SPRY Therapeutics ने $15 मिलियन का फंड जुटाया, यूएस में विस्तार की योजना

SPRY Therapeutics

नई दिल्ली – फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए एक SaaS प्लेटफ़ॉर्म, Spry Therapeutics ने प्रमुख निवेशकों Flourish Ventures, Together Fund, Fidelity’s Eight Roads और F-prime Capital के नेतृत्व में $15 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा किया है। इस नवीनतम फंडिंग के साथ SPRY की कुल फंडिंग $25 मिलियन हो गई है, जो कंपनी की शुरुआत के बाद से लगातार बढ़ती रही है।

कंपनी ने इससे पहले जून 2022 में Eight Roads Ventures और F-Prime Capital के नेतृत्व में $7 मिलियन जुटाए थे, जिसमें मौजूदा निवेशकों ने भी हिस्सा लिया था। इस फंड का उपयोग SPRY के यूएस बाजार में विस्तार के लिए किया जाएगा, जहां कंपनी पहले से ही तेजी से बढ़ रही है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

SPRY Therapeutics की स्थापना बृजराज भुप्तानी, जो पहले Ola के CTO रह चुके हैं, और रियाज़ रहमान ने मिलकर 2021 में की थी। कंपनी का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी क्लीनिक्स के लिए एक व्यापक समाधान प्रदान करना है, जो जटिल बिलिंग प्रक्रियाओं को स्वचालित करता है और मरीजों के साथ बेहतर जुड़ाव सुनिश्चित करता है। SPRY ने पारंपरिक क्लाउड समाधानों और बेसिक मशीन लर्निंग आधारित बिलिंग सिस्टम्स से आगे बढ़ते हुए एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है जो न केवल क्लिनिकल आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि जटिल बिलिंग प्रक्रियाओं को भी आसान बनाता है।

प्लेटफ़ॉर्म की विशेषताएँ और सेवाएँ

SPRY एक ऑल-इन-वन क्लिनिक मैनेजमेंट सॉल्यूशन है, जो फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म छोटे सोलो प्रैक्टिशनर्स से लेकर बड़े क्लिनिक्स तक की ज़रूरतों को पूरा करता है। इसका मुख्य फोकस बीमा भुगतान (insurance reimbursements) और नकदी प्रवाह प्रबंधन (cash flow management) जैसे प्रमुख मुद्दों पर है, जो कई चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौतियां साबित होती हैं। इसके अलावा, SPRY का सॉफ़्टवेयर डेटा एंट्री और रिपोर्ट जेनरेशन को भी आसान बनाता है, जिससे चिकित्सक अधिक समय अपने मरीजों पर केंद्रित कर सकते हैं।

कंपनी का विकास और विस्तार

SPRY Therapeutics ने बेहद कम समय में अपनी जगह बनाई है। कंपनी के अनुसार, पिछले 18 महीनों में उसने 105 से अधिक क्लिनिक्स के साथ साझेदारी की है, जो 30 अमेरिकी राज्यों में फैले हुए हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म ने फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर समाधान के क्षेत्र में काफी मान्यता प्राप्त की है। G2 की समर और फॉल एडिशन रिपोर्ट्स में इसे टॉप फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन का दर्जा दिया गया है, जो इसके प्रभावी उत्पाद और सेवाओं को दर्शाता है।

संस्थापकों के बारे में

SPRY Therapeutics के सह-संस्थापक बृजराज भुप्तानी के पास टेक्नोलॉजी और प्रबंधन के क्षेत्र में गहरा अनुभव है। Ola के CTO के रूप में, उन्होंने जटिल समस्याओं का हल ढूंढने और बड़े पैमाने पर संचालन का प्रबंधन करने का अनुभव प्राप्त किया। उनके साथी, रियाज़ रहमान, भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुशल हैं और उन्होंने क्लिनिक प्रबंधन के क्षेत्र में SPRY की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

SPRY ने 2021 में लॉन्च होने के बाद अब तक कुल $25 मिलियन का फंड जुटाया है। इसकी नवीनतम फंडिंग $15 मिलियन की है, जो यूएस बाजार में इसके विस्तार को गति देगी। इससे पहले 2022 में, कंपनी ने Eight Roads Ventures और F-prime Capital से $7 मिलियन जुटाए थे।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

इस ताजा फंडिंग से SPRY Therapeutics अपने प्लेटफ़ॉर्म को और उन्नत बनाने और अमेरिकी बाजार में विस्तार करने की योजना बना रहा है। कंपनी का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करना है, जिससे उनकी प्रक्रियाएं और अधिक स्वचालित और कुशल हो सकें। इसके साथ ही, कंपनी नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने प्लेटफ़ॉर्म को और बेहतर बनाएगी, जिससे उसके ग्राहक लाभान्वित हो सकें।

बाजार में प्रतिस्पर्धा और संभावनाएँ

फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के क्षेत्र में SPRY की तेज़ी से बढ़ती पहचान ने इसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बना दिया है। हालांकि, यह एक प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र है, जिसमें अन्य कंपनियाँ भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। SPRY की तकनीकी उत्कृष्टता और मजबूत ग्राहक संबंध इसके प्रतिस्पर्धियों पर इसे बढ़त दिला सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी बाजार में अपनी जड़ें जमाने और नए क्लिनिक्स के साथ साझेदारी करने से कंपनी की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।

