🐶 Just Dogs का FY24 प्रदर्शन: रेवेन्यू में 32% की ग्रोथ,

Just Dogs

 pet care रिटेल ब्रांड JUST DOGS ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में अपने राजस्व में जोरदार बढ़त दर्ज की है, लेकिन मुनाफे के मोर्चे पर कंपनी को झटका लगा है। अहमदाबाद स्थित इस स्टार्टअप ने जहां एक ओर ₹94 करोड़ का कुल रेवेन्यू कमाया, वहीं इसका घाटा बढ़कर ₹11 करोड़ तक पहुंच गया।


📊 JUSTDOGS रेवेन्यू ग्रोथ रही दमदार, 32% की बढ़त

FY24 में JUSTDOGS ने ₹94 करोड़ का ऑपरेशनल रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले वर्ष (FY23) के ₹71 करोड़ के मुकाबले 32% अधिक है।

कंपनी की शुरुआत 2011 में हुई थी, और आज यह भारत में पेट फूड, सप्लीमेंट्स, एक्सेसरीज़ और ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स का बड़ा ब्रांड बन चुका है। Just Dogs न केवल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है, बल्कि इसका ऑफलाइन स्टोर नेटवर्क भी तेजी से बढ़ रहा है।


🍖 पेट फूड बना रेवेन्यू का प्रमुख स्रोत

Just Dogs की कुल आमदनी में सबसे बड़ा योगदान डॉग फूड कैटेगरी का रहा, जिससे FY24 में ₹66 करोड़ की कमाई हुई — यह FY23 की तुलना में 47% की ग्रोथ है।

🔸 पेट ट्रीट्स से ₹10 करोड़
🔸 ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स से ₹2 करोड़
🔸 वहीं, सर्विसेज से रेवेन्यू गिरकर ₹16 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्ष ₹17.5 करोड़ था।


💸 खर्चों में तेज़ी से इजाफा

FY24 में Just Dogs के कुल खर्च ₹106 करोड़ तक पहुंच गए, जो FY23 के ₹72 करोड़ से 47% अधिक हैं।

🔻 मैटेरियल कॉस्ट (कच्चा माल) सबसे बड़ा खर्च रहा — ₹67 करोड़, जो कुल खर्च का लगभग दो-तिहाई है।
🔻 कर्मचारी लाभ खर्च ₹13 करोड़ — 62.5% की बढ़ोतरी
🔻 मार्केटिंग खर्च ₹6 करोड़ और
🔻 रेंट खर्च ₹10 करोड़ — दोनों दोगुने हो गए
🔻 अन्य ऑपरेशनल खर्च भी ₹10 करोड़ रहे

कंपनी ने ग्रोथ के लिए आक्रामक रणनीति अपनाई, लेकिन खर्च ने रेवेन्यू ग्रोथ से आगे निकलकर घाटा बढ़ा दिया।


📉 घाटे में बड़ा उछाल: ₹6 लाख से ₹11 करोड़

जहां FY23 में कंपनी का घाटा मात्र ₹6 लाख था, वहीं FY24 में यह आंकड़ा बढ़कर ₹11 करोड़ तक पहुंच गया।

📉 ROCE (Return on Capital Employed): -25.12%
📉 EBITDA मार्जिन: -10.21%

यूनिट लेवल पर, कंपनी ने हर ₹1 कमाई के लिए ₹1.13 खर्च किए, जो FY23 में ₹1.01 था।

यह संकेत देता है कि ऑपरेशनल कुशलता पर अभी भी काम करने की ज़रूरत है।


🏦 बैलेंस शीट की स्थिति

Just Dogs के पास FY24 के अंत तक कुल ₹43 करोड़ मूल्य की करंट एसेट्स थीं। इनमें से ₹8 करोड़ कैश और बैंक बैलेंस के रूप में हैं।

इससे यह साफ होता है कि कंपनी के पास अल्पकालिक फाइनेंशियल स्थिरता बनाए रखने के लिए पर्याप्त बैकअप है, लेकिन घाटे को कम करने की दिशा में ठोस रणनीति की जरूरत है।


🧠 क्या बना नुकसान का कारण?

  1. आक्रामक विस्तार नीति: नए स्टोर्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निवेश
  2. मार्केटिंग और किराए में भारी इजाफा
  3. सर्विस रेवेन्यू में गिरावट
  4. कर्मचारियों पर खर्च में भारी बढ़ोतरी

इन सब ने मिलकर कंपनी के खर्चों को रेवेन्यू ग्रोथ से आगे कर दिया।


🐾 ब्रांड की दिशा: ‘फुल स्टैक पेटकेयर एक्सपीरियंस’

Just Dogs केवल प्रोडक्ट्स बेचने तक सीमित नहीं है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह पेट पैरंट्स को फुल स्टैक एक्सपीरियंस दे सके — जिसमें फूड, ग्रूमिंग, हेल्थ सपोर्ट, ट्रेनिंग और सर्विसेस सब शामिल हों।

इस उद्देश्य से कंपनी अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को और इंटिग्रेटेड और सहज बना रही है।


🔮 आगे की राह

कंपनी को अब इन बिंदुओं पर ध्यान देना होगा:

  • सर्विस सेगमेंट को फिर से मजबूती देना
  • खर्चों में कटौती और कुशलता लाना
  • यूनिट इकनॉमिक्स में सुधार करना
  • मार्जिन बढ़ाने के लिए प्रीमियम प्रोडक्ट्स और सब्सक्रिप्शन मॉडल पर विचार

📌 निष्कर्ष

Just Dogs ने FY24 में रेवेन्यू के मोर्चे पर तो शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन भारी खर्चों ने मुनाफे की राह में ब्रेक लगा दिया।

अगर कंपनी अपने खर्चों को कंट्रोल कर, सर्विस सेगमेंट को पुनः सक्रिय करती है — तो वह आने वाले वर्षों में भारत का अग्रणी पेट केयर ब्रांड बन सकती है।


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UPI ट्रांजैक्शन में मार्च 2025 में 13.6% की बढ़त, PhonePe और Google Pay का दबदबा बरकरार 📈💸

UPI

भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति में UPI (Unified Payments Interface) का वर्चस्व लगातार बढ़ता जा रहा है। मार्च 2025 में UPI ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया, जब ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 13.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और कुल 18.30 अरब लेन-देन पूरे हुए। यह आंकड़ा न केवल देश में डिजिटल लेन-देन के तेजी से बढ़ते रुझान को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे भारत अब नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रहा है।

📊 UPI शीर्ष ऐप्स की रैंकिंग में बड़ा बदलाव

मार्च 2025 में भी UPI सिस्टम में PhonePe और Google Pay का दबदबा बना रहा। PhonePe ने 47.25% मार्केट शेयर के साथ 8.64 अरब ट्रांजैक्शन किए, वहीं Google Pay ने 36.04% हिस्सेदारी के साथ 6.59 अरब ट्रांजैक्शन पूरे किए। इन दोनों ऐप्स ने मिलकर कुल UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम का 83% हिस्सा अपने नाम किया, जो इनकी व्यापक उपयोगिता और यूज़र ट्रस्ट को दर्शाता है।

