The Ayurveda Co (TAC) 66% की ग्रोथ के बावजूद घाटा तीन गुना बढ़ा

TAC

D2C आयुर्वेदिक ब्रांड The Ayurveda Co (TAC) ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 66% सालाना ग्रोथ दर्ज की, लेकिन खर्चों में भारी वृद्धि के कारण इसका घाटा तीन गुना बढ़कर ₹68 करोड़ हो गया

The Ayurveda Co Sixth Sense Ventures द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय ब्रांड है, जो आयुर्वेदिक ब्यूटी, पर्सनल केयर, हेयर केयर, स्किनकेयर, मेकअप और वेलनेस प्रोडक्ट्स बनाता और बेचता है। हालांकि, बिक्री बढ़ने के बावजूद कंपनी की बिजनेस स्ट्रैटेजी और फाइनेंशियल हेल्थ पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।


TAC FY24 में कंपनी का राजस्व ₹62 करोड़, लेकिन लागत दोगुनी हुई

कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में ₹62 करोड़ का कुल राजस्व अर्जित किया, जिसमें:

  • ₹59.6 करोड़ की आमदनी प्रोडक्ट्स की बिक्री से हुई, जो FY23 के ₹36 करोड़ की तुलना में 66% अधिक है।
  • ₹2.4 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू ब्याज और अन्य स्रोतों से आया।

हालांकि, तेजी से बढ़ते खर्चों ने मुनाफे पर दबाव डाल दिया, जिससे कंपनी के घाटे में बड़ा उछाल आया।


खर्चों में जबरदस्त बढ़ोतरी, कच्चे माल और विज्ञापन सबसे बड़े खर्च

FY24 में The Ayurveda Co (TAC)के कुल खर्चों में 97% की वृद्धि हुई, जिससे यह ₹109.5 करोड़ तक पहुंच गया

📌 मुख्य खर्च:
कच्चे माल (Raw Material) का खर्च: ₹12 करोड़ (FY23) → ₹28.6 करोड़ (FY24) (2.4 गुना वृद्धि)
विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च: ₹15 करोड़ (FY23) → ₹26 करोड़ (FY24) (73.3% वृद्धि)
कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभ: ₹8.6 करोड़ (FY23) → ₹15.5 करोड़ (FY24) (80.2% वृद्धि)
भर्ती और कर्मचारी प्रबंधन का खर्च: ₹11.3 करोड़

कंपनी ने अपने ब्रांड को मजबूत करने के लिए भारी विज्ञापन और मार्केटिंग खर्च किए, लेकिन इनका असर कंपनी की लाभप्रदता पर पड़ा है।


तीन गुना बढ़ा घाटा, ₹1 कमाने पर ₹1.84 खर्च

इतने अधिक खर्चों के कारण FY24 में The Ayurveda Co को ₹68 करोड़ का घाटा हुआ, जो FY23 के ₹21 करोड़ के घाटे से 3.2 गुना अधिक है।

📊 महत्वपूर्ण फाइनेंशियल आंकड़े:
ROCE (Return on Capital Employed): -700%
EBITDA मार्जिन: -100.65%
प्रत्येक ₹1 कमाने के लिए कंपनी को ₹1.84 खर्च करना पड़ा।


क्या The Ayurveda Co सही बिजनेस मॉडल पर चल रही है?

बिजनेस मॉडल की मौजूदा स्थिति:

The Ayurveda Co D2C (Direct-to-Consumer) मॉडल पर आधारित है, जहां यह अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन स्टोर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचती है। हालांकि, D2C मॉडल की अपनी चुनौतियां होती हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती उच्च मार्केटिंग खर्च और ब्रांड बिल्डिंग है।

📌 मुख्य समस्याएं:
D2C मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा – Mamaearth, Plum, और Forest Essentials जैसी कंपनियों से सीधा मुकाबला।
ऑपरेशनल कॉस्ट का तेज़ी से बढ़ना – सप्लाई चेन, वेयरहाउसिंग और डिलीवरी में अधिक खर्च।
कस्टमर रिटेंशन की चुनौती – बार-बार नए ग्राहकों को लाना महंगा पड़ता है।


The Ayurveda Co को मुनाफे में कैसे लाया जा सकता है?

अगर The Ayurveda Co को मजबूत ब्रांड और फाइनेंशियल रूप से स्थिर कंपनी बनना है, तो इसे अपने बिजनेस मॉडल में सुधार करने होंगे

मार्केटिंग खर्च को स्मार्ट तरीके से नियंत्रित करना
✔ डिजिटल मार्केटिंग को ऑर्गेनिक ग्रोथ पर केंद्रित करना
✔ इंफ्लुएंसर मार्केटिंग पर अधिक ध्यान देना
✔ ब्रांड अवेयरनेस पर खर्च को सीमित रखना

उच्च मार्जिन वाले नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करना
✔ स्किनकेयर और हेल्थ सेगमेंट में प्रीमियम प्रोडक्ट्स जोड़ना
✔ सब्सक्रिप्शन मॉडल अपनाना (जैसे मासिक हेल्थ बॉक्स)

ऑफलाइन स्टोर्स और रिटेल चैनलों में विस्तार करना
✔ D2C के साथ-साथ मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोर्स में एंट्री लेना
✔ बड़े शहरों में एक्सक्लूसिव स्टोर्स खोलना

सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन से लागत कम करना
✔ प्रोडक्शन कॉस्ट को नियंत्रित करने के लिए लोकल सप्लायर्स के साथ काम करना
✔ डिलीवरी पार्टनरशिप्स को मजबूत करना


क्या The Ayurveda Co का भविष्य सुरक्षित है?

The Ayurveda Co ने पिछले कुछ सालों में तेजी से ग्रोथ दर्ज की है, लेकिन उच्च लागत और लगातार बढ़ते घाटे के कारण कंपनी की लॉन्ग-टर्म स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

संभावनाएं:
🚀 अगर कंपनी अपनी मार्केटिंग और ऑपरेशनल स्ट्रैटेजी में बदलाव करती है, तो यह भविष्य में एक मजबूत और लाभदायक ब्रांड बन सकती है।
💡 लेकिन अगर कंपनी इसी तरह उच्च खर्चों के साथ बिना मुनाफे पर ध्यान दिए आगे बढ़ती रही, तो इसके लिए टिके रहना मुश्किल हो सकता है।

निष्कर्ष: ग्रोथ है, लेकिन सतर्क रणनीति अपनाने की जरूरत

📌 The Ayurveda Co के पास आगे बढ़ने की बड़ी संभावनाएं हैं, लेकिन इसे फाइनेंशियल प्लानिंग और रणनीतिक खर्च पर ध्यान देने की जरूरत है।
📌 अगर कंपनी सही कदम उठाती है, तो यह आने वाले वर्षों में D2C सेगमेंट में एक लीडिंग ब्रांड बन सकती है। 🚀

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You Care Lifestyle को मिला $1 मिलियन का फंड,

You Care Lifestyle

मुंबई स्थित स्वतंत्र वेरिफिकेशन प्लेटफॉर्म You Care Lifestyle (YCL) ने हाल ही में $1 मिलियन (लगभग ₹8.3 करोड़) की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Luke Coutinho और नरेंद्र फिरोदिया ने किया, जो खुद भी कंपनी के को-फाउंडर हैं।

इस निवेश के जरिए YCL अपने प्रोडक्ट वेरिफिकेशन और ऑथेंटिकेशन की प्रक्रियाओं को मजबूत करेगा और नई हेल्दी एवं क्लीन ब्रांड्स को सपोर्ट करेगा, जिससे वे उपभोक्ताओं के बीच विश्वास कायम कर सकें।

