भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने जनवरी 2025 में 16.99 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹23.48 लाख करोड़ रही। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 39% अधिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम और 28% अधिक ट्रांजैक्शन वैल्यू को दर्शाता है।
अगर मासिक वृद्धि की बात करें तो जनवरी में UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 1.55% और ट्रांजैक्शन वैल्यू में लगभग 1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिसंबर 2024 में UPI ने 16.73 अरब ट्रांजैक्शन के साथ ₹23.25 लाख करोड़ की ट्रांजैक्शन वैल्यू हासिल की थी।
🔹 NPCI के आंकड़ों में UPI की जबरदस्त ग्रोथ
📌 नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में UPI के औसत दैनिक ट्रांजैक्शन 548 मिलियन (54.8 करोड़) तक पहुंच गए।
📌 UPI का उपयोग करने वाले कुल 450 मिलियन (45 करोड़) यूजर्स में से 200 मिलियन (20 करोड़) डेली एक्टिव यूजर्स हैं।
📌 NPCI प्रमुख दिलीप अस्बे ने हाल ही में कहा कि UPI यूजरबेस को 200-300 मिलियन (20-30 करोड़) नए उपयोगकर्ताओं तक बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सरकार और व्यापक वित्तीय इकोसिस्टम का सहयोग जरूरी होगा।
🔹 UPI मार्केट शेयर: PhonePe टॉप पर, Google Pay और Paytm की स्थिति स्थिर
भारतीय UPI बाजार में PhonePe सबसे आगे है, जिसके पास 47.7% मार्केट शेयर है। इसके बाद Google Pay का 36.7% और Paytm का 6.87% हिस्सा है।
✔️ PhonePe: 47.7%
✔️ Google Pay: 36.7%
✔️ Paytm: 6.87%
📢 UPI मार्केट शेयर में बदलाव की संभावना फिलहाल कम है क्योंकि NPCI ने थर्ड-पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए UPI वॉल्यूम कैप लागू करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी है। इससे PhonePe और Google Pay की मार्केट लीडरशिप बनी रहेगी।
🔹 WhatsApp Pay के लिए अच्छी खबर: NPCI ने लिमिट हटाई
NPCI ने WhatsApp Pay के लिए यूजर ऑनबोर्डिंग लिमिट हटा दी है, जिससे अब यह पूरे भारत में अपने सभी उपयोगकर्ताओं के लिए UPI सेवाएं प्रदान कर सकता है।
📌 पहले, WhatsApp Pay को NPCI द्वारा 100 मिलियन यूजर्स तक सीमित किया गया था, लेकिन अब यह सभी भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा।
📌 WhatsApp Pay की इस नई उपलब्धि से UPI को और अधिक विस्तार मिलेगा और डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर और तेज होगी।
🔹 UPI के विस्तार की चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
🔥 UPI को 200-300 मिलियन नए उपयोगकर्ताओं तक कैसे ले जाया जाएगा?
✔️ सरल इंटरफेस और अधिक भाषा समर्थन:
UPI को ग्रामीण इलाकों में तेजी से अपनाने के लिए स्थानीय भाषाओं और वॉयस-आधारित इंटरफेस को बढ़ावा देना होगा।
✔️ फिनटेक कंपनियों का सहयोग:
सरकार और NPCI को PhonePe, Google Pay, Paytm और WhatsApp Pay जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि UPI का दायरा बढ़े।
✔️ इनोवेशन और सुरक्षा:
UPI के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर सिक्योरिटी और फ्रॉड प्रिवेंशन पर ध्यान देना जरूरी होगा ताकि उपभोक्ताओं का भरोसा बना रहे।
✔️ ऑफलाइन पेमेंट सिस्टम का विकास:
NPCI पहले से ही UPI Lite और UPI 123Pay जैसी सुविधाओं पर काम कर रहा है, जो कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में भी भुगतान को आसान बनाएंगी।
🔹 भारत में डिजिटल भुगतान की क्रांति जारी
UPI की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट बाजारों में से एक बना दिया है। जनवरी 2025 में दर्ज किए गए 16.99 अरब ट्रांजैक्शन इस बात का सबूत हैं कि भारतीय उपभोक्ता कैशलेस और डिजिटल पेमेंट को तेजी से अपना रहे हैं।
👉 क्या भारत आने वाले वर्षों में पूरी तरह से डिजिटल भुगतान पर शिफ्ट हो जाएगा?
👉 क्या UPI दुनिया का सबसे बड़ा पेमेंट इकोसिस्टम बन सकता है?
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