Avaana Capital ने क्लाइमेट और सस्टेनेबिलिटी फंड में $135 मिलियन का क्लोज़ किया

Avaana Capital

जलवायु परिवर्तन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने वाली वेंचर कैपिटल फर्म Avaana Capital ने अपने $135 मिलियन Avaana Climate and Sustainability Fund का अंतिम क्लोज़ कर दिया है। यह फंड जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारत को नेट जीरो लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए शुरुआती चरण की कंपनियों में निवेश करेगा।

संस्थागत निवेशकों का समर्थन

Avaana Capital ने कहा कि इस फंड को संस्थागत निवेशकों से व्यापक समर्थन मिला है, जिनमें प्रमुख रूप से ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) शामिल है। अन्य महत्वपूर्ण निवेशकों में यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC), यूके सरकार के माध्यम से UK-India Development Cooperation Fund (UKIDCF), सेल्फ रिलायंट इंडिया (SRI) फंड, सिडबी (SIDBI), अजीम प्रेमजी ट्रस्ट और कई बड़े कॉर्पोरेशन शामिल हैं।

यह साझेदारी भारत के नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अग्रणी कंपनियों को वित्तीय समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

तकनीकी समाधान और जलवायु परिवर्तन की दिशा में निवेश

Avaana Capital की स्थापना के पीछे जलवायु परिवर्तन और स्थिरता के लिए तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना है। कंपनी शुरुआती चरण की उन कंपनियों में निवेश करेगी जो जलवायु शमन (मिटिगेशन) और अनुकूलन (एडॉप्टेशन) के लिए स्केलेबल समाधान विकसित कर रही हैं।

Avaana Climate and Sustainability Fund का नेतृत्व अंजलि बंसल और स्वप्ना गुप्ता कर रही हैं। यह फंड टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन और इनोवेटिव क्लाइमेट सॉल्यूशंस में निवेश करेगा। इसकी कुछ प्रमुख पोर्टफोलियो कंपनियों में Eeki Foods, Aerem, Kazam, Sentra.world, FarMart, Eggoz, Ninety One 91, Turno और Terra.do शामिल हैं।

पहला क्लोज़ और Avaana का सफर

पिछले साल जून में, Avaana Capital ने अपने Avaana Climate and Sustainability Fund के पहले क्लोज़ के लिए $70 मिलियन जुटाए थे। इस फंड का उद्देश्य जलवायु से जुड़ी समस्याओं का हल ढूंढने वाली कंपनियों को फंडिंग प्रदान करना और उन्हें बढ़ावा देना है, ताकि वे स्थिरता के लक्ष्य की दिशा में काम कर सकें।

इस फंड के साथ, Avaana Capital उन स्टार्टअप्स को सहयोग करेगा जो पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। इस फंड के माध्यम से Avaana Capital ने दिखाया है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में वेंचर कैपिटल का कितना महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

जलवायु परिवर्तन और निवेश का भविष्य

जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, और Avaana Capital का यह फंड भारत के लिए इस चुनौती से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। फंड का उद्देश्य उन स्टार्टअप्स को आर्थिक मदद देना है, जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

कंपनियों को सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित करने वाले ऐसे फंड न केवल निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं, बल्कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत का नेट जीरो लक्ष्य और Avaana की भूमिका

भारत का नेट जीरो लक्ष्य 2070 तक का है, और यह यात्रा Avaana जैसे फंड्स के सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती। Avaana Capital की स्थापना इस दिशा में एक मजबूत कदम है, जो शुरुआती चरण की कंपनियों को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन भी देती है।

इस फंड के जरिए Avaana Capital का लक्ष्य है कि वे उन कंपनियों में निवेश करें जो न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उन्नत तकनीकी समाधानों पर काम कर रही हैं, बल्कि जो भारत की सस्टेनेबिलिटी और पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद कर सकें।

सस्टेनेबिलिटी और टेक्नोलॉजी का संगम

Avaana Capital की रणनीति यह है कि टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को एक साथ लाया जाए, ताकि स्थायी विकास की दिशा में तेजी से प्रगति की जा सके। कंपनियों को वित्तीय मदद देने के साथ-साथ, Avaana यह सुनिश्चित करता है कि उनके निवेश पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालें।

जिन कंपनियों में Avaana निवेश करता है, वे स्वच्छ ऊर्जा, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर, और कार्बन उत्सर्जन में कमी जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं। यह फंड एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है, जिससे इनोवेटिव स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में नए अवसर बन रहे हैं।

