Accel ने लॉन्च किया 8वां फंड, भारतीय और साउथईस्ट एशियाई स्टार्टअप्स को मिलेगा $650 मिलियन का समर्थन

Accel

वेंचर कैपिटल फर्म Accel ने अपने आठवें फंड की घोषणा की है, जिसमें $650 मिलियन का निवेश शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स के लिए आवंटित किया जाएगा। यह पहल भारत और साउथईस्ट एशिया में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए फर्म की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह फंड एंटरप्राइज AI, कंज्यूमर सर्विसेज, फिनटेक, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को सहयोग देगा।


Accel की पिछली फंडिंग पहल

मार्च 2022 में, Accel ने भारत-केंद्रित अपने सातवें फंड की घोषणा की थी, जिसका आकार भी $650 मिलियन था। यह फंड शुरुआती, सीड, और प्री-सीड स्टेज स्टार्टअप्स पर केंद्रित था।

फर्म के अनुसार, नए फंड में 131 अज्ञात निवेशकों की भागीदारी रही, जो इस क्षेत्र के उद्यमशीलता के वातावरण में मजबूत रुचि को दर्शाता है।


निवेश रणनीति और प्राथमिकता क्षेत्र

Accel की निवेश रणनीति कुछ खास क्षेत्रों पर केंद्रित है:

  1. एंटरप्राइज AI समाधान:
    • फर्म ऐसे संस्थापकों को सहयोग देना चाहती है जो भारत की IT सेवाओं की विशेषज्ञता का उपयोग कर ऑटोमेशन प्रोडक्ट्स विकसित कर रहे हैं।
  2. कंज्यूमर-ओरिएंटेड कंपनियां:
    • कंज्यूमर सर्विसेज और वेल्थ मैनेजमेंट स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
  3. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर:
    • मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स में निवेश के जरिए फर्म इस क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है।

16 वर्षों का अनुभव और सफलता की कहानियां

भारत और साउथईस्ट एशिया में 16 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली Accel ने कई स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी की है, जिन्होंने अपने-अपने उद्योगों को नई परिभाषा दी है। Accel के पोर्टफोलियो में शामिल कुछ प्रमुख कंपनियां हैं:

  • ई-कॉमर्स: Flipkart, Urban Company
  • SaaS: Freshworks, BrowserStack
  • फिनटेक: Acko
  • फूड टेक: Swiggy
  • मैन्युफैक्चरिंग: Zetwerk
  • अन्य: Amagi, BlackBuck, BlueStone, Cult.fit

Accel का दावा है कि उसके पोर्टफोलियो में शामिल 80% कंपनियों में वह पहला संस्थागत निवेशक रहा है।


क्यों है यह फंड महत्वपूर्ण?

1. भारतीय और साउथईस्ट एशिया में स्टार्टअप्स का समर्थन

भारत और साउथईस्ट एशिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम में तेजी से वृद्धि हो रही है। Accel का यह फंड नई पीढ़ी के उद्यमियों को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने में मदद करेगा।

2. एंटरप्राइज AI में बढ़ती रुचि

AI और ऑटोमेशन का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। यह फंड एंटरप्राइज AI स्टार्टअप्स को विशेष रूप से सहयोग देगा, जो भारत की IT विशेषज्ञता का लाभ उठाकर वैश्विक समाधान प्रदान कर सकते हैं।

3. विविध पोर्टफोलियो रणनीति

Accel की निवेश रणनीति विभिन्न क्षेत्रों को कवर करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इनोवेशन हर उद्योग में हो सके।

4. शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन

प्री-सीड और सीड स्टेज स्टार्टअप्स को निवेश मिलने से उन्हें अपनी नींव मजबूत करने का अवसर मिलेगा।


निवेशकों की भागीदारी और क्षेत्रीय रुचि

Accel के अनुसार, इस फंड में 131 अज्ञात निवेशकों ने भाग लिया है। यह न केवल भारतीय और साउथईस्ट एशियाई बाजारों की संभावनाओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वैश्विक निवेशक इन क्षेत्रों के स्टार्टअप्स में निवेश करने के इच्छुक हैं।


पिछले निवेशों की सफलता

Accel ने पहले भी कई स्टार्टअप्स में निवेश किया है, जिन्होंने अपने उद्योग में क्रांति ला दी:

  • Flipkart: भारत का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म।
  • Freshworks: ग्लोबल SaaS इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी।
  • Swiggy: भारत की अग्रणी फूड डिलीवरी सर्विस।
  • Urban Company: होम सर्विसेस में अग्रणी।
  • Zetwerk: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रमुख नाम।

भारत और साउथईस्ट एशिया के लिए अवसर

यह फंड न केवल स्टार्टअप्स को फाइनेंशियल सहायता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें मार्गदर्शन और नेटवर्किंग के अवसर भी देगा। इससे भारत और साउथईस्ट एशिया के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।


निष्कर्ष

Accel का $650 मिलियन का यह आठवां फंड भारतीय और साउथईस्ट एशियाई स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है। यह फंड उन उद्यमियों के लिए मददगार साबित होगा जो नए विचारों और तकनीकों के माध्यम से उद्योगों को बदलने का सपना देखते हैं।

इस पहल से न केवल इन क्षेत्रों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि भारतीय और साउथईस्ट एशियाई स्टार्टअप्स वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।

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Last Week Indian startups

इस सप्ताह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में हलचल बनी रही। 8 भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर लगभग $33.44 मिलियन की फंडिंग जुटाई। इसमें 2 ग्रोथ-स्टेज और 4 अर्ली-स्टेज डील्स शामिल रहीं, जबकि 2 स्टार्टअप्स ने अपने लेनदेन का खुलासा नहीं किया।


ग्रोथ-स्टेज फंडिंग डील्स

ग्रोथ-स्टेज डील्स में, Mufin Green Finance और Aye Finance ने महत्वपूर्ण फंडिंग प्राप्त की:

  • Mufin Green Finance:
    • इलेक्ट्रिक व्हीकल फाइनेंसिंग से जुड़ी इस कंपनी ने U.S. International Development Finance Corporation से $18 मिलियन जुटाए।
  • Aye Finance:
    • यह लेंडिंग स्टार्टअप ने Northern Arc, ASK Financial Holdings, MAS Financial Services, और CredAvenue से $12.8 मिलियन की फंडिंग पाई।

अर्ली-स्टेज फंडिंग डील्स

इस सप्ताह 4 अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स ने कुल $2.64 मिलियन जुटाए:

  1. Wealth Nivesh:
    • वेल्थ मैनेजमेंट से जुड़ी इस स्टार्टअप ने फंडिंग लिस्ट का नेतृत्व किया।
  2. CargoFL:
    • B2B SaaS लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म।
  3. Guestara:
    • गेस्ट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म।
  4. NumberOne Academy:
    • SME केंद्रित लर्निंग प्लेटफॉर्म।

इसके अलावा, Robotics स्टार्टअप Flo Mobility और एजुकेशन OTT प्लेटफॉर्म Klassroom ने भी फंडिंग प्राप्त की, लेकिन उन्होंने राशि का खुलासा नहीं किया।


शहर और सेक्टर-वार फंडिंग विश्लेषण

शहरों के अनुसार डील्स:

  • दिल्ली-NCR ने इस सप्ताह सबसे अधिक 3 डील्स के साथ नेतृत्व किया।
  • इसके बाद मुंबई, बेंगलुरु, कोच्चि, और पुणे का स्थान रहा।

सेक्टर के अनुसार डील्स:

  • फिनटेक स्टार्टअप्स ने 3 डील्स के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
  • इसके बाद एडटेक, लॉजिस्टिक्स, SaaS, और रोबोटिक्स स्टार्टअप्स रहे।