You Care Lifestyle: उपभोक्ताओं के लिए एक विश्वसनीय वेरिफिकेशन प्लेटफॉर्म

आज के समय में खाद्य उत्पादों, न्यूट्रास्युटिकल्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और अन्य हेल्थ-संबंधी सामानों में गलत लेबलिंग और भ्रामक दावों की समस्या बढ़ती जा रही है।

You Care Lifestyle इस समस्या को हल करने के लिए एक स्वतंत्र थर्ड-पार्टी वेरिफिकेशन सिस्टम के रूप में उभरा है, जो विभिन्न उत्पादों की सुरक्षा, शुद्धता और गुणवत्ता को प्रमाणित करता है।

कंपनी विभिन्न कैटेगरी के प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग करती है, जिसमें शामिल हैं:
ग्रोसरी और ऑर्गेनिक फूड आइटम्स
न्यूट्रास्युटिकल्स और हेल्थ सप्लीमेंट्स
ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स
पैथोलॉजी लैब्स और अन्य हेल्थकेयर सर्विसेज

YCL का उद्देश्य: उपभोक्ताओं और ब्रांड्स के बीच पारदर्शिता बढ़ाना

YCL का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं और ब्रांड्स के बीच पारदर्शिता बढ़ाना और प्रमाणिकता की एक नई परिभाषा गढ़ना है।

कंपनी:

  • उपभोक्ताओं को अधिक जागरूक और सतर्क बनाना चाहती है, ताकि वे भ्रमित करने वाले विज्ञापनों और झूठे दावों से बच सकें।
  • ब्रांड्स को उच्च गुणवत्ता वाले हेल्थ-कॉन्शियस प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रेरित कर रही है।
  • एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है जो गलत लेबलिंग, मिलावट और घटिया गुणवत्ता को रोकने में मदद करे।

YCL का मानना है कि एक पारदर्शी और प्रमाणित बाजार ही उपभोक्ताओं का विश्वास जीत सकता है।

2025 तक 100 ब्रांड्स की टेस्टिंग और वेरिफिकेशन की योजना

कंपनी ने अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर भी एक स्पष्ट रणनीति बनाई है। YCL का लक्ष्य 2025 के अंत तक लगभग 90-100 ब्रांड्स की टेस्टिंग और वेरिफिकेशन करना है।

इसका मतलब यह है कि अगले कुछ वर्षों में कई नामी और उभरते हुए ब्रांड्स YCL के वेरिफिकेशन सिस्टम से गुजरेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को प्रमाणित और विश्वसनीय प्रोडक्ट्स उपलब्ध हो सकें।

पहले चरण में 37 प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग, 24 ने पास की लैब जांच

YCL का दावा है कि अब तक उसने 37 प्रोडक्ट्स की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी की है।

✔ इनमें से 24 प्रोडक्ट्स ने सफलतापूर्वक थर्ड-पार्टी लैब टेस्ट पास किए हैं।
18 प्रोडक्ट्स को अब YCL की वेबसाइट पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है।

‘पिंक टाइगर स्टैम्प’: प्रमाणिकता का नया संकेत

YCL ने अपने प्रमाणित प्रोडक्ट्स को अलग पहचान देने के लिए ‘Pink Tiger Stamp’ नामक एक स्वतंत्र वेरिफिकेशन मार्क लॉन्च किया है।

✔ यह स्टैम्प प्रोडक्ट की गुणवत्ता, सुरक्षा और शुद्धता की गारंटी देगा।
उपभोक्ताओं को यह मार्क देखकर आसानी से पता चलेगा कि प्रोडक्ट टेस्टिंग में पास हुआ है।
✔ ब्रांड्स को अपने गुणवत्ता प्रमाणन को दर्शाने के लिए एक भरोसेमंद मार्क मिलेगा।

YCL का बिजनेस मॉडल: उपभोक्ता कल्याण पर केंद्रित

YCL केवल एक प्रमाणन संस्था नहीं है, बल्कि एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार कर रही है जो हेल्थ-कॉन्शियस ब्रांड्स को प्रोत्साहित करे और उपभोक्ताओं को सुरक्षित, प्रमाणित और विश्वसनीय प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्रदान करे।

  • कंपनी उन बिजनेस में निवेश करेगी जो पारदर्शिता, ईमानदारी और उपभोक्ता कल्याण को प्राथमिकता देते हैं।
  • गलत जानकारी और मिसलेबलिंग को खत्म करने के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय वेरिफिकेशन सिस्टम तैयार किया जाएगा।
  • हेल्थ और वेलनेस मार्केट में पारदर्शिता लाने के लिए YCL और अधिक ब्रांड्स को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ेगा।

भारत में हेल्थ और वेलनेस इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत

भारत में हेल्थ और वेलनेस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस क्षेत्र में मिलावट, मिसलेबलिंग और झूठे दावों की समस्या बहुत गंभीर है।

उदाहरण के लिए:

  • कई ऑर्गेनिक और हेल्थ सप्लीमेंट ब्रांड्स बिना प्रमाणिकता के खुद को “100% नेचुरल” या “प्राकृतिक” बताकर बेचते हैं।
  • ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में कई बार हानिकारक केमिकल्स छिपाए जाते हैं।
  • हेल्थ सप्लीमेंट्स और न्यूट्रास्युटिकल्स में गलत जानकारी देकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया जाता है।

YCL इन समस्याओं को हल करने के लिए एक विश्वसनीय प्रमाणन प्रणाली तैयार कर रहा है, जो उपभोक्ताओं को सही जानकारी और सुरक्षित प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्रदान करेगा।

निष्कर्ष: YCL का वेरिफिकेशन सिस्टम उपभोक्ताओं और ब्रांड्स दोनों के लिए फायदेमंद

उपभोक्ताओं को सुरक्षित और प्रमाणित प्रोडक्ट्स खरीदने का भरोसा मिलेगा।
ब्रांड्स को अपने प्रोडक्ट्स की प्रमाणिकता साबित करने का एक मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म मिलेगा।
पिंक टाइगर स्टैम्प उपभोक्ताओं को सही और सुरक्षित प्रोडक्ट्स की पहचान करने में मदद करेगा।
भारत में हेल्थ और वेलनेस मार्केट को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में योगदान मिलेगा।

YCL की यह पहल न केवल एक इनोवेटिव स्टार्टअप के रूप में बल्कि भारतीय हेल्थकेयर और वेलनेस इंडस्ट्री में एक गेम-चेंजर के रूप में उभर सकती है। 🚀

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ZappFresh का विस्तार भारत से लेकर MENA रीजन तक पहुँचा कारोबार

ZappFresh

ऑनलाइन फ्रेश फिश और मीट रिटेलर Zappfresh ने अपने व्यवसाय को भारत के साथ-साथ मिडिल ईस्ट और MENA (Middle East and North Africa) रीजन तक विस्तारित करने की घोषणा की है। कंपनी 2025 की दूसरी तिमाही में दुबई में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है, जिससे यह ग्लोबल मार्केट में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है।

Zappfresh पश्चिमी भारत और नए बाजारों में विस्तार

Zappfresh की योजना केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि भारत के अंदर भी अपने बाजार का विस्तार करने की है। कंपनी विशेष रूप से पश्चिम भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इस रणनीति के तहत, कंपनी ने हाल ही में मुंबई बेस्ड ऑनलाइन मीट और सीफूड डिलीवरी ब्रांड “Bonsaro” का अधिग्रहण किया। Bonsaro का नेटवर्क और ग्राहक आधार ZappFresh को मुंबई और आसपास के बाजारों में तेजी से विस्तार करने में मदद करेगा।