Avaana का भविष्य और सस्टेनेबिलिटी के लिए उसकी प्रतिबद्धता

Avaana Capital का लक्ष्य न केवल वित्तीय लाभ कमाना है, बल्कि एक सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में भी योगदान देना है। उनके निवेश से स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलती है, और इसके साथ ही वे पर्यावरणीय सुधार में भी अपनी भूमिका निभाते हैं।

क्लाइमेट टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, Avaana का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है। यह फंड न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

निष्कर्ष

Avaana Capital का $135 मिलियन Avaana Climate and Sustainability Fund जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को साथ लाकर, यह फंड भारत के नेट जीरो लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करेगा। Avaana Capital ने दिखा दिया है कि कैसे एक वेंचर कैपिटल फंड न केवल निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकता है, बल्कि पर्यावरणीय सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

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Even Healthcare को सीरीज A फंडिंग में $30 मिलियन की राशि प्राप्त

Even Healthcare

भारत के Even Healthcare सेक्टर में क्रांति लाने वाली कंपनी इवन हेल्थकेयर ने सीरीज A फंडिंग राउंड में $30 मिलियन (लगभग ₹250 करोड़) की राशि जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Khosla Ventures ने किया, जिसमें Founders Fund, 8VC, और Lachy Groom जैसे बड़े निवेशकों ने भी हिस्सा लिया। इसके साथ ही, इवन हेल्थकेयर की कुल फंडिंग अब $50 मिलियन तक पहुंच गई है।

नई पूंजी का इस्तेमाल और कंपनी का उद्देश्य

Even Healthcare ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस नई पूंजी का उपयोग अस्पतालों के संचालन को शुरू करने और रोगी देखभाल एवं संसाधन प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। कंपनी का उद्देश्य भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम को और अधिक सुलभ और बेहतर बनाना है।

इवन हेल्थकेयर की स्थापना 2020 में मयंक बनर्जी, मतील्दे गिग्लियो और एलेसांद्रो इआलोंगो द्वारा की गई थी। यह कंपनी अपने सदस्यों को मुफ्त परामर्श, डायग्नोस्टिक टेस्ट और कैशलेस अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है। कंपनी के अनुसार, इवन केवल उन अस्पतालों के साथ साझेदारी करता है, जो नियमित भुगतान के बदले इसके सदस्यों की अच्छी देखभाल की गारंटी देते हैं।

इवन हेल्थकेयर की सेवाएँ और सदस्यता

इवन हेल्थकेयर ने अपने प्लेटफॉर्म पर पर्सनलाइज्ड केयर प्रोग्राम्स की शुरुआत की है, जिसमें सदस्यों को विशेष देखभाल योजनाएँ मिलती हैं। इसके अलावा, इवन कार्ड भी जारी किए जाते हैं, जिनका उपयोग सदस्य इसके पार्टनर अस्पतालों और लैब्स में बिलों का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। कंपनी दावा करती है कि इसका प्लेटफॉर्म मेडिकल इंश्योरेंस से बेहतर है, क्योंकि यह असीमित OPD परामर्श और डायग्नोस्टिक्स की सुविधा प्रदान करता है।

तेजी से बढ़ती सदस्यता और राजस्व

वर्तमान में, इवन हेल्थकेयर के 300 कर्मचारियों की एक मजबूत टीम है, जिसने कंपनी के सदस्यता आधार को सैकड़ों हजारों तक बढ़ाया है। कंपनी ने अपने व्यवसायिक लॉन्च के 18 महीने के भीतर ही $28 मिलियन (लगभग ₹230 करोड़) का राजस्व अर्जित किया है। यह इवन हेल्थकेयर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इसके तेजी से बढ़ते हुए व्यवसाय का प्रमाण है।

भविष्य की योजनाएँ

आने वाले समय में, इवन हेल्थकेयर बेंगलुरु में तीन माध्यमिक देखभाल पर केंद्रित अस्पताल खोलने की योजना बना रहा है। इन अस्पतालों का उद्देश्य जोखिम प्रोफाइलिंग और प्रबंधित देखभाल के माध्यम से अस्पताल में भर्ती होने के जोखिमों को कम करना है। इवन का लक्ष्य है कि ये अस्पताल अधिक कुशल और रोगियों के लिए सुरक्षित देखभाल प्रदान कर सकें।

