भारत के हेल्थटेक सेक्टर में तेजी से उभरते Erly Sign ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में ₹16 करोड़ (लगभग $1.8 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व प्रसिद्ध निवेशक आशीष कचोलिया ने किया।
Erly Sign क्लिनिकल ट्रायल और बाजार विस्तार पर फोकस
Erly Sign इस फंड का उपयोग क्लिनिकल ट्रायल, सीडीएससीओ (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) की मंजूरी प्राप्त करने और अपने ओरल कैंसर डिटेक्शन किट को बाजार में लॉन्च करने के लिए करेगा।
कैंसर का जल्दी पता लगाने में महारत
ErlySign की स्थापना 2019 में शुभेंद्र सिंह ठाकुर और देवव्रत बेगड़े ने की थी। यह स्टार्टअप ओरल कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए समाधान विकसित करता है।
कंपनी का दावा है कि उसने भारत का पहला सैलिवरी बायोमार्कर-आधारित टेस्ट विकसित किया है, जो लक्षण दिखने से पहले ही कैंसर की पहचान कर सकता है। यह परीक्षण मरीजों को शुरुआती चरण में ही इलाज का मौका देता है, जिससे जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।
CRISPR तकनीक से भविष्य की योजना
ErlySign आने वाले समय में CRISPR miRNA-आधारित परीक्षण तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहा है। यह तकनीक एक ही लार के नमूने से 15–20 मिनट में कई प्रकार के कैंसर का पता लगाने में सक्षम होगी।
कैंसर डिटेक्शन में बड़ा कदम
भारत में हर साल ओरल कैंसर के लाखों मामले सामने आते हैं। सस्ते और तेज़ डिटेक्शन किट्स की कमी के कारण, अधिकांश मामलों का पता देर से चलता है। ErlySign की यह तकनीक इस समस्या का प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है।
देशभर में पहुंच का लक्ष्य
ErlySign का उद्देश्य है कि उनकी किट्स देशभर के क्लीनिक्स, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचे। इसके साथ ही, वे अपनी तकनीक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं।
फंडिंग का महत्व
इस फंडिंग से ErlySign को न केवल अपने उत्पादों को बाजार में लाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को भी सशक्त बनाएगा। कम लागत, तेज़ परिणाम और सरल प्रक्रिया के माध्यम से, यह किट भारत में ओरल कैंसर से होने वाली मौतों को कम करने में मदद कर सकती है।
ErlySign: एक उम्मीद की किरण
ErlySign जैसे हेल्थटेक स्टार्टअप्स यह साबित कर रहे हैं कि उन्नत तकनीक और नवाचार से जीवन बचाया जा सकता है। ₹16 करोड़ की यह फंडिंग इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारत में कैंसर की जांच और इलाज को आसान और सुलभ बनाएगा।
निष्कर्ष
ErlySign का प्रयास न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावी बनाता है। ओरल कैंसर के क्षेत्र में यह नई शुरुआत भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगी और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
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