तीसरे स्थान पर रहा Paytm, जिसने 1.22 अरब ट्रांजैक्शन किए और कुल ट्रांजैक्शन वॉल्यूम का 6.67% हिस्सा लिया। हालांकि Paytm की हिस्सेदारी अन्य दो दिग्गजों की तुलना में काफी कम रही, फिर भी यह अपने मजबूत उपयोगकर्ता आधार के कारण टॉप-3 में बना रहा।

💡 Axis Bank ने CRED को पीछे छोड़ा

CRED जो पहले पांच बड़े UPI ऐप्स में शामिल था, अब सातवें स्थान पर खिसक गया है। उसे पीछे छोड़ते हुए Axis Bank ने 125 मिलियन B2C (Business to Customer) ट्रांजैक्शन के साथ छठवां स्थान हासिल किया। B2C ट्रांजैक्शन में कंपनियों द्वारा ग्राहकों को की जाने वाली पेमेंट्स जैसे रिफंड, कैशबैक या सैलरी आदि शामिल होती हैं।

Axis Bank का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि बैंक अब डिजिटल पेमेंट्स में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं और अपने कस्टमर बेस को बेहतर सेवाएं दे रहे हैं।

💰 ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी PhonePe आगे

अगर ट्रांजैक्शन वैल्यू की बात करें, तो PhonePe ने एक बार फिर बाज़ी मारी। इसने 50.76% हिस्सेदारी के साथ ₹12.57 लाख करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन किया। वहीं Google Pay ने 34.99% मार्केट शेयर के साथ ₹8.66 लाख करोड़ का लेन-देन पूरा किया।

तीसरे नंबर पर CRED रहा, जिसने भले ही सिर्फ 0.79% वॉल्यूम शेयर लिया, लेकिन ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में उसने ₹55,091 करोड़ का योगदान दिया, जो कुल वैल्यू का 2.22% है। यह CRED की हाई-वैल्यू यूज़र्स में मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

🏦 अन्य प्रमुख खिलाड़ी

  • Amazon Pay, ICICI Bank और Axis Bank जैसे अन्य ऐप्स ने भी अपनी खास यूज़र बेस के बीच सेवाएं दीं।
  • इन ऐप्स का वॉल्यूम और वैल्यू शेयर भले ही कम रहा, लेकिन इनका फोकस अपने टार्गेटेड यूज़र सेगमेंट पर केंद्रित रहा।

🛒 छोटे व्यापारियों को मिलेगा डिजिटल पेमेंट्स का प्रोत्साहन

भारत सरकार ने हाल ही में BHIM-UPI प्लेटफॉर्म के जरिए छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट्स अपनाने के लिए ₹1,500 करोड़ की नई योजना को मंजूरी दी है। यह योजना न केवल छोटे कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट अपनाने में मदद करेगी, बल्कि देशभर में कैशलेस इकॉनमी को भी और मज़बूती देगी।

सरकार का उद्देश्य है कि छोटे दुकानदार, किराना स्टोर, और लोकल सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे लोग डिजिटल पेमेंट सिस्टम का लाभ लें और ग्राहकों को कैशलेस अनुभव दें। इस योजना से देश के दूर-दराज़ के इलाकों में भी UPI का उपयोग बढ़ेगा।

📱 UPI: भारत की डिजिटल शक्ति

UPI आज सिर्फ एक पेमेंट सिस्टम नहीं बल्कि भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का प्रतीक बन चुका है। यह न केवल लेन-देन को आसान बनाता है, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा देता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी हब तक, हर जगह UPI का प्रभाव देखा जा सकता है।

🔮 आगे का रास्ता

UPI का भविष्य और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है। ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में निरंतर बढ़त, उपयोगकर्ताओं की संख्या में इजाफा, और सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ इस क्षेत्र को और मजबूत बनाएंगी। साथ ही, नए फीचर्स और इनोवेशन जैसे क्रेडिट ऑन UPI, इंटरनेशनल पेमेंट्स, और AI इंटीग्रेशन से UPI का उपयोग और भी सहज और स्मार्ट होता जाएगा।


📌 निष्कर्ष:
मार्च 2025 के आंकड़े साफ़ तौर पर दिखाते हैं कि UPI अब सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि जरूरत बन चुका है। PhonePe और Google Pay जैसे दिग्गज जहां ट्रांजैक्शन में दबदबा बनाए हुए हैं, वहीं CRED जैसी फिनटेक कंपनियां हाई-वैल्यू यूज़र्स को टार्गेट करके अपनी जगह बना रही हैं। UPI का बढ़ता दायरा और सरकार की नई योजनाएं भारत को कैशलेस इकॉनमी की ओर मजबूती से ले जा रही हैं।


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Read more :🧠 UPSC कोचिंग सेक्टर में PhysicsWallah की बड़ी एंट्री

🧠 UPSC कोचिंग सेक्टर में PhysicsWallah की बड़ी एंट्री

PhysicsWallah

नोएडा स्थित एडटेक यूनिकॉर्न Physicswallah (PW) यूपीएससी कोचिंग सेगमेंट में अपना विस्तार करने की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी अब दिल्ली बेस्ड प्रतिष्ठित UPSC कोचिंग प्लेटफॉर्म Sarrthi IAS को खरीदने की अंतिम बातचीत में है। यह सौदा करीब ₹120-130 करोड़ के बीच हो सकता है।


📚 Physics wallah UPSC सेगमेंट: नया फोकस एरिया

PW ने हाल ही में UPSC तैयारी से जुड़े कई प्लेटफॉर्म्स से बातचीत शुरू की थी, जिनमें Drishti IAS भी शामिल है। अब कंपनी ने Sarrthi IAS को अपने अगले अधिग्रहण के लिए चुना है। PW के एक करीबी सूत्र ने बताया:

Physics wallah ने UPSC सेगमेंट को अपनी अगली ग्रोथ कैटेगरी के रूप में चिन्हित किया है और Sarrthi IAS के साथ यह डील लगभग फाइनल स्टेज पर है।”


👨‍🏫 कौन है Sarrthi IAS?

Sarrthi IAS की स्थापना वरुण जैन और शिविन चौधरी ने की थी। यह प्लेटफॉर्म UPSC अभ्यर्थियों को मेंटरशिप-आधारित कोर्स प्रदान करता है जिसमें शामिल हैं:

  • GS Foundation कोर्स
  • Mains Modules
  • Prelims Revision
  • Interview Guidance

Sarrthi ने FY25 में लगभग ₹35 करोड़ का राजस्व और ₹20 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया है — यह इसे एक प्रॉफिटेबल टारगेट बनाता है।


💼 डील के पीछे की रणनीति

PhysicsWallah की यह रणनीति UPSC कोचिंग मार्केट में अपनी पकड़ मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कंपनी पहले से ही ₹2,500–3,000 करोड़ की डील में Drishti IAS को अधिग्रहण करने की कोशिश कर रही है। Sarrthi IAS के साथ बातचीत उसी दिशा में एक और प्रयास है।

दिल्ली बेस्ड Sarrthi IAS भी पिछले कुछ समय से एक बड़े खिलाड़ी के साथ विलय की संभावनाएं तलाश रही थी। PW के साथ यह डील उसे एक बड़ा एक्सपोज़र दे सकती है।