भारतीय हेल्थकेयर मार्केट का परिदृश्य

भारत का हेल्थकेयर बाजार 2022 में $372 बिलियन (लगभग ₹30 लाख करोड़) का था और यह 22% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद, निजी बीमा योजनाओं के तहत केवल बहुत कम आबादी कवर हो पाती है। इस चुनौतीपूर्ण परिदृश्य में, इवन हेल्थकेयर जैसी कंपनियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

निजी बीमा और इवन की भूमिका

हालांकि भारत में प्राइवेट इंश्योरेंस का विस्तार हो रहा है, लेकिन यह अभी भी पूरे देश की अपेक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ है। ऐसे में इवन हेल्थकेयर का कैशलेस और फ्री OPD परामर्श जैसे मॉडल भारतीयों के लिए अधिक सुलभ और किफायती हेल्थकेयर समाधान प्रदान कर रहे हैं।

इवन हेल्थकेयर की यह रणनीति न केवल आर्थिक रूप से अधिक सशक्त वर्ग के लिए लाभकारी है, बल्कि उन लोगों के लिए भी जो बीमा योजनाओं की जटिलताओं और प्रीमियम के कारण हेल्थकेयर से दूर रहते हैं। इवन हेल्थकेयर के मॉडल में प्रीमियम भुगतान के बजाय नियमित भुगतान के माध्यम से अस्पतालों से सेवाएं प्राप्त करना संभव होता है, जिससे लोगों का भरोसा और सुविधाएँ दोनों बढ़ती हैं।

निष्कर्ष

इवन हेल्थकेयर का सीरीज A फंडिंग राउंड में $30 मिलियन जुटाना यह दर्शाता है कि भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में अभी भी नवाचार और निवेश के लिए अपार संभावनाएँ हैं। कंपनी की नई पूंजी का इस्तेमाल न केवल अस्पतालों के संचालन में सुधार के लिए होगा, बल्कि रोगियों के देखभाल के स्तर को भी उच्च बनाने में मदद करेगा।

आने वाले समय में, इवन हेल्थकेयर का ध्यान अस्पतालों के नेटवर्क को और विस्तार देने, सदस्यता आधार को बढ़ाने और हेल्थकेयर सेवाओं को बेहतर और अधिक सुलभ बनाने पर होगा।

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Paytm को NPCI से मिली नई UPI यूजर्स जोड़ने की मंजूरी

paytm

One97 Communications Limited, जो कि Paytm की पेरेंट कंपनी है, ने हाल ही में घोषणा की है कि उसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से अपनी UPI प्लेटफॉर्म पर नए यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मिल गई है। यह निर्णय NPCI द्वारा Paytm के अनुरोध की जांच के बाद लिया गया है, जिसे कंपनी ने 1 अगस्त 2024 को प्रस्तुत किया था। इस फैसले के बाद अब Paytm नए UPI यूजर्स को अपनी ऐप पर जोड़ सकता है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के चलते रोका गया था।

RBI के निर्देश और Paytm की यात्रा

RBI ने जनवरी और फरवरी 2024 में दिए गए निर्देशों के तहत Paytm को नए UPI यूजर्स को जोड़ने से रोक दिया था। इसके पीछे UPI ट्रांजेक्शन्स और डेटा सुरक्षा के नियमों का पालन सुनिश्चित करना मुख्य कारण था। इसके बाद Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने NPCI को पत्र लिखकर नए यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मांगी। NPCI के प्रमुख दिलीप अस्बे ने इस अनुरोध पर विचार करने के बाद Paytm को यह मंजूरी दी।

NPCI के प्रमुख दिलीप अस्बे ने अपने पत्र में लिखा, “हम आपके 1 अगस्त 2024 के पत्र की प्राप्ति की पुष्टि करते हैं जिसमें आपने नए UPI यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मांगी थी, जो कि RBI के 31 जनवरी 2024 और 16 फरवरी 2024 के निर्देशों के अनुसार रोक दी गई थी। आपके अनुरोध की जांच के बाद, हम आपको नए UPI यूजर्स को Paytm ऐप पर जोड़ने की मंजूरी देते हैं।”

NPCI की शर्तें और Paytm की जिम्मेदारियाँ

हालांकि, NPCI ने इस मंजूरी के साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं। Paytm को NPCI द्वारा निर्धारित विशेष दिशानिर्देशों और आवश्यकताओं का पालन करना होगा, जिनमें जोखिम प्रबंधन, ब्रांड मानक, मल्टी-बैंक प्रोटोकॉल, TPAP मार्केट शेयर, और ग्राहक डेटा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। इसके अलावा, Paytm को NPCI और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) बैंकों के साथ त्रिपक्षीय समझौते के तहत अपने दायित्वों को भी पूरा करना होगा।

