाले ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे सकती है। इसके साथ ही, Blinkit की यह पहल उसके औसत ऑर्डर मूल्य को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है, जो कंपनी की विकास रणनीति के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है।

बैंकों के साथ साझेदारी

फिलहाल, Blinkit ने कई बैंकों के साथ साझेदारी की है, जिसमें HDFC, SBI, ICICI, Kotak Mahindra, Axis, RBL और CITI Bank शामिल हैं। ये बैंक अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड के जरिए EMI का विकल्प प्रदान करेंगे। इस साझेदारी के जरिए Blinkit ग्राहकों को सुविधाजनक भुगतान का मौका दे रहा है, जिससे वह बिना किसी वित्तीय दबाव के अपनी ज़रूरतों के मुताबिक खरीदारी कर सकते हैं।

ग्राहक वफादारी और वृद्धि पर ध्यान

EMI विकल्प पेश करना Blinkit की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न केवल अपने ग्राहक आधार को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से जोड़े रखना भी है। क्विक कॉमर्स बाजार में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है, जहां Swiggy Instamart, Zepto जैसी कंपनियां Blinkit को टक्कर दे रही हैं। ऐसे में EMI जैसे सुविधाजनक विकल्प Blinkit को न केवल ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद करेंगे, बल्कि प्लेटफॉर्म पर बार-बार आने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगे।

Seller Hub की लॉन्चिंग

इसी सप्ताह Blinkit ने Seller Hub लॉन्च किया, जो ब्रांड्स को अपने उत्पादों की उपस्थिति को सीधे प्लेटफॉर्म पर प्रबंधित करने की सुविधा देता है। इस सुविधा का उपयोग 200 से अधिक ब्रांड्स पहले से ही कर रहे हैं, और यह ब्रांड्स को बिना किसी मध्यस्थ के अपनी क्विक कॉमर्स संचालन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के उपकरण प्रदान करता है।

Blinkit की बाजार में स्थिति और भविष्य की संभावनाएं

Blinkit ने क्विक कॉमर्स स्पेस में एक मजबूत स्थिति बनाई है। हाल ही में, HSBC ने Blinkit की वैल्यूएशन लगभग $20.8 बिलियन आंकी, जो कि इसकी पेरेंट कंपनी Zomato की वैल्यूएशन ($9.2 बिलियन) से दो गुना अधिक है।

EMI विकल्प कंपनी के मार्जिन को बढ़ाने का एक और तरीका है, खासकर तब, जब Blinkit अपने ग्राहकों को इस सुविधा के माध्यम से अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहित कर सके। क्विक कॉमर्स में मार्जिन कम होते हैं, इसलिए EMI जैसी सुविधाएं कंपनी के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने में मददगार साबित हो सकती हैं।

EMI विकल्प के फायदे और चुनौतियां

EMI सुविधा से Blinkit न केवल उच्च मूल्य के ऑर्डरों को आकर्षित करेगा, बल्कि उन ग्राहकों को भी प्लेटफॉर्म से जोड़े रखेगा, जो सुविधा और लचीलापन चाहते हैं। इसके अलावा, Blinkit ने हाल ही में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता लाते हुए सोने और मोबाइल जैसी वस्तुएं भी शामिल की हैं। ऐसे में EMI विकल्प उन ग्राहकों के लिए एक स्वाभाविक प्रगति के रूप में देखा जा सकता है, जो बड़ी खरीदारी करना चाहते हैं लेकिन तुरंत भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं।

हालांकि, कुछ शुरुआती चुनौतियां भी हो सकती हैं, जैसे कि EMI फीचर को लागू करने की प्रारंभिक लागत। लेकिन लंबे समय में, Blinkit के लिए इसका फायदा काफी ज्यादा हो सकता है, बशर्ते यह फीचर सफलतापूर्वक लागू हो जाए। अगर ऐसा होता है, तो यह फीचर जल्द ही बाजार में अन्य क्विक कॉमर्स कंपनियों द्वारा भी अपनाया जा सकता है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा हमेशा आगे रहने के लिए नए रास्ते तलाशती है।

निष्कर्ष: Blinkit की नई पहल

EMI विकल्प की शुरुआत Blinkit के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उसे ग्राहकों के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाएगा, बल्कि प्लेटफॉर्म पर उच्च मूल्य वाले ऑर्डरों को भी आकर्षित करेगा। इसके अलावा, कंपनी के Seller Hub जैसी नई पहलों के साथ, Blinkit ने अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

क्विक कॉमर्स का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, और Blinkit अपनी अनूठी रणनीतियों के साथ इस प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में अग्रणी बने रहने की कोशिश कर रहा है। EMI विकल्प और Seller Hub जैसी सुविधाएं कंपनी को दीर्घकालिक लाभ और स्थिरता प्रदान कर सकती हैं, जिससे वह भारतीय क्विक कॉमर्स स्पेस में अपनी पकड़ और मजबूत कर सके।

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Shiprocket ने FY24 में हासिल की शानदार वृद्धि, 1,316 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया

Shiprocket

भारत की प्रमुख लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन एनेबलर कंपनी Shiprocket ने वित्तीय वर्ष 2024 में अच्छी वृद्धि दर्ज की है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहिल गोयल के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 21% बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

पिछले वर्षों की तुलना

Shiprocket ने वित्तीय वर्ष 2023 में 1,088.7 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू रिकॉर्ड किया था। हालांकि, उस समय कंपनी को 333.81 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जिसमें 63.16 करोड़ रुपये की असाधारण मदें जैसे अमॉर्टाइजेशन ऑफ इंटैन्जिबल एसेट्स और निवेश प्रावधान शामिल थे।

हालांकि, अभी भी कंपनी मुनाफे से दूर है, लेकिन गोयल का दावा है कि कंपनी ने अपने नकद EBITDA बर्न को 48% तक कम किया है। FY23 में यह बर्न 191 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर 100 करोड़ रुपये रह गया। यह घाटे में कमी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई है, जिससे FY25 की पहली दो तिमाहियों में कंपनी नकद लाभप्रदता हासिल कर पाई।

