Ninjacart ने FY24 में 74% की राजस्व वृद्धि और 20% घाटे में कमी हासिल की

Ninjacart

भारत की अग्रणी एग्रीटेक कंपनी Ninjacart ने FY24 में अपने सकल राजस्व में 74% की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को 20% तक कम करने में भी सफलता पाई है। हालांकि, यह एक समायोजित घाटा है, जिसमें तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर लागत शामिल नहीं हैं।

FY24 में राजस्व और लाभ

Ninjacart का सकल राजस्व FY23 के ₹1,153.4 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹2,002.7 करोड़ हो गया। कंपनी के अनुसार, प्रीमियम प्रोडक्ट लाइनों ने वॉल्यूम ग्रोथ और ग्रॉस मार्जिन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कंपनी की प्रगति से यह स्पष्ट होता है कि निंजाकार्ट अपने उत्पादों की गुणवत्ता और व्यापारिक रणनीति पर विशेष ध्यान दे रही है।

निंजाकार्ट का बिजनेस मॉडल और मार्केटप्लेस

निंजाकार्ट एक मार्केटप्लेस है जो किसानों, व्यापारियों और रिटेलर्स को जोड़ने का कार्य करता है। इसके बिजनेस मॉडल का उद्देश्य सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों को हल करना है। इसके लिए, निंजाकार्ट ने कुछ विशेष समाधान भी तैयार किए हैं, जैसे कि निंजा मंडी (व्यापारियों के लिए) और निंजा किसान (किसानों के लिए)। इसके अतिरिक्त, कंपनी स्थानीय व्यापारियों और रिटेलर्स के साथ भी साझेदारी करती है ताकि उनका नेटवर्क और मजबूत हो और स्थानीय व्यवसायों को समर्थन मिले।

लागत प्रबंधन और संचालन में सुधार

कंपनी ने अपने खर्चों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उनका दावा है कि कई ऑपरेशनल सुधार किए गए हैं। इनमें AI-संचालित गुणवत्ता मूल्यांकन, मूल्य निर्धारण एल्गोरिदम जैसे उपाय शामिल हैं, जिन्होंने कंपनी की सप्लाई चेन लागत को बेहतर बनाने में मदद की। निंजाकार्ट का लक्ष्य है कि वह सप्लाई चेन की लागत को अधिकतम स्तर तक वैरिएबल बना सके, जिससे लागत में स्थिरता और दक्षता आए।

FY24 में समायोजित घाटे में कमी

निंजाकार्ट ने FY24 में समायोजित घाटे को घटाकर ₹259.6 करोड़ कर दिया है, जो कि FY23 में ₹326.3 करोड़ था। यह घाटे में 20% की कमी दर्शाता है और कंपनी के लाभप्रदता हासिल करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। निंजाकार्ट ने यह भी संकेत दिया है कि वह अपने ऑपरेशनल एफिशिएंसी और कस्ट मैनेजमेंट के जरिए लाभप्रदता की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है।

निंजाकार्ट की वैश्विक विस्तार योजनाएं

भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने के अलावा, निंजाकार्ट अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस साल अप्रैल में कंपनी ने फिलीपींस स्थित Mayani में निवेश किया, जो फिलीपींस के कृषि बाजार में सक्रिय एक प्रमुख कंपनी है। निंजाकार्ट का यह कदम उनके सप्लाई चेन इकोसिस्टम के विभिन्न उपयोग मामलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की दिशा में है।

कंपनी की भविष्य की रणनीति और लक्ष्य

निंजाकार्ट का लक्ष्य भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार लाना और किसानों के लिए एक बेहतर सप्लाई चेन व्यवस्था उपलब्ध कराना है। इसके लिए कंपनी ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर नए-नए उत्पाद और सेवाएं लॉन्च की हैं। AI-आधारित गुणवत्ता मूल्यांकन और मूल्य निर्धारण एल्गोरिदम जैसे समाधान न केवल किसानों और व्यापारियों के लिए मूल्य वर्धित सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि कंपनी की सप्लाई चेन लागत को भी नियंत्रित करते हैं।

कंपनी के अधिकारी के अनुसार, निंजाकार्ट का लक्ष्य भविष्य में अपनी सप्लाई चेन दक्षता को और बेहतर बनाना है और ग्राहकों को उत्कृष्ट सेवा देना है। कंपनी ने अपने संचालन में सुधार और बेहतर वित्तीय स्थिति की ओर बढ़ने की योजना बनाई है। इसके अलावा, निंजाकार्ट का इरादा है कि वह स्थिरता और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि में डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे।

निष्कर्ष

निंजाकार्ट का FY24 का प्रदर्शन भारतीय कृषि उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। कंपनी की 74% राजस्व वृद्धि और घाटे में 20% की कमी यह दर्शाती है कि निंजाकार्ट अपनी वित्तीय स्थिरता और व्यापार मॉडल को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय कृषि बाजार में डिजिटलीकरण और तकनीकी विकास के साथ, निंजाकार्ट का भविष्य उज्ज्वल प्रतीत होता है।

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Swiggy ने घटाई अपने IPO की वैल्यूएशन उम्मीदें, अब $11.3-11.5 बिलियन पर नजर

Swiggy

भारत की अग्रणी फूड डिलीवरी और क्विक-कॉमर्स प्लेटफार्म Swiggy ने अपने आगामी आईपीओ (IPO) के लिए वैल्यूएशन उम्मीदों में बदलाव किया है। बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने पहले अपने आईपीओ से $12-15 बिलियन वैल्यूएशन का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे $11.3-11.5 बिलियन तक सीमित कर दिया है।

आईपीओ का ताजा आकार और संरचना

कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, Swiggy ने फ्रेश इश्यू के आकार को 20% बढ़ाकर ₹4,499 करोड़ कर दिया है, जो पहले ₹3,750 करोड़ था। साथ ही, कंपनी ने अपने ऑफर फॉर सेल (OFS) के आकार को 5.5% घटाकर इसे 17,50,87,863 इक्विटी शेयर कर दिया है, जो पहले 18,52,86,265 शेयर था।

शेयर की कीमत और कुल आईपीओ साइज

सूत्रों के अनुसार, Swiggy का लक्ष्य प्रति शेयर का प्राइस बैंड ₹371-390 रखना है। इस प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर को देखते हुए OFS का मूल्य ₹6,828.4 करोड़ बैठेगा, और कुल आईपीओ का आकार लगभग ₹11,327.4 करोड़ (लगभग $1.35 बिलियन) होगा।

बाजार में अस्थिरता और OFS के आकार का असर

Swiggy की वैल्यूएशन में कमी का एक कारण बाजार में मौजूदा अस्थिरता को माना जा रहा है। इसके अलावा, कंपनी द्वारा OFS के आकार में किए गए बदलाव ने भी नए निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर दिया है। माना जा रहा है कि OFS के बड़े आकार की वजह से कंपनी की वैल्यूएशन में कमी आई है, क्योंकि इससे निवेशकों के बीच शेयर की मांग और आपूर्ति को लेकर कुछ चिंताएं बढ़ी हैं।

आईपीओ की संभावित तिथि

Swiggy का आईपीओ नवंबर के पहले सप्ताह में खुलने की उम्मीद है, और प्राइस बैंड की घोषणा इस महीने के अंत तक होने की संभावना है। इस आईपीओ के साथ, Swiggy भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने के साथ-साथ अपनी बाजार उपस्थिति को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।

Swiggy का बिजनेस मॉडल और विस्तार की योजना

Swiggy का बिजनेस मॉडल फूड डिलीवरी और क्विक-कॉमर्स सेवाओं पर केंद्रित है, जिसमें ज़ोमैटो जैसी कंपनियों से मुकाबला करने के साथ ही मार्केट में स्थिरता बनाए रखना शामिल है। Swiggy ने अपने ‘Instamart’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्विक-कॉमर्स में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है, जो कि उपभोक्ताओं को मिनटों में ग्रॉसरी और आवश्यक वस्तुएं प्रदान करता है।

Swiggy का यह आईपीओ कंपनी को अपनी मार्केटिंग, तकनीकी उन्नयन, और नए शहरों में विस्तार के लिए पूंजी जुटाने में मदद करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने मौजूदा ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ नए ग्राहकों को भी जोड़ सके।

क्यों घटाई गई वैल्यूएशन उम्मीदें?