सीरीज के अनुसार डील्स:

  • प्री-सीड फंडिंग डील्स ने इस सप्ताह 3 डील्स के साथ नेतृत्व किया।
  • इसके बाद डेट, प्री-सीरीज A, और सीड डील्स रहीं।

साप्ताहिक फंडिंग ट्रेंड

इस सप्ताह स्टार्टअप फंडिंग में 29.9% की गिरावट देखी गई। इस सप्ताह के $33.44 मिलियन की तुलना में पिछले सप्ताह कुल $47.7 मिलियन जुटाए गए थे।

  • पिछले 8 सप्ताह का औसत:
    • औसतन $273.64 मिलियन की फंडिंग के साथ हर सप्ताह 22 डील्स होती रही हैं।

प्रमुख नियुक्तियां और इस्तीफे

महत्वपूर्ण नियुक्तियां:

  • Cars24:
    • हिमांशु रत्नू को इस्तेमाल की गई कार डिवीजन का CEO नियुक्त किया।
  • Ola Electric:
    • प्रीतम दास मोहपात्रा को कंप्लायंस ऑफिसर बनाया।
  • EaseMyTrip:
    • सह-संस्थापक रिकांत पिट्टी को CEO नियुक्त किया।
  • Ecom Express:
    • कमल दास को वाइस प्रेसिडेंट ऑफ लास्ट माइल ऑपरेशंस बनाया।

प्रमुख इस्तीफे:

  • Paytm:
    • श्रीनिवास यनमंद्रा, हेड ऑफ कंप्लायंस।
  • Zepto:
    • जितेंद्र बग्गा, VP ऑफ सेंट्रल ऑपरेशंस।
  • Dunzo:
    • कबीर बिस्वास, सह-संस्थापक।
  • Mamaearth:
    • ज़ैरस मास्टर, चीफ बिजनेस ऑफिसर।

मर्जर और अधिग्रहण

  • Curefoods:
    • इस कंपनी ने Krispy Kreme के दक्षिण और पश्चिम भारत के संचालन का अधिग्रहण किया।
    • यह सौदा Landmark Group से हुआ।

नई लॉन्च और साझेदारियां

  • Blinkit:
    • 10 मिनट एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की (गुरुग्राम से)।
  • OfBusiness:
    • AI प्लेटफॉर्म Nexizo लॉन्च किया।

आने वाले संभावित सौदे

  • Pristyn Care:
    • $100 मिलियन जुटाने की तैयारी।
  • Hindustan Unilever:
    • Minimalist को ₹3,000 करोड़ में अधिग्रहित करने की चर्चा।

वित्तीय परिणाम: FY24

प्रमुख कंपनियां:

  • Arya.ag:
    • ₹340 करोड़ का राजस्व, लाभ 2.5 गुना बढ़ा।
  • Fittr:
    • राजस्व स्थिर, लेकिन नुकसान में 73% कमी।
  • Treebo:
    • ₹100 करोड़ का राजस्व, लेकिन ₹488 करोड़ का नुकसान।
  • Pristyn Care:
    • ₹601 करोड़ का राजस्व, 33% की वृद्धि।
  • Snapdeal:
    • ₹384 करोड़ का राजस्व, EBITDA नुकसान में 88% की कमी।

सप्ताह की प्रमुख खबरें

  • UPI लेनदेन में 8% की वृद्धि।
  • Bajaj और TVS ने दिसंबर में Ola Electric को पीछे छोड़ा।
  • Ather Energy को IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली।

निष्कर्ष

इस सप्ताह फंडिंग में कमी देखी गई, लेकिन कई स्टार्टअप्स ने महत्वपूर्ण फंडिंग और नए अवसर प्राप्त किए। स्टार्टअप इकोसिस्टम में हो रहे बदलाव और नई रणनीतियां इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

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Oyo ने ₹550 करोड़ जुटाए, वैल्यूएशन $3.79 बिलियन तक पहुंचा

OYO

हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी OYO ने हाल ही में Redsprig Innovation Partners से ₹550 करोड़ (लगभग $65 मिलियन) जुटाए हैं। यह Redsprig, Oyo के संस्थापक रितेश अग्रवाल की सहयोगी इकाई है।

कंपनी के निदेशक मंडल ने एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत Oyo ने प्रति शेयर ₹42.6 की दर से 12,91,07,982 इक्विटी शेयर जारी किए। यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में दाखिल की गई नियामक फाइलिंग से प्राप्त हुई।


OYO नया फंडिंग राउंड और बढ़ी वैल्यूएशन

इस फंडिंग राउंड के बाद OYO की वैल्यूएशन $3.79 बिलियन तक पहुंच गई है। यह पिछले Series G राउंड की तुलना में 59.2% की बढ़ोतरी दर्शाती है, जब कंपनी की वैल्यूएशन $2.38 बिलियन थी।

  • वैल्यूएशन की वृद्धि:
    • यह फंडिंग Oyo की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ इसके विस्तार योजनाओं में सहायक होगी।
  • हिस्सेदारी में बदलाव:
    • इस फंडिंग के परिणामस्वरूप कंपनी की कुल हिस्सेदारी में 1.728% का पतला पड़ाव (dilution) हुआ है।

फंड्स का उपयोग और कंपनी की योजनाएं

फाइलिंग्स के अनुसार, Oyo इस फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करेगी:

  1. विकास और वैश्विक विस्तार:
    • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिग्रहण सहित विस्तार की योजनाएं।
  2. व्यावसायिक रणनीतियों को मजबूत करना:
    • नई बिजनेस स्ट्रेटेजी लागू करना और मौजूदा सिस्टम को और प्रभावी बनाना।
  3. अन्य कॉर्पोरेट पहलें:
    • Oyo के दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक कदम।

रितेश अग्रवाल का दूसरा बड़ा निवेश

यह रितेश अग्रवाल द्वारा Oyo में दूसरा बड़ा पूंजी निवेश है।

  • अगस्त 2024:
    • अग्रवाल ने अपने सिंगापुर-स्थित फंड Patient Capital के माध्यम से $175 मिलियन का निवेश किया था।
  • कंपनी के प्रति प्रतिबद्धता:
    • यह दिखाता है कि Oyo के संस्थापक कंपनी की वृद्धि और स्थायित्व के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

अन्य हालिया निवेश और भागीदारी

पिछले महीने, CNBC TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, Nuvama Wealth & Investment Limited (पूर्व में एडेलवाइस सिक्योरिटीज) ने Oyo की पैरेंट कंपनी Oravel Stays Limited में ₹100 करोड़ मूल्य के शेयर खरीदे थे।


Oyo का वित्तीय प्रदर्शन: FY24 में स्थिर लेकिन लाभकारी

Oyo ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में एक स्थिर प्रदर्शन किया, लेकिन खर्चों को नियंत्रित करके मुनाफा अर्जित किया:

  1. राजस्व:
    • FY24 में Oyo का राजस्व ₹5,389 करोड़ रहा, जो FY23 के ₹5,464 करोड़ के मुकाबले थोड़ा कम था।
  2. लाभ:
    • कंपनी ने FY24 में ₹230 करोड़ का शुद्ध लाभ (PAT) दर्ज किया।
  3. खर्चों में कमी:
    • Oyo ने अपने खर्चों में 16% की कमी की, जो लाभ अर्जित करने में महत्वपूर्ण रहा।

IPO की तैयारी और भविष्य की योजनाएं

Oyo अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की तैयारी कर रहा है।

  • IPO का महत्व:
    • यह फंडिंग और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन Oyo के IPO को सफल बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
  • वैश्विक विस्तार:
    • Oyo की योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करना और नए बाजारों में प्रवेश करना है।