ऑपरेशनल एफिशिएंसी और लागत में कमी

Shiprocket की EBITDA मार्जिन में सुधार दर्शाता है कि कंपनी ने अपने संचालन को कुशल बनाने, लागत को कम करने और मुनाफे को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है। गोयल के अनुसार, कंपनी की इन रणनीतियों ने न केवल लागतों को नियंत्रित किया, बल्कि कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद की है।

उन्होंने अपने LinkedIn पोस्ट में बताया कि, “हमारे इमर्जिंग बिज़नेस लगभग 75% की साल-दर-साल दर से बढ़ रहे हैं। इसमें Shiprocket Cross Border, Checkout, Capital, और अन्य नवाचार शामिल हैं, जो भारतीय SMBs (छोटे और मझौले व्यवसायों) के लिए नए उत्पाद और सेवाएँ तेजी से ला रहे हैं।”

Pickrr का इंटीग्रेशन और कोर प्लेटफॉर्म को मजबूती

Shiprocket की कोर प्लेटफॉर्म को और मज़बूत करने में Pickrr के घरेलू शिपिंग इंटीग्रेशन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Pickrr के इंटीग्रेशन के बाद से कंपनी की क्षमताओं में वृद्धि हुई है और यह अब अपने ग्राहकों को और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो गई है।

Shiprocket: कंपनी का परिचय

Shiprocket की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना द्वारा की गई थी। यह कंपनी लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सॉल्यूशंस प्रदान करती है, जो खुदरा विक्रेताओं को उनकी शॉपिंग वेबसाइट्स को Shopify, Magenta और अन्य ई-कॉमर्स एनेबलर्स के साथ इंटीग्रेट करने की सुविधा देती है। Shiprocket का प्लेटफॉर्म भारत के ई-कॉमर्स बाजार का लगभग 5% सशक्त बनाता है और 1.5 लाख से अधिक सक्रिय व्यवसायों को सक्षम करता है।

Shiprocket की सेवाएं और SMBs पर फोकस

Shiprocket न केवल अपने पारंपरिक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सेवाओं के लिए जाना जाता है, बल्कि यह छोटे और मझौले व्यवसायों (SMBs) को उनके संचालन को बढ़ाने में भी मदद करता है। कंपनी का फोकस केवल लॉजिस्टिक्स सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्रॉस-बॉर्डर शिपिंग, चेकआउट सॉल्यूशंस, और कैपिटल सॉल्यूशंस जैसी नई और नवाचारी सेवाएं भी प्रदान करती है।

Shiprocket की उभरती चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

हालांकि कंपनी ने FY24 में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है, लेकिन Shiprocket के लिए सबसे बड़ी चुनौती मुनाफे की दिशा में बढ़ना है। कंपनी ने अपने EBITDA बर्न को कम करने और परिचालन दक्षता में सुधार करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन मुनाफे तक पहुंचने का सफर अभी बाकी है।

फाइनेंशियल स्थिरता और बाजार विस्तार की दिशा में कंपनी के प्रयास आने वाले वित्तीय वर्षों में इसे और आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, गोयल के अनुसार, कंपनी का ध्यान नई सेवाओं और उत्पादों को विकसित करने पर भी रहेगा, जो भारतीय SMBs की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष: FY25 की राह में संभावनाएं

Shiprocket ने FY24 में अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने और ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। FY25 की पहली दो तिमाहियों में नकद लाभप्रदता हासिल करने के बाद, कंपनी आने वाले समय में और भी अधिक स्थिरता की ओर अग्रसर हो सकती है।

साहिल गोयल के नेतृत्व में Shiprocket भारतीय लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है और इसके इमर्जिंग बिज़नेस आने वाले समय में कंपनी को और अधिक सशक्त बना सकते हैं। Shiprocket की विकास यात्रा भारतीय ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स बाजार में उल्लेखनीय योगदान दे रही है, और इसका प्रभाव आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ने की संभावना है।

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Zouk ने $10 मिलियन जुटाए

Zouk

भारत की डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) बैग्स और लगेज ब्रांड Zouk ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में $10 मिलियन (लगभग 83 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Aavishkaar Group ने किया, और इसमें Stellaris Venture Partners, Titan Capital, Sharrp Ventures, और JJ Family ने भी भाग लिया। इस ताज़ा फंडिंग के बाद, Zouk का कुल फंडिंग $14.5 मिलियन हो गया है।

भविष्य की योजनाएं: ब्रांड आउटलेट्स और मार्केटिंग में निवेश

इस नए निवेश का उपयोग Zouk अपने एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स का विस्तार करने के लिए करेगा, और कंपनी का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में 75 से अधिक स्टोर्स खोलने का है। इसके अलावा, कंपनी अपने मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ावा देने और सप्लाई चेन को मजबूत करने की योजना बना रही है। Zouk विभिन्न वर्टिकल्स में प्रतिभाओं की भर्ती करने के लिए भी निवेश करेगा, जिससे कंपनी का परिचालन और अधिक कुशल हो सके।

Zouk की स्थापना और इसके खास उत्पाद

2015 में दिशा सिंह और प्रदीप कृष्णकुमार द्वारा स्थापित Zouk ब्रांड अपने हैंडमेड उत्पादों के लिए जाना जाता है। यह ब्रांड लैपटॉप बैग्स, टोट हैंडबैग्स, स्लिंग बैग्स, और वॉलेट्स जैसे उत्पाद पेश करता है, जिन्हें 100% वेगन लेदर से तैयार किया जाता है। इस लेदर को पूरी तरह से भारत में ही सोर्स किया जाता है, जो ब्रांड के ‘मेड इन इंडिया’ दृष्टिकोण को दर्शाता है। अब तक, Zouk 700,000 से अधिक ग्राहकों की सेवा कर चुका है और अपने लगेज सेगमेंट में भी कदम रख रहा है। इसके तहत कंपनी बैकपैक्स और ट्रॉली बैग्स लॉन्च करने की तैयारी में है, और इस क्षेत्र में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर रही है।