Swiggy ने अपने आईपीओ के लिए वैल्यूएशन को घटाने का निर्णय बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लिया है। निवेशकों के बीच स्टार्टअप की वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, क्योंकि कई कंपनियों की वैल्यूएशन पिछले साल के मुकाबले गिर गई है। इसीलिए Swiggy ने अपने वैल्यूएशन को यथार्थवादी रखा है ताकि नए और मौजूदा निवेशक इसमें निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।

इसके अतिरिक्त, Swiggy ने OFS के आकार को भी घटाया है ताकि यह संकेत दिया जा सके कि मौजूदा निवेशकों का कंपनी में विश्वास बरकरार है और वे अपने शेयर को कम मात्रा में बेचने के लिए तैयार हैं।

Swiggy की भविष्य की रणनीति

Swiggy की भविष्य की रणनीति मुख्य रूप से सर्विस एक्सपेंशन, क्वालिटी इंप्रूवमेंट, और टेक्नोलॉजी उन्नयन पर आधारित है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने फूड डिलीवरी और क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अधिक उपभोक्ताओं को आकर्षित करे। Swiggy ने अपने प्लेटफार्म पर AI-ड्रिवन लॉजिस्टिक्स, रियल-टाइम ट्रैकिंग, और कस्टमाइज़्ड ऑफर्स जैसी तकनीकी सुविधाएं शामिल की हैं, जो कि उपभोक्ताओं को उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करती हैं।

Swiggy का यह आईपीओ बाजार में कंपनी की स्थिति को और मजबूत करेगा और नए अवसरों के लिए उसे तैयार करेगा। कंपनी का उद्देश्य अपनी बिजनेस वैल्यू बढ़ाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को उनके दरवाजे तक जल्दी और कुशल सेवा प्रदान करना है।

निष्कर्ष

Swiggy का आगामी आईपीओ भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। बाजार में अस्थिरता के बावजूद कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाए रखा है और यह संकेत देती है कि कंपनी अपने विस्तार और सेवा सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है। Swiggy का यह आईपीओ निवेशकों को एक अवसर प्रदान करता है कि वे एक तेजी से बढ़ते स्टार्टअप के विकास में साझेदार बन सकें।

आने वाले महीनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि Swiggy के आईपीओ को निवेशकों से कैसा प्रतिसाद मिलता है, और क्या यह कंपनी को उसके भविष्य के लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक साबित होता है।

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Amazon Transportation Services ने FY24 में मामूली राजस्व वृद्धि दर्ज की, नुकसान में 6% की कमी

Amazon

Amazon  की लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी शाखा Amazon Transportation Services (ATS) ने वित्तीय वर्ष 2024 में मामूली राजस्व वृद्धि हासिल की, साथ ही कंपनी ने इसी अवधि में अपने नुकसान में 6% से अधिक की कमी दर्ज की है।

ATS का ऑपरेशनल राजस्व FY24 में 7.6% बढ़कर ₹4,888.9 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹4,543.3 करोड़ था। कंपनी के वित्तीय दस्तावेज़ के अनुसार, ऑपरेशनल आय के अलावा अन्य आय में 66% की वृद्धि हुई और यह FY23 में ₹34.5 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹57.3 करोड़ हो गई। इस प्रकार FY24 में कंपनी की कुल आय ₹4,946.2 करोड़ तक पहुँच गई।

ATS का व्यवसाय और ऑपरेशनल ढांचा

Amazon  Transportation Services अपने ई-कॉमर्स ऑपरेशन के लिए लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी समाधान प्रदान करती है, जिसमें ऑर्डर पिकअप, सॉर्टिंग, और लास्ट-माइल डिलीवरी जैसी सेवाएँ शामिल हैं। कंपनी, Amazon India के लिए इन सेवाओं के माध्यम से राजस्व अर्जित करती है, जो कि देश भर में Amazon के संचालन का एक प्रमुख हिस्सा है।

बढ़ते खर्च और घटती क्षतिपूर्ति लागत

कंपनी का कुल खर्च FY24 में ₹4,690.8 करोड़ तक पहुँच गया, जो कि FY23 में ₹4,310.2 करोड़ था, यानी 8.8% की वृद्धि। वहीं, क्षतिपूर्ति खर्चों में 10.2% की गिरावट दर्ज की गई, जो FY24 में ₹313.7 करोड़ रहा, जबकि FY23 में यह ₹349.4 करोड़ था। इस प्रकार, खर्चों में वृद्धि के बावजूद ATS ने अपने परिचालन में सुधार के संकेत दिए हैं।

नुकसान में कमी और वित्तीय प्रदर्शन में सुधार

हालांकि, राजस्व में मामूली वृद्धि के बावजूद ATS ने FY24 में अपने नुकसान को 6.3% तक घटाकर ₹80.3 करोड़ कर दिया, जो FY23 में ₹85.7 करोड़ था। कंपनी के मौजूदा नुकसान FY24 के अंत तक ₹469.8 करोड़ तक पहुँच गए, जो वित्तीय वर्ष के दौरान खर्चों को नियंत्रित करने के प्रयासों को दर्शाते हैं। इसके अलावा, अन्य इक्विटी घटक जैसे कि शेयर-आधारित मुआवजा रिज़र्व, पिछले वित्तीय वर्ष में 26% बढ़कर ₹490.4 करोड़ हो गया।

Amazon Transportation Services के भविष्य की योजनाएँ

ATS अपने संचालन को और अधिक कुशल बनाने के लिए तकनीकी निवेश और ऑपरेशनल सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि वह Amazon के लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी सेवाओं को और बेहतर बनाए, ताकि ग्राहकों को तेज़ और विश्वसनीय सेवाएँ मिल सकें।

ATS द्वारा की गई यह वृद्धि Amazon के भारत में लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के विस्तार का भी प्रमाण है। कंपनी ने इस दौरान अपने लॉजिस्टिक्स सिस्टम को मजबूत किया है, जो Amazon के भारतीय बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगा।

निष्कर्ष

Amazon Transportation Services ने FY24 में एक स्थिर वित्तीय प्रदर्शन दर्शाया है। कंपनी ने अपने नुकसान को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की है और भविष्य के लिए लॉजिस्टिक्स को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि कंपनी ने राजस्व में अपेक्षाकृत कम वृद्धि दर्ज की, लेकिन इसके प्रॉफिट मार्जिन और खर्चों में की गई कटौती ने इसके वित्तीय प्रदर्शन को संतुलित बनाए रखा।

Amazon Transportation Services का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि Amazon अपनी भारतीय ई-कॉमर्स बाजार की बढ़ती माँगों को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक्स सेवाओं में अधिक निवेश और सुधार कर रहा है। इसके माध्यम से Amazon अपने ग्राहकों को एक बेहतर और तेज़ सेवा प्रदान करने के लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास में है।

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Infra.Market की रफ़्तार में जबरदस्त बढ़ोतरी, FY24 में ₹14,500 करोड़ का राजस्व पार

Infra.Market

मुम्बई स्थित कंस्ट्रक्शन मटेरियल सप्लाई स्टार्टअप Infra.Market ने पिछले कुछ वित्तीय वर्षों में तेज़ी से वृद्धि की है, और FY24 में भी यह रफ्तार बरकरार रही। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 में 23% की बढ़ोतरी के साथ ₹14,500 करोड़ का राजस्व पार किया, और इसके साथ ही इसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) भी 2.4 गुना बढ़कर ₹378 करोड़ हो गया।

FY24 में Infra.Market का राजस्व और लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि

Infra.Market के प्रेस रिलीज़ के अनुसार, कंपनी का संयुक्त सकल राजस्व (Consolidated Gross Revenue) FY23 के ₹11,847 करोड़ से बढ़कर FY24 में ₹14,530 करोड़ हो गया। इस वृद्धि का मुख्य कारण कंस्ट्रक्शन मटेरियल कैटेगरी में बढ़ी हुई मांग और विस्तारित मार्केट प्रेजेंस है।