Oyo का हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में योगदान

कंपनी की ताकत:

  1. व्यापक उपस्थिति:
    • Oyo भारत के साथ-साथ एशिया, यूरोप, और अमेरिका के बाजारों में सक्रिय है।
  2. टेक्नोलॉजी का उपयोग:
    • कंपनी का प्रौद्योगिकी-आधारित मॉडल इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखता है।
  3. सस्ती सेवाएं:
    • Oyo अपने किफायती और सुगम हॉस्पिटैलिटी समाधानों के लिए प्रसिद्ध है।

चुनौतियां:

  1. बाजार की प्रतिस्पर्धा:
    • Airbnb, FabHotels, और Treebo जैसे प्रतिस्पर्धियों से चुनौती।
  2. लाभप्रदता बनाए रखना:
    • अंतरराष्ट्रीय विस्तार के साथ लाभप्रदता को बनाए रखना Oyo के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

Oyo का महत्वाकांक्षी भविष्य

Oyo का नवीनतम फंडिंग राउंड और बढ़ी हुई वैल्यूएशन इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को दर्शाता है।

  • वैश्विक स्तर पर नेतृत्व:
    • Oyo का उद्देश्य वैश्विक हॉस्पिटैलिटी बाजार में शीर्ष स्थान हासिल करना है।
  • IPO का प्रभाव:
    • IPO की सफलता कंपनी को नए अवसरों और बाजारों तक पहुंचाने में सहायक होगी।

निष्कर्ष: Oyo की नई ऊंचाइयों की ओर उड़ान

₹550 करोड़ की नई फंडिंग और रितेश अग्रवाल का समर्थन Oyo के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है।

  • स्थिरता और विकास:
    • कंपनी ने अपने खर्चों को नियंत्रित कर लाभप्रदता हासिल की है, जो इसके भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
  • IPO की सफलता:
    • यह फंडिंग Oyo के IPO को और मजबूत आधार प्रदान करेगी।

Oyo का फोकस केवल वृद्धि पर नहीं, बल्कि एक स्थायी और लाभदायक बिजनेस मॉडल तैयार करने पर है। यह नवीनतम फंडिंग राउंड Oyo की दीर्घकालिक सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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HUL ₹3,000 करोड़ में Minimalist का अधिग्रहण करने की तैयारी में, D2C स्पेस की बड़ी डील

Minimalist

भारत की अग्रणी उपभोक्ता वस्तु निर्माता कंपनी Hindustan Unilever Limited (HUL), स्किनकेयर स्टार्टअप Minimalist में ₹3,000 करोड़ (लगभग $350 मिलियन) के निवेश के साथ बहुसंख्यक हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया में है।

Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, यह डील डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) स्पेस में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी डील में से एक हो सकती है।


Minimalist: एक उभरता हुआ ब्रांड

Minimalist की स्थापना सीरियल आंत्रप्रेन्योर्स मोहित यादव और राहुल यादव ने की थी। यह ब्रांड स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स जैसे सीरम, टोनर, और मॉइश्चराइज़र के लिए जाना जाता है।

  • कंपनी की आय का मुख्य स्रोत इन उत्पादों की बिक्री है।
  • Minimalist अपने प्रोडक्ट्स को अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अमेज़न, नायका, और फ्लिपकार्ट जैसे थर्ड-पार्टी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बेचता है।

HUL का अधिग्रहण और रणनीतिक उद्देश्य

HUL का Minimalist में निवेश इसके व्यवसाय विस्तार रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

  • HUL के एक प्रवक्ता ने Entrackr को बताया,“हम अपने व्यवसाय को बढ़ाने और विस्तार के लिए विभिन्न रणनीतिक अवसरों का लगातार मूल्यांकन करते हैं। जब भी कोई महत्वपूर्ण प्रगति होगी, हम संबंधित नियमों के अनुसार उचित जानकारी साझा करेंगे।”

इस अधिग्रहण से HUL को डिजिटल-फर्स्ट और D2C ब्रांड्स में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा।


Minimalist का वित्तीय प्रदर्शन

Minimalist ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की:

  1. राजस्व:
    • कंपनी की ऑपरेटिंग आय ₹347 करोड़ तक पहुंच गई, जो वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) में ₹184 करोड़ थी।
    • यह 88.6% की वृद्धि है।
  2. लाभ:
    • FY24 में कंपनी का शुद्ध लाभ दोगुना होकर ₹10.83 करोड़ हो गया।
  3. विपणन खर्च:
    • कंपनी ने FY24 में अपने मार्केटिंग पर भारी निवेश किया, फिर भी प्रॉफिट में सुधार दर्ज किया।

D2C स्पेस में HUL की रणनीति

Minimalist का अधिग्रहण HUL के लिए डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) स्पेस में अपनी उपस्थिति मजबूत करने का एक बड़ा कदम है।

  • D2C मार्केट का महत्व:
    • भारत में D2C ब्रांड्स की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर युवाओं के बीच।
    • Minimalist जैसे ब्रांड्स ने पारदर्शी और कस्टमाइज़्ड प्रोडक्ट्स के जरिए इस मार्केट में अपनी जगह बनाई है।
  • HUL की मंशा:
    • Minimalist के अधिग्रहण से HUL को डिजिटल चैनल्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए ग्राहकों तक सीधे पहुंचने का अवसर मिलेगा।

D2C स्पेस में बड़ी डील्स का महत्व

Minimalist और HUL के बीच संभावित डील D2C स्पेस में एक बड़ा मील का पत्थर हो सकती है।

  • पिछले D2C अधिग्रहण:
    • पिछले कुछ वर्षों में, मामा अर्थ, सुगंध को, और बी बॉडी वाइज जैसे ब्रांड्स को बड़े उपभोक्ता कंपनियों ने खरीदा है।
  • डील का प्रभाव:
    • अगर यह डील होती है, तो यह न केवल Minimalist को वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगी, बल्कि HUL को प्रीमियम स्किन और हेयर केयर सेगमेंट में बढ़त दिलाएगी।

Minimalist की विकास यात्रा और भविष्य

Minimalist की खासियत:

  1. पारदर्शिता पर जोर:
    • Minimalist अपने उत्पादों में उपयोग किए गए तत्वों (ingredients) की पारदर्शिता को प्राथमिकता देता है।
  2. डिजिटल उपस्थिति:
    • कंपनी की मजबूत डिजिटल उपस्थिति और सोशल मीडिया मार्केटिंग ने इसे युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया है।

भविष्य की चुनौतियां और अवसर:

  1. प्रतिस्पर्धा:
    • Minimalist को डर्मा को, नायका स्किनकेयर, और अन्य ब्रांड्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
  2. HUL के साथ तालमेल:
    • HUL के संसाधनों और नेटवर्क का उपयोग कर Minimalist नए उत्पादों के विकास और वैश्विक विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।

अधिग्रहण के संभावित लाभ

HUL के लिए:

  1. प्रीमियम स्किनकेयर सेगमेंट में प्रवेश:
    • Minimalist के प्रोडक्ट्स HUL को इस सेगमेंट में मजबूत स्थिति देंगे।
  2. डिजिटल रणनीति में सुधार:
    • Minimalist की D2C विशेषज्ञता HUL के पारंपरिक बिजनेस मॉडल में डिजिटल एलिमेंट्स को जोड़ने में मदद करेगी।

Minimalist के लिए:

  1. संसाधन और नेटवर्क का उपयोग:
    • HUL के विशाल नेटवर्क और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का लाभ उठाकर Minimalist अपने ऑपरेशन्स को स्केल कर सकेगा।
  2. वैश्विक विस्तार:
    • HUL के वैश्विक नेटवर्क से Minimalist को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश का अवसर मिलेगा।

निष्कर्ष: क्या Minimalist-HUL डील बनेगी गेम-चेंजर?