फंडिंग और कंपनी का मूल्यांकन

Zouk की कुल फंडिंग अब $14.5 मिलियन तक पहुंच गई है। कंपनी के सूत्रों के अनुसार, Zouk का मौजूदा मूल्यांकन $50 मिलियन (लगभग 400 करोड़ रुपये) तक हो सकता है। TheKredible के डेटा के अनुसार, मुंबई स्थित इस स्टार्टअप का मूल्यांकन पिछली फंडिंग के समय $7 मिलियन के करीब था।

कंपनी में हिस्सेदारी

पिछले फंडिंग राउंड के समय, Zouk के सह-संस्थापक दिशा सिंह और प्रदीप कृष्णकुमार के पास क्रमशः 31% हिस्सेदारी थी। Stellaris सबसे बड़े बाहरी शेयरधारक थे, जिनके पास कंपनी में 19.63% हिस्सेदारी थी। Zouk की बढ़ती लोकप्रियता और उत्पादों की मांग के साथ, यह हिस्सेदारी कंपनी के विकास के साथ और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

वित्तीय स्थिति: राजस्व में वृद्धि, लेकिन घाटा भी बढ़ा

Zouk ने मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 47.41 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो FY22 में 21.82 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी के घाटे में भी वृद्धि हुई है। FY23 में Zouk का घाटा 10.55 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह घाटा केवल 77 लाख रुपये था। कंपनी ने अभी तक FY24 के लिए अपने वित्तीय आंकड़े दर्ज नहीं किए हैं, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आगामी वित्तीय वर्ष में कंपनी अपने घाटे को कम करने और राजस्व को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।

Aavishkaar Group और निवेशकों की भूमिका

इस राउंड में Zouk का नेतृत्व करने वाला Aavishkaar Group पहले भी कई स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है। इनमें AgroStar, Altum Credo, Ergos, GoDesi, Milk Mantra, और Newtrace जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। Aavishkaar की विशेषज्ञता और वित्तीय सहयोग से Zouk को अपनी विस्तार योजनाओं को साकार करने में मदद मिलेगी, और कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पहचान और मजबूत करेगी।

Zouk का लक्ष्य और भविष्य की संभावनाएं

Zouk की स्थापना एक विशिष्ट उद्देश्य के साथ की गई थी—भारतीय उपभोक्ताओं के लिए स्टाइलिश, टिकाऊ और वेगन उत्पाद प्रदान करना। कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी जगह बनाई है और अब वह लगेज सेगमेंट में भी प्रवेश करने की तैयारी कर रही है। बैकपैक्स और ट्रॉली बैग्स के नए लॉन्च के साथ, Zouk का लक्ष्य अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को और विस्तारित करना है।

इसके अलावा, कंपनी का जोर अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और स्थिरता पर है। Zouk ने वेगन लेदर और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग कर एक अलग पहचान बनाई है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही है। कंपनी का मानना है कि टिकाऊ उत्पाद ही भविष्य का रास्ता हैं, और यही Zouk के विकास की कुंजी भी है।

निष्कर्ष

Zouk ने अपने सीरीज बी फंडिंग राउंड में $10 मिलियन जुटाकर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। कंपनी अब अपने ब्रांड आउटलेट्स के विस्तार, मार्केटिंग और सप्लाई चेन सुधार पर ध्यान केंद्रित करेगी। वित्तीय दृष्टिकोण से, Zouk का राजस्व तेजी से बढ़ रहा है, हालांकि घाटे में भी वृद्धि देखी गई है। कंपनी का उद्देश्य अपने प्रोडक्ट्स को और विकसित करना और भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को और भी मजबूत बनाना है। Zouk की आगामी योजनाएं और विस्तार संभावनाएं इसे एक उभरते हुए भारतीय D2C ब्रांड के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगी।

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Moglix की FY24 में 4,964 करोड़ रुपये की राजस्व रिपोर्ट

Moglix

B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Moglix ने वित्तीय वर्ष 2024 में 5.5% की मामूली वृद्धि दर्ज की है। हालांकि FY23 में कंपनी ने 82.6% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की थी, लेकिन FY24 में यह वृद्धि धीमी रही। इसके बावजूद, कंपनी ने अपने घाटे को 16% तक कम करने में सफलता पाई है।

Moglix FY24 में Moglix का राजस्व

Moglix का संचालन से होने वाला राजस्व FY24 में 4,964 करोड़ रुपये ($591 मिलियन) हो गया, जो FY23 में 4,704 करोड़ रुपये ($560 मिलियन) था। यह आंकड़े कंपनी की सिंगापुर स्थित समूह कंपनी से प्राप्त वित्तीय बयानों के अनुसार हैं। Moglix का कुल राजस्व बिक्री किए गए सामान से प्राप्त होता है, जो FY24 में 5.4% बढ़कर 4,914 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, कंपनी की आय का बाकी हिस्सा ऑनलाइन बिक्री से प्राप्त कमीशन, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं, फैक्टरिंग, और अन्य सहायक सेवाओं से आता है।

FY24 में कुल राजस्व और अतिरिक्त आय

कंपनी को गैर-ऑपरेशनल आय और ब्याज से भी लाभ हुआ, जिससे Moglix का कुल राजस्व बढ़कर 5,309 करोड़ रुपये ($632 मिलियन) हो गया। इसमें से भारत का योगदान सबसे प्रमुख रहा, जहां से कंपनी को कुल राजस्व का 97.1% प्राप्त हुआ। वहीं, अमेरिका से 2.7% और सिंगापुर से 0.16% का योगदान रहा।

भारत में प्रमुख योगदान

भारत में Moglix का व्यापार सबसे मजबूत रहा, और कंपनी ने यहां से लगभग पूरा राजस्व प्राप्त किया। कंपनी का फोकस भारत के तेजी से बढ़ते B2B ई-कॉमर्स बाजार पर है, जहां छोटे और बड़े व्यवसायों के लिए आपूर्ति श्रृंखला को आसान और किफायती बनाया जा रहा है। Moglix अपने ग्राहकों को एक व्यापक और सुलभ प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जहाँ वे अपने उद्योग की जरूरतों के अनुसार उत्पादों की खरीद कर सकते हैं।

