Hissa ने लॉन्च किया ESOP के लिए $35 मिलियन का फंड

Hissa

ईक्विटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म हिस्सा ने ESOP (Employee Stock Option Plan) के लिए Hissa फंड I लॉन्च किया है। यह $35 मिलियन का पहलू उन कर्मचारियों को नकदी प्रदान करने के लिए समर्पित है, जो ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स में वेस्टेड स्टॉक ऑप्शंस रखते हैं। यह फंड कर्मचारियों को उनके पेपर वेल्थ को वास्तविक अवसरों में बदलने का मौका देता है।


Hissa ESOP के लिए पहली बार इस तरह का समाधान

Hissa फंड I का उद्देश्य उन कर्मचारियों की समस्या को हल करना है, जिन्हें IPO या अधिग्रहण के माध्यम से अपने स्टॉक ऑप्शंस के मूल्यवान होने के लिए वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है।

सेबी-रजिस्टर्ड कैटेगरी II अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) के रूप में डिजाइन किया गया यह फंड T+5 सेटलमेंट साइकिल के साथ ऑन-डिमांड नकदी प्रदान करता है।


ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स पर केंद्रित

हिस्सा फंड I का फोकस 15-20 ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स पर रहेगा। यह संस्थापकों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि लिक्विडिटी इवेंट्स टैलेंट रिटेंशन और बिजनेस ग्रोथ रणनीतियों के साथ समन्वयित हो सकें।


हिस्सा: ईक्विटी प्रबंधन को आसान बनाना

2019 में सतीश मुगुलवल्ली और श्रीनिवास कट्टा द्वारा लॉन्च किया गया हिस्सा, रूलज़ीरो का हिस्सा है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ऑनरशिप मैनेजमेंट को आसान बनाता है।

यह प्लेटफॉर्म कई कार्यों को स्वचालित करता है:

  1. शेयर जारी करना।
  2. स्टॉक ऑप्शंस को ट्रैक करना।
  3. कंपनी के ऑनरशिप रिकॉर्ड्स को प्रबंधित करना।
  4. लेन-देन को संभालना।

हिस्सा फंड की पहली इन्वेस्टमेंट: मिको

हिस्सा फंड ने अपनी पहली इन्वेस्टमेंट AI-आधारित रोबोटिक्स कंपनी मिको में की है। इस लेन-देन के माध्यम से, फंड ने 32 कर्मचारियों को नकदी प्रदान की।

मिको के कर्मचारी, जो पहले अपने स्टॉक ऑप्शंस का मूल्य महसूस करने में असमर्थ थे, अब इस फंड के माध्यम से अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।


ESOP में नकदी लाने का महत्व

स्टार्टअप्स के कर्मचारियों के लिए, ESOP एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है, लेकिन इसकी वास्तविक मूल्य तभी निकलती है जब इसका मोनिटाइजेशन होता है।

हिस्सा फंड I का यह मॉडल:

  • कर्मचारियों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को जल्दी पूरा करने में मदद करता है।
  • स्टार्टअप्स को प्रतिभा बनाए रखने में मदद करता है।
  • व्यवसाय विकास को एक नई दिशा देता है।

भारत में ESOP संस्कृति को बढ़ावा देना

भारत में, ESOP का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, खासकर स्टार्टअप्स में।

  • IPO या अधिग्रहण का इंतजार: भारतीय स्टार्टअप्स में ESOP का मूल्य अकसर IPO या अधिग्रहण के बाद ही सामने आता है।
  • लिक्विडिटी का अभाव: कर्मचारियों को अपने स्टॉक ऑप्शंस के मूल्य को महसूस करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।

हिस्सा फंड I इस समस्या का समाधान पेश करता है और भारत में ESOP संस्कृति को एक नई दिशा देता है।


कैसे काम करता है हिस्सा फंड I?

  • T+5 सेटलमेंट साइकिल: यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी जल्दी नकदी प्राप्त कर सकें।
  • संस्थापकों के साथ समन्वय: लिक्विडिटी इवेंट्स को टैलेंट रिटेंशन रणनीतियों के साथ जोड़ना।
  • सस्टेनेबल बिजनेस ग्रोथ: कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करना।

ESOP का भविष्य और हिस्सा की भूमिका

हिस्सा फंड I का लॉन्च भारत में ESOP के डिजिटलीकरण और सरलता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

  • कर्मचारियों के लिए लाभ: यह पहल कर्मचारियों को उनके वित्तीय भविष्य के प्रति आत्मनिर्भर बनाती है।
  • स्टार्टअप्स के लिए समर्थन: यह स्टार्टअप्स को टैलेंट बनाए रखने और व्यापार को गति देने में मदद करता है।
  • संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना: यह मॉडल स्टार्टअप और कर्मचारियों के बीच संतुलन और सहयोग को बढ़ावा देता है।

हिस्सा का विज़न

हिस्सा का उद्देश्य न केवल कर्मचारियों को नकदी प्रदान करना है, बल्कि भारत में ईक्विटी प्रबंधन को आधुनिक और सरल बनाना है।

इसके अन्य लाभों में शामिल हैं:

  • डिजिटल ट्रांजैक्शन की सुविधा।
  • ईक्विटी प्रबंधन के जटिल कार्यों का सरलीकरण।
  • कर्मचारियों और स्टार्टअप्स के लिए दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता।

निष्कर्ष

हिस्सा फंड I भारत में ESOP के परिदृश्य को बदलने के लिए एक बड़ा कदम है। यह कर्मचारियों और स्टार्टअप्स दोनों के लिए एक विन-विन मॉडल है।

मिको में पहली इन्वेस्टमेंट के साथ, हिस्सा ने यह साबित कर दिया है कि ESOP लिक्विडिटी केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक समाधान है।

इस पहल के साथ, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है, जहां कर्मचारियों को उनके योगदान का वास्तविक लाभ मिलेगा और स्टार्टअप्स को उनकी ग्रोथ यात्रा में आवश्यक समर्थन।

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ParkMate

फंडिंग में भागीदारी

नोएडा स्थित पार्किंग प्रबंधन प्लेटफॉर्म ParkMate ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में $1.2 मिलियन जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व कैक्टस पार्टनर्स ने किया, साथ ही मौजूदा निवेशकों जैसे वेंचर कैटालिस्ट्स और मारवाह ग्रुप फैमिली ऑफिस ने भी भाग लिया। इससे पहले, पार्कमेट ने अपने मौजूदा निवेशकों से $1.2 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की थी।

ParkMate फंड का उपयोग और योजनाएं

ParkMate ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह फंडिंग ऑपरेशन्स के विस्तार, बिजनेस डेवलपमेंट टीम को मजबूत बनाने, और उन्नत पार्किंग समाधानों में इनोवेशन को गति देने के लिए उपयोग की जाएगी।

संस्थापकों का परिचय

ParkMate की स्थापना अभिमन्यु सिंह और धनंजय भारद्वाज ने 2021 में की थी। इसका उद्देश्य पार्किंग ढूंढने, आरक्षित करने और भुगतान करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