कंपनी का कहना है कि यह राजस्व निर्माण सामग्री, इन्फ्रास्ट्रक्चर गुड्स और तकनीकी उपकरणों की बिक्री से आता है। हालांकि, प्रेस रिलीज़ में राजस्व और खर्चों का विस्तृत विवरण साझा नहीं किया गया है।

प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) और EBITDA मार्जिन में सुधार

Infra.Market ने FY24 में ₹378 करोड़ का PAT दर्ज किया, जो कि FY23 में ₹155 करोड़ था, यानी यह 2.4 गुना वृद्धि दर्शाता है। PAT मार्जिन भी इसी दौरान बढ़कर 2.6% हो गया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष FY23 में यह 1.3% था।

कंपनी का EBITDA मार्जिन भी बढ़कर 7.5% हो गया, जो FY23 में 6.6% था। यह संकेत देता है कि कंपनी के ऑपरेशनल कार्यों में सुधार और लागत में कटौती के चलते लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

नई इन्वेस्टमेंट और प्राइवेट लेबल प्रोडक्ट्स का लॉन्च

Infra.Market ने FY24 के दौरान अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए बड़े निवेश किए। कंपनी ने कंक्रीट, दीवार समाधान (वॉलिंग सॉल्यूशंस), पेंट, इलेक्ट्रिकल्स, लकड़ी और टाइल्स जैसे प्राइवेट लेबल प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी केवल पारंपरिक निर्माण सामग्री पर ही नहीं, बल्कि नए उत्पादों और सेगमेंट्स में भी विस्तार कर रही है।

रिटेल और कंज्यूमर सेगमेंट में भी पकड़ मज़बूत

Infra.Market ने अपने B2B सेगमेंट के अलावा रिटेल और कंज्यूमर सेगमेंट में भी अपनी पकड़ बढ़ाई है। कंपनी का मानना है कि इन नए सेगमेंट्स से उसे अपने राजस्व में और अधिक वृद्धि करने का मौका मिलेगा। यह विस्तार न केवल कंपनी के बिजनेस मॉडल को विविध बनाता है बल्कि इसे एक व्यापक कंज्यूमर बेस तक पहुँचाने में भी मदद करता है।

Infra.Market का कारोबार और भारतीय निर्माण क्षेत्र पर प्रभाव

Infra.Market ने भारतीय कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। कंस्ट्रक्शन मटेरियल और इन्फ्रास्ट्रक्चर गुड्स के साथ-साथ टेक्निकल इक्विपमेंट्स में भी कंपनी की सशक्त उपस्थिति है। कंपनी का यह मॉडल न केवल भारतीय निर्माण क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, बल्कि इसे और सशक्त बना रहा है।

उपभोक्ताओं के लिए एक व्यापक समाधान

Infra.Market का दृष्टिकोण उन उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करना है, जो निर्माण सामग्री की आसान उपलब्धता चाहते हैं। कंपनी की वेबसाइट और एप्लिकेशन के माध्यम से उपभोक्ता विभिन्न प्रकार के कंस्ट्रक्शन मटेरियल, इन्फ्रास्ट्रक्चर गुड्स, और टेक्निकल इक्विपमेंट्स आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं।

यह प्लेटफॉर्म एक ऐसा विकल्प प्रदान करता है जो पारंपरिक सप्लाई चैन के मुकाबले तेज़, भरोसेमंद और किफायती है। इसने छोटे और बड़े बिल्डर्स को समय और लागत में कमी लाने का एक सशक्त साधन दिया है, जिससे उनके प्रोजेक्ट्स में भी कुशलता बढ़ी है।

भविष्य की योजनाएँ और मार्केट में पकड़ मज़बूत करने के प्रयास

Infra.Market की योजना है कि आने वाले वित्तीय वर्षों में अपनी सेवाओं और उत्पादों का विस्तार और भी तेज़ी से करे। प्राइवेट लेबल उत्पादों और रिटेल सेगमेंट में अपनी पकड़ को और अधिक सशक्त बनाना कंपनी की प्राथमिकता में शामिल है।

कंपनी के सीईओ और संस्थापक का मानना है कि भविष्य में यह नए मार्केट सेगमेंट्स में और अधिक विस्तार करेगी, जिससे भारतीय कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को आधुनिक और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

Infra.Market की FY24 की सफलता इसके मजबूत बिजनेस मॉडल और रणनीतिक विस्तार का नतीजा है। कंपनी ने न केवल राजस्व और लाभ में वृद्धि दर्ज की है, बल्कि अपने ग्राहकों को एक संपूर्ण और विस्तृत समाधान प्रदान करने में भी सफलता पाई है। नई इन्वेस्टमेंट और प्राइवेट लेबल प्रोडक्ट्स के लॉन्च के जरिए Infra.Market अपने मार्केट शेयर को और बढ़ाने की योजना बना रही है।

Infra.Market का यह कदम भारतीय निर्माण उद्योग को नए मुकाम पर ले जा सकता है, जहाँ कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े व्यवसायों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएँ आसानी से मिल सकेंगी।

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COOX: ऑन-डिमांड होम सर्विसेस में एक नया मुकाम, $125K की फंडिंग जुटाई

COOX

ऑन-डिमांड होम सर्विसेस स्टार्टअप COOX ने अपने सीड फंडिंग राउंड में $125K (लगभग 1 करोड़ रुपए) की राशि जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Inflection Point Ventures ने किया। यह राशि COOX को 20 से 40 शहरों तक अपने संचालन का विस्तार करने, मार्केटिंग में वृद्धि करने और अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) इंटिग्रेशन के जरिए ऑपरेशन में अधिक कुशलता और स्केलेबिलिटी लाने में मदद करेगी।

COOX का परिचय और सेवाएं

COOX की स्थापना अक्षत गुप्ता, अभिषेक गुप्ता, और रजत जौहरी ने की थी। यह स्टार्टअप 10 से अधिक ऑन-डिमांड होम सर्विसेस और इवेंट होस्टिंग सॉल्यूशंस प्रदान करता है। इसके अंतर्गत पेशेवर शेफ्स, होस्पिटैलिटी स्टाफ, रेंटल्स, और लाइव एंटरटेनमेंट जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, COOX घरेलू कुक भी मासिक सब्सक्रिप्शन पर उपलब्ध कराता है, जिससे घर के सभी कुकिंग ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।

COOX ने 2019 से लेकर अब तक 5 लाख से अधिक ग्राहकों की सेवा की है, और भारतीय से लेकर कॉन्टिनेंटल तक 15 प्रकार के क्यूज़ीन और 500 से अधिक डिशेज में विशेषज्ञता प्राप्त की है। इसके पास 3,000 से अधिक प्रशिक्षित पेशेवर हैं, और इसका उद्देश्य तकनीक के माध्यम से होम सर्विसेस को आधुनिक बनाना और होस्पिटैलिटी व इवेंट सेक्टर में गिग वर्कर्स के लिए रोजगार के अवसर बनाना है।

COOX की अनोखी सेवाएं और उपयोगिता

COOX ने अपने आप को एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया है, जो घर की पार्टियों और इवेंट्स को प्रोफेशनल अंदाज़ में होस्ट करने का आसान समाधान प्रदान करता है। इसकी सेवाओं में शामिल हैं:

  1. प्रोफेशनल शेफ्स – ग्राहकों की इच्छा अनुसार घरेलू रसोइयों से लेकर विभिन्न क्यूज़ीन के विशेषज्ञ शेफ्स तक उपलब्ध हैं।
  2. होस्पिटैलिटी स्टाफ – इवेंट्स के लिए वेटर, बारटेंडर, और साफ-सफाई करने वाले स्टाफ की व्यवस्था।
  3. रेंटल्स और लाइव एंटरटेनमेंट – इवेंट्स और पार्टियों के लिए आवश्यक उपकरणों का किराया और लाइव परफॉर्मेंस की व्यवस्था।
  4. मासिक घरेलू कुकिंग सब्सक्रिप्शन – जो रोज़मर्रा की कुकिंग ज़रूरतों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।

COOX ने उन ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए सेवाएं डिज़ाइन की हैं, जिन्हें घर पर कुकिंग और इवेंट मैनेजमेंट में सहूलियत चाहिए। चाहे वह किसी खास मौके पर खाने की सेवा हो या घर पर होस्ट किए गए इवेंट्स के लिए कुशल स्टाफ की ज़रूरत, COOX ने अपने प्लेटफॉर्म को इस प्रकार बनाया है कि सभी तरह के कस्टमर्स की ज़रूरतें पूरी हो सकें।