NPCI ने Paytm से यह भी कहा है कि वह 2018 में जारी भुगतान प्रणाली डेटा संग्रहण (Storage of Payment System Data) दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करे।

Paytm के लिए यह है राहत का समय

Paytm के लिए यह मंजूरी एक बड़ी राहत के रूप में आई है, क्योंकि इससे कंपनी एक बार फिर से अपने UPI प्लेटफॉर्म पर नए यूजर्स को जोड़ सकेगी। NPCI के आंकड़ों के अनुसार, Paytm फिलहाल UPI पेमेंट्स के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है, जहां PhonePe और Google Pay क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं। सितंबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, Paytm हर महीने 1 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन्स को प्रोसेस करता है।

वित्तीय परिणाम और Paytm की सफलता

Paytm के लिए यह नई मंजूरी ऐसे समय में आई है जब कंपनी के तिमाही वित्तीय परिणाम भी सामने आए हैं। Q2 FY25 (वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) में, नोएडा स्थित इस कंपनी ने ₹1,660 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, साथ ही ₹960 करोड़ का मुनाफा भी दर्ज किया है। यह Paytm के लिए वित्तीय दृष्टिकोण से भी सकारात्मक संकेत है, क्योंकि कंपनी न केवल भारतीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना रही है।

Paytm की यह सफलता उसकी मजबूत फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजिकल रणनीतियों का परिणाम है। कंपनी ने न केवल अपने ऑपरेशन्स को डिजिटल माध्यमों पर केंद्रित किया है, बल्कि अपने ग्राहकों को एक सहज और सुरक्षित UPI अनुभव भी प्रदान किया है।

Paytm का भविष्य

Paytm के लिए UPI सेगमेंट में फिर से नए यूजर्स को जोड़ने की मंजूरी मिलना, कंपनी की ग्रोथ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। UPI पेमेंट्स के बढ़ते बाजार में, Paytm को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नए यूजर्स का जुड़ाव बेहद जरूरी है।

कंपनी का ध्यान अब इस दिशा में होगा कि वह NPCI के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, अपने UPI प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाए और ग्राहकों को बेहतरीन सेवा प्रदान करे। इसके साथ ही, Paytm यह भी सुनिश्चित करेगा कि उसकी सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन नीतियां मजबूत रहें ताकि उसके यूजर्स को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

निष्कर्ष

Paytm के लिए NPCI से नए UPI यूजर्स जोड़ने की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे कंपनी अपने ग्राहक आधार को और अधिक बढ़ा सकेगी। वित्तीय दृष्टिकोण से भी कंपनी की स्थिति मजबूत होती दिख रही है, और आने वाले समय में Paytm UPI सेगमेंट में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर सकता है।

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Lenskart ने CFO पद पर अभिषेक गुप्ता की नियुक्ति की

Lenskart

Lenskart ने हाल ही में अपने नए मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) के रूप में अभिषेक गुप्ता की नियुक्ति की है। अभिषेक गुप्ता इससे पहले OYO में नौ वर्षों तक CFO के पद पर कार्यरत थे। Lenskart में उन्होंने मुक्ति हरिहरन की जगह ली है, जिन्होंने सितंबर में Lenskart से इस्तीफा देकर Coca-Cola में शामिल हो गए थे।

अभिषेक गुप्ता ने अपने LinkedIn पोस्ट में बताया कि उन्होंने मार्च में OYO से विदा ली और उसके बाद Lenskart में CFO के रूप में अपनी नई भूमिका निभानी शुरू की। Lenskart में अपने नए पद पर गुप्ता कंपनी की दीर्घकालिक रणनीतिक योजना और वित्तीय दिशा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके साथ ही, वे वित्तीय रणनीति को सही दिशा देने और कंपनी की कॉर्पोरेट गवर्नेंस को और अधिक सुदृढ़ करने की जिम्मेदारी भी निभाएंगे।

Lenskart की ताज़ा फंडिंग

हाल ही में, Lenskart ने अपने सह-संस्थापकों से लगभग $20 मिलियन की फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग में कंपनी के सह-संस्थापक – पीयूष बंसल, नेहा बंसल, अमित चौधरी और सुमीत कापाही का प्रमुख योगदान रहा है। यह फंडिंग Lenskart की भविष्य की योजनाओं और अंतर्राष्ट्रीय विस्तार को और मजबूती प्रदान करेगी।