अगर यह अधिग्रहण पूरा होता है, तो यह D2C स्पेस में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

  • HUL को प्रीमियम स्किन और हेयर केयर मार्केट में मजबूती मिलेगी।
  • वहीं, Minimalist को वैश्विक स्तर पर विस्तार और विकास का अवसर मिलेगा।

भारतीय D2C मार्केट में ऐसी डील्स का महत्व बढ़ रहा है। यह अधिग्रहण इस बात का संकेत है कि उपभोक्ता कंपनियां अब डिजिटल-फर्स्ट ब्रांड्स में अपनी रुचि बढ़ा रही हैं।
Minimalist और HUL का यह संभावित गठबंधन भारतीय उपभोक्ता बाजार में नई संभावनाओं को जन्म दे सकता है।

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Arya.ag पहला एग्रीटेक स्टार्टअप जिसने 2024 में दो फंडिंग राउंड हासिल किए

Arya.ag

Arya.ag, जो एक अग्रणी एग्रीटेक स्टार्टअप है, 2024 में दो फंडिंग राउंड हासिल करने वाला पहला स्टार्टअप बन गया है। यह उपलब्धि कंपनी की बढ़ती प्रॉफिटेबिलिटी और स्केलिंग के कारण संभव हुई, जो हाल के वर्षों में एग्रीटेक सेक्टर में दुर्लभ है।

नोएडा स्थित Arya.ag एक ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो किसानों, एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन), वित्तीय संस्थानों, एसएमई प्रोसेसर्स, ट्रेडर्स और कॉरपोरेट एग्रीबिजनेस को जोड़ता है। यह फार्मगेट स्टोरेज, फाइनेंस और सालभर सप्लाई की सुविधा प्रदान करता है। इसकी सहायक कंपनी Aryadhan वेयरहाउस रसीद वित्तपोषण (warehouse receipt financing) की सेवाएं देती है।


वित्तीय वर्ष 2024 में Arya.ag का प्रदर्शन

Arya.ag ऑपरेटिंग राजस्व में वृद्धि

  • वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में Arya.ag का ऑपरेटिंग राजस्व ₹340 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹288 करोड़ था।
  • यह 18% की वृद्धि है, जो कंपनी की लगातार बढ़ती सेवाओं और विस्तार का संकेत है।

आय के मुख्य स्रोत

  1. स्टोरेज और वेयरहाउसिंग इनकम:
    • यह ₹212.8 करोड़ के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा, जो कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 62.64% है।
    • इस श्रेणी में 7.5% की वृद्धि दर्ज की गई।
  2. ऋण पर ब्याज आय:
    • ऋण पर ब्याज आय में 27.2% की बढ़ोतरी हुई, जो FY24 में ₹55.4 करोड़ तक पहुंची।
  3. अन्य आय:
    • अन्य आय से ₹71.5 करोड़ का योगदान मिला।
  4. गैर-ऑपरेटिंग राजस्व:
    • गैर-ऑपरेटिंग राजस्व के माध्यम से कंपनी ने ₹13 करोड़ की अतिरिक्त आय अर्जित की, जिससे FY24 में कुल आय ₹352 करोड़ हो गई।

खर्चों का विश्लेषण

कुल खर्चों में वृद्धि

  • FY24 में Arya.ag के कुल खर्चों में 16% की वृद्धि हुई, जो FY23 में ₹284.6 करोड़ से बढ़कर ₹330.4 करोड़ हो गई।

मुख्य खर्च श्रेणियां:

  1. सेवाओं की लागत:
    • यह सबसे बड़ा खर्च क्षेत्र रहा, जो FY24 में ₹183.9 करोड़ था।
    • इसमें 3.1% की मामूली वृद्धि हुई।
  2. कर्मचारी लाभ लागत:
    • कर्मचारियों के लाभ खर्च में 17.1% की वृद्धि हुई, जो FY24 में ₹50 करोड़ तक पहुंच गई।
  3. वित्तीय व्यय:
    • वित्तीय व्यय में 56.3% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹60 करोड़ हो गया।
  4. अन्य खर्च:
    • अन्य खर्चों ने कुल ₹36.5 करोड़ का योगदान दिया।

लाभ और प्रॉफिटेबिलिटी

लाभ में बड़ी छलांग

  • Arya.ag का FY24 में शुद्ध लाभ ₹19 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹7.6 करोड़ था।
  • यह लाभ 2.5 गुना वृद्धि को दर्शाता है।

अन्य वित्तीय संकेतक:

  • ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड):
    • FY24 में ROCE 14.87% पर रहा।
  • EBITDA मार्जिन:
    • कंपनी का EBITDA मार्जिन 25.3% रहा।
  • व्यय-से-आय अनुपात:
    • व्यय-से-आय अनुपात ₹0.97 दर्ज किया गया, जो बताता है कि प्रत्येक ₹1 कमाने के लिए कंपनी ₹0.97 खर्च कर रही है।

Arya.ag की सफलता के कारण

  1. इनोवेटिव बिजनेस मॉडल:
    • कंपनी का ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म किसानों और खरीदारों को सीधे जोड़ता है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ती है।
  2. स्टोरेज और फाइनेंस की मजबूत सेवाएं:
    • कंपनी की फार्मगेट स्टोरेज और वेयरहाउस रसीद वित्तपोषण सेवाएं इसे प्रतिस्पर्धा में आगे रखती हैं।
  3. लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित:
    • बढ़ती आय के साथ-साथ खर्चों पर नियंत्रण ने कंपनी को लाभप्रदता बनाए रखने में मदद की।

चुनौतियां और आगे की राह

चुनौतियां:

  1. बढ़ती प्रतिस्पर्धा:
    • एग्रीटेक सेक्टर में कई नए खिलाड़ी प्रवेश कर रहे हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
  2. मूल्य स्थिरता:
    • अनाज और कृषि उत्पादों की कीमतों में उतार-चढ़ाव कंपनी के राजस्व पर असर डाल सकता है।

आगे की रणनीतियां:

  1. टेक्नोलॉजी का उपयोग:
    • डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग का उपयोग सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
  2. भौगोलिक विस्तार:
    • नए बाजारों में प्रवेश करना और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार Arya.ag को और अधिक ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा।
  3. नए प्रोडक्ट और सेवाएं:
    • वित्तीय सेवाओं और स्मार्ट स्टोरेज सॉल्यूशंस जैसे इनोवेशन कंपनी के विकास को तेज कर सकते हैं।

निष्कर्ष: Arya.ag की स्थिर प्रगति

Arya.ag ने FY24 में अपने राजस्व और लाभप्रदता में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किया है।

  • दो फंडिंग राउंड प्राप्त करना और लाभप्रदता बनाए रखना इसे एग्रीटेक सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है।
  • भविष्य में, कंपनी को अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत करने, नई तकनीकों को अपनाने और ग्राहक आधार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

यदि Arya.ag इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी रणनीतियों को लागू कर पाती है, तो यह भारतीय एग्रीटेक क्षेत्र में एक लीडर के रूप में उभर सकती है।

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Fittr Fitness tech startup के लिए चुनौतीपूर्ण समय, घाटा कम लेकिन राजस्व स्थिर

Fittr

फिटनेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप FITTR , जो Rainmatter Capital द्वारा समर्थित है, पिछले तीन वर्षों में अपने राजस्व को स्थिर रखने में ही सफल रहा है। हालांकि, कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में अपने घाटे को काफी हद तक कम कर लिया है।