तकनीकी एकीकरण और विस्तार योजनाएं

COOX अपनी सेवाओं को और अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इंटिग्रेशन कर रहा है। इसके जरिए यह ग्राहकों को एक बेहतर यूजर एक्सपीरियंस प्रदान करेगा। AI की मदद से COOX रीयल-टाइम डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर सकेगा, जिससे कस्टमर की पसंद-नापसंद का पता चल सकेगा और उस अनुसार सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।

इसके अलावा, इस फंडिंग के जरिए COOX अपनी सेवाओं को वर्तमान के 20 शहरों से बढ़ाकर 40 शहरों तक फैलाने की योजना बना रहा है। इस विस्तार से COOX अधिक से अधिक लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकेगा और बड़े पैमाने पर अपनी मार्केट रीच बढ़ा सकेगा।

COOX की फंडिंग और भविष्य की योजना

COOX का लक्ष्य सिर्फ होम सर्विसेस में ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट और होस्पिटैलिटी सेक्टर में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरना है। Inflection Point Ventures के नेतृत्व में जुटाई गई $125K की फंडिंग से COOX को अपने मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ावा देने और अपने प्लेटफॉर्म में नए फीचर्स जोड़ने में मदद मिलेगी।

COOX के संस्थापक टीम का मानना है कि होम सर्विसेस और इवेंट्स इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता है। विशेषकर भारत जैसे देश में, जहां बड़े पैमाने पर होस्पिटैलिटी और इवेंट्स की डिमांड है, COOX इस क्षेत्र में ग्राहकों की बढ़ती ज़रूरतों को पूरी करने का एक प्रॉमिसिंग प्लेटफॉर्म बन सकता है।

भारतीय कस्टमर के लिए सुविधाजनक

COOX का उद्देश्य भारतीय ग्राहकों के लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक और किफायती सेवाएं प्रदान करना है। कस्टमर्स के लिए यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां वे आसानी से अपनी पसंद की सेवाएं बुक कर सकते हैं।

COOX का मासिक घरेलू कुकिंग सब्सक्रिप्शन सर्विस उन ग्राहकों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें रोज़ाना खाना पकाने के लिए भरोसेमंद कुक की ज़रूरत होती है। इस सेवा का फायदा उन ग्राहकों को हो रहा है, जो प्रोफेशनल और होम कुक्स की सहायता से अपनी किचन की जरूरतें पूरी कर रहे हैं।

निष्कर्ष

COOX ने ऑन-डिमांड होम सर्विसेस में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। इसके द्वारा पेश की जा रही सेवाएं न केवल घरेलू ज़रूरतों को पूरा कर रही हैं, बल्कि इवेंट्स और पार्टीज के आयोजन को भी सरल बना रही हैं। COOX का यह कदम कि वह अपनी सेवाओं को और भी अधिक शहरों में विस्तारित कर रहा है, एक सकारात्मक संकेत है कि यह स्टार्टअप आने वाले समय में भारत के इवेंट और होस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस नए फंडिंग से COOX को अपनी टेक्नोलॉजी को और मजबूत करने और नई सेवाओं को जोड़ने का अवसर मिलेगा। उम्मीद है कि यह कंपनी भविष्य में अपने ग्राहकों की हर उम्मीदों पर खरा उतरेगा और भारत के ऑन-डिमांड सर्विसेस इंडस्ट्री में एक नई ऊंचाई हासिल करेगा।

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EvoluteIQ: AI और ऑटोमेशन के जरिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने वाला स्टार्टअप

EvoluteIQ

EvoluteIQ, एक बिजनेस ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म, ने हाल ही में $20 मिलियन की इक्विटी और डेट फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Round2 Capital ने किया, और इसमें Nordea Growth Fund, DCAP Select, और PH Ventures ने भी भाग लिया। कंपनी के मुताबिक, इन फंड्स का उपयोग EvoluteIQ के AI ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने और वैश्विक विस्तार में मदद के लिए किया जाएगा।

EvoluteIQ: क्या है और कैसे काम करता है?

EvoluteIQ की स्थापना 2019 में समीत गुप्ते द्वारा की गई थी। यह एक AI-संचालित एंड-टू-एंड ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म है जो लो-कोड/नो-कोड अप्रोच के जरिए काम करता है। इसका मतलब है कि बिना ज्यादा तकनीकी जानकारी के भी, कंपनियां इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज़ी से आगे बढ़ा सकती हैं। EvoluteIQ के प्लेटफॉर्म में जनरेटिव AI, इंटेलिजेंट डेटा प्रोसेसिंग, प्रोसेस ऑटोमेशन, RPA (रॉबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन), और वेब/मोबाइल एप्लिकेशन डेवेलपमेंट जैसे फीचर्स शामिल हैं।

इस प्लेटफॉर्म में पहले से ही कई कनेक्टर्स इनबिल्ट होते हैं, जो इसे एंटरप्राइज़ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आसान बनाने और गति प्रदान करने में सहायक बनाते हैं। इसके जरिए कंपनियां अपने वर्कफ्लो को बेहतर बना सकती हैं, ऑपरेशनल कॉस्ट को कम कर सकती हैं, और विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में बड़े पैमाने पर स्केलेबिलिटी ला सकती हैं।

EvoluteIQ के प्लेटफॉर्म की खासियतें

EvoluteIQ का प्लेटफॉर्म एक ऑल-इन-वन सॉल्यूशन के रूप में कार्य करता है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख फीचर्स शामिल हैं:

  1. जनरेटिव AI: यह फीचर कंपनी को उनके डेटा का सही उपयोग करने में सक्षम बनाता है, जिससे निर्णय-निर्धारण में सहायता मिलती है।
  2. प्रोसेस ऑटोमेशन और RPA: इससे कंपनियां मैन्युअल प्रक्रियाओं को कम कर सकती हैं और ऑटोमेटेड वर्कफ्लो सेटअप कर सकती हैं।
  3. इंटेलिजेंट डेटा और इवेंट प्रोसेसिंग: यह डेटा की प्रोसेसिंग को तेज करता है और इवेंट-ड्रिवन प्रोसेसिंग को सपोर्ट करता है, जिससे बिजनेस प्रोसेसेज और भी कुशल बनते हैं।
  4. लो-कोड/नो-कोड डेवलपमेंट: इसके जरिए तकनीकी विशेषज्ञता के बिना भी उपयोगकर्ता आसानी से वेब और मोबाइल एप्लिकेशन बना सकते हैं।

कैसे मददगार है EvoluteIQ का प्लेटफॉर्म?

आज के दौर में, हर कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के महत्व को समझती है। लेकिन इसके साथ आने वाली जटिलताओं और लागत को संभालना एक चुनौती भरा काम हो सकता है। EvoluteIQ इस चुनौती का समाधान प्रदान करता है, जिससे कंपनियों को अपने ऑटोमेशन इनिशिएटिव को आसानी से लागू करने में मदद मिलती है। इसके फीचर्स और यूजर-फ्रेंडली डिज़ाइन इसे उन बिजनेस के लिए भी आदर्श बनाते हैं, जिन्हें तकनीकी ज्ञान की कमी है।

EvoluteIQ का उद्देश्य ऑपरेशनल जटिलता को कम करके डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को गति देना है। इस प्लेटफॉर्म की मदद से कंपनियां जल्दी से जल्दी अपने कार्यों को ऑटोमेट कर सकती हैं, जिससे न केवल उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है बल्कि समय और लागत में भी बचत होती है।

वैश्विक विस्तार और फंडिंग का महत्व

नए फंड्स के जरिए EvoluteIQ अपने प्लेटफॉर्म की AI क्षमताओं को बढ़ाने और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी कंपनियों तक पहुंचाने की योजना बना रही है। ग्लोबल मार्केट में बिजनेस ऑटोमेशन की मांग तेजी से बढ़ रही है, और EvoluteIQ इस मौके का लाभ उठाकर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है।

Round2 Capital, Nordea Growth Fund, और अन्य निवेशकों की भागीदारी से EvoluteIQ के प्रति निवेशकों का विश्वास झलकता है। यह निवेश न केवल EvoluteIQ के उत्पाद को मजबूत करेगा बल्कि इसे एक ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।