खर्च और लाभ प्रबंधन

FY24 में Moglix के कुल खर्चों का 84% इसके खरीद लागत पर रहा, जो कि 4.4% बढ़कर 4,620 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 4,427 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, कंपनी ने 218 करोड़ रुपये कर्मचारियों के लाभ और 92 करोड़ रुपये शिपिंग खर्चों पर खर्च किए। विज्ञापन, कानूनी सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं और अन्य ओवरहेड्स पर कंपनी ने FY24 में कुल 5,493 करोड़ रुपये ($654 मिलियन) खर्च किए, जो FY23 में 5,208 करोड़ रुपये ($620 मिलियन) थे।

FY24 में घाटे में कमी

वित्तीय वर्ष 2024 में, Moglix ने अपने घाटे में 16% की कमी दर्ज की। इस सुधार का मुख्य कारण था कंपनी की परिचालन दक्षता और खर्चों पर नियंत्रण। FY23 में, कंपनी ने अपने परिचालन और अन्य सहायक सेवाओं पर बड़ा खर्च किया था, लेकिन FY24 में खर्चों को नियंत्रित करने से घाटे में कमी आई।

उद्योग में Moglix की स्थिति

Moglix ने B2B ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है और भारतीय उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला समाधान प्रस्तुत किया है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपने ग्राहकों के लिए सबसे बेहतर और किफायती उत्पाद उपलब्ध कराए, जिससे उनके व्यवसाय की गति बढ़ सके। Moglix के उत्पाद पोर्टफोलियो में उद्योगों की हर तरह की जरूरतों के लिए व्यापक रेंज के प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं।

Moglix का वैश्विक विस्तार

हालांकि, Moglix का व्यापार मुख्य रूप से भारत में केंद्रित है, लेकिन कंपनी अमेरिका और सिंगापुर जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने पैर पसार रही है। अमेरिका से प्राप्त 2.7% और सिंगापुर से 0.16% का राजस्व इसके वैश्विक विस्तार की दिशा में उठाए गए कदमों का संकेत है। कंपनी आने वाले वर्षों में इन बाजारों में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।

आगे की योजनाएं

Moglix आने वाले वित्तीय वर्षों में अपने उत्पादों और सेवाओं की रेंज को बढ़ाने के साथ-साथ अपने ग्राहकों को और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपनी परिचालन दक्षता को और बेहतर बनाते हुए, अपने घाटे को और कम करे और राजस्व में और वृद्धि दर्ज करे।

निष्कर्ष

Moglix ने वित्तीय वर्ष 2024 में 4,964 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो मामूली 5.5% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि यह वृद्धि पिछले वर्ष के मुकाबले धीमी थी, लेकिन कंपनी ने अपने खर्चों पर नियंत्रण रखते हुए घाटे को 16% तक कम किया। कंपनी का मुख्य फोकस भारतीय बाजार पर है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विस्तार की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। Moglix आने वाले समय में अपने व्यापार में और भी सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सके।

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WishNew Wellness वेलनेस ब्रांड को 2.5 लाख डॉलर की एंजल फंडिंग,

WishNew Wellness

दिल्ली आधारित वेलनेस ब्रांड WishNew Wellness ने हाल ही में 2.5 लाख डॉलर की एंजल फंडिंग जुटाई है, जिससे कंपनी का वैल्यूएशन 5.65 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व अंकित खंडेलवाल ने किया, जिसमें DotPe के सह-संस्थापक ज्ञानेश शर्मा, अभिजीत राणा और आशीष सिंह जैसे प्रमुख निवेशकों का भी सहयोग रहा। इस निवेश से WishNew Wellness को अपने प्रोडक्ट्स की रिसर्च और डेवलपमेंट को और मजबूत करने, नए प्रोडक्ट्स लाने और ग्राहकों को प्रीमियम वेलनेस सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

WishNew Wellness का सफर और फोकस

WishNew Wellness एक उभरता हुआ वेलनेस ब्रांड है जिसकी स्थापना करण खुराना और प्रांशु सिंह ने की है। यह ब्रांड कई स्वास्थ्य और वेलनेस प्रोडक्ट्स जैसे न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स, स्किनकेयर प्रोडक्ट्स, फिटनेस एड्स और मानसिक स्वास्थ्य सॉल्यूशंस की विस्तृत रेंज पेश करता है। कंपनी का लक्ष्य विज्ञान-आधारित समाधानों के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए सशक्त बनाना है।

कंपनी की विशेषता यह है कि यह आधुनिक वैज्ञानिक शोध को प्राकृतिक अवयवों की पुरानी जानकारी के साथ जोड़ती है। ब्लूबेरी, अश्वगंधा, और ब्राह्मी जैसे तत्वों को उन्नत जैव उपलब्धता तकनीक के साथ इस्तेमाल कर, WishNew Wellness अपने ग्राहकों को अधिकतम पोषण लाभ प्रदान करने की कोशिश करती है।

निवेश का उद्देश्य और रणनीति

WishNew Wellness इस फंडिंग का उपयोग कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में करेगी। इसमें रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ाना, प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करना, और ग्राहकों तक आसानी से पहुंचाने के लिए प्रीमियम वेलनेस सॉल्यूशंस को सस्ता बनाना शामिल है। कंपनी अपने सप्लाई चेन को ऑप्टिमाइज करने, डिजिटल प्लेटफार्मों में सुधार करने, और रिटेल साझेदारियों को मजबूत बनाने के लिए भी यह फंड उपयोग करेगी।

कंपनी के सह-संस्थापक करण खुराना ने कहा, “हम इस फंडिंग का उपयोग करके अपने रिसर्च को और उन्नत बनाएंगे ताकि हम अपने प्रोडक्ट्स को और भी अधिक प्रभावी बना सकें। हमारी कोशिश है कि हम विज्ञान और प्राकृतिक अवयवों का सही संतुलन बनाए रखें और हमारे ग्राहकों को बेहतरीन वेलनेस सॉल्यूशंस दें।”