🧾 कंपनी की प्रतिक्रिया

जब Entrackr ने संपर्क किया तो Sarrthi IAS के सह-संस्थापक वरुण जैन ने बातचीत की पुष्टि नहीं की और कहा कि दी गई जानकारी “सटीक नहीं” है। वहीं PhysicsWallah की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


💰 IPO की तैयारी में PW

PW सिर्फ अधिग्रहण की ओर ही नहीं बढ़ रही, बल्कि कंपनी IPO (Initial Public Offering) की दिशा में भी बड़ी तैयारी कर रही है। कंपनी ने हाल ही में तीन स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की है और अब $5 बिलियन वैल्यूएशन पर $500 मिलियन जुटाने की योजना बना रही है।

FY24 में कंपनी ने ₹1,940.4 करोड़ का राजस्व दर्ज किया और इसका वर्तमान वैल्यूएशन $2.8 बिलियन है। अब तक PW ने $300 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है।


📦 पिछली अधिग्रहण गतिविधियां

Sarrthi IAS का यह अधिग्रहण करीब दो साल बाद PW का पहला बड़ा अधिग्रहण होगा। इससे पहले, कंपनी ने जून 2023 में केरल स्थित Xylem Learning में नियंत्रक हिस्सेदारी ली थी। इसके अलावा, उसने UAE की K-12 लर्निंग स्टार्टअप Knowledge Planet, और भारत की कई एडटेक कंपनियों जैसे iNeuron, Altis Vortex, PrepOnline और FreeCo का अधिग्रहण किया है।

हालांकि, इनमें से अधिकतर अधिग्रहणों के बाद कोई बड़ा ग्रोथ देखने को नहीं मिला है, जिससे यह नया अधिग्रहण और भी महत्वपूर्ण बन जाता है।


🔍 निष्कर्ष: UPSC सेगमेंट में बाज़ी मारने की होड़

PhysicsWallah की UPSC कोचिंग स्पेस में यह आक्रामक एंट्री कंपनी को एक नए ग्राहक वर्ग तक पहुंच दिला सकती है। जहाँ एक ओर PW भारत के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ बढ़ा रही है, वहीं UPSC एक ऐसा मार्केट है जहाँ छात्रों की मांग लगातार बढ़ रही है।

अगर Sarrthi IAS की डील फाइनल हो जाती है, तो यह PhysicsWallah को UPSC परीक्षा की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों तक पहुंचने में मदद करेगी — और यह कदम उसे एक ऑल-राउंड एडटेक लीडर बनाने की दिशा में मज़बूत कर सकता है। 🔮


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Read more :🎓 Bower School of Entrepreneurship ने जुटाए ₹11.5 करोड़ की सीड फंडिंग,

🎓 Bower School of Entrepreneurship ने जुटाए ₹11.5 करोड़ की सीड फंडिंग,

Bower

भारत के एजुकेशन स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है। Bower School of Entrepreneurship ने अपने पहले सीड फंडिंग राउंड में ₹11.5 करोड़ (लगभग $1.33 मिलियन) की पूंजी जुटाई है। इस निवेश में High-Net-Worth Individuals (HNIs) और Astir Ventures जैसे प्रतिष्ठित निवेशकों ने भाग लिया है।

यह फंडिंग Bower के लिए केवल एक आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि इसके वैश्विक मिशन को नई गति देने वाली शुरुआत है।


🤖 Bower AI-पावर्ड कोर्स बिल्डर और अंतरराष्ट्रीय कैंपस की तैयारी

कंपनी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जुटाई गई इस राशि का उपयोग Bower एक AI-आधारित कोर्स बिल्डर प्लेटफॉर्म के निर्माण, इंडस्ट्री पार्टनरशिप्स को मजबूत करने और दक्षिण-पूर्व एशिया, मिडल ईस्ट, यूरोप और अमेरिका में फिजिकल कैंपस खोलने के लिए करेगी।

Bower का उद्देश्य आधुनिक टेक्नोलॉजी और वैश्विक शिक्षा मॉडल को मिलाकर एक ऐसा एजुकेशन प्लेटफॉर्म बनाना है जो भारत सहित पूरी दुनिया के छात्रों को सशक्त बना सके।


📈 लक्ष्य: FY26 तक ₹15 करोड़ का रेवेन्यू और 15,000+ छात्रों तक पहुंच

Bower School ने FY25 की चौथी तिमाही में ही ₹1.5 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया है। कंपनी का लक्ष्य है कि FY26 तक ₹15 करोड़ के रेवेन्यू तक पहुंचे और 15,000 से अधिक छात्रों को अपने विभिन्न कोर्सेस और कार्यक्रमों के ज़रिए जोड़ सके।


👨‍🏫 संस्थापक पवन अलेना की सोच: शिक्षा के ज़रिए उद्यमिता को सशक्त बनाना

Bower School of Entrepreneurship की स्थापना पवन अलेना ने की थी, जिनकी सोच है कि आज के छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ उद्यमिता, लीडरशिप और समस्या समाधान जैसे व्यावहारिक कौशल भी सिखाए जाएं।

Bower तीन प्रमुख कार्यक्रम चलाता है:

  1. Bower SEED – स्कूल (K-12) छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया प्रोग्राम।
  2. Bower LEAD – कामकाजी पेशेवरों के लिए एक्जीक्यूटिव कोर्स।
  3. Bower UG – अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए एक डिग्री-स्तर का प्रोग्राम, जिसकी शुरुआत अगस्त 2025 से होगी।

📚 अब तक 5,000+ छात्र जुड़े, पहले तीन महीनों में ₹1.5 करोड़ की बुकिंग

Bower ने अपनी लॉन्चिंग के सिर्फ तीन महीनों के भीतर ही ₹1.5 करोड़ की बुकिंग दर्ज की और अब तक 5,000 से अधिक छात्रों को ट्रेनिंग दे चुका है। इस समय कंपनी के पास 27 टीम मेंबर्स और 63 फैकल्टी हैं जो छात्रों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।

Bower LEAD कार्यक्रम, जो वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए है, साल 2025 में चार कोहोर्ट्स चलाएगा और इसमें 150 प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है।


🌍 वैश्विक विस्तार की ओर Bower के कदम

Bower की टीम का मानना है कि उद्यमिता की शिक्षा सिर्फ एक कौशल नहीं, बल्कि जीवन बदलने वाली क्षमता है। इसलिए कंपनी अब भारत से बाहर दक्षिण पूर्व एशिया, मिडिल ईस्ट, यूरोप और अमेरिका में अपने फिजिकल कैंपस खोलने की योजना पर काम कर रही है।

इससे Bower को ग्लोबल एडटेक मार्केट में एक मजबूत स्थान मिलेगा और भारतीय स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय मंचों से जुड़ने का सीधा लाभ मिलेगा।


🤝 निवेशकों का भरोसा: तेजी से बढ़ता एडटेक स्टार्टअप

Astir Ventures और अन्य निवेशकों ने Bower में विश्वास दिखाते हुए इसे एक तेजी से बढ़ता हुआ एडटेक स्टार्टअप बताया है। निवेशकों का मानना है कि Bower ने जिस प्रकार से छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ उद्यमिता की ट्रेनिंग दी है, वह भारत जैसे युवा देश के लिए बहुत जरूरी है।


📊 एडटेक क्षेत्र में एक नई क्रांति

जहां एक ओर भारत का पारंपरिक एजुकेशन सिस्टम धीरे-धीरे डिजिटल हो रहा है, वहीं Bower जैसे प्लेटफॉर्म उद्यमिता-केंद्रित शिक्षा देकर इस बदलाव को और तेज कर रहे हैं। इस समय Unacademy, UpGrad, Byju’s जैसे बड़े नाम भी इस क्षेत्र में हैं, लेकिन Bower अपनी एंटरप्रेन्योरशिप-केंद्रित सोच से एक अलग रास्ता बना रहा है।


🚀 आगे क्या?