निष्कर्ष

SPRY Therapeutics ने अपने अभिनव समाधान और तेज़ी से बढ़ते क्लाइंट बेस के माध्यम से फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। इसके संस्थापक बृजराज भुप्तानी और रियाज़ रहमान के नेतृत्व में, कंपनी ने तेजी से विकास किया है और आने वाले समय में भी अपनी स्थिति को और मजबूत करने की तैयारी कर रही है। $15 मिलियन की नई फंडिंग से कंपनी को अमेरिकी बाजार में और विस्तार करने में मदद मिलेगी, जिससे यह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेगी।

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B2B पैकेजिंग समाधान प्लेटफार्म DCGpac ने FY24 में 100 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य हासिल किया

DCGpac

गुरुग्राम स्थित B2B पैकेजिंग समाधान कंपनी DCGpac ने वित्तीय वर्ष 2024 में अपने राजस्व को करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाया, जो कि 2023 के 79.5 करोड़ रुपये के मुकाबले 21.4% की वृद्धि है। कंपनी ने केवल 20 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के बावजूद इस वर्ष मुनाफा भी कमाया है। इस वित्तीय वर्ष में कंपनी का संचालन राजस्व 96.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो इसकी निरंतर विकास दर को दर्शाता है।

कंपनी का परिचय और सेवाएं

DCGpac मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्रियों की आपूर्ति करता है और इसके उत्पादों में कॉरुगेटेड बॉक्सेस, कूरियर बैग्स, बबल फिल्म्स, डिजाइनर बॉक्सेस शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी “डिजाइन टू डिस्ट्रीब्यूशन” सेवाएं भी प्रदान करती है। इसके प्रमुख ग्राहक मिंत्रा, डेल्हीवरी, ब्लिंकिट, शिपरॉकेट, DHL और शैडोफैक्स जैसे बड़े ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स प्लेटफार्म हैं। कंपनी का दावा है कि इसके पास 50,000 से अधिक ग्राहक हैं, जो इसके उत्पादों और सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

वित्तीय वृद्धि और खर्च

DCGpac ने FY24 में मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्रियों की बिक्री से राजस्व अर्जित किया। वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का कुल खर्च 96.7 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सबसे अधिक 80.4 करोड़ रुपये का खर्च सामग्री की लागत पर हुआ। FY23 के मुकाबले इसमें 19% की वृद्धि हुई है, जिससे कंपनी की कुल लागत में भी इजाफा हुआ।

कंपनी के अन्य खर्चों में विज्ञापन, वेयरहाउसिंग, पैकेजिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रिंटिंग और अन्य ऑपरेटिंग ओवरहेड्स शामिल हैं, जो कंपनी के कुल खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं। कर्मचारी लाभों पर FY24 में 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो कंपनी की संचालन लागत का एक बड़ा हिस्सा रहा।

मुनाफा और लागत प्रबंधन

DCGpac ने वित्तीय वर्ष 2024 में मुनाफा कमाने में सफलता हासिल की। FY23 में 1.67 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले FY24 में कंपनी ने 19 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। यह वृद्धि मुख्य रूप से इसके मजबूत लागत प्रबंधन और स्थिर राजस्व वृद्धि के कारण संभव हो पाई। कंपनी का ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉइड) 3.34% और EBITDA मार्जिन 1.19% रहा।

कंपनी ने हर एक रुपये के ऑपरेटिंग राजस्व के लिए FY24 में 1 रुपये खर्च किए, जो उसके कुशल लागत प्रबंधन को दर्शाता है।

संस्थापक और कंपनी की यात्रा

DCGpac की स्थापना कुछ साल पहले पैकेजिंग उद्योग में एक व्यवस्थित समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। संस्थापकों ने इस प्लेटफ़ॉर्म को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि यह न केवल बड़े ग्राहकों के लिए, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भी किफायती और प्रभावी पैकेजिंग समाधान उपलब्ध करा सके।

बाजार में स्थिति

पैकेजिंग उद्योग में DCGpac की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि कंपनी ने ग्राहकों की बदलती जरूरतों को समझते हुए अपने उत्पाद और सेवाओं को लगातार अपडेट किया है। जहां ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए पैकेजिंग की मांग लगातार बढ़ रही है, DCGpac जैसे प्लेटफार्म इन जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

DCGpac की सकारात्मकता उसकी लगातार बढ़ती राजस्व दर और लागत प्रबंधन की रणनीति में झलकती है, जिसने उसे वित्तीय वर्ष 2024 में मुनाफा कमाने में मदद की। कंपनी की मुनाफा दर भले ही कम हो, लेकिन यह उसके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नकारात्मक पक्ष यह है कि कंपनी की खर्च वृद्धि भी इसके राजस्व वृद्धि के साथ-साथ बढ़ी है, जो भविष्य में एक चुनौती बन सकती है। इसके अलावा, 83% खर्च केवल सामग्री की लागत में जाना दर्शाता है कि कंपनी को लागत कम करने के नए उपायों पर ध्यान देना होगा।