ZappFresh की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह विस्तार कंपनी की सुविचारित रणनीति और गहन बाजार अध्ययन का परिणाम है।

2015 में हुई थी शुरुआत, अब तेजी से बढ़ता कारोबार

ZappFresh की स्थापना 2015 में दीपांशु मंचंदा द्वारा की गई थी। कंपनी अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए ग्राहकों को फ्रेश मीट, सीफूड और रेडी-टू-कुक आइटम्स डिलीवर करती है।

कंपनी की पहचान हाई-क्वालिटी, हाइजीनिक और प्रीमियम मीट प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराने के लिए है। यह ब्रांड कटिंग-एज टेक्नोलॉजी और सख्त क्वालिटी चेक्स के जरिए ग्राहकों को 100% फ्रेश और हेल्दी मीट की गारंटी देता है।

IPO लाने की तैयारी, निवेशकों की नजरें ZappFresh पर

ZappFresh इस समय 2025 में अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने की तैयारियों में जुटी हुई है। कंपनी ने अगस्त 2024 में BSE SME पर अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया था।

ZappFresh के इस बड़े विस्तार को देखते हुए, निवेशक कंपनी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

2024 में जबरदस्त ग्रोथ, 60% की बढ़ोतरी

ZappFresh के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो 2023-24 (FY24) में कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 60% की वृद्धि हुई है।

  • FY24 में कंपनी की कुल आय ₹90.4 करोड़ रही, जबकि FY23 में यह ₹56.3 करोड़ थी।
  • कंपनी का नेट प्रॉफिट साल-दर-साल (YoY) 70% बढ़कर ₹4.7 करोड़ पहुंच गया।

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि ZappFresh तेजी से बढ़ते ऑनलाइन मीट और सीफूड मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी बन चुका है।

अब तक $14 मिलियन का निवेश हासिल

ZappFresh ने अब तक $14 मिलियन (लगभग ₹116 करोड़) का फंडिंग जुटाई है।

  • नवंबर 2023 में Ah! Ventures, HT Media और अन्य निवेशकों से $4.3 मिलियन का निवेश हासिल किया।
  • SIDBI Venture Capital इस कंपनी का सबसे बड़ा बाहरी निवेशक है।

Startup डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म TheKredible के मुताबिक, ZappFresh में कई अन्य निवेशकों की भी हिस्सेदारी है, जो कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल को देखते हुए निवेश कर रहे हैं।

ऑनलाइन मीट मार्केट में ZappFresh का बढ़ता दबदबा

भारत में ऑनलाइन मीट और सीफूड डिलीवरी सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्रों में हाइजीनिक और ट्रस्टेड मीट ब्रांड्स की मांग लगातार बढ़ रही है, और ZappFresh इस डिमांड को पूरा करने में सफल रहा है।

ZappFresh अपने कस्टमर्स को प्रीमियम क्वालिटी, वैरायटी और सुविधाजनक डिलीवरी प्रदान करता है। कंपनी का कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर फोकस इसे प्रतियोगियों से अलग बनाता है।

आगे की योजना: और विस्तार और मजबूत मार्केट पोजिशन

ZappFresh के ग्लोबल एक्सपेंशन और IPO की योजना से साफ है कि कंपनी तेजी से अपने बाजार में पकड़ बना रही है।

  • आने वाले वर्षों में और नए शहरों में विस्तार
  • MENA रीजन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ग्रोथ
  • टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना

कंपनी की रणनीति और ग्रोथ रेट को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि ZappFresh भारतीय ऑनलाइन मीट मार्केट में एक प्रमुख ब्रांड बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

निष्कर्ष: ZappFresh के विस्तार से ग्राहकों और निवेशकों को होगा फायदा

ZappFresh का भारत में विस्तार और ग्लोबल मार्केट में एंट्री न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारतीय ग्राहकों और निवेशकों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

  • ग्राहकों को हाई-क्वालिटी और हाइजीनिक मीट और सीफूड आसानी से उपलब्ध होगा।
  • निवेशकों को कंपनी के IPO के जरिए शानदार रिटर्न की संभावना होगी।
  • भारतीय ऑनलाइन मीट मार्केट में ZappFresh का दबदबा और बढ़ेगा।

ZappFresh की यह विस्तार योजना दर्शाती है कि कंपनी न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ा नाम बनने की ओर अग्रसर है। 🚀

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ePlane Company ने 788 इलेक्ट्रिक एयर एंबुलेंस सप्लाई के लिए किया $1 बिलियन का डील

ePlane Company

नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025: भारत में इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट तकनीक को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए, चेन्नई स्थित स्टार्टअप ePlane Company ने $1 बिलियन से अधिक मूल्य का एक बड़ा करार किया है। इस समझौते के तहत, कंपनी 788 इलेक्ट्रिक एयर एंबुलेंस सप्लाई करेगी, जो ICATT (इंडियन क्रिटिकल एयर ट्रांसपोर्ट टीम) द्वारा पूरे देश में तैनात किए जाएंगे।

यह भारत में अपनी तरह का पहला बड़ा सौदा है, जिससे हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी और इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं की गति कई गुना तेज़ हो जाएगी।


ePlane Company का सफर और मिशन

IIT मद्रास के प्रोफेसर सत्य चक्रवर्ती द्वारा 2019 में स्थापित ePlane Company का उद्देश्य, शहरी परिवहन और हेल्थकेयर सेक्टर में फ्लाइंग टैक्सी और eVTOL एयरक्राफ्ट के माध्यम से क्रांतिकारी बदलाव लाना है।

कंपनी अब तक $20 मिलियन (लगभग ₹166 करोड़) की फंडिंग जुटा चुकी है, जिसमें प्रमुख निवेशक Speciale Invest सहित अन्य इन्वेस्टर्स शामिल हैं।


कैसे काम करेगी ePlane की एयर एंबुलेंस?

eVTOL (electric Vertical Take-Off and Landing) तकनीक से लैस ये एयर एंबुलेंस ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करते हुए, तेज़ और कुशल मेडिकल सेवाएं प्रदान करेंगी।

एयर एंबुलेंस की प्रमुख विशेषताएं:

तीन-व्यक्ति क्षमता: एक पायलट, एक पैरामेडिक और एक मरीज के साथ स्ट्रेचर रखने की सुविधा।
110 किलोमीटर की रेंज: शुरुआत में 110 किमी की उड़ान क्षमता होगी, जिसे बाद में 200 किलोमीटर से अधिक किया जा सकता है।
100% इलेक्ट्रिक: यह बैटरी-ऑपरेटेड होगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन शून्य रहेगा।
वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग: किसी भी छोटे स्थान पर उतर सकता है, जिससे ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में भी पहुंच संभव होगी।


ICATT और The ePlane Company का समझौता

ICATT पहले से ही भारत में एयर एंबुलेंस सेवा प्रदान करता है। इस डील के तहत, कंपनी इन eVTOL एंबुलेंस को देश के हर जिले में तैनात करने की योजना बना रही है, जिससे आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं तेज और प्रभावी हो सकें।

ICATT के CEO डॉ. शिव प्रकाश ने कहा,
“भारत जैसे बड़े देश में जहां मेडिकल इमरजेंसी के दौरान ट्रांसपोर्ट एक बड़ी चुनौती होती है, वहां यह eVTOL एंबुलेंस सिस्टम गेम-चेंजर साबित होगा।”


भारत में eVTOL बाजार की बढ़ती प्रतिस्पर्धा

The ePlane Company के अलावा, भारत में कई कंपनियां eVTOL और इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी पर काम कर रही हैं, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