पार्कमेट का वैश्विक दृष्टिकोण

पार्कमेट केवल भारतीय शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पार्किंग समाधानों को एक नई दिशा देने का लक्ष्य रखता है। इसके स्मार्ट पार्किंग सिस्टम का उपयोग उन्नत शहरों में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने और पार्किंग की प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए किया जा सकता है।

स्मार्ट पार्किंग की बढ़ती मांग

भारत जैसे देश में, जहां शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, स्मार्ट पार्किंग तकनीकों की मांग भी बढ़ रही है। पार्कमेट जैसे प्लेटफ़ॉर्म इन मांगों को पूरा करते हुए पार्किंग इंडस्ट्री में नई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं।

डेटा-चालित निर्णय

पार्कमेट के पास एक मजबूत डेटा-एनालिटिक्स सिस्टम है, जो उपयोगकर्ताओं के व्यवहार, ट्रैफिक के पैटर्न और पार्किंग की मांग को समझने में मदद करता है। इस डेटा का उपयोग:

  • उपयोगकर्ता-अनुकूल समाधान विकसित करने।
  • नए पार्किंग स्थलों की पहचान करने।
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है।

स्थायित्व और पर्यावरण पर प्रभाव

पार्कमेट की इको-फ्रेंडली पहल शहरी परिवहन में स्थायित्व लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके द्वारा पेश किए गए समाधान, जैसे कि कम ईंधन खपत और ट्रैफिक को कम करने के लिए स्मार्ट मार्गदर्शन, पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

उपयोगकर्ता अनुभव को प्राथमिकता

पार्कमेट का यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस और सुविधाजनक फीचर्स इसे उपयोगकर्ताओं के लिए पसंदीदा बनाते हैं।

  • रीयल-टाइम अपडेट्स: लाइव ट्रैफिक और पार्किंग की उपलब्धता की जानकारी।
  • कैशलेस पेमेंट्स: डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना।
  • पार्किंग ड्यूरेशन अलर्ट्स: उपयोगकर्ताओं को उनके पार्किंग समय की जानकारी देना।

पार्कमेट का व्यापक नेटवर्क

वर्तमान में, पार्कमेट भारत के कई शहरों में सक्रिय है और तेजी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। इसके पास 2025 तक शीर्ष 25 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य है।

निवेशकों का बढ़ता विश्वास

पार्कमेट के निवेशकों में कैक्टस पार्टनर्स, वेंचर कैटालिस्ट्स, और मारवाह ग्रुप फैमिली ऑफिस जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इनके सहयोग से कंपनी न केवल वित्तीय मजबूती हासिल कर रही है, बल्कि तकनीकी और व्यावसायिक विशेषज्ञता भी प्राप्त कर रही है।

प्रतिस्पर्धा में बढ़त

पार्कमेट के पास एक अनूठा मॉडल है, जो इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है। इसके वन-स्टॉप सॉल्यूशन और तकनीकी दक्षता इसे अन्य पार्किंग प्लेटफ़ॉर्म्स से अलग बनाते हैं।

भविष्य की संभावनाएं

पार्कमेट के विस्तार की योजनाएं और तकनीकी नवाचार इसे एक पार्किंग टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। कंपनी का लक्ष्य है:

  1. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में भागीदारी।
  2. इंटरनेशनल मार्केट्स में विस्तार।
  3. सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज का विकास।

उपभोक्ताओं और शहरों के लिए लाभ

पार्कमेट का प्रभाव केवल उपयोगकर्ताओं तक सीमित नहीं है। यह शहरों के स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को भी मजबूत करता है।

  • भीड़भाड़ कम करना: बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन।
  • ईंधन की बचत: प्रभावी पार्किंग स्थान निर्देश।
  • स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर: डिजिटलीकृत पार्किंग स्थलों का निर्माण।

निष्कर्ष

पार्कमेट का दृष्टिकोण और निवेशकों का समर्थन इसे शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बना रहे हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म ने पार्किंग इंडस्ट्री में नई संभावनाओं को जन्म दिया है और इसके इनोवेटिव समाधानों ने इसे एक विश्वसनीय और पसंदीदा ब्रांड के रूप में स्थापित किया है।

पार्कमेट की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि सही दृष्टिकोण और तकनीक के संयोजन से, शहरीकरण की चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। आने वाले समय में, यह प्लेटफ़ॉर्म भारत और वैश्विक स्तर पर पार्किंग इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।

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GreenStitch ने $1.2 मिलियन फंडिंग जुटाई, fashion and textile industry sustainability-focused

GreenStitch

सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म GreenStitch ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $1.2 मिलियन (लगभग ₹10 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व इक्विरस इनोवेटएक्स फंड (Equirus InnovateX Fund) ने किया, जिसमें आइवीकैप वेंचर्स (Ivycap Ventures), वार्मअप वेंचर्स (Warmup Ventures) और जेका वेंचर्स (Zeca Ventures) ने भी भाग लिया।


GreenStitch फंडिंग का उपयोग और रणनीति

GreenStitch इस फंडिंग का उपयोग अपनी टीम और उत्पाद को मजबूत करने के साथ-साथ फैशन और टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक विस्तृत डेटा बेस बनाने के लिए करेगा।

  • कंपनी का लक्ष्य है सप्लाई चेन के विभिन्न स्तरों से डाटा को एकत्रित करके विश्वसनीय और स्थायी समाधान प्रदान करना।
  • यह प्लेटफॉर्म AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन की गणना और पर्यावरणीय जोखिमों की पहचान करता है।

संस्थापक और विजन

नरेंद्र माकवाना और अर्पित समदानी: संस्थापक

2023 में स्थापित, ग्रीनस्टिच को नरेंद्र माकवाना और अर्पित समदानी ने शुरू किया।

  • दोनों का उद्देश्य है फैशन और टेक्सटाइल उद्योग को सस्टेनेबिलिटी की दिशा में अग्रसर करना।
  • उन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो एंटरप्राइज ERP और PLM सिस्टम्स के साथ सीधे इंटीग्रेट होता है।

सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन

ग्रीनस्टिच के संस्थापकों का मानना है कि फैशन और टेक्सटाइल उद्योग में स्थिरता को प्राथमिकता देना समय की मांग है।

  • उनकी टीम पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और उद्योग को हरित समाधान देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

ग्रीनस्टिच की तकनीकी विशेषताएं

डेटा एकत्रीकरण और एनालिटिक्स

ग्रीनस्टिच सप्लाई चेन के विभिन्न स्तरों से जानकारी को एकत्रित करता है।

  • यह उन डेटा गैप्स की पहचान करता है, जिन्हें भरने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जाता है।
  • यह प्रक्रिया विश्वसनीय Scope 3 GHG गणना सुनिश्चित करती है।

ESG जोखिमों की पहचान

  • प्लेटफॉर्म सप्लाई चेन में पर्यावरण, सामाजिक, और गवर्नेंस (ESG) जोखिमों को पहचानने में मदद करता है।
  • इससे कंपनियों को अपने संचालन को अधिक स्थायी बनाने में सहायता मिलती है।

इंटीग्रेशन की क्षमता

ग्रीनस्टिच का सिस्टम आसानी से ERP और PLM जैसे एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर के साथ इंटीग्रेट हो सकता है।