भविष्य की संभावनाएं

DCGpac ने FY24 में अपनी वृद्धि और मुनाफा दर को स्थिर किया है। भविष्य में कंपनी का लक्ष्य अपनी सेवाओं और उत्पादों की रेंज को और विस्तारित करना है। कंपनी के पास पैकेजिंग उद्योग में और भी ऊंचाइयों को छूने की अपार संभावनाएं हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।

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ओला इलेक्ट्रिक को उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन पर मिला CCPA का नोटिस

ओला इलेक्ट्रिक CCPA नोटिस

ओला इलेक्ट्रिक को उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं के आरोपों के कारण केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से शो-कॉज नोटिस प्राप्त हुआ है। यह नोटिस उन उपभोक्ता शिकायतों में बढ़ोतरी के बाद जारी किया गया है, जिनमें उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की शिकायतें प्रमुख थीं।

शेयर मूल्य में गिरावट और विवाद

यह खबर तब आई जब ओला इलेक्ट्रिक के शेयर मूल्य में 9% की गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल और कॉमेडियन कुनाल कामरा के बीच ग्राहक समस्याओं पर सोशल मीडिया पर हुए विवाद को माना जा रहा है। इस गिरावट के साथ ही कंपनी का बाजार हिस्सेदारी भी सितंबर में घटकर 27% रह गई, जबकि जुलाई में यह 39% थी।

CCPA का नोटिस और जवाब

ओला इलेक्ट्रिक CCPA नोटिस

ओला इलेक्ट्रिक के अनुसार, CCPA ने उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं के आरोपों के चलते यह नोटिस जारी किया है। कंपनी को इस नोटिस का जवाब 15 दिनों के भीतर देना है। ओला इलेक्ट्रिक ने इस मामले में कहा है कि नोटिस से कंपनी के वित्तीय या परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है, और वे सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि उपभोक्ता शिकायतों का समाधान हो सके।

उपभोक्ता शिकायतों की बढ़ती संख्या

हाल के एक रिपोर्ट के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक को प्रति माह लगभग 80,000 उपभोक्ता शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इन शिकायतों में ग्राहकों की असंतुष्टि और उनकी समस्याओं का समाधान न होने जैसी समस्याएँ शामिल हैं। इस प्रकार की शिकायतों में वृद्धि कंपनी की प्रतिष्ठा और ब्रांड मूल्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।

सीक्रेटरी और कंप्लायंस ऑफिसर का इस्तीफा

सोमवार को ओला इलेक्ट्रिक के सीक्रेटरी और कंप्लायंस ऑफिसर ने निजी कारणों और प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कंपनी पहले से ही कानूनी और ग्राहक समस्याओं का सामना कर रही है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

हालांकि कंपनी ने कहा है कि उपभोक्ता नोटिस से उनकी वित्तीय स्थिति पर कोई नकारात्मक असर नहीं हुआ है, लेकिन शेयर बाजार में इसकी गिरावट जारी है। सोमवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर की कीमत 89.01 रुपये थी और कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग 39,256 करोड़ रुपये (लगभग $4.6 बिलियन) रहा।

ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और वित्तीय संरचना

ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना 2017 में ओला के सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल द्वारा की गई थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की दुनिया में नई क्रांति लाना और भारत को ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) क्षेत्र में अग्रणी बनाना था। ओला इलेक्ट्रिक ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के माध्यम से बाजार में काफी लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन हाल ही में ग्राहक शिकायतों और सेवा की गुणवत्ता को लेकर कंपनी विवादों में घिरी हुई है।

कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में काफी धनराशि जुटाई है, जिसमें प्रमुख निवेशकों से $300 मिलियन की फंडिंग शामिल है। हालांकि, वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए कंपनी को अपने संचालन और ग्राहक सेवा को सुधारने पर ध्यान देना होगा, ताकि निवेशकों का विश्वास बना रहे।

भविष्य की चुनौतियाँ

ओला इलेक्ट्रिक के सामने आने वाले समय में कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें उपभोक्ताओं की शिकायतों को ठीक तरह से संभालना, बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखना, और कानूनी परेशानियों का हल निकालना प्रमुख है। इसके अलावा, कंपनी को नए निवेशकों का विश्वास जीतने और अपने ऑपरेशनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी काम करना होगा।

निष्कर्ष

ओला इलेक्ट्रिक के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, लेकिन कंपनी के पास अभी भी अपने ग्राहकों और निवेशकों का विश्वास वापस पाने का मौका है। CCPA के नोटिस का जवाब देते हुए, कंपनी को अपनी उपभोक्ता सेवाओं में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि वे भविष्य में बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।

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Whatfix ने कर्मचारियों और निवेशकों के लिए $58 मिलियन का लिक्विडिटी प्रोग्राम लॉन्च किया

whatfix

बेंगलुरु स्थित डिजिटल एडॉप्शन प्लेटफॉर्म Whatfix ने अपने कर्मचारियों और निवेशकों के लिए $58 मिलियन का लिक्विडिटी प्रोग्राम शुरू किया है। यह कंपनी द्वारा चौथा Employee Stock Option (ESOP) बायबैक है, जिससे मौजूदा और पूर्व कर्मचारी अपनी वेस्टेड यूनिट्स को बेहतरीन मूल्यांकन पर बेच सकते हैं। इस पहल के माध्यम से कर्मचारियों को अपने निवेश पर लाभ प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