Bower का फोकस अब नए टेक्नोलॉजी टूल्स (जैसे AI-बेस्ड कोर्स जेनरेटर), एडवांस्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म्स और वैश्विक शिक्षा नेटवर्क के निर्माण पर है। कंपनी की योजना है कि वह न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्टूडेंट्स और वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए उद्यमिता को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाए।


📌 लेखक: FundingRaised.in टीम
📅 प्रकाशन तिथि: 10 अप्रैल 2025
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Read more :💰 Mosaic Wellness ने जुटाए ₹175 करोड़

💰 Mosaic Wellness ने जुटाए ₹175 करोड़

Mosaic Wellness

डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म Mosaic Wellness ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में ₹175 करोड़ (लगभग $20 मिलियन) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व Think Investment ने किया है। Mosaic Wellness, जो कि Man Matters, Boywise, और Little Joys जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स का संचालन करती है, इस ताजा पूंजी से अपने विस्तार और ग्रोथ की योजनाओं को गति देगी।


🏛️ Mosaic Wellness विशेष प्रस्ताव पास, ₹1,07,500 की कीमत पर शेयर जारी

कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, Mosaic Wellness के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पास किया है जिसके तहत 16,279 अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय प्रेफरेंस शेयर्स (CCPS) ₹1,07,500 प्रति शेयर की दर से जारी किए गए हैं। यह शेयर इश्यू Registrar of Companies (RoC) में दर्ज फाइलिंग के अनुसार ₹175 करोड़ की कुल फंडिंग के लिए जारी किए गए।


📊 फंडिंग के बाद वैल्यूएशन पहुंची $400 मिलियन

Entrackr की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फंडिंग राउंड के बाद Mosaic Wellness की पोस्ट-मनी वैल्यूएशन लगभग $400 मिलियन पहुंच गई है। इस लेन-देन के बाद Think Investment की कंपनी में हिस्सेदारी 5.04% हो जाएगी।


👩‍⚕️ Mosaic Wellness: एक डिजिटल-फर्स्ट हेल्थकेयर ब्रांड

Mosaic Wellness की शुरुआत 2020 में रेवंत भाटे और ध्यानेश शाह द्वारा की गई थी। यह एक डिजिटल-फर्स्ट कंज्यूमर हेल्थ प्लेटफॉर्म है जो पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए तीन अलग-अलग ब्रांड्स का संचालन करता है:

  • Man Matters: पुरुषों के लिए डर्मा, यौन स्वास्थ्य, पोषण और हाइजीन से संबंधित समाधान।
  • Boywise: किशोर लड़कों के लिए हेल्थ और वेलनेस उत्पाद।
  • Little Joys: बच्चों के लिए पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी प्रोडक्ट्स की रेंज।

📈 फाइनेंशियल प्रदर्शन में जबरदस्त ग्रोथ

Mosaic Wellness ने वित्त वर्ष FY24 (मार्च 2024 समाप्त) में ₹333 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल FY23 के ₹206 करोड़ से 61.7% अधिक है। इस दौरान कंपनी ने अपने घाटे में भी 37.1% की कमी की है, जो FY24 में ₹39 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह ₹62 करोड़ था।

इस तरह Mosaic ने अपने विकास और मुनाफे दोनों क्षेत्रों में सुदृढ़ता दिखाई है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।


📚 अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग $65 मिलियन पार

इस नए निवेश के साथ Mosaic Wellness अब तक $65 मिलियन से अधिक की कुल फंडिंग जुटा चुकी है। कंपनी ने 2021 में Peak XV Partners (पूर्व में Sequoia India) के नेतृत्व में $24 मिलियन का Series A राउंड उठाया था। इस राउंड में Elevation Capital और Matrix Partners India जैसे मौजूदा निवेशकों ने भी भाग लिया था।

TheKredible के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में Elevation Capital कंपनी का सबसे बड़ा बाहरी निवेशक है, इसके बाद Peak XV और Matrix Partners का स्थान है।


🧬 क्या बनाता है Mosaic Wellness को खास?

Mosaic Wellness एक tech-enabled healthcare ब्रांड है जो भारतीय उपभोक्ताओं की हेल्थ वेलनेस जरूरतों को डिजिटल तरीके से पूरा करता है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर यूजर्स को एक्सपर्ट डॉक्टर कंसल्टेशन, कस्टमाइज़्ड ट्रीटमेंट प्लान्स, और सब्सक्रिप्शन आधारित प्रोडक्ट्स का लाभ मिलता है।

Man Matters ब्रांड ने खासकर पुरुषों के यौन स्वास्थ्य और हेयर लॉस जैसे टैबू विषयों पर खुलकर बात करके एक मजबूत बाजार खड़ा किया है।


🌐 बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

Mosaic Wellness का मुकाबला Plum, Tata 1mg, HealthKart, और Be Bodywise जैसे डिजिटल हेल्थ स्टार्टअप्स से है। लेकिन अपनी ब्रांड डाइवर्सिटी, स्मार्ट कंज्यूमर अप्रोच, और लैंगिक-विशिष्ट समाधानों के चलते Mosaic ने एक अलग पहचान बनाई है।


🔮 आगे की योजना और संभावनाएं

इस फंडिंग के बाद Mosaic Wellness अब नए प्रोडक्ट लॉन्च, मार्केट विस्तार, और डिजिटल ब्रांड बिल्डिंग पर फोकस करेगा। कंपनी का लक्ष्य न सिर्फ हेल्थ केयर को कस्टमाइज़ और कंज्यूमर-फ्रेंडली बनाना है, बल्कि इसे डिजिटल टचपॉइंट्स के माध्यम से हर घर तक पहुंचाना भी है।

Mosaic अब हेल्थकेयर के क्षेत्र में एक मजबूत और भरोसेमंद ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।


📌 लेखक: FundingRaised टीम
📆 प्रकाशन तिथि: 10 अप्रैल 2025
🔗 स्रोत: FundingRaised.in

Read more :💸 Eloelo ने जुटाए ₹114.3 करोड़: Series B राउंड में Play Ventures

💸 Eloelo ने जुटाए ₹114.3 करोड़: Series B राउंड में Play Ventures

Eloelo

भारत की लाइव सोशल एंटरटेनमेंट स्टार्टअप Eloelo ने अपने Series B फंडिंग राउंड में $13.5 मिलियन (₹114.3 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Play Ventures ने किया, जिसमें कई बड़े निवेशकों ने भाग लिया जैसे Kalaari Capital, MIXI Investments, Gameskraft Technologies, Griffin Gaming Partners, Waterbridge Ventures, Courtside Ventures और Rocket Capital


🌍 Eloelo नई मार्केट्स में विस्तार और AI इनोवेशन पर फोकस

Eloelo ने बताया कि वह इस फंडिंग का इस्तेमाल नई मार्केट्स में विस्तार, AI टूल्स में निवेश, और प्रोडक्ट फीचर्स को बेहतर बनाने में करेगा। साथ ही, कंपनी ने घोषणा की है कि वह 2025 के अंत तक $60 मिलियन के एनुअल रेवेन्यू रन रेट का लक्ष्य बना रही है।

Eloelo अब अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर भी विचार कर रही है, खासकर भारतीय प्रवासी बाजारों में। इससे कंपनी को ग्लोबल लेवल पर उपयोगकर्ता जोड़ने में मदद मिलेगी।


🎤 क्या है Eloelo?