  • यह फैशन और टेक्सटाइल ब्रांड्स को डेटा सेंट्रलाइजेशन और रीयल-टाइम इनसाइट्स प्रदान करता है।

निवेशक और विशेषज्ञों की भागीदारी

इस फंडिंग राउंड में क्लाइमेट और फैशन इंडस्ट्री के कई प्रमुख विशेषज्ञों और उद्यमियों ने भाग लिया।

प्रमुख निवेशक

  • अनशुमान बपना (फाउंडर, Terra.do)
  • सुमित जैन (सीटीओ, Zalora)
  • पंकज वर्मानी (फाउंडर, Clovia)
  • अमित कुमार (फाउंडर, Nobroker)
  • सेंथिल शंकर (फाउंडर, Ecoline)

निवेशकों का दृष्टिकोण

  • इन निवेशकों का मानना है कि ग्रीनस्टिच जैसे प्लेटफॉर्म फैशन उद्योग में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में क्रांतिकारी भूमिका निभाएंगे।
  • उनके अनुसार, AI-ड्रिवन समाधान उद्योग को अधिक स्थायी और पारदर्शी बना सकते हैं।

फैशन और टेक्सटाइल उद्योग में सस्टेनेबिलिटी की आवश्यकता

उद्योग की चुनौतियां

  • फैशन और टेक्सटाइल उद्योग में सप्लाई चेन की जटिलताएं और पर्यावरणीय प्रभाव को मापने में कठिनाई होती है।
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और ESG जोखिमों की निगरानी के लिए एक कुशल प्रणाली की आवश्यकता है।

ग्रीनस्टिच का समाधान

  • ग्रीनस्टिच का प्लेटफॉर्म इन समस्याओं का समाधान प्रदान करता है।
  • यह ब्रांड्स को डेटा-संचालित निर्णय लेने और स्थिरता की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद करता है।

ग्रीनस्टिच की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं

महत्वपूर्ण उपलब्धियां

  • ग्रीनस्टिच ने फैशन और टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक अद्वितीय सस्टेनेबिलिटी प्लेटफॉर्म विकसित किया है।
  • कंपनी ने उद्योग में सस्टेनेबिलिटी और डेटा सेंट्रलाइजेशन की आवश्यकता को संबोधित किया है।

भविष्य की योजनाएं

  • टीम और उत्पाद को मजबूत बनाना।
  • फैशन और टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक व्यापक डेटा बेस बनाना।
  • सप्लाई चेन ट्रांसपेरेंसी और रीयल-टाइम एनालिटिक्स को और बेहतर करना।

निष्कर्ष

ग्रीनस्टिच ने फैशन और टेक्सटाइल उद्योग में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठा SaaS प्लेटफॉर्म विकसित किया है।

  • $1.2 मिलियन की फंडिंग से कंपनी को अपनी सेवाओं को और विस्तार देने में मदद मिलेगी।
  • AI और मशीन लर्निंग के उपयोग से यह प्लेटफॉर्म उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

फैशन और टेक्सटाइल उद्योग को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में ग्रीनस्टिच का यह कदम सराहनीय है।

  • यह प्लेटफॉर्म न केवल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करेगा, बल्कि उद्योग को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।

ग्रीनस्टिच की कहानी उन कंपनियों के लिए प्रेरणा है, जो सस्टेनेबिलिटी और तकनीकी नवाचार के माध्यम से उद्योग को बदलने की कोशिश कर रही हैं।

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TyrePlex

बी2बी टायर मार्केटप्लेस TyrePlex ने हाल ही में एक फंडिंग राउंड में ₹20 करोड़ (लगभग $2.4 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व पियरकैपिटल (PeerCapital) ने किया, जिसमें टाइटन कैपिटल विनर्स फंड, सत्वा फैमिली ऑफिस और कुछ मौजूदा निवेशक, जैसे 100 यूनिकॉर्न्स, ने भी भाग लिया।


TyrePlex फंडिंग का उपयोग और रणनीतिक योजना

TyrePlex इस फंडिंग का उपयोग कई प्रमुख क्षेत्रों में विस्तार और विकास के लिए करेगा।

भौगोलिक विस्तार

  • कंपनी ने शीर्ष 25 भारतीय शहरों में अपनी पहुंच बढ़ाने की योजना बनाई है।
  • इस विस्तार के लिए गुणात्मक और मात्रात्मक डेटा बिंदुओं का उपयोग किया जाएगा, ताकि सही शहरों का चयन हो सके।

टायर रीसाइक्लिंग और रिवर्स लॉजिस्टिक्स

  • टायरप्लेक्स उद्योग में सस्टेनेबिलिटी की समस्याओं का समाधान करने के लिए टायर रीसाइक्लिंग और रिवर्स लॉजिस्टिक्स पहल शुरू करेगा।
  • यह कदम पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और एक टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला बनाने की दिशा में है।

कुशल टीम निर्माण

  • कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं का समर्थन करने के लिए स्मार्ट और प्रभावी टीम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

टायरप्लेक्स: सेवाएं और विशेषताएं

कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM)

टायरप्लेक्स अपने ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए सीआरएम सॉल्यूशंस प्रदान करता है।

  • यह समाधान ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाने और बिक्री बढ़ाने में मदद करता है।

इन्वेंटरी ऑप्टिमाइजेशन और एडवांस एनालिटिक्स

  • प्लेटफ़ॉर्म इन्वेंटरी को ऑप्टिमाइज़ करने और डेटा-ड्रिवन डिसीजन मेकिंग में मदद करता है।
  • टायर डीलर्स को अपनी बिक्री और मार्जिन सुधारने के लिए टूल्स उपलब्ध कराए जाते हैं।

इंटीग्रेटेड ऐप

टायरप्लेक्स का ऐप डीलर्स को कई सुविधाएं प्रदान करता है, जैसे:

  1. ऑपरेशन्स को सिंप्लिफाई करना।
  2. डिमांड जनरेट करना।
  3. आसान टायर खरीदारी और 3-4 घंटों में डिलीवरी।

संस्थापक और प्रेरणा

पुनीत भास्कर: संस्थापक और विजनरी

2020 में स्थापित, पुनीत भास्कर द्वारा शुरू किया गया टायरप्लेक्स बी2बी टायर इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है।

  • उनका उद्देश्य है टायर डीलर्स को स्मार्ट टूल्स और समाधानों के माध्यम से सशक्त बनाना।
  • प्लेटफ़ॉर्म के 20,000+ रजिस्टर्ड डीलर्स इस बात का प्रमाण हैं कि टायरप्लेक्स ने उद्योग में एक मजबूत उपस्थिति बनाई है।

स्थिरता और नवाचार का फोकस

पुनीत का मानना है कि उद्योग में स्थिरता और नवाचार को प्राथमिकता देना समय की आवश्यकता है।

  • उनके नेतृत्व में, कंपनी ने टिकाऊ भविष्य की ओर कदम बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास किए हैं।