कर्मचारियों के लिए लाभकारी पहल

Whatfix के इस नवीनतम लिक्विडिटी प्रोग्राम का उद्देश्य कर्मचारियों और निवेशकों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करना है। कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि वे इस बायबैक प्रोग्राम के तहत कर्मचारियों के लिए प्रीमियम मूल्यांकन की पेशकश करेंगे, जो उनके Series D के मूल्यांकन से कहीं अधिक है। इसके अंतर्गत मौजूदा और पूर्व कर्मचारी अपनी वेस्टेड यूनिट्स का एक हिस्सा बेच सकेंगे, जिससे उन्हें वित्तीय लाभ होगा।

Series E फंडिंग राउंड और कंपनी का मूल्यांकन

Whatfix के इस लिक्विडिटी प्रोग्राम की घोषणा ऐसे समय में आई है, जब कंपनी ने हाल ही में $125 मिलियन का Series E फंडिंग राउंड पूरा किया है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Warburg Pincus ने किया, जिसमें SoftBank Vision Fund 2 जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी योगदान दिया। इस नई फंडिंग के बाद कंपनी का मूल्यांकन $600 मिलियन से बढ़कर $900 मिलियन हो गया।

Whatfix का ESOP बायबैक इतिहास

यह चौथा मौका है जब Whatfix ने ESOP बायबैक की पेशकश की है। कंपनी ने पहली बार जुलाई 2021 में $4.3 मिलियन का ESOP बायबैक स्कीम शुरू किया था, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को उनके योगदान का वित्तीय लाभ प्रदान करना था। हालांकि, कंपनी ने दूसरे और तीसरे बायबैक की घोषणा मीडिया में नहीं की थी। इस बार, बायबैक का आकार और भी बड़ा है, जो कंपनी के वित्तीय स्थायित्व और विकास की ओर इशारा करता है।

Whatfix की स्थापना और कंपनी का विकास

Whatfix की स्थापना ख़ादिम बट्टी और वारा कुमार ने की थी। यह कंपनी एक डिजिटल एडॉप्शन प्लेटफॉर्म (DAP) प्रदान करती है, जो वेब एप्लिकेशंस और सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स के लिए इन-ऐप गाइडेंस और परफॉर्मेंस सपोर्ट प्रदान करता है। इसके उपकरणों का उपयोग बड़ी कंपनियां अपनी उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के लिए करती हैं। Whatfix के इन टूल्स का उपयोग दुनियाभर की कई बड़ी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है, जिससे यह एक अग्रणी डिजिटल एडॉप्शन प्लेटफार्म बन चुका है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति और निवेश

Whatfix ने अब तक $265 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है। कंपनी के पिछले फंडिंग राउंड्स में Series D राउंड शामिल था, जिसमें कंपनी का मूल्यांकन $600 मिलियन था। इसके बाद, Series E फंडिंग राउंड के माध्यम से कंपनी ने अपनी विकास यात्रा को और गति दी। Whatfix के निवेशकों में Warburg Pincus और SoftBank Vision Fund 2 जैसे प्रमुख निवेशक शामिल हैं, जो इसके भविष्य की संभावनाओं पर विश्वास रखते हैं।

Whatfix के उत्पाद और सेवाएं

Whatfix के उत्पाद मुख्य रूप से वेब एप्लिकेशंस और सॉफ्टवेयर के उपयोगकर्ताओं के लिए बनाए गए हैं। यह प्लेटफॉर्म कंपनियों को उनके डिजिटल टूल्स को तेजी से अपनाने और कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद करता है। इसके इन-ऐप गाइडेंस फीचर के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना किसी प्रशिक्षण के आसानी से सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं, जिससे कंपनियों की कार्यक्षमता बढ़ती है और समय की बचत होती है।

Whatfix के क्लाइंट्स में बड़ी वैश्विक कंपनियां शामिल हैं, जो अपनी प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाने के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करती हैं।

कर्मचारियों के लिए ESOP योजना का महत्व

कर्मचारियों के लिए ESOP (Employee Stock Option Plan) न केवल उन्हें कंपनी की सफलता में हिस्सा लेने का मौका देता है, बल्कि इससे उन्हें आर्थिक रूप से भी फायदा होता है। Whatfix के इस चौथे ESOP बायबैक से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी मेहनत और योगदान के लिए पुरस्कृत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की योजनाएं कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाती हैं और उन्हें कंपनी के साथ लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए प्रेरित करती हैं।

निष्कर्ष

Whatfix का $58 मिलियन का लिक्विडिटी प्रोग्राम कंपनी के विकास और वित्तीय स्थायित्व का प्रतीक है। यह पहल न केवल कर्मचारियों को आर्थिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि यह कंपनी के भविष्य के प्रति निवेशकों का विश्वास भी दिखाती है। Whatfix की फंडिंग और बायबैक की यह रणनीति कंपनी को एक मजबूत और स्थायी भविष्य की ओर ले जाने में मदद कर रही है।