Eloelo, जो जुलाई 2020 में सौरभ पांडे द्वारा शुरू किया गया था, एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो क्रिएटर्स को वीडियो और ऑडियो लाइवस्ट्रीम होस्ट करने की सुविधा देता है। खास बात यह है कि ये सभी सेवाएं कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिससे यह टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी लोकप्रिय हो रही है।

प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिएटर्स को माइक्रोपेमेंट्स और वर्चुअल गिफ्टिंग के ज़रिए मोनेटाइज़ करने का मौका मिलता है।


📈 रेवेन्यू और यूज़र बेस में जबरदस्त उछाल

Eloelo ने मई 2024 से मोनेटाइज़ेशन शुरू किया है और वर्तमान में इसका $23 मिलियन (₹200 करोड़) का एनुअल रेवेन्यू रन रेट है। प्लेटफ़ॉर्म पर 1.5 मिलियन से अधिक पेइंग यूज़र्स हैं।

कंपनी का दावा है कि उसके पास 90 मिलियन से ज्यादा यूज़र बेस है और इस समय 20,000 से ज्यादा क्रिएटर्स Eloelo से जुड़े हैं।


📊 फाइनेंशियल बैकग्राउंड और घाटा

हालांकि Eloelo ने अब कमाई शुरू की है, लेकिन FY24 (मार्च 2024 तक) के आंकड़ों के अनुसार कंपनी प्री-रेवेन्यू स्टेज में ही थी। इस दौरान कंपनी का घाटा ₹99 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2X से अधिक है।

यह फिगर दिखाता है कि Eloelo ने यूज़र ग्रोथ और ब्रांड बिल्डिंग के लिए बड़े पैमाने पर खर्च किया है, लेकिन अब कंपनी रेवेन्यू जेनरेशन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।


🗣️ 8 भाषाओं में सेवा, गेमिंग और सोशल एंगेजमेंट का अनोखा कॉम्बो

Eloelo एकमात्र ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो एक साथ लाइव स्ट्रीमिंग, गेमिंग और सोशल इंटरैक्शन को जोड़ता है। प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिएटर्स द्वारा तमाशा, अंताक्षरी, क्विज़ और अन्य गेम्स आयोजित किए जाते हैं, जिससे यूज़र्स को मज़ेदार और इंटरेक्टिव अनुभव मिलता है।

कंपनी वर्तमान में 8 भाषाओं में अपनी सेवाएं देती है, जिससे यह क्षेत्रीय यूज़र्स के लिए भी सुलभ और रुचिकर बन गया है।


🤝 प्रतिस्पर्धा और बाज़ार में Eloelo की स्थिति

Eloelo का मुकाबला कई स्टार्टअप्स से है। इसमें ShareChat, Frnd, Lokal जैसे प्लेटफ़ॉर्म प्रमुख हैं जो सोशल एंगेजमेंट पर ध्यान दे रहे हैं। वहीं Loco, Rooter, Turnip जैसे प्लेटफ़ॉर्म गेमिंग सेगमेंट में अग्रणी हैं।

इसके अलावा Chingari, Bolo Live, और ShareChat जैसे प्लेयर्स भी अब लाइव और कैज़ुअल गेमिंग में कदम रख रहे हैं ताकि यूज़र एंगेजमेंट को बढ़ाया जा सके।


🔮 भविष्य की योजना और उम्मीदें

Eloelo का फोकस अब सतत विकास और स्केलेबिलिटी पर है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह आने वाले वर्षों में न सिर्फ भारत बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी लाइव सोशल इंटरटेनमेंट की दुनिया में अपनी जगह बनाए।

अगर Eloelo अपने इनोवेटिव फीचर्स और कम्युनिटी ड्रिवन अप्रोच को जारी रखती है, तो इसमें भारत का अगला बड़ा सोशल एंटरटेनमेंट ब्रांड बनने की पूरी क्षमता है।


📝 लेखक: FundingRaised टीम
📅 प्रकाशित तिथि: 10 अप्रैल 2025
🔗 स्रोत: FundingRaised.in

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🏠 IPO की राह पर Urban Company, ₹528 करोड़ जुटाने को मिली शेयरधारकों की मंजूरी!

Urban Company

📈 IPO लॉन्च से पहले बड़ा कदम

घरेलू सेवाओं की अग्रणी ऑनलाइन मार्केटप्लेस Urban Company को ₹528 करोड़ (करीब $60.6 मिलियन) की प्राथमिक पूंजी (Primary Capital) जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल चुकी है।

यह राशि कंपनी के आगामी IPO (Initial Public Offering) से पहले जुटाई जा रही है। कंपनी ने विशेष प्रस्ताव (Special Resolution) पारित करते हुए इस पूंजी जुटाव को मंजूरी दी है, जिसकी जानकारी कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग में दी गई है।


🔄 Urban Company प्राइवेट से पब्लिक में बदला स्टेटस

यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब Urban Company ने खुद को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल लिया है। कंपनी का नाम अब “Urbanclap Technologies India Limited” हो गया है, जो पहले “Urbancalp Technologies India Private Limited” था।

📰 Entrackr की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में फरवरी 2025 में इस बदलाव की जानकारी दी गई थी।


📑 जल्द ही SEBI के पास दाखिल होगा DRHP

सूत्रों के अनुसार, Abhiraj Bhal के नेतृत्व वाली कंपनी जल्द ही SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के पास अपना Draft Red Herring Prospectus (DRHP) दाखिल करेगी। यह दस्तावेज IPO से पहले का एक महत्वपूर्ण कदम होता है।


💰 अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग

Urban Company अब तक कुल $450 मिलियन से अधिक की फंडिंग उठा चुकी है। इनमें शामिल हैं:

  • 💸 $255 मिलियन की Series F फंडिंग (2021)
  • 💸 $63 मिलियन की सेकेंडरी फंडिंग (2023), जिसमें कंपनी का वैल्यूएशन $2.2 बिलियन रहा

📊 TheKredible की रिपोर्ट के अनुसार:

  • 🏆 सबसे बड़ा बाहरी स्टेकहोल्डर है Accel
  • इसके बाद हैं VY Capital और Elevation Capital

🧰 Urban Company करता क्या है?