FC Goa के साथ साझेदारी

कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि वह आगामी सीजन में FC Goa की आधिकारिक वेलनेस पार्टनर के रूप में काम करेगी। यह साझेदारी WishNew Wellness के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे कंपनी को खेल जगत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करने का मौका मिलेगा। इस साझेदारी के तहत, कंपनी FC Goa के खिलाड़ियों को विशेष वेलनेस प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराएगी, जो उनके प्रदर्शन और फिटनेस को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

नए प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी पर जोर

WishNew Wellness न केवल प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता पर ध्यान देता है, बल्कि वह उन्हें विज्ञान और तकनीक के जरिए और प्रभावी बनाने पर भी जोर देता है। कंपनी अपने प्रोडक्ट्स में उन्नत जैव उपलब्धता तकनीक का उपयोग करती है ताकि पोषक तत्वों का अधिकतम लाभ मिल सके। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि शरीर द्वारा अवशोषण क्षमता बढ़े, जिससे उत्पादों का प्रभाव और अधिक हो सके।

कंपनी के प्रोडक्ट्स में ब्लूबेरी, अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसे प्राकृतिक अवयवों का उपयोग किया जाता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ब्रांड आधुनिक वैज्ञानिक खोजों और पारंपरिक चिकित्सा के ज्ञान को एक साथ लाकर अपने उत्पादों को अद्वितीय बनाता है।

ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने की कोशिश

कंपनी का फोकस केवल प्रोडक्ट्स पर ही नहीं, बल्कि ग्राहकों के अनुभव को भी बेहतर बनाने पर है। डिजिटल प्लेटफॉर्म और रिटेल साझेदारियों को मजबूत बनाकर, WishNew Wellness अपने ग्राहकों के लिए खरीदारी को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी का मानना है कि बेहतर ग्राहक अनुभव ही किसी भी ब्रांड की सफलता की कुंजी होता है, और इस दिशा में वे निरंतर प्रयासरत हैं।

वेलनेस उद्योग में WishNew Wellness की पहचान

WishNew Wellness ने कम समय में ही वेलनेस उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाई है। ब्रांड का ध्यान ग्राहकों के स्वास्थ्य और भलाई पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य उन्हें संपूर्ण स्वास्थ्य का अनुभव कराना है। कंपनी अपने इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और सेवाओं के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रही है।

भविष्य की योजनाएं

कंपनी आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट्स की रेंज को और भी विस्तृत करने की योजना बना रही है। WishNew Wellness न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने उत्पादों को विस्तार देने की दिशा में काम कर रहा है। उनकी योजना है कि वे अपने प्रोडक्ट्स को हर व्यक्ति तक पहुँचाएं जो अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहता है।

निष्कर्ष

WishNew Wellness एक उभरता हुआ ब्रांड है जो विज्ञान और प्राकृतिक अवयवों के संयोजन से वेलनेस उत्पादों की एक नई दिशा तय कर रहा है। 2.5 लाख डॉलर की एंजल फंडिंग से प्राप्त इस सफलता के बाद, कंपनी अपने शोध, उत्पाद और ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है। आने वाले समय में, यह ब्रांड वेलनेस उद्योग में और भी बड़ा नाम बनने की दिशा में अग्रसर है।

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Working capital प्लेटफॉर्म GetVantage Funding

GetVantage

Working capital प्लेटफॉर्म GetVantage ने हाल ही में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपने कदम बढ़ाए हैं। इस पहल के तहत, कंपनी ने Celcius Logistics, Ohm Logistics, और Fitsol नामक तीन स्टार्टअप्स को विकास पूंजी के रूप में प्रति स्टार्टअप 1.8 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है।

GetVantage का वित्तीय समर्थन

GetVantage इन निवेशों को अपनी लाइसेंस प्राप्त NBFC GetGrowth Capital और AIF Venture Finance Fund के माध्यम से फंड करता है, जो कि Varanium Capital सहित अन्य NBFC भागीदारों के साथ साझेदारी में कार्य कर रहा है। इस वित्तीय सहायता से Celcius, Ohm, और Fitsol अपनी ऑपरेशनों को बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे।

Celcius Logistics का लक्ष्य

Celcius Logistics, जिसे Swarup Bose ने लॉन्च किया, तकनीक के माध्यम से ठंडे श्रृंखला लॉजिस्टिक्स की दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यह प्लेटफॉर्म एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कोशिश कर रहा है, जो खाद्य, दवा और अन्य नाशवान वस्तुओं की सुरक्षित और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करता है। Celcius Logistics का उद्देश्य पूरे देश में तापमान-संवेदनशील सामानों के लिए एक प्रभावी लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करना है।

Fitsol की अनोखी पहल

दूसरी ओर, Fitsol, जो कि Anand Pathak द्वारा 2022 में स्थापित किया गया, विनिर्माण कंपनियों के लिए एक डिकार्बोनाइजेशन पार्टनर के रूप में कार्य करता है। Fitsol का लक्ष्य आपूर्ति श्रृंखला से 1 बिलियन टन CO2 की कमी लाना है। यह एक AI-शक्ति प्राप्त कार्बन प्रबंधन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्बन फुटप्रिंट को इकट्ठा, मापने और रिपोर्ट करने में सहायता करता है।

Ohm Logistics का महत्व

Ohm Logistics, जिसे लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी माना जा रहा है, भी GetVantage द्वारा फंड किए गए स्टार्टअप्स में से एक है। यह स्टार्टअप समग्र लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करने के लिए नवोन्मेषी तकनीकों का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में कस्टमर्स की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना है।

GetVantage का प्रभाव

GetVantage की स्थापना 2019 में Bhavik Vasa और Amit Srivastava ने की थी। यह प्लेटफॉर्म डेटा-आधारित निवेशों की सुविधा प्रदान करता है, जो 2 लाख रुपये से लेकर 20 करोड़ रुपये तक होते हैं। अब तक, GetVantage ने 1,500 से अधिक SMEs और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान की है।