टायरप्लेक्स की उपलब्धियां

व्यापक नेटवर्क

कंपनी का नेटवर्क 20,000 से अधिक टायर डीलर्स तक फैला हुआ है।

  • ये डीलर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने ऑनलाइन स्टोर सेटअप, प्रोक्योरमेंट को मैनेज और सेल्स बढ़ाने में सक्षम हैं।

तेजी से डिलीवरी

टायरप्लेक्स 3-4 घंटों के भीतर टायर डिलीवरी की पेशकश करता है, जो इसे प्रतिस्पर्धी बनाता है।

  • यह सुविधा डीलर्स को उनकी मांगों को तेज़ी से पूरा करने में मदद करती है।

उद्योग के लिए प्रौद्योगिकी समाधान

  • एडवांस एनालिटिक्स और इन्वेंटरी ऑप्टिमाइजेशन जैसे फीचर्स टायरप्लेक्स को उद्योग के अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाते हैं।
  • यह डीलर्स को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करता है।

निवेशकों का दृष्टिकोण

पियरकैपिटल और अन्य निवेशकों का समर्थन

निवेशकों ने टायरप्लेक्स की टेक्नोलॉजी-ड्रिवन अप्रोच और स्थिरता की पहल की सराहना की है।

  • पियरकैपिटल ने इसे बी2बी टायर मार्केट में गेम-चेंजर बताया।
  • 100 यूनिकॉर्न्स और अन्य मौजूदा निवेशकों का फिर से भाग लेना कंपनी में उनके विश्वास को दर्शाता है।

भारत में बी2बी मार्केटप्लेस का भविष्य

उद्योग में बढ़ती मांग

भारत में बी2बी मार्केटप्लेस का तेजी से विस्तार हो रहा है।

  • टायरप्लेक्स जैसी कंपनियां डिजिटल समाधान और डेटा-ड्रिवन निर्णय के माध्यम से इस वृद्धि को गति दे रही हैं।

स्थिरता की आवश्यकता

  • पर्यावरणीय चुनौतियों को हल करने के लिए रीसाइक्लिंग और रिवर्स लॉजिस्टिक्स जैसे उपाय महत्वपूर्ण हैं।
  • टायरप्लेक्स का यह कदम उद्योग को और अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

टायरप्लेक्स ने ₹20 करोड़ जुटाकर बी2बी टायर इंडस्ट्री में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

  • कंपनी की तकनीकी नवाचार, तेजी से विस्तार और स्थिरता की पहल इसे भविष्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती हैं।
  • निवेशकों का समर्थन और डीलर्स का भरोसा इस बात का प्रमाण है कि टायरप्लेक्स उद्योग में क्रांति लाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

टायरप्लेक्स की कहानी बी2बी मार्केटप्लेस की सफलता और नवाचार का एक आदर्श उदाहरण है, जो उद्योग को भविष्य के लिए तैयार कर रही है।

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Sukoon Unlimited seniors नागरिकों के लिए agetech startup ने $430K प्री-सीड फंडिंग जुटाई

Sukoon Unlimited

senior citizen के लिए एक एजटेक स्टार्टअप और सामुदायिक प्लेटफॉर्म, Sukoon Unlimited ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $430K (लगभग 3.5 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस राउंड में कई प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें एंकरिज कैपिटल पार्टनर्स (भारत), डॉक्टर विनय जैन (ऑन्कोलॉजिस्ट और परोपकारी), मनीष दुरेजा, राहुल डैश, प्रांतिक मजूमदार, नीरज सागर, और सुधीर कमथ शामिल हैं।


Sukoon Unlimited फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

Sukoon Unlimited इस फंडिंग का उपयोग अपनी सेवाओं को उन्नत बनाने, संचालन को स्केल करने और भारत में वरिष्ठ नागरिकों के अपने समुदाय को विस्तार देने के लिए करेगा।

  • प्लेटफ़ॉर्म सुधार: नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी का इंटिग्रेशन।
  • संचालन विस्तार: सेवाओं को और अधिक शहरों और समुदायों तक पहुंचाना।
  • सामुदायिक विकास: वरिष्ठ नागरिकों के लिए और अधिक समावेशी और सहयोगात्मक अनुभव प्रदान करना।

सुकून अनलिमिटेड: उद्देश्य और विशेषताएं

वरिष्ठ नागरिकों के लिए समग्र समाधान

2024 में विभा सिंघल द्वारा स्थापित, सुकून अनलिमिटेड वरिष्ठ नागरिकों के मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।

  • प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य है वरिष्ठ नागरिकों को उनके दैनिक जीवन में खुशी और उद्देश्य फिर से खोजने में मदद करना।
  • यह उन्हें समाज के एक सक्रिय और मूल्यवान हिस्से के रूप में महसूस कराने के लिए समर्थन प्रदान करता है।

कंवर्सेशनल एआई का उपयोग

सुकून अनलिमिटेड का सबसे बड़ा इनोवेशन है इसका कंवर्सेशनल एआई सिस्टम, जो 24×7 वरिष्ठ नागरिकों के लिए साथी और समर्थन का कार्य करता है।

  • यह तकनीक वरिष्ठ नागरिकों को अकेलेपन से बचाने में मदद करती है।
  • उन्हें हमेशा किसी से जुड़ा हुआ महसूस कराने के साथ उनकी प्रासंगिकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है।

सेवाएं और लाभ

काउंसलिंग और व्यक्तिगत सहायता

प्लेटफॉर्म वरिष्ठ नागरिकों को मेंटोरिंग, सपोर्ट और कनेक्शन प्रदान करता है। यह सेवाएं व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर उपलब्ध हैं।

ईवेंट्स और एक्टिविटी

  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए इवेंट्स।
  • सामाजिक मेलजोल और नेटवर्किंग के लिए अवसर।

समुदाय आधारित समाधान

  • सुकून अनलिमिटेड वरिष्ठ नागरिकों को समाज में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका देता है।
  • यह उन्हें नई पीढ़ी के साथ जोड़ने और उनके अनुभवों को साझा करने का मंच प्रदान करता है।

प्लेटफॉर्म की अब तक की उपलब्धियां

तेज़ी से बढ़ता नेटवर्क

लॉन्च के केवल आठ महीनों में, सुकून अनलिमिटेड ने:

  • 2,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों तक पहुंच बनाई।
  • 250 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
  • यह विस्तार मुख्यतः मौखिक प्रचार और रेफरल के माध्यम से हुआ।

ग्लोबल अपील

हालांकि प्लेटफॉर्म भारत केंद्रित है, इसकी सेवाओं ने वैश्विक स्तर पर भी वरिष्ठ नागरिकों को आकर्षित किया है।


संस्थापक की दृष्टि

विभा सिंघल की सोच

विभा सिंघल का मानना है कि वरिष्ठ नागरिक समाज के सबसे मूल्यवान और अनुभवपूर्ण सदस्य हैं।

  • उनका उद्देश्य है कि इस वर्ग को अकेलेपन, असुरक्षा और निष्क्रियता से बचाकर उनके जीवन को फिर से उत्साह और सक्रियता से भर दिया जाए।
  • उन्होंने सुकून अनलिमिटेड को एक ऐसा मंच बनाने का सपना देखा, जहां हर वरिष्ठ नागरिक को उनके अनुभव और ज्ञान के लिए सम्मानित किया जाए।