Urban Company एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो घरेलू सेवाएं (Home Services) प्रदान करता है। यह 55,000 से अधिक प्रोफेशनल्स को ग्राहकों से जोड़ता है, जिससे दोनों के लिए सेवाएं आसान और भरोसेमंद हो जाती हैं।

🛠️ कंपनी जिन सेवाओं में काम करती है, वे हैं:

  • सफाई (Cleaning)
  • मरम्मत (Repair)
  • पेंटिंग
  • पेस्ट कंट्रोल
  • ब्यूटी और ग्रूमिंग
  • घरेलू देखभाल (Home Maintenance)

📍 Urban Company भारत, UAE और सिंगापुर समेत 60 से अधिक शहरों में कार्यरत है।


📊 वित्तीय प्रदर्शन (FY24)

गुरुग्राम स्थित Urban Company ने मार्च 2024 में समाप्त वित्तीय वर्ष (FY24) में शानदार प्रदर्शन किया:

  • 💹 ऑपरेटिंग रेवेन्यू: ₹827 करोड़ — 30% की सालाना वृद्धि
  • 📉 घाटा (Loss): ₹93 करोड़ — 70% की कटौती

➡️ यह आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनी न केवल ग्रो कर रही है, बल्कि अपने घाटे को भी तेजी से कंट्रोल कर रही है।


🎯 IPO से क्या होगा हासिल?

IPO के जरिए Urban Company को निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • 📥 पूंजी जुटाना: बिज़नेस विस्तार और टेक्नोलॉजी में निवेश के लिए
  • 🌐 ब्रांड वैल्यू बढ़ाना: पब्लिक लिस्टिंग से ट्रस्ट बढ़ेगा
  • 📈 निवेशकों को एग्ज़िट अवसर: पुराने निवेशकों को शेयर बेचने का मौका
  • 🤝 कर्मचारियों को ESOP बेनिफिट्स: कंपनी के शेयर खरीदने व बेचने का विकल्प

🌟 बाजार में मजबूत स्थिति

Urban Company भारत के होम सर्विस मार्केट में अग्रणी कंपनी है। इसके पास:

  • ✅ प्रोफेशनल्स की मजबूत टीम
  • ✅ टेक-सक्षम प्लेटफॉर्म
  • ✅ ग्राहक संतुष्टि पर फोकस
  • ✅ तीन देशों में उपस्थिति

यह सभी बातें इसे एक मजबूत IPO उम्मीदवार बनाती हैं।


🤔 क्या कहता है बाजार?

📣 निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स Urban Company के IPO को लेकर आशावान हैं।

  • इसमें टेक और सर्विस सेक्टर का मेल है
  • Post-Covid दौर में होम सर्विस की मांग तेजी से बढ़ी है
  • कंपनी की पैनी ग्रोथ और घाटे में गिरावट ने भरोसा और मजबूत किया है

🧠 निष्कर्ष

Urban Company का IPO लॉन्च भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।

🏆 यह ना केवल निवेशकों को आकर्षित करेगा, बल्कि भारत के घरेलू सेवा सेक्टर को और अधिक औपचारिक और संगठित बनाने में मदद करेगा।

📊 ₹528 करोड़ की मंजूरी इसके भविष्य की योजनाओं और विस्तार के लिए एक ठोस शुरुआत है।


📣 आपकी राय?

क्या आप Urban Company की सेवाएं लेते हैं? क्या आप इसके IPO में निवेश करने की सोच रहे हैं?

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Read more :🎓 Seekho OTT को मिलेगा $30 मिलियन का नया निवेश

🎓 Seekho OTT को मिलेगा $30 मिलियन का नया निवेश

Seekho

💼 2024 के बाद अब 2025 में Seekho को मिलेगा बड़ा फंडिंग राउंड

शॉर्ट-फॉर्म लर्निंग वीडियो पर फोकस करने वाला एजुकेशन आधारित ओटीटी प्लेटफॉर्म Seekho एक और बड़े निवेश राउंड की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी को जल्द ही $25-30 मिलियन (करीब ₹210-250 करोड़) की नई फंडिंग मिलने वाली है।

🚀 यह खबर Entrackr की एक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि अमेरिकी वेंचर कैपिटल फर्म Bessemer Venture Partners इस राउंड को लीड कर रही है, और साथ में मौजूदा निवेशक जैसे Lightspeed और Elevation Capital भी भाग लेंगे।


🔁 Seekho पिछली फंडिंग और अब तक की ग्रोथ

Seekho ने दिसंबर 2024 में ही $8 मिलियन जुटाए थे। अब नए निवेश की चर्चाएं इस बात को दर्शाती हैं कि कंपनी ने हाल के महीनों में उपयोगकर्ता जुड़ाव (user engagement) और राजस्व वृद्धि (revenue growth) में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

🌱 अब तक Seekho ने कुल $11 मिलियन की फंडिंग उठाई है, जिसमें शामिल हैं:

  • 🎯 Lightspeed
  • 🎯 Elevation Capital
  • 🎯 PointOne Capital
  • 🎯 Sprout Investment
  • 🎯 AngelList
  • 🧠 Angel Investors: गौरव मुंजाल, अनुपम मित्तल, आलोक मित्तल, हेमंत गोतेटी, ज़ीशान हयात आदि

👨‍🏫 Seekho क्या करता है?

2020 में स्थापित इस बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप की स्थापना रोहित चौधरी, कीर्तय अग्रवाल और यश बनवानी ने की थी।

Seekho एक ऐसा OTT प्लेटफॉर्म है जो युवाओं को शॉर्ट-टर्म स्किल्स सिखाने के लिए छोटे और आकर्षक वीडियो कोर्सेज प्रदान करता है।

🎯 प्लेटफॉर्म के प्रमुख कोर्सेस में शामिल हैं:

  • पेरेंटिंग (Parenting)
  • स्टॉक ट्रेडिंग
  • इंस्टाग्राम ग्रोथ
  • करियर और शिक्षा से जुड़े कोर्सेस

📱 वीडियो की लंबाई आमतौर पर 2 से 5 मिनट की होती है, जिससे Gen Z और मिलेनियल्स के बीच इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।


🌍 टियर-II और टियर-III शहरों में गहरी पकड़

Seekho का मुख्य फोकस भारत के टियर-II और टियर-III शहरों पर है, जहाँ आज भी डिजिटल लर्निंग के बड़े अवसर हैं।

🔎 छोटे शहरों में कम लागत, उच्च जुड़ाव और लोकल लैंग्वेज कंटेंट Seekho को अलग बनाता है।

यह प्लेटफॉर्म पढ़ाई के पारंपरिक तरीकों से अलग है और तेजी से सीखने के लिए वीडियो कंटेंट का इस्तेमाल करता है, जो खासकर युवा पीढ़ी को पसंद आ रहा है।


📊 कंपनी की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस

सूत्रों के अनुसार, Seekho का Annual Recurring Revenue (ARR) अब $45-50 मिलियन तक पहुँच चुका है।

💸 मासिक रेवेन्यू: ₹35-40 करोड़
📈 वर्तमान वैल्यूएशन (post-money): लगभग $120-130 मिलियन

📅 FY24 में कंपनी का रेवेन्यू ₹11.5 करोड़ रहा, जबकि नुकसान ₹4.6 करोड़ दर्ज किया गया।

हालांकि घाटा है, लेकिन तेजी से बढ़ती ARR दर्शाती है कि कंपनी अब स्थायित्व और लाभ की ओर बढ़ रही है।


🔮 निवेशकों की दिलचस्पी क्यों बढ़ रही है?