फाउंडर समीत गुप्ते का विज़न

EvoluteIQ के फाउंडर समीत गुप्ते का कहना है कि उनका लक्ष्य एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करना है जो विभिन्न इंडस्ट्रीज़ में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आसान बनाए। उनके अनुसार, EvoluteIQ एक ऐसा समाधान प्रदान करता है जो बिजनेस ऑटोमेशन की हर चुनौती का समाधान करता है। समीत का मानना है कि ऑटोमेशन के जरिए कंपनियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है और उनके संचालन को और भी कुशल बनाया जा सकता है।

EvoluteIQ का प्रभाव

EvoluteIQ का लक्ष्य सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छोटे और मझोले आकार के व्यवसायों के लिए भी उपयोगी है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से छोटे व्यवसाय अपने वर्कफ्लो को डिजिटल कर सकते हैं, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी में सुधार होगा और ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सकेगी।

इसके अलावा, AI और ऑटोमेशन के जरिए यह प्लेटफॉर्म बिजनेस को बढ़ने का नया रास्ता प्रदान करता है। EvoluteIQ का लो-कोड/नो-कोड अप्रोच विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए लाभकारी है, जिनके पास तकनीकी साधनों की कमी है।

निष्कर्ष

EvoluteIQ का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है। AI और ऑटोमेशन के क्षेत्र में इसके जैसे प्लेटफॉर्म्स की मांग बढ़ रही है, और EvoluteIQ का यूजर-फ्रेंडली और फीचर-समृद्ध प्लेटफॉर्म इसे बाजार में अलग पहचान दिला सकता है।

इस नए फंडिंग राउंड के साथ, EvoluteIQ ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि EvoluteIQ अपने वैश्विक विस्तार और अपने प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने के अपने लक्ष्यों को कैसे हासिल करता है।

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Razorpay ने दर्ज की राजस्व में 24% वृद्धि, मुनाफे में 5 गुना उछाल

Razorpay

फिनटेक प्लेटफॉर्म Razorpay ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अपनी पेमेंट गेटवे (PG) सेवा में 24% सालाना वृद्धि दर्ज की है, भले ही साल के पहले नौ महीनों में नए व्यापारियों के लिए ऑनबोर्डिंग अस्थाई रूप से रोक दी गई थी। इस दौरान कंपनी का कर पश्चात मुनाफा लगभग पांच गुना बढ़ गया, जो कि एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

कंपनी के प्रेस रिलीज़ के अनुसार, Razorpay सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड (RSPL) के माध्यम से संचालित पेमेंट गेटवे कारोबार ने कुल 2,068 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया। इसी दौरान, कंपनी की कुल आय 2,501 करोड़ रुपये रही। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल कंपनी ने केवल अपने पेमेंट गेटवे कारोबार का राजस्व RSPL में रिपोर्ट किया है।

पिछले वित्तीय वर्ष (FY23) में, कंपनी का कुल राजस्व (जिसमें पेमेंट गेटवे और अन्य सेवाएं शामिल हैं) 2,293 करोड़ रुपये था। कंपनी ने दिसम्बर 2023 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पेमेंट एग्रीगेटर (PA) प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद नए व्यापारियों के लिए ऑनबोर्डिंग फिर से शुरू की, जिससे कंपनी के लिए यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

रेज़रपे ने बताया कि इस अधिकृत परिचालन की सहायता से फिनटेक यूनिकॉर्न कंपनी ने कर पश्चात लाभ (PAT) में 4.7 गुना वृद्धि हासिल की। पिछले वित्तीय वर्ष में PAT 34 करोड़ रुपये था, जो FY23 में 7 करोड़ रुपये था।

नए व्यापारिक विस्तार के साथ आर्थिक उछाल की ओर

Razorpay के PG कारोबार में वृद्धि ने इसे भारतीय फिनटेक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचा दिया है। RBI से PA प्राधिकरण मिलने के बाद, कंपनी ने न केवल नए व्यापारियों को ऑनबोर्ड करना फिर से शुरू किया, बल्कि अपने मौजूदा कारोबारी दायरे को भी बेहतर किया। इस विस्तार का मुख्य उद्देश्य कंपनी की सेवाओं को विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों तक पहुंचाना और छोटे व्यवसायों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित करना है।

वित्तीय वर्ष 2024 के लिए प्रगति और योजनाएं

रेज़रपे ने अपने विकास को स्थिर बनाए रखने और अधिक मुनाफा अर्जित करने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। कंपनी ने भारतीय फिनटेक बाजार में नवाचार लाने के लिए अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने का प्रयास किया है। साथ ही, कंपनी का ध्यान ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग, व्यापारी सेवाओं और अन्य वित्तीय सेवाओं की व्यापक श्रृंखला प्रदान करने पर केंद्रित है।

फिनटेक उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत

रेज़रपे के लाभप्रदता और व्यापार वृद्धि की यह कहानी भारतीय फिनटेक उद्योग के भविष्य के लिए भी एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। RBI के साथ प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद, रेज़रपे ने अपनी साख और भरोसे को बढ़ाया है, जिससे नए व्यापारियों का रुझान इस प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रहा है।

रेज़रपे ने अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के साथ फिनटेक सेक्टर में मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। कंपनी का उद्देश्य न केवल अपने पेमेंट गेटवे व्यवसाय को विस्तार देना है, बल्कि ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए और अत्याधुनिक वित्तीय समाधान भी प्रस्तुत करना है। इसके अलावा, कंपनी विभिन्न उद्योगों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने में भी सहायक साबित हो रही है।

ग्राहकों के लिए नए उत्पाद और सेवाएं

रेज़रपे के पेमेंट गेटवे का मुख्य आकर्षण यह है कि यह व्यापारियों को तेज़ और सुरक्षित पेमेंट प्रोसेसिंग सेवाएं प्रदान करता है। इसके साथ ही, कंपनी अपने ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग, इन्वेंटरी मैनेजमेंट, इनवॉइस जनरेशन और कैश फ्लो मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रही है। इसके अलावा, कंपनी भविष्य में माइक्रो-लोन, बाय नाउ पे लेटर (BNPL) और अन्य वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर सकती है।

फिनटेक स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणादायक भूमिका

रेज़रपे ने अपनी सफलता के जरिए अन्य फिनटेक स्टार्टअप्स को भी प्रेरित किया है। इसके वित्तीय अनुशासन और प्रौद्योगिकी में नवाचार के चलते यह कंपनी भारतीय फिनटेक उद्योग में एक आदर्श बन चुकी है। इसका PA लाइसेंस प्राप्त करना और नए व्यापारियों को जोड़ना न केवल इसकी सेवा गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कंपनी किस प्रकार से नियामक आवश्यकताओं के साथ तालमेल बनाए रखती है।

आर्थिक परिणामों पर सकारात्मक प्रभाव

रेज़रपे का इस वित्तीय वर्ष में कर पश्चात लाभ (PAT) में लगभग पांच गुना वृद्धि प्राप्त करना यह दर्शाता है कि कंपनी का वित्तीय मॉडल काफी मजबूत है। कंपनी के लिए यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वृद्धि नए व्यापारिक विस्तार और ग्राहकों के विश्वास में बढ़ोतरी के साथ आई है।

फिनटेक सेक्टर में रेज़रपे का भविष्य

रेज़रपे का लक्ष्य भारत में डिजिटल भुगतान को अधिक सुलभ और सरल बनाना है। इसके लिए कंपनी डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के साथ-साथ छोटे और मझौले उद्यमों को भी सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रही है। भविष्य में रेज़रपे अपने पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म को और अधिक उन्नत करने के साथ-साथ नए डिजिटल उत्पादों की पेशकश कर सकता है, जो इसके ग्राहकों को न केवल उच्च गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करेंगे बल्कि वित्तीय समावेशन को भी प्रोत्साहित करेंगे।

कुल मिलाकर, रेज़रपे का प्रदर्शन और उसकी भविष्य की योजनाएं दर्शाती हैं कि कंपनी भारत के फिनटेक सेक्टर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर रही है। वित्तीय वर्ष 2024 में रेज़रपे के द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियां और उसकी भविष्य की रणनीति यह दर्शाती है कि कंपनी डिजिटल भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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एजु-वेल्थ स्टार्टअप Zinc ने हासिल की बड़ी फंडिंग, बच्चों की शिक्षा के लिए पेश करेगा नई सुविधाएं