Whatfix के संस्थापक ख़ादिम बट्टी और वारा कुमार ने अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से जिस तरह से कंपनियों की कार्यक्षमता में सुधार किया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि Whatfix का भविष्य बेहद उज्ज्वल है। ESOP बायबैक के माध्यम से कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने की यह पहल एक प्रेरणादायक कदम है, जो इसे अन्य स्टार्टअप्स के लिए एक आदर्श उदाहरण बनाती है।

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Your-Space: स्टूडेंट हाउसिंग स्टार्टअप की राजस्व वृद्धि के साथ बढ़ा घाटा

Startup News

स्टूडेंट हाउसिंग स्टार्टअप your-space ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, लेकिन इसी दौरान कंपनी के घाटे में भी हल्की वृद्धि हुई। दिल्ली स्थित इस कंपनी का राजस्व मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में Rs 142.7 करोड़ को पार कर गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023 में Rs 117.2 करोड़ था। राजस्व में यह वृद्धि 21.8% रही, जो कंपनी की बाजार में पकड़ और छात्रों के बीच लोकप्रियता को दर्शाता है।

कंपनी का परिचय और सेवाएं

Your-Space एक स्टूडेंट हाउसिंग स्टार्टअप है जो छात्रों के लिए सस्ते और सुरक्षित आवास प्रदान करता है। यह कंपनी लड़के और लड़कियों के लिए पीजी (पेयिंग गेस्ट), हॉस्टल और को-लिविंग स्पेस उपलब्ध कराती है। कंपनी के पास देश भर में 60 से अधिक स्मार्ट स्पेस हैं, जो तकनीकी रूप से सुसज्जित हैं और फेशियल रिकग्निशन, बायोमेट्रिक्स, और डिजिटल लॉक्स जैसी सुरक्षा सुविधाओं से लैस हैं।

कंपनी का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सुरक्षित, किफायती और सुविधाजनक आवास प्रदान करना है। Your-Space उन छात्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो अपने शिक्षा संस्थानों के पास रहने की जगह तलाशते हैं। कंपनी का ध्यान न केवल रहने की जगह प्रदान करने पर है, बल्कि छात्रों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाने पर भी है।

वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का प्रदर्शन

Your-Space की आय का मुख्य स्रोत इसके आवासीय सेवाएं हैं। FY24 में कंपनी की 99.5% आय आवासीय सेवाओं से हुई, जो Rs 142.96 करोड़ रही। यह पिछले वित्तीय वर्ष FY23 में Rs 109 करोड़ थी, जो कि 30% की वृद्धि को दर्शाती है।

कंपनी की शेष आय भोजन, बिजली, और अन्य संबंधित सेवाओं से आई, जो छात्रों के जीवन को और अधिक सुविधाजनक बनाती हैं। इस प्रकार, Your-Space न केवल आवासीय सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि छात्रों के रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी अन्य आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।

कंपनी के खर्चे और घाटा

हालांकि कंपनी ने FY24 में अच्छी राजस्व वृद्धि दर्ज की, इसके बावजूद इसके खर्चों में भी वृद्धि हुई, जो कंपनी के घाटे में बढ़ोतरी का कारण बनी। रेंटल खर्च (किराए का खर्च) FY24 में कंपनी के कुल खर्चों का 52.6% रहा, जो कि Rs 92.2 करोड़ था। यह FY23 के Rs 68.9 करोड़ से 34% की वृद्धि को दर्शाता है।

कर्मचारी लाभ FY24 में Rs 21.1 करोड़ रहा, जो कंपनी के कुल खर्चों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, फैसिलिटी की मरम्मत और रखरखाव, विज्ञापन, और परिवहन जैसे अन्य खर्चों ने कंपनी के कुल खर्चों में योगदान दिया, जो FY24 में Rs 175.3 करोड़ रहा। यह FY23 की तुलना में 20% की वृद्धि है।

Your-Space के संस्थापक और उनके विजन

Your-Space की स्थापना निधि कुंता और सव्या मोर ने की थी, जिनका उद्देश्य छात्रों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराना था। उन्होंने छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया, जो न केवल आवासीय सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि छात्रों के सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देता है।

कंपनी ने समय के साथ अपने आवासीय स्पेस को तकनीकी रूप से उन्नत बनाया है, ताकि छात्रों को एक सुरक्षित और स्मार्ट जीवनशैली प्रदान की जा सके। संस्थापकों का मानना है कि छात्रों के लिए घर से दूर एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल बनाना उनकी शिक्षा और समग्र विकास में सहायक होता है।

Your-Space की वित्तीय स्थिति

हालांकि कंपनी ने FY24 में Rs 142.7 करोड़ की राजस्व वृद्धि दर्ज की, इसके बावजूद कंपनी को FY24 में घाटे का सामना करना पड़ा। कंपनी के कुल खर्चों में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण इसका घाटा बढ़ गया है।

कंपनी के पास फंडिंग के विभिन्न स्रोत हैं, और यह प्रमुख निवेशकों से पूंजी जुटा चुकी है। हालांकि, बढ़ते ऑपरेशनल खर्च और अन्य ओवरहेड्स (जैसे कि किराया, कर्मचारी लाभ, और अन्य खर्चे) के चलते कंपनी को घाटे का सामना करना पड़ा है।