GetVantage विभिन्न प्रकार के नॉन-डिल्यूटिव कार्यशील पूंजी समाधान प्रदान करता है, जिसमें मार्केटिंग, इन्वेंट्री, लॉजिस्टिक्स, और अन्य आवर्ती संचालन खर्च शामिल हैं। यह B2B SaaS, ई-कॉमर्स, D2C, एडटेक, क्लाउड किचन, और कई अन्य क्षेत्रों में व्यापारियों के लिए सहायक है।

प्रमुख निवेशकों का समर्थन

GetVantage को भारत और जापान के प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें Chirate Ventures, Sony, DI Japan, DMI Fund, और InCred Capital शामिल हैं। इन निवेशों ने GetVantage को अपने लक्ष्यों को हासिल करने और स्टार्टअप्स को मजबूत करने में सहायता की है।

वर्तमान और भविष्य की योजनाएँ

GetVantage का लक्ष्य है कि वह लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में और अधिक स्टार्टअप्स के साथ काम करे। यह कंपनी न केवल वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, बल्कि यह प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यवसायों को बढ़ाने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र भी विकसित कर रही है।

आने वाले समय में, GetVantage की योजना है कि वह और अधिक स्टार्टअप्स को फंडिंग प्रदान करे, जिससे वे अपने कारोबार को और अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ा सकें। यह न केवल भारतीय स्टार्टअप्स के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

निष्कर्ष

GetVantage की लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एंट्री और स्टार्टअप्स को प्रदान की गई वित्तीय सहायता एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल नवोन्मेषी कंपनियों को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान करेगी। यह पहल यह दर्शाती है कि कैसे नवाचार और वित्तीय समर्थन के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप्स को एक नई दिशा मिल सकती है।

GetVantage के द्वारा प्रदान की गई सहायता से न केवल लाभार्थी स्टार्टअप्स को बल्कि समग्र लॉजिस्टिक्स उद्योग को भी एक नई ऊर्जा मिलेगी, जिससे उद्योग में स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

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Avaana Capital ने क्लाइमेट और सस्टेनेबिलिटी फंड में $135 मिलियन का क्लोज़ किया

Avaana Capital

जलवायु परिवर्तन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने वाली वेंचर कैपिटल फर्म Avaana Capital ने अपने $135 मिलियन Avaana Climate and Sustainability Fund का अंतिम क्लोज़ कर दिया है। यह फंड जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारत को नेट जीरो लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए शुरुआती चरण की कंपनियों में निवेश करेगा।

संस्थागत निवेशकों का समर्थन

Avaana Capital ने कहा कि इस फंड को संस्थागत निवेशकों से व्यापक समर्थन मिला है, जिनमें प्रमुख रूप से ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) शामिल है। अन्य महत्वपूर्ण निवेशकों में यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC), यूके सरकार के माध्यम से UK-India Development Cooperation Fund (UKIDCF), सेल्फ रिलायंट इंडिया (SRI) फंड, सिडबी (SIDBI), अजीम प्रेमजी ट्रस्ट और कई बड़े कॉर्पोरेशन शामिल हैं।

यह साझेदारी भारत के नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अग्रणी कंपनियों को वित्तीय समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

तकनीकी समाधान और जलवायु परिवर्तन की दिशा में निवेश

Avaana Capital की स्थापना के पीछे जलवायु परिवर्तन और स्थिरता के लिए तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना है। कंपनी शुरुआती चरण की उन कंपनियों में निवेश करेगी जो जलवायु शमन (मिटिगेशन) और अनुकूलन (एडॉप्टेशन) के लिए स्केलेबल समाधान विकसित कर रही हैं।

Avaana Climate and Sustainability Fund का नेतृत्व अंजलि बंसल और स्वप्ना गुप्ता कर रही हैं। यह फंड टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन और इनोवेटिव क्लाइमेट सॉल्यूशंस में निवेश करेगा। इसकी कुछ प्रमुख पोर्टफोलियो कंपनियों में Eeki Foods, Aerem, Kazam, Sentra.world, FarMart, Eggoz, Ninety One 91, Turno और Terra.do शामिल हैं।

पहला क्लोज़ और Avaana का सफर

पिछले साल जून में, Avaana Capital ने अपने Avaana Climate and Sustainability Fund के पहले क्लोज़ के लिए $70 मिलियन जुटाए थे। इस फंड का उद्देश्य जलवायु से जुड़ी समस्याओं का हल ढूंढने वाली कंपनियों को फंडिंग प्रदान करना और उन्हें बढ़ावा देना है, ताकि वे स्थिरता के लक्ष्य की दिशा में काम कर सकें।

इस फंड के साथ, Avaana Capital उन स्टार्टअप्स को सहयोग करेगा जो पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। इस फंड के माध्यम से Avaana Capital ने दिखाया है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में वेंचर कैपिटल का कितना महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

जलवायु परिवर्तन और निवेश का भविष्य

जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, और Avaana Capital का यह फंड भारत के लिए इस चुनौती से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। फंड का उद्देश्य उन स्टार्टअप्स को आर्थिक मदद देना है, जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

कंपनियों को सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित करने वाले ऐसे फंड न केवल निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं, बल्कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत का नेट जीरो लक्ष्य और Avaana की भूमिका

भारत का नेट जीरो लक्ष्य 2070 तक का है, और यह यात्रा Avaana जैसे फंड्स के सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती। Avaana Capital की स्थापना इस दिशा में एक मजबूत कदम है, जो शुरुआती चरण की कंपनियों को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन भी देती है।

इस फंड के जरिए Avaana Capital का लक्ष्य है कि वे उन कंपनियों में निवेश करें जो न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उन्नत तकनीकी समाधानों पर काम कर रही हैं, बल्कि जो भारत की सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद कर सकें।