Zinc

पूर्व PayU Finance India के CEO प्रशांत रंगनाथन द्वारा स्थापित एजु-वेल्थ स्टार्टअप Zinc ने हाल ही में अपने सीड फंडिंग राउंड में $25.5 मिलियन जुटाए हैं। इस निवेश राउंड का नेतृत्व Nexus Venture Partners ने किया, जिसमें Quona Capital, EDBI, Global Ventures और Credit Saison ने भी भागीदारी निभाई। कंपनी ने कहा है कि यह फंड प्रोडक्ट इनोवेशन और नए ऑफर्स को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाएगा, खासकर ग्लोबल इन्वेस्टमेंट टूल्स, एआई-संचालित यूनिवर्सिटी काउंसलिंग और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सॉल्यूशन्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए।

भारतीय परिवारों के लिए बच्चों की शिक्षा का वित्तीय समाधान

Zinc का उद्देश्य विदेश में शिक्षा की बढ़ती लागत को देखते हुए एक ऐसा वित्तीय ढांचा तैयार करना है, जो विशेष रूप से इस जरूरत के लिए अनुकूलित हो। इस दिशा में, Zinc ने अपना AI-आधारित एडु-काउंसलर प्लेटफॉर्म Ada तैयार किया है, जो भारतीय छात्रों को संपूर्ण सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह प्लेटफॉर्म भारतीय छात्रों और उनके परिवारों को विश्वविद्यालय चयन, प्रवेश प्रक्रिया, और अध्ययन सामग्री जैसी आवश्यकताओं में सहायता करता है।

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट टूल्स और सुरक्षित भविष्य

Zinc के ग्लोबल इन्वेस्टमेंट टूल्स के माध्यम से माता-पिता अपने बचत को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी निवेश कर सकते हैं, जिससे वे बच्चों की शिक्षा के लिए एक स्थिर वित्तीय योजना तैयार कर सकते हैं। Zinc का यह निवेश टूल मुद्रा विनिमय में उतार-चढ़ाव से उत्पन्न जोखिम को कम करने में भी सहायक साबित होगा, जिससे माता-पिता को आर्थिक सुरक्षा मिलती है। इस तरह की सुविधाएं न केवल बच्चों के शैक्षिक भविष्य को सुरक्षित बनाने में मददगार साबित हो रही हैं बल्कि वित्तीय रूप से मजबूत आधार भी प्रदान कर रही हैं।

SEBI और PSP लाइसेंस की मंजूरी

Zinc ने SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से Registered Investment Advisor (RIA) लाइसेंस प्राप्त किया है और साथ ही Payment Service Provider (PSP) लाइसेंस के लिए इन-प्रिंसिपल मंजूरी भी हासिल की है। इसके अलावा, कंपनी ने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर्स अथॉरिटी (IFSCA) से गिफ्ट सिटी में ब्रोकरेज लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इन लाइसेंसों के जरिए Zinc अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकेगी और भारतीय परिवारों को सुरक्षित निवेश विकल्प मुहैया करा सकेगी।

प्रशांत रंगनाथन: एक अनुभवी संस्थापक का अनुभव

प्रशांत रंगनाथन, जिन्होंने पहले PaySense की स्थापना की थी और जिसे 2020 में PayU ने अधिग्रहित किया, अब Zinc के साथ एक नई शुरुआत कर रहे हैं। वे उन संस्थापकों में शामिल हैं, जिन्होंने 2024 में अपने सीड राउंड में $20 मिलियन से अधिक का फंड जुटाया है। रंगनाथन का अनुभव और उनकी दूरदृष्टि Zinc को भारतीय एजुकेशन और फाइनेंस सेक्टर में एक मजबूत स्थिति में लाने में मददगार साबित हो सकता है।

Zinc के सेवाओं का भविष्य और संभावनाएं

Zinc ने अपनी सेवाओं को और अधिक व्यापक बनाने की योजना बनाई है, जिसमें वह विभिन्न प्रकार के समाधान और टूल्स शामिल करेगा। AI-संचालित यूनिवर्सिटी काउंसलिंग और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सॉल्यूशन्स इसके प्रमुख उत्पाद हैं, जो न केवल छात्रों की विदेश में शिक्षा को आसान बनाएंगे बल्कि माता-पिता के आर्थिक बोझ को भी कम करेंगे। Zinc का उद्देश्य है कि वह छात्रों और परिवारों को न केवल शिक्षा में बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग में भी मार्गदर्शन प्रदान करे, जिससे उनकी शिक्षा का हर कदम आसान हो।

भारतीय शिक्षा क्षेत्र में Zinc का प्रभाव

भारतीय शिक्षा क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही लागत और विदेशी शिक्षा की मांग के चलते Zinc का यह कदम अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह स्टार्टअप उन माता-पिता और छात्रों के लिए मददगार साबित होगा, जो विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक हैं। Zinc के नए फंडिंग से उसे उत्पादों में इनोवेशन और अपनी सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, जिससे वह भविष्य में अधिक व्यापक रूप से भारतीय उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा सकेगा।

निष्कर्ष

Zinc का यह सीड राउंड फंडिंग भारतीय शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी खबर है। यह स्टार्टअप न केवल छात्रों की विदेश में शिक्षा की यात्रा को आसान बना रहा है बल्कि उनके वित्तीय भविष्य को भी सुरक्षित बना रहा है। Zinc का यह कदम उन परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है जो अपने बच्चों को उच्च शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ अवसर देना चाहते हैं।

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InsuranceDekho और RenewBuy के विलय से बनेगी भारत की दूसरी सबसे बड़ी बीमा कंपनी

InsuranceDekho

InsuranceDekho और RenewBuy के विलय का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत एग्रीगेशन प्लेटफॉर्म का निर्माण करना है जो ग्राहकों को विभिन्न बीमा उत्पादों तक आसानी से पहुंचा सके। यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों के लिए बीमा उत्पादों की तुलना करना, बेहतर विकल्पों का चुनाव करना और बीमा योजनाओं का लाभ उठाना बेहद सरल बना देगा। आज के डिजिटल युग में, ग्राहक एक क्लिक में अपनी जरूरतों के अनुसार बीमा उत्पादों को ब्राउज़ करना चाहते हैं, और यह विलय ग्राहकों की इसी जरूरत को पूरा करेगा।

ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना

इस नई कंपनी का उद्देश्य सिर्फ बीमा बेचने तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्राहकों का समग्र अनुभव बेहतर बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करना है। दोनों कंपनियों के पास एक मजबूत कस्टमर सपोर्ट सिस्टम है, जो कि विलय के बाद और भी सशक्त होगा। इसके साथ ही, नई कंपनी अपने कस्टमर केयर सिस्टम को आधुनिक तकनीक के साथ अपग्रेड करने की योजना भी बना रही है, जिससे ग्राहकों की शिकायतों का त्वरित समाधान मिल सके।

स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत पकड़

भारत के बीमा बाजार की एक खासियत यह है कि इसमें ग्राहकों की विविधता बहुत अधिक है। प्रत्येक राज्य और क्षेत्र की बीमा आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं भिन्न होती हैं। इस विलय से बनी नई कंपनी का ध्यान स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर अपने आधार को मजबूत करने पर भी रहेगा। यह ग्राहकों की विशेष जरूरतों के हिसाब से बीमा उत्पादों को कस्टमाइज कर पाएंगे, जिससे ग्राहकों की संतुष्टि में भी इजाफा होगा।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश

विलय के बाद कंपनी का एक बड़ा उद्देश्य अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करना भी है। नई कंपनी AI और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करेगी, जिससे ग्राहकों के लिए अधिक पर्सनलाइज्ड बीमा सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इससे ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कस्टमाइज्ड प्लान्स मिल सकेंगे, जो न सिर्फ उन्हें सुरक्षा देंगे बल्कि उनकी जीवनशैली के अनुसार उपयुक्त भी होंगे।