भविष्य की योजनाएं

Your-Space का लक्ष्य आने वाले वर्षों में अपने मौजूदा आवासीय स्पेस को और अधिक विस्तार देना है। कंपनी उन शहरों में अपने स्मार्ट स्पेस की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है, जहां छात्रों की आवासीय मांग अधिक है।

इसके साथ ही, कंपनी का ध्यान अपने खर्चों को नियंत्रित करने और ऑपरेशनल दक्षता में सुधार करने पर है, ताकि भविष्य में अपने घाटे को कम किया जा सके और लाभप्रदता प्राप्त की जा सके।

निष्कर्ष

Your-Space ने FY24 में उल्लेखनीय वित्तीय वृद्धि दिखाई है, लेकिन इसके साथ ही इसे बढ़ते खर्चों के कारण घाटे का भी सामना करना पड़ा है। कंपनी का ध्यान छात्रों के लिए स्मार्ट और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने पर है, और इसके तकनीकी रूप से सक्षम स्मार्ट स्पेस इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाते हैं।

भविष्य में कंपनी की योजनाएं और विस्तार की रणनीतियां इसे भारतीय छात्र आवास बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।

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Trillion Dollar Ventures (TDV) ने 50 करोड़ रुपये के दूसरे फंड की घोषणा की

1. परिचय:
भारत के उभरते टेक स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ी खबर आई है, जहां Trillion Dollar Ventures (TDV) ने अपने दूसरे फंड के लॉन्च की घोषणा की है। यह नया फंड कुल 50 करोड़ रुपये का है, जो TDV के पहले फंड से दोगुना है। TDV का यह कदम भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को मजबूत आर्थिक समर्थन देने और उन्हें प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया है।

2. निवेश का लक्ष्य:
TDV का यह नया फंड विशेष रूप से अर्ली-स्टेज टेक स्टार्टअप्स के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य इनोवेटिव और महत्वाकांक्षी संस्थापकों को समर्थन प्रदान करना है। यह फंड प्री-सीड और सीड स्टेज की कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनके लिए TDV 1 से 2 करोड़ रुपये के चेक साइज के माध्यम से निवेश करेगा।

3. TDV का परिचय:
Trillion Dollar Ventures (TDV) एक प्रमुख वेंचर कैपिटल फर्म है, जिसका मुख्य उद्देश्य शुरुआती दौर के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहयोग प्रदान करना है। TDV ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के उभरते हुए टेक्नोलॉजी सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की है। TDV के पहले फंड ने भी कुछ सफल स्टार्टअप्स को आर्थिक सहयोग प्रदान किया था, जिससे उनकी कंपनियों को तेज़ी से आगे बढ़ने का अवसर मिला।

4. संस्थापक और नेतृत्व टीम:
TDV की स्थापना अनुभवी निवेशकों और उद्यमियों द्वारा की गई थी, जिनके पास वेंचर कैपिटल और स्टार्टअप इकोसिस्टम का गहरा अनुभव है। TDV की टीम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को गहराई से समझती है और नए उद्यमियों के लिए एक मजबूत सहयोगी के रूप में काम करती है। TDV की इस दृष्टि के पीछे एक मजबूत नेतृत्व टीम है, जो स्टार्टअप्स की जरूरतों को समझकर उन्हें आर्थिक और रणनीतिक सहयोग प्रदान करती है।

5. फंडिंग प्रक्रिया:
TDV का यह फंड उन स्टार्टअप्स पर ध्यान केंद्रित करेगा जो अपने शुरुआती चरण में हैं और जिन्हें प्री-सीड और सीड स्टेज पर वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है। 1-2 करोड़ रुपये के निवेश से TDV उन्हें शुरुआती पूंजी प्रदान करेगा, जिससे ये स्टार्टअप्स अपने उत्पाद, टेक्नोलॉजी, और टीम को बेहतर बना सकें। इसके अलावा, TDV इन स्टार्टअप्स के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर उन्हें मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करेगा।

6. वित्तीय स्थिति और पहला फंड:
TDV का पहला फंड, जो इससे पहले लॉन्च किया गया था, काफी सफल रहा था। पहले फंड की तुलना में, यह नया फंड दोगुना बड़ा है, जो TDV के बढ़ते निवेश क्षमताओं और वेंचर कैपिटल स्पेस में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। TDV का उद्देश्य अपने इस दूसरे फंड के माध्यम से अधिक से अधिक स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान करना और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में मदद करना है।

7. भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रभाव:
TDV का यह फंड भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर गहरा प्रभाव डालेगा, क्योंकि यह न केवल नई कंपनियों को शुरुआती पूंजी प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें बेहतर तकनीकी विकास और रणनीतिक मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। इसके परिणामस्वरूप, अधिक इनोवेटिव स्टार्टअप्स का उदय होगा, जो भारतीय टेक्नोलॉजी सेक्टर को और अधिक विकसित करेगा।

8. TDV की दीर्घकालिक रणनीति:
TDV की दीर्घकालिक रणनीति उन स्टार्टअप्स को समर्थन देना है, जो तकनीकी नवाचार और भविष्य के समाधानों पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, TDV अपने पोर्टफोलियो कंपनियों के साथ लंबे समय तक साझेदारी बनाए रखना चाहता है, जिससे उन्हें न केवल आर्थिक सहयोग बल्कि नेटवर्किंग और अनुभव साझा करने का भी मौका मिले।