🔹 Archer Aviation – अमेरिका स्थित eVTOL कंपनी, जो भारतीय बाजार में विस्तार कर रही है।
🔹 Sarla Aviation – भारत की पहली घरेलू eVTOL निर्माता कंपनियों में से एक।
🔹 Hindustan Aeronautics Limited (HAL) – भारतीय रक्षा और एविएशन क्षेत्र में निवेश कर रही है।

The ePlane Company के CEO सत्य चक्रवर्ती का कहना है,
“हमारी टीम 2026 तक 100 eVTOL एयरक्राफ्ट प्रति वर्ष बनाने की योजना बना रही है। आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ाई जाएगी।”


फ्लाइंग टैक्सियों की भी योजना

The ePlane Company सिर्फ एयर एंबुलेंस तक सीमित नहीं रहेगी। कंपनी की योजना है कि 2026 से भारत में फ्लाइंग टैक्सी सर्विस भी शुरू की जाए।

संभावित फीचर्स:
2-सीटर क्षमता
200 किमी तक की उड़ान क्षमता
यातायात मुक्त यात्रा
सस्ती और कुशल ट्रांसपोर्ट सर्विस

कैसे बदल सकता है eVTOL ट्रांसपोर्ट?

हेल्थकेयर सुधार: गंभीर मरीजों को तेजी से अस्पताल पहुंचाने में मदद।
ग्रीन एविएशन: पूरी तरह इलेक्ट्रिक, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
शहरी और ग्रामीण कनेक्टिविटी: ट्रैफिक की समस्या खत्म होगी, जिससे शहरों और छोटे कस्बों के बीच यात्रा आसान होगी।


फंडिंग और वैल्यूएशन

The ePlane Company को इस डील के बाद और भी निवेश मिलने की संभावना है। स्टार्टअप पहले ही $20 मिलियन जुटा चुका है, और अगले कुछ महीनों में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

संभावित प्रभाव:

📌 हेल्थ सेक्टर में क्रांति: भारत का पहला eVTOL बेस्ड मेडिकल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क
📌 इंडियन एविएशन का विस्तार: भारत में उन्नत इलेक्ट्रिक एविएशन का आगाज।
📌 नौकरी के नए अवसर: टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग और एविएशन सेक्टर में नई नौकरियां।


निष्कर्ष

The ePlane Company का यह सौदा न केवल एविएशन और हेल्थकेयर इंडस्ट्री में क्रांति लाएगा, बल्कि भारत को ग्लोबल eVTOL मार्केट में अग्रणी बना सकता है।

अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 2026 तक भारत में पहली फ्लाइंग टैक्सी और एयर एंबुलेंस सेवा शुरू हो सकती है। 🚀

क्या आप तैयार हैं उड़ान भरने के लिए? ✈️

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House of Rare (Rare Rabbit) को A91 Partners से 50 करोड़ रुपये की फंडिंग,

Rare Rabbit

नई पीढ़ी के फैशन ब्रांड House of Rare (Rare Rabbit) ने अपने मौजूदा निवेशक A91 Partners से 50 करोड़ रुपये (लगभग $6 मिलियन) की नई फंडिंग हासिल की है। यह निवेश केवल सात महीने बाद आया है, जब कंपनी ने $18 मिलियन की फंडिंग जुटाई थी।

फंडिंग डिटेल्स और A91 Partners की हिस्सेदारी

Rare Rabbit के बोर्ड ने 23,073 प्रेफरेंस शेयर जारी करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है, जिसका इश्यू प्राइस 21,670 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। यह जानकारी कंपनी के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (RoC) की फाइलिंग से प्राप्त हुई है।

A91 Partners की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी

👉 इस नई फंडिंग के बाद, A91 Partners की हिस्सेदारी कंपनी में बढ़कर 14.17% हो गई है, जो पिछले राउंड में 9.65% थी।

Rare Rabbit वैल्यूएशन और विस्तार योजनाएं

👉 इस निवेश के बाद, Rare Rabbit की वैल्यूएशन $279 मिलियन (करीब 2,315 करोड़ रुपये) बनी हुई है।

कंपनी ने इस साल जनवरी में अपने अधिकृत शेयर पूंजी को बढ़ाने का निर्णय लिया था, ताकि विस्तार योजनाओं और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा किया जा सके।


Rare Rabbit: भारत का प्रीमियम फैशन ब्रांड

Rare Rabbit भारत में एक प्रीमियम फैशन ब्रांड के रूप में जाना जाता है, जो पुरुषों और महिलाओं के लिए डिज़ाइनर कपड़े बनाता है।

🔹 100+ रिटेल स्टोर्स: Rare Rabbit के देशभर में 100 से अधिक स्टोर्स हैं।
🔹 ई-कॉमर्स उपस्थिति: ब्रांड अपने उत्पादों को ऑनलाइन स्टोर और प्रमुख फैशन प्लेटफॉर्म्स पर भी बेचता है।
🔹 फैशन में इनोवेशन: कंपनी प्रीमियम डिजाइन्स और क्वालिटी पर फोकस कर रही है, जिससे इसे भारत के उभरते फैशन ब्रांड्स में शामिल किया जाता है।


FY24 में 69% की राजस्व वृद्धि, मुनाफा 2X से ज्यादा बढ़ा

Rare Rabbit ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में शानदार प्रदर्शन किया है।

📌 राजस्व वृद्धि:
🔹 FY23 में कंपनी का कुल राजस्व 376 करोड़ रुपये था, जो FY24 में 69% बढ़कर 636 करोड़ रुपये हो गया।

📌 मुनाफे में उछाल:
🔹 कंपनी का मुनाफा FY23 में 32.2 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 74.6 करोड़ रुपये हो गया, यानी 2X से ज्यादा की वृद्धि।


प्रतिद्वंद्वी ब्रांड्स और फैशन इंडस्ट्री में Rare Rabbit की स्थिति

भारतीय फैशन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और Rare Rabbit कई प्रमुख फैशन ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

प्रमुख प्रतिद्वंद्वी:

📌 Souled Store:
👉 इस ब्रांड ने हाल ही में $30 मिलियन (लगभग 250 करोड़ रुपये) जुटाए और FY24 में 355 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया।

📌 Snitch:
👉 Snitch ने दिसंबर 2023 में $13 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की थी।

📌 WROGN:
👉 WROGN, जो भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली का ब्रांड है, ने जून 2023 में $15 मिलियन की फंडिंग हासिल की थी।

👉 Rare Rabbit का तेज विकास इसे इन प्रमुख ब्रांड्स के बीच एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है।


Rare Rabbit के भविष्य की योजनाएं

Rare Rabbit इस नई फंडिंग का उपयोग अपने विस्तार और उत्पाद श्रेणी को बढ़ाने के लिए करेगा।

अगली योजनाएं:

✔️ नए स्टोर्स खोलना: देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में विस्तार
✔️ ई-कॉमर्स बिक्री बढ़ाना: डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फोकस
✔️ नई कैटेगरी में एंट्री: महिलाओं और एक्सेसरीज़ के लिए नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करना
✔️ वैश्विक विस्तार: अंतरराष्ट्रीय बाजार में Rare Rabbit की मौजूदगी बढ़ाना


फैशन इंडस्ट्री में Rare Rabbit की सफलता का राज

👉 प्रीमियम क्वालिटी और इनोवेटिव डिज़ाइन – Rare Rabbit हाई-क्वालिटी और यूनिक डिज़ाइन्स के लिए जाना जाता है।
👉 डिजिटल और ऑफलाइन दोनों मार्केट में मजबूत पकड़ – कंपनी की मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति है, साथ ही 100+ ऑफलाइन स्टोर्स भी हैं।
👉 तेजी से बढ़ता रेवेन्यू और मुनाफा – 69% रेवेन्यू ग्रोथ और 2X से ज्यादा प्रॉफिट ग्रोथ।
👉 निवेशकों का भरोसा – A91 Partners और अन्य निवेशकों का निरंतर समर्थन Rare Rabbit की मजबूती को दर्शाता है।