निवेशकों का दृष्टिकोण

एंकरिज कैपिटल पार्टनर्स

निवेशकों ने सुकून अनलिमिटेड की कंवर्सेशनल एआई तकनीक और समुदाय आधारित दृष्टिकोण को बड़ी क्षमता के रूप में देखा।

  • उनका मानना है कि यह प्लेटफ़ॉर्म भारत में वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।

डॉ. विनय जैन का समर्थन

डॉ. जैन ने कहा कि सुकून अनलिमिटेड जैसे स्टार्टअप्स समाज में वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को समझने और पूरा करने की दिशा में क्रांतिकारी साबित होंगे।


भारत में एगटेक इंडस्ट्री का भविष्य

वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती आबादी

भारत में वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।

  • ऐसे में सुकून अनलिमिटेड जैसे प्लेटफॉर्म उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

नवाचार और सामाजिक प्रभाव

  • एगटेक स्टार्टअप्स में तकनीकी नवाचार समाज में गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।
  • भारत में इस क्षेत्र में निवेश और विकास की व्यापक संभावनाएं हैं।

निष्कर्ष

सुकून अनलिमिटेड ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $430K जुटाकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए एगटेक स्पेस में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • प्लेटफ़ॉर्म ने कंवर्सेशनल एआई और सामुदायिक दृष्टिकोण के माध्यम से एक अनोखा समाधान प्रदान किया है।
  • भारत में वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, यह स्टार्टअप उनके जीवन को खुशी, उद्देश्य और समर्थन प्रदान करने की दिशा में अग्रणी साबित हो सकता है।
  • निवेशकों और समाज का बढ़ता समर्थन इसे भविष्य में और अधिक सफल बनाएगा।

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OrbitAID

चेन्नई स्थित spacetech स्टार्टअप OrbitAID (OrbitAID) ने अपने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $1.5 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Unicorn India Ventures ने किया, जिसमें तमिलनाडु सरकार के TANSIM ने भी भाग लिया।


OrbitAID फंडिंग का उपयोग और कंपनी की योजनाएं

OrbitAID इस फंडिंग का उपयोग स्पेस ऑपरेशंस में उन्नति और सुविधाओं के विस्तार के लिए करेगी। कंपनी ने निम्नलिखित लक्ष्यों की घोषणा की है:

  1. इन-स्पेस डेमोंस्ट्रेशन: अंतरिक्ष में डॉकिंग और रीफ्यूलिंग ऑपरेशंस का प्रदर्शन करना।
  2. ऑन-ऑर्बिट सर्विसिंग ऑपरेशंस: इन सेवाओं को और अधिक उन्नत करने के लिए सुविधाओं का विस्तार।
  3. SIDRP तकनीक को व्यावसायिक रूप से तैयार करना: कंपनी की स्टैंडर्ड इंटरफेस डॉकिंग एंड रीफ्यूलिंग पोर्ट (SIDRP) तकनीक को बाजार में उतारने के लिए तैयार करना।
  4. टीम का विस्तार: स्पेसटेक ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती।

ऑर्बिटएआईडी का उद्देश्य और फोकस

सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस

2021 में स्थापित, ऑर्बिटएआईडी का उद्देश्य अंतरिक्ष में सतत संचालन को बढ़ावा देना है। कंपनी ऑर्बिट में रीफ्यूलिंग सॉल्यूशंस के माध्यम से एक ऐसा नेटवर्क तैयार कर रही है, जिसमें विभिन्न कक्षाओं (orbits) में ईंधन स्टेशन स्थापित किए जाएं।

इनोवेशन के लिए प्रतिबद्धता

  • ऑर्बिटएआईडी ने स्पेस ऑपरेशंस को अधिक कुशल और किफायती बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का विकास किया है।
  • कंपनी की पेटेंटेड SIDRP तकनीक इसका प्रमुख उदाहरण है।

SIDRP तकनीक: एक नई दिशा

परीक्षण और सफलता

ऑर्बिटएआईडी ने हाल ही में अपनी SIDRP तकनीक का फ्लोरिडा में ज़ीरो-ग्रैविटी फ्लाइट के दौरान सफल परीक्षण किया।

  • इस तकनीक ने डॉकिंग और रीफ्यूलिंग टेस्ट में Technology Readiness Level (TRL) 7 तक पहुंच बनाई है।
  • यह तकनीक अंतरिक्ष में वाहनों को दोबारा ईंधन भरने और डॉकिंग के लिए बेहतर समाधान प्रदान करती है।

फायदे

  • सस्टेनेबल ऑपरेशंस: यह तकनीक अंतरिक्ष यान के मिशन जीवन को बढ़ाती है।
  • लागत प्रभावी: ईंधन स्टेशनों के नेटवर्क के माध्यम से अंतरिक्ष अभियानों की लागत कम होगी।
  • प्रत्येक ऑर्बिट में एक्सेस: SIDRP तकनीक विभिन्न कक्षाओं में स्थापित की जा सकती है, जिससे वैश्विक स्पेस ऑपरेशंस को लाभ होगा।

पिछले 12 महीनों में प्रगति

कंपनी ने बीते वर्ष में उल्लेखनीय प्रगति की है:

  1. तकनीकी विकास: डॉकिंग और रीफ्यूलिंग परीक्षणों में TRL 7 हासिल किया।
  2. पार्टनरशिप: कई महत्वपूर्ण साझेदारियां और सहयोग किए।
  3. पेटेंटेड तकनीक का प्रदर्शन: अपनी तकनीक का सफल परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई।

फाउंडर्स और उनकी सोच

सक्थिकुमार आर, निखिल बालासुब्रमण्यम, और मनो बालाजी

  • ऑर्बिटएआईडी के तीनों संस्थापकों ने स्पेसटेक इंडस्ट्री में क्रांति लाने का लक्ष्य रखा है।
  • उनकी सोच है कि भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों को अधिक किफायती और सस्टेनेबल बनाया जा सके।
  • कंपनी ने अपने आरंभ से ही उच्च तकनीकी नवाचार और व्यावसायिक दृष्टिकोण पर जोर दिया है।

स्पेस में फ्यूल स्टेशन का नेटवर्क

फाउंडर्स का मानना है कि भविष्य में अंतरिक्ष में फ्यूल स्टेशनों का नेटवर्क एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।


फंडिंग का महत्व और निवेशकों का योगदान

यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स का दृष्टिकोण

यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स ने ऑर्बिटएआईडी की तकनीकी क्षमताओं और उसके मिशन को पहचाना।

  • निवेशक मानते हैं कि ऑर्बिटएआईडी सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बन सकती है।

TANSIM की भागीदारी

तमिलनाडु सरकार के TANSIM ने इस फंडिंग में भाग लेकर भारतीय स्पेसटेक स्टार्टअप्स को समर्थन दिया है।

  • यह भारत में नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

भारत में स्पेसटेक इंडस्ट्री का भविष्य

सस्टेनेबल स्पेसटेक की बढ़ती मांग

  • अंतरिक्ष में ईंधन भरने और डॉकिंग तकनीक की बढ़ती मांग को देखते हुए, ऑर्बिटएआईडी जैसे स्टार्टअप्स के पास अपार संभावनाएं हैं।
  • भारत के पास वैश्विक स्पेसटेक इंडस्ट्री में अग्रणी बनने का अवसर है।