💡 Seekho ने न सिर्फ एक मजबूत प्रोडक्ट-मार्केट फिट हासिल किया है, बल्कि भारत के एजुकेशन स्पेस में जो खालीपन (white space) है, उसे भी सफलतापूर्वक भरा है।

✍️ पिछले कुछ समय से एजुकेशन स्टार्टअप्स में मंदी देखी गई है, लेकिन Seekho जैसे मॉडल इस सेक्टर को फिर से रोमांचक बना रहे हैं।

🎬 शॉर्ट वीडियो फॉर्मेट युवाओं को पढ़ाई का नया तरीका दे रहा है, जो बोरिंग और लंबे वीडियो या किताबों से बेहतर अनुभव देता है।


🤝 आगे की रणनीति

Seekho का अगला फोकस निम्न क्षेत्रों पर रहेगा:

  • 📲 नई कैटेगरीज़ में कंटेंट लॉन्च करना
  • 🌐 और अधिक भाषाओं में विस्तार
  • 🎥 शॉर्ट वीडियो के नए फॉर्मेट लाना
  • 🧑‍💻 B2B सेगमेंट में संभावनाएं तलाशना

🧠 निष्कर्ष: एजुकेशन और एंटरटेनमेंट का परफेक्ट मिक्स

Seekho का यह मॉडल बताता है कि कैसे एजुकेशन को भी OTT की तरह एंटरटेनिंग बनाया जा सकता है।

🎯 Tier-II और Tier-III शहरों में मौजूद विशाल यूजरबेस, कम खर्च में स्किल डेवेलपमेंट, और तेज़ रेवेन्यू ग्रोथ इसे एक वैल्यूएबल एजुकेशन स्टार्टअप बनाते हैं।

Bessemer जैसे बड़े निवेशकों की दिलचस्पी भी इस बात का प्रमाण है कि Seekho का भविष्य उज्जवल है।


🗣️ आप क्या सोचते हैं?

क्या आपने कभी Seekho प्लेटफॉर्म इस्तेमाल किया है? आपको शॉर्ट वीडियो के ज़रिए लर्निंग करना कैसा लगता है?

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Read more :🎧 Bose ने Noise में फिर किया ₹172 करोड़ का निवेश

🎧 Bose ने Noise में फिर किया ₹172 करोड़ का निवेश

Bose

🔁 Bose और Noise की पार्टनरशिप को मिला नया बूस्ट

Bose  Corporation ने एक बार फिर भारत के तेजी से बढ़ते वियरेबल्स और हियरेबल्स बाज़ार में अपनी रुचि दिखाते हुए, भारतीय गैजेट ब्रांड Noise में ₹172 करोड़ (करीब $20 मिलियन) का निवेश किया है।

यह Bose का Noise में दूसरा निवेश है, जिसने 2023 में पहली बार रणनीतिक रूप से कंपनी में हिस्सेदारी ली थी।


📜 Bose क्या है डील की डिटेल?

Noise ने अपने बोर्ड मीटिंग में एक स्पेशल रिज़ॉल्यूशन पास करते हुए 4,915 कंपल्सरी कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (CCDs) जारी करने का फैसला किया।

💰 प्रत्येक CCD की कीमत: ₹3,45,833
📊 कुल राशि: ₹172 करोड़ या $20 मिलियन

इन डिबेंचर्स पर सिर्फ 0.001% का नोमिनल ब्याज लगेगा और इन्हें भविष्य में कंपनी के इक्विटी शेयर्स में कन्वर्ट किया जाएगा।


🧾 इस निवेश का उपयोग कहाँ होगा?

Noise ने कहा है कि यह पूंजी कंपनी के कई पहलुओं को मजबूत करने में काम आएगी:

  • 🏭 ऑपरेशनल खर्चों को पूरा करना
  • 📈 ब्रांड एक्सपेंशन और वीजिबिलिटी को बढ़ाना
  • 💼 वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करना
  • 🔧 अन्य व्यापारिक गतिविधियों में समर्थन देना

Bose का यह लेटेस्ट निवेश एक Flat Round के रूप में सामने आया है, जिसमें कंपनी का मूल्यांकन अब $470 मिलियन हो गया है — जोकि इसके सीरीज़ A वैल्यूएशन $460 मिलियन से थोड़ा अधिक है।


🌍 Bose ही क्यों?

यह जानना दिलचस्प है कि आज तक Noise में Bose  ही एकमात्र बाहरी निवेशक है। इससे यह साफ झलकता है कि Bose को Noise की बिज़नेस स्ट्रैटेजी, ग्रोथ और मार्केट पोटेंशियल पर पूरा भरोसा है।


🛍️ Noise क्या करता है?

Noise एक भारतीय कंज्यूमर टेक्नोलॉजी ब्रांड है जो प्रमुख रूप से इन प्रोडक्ट्स की बिक्री करता है:

  • ⌚ स्मार्टवॉच
  • 🎧 वायरलेस ईयरफोन्स
  • 🔊 ब्लूटूथ स्पीकर्स

यह प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और अपने ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए बेचे जाते हैं।

📈 कंपनी का दावा है कि यह भारत के स्मार्टवॉच सेगमेंट में सबसे आगे है।


🔊 “Sound by Bose” के साथ नया प्रोडक्ट लॉन्च

Bose के इस नए निवेश से कुछ समय पहले ही Noise ने एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया है जो कि “Sound by Bose” टेक्नोलॉजी से लैस है।

यह साझेदारी Noise के लिए एक बड़ी तकनीकी और ब्रांडिंग उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे यूज़र्स को एक प्रीमियम ऑडियो अनुभव मिल रहा है।


💹 Noise की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस

Noise ने FY24 (मार्च 2024 को समाप्त वर्ष) में शानदार परफॉर्मेंस दी है:

  • 📊 रेवेन्यू: ₹1,431 करोड़
  • 💰 EBITDA लेवल पर मुनाफा: कंपनी ने प्रॉफिटेबल ग्रोथ दर्ज की है

यह आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी सिर्फ रेवेन्यू नहीं, बल्कि मुनाफे के मामले में भी आगे बढ़ रही है, जो निवेशकों के लिए बेहद पॉजिटिव संकेत है।


⚔️ बाजार में मुकाबला: boAt भी रेस में

Noise को बाजार में चुनौती मिल रही है अन्य भारतीय टेक ब्रांड्स से, विशेष रूप से boAt से।

boAt ने हाल ही में Securities Exchange Board of India (SEBI) के पास अपना DRHP फाइल किया है। यह कंपनी भी IPO की तैयारी कर रही है।

boAt की FY24 की रिपोर्ट के अनुसार:

  • 📈 रेवेन्यू: ₹3,122 करोड़
  • 📉 घाटा: ₹53.5 करोड़ (जो पिछले साल की तुलना में 45% कम है)

इससे साफ है कि भारतीय कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में अब प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा तेज हो चुकी है।


🔮 आगे क्या?