निष्कर्ष

House of Rare (Rare Rabbit) ने A91 Partners से 50 करोड़ रुपये जुटाकर अपने विस्तार और विकास की नई योजना बनाई है।

FY24 में 69% की राजस्व वृद्धि और मुनाफे में 2X की बढ़त के साथ, Rare Rabbit भारत के सबसे तेजी से बढ़ते फैशन ब्रांड्स में शामिल हो गया है।
Souled Store, Snitch और WROGN जैसे ब्रांड्स से मुकाबले के बावजूद, Rare Rabbit अपनी अनोखी पहचान बनाए हुए है।
कंपनी अपने स्टोर्स का विस्तार, ई-कॉमर्स बिक्री में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय बाजार में एंट्री करने की योजना बना रही है।

👉 Rare Rabbit का अगला कदम इसे भारत के सबसे बड़े फैशन ब्रांड्स में शामिल कर सकता है! 🚀

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EaseMyTrip के Q3 FY25 वित्तीय नतीजे: राजस्व और लाभ में गिरावट दर्ज

EaseMyTrip

भारत की प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर (OTA) कंपनी EaseMyTrip ने शुक्रवार को अपने Q3 FY25 (अक्टूबर-दिसंबर 2024) के वित्तीय नतीजे जारी किए। इन नतीजों में कंपनी के राजस्व और मुनाफे में कमी, जबकि खर्चों में वृद्धि देखने को मिली है।

EaseMyTrip की वित्तीय स्थिति यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों के प्रभाव को दर्शाती है। हालांकि, कंपनी ने कुछ रणनीतिक कदम उठाए हैं, जो भविष्य में इसे लाभ की ओर ले जा सकते हैं।

EaseMyTrip के राजस्व में 6.3% की गिरावट

EaseMyTrip की कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू (Revenue from operations) Q3 FY25 में ₹150 करोड़ रही, जो पिछले साल इसी तिमाही (Q3 FY24) में ₹160 करोड़ थी।

  • यह 6.3% की गिरावट दर्शाता है, जो ट्रैवल सेक्टर में मांग की स्थिरता और अन्य कारकों के कारण हो सकता है।
  • EaseMyTrip का मुख्य राजस्व एयर टिकटिंग से आया, जो कुल राजस्व का 65% है।
  • होटल और पैकेज सेवाओं से 22% का योगदान रहा, जो कंपनी के बिजनेस पोर्टफोलियो में विविधता को दर्शाता है।

यात्रा उद्योग में तेज़ प्रतिस्पर्धा और संभावित डिस्काउंटिंग रणनीतियों के चलते कंपनी को अपनी औसत बुकिंग वैल्यू (ABV) और मार्जिन को बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

EaseMyTrip के कुल खर्चों में 2.4% की वृद्धि

EaseMyTrip के कुल खर्च (Total Expenses) Q3 FY25 में ₹107 करोड़ रहे, जो Q3 FY24 के ₹105 करोड़ की तुलना में 2.4% अधिक है।

  • मुख्य खर्चों में शामिल हैं:
    • सेवा लागत (Service cost) – प्लेटफॉर्म संचालन और सर्विस डिलीवरी की लागत।
    • पेमेंट गेटवे शुल्क (Payment Gateway Fees) – डिजिटल ट्रांजेक्शन पर लगने वाला शुल्क।
    • कर्मचारी लाभ (Employee Benefits) – सैलरी, बोनस और अन्य मानव संसाधन लागत।
    • विज्ञापन और मार्केटिंग (Advertisement Cost) – ब्रांड प्रमोशन और नए ग्राहकों को आकर्षित करने की लागत।

EaseMyTrip को अपने ब्रांड की स्थिति बनाए रखने और प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए मार्केटिंग पर अधिक खर्च करना पड़ा, जिससे कुल खर्चों में वृद्धि देखी गई।

मुनाफे में 25% की गिरावट, EBITDA पर प्रभाव

कंपनी के मुनाफे में गिरावट का मुख्य कारण कम राजस्व और बढ़ते परिचालन खर्च रहे।

  • EaseMyTrip का शुद्ध लाभ (Net Profit) Q3 FY25 में ₹34 करोड़ रहा, जो Q3 FY24 में ₹45.6 करोड़ था।
  • यह 25% की गिरावट को दर्शाता है।
  • कंपनी को प्रत्येक ₹1 कमाने के लिए अधिक लागत उठानी पड़ी, जिससे मार्जिन पर असर पड़ा।
  • कंपनी के EBITDA (Earnings Before Interest, Tax, Depreciation, and Amortization) मार्जिन भी कम हुआ।

हालांकि EaseMyTrip अभी भी लाभ में है, लेकिन इसके मार्जिन में गिरावट यह दर्शाती है कि कंपनी को अपने लागत ढांचे को और अधिक कुशल बनाने की जरूरत है।

EaseMyTrip के शेयरों में गिरावट, बाज़ार पूंजीकरण में कमी

EaseMyTrip के वित्तीय नतीजों के बाद शेयर बाजार में कंपनी के स्टॉक में गिरावट दर्ज की गई।

  • EaseMyTrip का शेयर शुक्रवार को ₹12 पर बंद हुआ, जो कि 1.96% की गिरावट को दर्शाता है।
  • इस गिरावट के बाद, कंपनी का कुल मार्केट कैप (Market Capitalization) ₹4,252 करोड़ हो गया।

इस गिरावट का मुख्य कारण कंपनी के राजस्व और लाभ में कमी है, जिससे निवेशकों की भावनाएँ प्रभावित हुईं।

EaseMyTrip की भविष्य की रणनीति: सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

EaseMyTrip को आने वाले महीनों में अपने मुनाफे और राजस्व में सुधार के लिए कई रणनीतिक कदम उठाने की जरूरत होगी।

नई सेवाओं का विस्तार:
EaseMyTrip को अपनी होटल और पैकेजिंग सेवाओं का विस्तार करना होगा, जिससे केवल एयर टिकटिंग पर निर्भरता कम हो और राजस्व में विविधता लाई जा सके।

मार्केटिंग और ब्रांडिंग रणनीति:
कंपनी को अपनी विज्ञापन लागत को बेहतर तरीके से मैनेज करना होगा, जिससे ब्रांड की पहुँच बढ़े लेकिन लागत सीमित रहे।

तकनीकी उन्नति:
EaseMyTrip को AI और डेटा एनालिटिक्स जैसी नई टेक्नोलॉजी अपनाकर अपने प्लेटफॉर्म को अधिक स्मार्ट और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना होगा।

साझेदारी और अधिग्रहण:
संभावना है कि EaseMyTrip छोटे ट्रैवल स्टार्टअप्स के अधिग्रहण या नई साझेदारियों पर विचार कर सकती है, जिससे उसकी बाजार पकड़ और मजबूत हो।

लॉन्ग-टर्म निवेश:
EaseMyTrip को सर्विस क्वालिटी सुधारने और बिजनेस को लॉन्ग-टर्म स्थिरता की ओर ले जाने के लिए निवेश बढ़ाना होगा।

EaseMyTrip का भारतीय ट्रैवल बाजार में भविष्य

EaseMyTrip भारत में एक मजबूत ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर (OTA) ब्रांड बना हुआ है और इसकी पहुँच लाखों उपभोक्ताओं तक है।

हालांकि, फिनटेक और ट्रैवल इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण, कंपनी को अपने लाभ मार्जिन और ऑपरेशनल एफिशिएंसी पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

संभावित ट्रेंड्स:

🔹 डिजिटल बुकिंग में वृद्धि: EaseMyTrip को डिजिटल इकोसिस्टम का पूरा फायदा उठाना होगा।
🔹 छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार: कंपनी को Tier-2 और Tier-3 शहरों पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है।
🔹 इंटरनेशनल मार्केट में विस्तार: EaseMyTrip यदि विदेशों में अपनी सर्विस को बढ़ाता है, तो उसे बड़ा लाभ मिल सकता है।

निष्कर्ष: EaseMyTrip को कैसे सुधार लाना होगा?