सरकार और निजी क्षेत्र का सहयोग

  • TANSIM जैसी सरकारी एजेंसियों का सहयोग स्पेसटेक स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • निजी निवेश और सरकारी भागीदारी से भारत की स्पेसटेक इंडस्ट्री में तेजी से विकास होगा।

निष्कर्ष

ऑर्बिटएआईडी ने प्री-सीड फंडिंग में $1.5 मिलियन जुटाकर सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • कंपनी की SIDRP तकनीक और अंतरिक्ष में फ्यूल स्टेशनों का नेटवर्क अंतरिक्ष अभियानों को किफायती और प्रभावी बनाएगा।
  • भारत में स्पेसटेक इंडस्ट्री के विकास के लिए ऑर्बिटएआईडी जैसे स्टार्टअप्स प्रेरणास्रोत साबित होंगे।
  • यह फंडिंग न केवल ऑर्बिटएआईडी के लिए बल्कि भारत के स्पेसटेक इकोसिस्टम के लिए भी एक मील का पत्थर है।

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Eccentric Engine, जिसे अब Eccentric Engine के नाम से जाना जाता है, ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में $5 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स और अर्कम वेंचर्स ने किया। यह कंपनी के लिए पहला बाहरी फंडिंग राउंड है।


Eccentric Engine फंडिंग का उपयोग

इस फंडिंग का उपयोग Eccentric Engine द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा:

  1. वैश्विक स्तर पर विस्तार: कंपनी अपने ग्राहकों और सेवाओं का विस्तार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में करेगी।
  2. वन3डी प्लेटफॉर्म का उन्नयन: कंपनी अपने प्रोप्राइटरी वन3डी प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में काम करेगी।

कंपनी की पृष्ठभूमि और वन3डी प्लेटफॉर्म

2012 में गौरव राणे और वरुण शाह द्वारा स्थापित, एक्सेंट्रिक ने वन3डी नामक एक अत्याधुनिक रियल-टाइम 3डी रेंडरिंग प्लेटफॉर्म विकसित किया है।

  • यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से ऑटोमोटिव OEMs और डीलरशिप के लिए डिजाइन किया गया है।
  • वन3डी प्लेटफॉर्म को ऐसे बनाया गया है कि यह सभी ओईएम वर्कफ्लो में आसानी से इंटीग्रेट हो सके, जिससे डीलरशिप संचालन को बेहतर बनाया जा सके।
  • यह 3डी पाइपलाइन में ऑप्टिमाइजेशन लाता है, जिससे ऑटो ब्रांड्स 3डी ओमनीचैनल एक्सपर्टाइज को तेज और सटीक तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं।

एक्सेंट्रिक के ग्राहक

कंपनी के ग्राहक दुनिया के अग्रणी ऑटोमोबाइल ब्रांड्स में शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मारुति सुजुकी
  • टाटा मोटर्स
  • टोयोटा
  • हुंडई
  • स्टेलैंटिस

इन ग्राहकों के साथ साझेदारी ने एक्सेंट्रिक को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।


वन3डी प्लेटफॉर्म की विशेषताएं और लाभ

इंटीग्रेशन में आसान

  • वन3डी प्लेटफॉर्म को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों के वर्कफ्लो में बिना किसी बाधा के जुड़ सकता है।

ऑनलाइन रिटेल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना

  • यह प्लेटफॉर्म ऑनलाइन रिटेल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाता है, जिससे ग्राहक 3डी तकनीक के जरिए वाहनों की बारीकियों को समझ सकते हैं।

स्पीड और एक्यूरसी

  • प्लेटफॉर्म की 3डी ओमनीचैनल क्षमताएं बाजार में तेज और सटीक प्रदर्शन सुनिश्चित करती हैं।

डीलरशिप संचालन को सशक्त बनाना

  • वन3डी प्लेटफॉर्म डीलरशिप संचालन को प्रभावी बनाकर उन्हें ग्राहकों के साथ बेहतर कनेक्ट करने में मदद करता है।

फंडिंग का नेतृत्व और भविष्य की योजनाएं

एक्सफिनिटी वेंचर पार्टनर्स और अर्कम वेंचर्स का योगदान

  • इन दोनों वेंचर पार्टनर्स ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर अपने पैर फैलाने और तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है।
  • यह सहयोग एक्सेंट्रिक को वैश्विक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।

भविष्य की योजनाएं

  • कंपनी का उद्देश्य है कि वह अपने वन3डी प्लेटफॉर्म को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश कर सके।
  • इसके साथ ही, नए-नए फीचर्स जोड़कर इसे और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की योजना है।

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में 3डी तकनीक की भूमिका

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में योगदान

  • 3डी तकनीक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभा रही है।
  • यह तकनीक ब्रांड्स को न केवल अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने में मदद करती है, बल्कि ग्राहकों को भी खरीदारी के दौरान एक अनूठा अनुभव देती है।

ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव

  • ग्राहक अब ऑनलाइन वाहनों की 3डी प्रोजेक्शन के माध्यम से उन्हें करीब से देख और समझ सकते हैं।
  • यह तकनीक ग्राहकों को एक रियल-टाइम वर्चुअल अनुभव प्रदान करती है।

भारत में 3डी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भविष्य

उभरते हुए अवसर

  • भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही 3डी टेक्नोलॉजी की मांग भी बढ़ रही है।
  • एक्सेंट्रिक जैसे स्टार्टअप्स इस इंडस्ट्री में डिजिटल नवाचार ला रहे हैं।

वैश्विक विस्तार का अवसर

  • एक्सेंट्रिक की योजना वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करने की है।
  • यह कदम भारतीय तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

निष्कर्ष

एक्सेंट्रिक ने अपनी पहली बाहरी फंडिंग में $5 मिलियन जुटाकर अपने विकास की यात्रा में एक बड़ा कदम उठाया है।

  • वन3डी प्लेटफॉर्म के माध्यम से कंपनी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है।
  • इस फंडिंग से कंपनी न केवल अपने तकनीकी विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी मौजूदगी भी मजबूत करेगी।
  • एक्सेंट्रिक की यह पहल भारत को 3डी टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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Sarla Aviation

SARLA AVIATION, एक एयरोस्पेस स्टार्टअप जो इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों का निर्माण कर रहा है, ने हाल ही में $10 मिलियन की फंडिंग हासिल की है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Accel ने किया, जिसमें Flipkart के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल, Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ, और Swiggy के श्रीहर्ष माजेती जैसे एंजेल निवेशकों ने भाग लिया।

SARLA AVIATION फंडिंग का उद्देश्य

SARLA AVIATION ने फंडिंग का उपयोग बेंगलुरु में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए करने की योजना बनाई है।

  • कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2028 तक फ्लाइंग टैक्सी सेवा लॉन्च कर सके।
  • इस फंड का उपयोग उन्नत प्रोटोटाइप तैयार करने और तकनीकी विकास के लिए किया जाएगा।