9. चुनौतियाँ और अवसर:
हालांकि, शुरुआती स्टेज स्टार्टअप्स में निवेश करना हमेशा चुनौतियों से भरा रहता है, क्योंकि कई कंपनियाँ असफल हो सकती हैं। फिर भी, TDV इन जोखिमों को समझते हुए, सही संस्थापकों और कंपनियों की पहचान करने में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर रहा है। इसके अलावा, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में बढ़ते अवसर TDV को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेंगे।

10. निष्कर्ष:
Trillion Dollar Ventures का नया फंड भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर है। इसके माध्यम से, कंपनी भारतीय उद्यमशीलता इकोसिस्टम को और भी मजबूत बनाएगी और नई पीढ़ी के उद्यमियों को आगे बढ़ने का मौका देगी। TDV का यह कदम निवेश और स्टार्टअप्स के विकास के क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलने की दिशा में है।

Kapiva Raises Rs 83.5 Crore in Latest Funding Round Led by OrbiMed Asia

Homegrown D2C ayurvedic nutrition brand Kapiva has successfully raised Rs 83.5 crore (approximately $10 million) in a funding round led by OrbiMed Asia, with participation from 3One4 Capital and Vertex Ventures. This marks another significant step for Kapiva as it continues to grow in the competitive ayurveda market.

Funding Details

Kapiva’s board approved a special resolution to issue 5,62,631 compulsory convertible preference shares, allowing the company to raise the necessary funds. According to the Registrar of Companies, OrbiMed Asia led the investment with Rs 52.2 crore, while 3One4 Capital contributed Rs 11.96 crore and Vertex Ventures invested Rs 19.33 crore. This round is part of Kapiva’s Series C fundraising, through which the company aims to raise a total of Rs 250 crore.

In a previous Entrackr report from November 2022, it was revealed that Kapiva had already raised Rs 48.75 crore ($6 million) in its Series C round, making the total raised so far Rs 132 crore. The latest tranche adds to the brand’s growth journey, and Kapiva is now valued at around $80 million according to TheKredible.

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Expanding ESOP Pool

In addition to securing new funds, Kapiva has also increased its Employee Stock Ownership Plan (ESOP) pool by adding 1,41,500 new shares, raising the total ESOP pool to 4,47,741 shares. According to Entrackr, the current ESOP pool is valued at around Rs 66 crore, further boosting Kapiva’s appeal to employees and investors alike.

Growth Plans and Use of Funds

Kapiva intends to use the newly raised funds to expand and develop the company, focusing on product innovation, market penetration, and scaling operations. Founded in 2015, Kapiva has raised over $30 million to date and has attracted investments from prominent firms like Jetty Ventures, Fireside Ventures, OrbiMed, 3One4 Capital, and more.

The brand specializes in natural and organic ayurvedic products designed to address common health issues such as hair fall, weight loss, digestion, and diabetes. Their product line includes a variety of offerings such as juices, teas, oils, and shakes, catering to a growing market of consumers interested in holistic wellness.

Strong Financial Performance

Kapiva reported impressive growth in the fiscal year ending March 2023. The company registered an 87% year-on-year growth to Rs 116.48 crore. However, despite the increase in revenue, the company recorded a loss of Rs 64.5 crore during the same period. Kapiva is yet to file its results for FY24, but the company is optimistic about continuing its upward trajectory.

Competitive Landscape

Kapiva operates in a highly competitive D2C ayurvedic market, facing stiff competition from other well-established brands such as Upakarma Ayurveda, Dr. Vaidya’s, and Varalife. However, with a growing customer base and continued investment, Kapiva is positioning itself as a leading player in the ayurveda space.

Conclusion

With fresh funding and plans for growth, Kapiva is well on its way to becoming a dominant player in the D2C ayurvedic space. The company’s focus on natural and organic products, along with strong investor backing, sets the stage for further expansion and innovation in the health and wellness industry. As the brand continues to grow, it remains a key player to watch in the competitive ayurveda market.

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Neo-Banking Platform Open Struggles Amidst Revenue Decline in FY24

Neo-banking platform Open has been facing challenges in generating significant revenue, despite its efforts to grow. The Bengaluru-based company, which provides digital business payment solutions, experienced a 17% decline in revenue during the fiscal year ending March 2024 (FY24). This comes after a 25% growth in FY23, signaling a difficult period for the company.

In FY24, Open’s revenue from operations dropped to Rs 24.81 crore, compared to Rs 29.9 crore in the previous year. To make up for this, the company earned Rs 21.3 crore from interest and gains on current investments, bringing its total revenue to Rs 46.11 crore for the year. While this non-operating income helped boost overall revenue, it highlights the struggles Open faces with its core business operations.

Since its inception in 2017, Open has made around Rs 100 crore from operations, but its outstanding losses have mounted to Rs 1,831 crore by the end of FY24.

Open’s Business Model

Open’s primary service is providing businesses with digital business payment solutions, which include fully digital current accounts and integrated tools for finance, accounting, and credit. These tools are developed in partnership with banking and lending institutions. According to Open’s website, the platform has over 3.5 million clients and processes more than $35 billion in transactions annually.