सस्टेनेबिलिटी और टेक्नोलॉजी का संगम

Avaana Capital की रणनीति यह है कि टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को एक साथ लाया जाए, ताकि स्थायी विकास की दिशा में तेजी से प्रगति की जा सके। कंपनियों को वित्तीय मदद देने के साथ-साथ, Avaana यह सुनिश्चित करता है कि उनके निवेश पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालें।

जिन कंपनियों में Avaana निवेश करता है, वे स्वच्छ ऊर्जा, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, और कार्बन उत्सर्जन में कमी जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं। यह फंड एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है, जिससे इनोवेटिव स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में नए अवसर बन रहे हैं।

Avaana का भविष्य और सस्टेनेबिलिटी के लिए उसकी प्रतिबद्धता

Avaana Capital का लक्ष्य न केवल वित्तीय लाभ कमाना है, बल्कि एक सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में भी योगदान देना है। उनके निवेश से स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलती है, और इसके साथ ही वे पर्यावरणीय सुधार में भी अपनी भूमिका निभाते हैं।

क्लाइमेट टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, Avaana का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है। यह फंड न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

निष्कर्ष

Avaana Capital का $135 मिलियन Avaana Climate and Sustainability Fund जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को साथ लाकर, यह फंड भारत के नेट जीरो लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करेगा। Avaana Capital ने दिखा दिया है कि कैसे एक वेंचर कैपिटल फंड न केवल निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकता है, बल्कि पर्यावरणीय सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

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Even Healthcare को सीरीज A फंडिंग में $30 मिलियन की राशि प्राप्त

Even Healthcare

भारत के Even Healthcare सेक्टर में क्रांति लाने वाली कंपनी इवन हेल्थकेयर ने सीरीज A फंडिंग राउंड में $30 मिलियन (लगभग ₹250 करोड़) की राशि जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Khosla Ventures ने किया, जिसमें Founders Fund, 8VC, और Lachy Groom जैसे बड़े निवेशकों ने भी हिस्सा लिया। इसके साथ ही, इवन हेल्थकेयर की कुल फंडिंग अब $50 मिलियन तक पहुंच गई है।

नई पूंजी का इस्तेमाल और कंपनी का उद्देश्य

Even Healthcare ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस नई पूंजी का उपयोग अस्पतालों के संचालन को शुरू करने और रोगी देखभाल एवं संसाधन प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। कंपनी का उद्देश्य भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम को और अधिक सुलभ और बेहतर बनाना है।

इवन हेल्थकेयर की स्थापना 2020 में मयंक बनर्जी, मतील्दे गिग्लियो और एलेसांद्रो इआलोंगो द्वारा की गई थी। यह कंपनी अपने सदस्यों को मुफ्त परामर्श, डायग्नोस्टिक टेस्ट और कैशलेस अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है। कंपनी के अनुसार, इवन केवल उन अस्पतालों के साथ साझेदारी करता है, जो नियमित भुगतान के बदले इसके सदस्यों की अच्छी देखभाल की गारंटी देते हैं।

इवन हेल्थकेयर की सेवाएँ और सदस्यता

इवन हेल्थकेयर ने अपने प्लेटफॉर्म पर पर्सनलाइज्ड केयर प्रोग्राम्स की शुरुआत की है, जिसमें सदस्यों को विशेष देखभाल योजनाएँ मिलती हैं। इसके अलावा, इवन कार्ड भी जारी किए जाते हैं, जिनका उपयोग सदस्य इसके पार्टनर अस्पतालों और लैब्स में बिलों का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। कंपनी दावा करती है कि इसका प्लेटफॉर्म मेडिकल इंश्योरेंस से बेहतर है, क्योंकि यह असीमित OPD परामर्श और डायग्नोस्टिक्स की सुविधा प्रदान करता है।

तेजी से बढ़ती सदस्यता और राजस्व

वर्तमान में, इवन हेल्थकेयर के 300 कर्मचारियों की एक मजबूत टीम है, जिसने कंपनी के सदस्यता आधार को सैकड़ों हजारों तक बढ़ाया है। कंपनी ने अपने व्यवसायिक लॉन्च के 18 महीने के भीतर ही $28 मिलियन (लगभग ₹230 करोड़) का राजस्व अर्जित किया है। यह इवन हेल्थकेयर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इसके तेजी से बढ़ते हुए व्यवसाय का प्रमाण है।

भविष्य की योजनाएँ

आने वाले समय में, इवन हेल्थकेयर बेंगलुरु में तीन माध्यमिक देखभाल पर केंद्रित अस्पताल खोलने की योजना बना रहा है। इन अस्पतालों का उद्देश्य जोखिम प्रोफाइलिंग और प्रबंधित देखभाल के माध्यम से अस्पताल में भर्ती होने के जोखिमों को कम करना है। इवन का लक्ष्य है कि ये अस्पताल अधिक कुशल और रोगियों के लिए सुरक्षित देखभाल प्रदान कर सकें।

भारतीय हेल्थकेयर मार्केट का परिदृश्य

भारत का हेल्थकेयर बाजार 2022 में $372 बिलियन (लगभग ₹30 लाख करोड़) का था और यह 22% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद, निजी बीमा योजनाओं के तहत केवल बहुत कम आबादी कवर हो पाती है। इस चुनौतीपूर्ण परिदृश्य में, इवन हेल्थकेयर जैसी कंपनियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

निजी बीमा और इवन की भूमिका

हालांकि भारत में प्राइवेट इंश्योरेंस का विस्तार हो रहा है, लेकिन यह अभी भी पूरे देश की अपेक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ है। ऐसे में इवन हेल्थकेयर का कैशलेस और फ्री OPD परामर्श जैसे मॉडल भारतीयों के लिए अधिक सुलभ और किफायती हेल्थकेयर समाधान प्रदान कर रहे हैं।

इवन हेल्थकेयर की यह रणनीति न केवल आर्थिक रूप से अधिक सशक्त वर्ग के लिए लाभकारी है, बल्कि उन लोगों के लिए भी जो बीमा योजनाओं की जटिलताओं और प्रीमियम के कारण हेल्थकेयर से दूर रहते हैं। इवन हेल्थकेयर के मॉडल में प्रीमियम भुगतान के बजाय नियमित भुगतान के माध्यम से अस्पतालों से सेवाएं प्राप्त करना संभव होता है, जिससे लोगों का भरोसा और सुविधाएँ दोनों बढ़ती हैं।