कंपनी का इतिहास और लक्ष्य

सारला एविएशन की स्थापना 2024 में एड्रियन श्मिट, राकेश गांवकर, और शिवम चौहान ने की थी।

  • कंपनी का पहला प्रोटोटाइप, शून्य, 17 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • यह प्रोटोटाइप 680 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम होगा और इसमें छह यात्री और एक पायलट समा सकते हैं।

फ्लाइंग टैक्सी सेवा की तैयारी

सारला एविएशन ने पिछले साल बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ साझेदारी की थी।

  • इस साझेदारी का उद्देश्य फ्लाइंग टैक्सी सेवा के लिए आवश्यक ढांचागत विकास और टेस्टिंग तैयार करना था।
  • कंपनी का फोकस है कि वह इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से यात्रा को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बना सके।

भारत में एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का उभरता क्षेत्र

फ्लाइंग टैक्सियों की बढ़ती मांग

  • शहरीकरण और ट्रैफिक की समस्या के चलते फ्लाइंग टैक्सियों का उपयोग भविष्य की यात्रा का अहम हिस्सा बन सकता है।
  • इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) तकनीक के जरिए कम समय में लंबी दूरी तय करना संभव होगा।

सारला एविएशन की भूमिका

  • कंपनी भारतीय और वैश्विक बाजारों में इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है।
  • इसका उद्देश्य यात्रा को तेज, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है।

Accel का योगदान और भविष्य की योजनाएं

Accel का $650 मिलियन फंड

सारला एविएशन को समर्थन देने वाली Accel ने हाल ही में $650 मिलियन का आठवां फंड लॉन्च किया है।

  • यह फंड एंटरप्राइज AI, कंज्यूमर सर्विसेज, फिनटेक, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में शुरुआती स्टार्टअप्स का समर्थन करेगा।

सारला एविएशन के लिए रणनीतिक निवेश

  • Accel का यह निवेश भारत के एयरोस्पेस इनोवेशन को बढ़ावा देने का संकेत है।
  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस पर ध्यान केंद्रित करते हुए, Accel ने सारला एविएशन को एक लंबी अवधि के पार्टनर के रूप में चुना है।

प्रोटोटाइप “शून्य” की विशेषताएं

सारला एविएशन का पहला प्रोटोटाइप “शून्य” आधुनिक तकनीकों से लैस होगा।

  • वजन क्षमता: 680 किलोग्राम
  • यात्री क्षमता: 6 यात्री और 1 पायलट
  • तकनीक: eVTOL, जो उड़ान भरने और लैंड करने के लिए वर्टिकल टेक-ऑफ तकनीक का उपयोग करती है।

2028 तक का रोडमैप

  • आरएंडडी केंद्र की स्थापना
  • नवाचार और डिज़ाइन में सुधार
  • फ्लाइंग टैक्सियों की टेस्टिंग और प्रमाणन
  • शहरी और अंतर-शहरी हवाई यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे का विकास

सारला एविएशन के निवेशकों की भूमिका

एंजेल निवेशकों का समर्थन

  • बिन्नी बंसल, निखिल कामथ, और श्रीहर्ष माजेती जैसे एंजेल निवेशकों का योगदान सारला एविएशन को वित्तीय मजबूती और उद्योग में गहन अनुभव प्रदान करेगा।

इनोवेशन और रणनीतिक साझेदारी

  • निवेशकों का नेटवर्क और अनुभव स्टार्टअप को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

सारला एविएशन का यह कदम भारतीय एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की तैयारी है।

  • $10 मिलियन की फंडिंग और नए प्रोटोटाइप शून्य के लॉन्च के साथ, कंपनी ने अपने दृष्टिकोण को मजबूत किया है।
  • 2028 तक फ्लाइंग टैक्सियों को वास्तविकता में बदलने की यह पहल भारतीय शहरों को भविष्य की यात्रा तकनीकों से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
  • यह प्रयास पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों और तेज शहरी परिवहन समाधानों को बढ़ावा देगा, जिससे भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

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Cornerstone Ventures $200 मिलियन के दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग, $40 मिलियन जुटाए

Cornerstone Ventures

Cornerstone Venture नामक SaaS-फोकस्ड वेंचर कैपिटल फर्म ने अपने $200 मिलियन के टारगेटेड दूसरे फंड की पहली क्लोजिंग $40 मिलियन पर पूरी कर ली है।

Cornerstone Venture सुरेश पारेख बने नए जनरल पार्टनर

Cornerstone Venture ने सुरेश पारेख का स्वागत अपने नए जनरल पार्टनर के रूप में किया है।

  • सुरेश पारेख, सुकवी वेंचर्स के संस्थापक और एलीफेंट कैनवास एलएलपी के सह-संस्थापक हैं।
  • एलीफेंट कैनवास LLP एक डिजिटल फाइन आर्ट NFT मार्केटप्लेस है, जो NewartX ब्रांड के तहत काम करता है।

पहली क्लोजिंग में घरेलू निवेशकों की भागीदारी

इस फंड की पहली क्लोजिंग में घरेलू निवेशकों ने भाग लिया है। इनमें शामिल हैं:

  • हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs)
  • फैमिली ऑफिसेस
  • कॉर्पोरेट्स
  • अन्य संस्थागत निवेशक

फंड की संरचना और निवेश का दायरा

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का यह फंड लचीले टिकट साइज की पेशकश करेगा, जो $5 मिलियन से $15 मिलियन के बीच होगा।

  • यह फंड शुरुआती स्टेज से लेकर ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश करेगा।
  • SaaS प्लेटफॉर्म और मार्केटप्लेस में विशेषज्ञता रखने वाले इस फंड का ध्यान निम्नलिखित क्षेत्रों पर केंद्रित होगा:
    1. वित्तीय सेवाएं और बीमा
    2. रिटेल, कंज्यूमर गुड्स और ईकॉमर्स
    3. डिस्ट्रिब्यूशन और सप्लाई चेन
    4. हेल्थकेयर उत्पाद और सेवाएं

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का उद्देश्य

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का उद्देश्य है:

  • भारत और वैश्विक बाजारों में उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप्स को पूंजी और मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • SaaS-फोकस्ड कंपनियों को डिजिटल इनोवेशन और टेक्नोलॉजिकल विकास के लिए सक्षम बनाना।
  • स्टार्टअप्स को स्केलेबिलिटी और लंबे समय तक टिकाऊ व्यापार मॉडल बनाने में मदद करना।

भारतीय SaaS इंडस्ट्री में उभरते अवसर

तेजी से बढ़ता बाजार

  • भारतीय SaaS कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं।
  • रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत का SaaS बाजार 2026 तक $50-70 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स का योगदान

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स जैसी फर्में इस क्षेत्र में नई तकनीकों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए पूंजी निवेश कर रही हैं।

  • फर्म की निवेश रणनीति डायवर्सिफिकेशन और उच्च ग्रोथ पोटेंशियल पर केंद्रित है।
  • हेल्थकेयर, ईकॉमर्स और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में निवेश से यह फर्म लॉन्ग-टर्म रिटर्न को सुनिश्चित करेगी।