EaseMyTrip के लिए Q3 FY25 एक मिश्रित तिमाही रही, जहां उसे राजस्व और लाभ में गिरावट का सामना करना पड़ा।

हालांकि, कंपनी अभी भी लाभदायक बनी हुई है, लेकिन उसे बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ऑपरेशनल लागत में हो रही वृद्धि को मैनेज करना होगा।

आने वाले तिमाही में, यह देखना दिलचस्प होगा कि EaseMyTrip कैसे अपने बिजनेस मॉडल को एडजस्ट करता है और क्या रणनीतियाँ अपनाता है, जिससे कंपनी फिर से ग्रोथ पथ पर लौट सके।

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Navi Technologies राजीव नरेश बने CEO, सचिन बंसल होंगे एग्जीक्यूटिव चेयरमैन

Navi Finserv

भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी Navi Technologies ने अपने नेतृत्व में बड़े बदलाव की घोषणा की है। कंपनी के सह-संस्थापक सचिन बंसल, जो अब तक Navi Technologies Limited और Navi Finserv Limited के CEO थे, अब Navi Group के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे। उनकी जगह, राजीव नरेश को Navi Technologies का नया CEO और अभिषेक द्विवेदी को Navi Finserv का नया CEO नियुक्त किया गया है।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब Navi Group अपनी व्यवसाय रणनीति को पुनर्गठित कर रहा है और नए अवसरों की तलाश में है।

Navi में वर्षों का अनुभव रखते हैं नए CEO

राजीव नरेश और अभिषेक द्विवेदी, दोनों ही Navi की शुरुआती टीम का हिस्सा रहे हैं और पिछले छह वर्षों में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा चुके हैं। कंपनी के अनुसार, इन दोनों अधिकारियों ने Navi को एक मजबूत वित्तीय संस्थान के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस नेतृत्व परिवर्तन की घोषणा करते हुए सचिन बंसल ने कहा:

“यह बदलाव हमारी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। राजीव और अभिषेक ने कंपनी की वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। मुझे विश्वास है कि वे अपनी नई भूमिकाओं में Navi को और ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।”

सचिन बंसल की नई भूमिका

अब सचिन बंसल Navi Group के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में कार्य करेंगे। उनकी नई जिम्मेदारी कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति, विस्तार, फंडिंग, अधिग्रहण (M&A), जोखिम प्रबंधन और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पर केंद्रित होगी।

इसके अलावा, वे Navi में डिजिटल टेक्नोलॉजी और डेटा साइंस को और बेहतर बनाने पर काम करेंगे।

CEO के नए कार्यक्षेत्र

इस नेतृत्व परिवर्तन के बाद,

  • अभिषेक द्विवेदी Navi Finserv की लेंडिंग बिजनेस को संभालेंगे।
  • राजीव नरेश Navi Technologies के नॉन-लेंडिंग बिजनेस का संचालन करेंगे।

इससे कंपनी को अपने विभिन्न व्यवसाय क्षेत्रों में अधिक स्पष्टता और दक्षता लाने में मदद मिलेगी।

RBI की पाबंदियों के बाद आया यह बदलाव

इस नेतृत्व परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण पहलू भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में Navi Finserv पर लगाए गए प्रतिबंधों का हटाया जाना है।

अक्टूबर 2024 में, RBI ने Navi Finserv और तीन अन्य NBFCs (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों) को लोन देने से रोक दिया था। इसका कारण था नियामक दिशानिर्देशों का सही ढंग से पालन न करना। लेकिन अब RBI ने यह प्रतिबंध हटा दिया है, जिससे Navi Finserv दोबारा लोन वितरण शुरू कर सकती है।

क्या है Navi Group की भविष्य की रणनीति?

Navi Technologies इस बदलाव के साथ एक मजबूत और टिकाऊ विकास की ओर बढ़ना चाहती है।

आने वाले समय में, कंपनी की रणनीति निम्नलिखित मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगी:
नए फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लॉन्च करना – खासकर डिजिटल लेंडिंग और बीमा क्षेत्र में।
कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना – टेक्नोलॉजी और डेटा साइंस के माध्यम से।
बड़े पैमाने पर निवेश जुटाना – जिससे कंपनी के विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
नए अधिग्रहण (M&A) और साझेदारियाँ करना – जिससे Navi अपनी सेवाओं को और विस्तृत कर सके।

भारतीय फिनटेक सेक्टर में Navi की स्थिति होगी मजबूत

Navi Group का यह पुनर्गठन भारतीय फिनटेक और डिजिटल बैंकिंग इंडस्ट्री में कंपनी की स्थिति को और मज़बूत करेगा।

इस बदलाव से:
📌 Navi Finserv अपने लोन बिजनेस को नए स्तर पर ले जा सकेगी।
📌 Navi Technologies अपने अन्य वित्तीय उत्पादों पर अधिक ध्यान दे सकेगी।
📌 सचिन बंसल कंपनी के दीर्घकालिक विज़न पर फोकस कर पाएंगे।

निष्कर्ष

Navi Technologies द्वारा किया गया यह नेतृत्व परिवर्तन कंपनी की विकास रणनीति का हिस्सा है, जो इसे भारत के तेजी से बढ़ते फिनटेक बाजार में और मजबूत बनाएगा।

अब देखने वाली बात यह होगी कि नए CEO के नेतृत्व में कंपनी कितना आगे बढ़ती है और किस तरह भारतीय फिनटेक क्षेत्र में अपने लिए एक नई पहचान बनाती है।

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Anscer Robotics ने सीड फंडिंग में जुटाए $2 मिलियन,

Anscer Robotics

भारतीय डीपटेक स्टार्टअप ANSCER ROBOTICS ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $2 मिलियन (करीब 16.5 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व Info Edge Ventures ने किया है। कंपनी इस फंडिंग का उपयोग नई टेक्नोलॉजी विकसित करने, अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करने और नए बाजारों में विस्तार करने के लिए करेगी।

क्या है ANSCER ROBOTICS?