Fittr, जिसकी स्थापना जीतेन्द्र चौकसे, सोनल सिंह, ज्योति दाबास, रोहित चट्टोपाध्याय, और बाला कृष्णा रेड्डी ने की थी, एक कम्युनिटी-बेस्ड हेल्थ और ऑनलाइन फिटनेस मार्केटप्लेस है। यह फिटनेस लक्ष्यों, उपलब्ध उपकरणों, समय, और पसंदीदा व्यायाम शैली के आधार पर कस्टमाइज्ड वर्कआउट प्लान तैयार करता है।


FITTR राजस्व में मामूली गिरावट

FITTR  के ऑपरेशन्स से राजस्व में वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 3% की मामूली गिरावट दर्ज की गई। FY24 में कंपनी का राजस्व ₹85 करोड़ रहा, जो FY23 में ₹87.5 करोड़ था।

  • ऑनलाइन फिटनेस और वेलनेस सेवाएं कंपनी के कुल राजस्व का बड़ा हिस्सा रहीं, हालांकि इस सेगमेंट में भी 4.42% की गिरावट आई। FY23 में ₹83.7 करोड़ की तुलना में FY24 में यह ₹80 करोड़ दर्ज किया गया।
  • नए राजस्व स्रोतों के तहत, स्मार्ट रिंग की बिक्री से ₹80 लाख की आय हुई।
  • एकेडमिक फीस और अन्य स्रोतों से क्रमशः ₹2.8 करोड़ और ₹1.4 करोड़ का योगदान मिला।
  • गैर-ऑपरेटिंग राजस्व के रूप में कंपनी ने ₹1.3 करोड़ की अतिरिक्त आय अर्जित की, जिससे कुल राजस्व FY24 में ₹86.3 करोड़ पहुंचा।

व्यय में बड़ी कमी

Fittr ने FY24 में अपने कुल खर्चों को 26% घटाकर ₹97 करोड़ कर दिया, जो FY23 में ₹131 करोड़ था।

महत्वपूर्ण खर्चों में कटौती:

  1. कर्मचारी लाभ:
    • कर्मचारी लाभ पर खर्च 36.2% घटकर FY24 में ₹20.8 करोड़ हो गया।
  2. विज्ञापन खर्च:
    • विज्ञापन और प्रचार खर्चों में 65.8% की कमी दर्ज की गई, जो ₹8.4 करोड़ तक सिमट गए।
  3. अन्य ओवरहेड्स:
    • अन्य ओवरहेड खर्च 30% घटकर FY24 में ₹13.5 करोड़ हो गए।

स्थिर व्यय:

  • कंसल्टेंट्स और स्टडी मटीरियल:
    • ₹54.3 करोड़ के साथ यह सबसे बड़ा व्यय क्षेत्र बना रहा और इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया।

Fittr की रणनीति: घाटा कम करने की दिशा में कदम

घाटे में कमी:

FY24 में Fittr ने अपने घाटे को काफी हद तक नियंत्रित किया। खर्चों में कटौती और नए राजस्व स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करके कंपनी ने वित्तीय प्रदर्शन को सुधारने की कोशिश की।

नए राजस्व स्रोत:

  • स्मार्ट रिंग बिक्री:
    • यह कदम कंपनी के लिए एक नया आय स्रोत बन सकता है।
  • शैक्षणिक सेवाएं:
    • Fittr के ऑनलाइन फिटनेस और स्वास्थ्य पाठ्यक्रमों से आय में वृद्धि की संभावना है।

लक्ष्य:

Fittr का मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्थिरता प्राप्त करना और ग्राहक आधार को बढ़ाना है।


Fittr के सामने चुनौतियां

स्थिर राजस्व:

पिछले तीन वर्षों में कंपनी के राजस्व में स्थिरता से पता चलता है कि Fittr को बाजार में अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है।

उपयोगकर्ता जुड़ाव:

  • ग्राहकों को अपनी सेवाओं के प्रति आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए Fittr को और अधिक इनोवेटिव उत्पाद और सेवाएं प्रदान करनी होंगी।

प्रतिस्पर्धा:

  • HealthifyMe, CureFit, और अन्य बड़े खिलाड़ी इस क्षेत्र में पहले से मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं।
  • Fittr को बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नई रणनीतियां अपनानी होंगी।

Fittr के लिए आगे की राह

डिजिटल फिटनेस का बढ़ता बाजार:

  • डिजिटल फिटनेस और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है।
  • Fittr को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहिए।

टेक्नोलॉजी का उपयोग:

  • फिटनेस ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स में नई तकनीकों का उपयोग Fittr को प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिला सकता है।
  • स्मार्ट डिवाइस जैसे स्मार्ट रिंग और वियरेबल्स के जरिए उपयोगकर्ता जुड़ाव बढ़ाना होगा।

मार्केटिंग और ब्रांडिंग:

  • Fittr को अपनी ब्रांड पहचान को मजबूत करने और प्रभावी मार्केटिंग अभियानों में निवेश करने की जरूरत है।
  • सस्ते विज्ञापन माध्यमों का उपयोग करके ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाई जा सकती है।

निष्कर्ष: क्या Fittr भविष्य में सफल हो पाएगा?

Fittr का FY24 में घाटे को कम करना एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन स्थिर राजस्व और बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।

  • कंपनी को अपने प्रोडक्ट इनोवेशन, टेक्नोलॉजी एडॉप्शन, और ग्राहक जुड़ाव में सुधार करने पर ध्यान देना होगा।
  • यदि Fittr आने वाले वर्षों में अपने खर्चों को नियंत्रित करते हुए नए राजस्व स्रोत विकसित कर पाता है, तो यह डिजिटल फिटनेस क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी बन सकता है।

Fittr की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह तेजी से बदलते फिटनेस टेक्नोलॉजी बाजार में कैसे अनुकूलन करता है और ग्राहकों की जरूरतों को कैसे पूरा करता है।

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Blinkit 10 मिनट में एंबुलेंस सेवा शुरू, गुरुग्राम से हुई शुरुआत

Blinkit

जोमैटो की क्विक कॉमर्स शाखा Blinkit, जो 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जानी जाती है, ने अब आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में कदम रखा है। आज गुरुग्राम में अपनी पहली एंबुलेंस सेवा शुरू करके, ब्लिंकिट ने क्रिटिकल हेल्थकेयर जरूरतों के लिए 10 मिनट की रिस्पॉन्स टाइम का वादा किया है।

इस पहल की घोषणा ब्लिंकिट के सीईओ अल्बिंदर ढींडसा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर की।


Blinkit एंबुलेंस सेवा की विशेषताएं

फ्लीट और उपकरण:

यह सेवा शुरुआत में पांच एंबुलेंस के बेड़े के साथ लॉन्च की गई है।

  • हर एंबुलेंस में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, जैसे:
    • ऑक्सीजन सिलेंडर।
    • ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर्स (AEDs)।
    • ज़रूरी दवाइयां।
  • प्रत्येक वाहन में प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और सहायक स्टाफ मौजूद होंगे, साथ ही एक कुशल चालक भी रहेगा, ताकि समय पर और पेशेवर देखभाल सुनिश्चित हो सके।

समय और गुणवत्ता:

Blinkit का मुख्य उद्देश्य 10 मिनट की रिस्पॉन्स टाइम के साथ मरीजों तक पहुंचना है।

  • इस पहल के माध्यम से कंपनी पारंपरिक एंबुलेंस सेवाओं की समस्याओं, जैसे देरी और उच्च लागत, को हल करने का लक्ष्य रखती है।

समाज पर प्रभाव और दीर्घकालिक दृष्टिकोण

ब्लिंकिट के सीईओ अल्बिंदर ढींडसा ने इस पहल को समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उनके अनुसार:

“हम इस सेवा को ग्राहकों के लिए सुलभ और किफायती बनाएंगे। हमारा उद्देश्य इस महत्वपूर्ण समस्या का दीर्घकालिक समाधान ढूंढना है।”

परंपरागत एंबुलेंस सेवाओं की चुनौतियां:

  1. उच्च लागत: कई एंबुलेंस सेवाओं की कीमतें आम जनता के लिए वहन करना मुश्किल होती हैं।
  2. देरी: समय पर एंबुलेंस न पहुंचने के कारण आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती है।

ब्लिंकिट का यह कदम इन दोनों समस्याओं को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।


ब्लिंकिट का नया विस्तार: चिकित्सा क्षेत्र में इनोवेशन

ब्लिंकिट, जो पहले केवल ग्रॉसरी और दैनिक आवश्यकताओं की डिलीवरी के लिए जाना जाता था, अब स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रहा है।

  • कैसे यह सेवा अलग है?
    • क्विक डिलीवरी के सिद्धांत को स्वास्थ्य सेवा में शामिल करना।
    • उपयोगकर्ता अनुभव को सुधारने के लिए तकनीक और प्रशिक्षण का उपयोग।

स्वास्थ्य सेवा में संभावनाएं:

ब्लिंकिट की यह पहल दिखाती है कि क्विक कॉमर्स मॉडल को स्वास्थ्य सेवाओं में सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है।

  • भविष्य में, यह सेवा अन्य शहरों में भी विस्तार कर सकती है।
  • कंपनी द्वारा अधिक एंबुलेंस जोड़ने और सेवाओं को बेहतर बनाने की उम्मीद की जा रही है।

ग्राहकों के लिए किफायती सेवा का वादा

खर्च और लाभ:

ब्लिंकिट ने यह स्पष्ट किया है कि यह सेवा उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं के साथ किफायती रहेगी।

  • कम लागत: आम जनता की पहुंच में रहने वाली सेवाओं का वादा।
  • लंबी अवधि का समाधान: इस क्षेत्र में सुधार और सेवा की निरंतरता बनाए रखने के लिए निवेश।

समाज के लिए योगदान:

इस पहल के जरिए ब्लिंकिट ने दिखाया है कि सामाजिक योगदान और व्यवसाय को एक साथ कैसे जोड़ा जा सकता है।


भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं

ब्लिंकिट की यह नई पहल केवल एक शुरुआत है।

आने वाले समय में क्या हो सकता है?

  1. सेवा का विस्तार:
    • अन्य मेट्रो शहरों में एंबुलेंस सेवा की शुरुआत।
    • छोटे शहरों में भी इस सेवा का विस्तार।
  2. तकनीकी सुधार:
    • एंबुलेंस लोकेशन ट्रैकिंग और लाइव स्टेटस अपडेट।
    • मरीजों और परिवार के सदस्यों को वास्तविक समय में जानकारी।
  3. साझेदारी:
    • अस्पतालों और अन्य हेल्थकेयर प्रदाताओं के साथ साझेदारी।
  4. नए स्वास्थ्य सेवाओं का विकास:
    • दवाइयों की डिलीवरी।
    • डॉक्टर ऑन-कॉल सेवाएं।

स्वास्थ्य सेवा में प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां

प्रतिस्पर्धा:

ब्लिंकिट की इस पहल से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

  • प्रतिद्वंदी कंपनियां:
    • 1MG और Pharmeasy जैसे प्लेटफॉर्म भी अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकते हैं।
  • ग्राहक के फायदे:
    • बेहतर सेवाओं और कम लागत का लाभ।

चुनौतियां:

  1. लॉजिस्टिक्स और मैनेजमेंट:
    • एंबुलेंस की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  2. स्टाफ ट्रेनिंग:
    • पैरामेडिक्स और ड्राइवर्स के लिए लगातार प्रशिक्षण।
  3. कानूनी और नियामक चुनौतियां:
    • स्वास्थ्य सेवा से जुड़े नियमों का पालन।

निष्कर्ष: ब्लिंकिट का साहसिक कदम

ब्लिंकिट का 10 मिनट की एंबुलेंस सेवा शुरू करना एक साहसिक और नवाचारी कदम है।

  • यह पहल न केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को तेज और सुलभ बनाएगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्विक कॉमर्स के नए मानक भी स्थापित करेगी।

ब्लिंकिट ने दिखा दिया है कि टेक्नोलॉजी और तेज़ डिलीवरी मॉडल का इस्तेमाल न केवल ई-कॉमर्स, बल्कि समाज की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने में भी किया जा सकता है।

गुरुग्राम में इस सेवा की सफलता से प्रेरित होकर, उम्मीद है कि अन्य शहरों में भी यह पहल जल्द ही लागू होगी। ब्लिंकिट का यह कदम न केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में एक बड़ा योगदान भी है।

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2024: Indian startups के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष

2024: Indian startups

2024 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए परिवर्तनकारी वर्ष साबित हुआ। फंडिंग में मजबूत रिकवरी और IPO की संख्या में नए रिकॉर्ड ने पूरे इकोसिस्टम को एक नई दिशा दी। वहीं, Zepto जैसी कंपनियों ने क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई, जिसने सिर्फ पांच महीनों में $1.35 बिलियन का फंड जुटाया।


फंडिंग का विस्तृत विश्लेषण

TheKredible के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल $14.44 बिलियन की फंडिंग 1,337 डील्स के माध्यम से जुटाई।

  • ग्रोथ और लेट-स्टेज फंडिंग: $11.2 बिलियन (326 डील्स)।
  • अर्ली-स्टेज फंडिंग: $3.23 बिलियन (810 डील्स)।
  • अनडिस्क्लोज़्ड राउंड्स: 201।

महीनेवार रुझान

2024 में फंडिंग के उतार-चढ़ाव देखे गए:

  • जनवरी में $719.42 मिलियन।
  • जून में $1.92 बिलियन।
  • दिसंबर में साल का समापन $1.32 बिलियन के साथ हुआ।

पिछले वर्षों की तुलना

  • 2024: $14.44 बिलियन।
  • 2023: $11.3 बिलियन।
  • 2022: $25 बिलियन।
  • 2021: $38 बिलियन।

2024 की शीर्ष फंडिंग डील्स

ग्रोथ-स्टेज डील्स

  1. Zepto – $1.35 बिलियन।
  2. Flipkart – $350 मिलियन।
  3. Pharmeasy – $216 मिलियन।
  4. Engrail – $157 मिलियन।
  5. Lenskart – $200 मिलियन।
  6. Pocket FM – $103 मिलियन।

अर्ली-स्टेज डील्स

  1. SCOPE – $90 मिलियन।
  2. Avail – $70 मिलियन।
  3. Krutrim – $50 मिलियन।
  4. Indkal – $36 मिलियन।
  5. Rozana – $22.5 मिलियन।

विलय और अधिग्रहण (M&A)

2024 में कुल 144 अधिग्रहण हुए।

  • OYO: G6 Hospitality का $525 मिलियन में अधिग्रहण।
  • Zomato: Paytm के मूवी और टिकटिंग व्यवसाय को $244 मिलियन में खरीदा।
  • Freshworks: Device42 का $230 मिलियन में अधिग्रहण।

ESOP बायबैक और लिक्विडिटी

2024 में ESOP बायबैक और लिक्विडिटी $190 मिलियन रही।

  • Swiggy: $65 मिलियन।
  • Whatfix: $58 मिलियन।

शहर और सेक्टर आधारित प्रदर्शन

शहरवार डील्स

  1. बेंगलुरु: 485 डील्स, $5.06 बिलियन।
  2. दिल्ली-एनसीआर: 332 डील्स, $3.12 बिलियन।
  3. मुंबई: 231 डील्स, $3.76 बिलियन।