Rising Costs and Expenses

Open has taken steps to cut costs, especially in areas like employee benefits, which accounted for 60% of the company’s expenses. In FY24, employee costs, including ESOP (Employee Stock Option Plan) expenses of Rs 37 crore, shrank by 21.6% to Rs 117.08 crore from Rs 149.25 crore in FY23.

Other major expenses, such as IT and payment gateway costs, decreased by 13.2% to Rs 25.34 crore. The company also reduced its spending on advertising and promotions significantly, with costs dropping 84.7% to Rs 8.85 crore, down from Rs 57.67 crore in FY23.

Overall, Open’s total expenditure was cut by 34.4%, bringing it down to Rs 194.65 crore in FY24. These cost-cutting measures helped the company narrow its losses by 30% to Rs 169.68 crore, compared to Rs 242.2 crore in FY23.

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Challenges Ahead

While Open’s cost-saving efforts have improved its financial situation, they seem to reflect a slowing in the company’s operational efficiency rather than growth in its core business. Operating cash outflows improved by 55.4%, reducing to Rs 91.57 crore in FY24, but the company still spent Rs 7.85 to earn a single rupee.

Open’s EBITDA margin and ROCE (Return on Capital Employed) stood at -264.50% and -45.61% respectively, indicating ongoing financial challenges.

Future Prospects

In 2022, Open became a unicorn after raising $50 million in a funding round led by IIFL and Tiger Global. The company has raised around $190 million in funding to date. Open also received approval for a payment aggregator license from the Reserve Bank of India in the same year, marking a significant milestone for the platform.

Despite its high losses, Open is aiming to become profitable by the end of 2025. However, like other Neo-banks in India, it faces challenges from regulatory uncertainty and stiff competition from private sector banks and other neo-banking platforms like Jupiter, Razorpay X, and Niyo.

Conclusion

While Open has made strides in cutting costs and improving cash flow, its core business continues to face challenges. The company’s high losses and limited differentiation from traditional banks indicate a tough road ahead. However, with its strategic cost-cutting and future plans for profitability, Open remains optimistic about its long-term prospects.

USA- AIR COMPANY Raises $69M in Series B Funding to Scale Carbon Conversion Technology and Drive Aviation Sustainability

AIR COMPANY, a leader in carbon conversion technology, has announced raising $69 million in its Series B funding round. The financing will help advance the company’s innovative technology, promoting energy security and reducing emissions in hard-to-decarbonize sectors, especially aviation. This round was led by Avfuel, a global supplier of aviation fuel, which will also provide distribution, logistics, and environmental attribute tracking for AIR COMPANY. Other participants included Lowercarbon Capital, IQT (In-Q-Tel), Alaska Airlines, Connecticut Innovation’s Climate Tech Fund, and Duncan Aviation, among others. Previous investors such as Carbon Direct Capital, JetBlue Ventures, and Toyota Ventures also took part in this funding.

Avfuel’s involvement signifies a crucial partnership for the company as it aims to scale its sustainable aviation fuel (SAF) production. Avfuel will join AIR COMPANY’s board of directors, bringing their industry expertise to drive the development and adoption of SAF. The funds raised will be directed toward expanding AIR COMPANY’s research and development capabilities, pushing forward the deployment of their technology to meet the rising demand for clean, sustainable fuels in both the commercial and governmental sectors.

AIR COMPANY, co-founded by Gregory Constantine and Dr. Stafford Sheehan, has developed a cutting-edge process that converts carbon dioxide into sustainable fuels. Their streamlined and energy-efficient technology can produce scalable SAF, which integrates seamlessly into current aviation infrastructure. This innovation positions AIR COMPANY as a key player in the effort to reduce aviation emissions, a sector notoriously difficult to decarbonize. Through partnerships with airlines and a $65 million contract with the Defense Innovation Unit, the company has already demonstrated the viability of its SAF solution.

Avfuel’s Executive Vice President, C.R. Sincock, highlighted the importance of SAF as a pathway to decarbonization, praising AIR COMPANY’s innovative approach. “The aviation sector faces a critical challenge in meeting the growing demand for sustainable aviation fuel,” Sincock said. “By partnering with AIR COMPANY, Avfuel is committed to accelerating the widespread adoption of this high-performing fuel and driving meaningful emissions reductions across the industry.”

Co-Founder and CEO Gregory Constantine emphasized that AIR COMPANY’s technology is designed to be modular and scalable, allowing it to adapt to various fuel supply chains. Co-Founder Dr. Stafford Sheehan further noted that this flexibility strengthens energy security and encourages domestic job creation. The backing from prominent investors underlines the trust and confidence in AIR COMPANY’s vision for a sustainable and resilient future.

AIR COMPANY’s proprietary AIRMADE™ technology is an adaptable platform that converts CO₂ into high-demand, fully-formulated synthetic fuels and chemicals. The company has established partnerships with airlines like JetBlue and Virgin Atlantic and secured contracts with government agencies, including NASA and the Department of Defense.

The company’s efforts have garnered numerous accolades, including the Green Chemistry Challenge Award from the U.S. Environmental Protection Agency and recognition from the World Economic Forum for its contributions to sustainable aviation. AIR COMPANY’s success in carbon conversion technology is not only transforming energy sectors but also providing a crucial solution to global carbon emissions. With this new funding, the company is poised to further scale its operations and make a lasting impact on sustainable aviation and beyond.

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