ANSCER ROBOTICS एक ऑटोमेशन और रोबोटिक्स स्टार्टअप है, जो फैक्ट्री, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री के लिए स्मार्ट रोबोट बनाता है। कंपनी के ऑटोनॉमस मोबाइल रोबोट्स (AMRs) वेयरहाउस और फैक्ट्रियों में सामान के मूवमेंट को आसान और अधिक कुशल बनाते हैं।

संस्थापकों के बारे में:

Anscer Robotics की स्थापना रिबिन मैथ्यू, एबिन सनी, रघु वेंकटेश और बृजेश सीए ने की थी। संस्थापक टीम रोबोटिक्स और ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी में गहरी विशेषज्ञता रखती है और कंपनी का उद्देश्य भारत और वैश्विक बाजार में ऑटोमेशन को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।


Anscer Robotics के प्रमुख रोबोटिक उत्पाद

कंपनी के प्रमुख उत्पाद वेयरहाउस और फैक्ट्री ऑपरेशंस को स्वचालित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:

पैलेट मूवर्स – वेयरहाउस में भारी सामान को ले जाने के लिए स्वचालित रोबोट
टगर्स – औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े कंटेनरों को खींचने के लिए
कन्वेयर सिस्टम – उत्पादन और लॉजिस्टिक्स प्रक्रिया को तेज और कुशल बनाने के लिए
लिफ्टर्स – ऊंचाई पर मौजूद वस्तुओं को स्वचालित तरीके से उठाने के लिए

👉 कंपनी के रोबोट 2 टन तक का भार उठा सकते हैं, जिससे वे बड़ी इंडस्ट्रीज़ के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं।


वैश्विक बाजार में मजबूत उपस्थिति

Anscer Robotics पहले ही अमेरिका, भारत, सिंगापुर और जापान में अपने 15 एंटरप्राइज़ ग्राहकों के साथ काम कर रहा है।

कंपनी अपने स्मार्ट रोबोट्स को इन देशों के बड़े लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में तैनात कर चुकी है। इस फंडिंग के जरिए कंपनी नए देशों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की योजना बना रही है।


फंडिंग डिटेल्स और निवेशकों की भूमिका

Info Edge Ventures इस दौर का प्रमुख निवेशक है। Info Edge भारत में कई उभरते स्टार्टअप्स में निवेश करता रहा है।

Info Edge Ventures के हालिया निवेश:

📌 Shoppin (फैशन सर्च इंजन) – $1 मिलियन निवेश
📌 ZingBus – ट्रैवल और मोबिलिटी सेक्टर में निवेश
📌 Culture Circle – नए जमाने के कंटेंट प्लेटफॉर्म में निवेश

Anscer Robotics को Info Edge Ventures से फंडिंग मिलना यह दर्शाता है कि कंपनी की टेक्नोलॉजी और बाजार क्षमता को लेकर निवेशकों में बड़ा विश्वास है।


भारत में रोबोटिक्स इंडस्ट्री का विकास

भारत में रोबोटिक्स और ऑटोमेशन इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है

🔹 रोबोटिक्स और AI आधारित टेक्नोलॉजी से इंडस्ट्रीज़ में लागत कम हो रही है और उत्पादकता बढ़ रही है।
🔹 Statista की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रोबोटिक्स मार्केट 2028 तक $6 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।
🔹 ऑटोमेशन और लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में AI-ड्रिवन रोबोट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।

👉 Anscer Robotics जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में भारत को ग्लोबल लीडर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।


Anscer Robotics क्यों है खास?

स्मार्ट वेयरहाउसिंग सॉल्यूशंस: कंपनी के रोबोट्स से लॉजिस्टिक्स सेक्टर की लागत घटती है और उत्पादकता बढ़ती है।
AI-ड्रिवन टेक्नोलॉजी: कंपनी अपने रोबोट्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रही है ताकि वे और अधिक कुशल बन सकें।
मजबूत निवेशक समर्थन: Info Edge Ventures जैसे निवेशकों का सहयोग कंपनी के भविष्य के विकास को दर्शाता है।
वैश्विक विस्तार: अमेरिका, सिंगापुर, जापान और भारत में पहले से उपस्थिति।


भविष्य की योजनाएं

Anscer Robotics इस फंडिंग के जरिए निम्नलिखित योजनाओं पर कार्य करेगा:

✔️ नई टेक्नोलॉजी और उत्पादों का विकास
✔️ वर्तमान बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत बनाना
✔️ अमेरिका, यूरोप और अन्य एशियाई देशों में विस्तार करना
✔️ AI और ऑटोमेशन में और अधिक निवेश करना


निष्कर्ष

Anscer Robotics ने $2 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाकर अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को और मजबूत करने तथा वैश्विक विस्तार की योजना बनाई है।

👉 अगर कंपनी अपनी टेक्नोलॉजी को लगातार विकसित करती है और नए बाजारों में प्रवेश करती है, तो यह भारत की सबसे बड़ी डीपटेक कंपनियों में से एक बन सकती है। 🚀

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SpotDraft ने सीरीज B फंडिंग में जुटाए $54 मिलियन,

SpotDraft

कॉन्ट्रैक्ट लाइफसाइकिल मैनेजमेंट (CLM) प्लेटफॉर्म SpotDraft ने अपने सीरीज B फंडिंग राउंड में $54 मिलियन (लगभग 450 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व Vertex Growth Singapore और Trident Partners ने किया, जबकि Xeed VC, Arkam Ventures, Prosus Ventures और Premji Invest ने भी भागीदारी की।

इस ताजा फंडिंग से SpotDraft अपनी AI-ड्रिवन प्रोडक्ट्स में निवेश और अपने बाजार विस्तार को मजबूत करेगा


SpotDraft की अब तक की फंडिंग

SpotDraft इससे पहले मार्च 2023 में अपने सीरीज A फंडिंग राउंड में $26 मिलियन जुटा चुका है

कंपनी का कहना है कि इस नए फंडिंग से वह अपनी AI टेक्नोलॉजी को और उन्नत बनाएगी, कानूनी टीमों के लिए अधिक प्रभावी समाधान विकसित करेगी और अपनी वैश्विक मौजूदगी बढ़ाएगी

SpotDraft के CEO और को-फाउंडर शशांक बिजापुर ने कहा:

“हम मानते हैं कि 2025 हमारी टीम के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। हम न सिर्फ अपने मार्केट को बढ़ाएंगे बल्कि AI का गहरा एकीकरण करके कानूनी टीमों को और अधिक सक्षम बनाएंगे।”


SpotDraft क्या करता है?

SpotDraft एक कॉन्ट्रैक्ट लाइफसाइकिल मैनेजमेंट (CLM) प्लेटफॉर्म है, जो कंपनियों की इन-हाउस लीगल टीमों को स्मार्ट और ऑटोमेटेड कानूनी समाधान प्रदान करता है

इसके प्रमुख फीचर्स में शामिल हैं:

AI-असिस्टेड रेडलाइ닝 – कानूनी दस्तावेजों की समीक्षा और संपादन में मदद
ई-सिग्नेचर (E-Signatures) – डिजिटल रूप से कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने की सुविधा
कॉन्ट्रैक्ट रिपॉजिटरी (Contract Repository) – सभी अनुबंधों को व्यवस्थित तरीके से स्टोर और मैनेज करना
थर्ड-पार्टी पेपर मैनेजमेंट – बाहरी कानूनी दस्तावेजों की आसान ट्रैकिंग और हैंडलिंग

SpotDraft का उद्देश्य कंपनियों के कानूनी विभागों को पारंपरिक, धीमी और जटिल प्रक्रियाओं से मुक्त कराना है, जिससे वे अधिक प्रभावी और तेज़ी से काम कर सकें


AI-ड्रिवन इनोवेशन और भविष्य की रणनीति

SpotDraft ने स्पष्ट किया है कि यह नया निवेश AI-संचालित कानूनी समाधान विकसित करने के लिए उपयोग किया जाएगा

AI का गहरा एकीकरण – SpotDraft अपने प्रोडक्ट्स में AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके कानूनी अनुबंधों की समीक्षा और ऑटोमेशन को और बेहतर बनाएगा
बाजार विस्तार – कंपनी नई भौगोलिक जगहों पर विस्तार करेगी और कानूनी सेवाओं को और व्यापक बनाएगी
प्रतिभा अधिग्रहण (Talent Acquisition) – SpotDraft नई लीडरशिप हायरिंग और टॉप-टियर टैलेंट को जोड़ने की योजना बना रहा है


SpotDraft का वैश्विक विस्तार

बेंगलुरु और न्यूयॉर्क में मुख्यालय रखने वाली इस कंपनी के वर्तमान में 250 से अधिक कर्मचारी हैं

नए निवेश के साथ, SpotDraft अपने ग्लोबल ऑपरेशंस को और मजबूत करने के लिए नई प्रतिभाओं को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करेगा

कंपनी का मुख्य फोकस अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करने पर है


CLM मार्केट में SpotDraft की संभावनाएं

दुनियाभर में कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट सॉल्यूशंस की मांग तेजी से बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक ग्लोबल CLM मार्केट $3.2 बिलियन से अधिक का हो सकता है

SpotDraft इस बढ़ते बाजार में एक अग्रणी खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।


SpotDraft क्यों है खास?