नई बीमा योजनाओं का विस्तार

InsuranceDekho और RenewBuy के विलय से कंपनी के पास नए और विविध बीमा योजनाओं को लॉन्च करने का अवसर भी मिलेगा। इसका उद्देश्य न केवल मोटर या हेल्थ बीमा तक सीमित रहेगा, बल्कि जीवन बीमा, यात्रा बीमा, और व्यक्तिगत बीमा जैसे अन्य प्रोडक्ट्स को भी बढ़ावा देने का रहेगा।

बीमा बाजार में वृद्धि की उम्मीद

भारत का बीमा बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और इस वृद्धि का लाभ उठाने के लिए InsuranceDekho और RenewBuy का विलय एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में डिजिटल बीमा में बड़े स्तर पर वृद्धि होगी, और इस बढ़ते बाजार में इस नई कंपनी का प्रभावी योगदान हो सकता है।

बीमा शिक्षा पर जोर

बीमा बाजार में एक बड़ी चुनौती यह भी है कि बहुत से लोगों को बीमा उत्पादों और उनकी विशेषताओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। इसलिए, यह नई कंपनी बीमा शिक्षा पर भी ध्यान देने की योजना बना रही है। कंपनी विभिन्न शैक्षिक अभियानों और वेबिनार्स के माध्यम से लोगों को बीमा के फायदे, सही बीमा योजना का चयन और इसके सुरक्षा पहलुओं के बारे में जागरूक करेगी।

आगामी समय में नई संभावनाएं

यह विलय केवल दो कंपनियों का गठबंधन नहीं है बल्कि भारतीय बीमा क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देने का अवसर भी है। भारत जैसे विशाल और विविध बाजार में इस तरह की एकीकृत सेवा से न सिर्फ बाजार का विस्तार होगा बल्कि अधिक रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

ग्राहकों को अब बीमा लेने के लिए ज्यादा विकल्प, बेहतर सेवाएं और एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म मिल सकेगा। कुल मिलाकर, InsuranceDekho और RenewBuy का यह विलय एक नया अध्याय है जो भारतीय बीमा बाजार को आधुनिक तकनीकों और ग्राहकों के अनुभव के साथ जोड़ने में मदद करेगा।

समाप्ति में यह कहा जा सकता है कि यह विलय भारतीय बीमा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा, जहां ग्राहक और कंपनियां दोनों को ही लाभ होगा। इस विलय के जरिए न केवल बीमा सेवाएं ग्राहकों के लिए अधिक सुलभ और प्रभावी बनेंगी बल्कि बाजार में नई प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिलेगी, जिससे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी।

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Atomberg की परिचालन राजस्व में 31% वृद्धि, घाटा 31.7% कम हुआ

Atomberg

मुंबई स्थित उपभोक्ता उपकरण ब्रांड Atomberg ने वित्तीय वर्ष 2024 में अपने परिचालन राजस्व में 31% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है, साथ ही कंपनी ने अपने घाटे को भी 31.7% तक कम किया है। यह जानकारी कंपनी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है। इस शानदार प्रदर्शन का मुख्य कारण कंपनी के फैन सेगमेंट में मजबूत वृद्धि रही है, जिसने कुल 841 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

परिचालन राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि

वित्तीय वर्ष 2024 में Atomberg का परिचालन राजस्व 31.5% बढ़कर 848 करोड़ रुपये हो गया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष में 645 करोड़ रुपये था। कंपनी के इस राजस्व का बड़ा हिस्सा उनके ऊर्जा दक्ष ब्रशलेस डायरेक्ट करंट (BLDC) और स्मार्ट फैंस से आया है। Atomberg के फैंस भारतीय उपभोक्ताओं में अपने कम ऊर्जा खपत और स्मार्ट फीचर्स के लिए लोकप्रिय हो गए हैं। कंपनी का दावा है कि उसने अब तक 80 लाख से अधिक यूनिट्स बेची हैं।

हालांकि, नॉन-फैन सेगमेंट से कंपनी को केवल 7 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। Atomberg को उम्मीद है कि इस सेगमेंट में अगले वित्तीय वर्ष में तेजी से वृद्धि देखने को मिलेगी, खासकर उसके किचन और लॉक प्रोडक्ट्स की बिक्री में सकारात्मक रुझानों के कारण।

परिचालन परिणामों में सुधार और EBITDA में वृद्धि

Atomberg ने वित्तीय वर्ष 2024 में अपने परिचालन EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और ऋण) में भी सुधार दर्ज किया है। कंपनी का परिचालन EBITDA घाटा पिछले साल के 49 करोड़ रुपये से घटकर इस साल 22 करोड़ रुपये रह गया, जिससे EBITDA मार्जिन -8% से घटकर -3% हो गया है।

कंपनी के वित्तीय सुधार में A91 Ventures का समर्थन महत्वपूर्ण रहा है। उनके सहयोग से कंपनी ने अपने घाटे को कम करने में सफलता पाई है। Atomberg ने अपने घाटे को 202 करोड़ रुपये (FY23) से घटाकर 138 करोड़ रुपये (FY24) कर दिया है।

ESOP और अन्य नॉन-ऑपरेशनल खर्चों का प्रभाव

कंपनी के रिपोर्टेड घाटे और परिचालन EBITDA के बीच का अंतर गैर-परिचालन खर्चों से संबंधित है, जिनमें ESOP ग्रांट्स, प्रबंधन बोनस और फंडरेजिंग गतिविधियों के खर्च शामिल हैं। कंपनी के अनुसार, ये खर्च उनके वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं, लेकिन उनके व्यवसाय के मूल परिचालन में इनका सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है।

भविष्य की योजनाएं और विकास की संभावनाएं

Atomberg का उद्देश्य न केवल अपनी मौजूदा उत्पाद श्रेणियों में मजबूती बनाए रखना है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार करना है। कंपनी ने संकेत दिया है कि वह अगले वित्तीय वर्ष में अपने नॉन-फैन प्रोडक्ट्स, जैसे मिक्सर ग्राइंडर और स्मार्ट लॉक्स के बाजार में भी अच्छी वृद्धि की संभावना देख रही है। कंपनी का मानना है कि स्मार्ट उपकरणों की बढ़ती मांग और ऊर्जा दक्ष उत्पादों की लोकप्रियता उनके लिए आगे के विकास के दरवाजे खोल सकती है।

Atomberg का यह प्रदर्शन भारतीय उपभोक्ता बाजार में स्मार्ट और ऊर्जा दक्ष उपकरणों की बढ़ती मांग को दर्शाता है। कंपनी ने अपने उत्पादों को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि वे उपभोक्ताओं की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ बिजली की खपत में भी कमी लाते हैं। इससे न केवल उपभोक्ताओं को फायदा होता है, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

भारतीय उपभोक्ता बाजार में Atomberg का स्थान

भारतीय उपभोक्ता उपकरण बाजार में Atomberg का स्थान महत्वपूर्ण है। उनके उत्पाद जैसे कि BLDC फैंस, न केवल अपने कम बिजली खर्च के कारण खासे लोकप्रिय हुए हैं, बल्कि वे स्मार्ट फीचर्स से भी लैस हैं जो उपभोक्ताओं को अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करते हैं। मिक्सर ग्राइंडर और स्मार्ट लॉक जैसे उत्पादों के माध्यम से Atomberg का लक्ष्य है कि वह भारतीय बाजार में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करे और अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंचे।

घरेलू उपकरणों के क्षेत्र में भविष्य की दिशा

भारतीय घरेलू उपकरण बाजार में स्मार्ट होम उपकरणों की मांग बढ़ रही है। Atomberg जैसी कंपनियां जो स्मार्ट और ऊर्जा दक्ष उत्पाद पेश कर रही हैं, वे इस बढ़ती मांग का लाभ उठा सकती हैं। कंपनी की योजना है कि वह न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपने उपकरणों को लेकर आए, जिससे उनका वैश्विक विस्तार संभव हो सके।

निष्कर्ष

Atomberg के वित्तीय प्रदर्शन में आई यह सकारात्मकता भारतीय उपभोक्ता बाजार में कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाती है। परिचालन राजस्व में वृद्धि और घाटे में कमी दर्शाते हैं कि कंपनी अपने उद्देश्यों की ओर सही दिशा में आगे बढ़ रही है। कंपनी का उद्देश्य है कि वह ऊर्जा दक्ष और स्मार्ट उपकरणों के माध्यम से भारतीय उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करे।