नए जनरल पार्टनर सुरेश पारेख का अनुभव

डिजिटल और फाइन आर्ट के क्षेत्र में योगदान

  • सुरेश पारेख ने NewartX ब्रांड के माध्यम से डिजिटल आर्ट और NFT मार्केटप्लेस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
  • उनके व्यावसायिक दृष्टिकोण और गहन अनुभव से कॉर्नरस्टोन वेंचर्स को लाभ होगा।

स्ट्रेटेजिक लीडरशिप

  • सुरेश पारेख की रणनीतिक सोच और फाइनेंशियल इनोवेशन में विशेषज्ञता फंड के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगी।

फंड के पहले क्लोज की अहमियत

निवेशकों का भरोसा

  • $40 मिलियन की पहली क्लोजिंग यह दर्शाती है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशक कॉर्नरस्टोन वेंचर्स के दृष्टिकोण और रणनीति पर भरोसा कर रहे हैं।
  • HNIs और फैमिली ऑफिसेस जैसे नए निवेशकों की भागीदारी से फंड को मजबूती मिलेगी।

फंड का प्रभाव

  • यह फंड शुरुआती और बढ़ती हुई SaaS कंपनियों को संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
  • भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नया आयाम देने में मददगार साबित होगा।

निष्कर्ष

कॉर्नरस्टोन वेंचर्स ने $200 मिलियन फंड की पहली क्लोजिंग के साथ भारतीय SaaS इंडस्ट्री में एक मजबूत कदम रखा है।

  • नए जनरल पार्टनर सुरेश पारेख की विशेषज्ञता और घरेलू निवेशकों की भागीदारी से फंड को गति मिलेगी।
  • फर्म की निवेश रणनीति और SaaS-फोकस्ड दृष्टिकोण भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मदद करेगा।

इस पहल से न केवल SaaS क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हेल्थकेयर, फाइनेंस, ईकॉमर्स और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में भी तकनीकी नवाचार को गति मिलेगी।

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B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh IPO की तैयारी में जुटा

Captain Fresh

बेंगलुरु स्थित B2B सीफूड स्टार्टअप Captain Fresh अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) की तैयारी कर रहा है। इसके तहत, कंपनी ने हाल ही में मोतिलाल ओसवाल ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है। माना जा रहा है कि यह फंडिंग कंपनी की प्री-IPO तैयारी का हिस्सा है।

Captain Fresh का यह कदम कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के बाद आया है, हालांकि यह अपने घाटे को नियंत्रित करने में अभी तक पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है।


Captain Fresh का वित्तीय प्रदर्शन

FY24 में राजस्व में शानदार बढ़ोतरी

  • कंपनी का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में 71% बढ़कर 1,395 करोड़ रुपये हो गया।
  • FY23 में GMV 817 करोड़ रुपये था।
  • इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण उत्पादों की बिक्री थी, जिसने कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 99.28% योगदान दिया।

अन्य राजस्व स्रोत

  • उत्पादों की बिक्री से 1,385 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ।
  • अन्य ऑपरेटिंग राजस्व और सेवाओं की बिक्री से क्रमशः 8.7 करोड़ रुपये और 1.3 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
  • कंपनी ने 27 करोड़ रुपये ब्याज आय से भी कमाए, जिससे FY24 में कुल राजस्व 1,422 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

Captain Fresh: व्यवसाय मॉडल और परिचालन

Captain Fresh एक बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) सीफूड मार्केटप्लेस है, जो फार्म-टू-रिटेल प्लेटफॉर्म के जरिए मछली, समुद्री खाद्य पदार्थ और भेड़ जैसे पशु प्रोटीन की आपूर्ति करता है।

सप्लाई चैन मॉडल

  • कंपनी सीधे एजेंट्स या किसानों से खरीद करती है।
  • इसके बाद यह उत्पादों की आपूर्ति B2B, B2R (बिजनेस-टू-रिटेल), और B2B2C चैनलों के माध्यम से करती है।

प्रौद्योगिकी का उपयोग

Captain Fresh अपने बिड इंजन, प्रोप्रायटरी क्वालिटी इंस्पेक्शन और सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करती है।

  • यह तकनीक मांग और आपूर्ति के बीच सही मेल सुनिश्चित करती है।
  • इससे उत्पादों की गुणवत्ता और समय पर डिलीवरी की गारंटी मिलती है।

IPO की तैयारी और प्री-IPO फंडिंग

Captain Fresh द्वारा Motilal Oswal Group से प्राप्त 100 करोड़ रुपये की फंडिंग को IPO के लिए प्री-IPO फंडिंग का हिस्सा माना जा रहा है।

  • यह फंड कंपनी को विस्तार, परिचालन क्षमता बढ़ाने, और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद करेगा।
  • IPO लॉन्च की तारीख की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है, लेकिन कंपनी की तेजी से बढ़ती राजस्व स्थिति इस कदम को एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

कंपनी की चुनौतियां और भविष्य की रणनीतियां

घाटे पर नियंत्रण का प्रयास

हालांकि Captain Fresh ने FY24 में राजस्व में बड़ी वृद्धि दर्ज की है, लेकिन यह अभी तक अपने घाटे को पूरी तरह नियंत्रित नहीं कर पाया है।

  • ऑपरेटिंग लागत और लॉजिस्टिक्स खर्च को कम करना कंपनी की प्राथमिकता है।

विस्तार योजनाएं

Captain Fresh भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहा है।

  • नई तकनीक और सप्लाई चैन इनोवेशन के जरिए कंपनी अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना चाहती है।

किसानों और एजेंट्स के साथ संबंध

  • कंपनी स्थानीय किसानों और एजेंट्स के साथ मजबूत संबंध बनाने पर जोर दे रही है।
  • इससे उसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

सीफूड बाजार में Captain Fresh की भूमिका

सीफूड इंडस्ट्री का बढ़ता बाजार

भारत में सीफूड की बढ़ती मांग और B2B मॉडल के प्रति बढ़ते रुझान ने Captain Fresh को तेजी से बढ़ने का मौका दिया है।

प्रतिस्पर्धा

  • इस क्षेत्र में Captain Fresh का मुकाबला अन्य B2B प्लेटफॉर्म और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से है।
  • कंपनी ने गुणवत्ता, समय पर आपूर्ति, और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

सतत विकास पर जोर

Captain Fresh पर्यावरणीय स्थिरता और स्थानीय समुदायों के उत्थान पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

  • यह जिम्मेदार मत्स्य पालन और सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देता है।

निष्कर्ष

Captain Fresh का IPO और प्री-IPO फंडिंग इसे भारत के सीफूड मार्केट में एक अग्रणी नाम बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

  • FY24 में राजस्व में 71% की बढ़ोतरी और मजबूत फंडिंग ने कंपनी को एक मजबूत स्थिति में ला दिया है।
  • हालांकि, कंपनी को अपने घाटे को कम करने और संचालन को और अधिक कुशल बनाने की आवश्यकता है।

Captain Fresh का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले सीफूड उत्पादों की आपूर्ति के साथ-साथ भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना है। IPO के बाद कंपनी की वृद्धि और बाजार में इसकी भूमिका देखने लायक होगी।

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