AI-ड्रिवन कानूनी सॉल्यूशंस – कानूनी टीमों के लिए ऑटोमेटेड और स्मार्ट समाधान
कॉर्पोरेट और स्टार्टअप्स दोनों के लिए उपयुक्त – हर तरह की कंपनियों के लिए आसान कानूनी प्रबंधन
वैश्विक विस्तार पर फोकस – अमेरिका, यूरोप और एशिया में अपनी पहुंच बढ़ाने की योजना
इन-हाउस लीगल टीम्स के लिए डिज़ाइन किया गया प्लेटफॉर्म


निष्कर्ष

SpotDraft ने $54 मिलियन की सीरीज B फंडिंग जुटाकर अपने AI-ड्रिवन कानूनी समाधान और बाजार विस्तार को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है

यदि कंपनी अपनी तकनीकी क्षमताओं को और विकसित करती है और बाजार में अपनी पहुंच को बढ़ाती है, तो यह CLM इंडस्ट्री में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर सकता है

इस क्षेत्र में SpotDraft की रणनीति इसे दुनियाभर में कानूनी टेक्नोलॉजी का भविष्य बना सकती है। 🚀

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Vidysea, Zee Learn से मिली $1 मिलियन की फंडिंग,

Vidysea

विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई के लिए व्यक्तिगत गाइडेंस और करियर सलाह देने वाला एडटेक स्टार्टअप Vidysea ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $1 मिलियन (लगभग 8.3 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Zee Learn Limited (ZLL) और Aarvi Family LLP ने किया, साथ ही कंपनी के संस्थापकों और अन्य शेयरधारकों ने भी योगदान दिया

Vidysea फंडिंग का उपयोग कैसे करेगा?

Vidysea इस नई फंडिंग का उपयोग अपने प्रोडक्ट को मजबूत करने और टीम का विस्तार करने के लिए करेगा। स्टार्टअप का उद्देश्य छात्रों को बेहतर सेवाएं और सहायता प्रदान करना है, ताकि वे विदेश में पढ़ाई से जुड़े निर्णय आसानी से ले सकें।

स्टार्टअप छात्रों को उनके प्रोफाइल को मजबूत करने, कॉलेज सिलेक्शन, एडमिशन प्रोसेस, और पोस्ट-एडमिशन सहायता देने के लिए काम कर रहा है। इस फंडिंग से कंपनी को अपने टेक प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने और अधिक छात्रों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी


Vidysea: विदेश में पढ़ाई के लिए एक स्मार्ट समाधान

Vidysea की स्थापना सितंबर 2024 में करुण कांडोई (Karunn Kandoi) द्वारा की गई थी। स्टार्टअप का उद्देश्य एक ऐसा एडवांस प्रोडक्ट तैयार करना है जो विदेश में पढ़ाई करने की योजना बना रहे छात्रों के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया को आसान बनाए

Vidysea छात्रों को K-12 स्कूलों, कॉलेजों और ग्रेजुएट स्कूलों से कनेक्ट करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह एडमिशन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन, सेलेक्शन प्रोसेस और पोस्ट-सेलेक्शन सपोर्ट भी प्रदान करता है।


Vidysea छात्रों की कैसे मदद करता है?

विदेश में पढ़ाई करना कई छात्रों का सपना होता है, लेकिन एडमिशन प्रक्रिया जटिल और लंबी होती है। Vidysea इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सरल बनाकर छात्रों को सहायता प्रदान करता है।

1. सही संस्थान चुनने में मदद

विद्यार्थी Vidysea के माध्यम से दुनियाभर के स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को एक्सप्लोर कर सकते हैं। Vidysea छात्रों की रुचि, करियर गोल्स और फाइनेंशियल स्थिति के आधार पर उनके लिए सही संस्थान चुनने में मदद करता है

2. एडमिशन प्रक्रिया को आसान बनाना

विदेशी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन की प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है। Vidysea छात्रों को एडमिशन आवश्यकताओं, एंट्रेंस एग्जाम्स, और एप्लिकेशन प्रोसिजर के बारे में डिटेल में जानकारी देता है

3. प्रोफाइल स्ट्रेंथनिंग और डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट

Vidysea सिर्फ एडमिशन प्रक्रिया को सरल नहीं बनाता, बल्कि छात्रों के अकादमिक और एक्स्ट्रा-करीकुलर प्रोफाइल को भी मजबूत करने में मदद करता है। इसमें शामिल हैं:

एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज – छात्र की प्रोफाइल को अधिक प्रभावी बनाने के लिए गाइडेंस
एस्से और स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP) लिखने में सहायता
सिफारिश पत्र (Recommendation Letters) तैयार करने में मदद

4. पोस्ट-एडमिशन सपोर्ट

विदेश में पढ़ाई के लिए सिर्फ एडमिशन लेना ही काफी नहीं होता, बल्कि वहां का कल्चर, रहन-सहन और पढ़ाई के तरीके को समझना भी जरूरी होता है। Vidysea छात्रों को नई जगह पर आसानी से एडजस्ट करने में मदद करने के लिए परामर्श और गाइडेंस भी देता है


एडटेक सेक्टर में Vidysea की संभावनाएं

भारत से विदेश में पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या हर साल बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 7.5 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई करने गए, और यह संख्या 2025 तक 10 लाख तक पहुंच सकती है

ऐसे में Vidysea का यह कदम विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है


Zee Learn और अन्य निवेशकों का विश्वास

Zee Learn Limited (ZLL) भारत की एक प्रमुख एजुकेशन कंपनी है, जो K-12 एजुकेशन, प्री-स्कूल और अन्य शैक्षणिक सेवाओं में कार्यरत है।

Vidysea को ZLL और Aarvi Family LLP से मिली फंडिंग यह दिखाती है कि निवेशकों को विदेशी शिक्षा क्षेत्र में Vidysea की अपार संभावनाओं पर भरोसा है


Vidysea क्यों है अलग?

पर्सनलाइज्ड करियर गाइडेंस – हर छात्र को उसकी जरूरत के अनुसार सही सलाह
सभी प्रमुख देशों और यूनिवर्सिटीज की जानकारी एक जगह
एडमिशन से लेकर पोस्ट-एडमिशन सपोर्ट
प्रोफाइल सुधारने के लिए एक्स्ट्रा-करीकुलर, एस्से और रिकमेंडेशन लेटर गाइडेंस


निष्कर्ष

Vidysea ने $1 मिलियन की फंडिंग हासिल कर अपने प्रोडक्ट को और मजबूत करने और अधिक छात्रों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य रखा है

यदि कंपनी अपने एडमिशन और करियर गाइडेंस सेवाओं को और विकसित करती है, तो यह भारत के छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बना सकता है

Zee Learn और अन्य निवेशकों का समर्थन इस बात को दर्शाता है कि Vidysea में भविष्य की अपार संभावनाएं हैं और यह एडटेक इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन सकता है। 🚀

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