सेक्टरवार डील्स

  1. ई-कॉमर्स: 222 डील्स, $3.51 बिलियन।
  2. फिनटेक: 211 डील्स, $3.23 बिलियन।
  3. हेल्थटेक: 120 डील्स, $1.14 बिलियन।

छंटनी, शटडाउन और बदलाव

छंटनी का आंकड़ा

2024 में कुल 4,700 कर्मचारियों की छंटनी हुई, जो 2023 के 24,000 से काफी कम थी।

  • BYJU’s: 500 कर्मचारियों की छंटनी।
  • Swiggy: 350 कर्मचारियों की छंटनी।

शटडाउन्स

17 कंपनियों ने संचालन बंद किया। प्रमुख नाम:

  • Resso (जनवरी)।
  • Koo (जुलाई)।
  • Kenko (अगस्त)।

नेतृत्व में बदलाव

100 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने 2024 में इस्तीफा दिया। वहीं, 200 नई भर्तियां भी की गईं।


पहले और दूसरे छमाही का तुलनात्मक अध्ययन

पहली छमाही (H1):

  • $6.97 बिलियन फंडिंग।
  • 683 डील्स।
  • 10 $100 मिलियन+ फंडिंग राउंड।

दूसरी छमाही (H2):

  • $7.46 बिलियन फंडिंग।
  • 654 डील्स।
  • 17 $100 मिलियन+ फंडिंग राउंड।

2024 में प्रमुख ट्रेंड्स

  1. IPO का नया रिकॉर्ड:
    • 2024 में 13 कंपनियों ने IPO लॉन्च किया, जो 2023 के 6 IPOs से दोगुना था।
  2. AI और हेल्थटेक में वृद्धि:
    • AI ने $429.66 मिलियन जुटाए।
    • हेल्थटेक ने $1.14 बिलियन की फंडिंग हासिल की।
  3. छोटे शहरों का उभार:
    • इंदौर, सूरत, नासिक, और लखनऊ जैसे शहरों में 5-5 डील्स दर्ज की गईं।
  4. शटडाउन में वृद्धि:
    • 2023 के 15 शटडाउन की तुलना में 2024 में 17 कंपनियां बंद हुईं।

निष्कर्ष: 2025 की संभावनाएं

2024 ने भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत नींव तैयार की है।

  • IPO की संभावनाएं: 2025 में IPO की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
  • स्थिरता: 2024 में बड़े शटडाउन और छंटनी से सबक लेते हुए, 2025 अधिक स्थिर रहने की संभावना है।
  • नवाचार: ई-कॉमर्स, क्लाइमेट टेक, और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में नए आइडियाज को समर्थन मिलेगा।

2024 ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की। IPOs की रिकॉर्ड संख्या, बढ़ती फंडिंग, और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय स्टार्टअप्स वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं।

हालांकि चुनौतियां जैसे छंटनी और शटडाउन ने कठिन समय का सामना कराया, लेकिन इसने उद्योग को मजबूत बनाया।

2025 की शुरुआत मजबूत आर्थिक स्थितियों और IPO की नई लहर के साथ हो रही है। उम्मीद है कि यह साल भारतीय स्टार्टअप्स को और भी अधिक वैश्विक सफलता दिलाएगा।

Traya ने वित्त वर्ष 2024 में तीन गुना वृद्धि के साथ 230 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व हासिल किया

Traya

डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) हेल्थ और वेलनेस ब्रांड Traya ने वित्त वर्ष 2024 में तीन गुना से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जिसमें कंपनी का राजस्व 230 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इस प्रभावशाली वृद्धि के साथ, मुंबई स्थित यह कंपनी वित्त वर्ष 2024 में लाभदायक भी बन गई।


Traya की उल्लेखनीय वृद्धि

Traya का परिचालन राजस्व 3.8 गुना बढ़कर 236 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 61 करोड़ रुपये था। 2019 में स्थापित इस कंपनी का मुख्य ध्यान बाल झड़ने की समस्या के मूल कारणों की पहचान कर उन्हें हल करना है।

Traya का मॉडल:

  1. व्यक्तिगत समाधान:
    हर ग्राहक के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार किए गए बालों की देखभाल समाधान।
  2. विशेषज्ञ टीम:
    अनुभवी हेयर कोच और चिकित्सकों की मदद से व्यक्तिगत मार्गदर्शन।

आय के स्रोत

Traya की आय का अधिकांश हिस्सा उत्पादों की बिक्री से होता है।

  • उत्पाद बिक्री:
    कुल परिचालन राजस्व का 99.36% हिस्सा, जो FY24 में 234.5 करोड़ रुपये रहा।
  • अन्य सेवाएं:
    शेष आय कूरियर सेवाओं और डॉक्टर कंसल्टेशन फीस से आई।

व्यय में वृद्धि

Traya की तेजी से बढ़ती मांग और संचालन के साथ, इसके खर्चों में भी वृद्धि देखी गई।

मुख्य खर्च:

  1. मार्केटिंग और बिक्री:
    • FY24 में कुल व्यय का 43%।
    • FY23 में 51 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 98 करोड़ रुपये हो गया।
  2. सामग्री की खरीद:
    • बढ़ती मांग के कारण, लागत 3.6 गुना बढ़कर 54 करोड़ रुपये हो गई।
  3. कर्मचारी लाभ:
    • FY24 में 36 करोड़ रुपये, जो FY23 से 4 गुना अधिक है।
  4. अन्य खर्च:
    • फ्रेट, कानूनी सेवाएं, और यात्रा जैसे ओवरहेड्स FY23 के 90 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 229 करोड़ रुपये हो गए।

Traya की सफलता के पीछे के कारण

  1. उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण:
    Traya बालों के झड़ने के समाधान को व्यक्तिगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हल करता है।
  2. D2C मॉडल का उपयोग:
    ग्राहकों को सीधे उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना, जिससे बीच की लागत बचती है।
  3. ब्रांड की विश्वसनीयता:
    विशेषज्ञों और प्रमाणित चिकित्सकों की टीम के साथ, Traya ने ग्राहकों के बीच विश्वास स्थापित किया है।
  4. डिजिटल मार्केटिंग:
    ऑनलाइन मार्केटिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोग से, कंपनी ने तेजी से ब्रांड जागरूकता बढ़ाई।

ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना

Traya ने यह सुनिश्चित किया कि उसके उत्पाद न केवल उच्च गुणवत्ता के हों, बल्कि ग्राहकों की ज़रूरतों के अनुकूल हों।

  1. उत्पाद की विविधता और अनुकूलन:
    • Traya ने बालों की समस्याओं के समाधान के लिए व्यक्तिगत उत्पाद पेश किए।
    • हर ग्राहक के लिए एक अलग समाधान डिज़ाइन किया जाता है।
  2. ग्राहक सहायता और मार्गदर्शन:
    • Traya ने ग्राहकों के लिए हेयर कोच और चिकित्सकों का नेटवर्क तैयार किया।
    • बालों की समस्याओं का कारण समझाने और उचित उपचार की सिफारिश करने में विशेषज्ञ सहायता प्रदान की जाती है।
  3. ऑनलाइन अनुभव को सरल बनाना:
    • ब्रांड ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जहाँ ग्राहक उत्पाद खरीदने, डॉक्टर से सलाह लेने, और व्यक्तिगत योजना बनाने के लिए आसानी से नेविगेट कर सकें।