Noise का अगला लक्ष्य होगा:

  • नए प्रोडक्ट्स की रेंज को लॉन्च करना
  • इंटरनेशनल मार्केट में एंट्री
  • ब्रांड वेल्यू को और मजबूत करना

💼 Bose के दोहराए गए निवेश से कंपनी को न सिर्फ फंडिंग मिली है, बल्कि एक ग्लोबल ब्रांड की रणनीतिक साझेदारी का लाभ भी मिल रहा है।


🧠 निष्कर्ष: ‘Made in India’ टेक ब्रांड्स की ग्लोबल उड़ान

Noise का यह सफर दिखाता है कि आज भारतीय ब्रांड्स ग्लोबल इन्वेस्टर्स का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। Bose जैसे ब्रांड का बार-बार निवेश करना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स की क्षमता अब विश्वस्तर पर पहचान बना रही है।


📢 आपके विचार?

आप क्या सोचते हैं Bose और Noise की इस साझेदारी के बारे में? क्या आपने “Sound by Bose” वाला कोई डिवाइस इस्तेमाल किया है?

👇 कमेंट करें और हमें बताएं!

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Read more :🙏 डिजिटल आध्यात्मिक प्लेटफॉर्म Bhagva ने जुटाए $1 मिलियन

🙏 डिजिटल आध्यात्मिक प्लेटफॉर्म Bhagva ने जुटाए $1 मिलियन

Bhagva

💸 किसने किया निवेश और कितना?

Bhagva, एक तेजी से उभरता हुआ डिजिटल आध्यात्मिक प्लेटफॉर्म, ने हाल ही में प्री-सीरीज़ A फंडिंग राउंड में $1 मिलियन (करीब ₹8.3 करोड़) जुटाए हैं।

इस निवेश में सबसे अहम नाम रहा ऑस्ट्रेलिया के हाई-नेट-वर्थ निवेशक प्रदीप नैण (Pradeep Nain) का, जिन्होंने अन्य निवेशकों के साथ मिलकर इस भारतीय स्टार्टअप में विश्वास जताया है।


🧠 Bhagva फंडिंग का मकसद क्या है?

Bhagva ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह फंडिंग उनके तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और ऑपरेशनल कैपेबिलिटी को और बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

🔧 इसका सीधा असर यूजर्स के अनुभव पर पड़ेगा — ऐप और वेबसाइट पर स्मूद, सुलभ और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा।


👩‍💻 कंपनी की शुरुआत और विज़न

Bhagva की स्थापना 2022 में जगृति मोटवानी (Jagriti Motwani) ने की थी।
उनका मकसद था कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के ज़रिए भारतीय परंपराओं और आध्यात्मिकता को लोगों तक पहुँचाया जाए।

📲 प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को मिलती हैं:

  • ऑनलाइन पूजा और पंडित बुकिंग सेवाएं
  • 📅 डेली पंचांग और राशिफल
  • 🔔 जाप, हवन और अन्य धार्मिक सेवाएं
  • 🛍️ पूजा सामग्री की खरीदारी के विकल्प

🧘‍♂️ हर उम्र के लिए सुलभ और सहज

Bhagva का मोबाइल ऐप और वेबसाइट दोनों ही यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस से लैस हैं, जिससे यह सेवा हर उम्र के लोगों के लिए आसान और सुविधाजनक हो जाती है।

👵 बुज़ुर्गों के लिए आसान भाषा और क्लियर नेविगेशन
👶 युवाओं और बच्चों के लिए स्मार्ट फीचर्स और डिज़ाइन


👩‍🔧 महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में कदम

Bhagva सिर्फ आध्यात्मिकता नहीं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में भी काम कर रहा है।

🎓 कंपनी महिलाओं को पूजा से जुड़ी चीज़ें बनाना सिखाती है, जैसे:

  • अगरबत्ती (Incense sticks)
  • सोलर दीये
  • धार्मिक कलाकृतियाँ

🔄 इसके जरिए वे आर्थिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक भागीदारी पा रही हैं।


🔮 रोज़मर्रा की आध्यात्मिक ज़रूरतों का समाधान

Bhagva का दावा है कि उसका ऐप और वेबसाइट लाखों लोगों के लिए रोज़मर्रा की आध्यात्मिक ज़रूरतों का डिजिटल समाधान है।

🕉️ इसकी सेवाओं में शामिल हैं:

  • डिजिटल पूजा (Digital Pooja)
  • ऑनलाइन / ऑफलाइन पूजा
  • 📿 जाप, मंत्र, यज्ञ सेवाएं
  • 🗓️ पंचांग और ज्योतिष
  • 🛍️ पूजा शॉप — सभी सामग्री एक ही जगह

Bhagva का उद्देश्य है कि आधुनिक तकनीक और परंपरा का संतुलन बनाकर लोगों को धर्म से जोड़ा जाए।


🧘‍♀️ कैसे बदल रहा है धार्मिक सेवाओं का डिजिटल चेहरा?

COVID-19 के बाद भारत में डिजिटल पूजा सेवाओं की डिमांड तेजी से बढ़ी है।
Bhagva जैसे प्लेटफॉर्म इस जरूरत को समझते हुए लोगों के लिए घर बैठे पूजा और धार्मिक अनुभवों को सुलभ बना रहे हैं

⛅ अब पंडित ढूंढ़ना, पूजा की तैयारी करना या शुभ मुहूर्त निकालना – सब कुछ बस एक क्लिक दूर है।


🔁 किन कंपनियों से है मुकाबला?

Bhagva का मुकाबला इस सेगमेंट की कई दूसरी प्रमुख कंपनियों से है, जैसे:

  • Astrotalk
  • AppsForBharat
  • Vama.app
  • DevDham
  • Utsav
  • InstaAstro
  • Japam
  • Temple Connect
  • Rgyan

⚔️ लेकिन Bhagva की खासियत यह है कि यह यूज़र एक्सपीरियंस के साथ-साथ सामाजिक असर पर भी फोकस करता है — यही इसे भीड़ से अलग बनाता है।


📊 स्टार्टअप इकोसिस्टम में आध्यात्मिक ऐप्स की बढ़ती डिमांड

भारत जैसे देश में, जहाँ धर्म और संस्कृति जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, वहां इस तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

📈 निवेशकों का ध्यान अब केवल ई-कॉमर्स या फिनटेक से हटकर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्टार्टअप्स की ओर भी बढ़ रहा है।

Bhagva को मिला $1 मिलियन का यह निवेश इसी ट्रेंड का प्रमाण है।


🔍 निष्कर्ष: आधुनिक युग की आस्था की नयी परिभाषा

Bhagva जैसे प्लेटफॉर्म यह दिखा रहे हैं कि परंपरा और तकनीक एक साथ चल सकते हैं
इस फंडिंग से न केवल कंपनी को फायदा होगा, बल्कि लाखों भारतीयों को भक्ति और आत्मिक जुड़ाव का डिजिटल अनुभव भी मिलेगा।


💬 आपकी क्या राय है?

क्या आप डिजिटल पूजा सेवाओं का उपयोग करते हैं?
👇 कमेंट में जरूर बताएं कि आपको Bhagva का कॉन्सेप्ट कैसा लगा।

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