आने वाले समय में, Atomberg के प्रदर्शन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कंपनी घरेलू उपकरण बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकती है, और अपने स्मार्ट प्रोडक्ट्स के साथ उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प प्रदान कर सकती है।

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Udaan

भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Udaan ने लगभग 300 करोड़ रुपये (35 मिलियन डॉलर से अधिक) का डेट फंडिंग हासिल किया है। इस फंडिंग राउंड में प्रमुख निवेशक Lighthouse CantonStride VenturesInnoVen Capital, और Trifecta Capital शामिल हैं। यह बेंगलुरु स्थित इस कंपनी का पिछले एक साल का पहला डेट राउंड है। नए फंड का उपयोग कंपनी की बैलेंस शीट को सशक्त बनाने और पूरे भारत में छोटे व्यवसायों को सशक्त करने के लिए किया जाएगा।

Udaan की दिसंबर 2023 में सीरीज़ E फंडिंग राउंड और मूल्यांकन में गिरावट

दिसंबर 2023 में Udaan ने 340 मिलियन डॉलर की सीरीज़ E फंडिंग जुटाई थी। इस राउंड का नेतृत्व M&G Plc ने किया था, जिसमें Lightspeed Venture Partners और DST Global जैसे मौजूदा निवेशक भी शामिल थे। हालांकि इस राउंड ने Udaan को एक वित्तीय बढ़ावा दिया, लेकिन कंपनी का मूल्यांकन 59.3% गिरकर 1.3 बिलियन डॉलर पर आ गया, जो पहले 3.2 बिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर था।

लाभ की ओर बढ़ता Udaan और 2024 में राजस्व में वृद्धि

Udaan का कहना है कि कंपनी लाभ की दिशा में बढ़ रही है। 2024 में कंपनी ने राजस्व में 60% की वृद्धि दर्ज की है, और कंपनी के रोज़ाना ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों की संख्या में भी 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, Udaan ने अपने EBITDA में बर्न रेट को 30% तक कम करने का दावा किया है, जिससे कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।

Udaan का विभिन्न श्रेणियों में व्यवसाय और विस्तृत नेटवर्क

2016 में स्थापित Udaan कई श्रेणियों में एक विशाल मार्केटप्लेस संचालित करता है। इनमें लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम एंड किचन, स्टेपल्स, फल-सब्जियाँ, FMCG, फार्मा, खिलौने, और जनरल मर्चेंडाइज शामिल हैं। कंपनी का दावा है कि उसका नेटवर्क 900 से अधिक शहरों में फैला हुआ है, जिसमें 3 मिलियन से अधिक रिटेलर जुड़े हुए हैं।

लागत में कटौती और कर्मचारियों में कमी

Udaan ने पिछले एक साल में अपनी लागत को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस दिशा में किए गए प्रयासों में कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल है। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त किया, जिससे लागत को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

भारतीय बाजार में Udaan का भविष्य और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की योजना

भारतीय बी2बी ई-कॉमर्स क्षेत्र में Udaan ने छोटे व्यवसायों और खुदरा विक्रेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में खुद को स्थापित किया है। कंपनी का उद्देश्य न केवल छोटे व्यवसायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें एक संगठित और प्रौद्योगिकी-सक्षम प्लेटफॉर्म भी प्रदान करना है।

छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने की दिशा में Udaan की रणनीति

Udaan ने छोटे व्यवसायों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और उन्हें देशभर के विभिन्न बाज़ारों से जोड़ने में बड़ी सफलता पाई है। इसके माध्यम से कंपनी का उद्देश्य है कि छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारी, जो परंपरागत रूप से बड़े ब्रांड्स से मुकाबला नहीं कर पाते थे, वे अब उभरते हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें। इस प्रयास में Udaan ने न केवल उन्हें एक टेक-ड्रिवन प्लेटफॉर्म प्रदान किया है, बल्कि उनके परिचालन को सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं भी दी हैं।

फंडिंग का महत्व और भविष्य की योजनाएं

नए फंडिंग राउंड से प्राप्त 300 करोड़ रुपये का उपयोग Udaan अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के साथ-साथ कंपनी के विस्तार में करेगा। Udaan की योजना है कि वह अपनी सेवाओं में और सुधार कर सके, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए तकनीकी आधार पर खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया और सरल हो सके। नए फंड्स का एक हिस्सा इनवेंटरी मैनेजमेंट और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन के लिए खर्च किया जाएगा, ताकि व्यवसायियों को एक अधिक भरोसेमंद और तेज़ डिलीवरी का अनुभव मिल सके।

Udaan के इस फंडिंग राउंड में निवेशक Lighthouse CantonStride VenturesInnoVen Capital, और Trifecta Capital जैसे दिग्गज शामिल हैं। ये निवेशक मानते हैं कि Udaan का बिजनेस मॉडल भारतीय बाजार में अद्वितीय है और यह भारतीय खुदरा क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। उनका विश्वास है कि कंपनी द्वारा किए गए यह निवेश न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी साबित होगा।

कठिन आर्थिक परिस्थिति में सकारात्मक वृद्धि

2023 में वैश्विक मंदी के बावजूद Udaan ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। कंपनी के राजस्व में 60% की वृद्धि और EBITDA बर्न रेट में 30% की कमी इस बात का प्रमाण है कि कंपनी ने अपने संचालन को अत्यधिक कुशल बनाया है। Udaan का लक्ष्य है कि कंपनी 2024 के अंत तक लाभ में आ जाए और आर्थिक संकट के बावजूद यह एक मजबूत वित्तीय स्थिति बनाए रखे।

लागत में कटौती के लिए अपनाई गई रणनीति

लागत में कमी के लिए Udaan ने कई कदम उठाए हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण कदम कर्मचारियों की संख्या में कमी करना था। दिसंबर 2023 में, कंपनी ने 100 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। इस निर्णय से कंपनी की संचालन लागत में कमी आई है और इसे वित्तीय रूप से स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है। हालांकि, कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा गुणवत्ता में कोई कमी न आए और ग्राहकों को पहले जैसी ही उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त हों।

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में Udaan की स्थिति

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में Udaan ने खुद को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया है। जहां Amazon और Flipkart जैसी कंपनियां B2C मॉडल पर आधारित हैं, वहीं Udaan का B2B मॉडल इसे बाकी कंपनियों से अलग बनाता है। यह मॉडल छोटे खुदरा विक्रेताओं को सीधे निर्माताओं और थोक विक्रेताओं से जोड़ता है, जिससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उचित मूल्य पर प्राप्त हो सकते हैं।

Udaan का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और यह कंपनी को भारतीय बाजार की गहरी समझ प्रदान करता है। इस मजबूत नेटवर्क के माध्यम से Udaan ने न केवल खुदरा विक्रेताओं को बल्कि निर्माताओं और थोक विक्रेताओं को भी लाभ पहुंचाया है। इसने आपूर्ति श्रृंखला में समय और लागत दोनों को कम किया है, जो कि छोटे व्यवसायों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

भारतीय ई-कॉमर्स का भविष्य और Udaan की भूमिका

भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग लगातार विकासशील है और आने वाले वर्षों में इस उद्योग में कई और नवाचार देखने को मिलेंगे। Udaan का मानना है कि वह इस उद्योग के भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, विशेषकर छोटे और मध्यम व्यवसायों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने में। भारतीय बाजार में B2B ई-कॉमर्स का भविष्य उज्ज्वल है और Udaan जैसी कंपनियां इसमें सबसे आगे हैं।

कंपनी की यह पहल छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाएगी, जिससे भारतीय खुदरा क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा। इसके साथ ही, Udaan का फोकस छोटे व्यापारियों के लिए आसानी से उपलब्ध वित्तीय सेवाओं को पेश करने पर भी है। कंपनी वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर छोटे व्यवसायों के लिए वित्तपोषण में सुधार लाने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

Udaan का यह नया फंडिंग राउंड कंपनी के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। कंपनी ने छोटे व्यवसायों के सशक्तिकरण की दिशा में जो प्रयास किए हैं, वे भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग को सकारात्मक दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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