भविष्य की योजनाएं

Traya ने FY24 में न केवल राजस्व और मुनाफे में वृद्धि की, बल्कि यह भी दिखाया कि एक D2C ब्रांड कैसे तेजी से स्केल कर सकता है।

कंपनी के लक्ष्य:

  1. प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार:
    बालों की देखभाल के अलावा स्किनकेयर और अन्य हेल्थ सेगमेंट में प्रवेश।
  2. अंतरराष्ट्रीय विस्तार:
    भारत के बाहर बाजारों में उपस्थिति बढ़ाने की योजना।
  3. टेक्नोलॉजी का उपयोग:
    AI और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से बेहतर व्यक्तिगत समाधान प्रदान करना।

CEO का बयान:

Traya के CEO ने कहा,

“हमने बालों की समस्याओं को हल करने के अपने मिशन में मजबूत प्रगति की है। FY24 की सफलता हमारी टीम और ग्राहकों के भरोसे का प्रमाण है।”


D2C हेल्थ ब्रांड्स का उभरता बाजार

Traya की सफलता D2C हेल्थ और वेलनेस सेक्टर की बढ़ती संभावनाओं को दर्शाती है।

D2C ब्रांड्स की विशेषताएं:

  1. सीधा उपभोक्ता संपर्क।
  2. ब्रांड और ग्राहक के बीच मजबूत संबंध।
  3. कम लागत और उच्च लाभ।

Traya की अनूठी स्थिति:

  • व्यक्तिगत समाधान।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण।
  • तेज़ और विश्वसनीय डिलीवरी।

निष्कर्ष

Traya ने वित्त वर्ष 2024 में अपनी उल्लेखनीय वृद्धि और लाभप्रदता के साथ D2C हेल्थ और वेलनेस ब्रांड्स के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। व्यक्तिगत समाधान, विशेषज्ञ टीम, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग इसे बाजार में अलग बनाता है।

Traya की भविष्य की योजनाएं इसे एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने की दिशा में मजबूत कदम हैं। कंपनी का मॉडल और सफलता अन्य स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणा है।

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Guest management platform Guestara ने जुटाए $500K प्री-सीड फंडिंग

Guestara

गेस्ट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म Guestara ने हाल ही में $500,000 की प्री-सीड फंडिंग हासिल की है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व संजय घारे ने किया।

कंपनी ने एक प्रेस रिलीज़ में बताया कि यह फंडिंग एआई-आधारित समाधानों को विकसित करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी, जो होटल संचालन को आसान बनाएगी, मेहमानों की संतुष्टि बढ़ाएगी और होटलों के लिए नई राजस्व संभावनाएं खोजेगी।


2024 में हुई थी Guestara की स्थापना

Guestara की स्थापना 2024 में अक्षय डेकेट, काजल मखीजा, नीलकक्ष गुप्ता, और रजत माहेश्वरी ने की थी। यह प्लेटफॉर्म एक एआई-समर्थित गेस्ट मैनेजमेंट समाधान प्रदान करता है, जो मुख्य हॉस्पिटैलिटी कार्यों को केंद्रीकृत और स्वचालित करता है।

प्लेटफॉर्म की प्रमुख विशेषताएं:

  • यूनिफाइड इनबॉक्स: मेहमानों से संपर्क के लिए एक केंद्रीकृत चैनल।
  • कॉन्टैक्टलेस मोबाइल चेक-इन: चेक-इन प्रक्रिया को डिजिटल और सरल बनाना।
  • ओमनीचैनल गेस्ट एंगेजमेंट: विभिन्न माध्यमों से मेहमानों से जुड़ाव।
  • पर्सनलाइज्ड अपसेलिंग: हर मेहमान के लिए अनुकूलित सेवाओं का सुझाव।
  • स्मार्ट चेकआउट: चेकआउट प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाना।

इन समाधानों को प्रमुख प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (PMS) के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।


होटल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में बदलाव

Guestara का उद्देश्य गेस्ट मैनेजमेंट को एक केंद्रीकृत और बुद्धिमान वर्कफ़्लो में बदलना है। यह एआई का उपयोग करके होटलों को मेहमानों के अनुभव को बेहतर बनाने, संचालन में दक्षता बढ़ाने और मेहमानों की वफादारी को बढ़ावा देने में मदद करता है।

कंपनी का लक्ष्य है:

  • दुनिया भर में 20 लाख कमरे अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ना।
  • हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को डेटा-केंद्रित और लोग-केंद्रित उद्योग में बदलना।

शुरुआती सफलता: 2,000 कमरे और 3 वैश्विक होटल चेन

गुरुग्राम स्थित इस स्टार्टअप ने दावा किया है कि उसने शुरुआती चरण में ही होटलों और शॉर्ट-टर्म रेंटल्स को बीटा क्लाइंट के रूप में ऑनबोर्ड किया है।

वर्तमान उपलब्धियां:

  • 2,000 कमरे (तीन वैश्विक होटल चेन सहित)।
  • 20% संचालन दक्षता में सुधार।
  • 35% मेहमानों की संतुष्टि में वृद्धि।
  • 57% अतिरिक्त राजस्व में वृद्धि।

गेस्ट मैनेजमेंट को पुनर्परिभाषित करने का वादा

Guestara ने अपने प्लेटफॉर्म को इस तरह डिज़ाइन किया है कि यह होटलों, रिसॉर्ट्स और वैकेशन रेंटल्स के संचालन को सरल और बेहतर बना सके। इसके एआई-आधारित समाधान न केवल संचालन में सुधार करते हैं, बल्कि मेहमानों के अनुभव को व्यक्तिगत और सहज बनाते हैं।

एआई का उपयोग:

  1. गुणवत्ता बढ़ाना: मेहमानों की प्राथमिकताओं को समझकर सेवाओं को अनुकूलित करना।
  2. डाटा-ड्रिवन निर्णय: होटल संचालन को डेटा के माध्यम से संचालित करना।
  3. नए राजस्व स्रोत: अपसेलिंग और कस्टमाइज़्ड ऑफ़र्स के माध्यम से।

हॉस्पिटैलिटी उद्योग में Guestara की संभावनाएं

हॉस्पिटैलिटी उद्योग में एआई-आधारित समाधानों की बढ़ती मांग को देखते हुए, Guestara ने खुद को एक उभरते हुए ग्लोबल प्लेयर के रूप में स्थापित किया है।

वैश्विक विस्तार की योजना:

Guestara का उद्देश्य केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है। कंपनी ने कहा है कि वह वैश्विक स्तर पर 2 मिलियन कमरे अपने प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की योजना बना रही है।

संभावित प्रभाव:

  • होटल संचालन को अधिक कुशल और लागत-प्रभावी बनाना।
  • मेहमानों के अनुभव को अगले स्तर तक ले जाना।
  • उद्योग में नई संभावनाओं को खोलना।

निवेशकों का भरोसा और भविष्य की रणनीति

संजय घारे के नेतृत्व में इस फंडिंग राउंड ने Guestara के प्रति निवेशकों के विश्वास को दर्शाया है।

फंड का उपयोग:

  • तकनीकी विकास: एआई और मशीन लर्निंग आधारित उत्पाद।
  • विस्तार: वैश्विक बाजारों में पहुंच बढ़ाना।
  • रिसर्च और डेवेलपमेंट: नए उत्पाद और सेवाओं का विकास।

निष्कर्ष

Guestara ने अपने अभिनव दृष्टिकोण और एआई-आधारित समाधानों के माध्यम से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में खुद को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

2,000 कमरों के मौजूदा नेटवर्क और प्रभावशाली परिणामों के साथ, Guestara का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है। प्री-सीड फंडिंग और वैश्विक विस्तार की योजना इसे हॉस्पिटैलिटी उद्योग में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मदद करेगी।

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