निष्कर्ष

इवन हेल्थकेयर का सीरीज A फंडिंग राउंड में $30 मिलियन जुटाना यह दर्शाता है कि भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में अभी भी नवाचार और निवेश के लिए अपार संभावनाएँ हैं। कंपनी की नई पूंजी का इस्तेमाल न केवल अस्पतालों के संचालन में सुधार के लिए होगा, बल्कि रोगियों के देखभाल के स्तर को भी उच्च बनाने में मदद करेगा।

आने वाले समय में, इवन हेल्थकेयर का ध्यान अस्पतालों के नेटवर्क को और विस्तार देने, सदस्यता आधार को बढ़ाने और हेल्थकेयर सेवाओं को बेहतर और अधिक सुलभ बनाने पर होगा।

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Paytm को NPCI से मिली नई UPI यूजर्स जोड़ने की मंजूरी

paytm

One97 Communications Limited, जो कि Paytm की पेरेंट कंपनी है, ने हाल ही में घोषणा की है कि उसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से अपनी UPI प्लेटफॉर्म पर नए यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मिल गई है। यह निर्णय NPCI द्वारा Paytm के अनुरोध की जांच के बाद लिया गया है, जिसे कंपनी ने 1 अगस्त 2024 को प्रस्तुत किया था। इस फैसले के बाद अब Paytm नए UPI यूजर्स को अपनी ऐप पर जोड़ सकता है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के चलते रोका गया था।

RBI के निर्देश और Paytm की यात्रा

RBI ने जनवरी और फरवरी 2024 में दिए गए निर्देशों के तहत Paytm को नए UPI यूजर्स को जोड़ने से रोक दिया था। इसके पीछे UPI ट्रांजेक्शन्स और डेटा सुरक्षा के नियमों का पालन सुनिश्चित करना मुख्य कारण था। इसके बाद Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने NPCI को पत्र लिखकर नए यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मांगी। NPCI के प्रमुख दिलीप अस्बे ने इस अनुरोध पर विचार करने के बाद Paytm को यह मंजूरी दी।

NPCI के प्रमुख दिलीप अस्बे ने अपने पत्र में लिखा, “हम आपके 1 अगस्त 2024 के पत्र की प्राप्ति की पुष्टि करते हैं जिसमें आपने नए UPI यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मांगी थी, जो कि RBI के 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 के निर्देशों के अनुसार रोक दी गई थी। आपके अनुरोध की जांच के बाद, हम आपको नए UPI यूजर्स को Paytm ऐप पर जोड़ने की मंजूरी देते हैं।”

NPCI की शर्तें और Paytm की जिम्मेदारियाँ

हालांकि, NPCI ने इस मंजूरी के साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं। Paytm को NPCI द्वारा निर्धारित विशेष दिशानिर्देशों और आवश्यकताओं का पालन करना होगा, जिनमें जोखिम प्रबंधन, ब्रांड मानक, मल्टी-बैंक प्रोटोकॉल, TPAP मार्केट शेयर, और ग्राहक डेटा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। इसके अलावा, Paytm को NPCI और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) बैंकों के साथ त्रिपक्षीय समझौते के तहत अपने दायित्वों को भी पूरा करना होगा।

NPCI ने Paytm से यह भी कहा है कि वह 2018 में जारी भुगतान प्रणाली डेटा संग्रहण (Storage of Payment System Data) दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करे।

Paytm के लिए यह है राहत का समय

Paytm के लिए यह मंजूरी एक बड़ी राहत के रूप में आई है, क्योंकि इससे कंपनी एक बार फिर से अपने UPI प्लेटफॉर्म पर नए यूजर्स को जोड़ सकेगी। NPCI के आंकड़ों के अनुसार, Paytm फिलहाल UPI पेमेंट्स के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है, जहां PhonePe और Google Pay क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं। सितंबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, Paytm हर महीने 1 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन्स को प्रोसेस करता है।

वित्तीय परिणाम और Paytm की सफलता

Paytm के लिए यह नई मंजूरी ऐसे समय में आई है जब कंपनी के तिमाही वित्तीय परिणाम भी सामने आए हैं। Q2 FY25 (वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) में, नोएडा स्थित इस कंपनी ने ₹1,660 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, साथ ही ₹960 करोड़ का मुनाफा भी दर्ज किया है। यह Paytm के लिए वित्तीय दृष्टिकोण से भी सकारात्मक संकेत है, क्योंकि कंपनी न केवल भारतीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना रही है।

Paytm की यह सफलता उसकी मजबूत फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजिकल रणनीतियों का परिणाम है। कंपनी ने न केवल अपने ऑपरेशन्स को डिजिटल माध्यमों पर केंद्रित किया है, बल्कि अपने ग्राहकों को एक सहज और सुरक्षित UPI अनुभव भी प्रदान किया है।

Paytm का भविष्य

Paytm के लिए UPI सेगमेंट में फिर से नए यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मिलना, कंपनी की ग्रोथ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। UPI पेमेंट्स के बढ़ते बाजार में, Paytm को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नए यूजर्स का जुड़ाव बेहद जरूरी है।

कंपनी का ध्यान अब इस दिशा में होगा कि वह NPCI के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, अपने UPI प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाए और ग्राहकों को बेहतरीन सेवा प्रदान करे। इसके साथ ही, Paytm यह भी सुनिश्चित करेगा कि उसकी सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन नीतियां मजबूत रहें ताकि उसके यूजर्स को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

निष्कर्ष

Paytm के लिए NPCI से नए UPI यूजर्स जोड़ने की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे कंपनी अपने ग्राहक आधार को और अधिक बढ़ा सकेगी। वित्तीय दृष्टिकोण से भी कंपनी की स्थिति मजबूत होती दिख रही है, और आने वाले समय में Paytm UPI सेगमेंट में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर सकता है।

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