Lenskart का व्यवसायिक विस्तार

Lenskart ने अब तक 2,500 से अधिक स्टोर स्थापित कर लिए हैं, जिनमें से लगभग 2,000 स्टोर केवल भारत में स्थित हैं। भारत Lenskart के कुल राजस्व का लगभग 60% हिस्सा प्रदान करता है, जबकि शेष 40% राजस्व अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से आता है। कंपनी सिंगापुर, दुबई, अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशों में भी अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही है। इन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए कंपनी तेजी से काम कर रही है और वहाँ के उपभोक्ताओं को भी गुणवत्ता युक्त आईवियर और लेंस प्रदान कर रही है।

वित्तीय वर्ष 2023 की उपलब्धियां

मार्च 2023 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में Lenskart की ऑपरेशनल आय में शानदार वृद्धि देखने को मिली है। कंपनी की आय ₹3,788 करोड़ तक पहुंच गई, जो वित्तीय वर्ष 2022 के ₹1,502 करोड़ से 2.5 गुना अधिक है। इस तेज वृद्धि के पीछे कंपनी की बिक्री में बढ़ोतरी और व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं में सुधार का मुख्य योगदान रहा है।

इसके साथ ही, Lenskart ने अपने खर्चों को नियंत्रित करने में भी सफलता हासिल की, जिससे कंपनी के घाटे में 37.3% की कमी आई है। FY22 में कंपनी का घाटा ₹102 करोड़ था, जो घटकर FY23 में ₹64 करोड़ पर आ गया। यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपने ऑपरेशनों को प्रभावी ढंग से चलाया और खर्चों पर नियंत्रण रखा, जिससे कंपनी की लाभप्रदता में सुधार हुआ।

अभिषेक गुप्ता की भूमिका

Lenskart में CFO के रूप में अभिषेक गुप्ता की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। वे कंपनी की वित्तीय योजनाओं को सही दिशा देने के साथ-साथ दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे। गुप्ता का लक्ष्य कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को और बेहतर बनाना होगा, ताकि Lenskart अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान और भी मजबूती से बना सके।

OYO में CFO के रूप में अपने लंबे अनुभव के चलते गुप्ता के पास वित्तीय रणनीतियों को लागू करने की गहरी समझ है। उनके नेतृत्व में, Lenskart को अपने आगामी वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, और कंपनी की ग्रोथ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम होगा।

Lenskart का भविष्य

Lenskart का दीर्घकालिक लक्ष्य सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान को और विस्तार देना है। कंपनी आईवियर उद्योग में नवाचार और डिजिटलीकरण को और आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इसके साथ ही, कंपनी अपने उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

Lenskart का ध्यान अपनी मौजूदा उपस्थिति को और मजबूत करने के साथ-साथ नए बाजारों में प्रवेश करने पर है। कंपनी की भविष्य की योजना में और अधिक स्टोर्स खोलना, ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देना, और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को बड़े पैमाने पर ग्राहकों तक पहुंचाना शामिल है।

निष्कर्ष

अभिषेक गुप्ता की नियुक्ति और ताजा फंडिंग के बाद, Lenskart का वित्तीय भविष्य उज्जवल दिख रहा है। कंपनी का उद्देश्य अपनी वित्तीय स्थिरता को और बेहतर बनाना और नए बाजारों में प्रवेश करके अपने व्यवसाय का विस्तार करना है। Lenskart का विकास और इसकी बढ़ती लोकप्रियता यह साबित करती है कि कंपनी सही दिशा में बढ़ रही है।

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Paytm ने Q2 में 1,660 करोड़ रुपये की income दर्ज की

Paytm

One97 Communications Limited, जो Paytm की मूल कंपनी है, ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में अपने संचालन से 1,659.5 करोड़ रुपये की आय दर्ज की। यह पहली तिमाही (Q1 FY25) की तुलना में 10.5% की तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) वृद्धि को दर्शाता है।

भुगतान सेवाओं से आय में 9% की वृद्धि

Paytm की कुल ऑपरेटिंग आय का 59% हिस्सा भुगतान सेवाओं से आया, जो कि Q2 FY25 में 9% बढ़कर 981 करोड़ रुपये हो गया। इसके अतिरिक्त, शेष आय वित्तीय सेवाओं, उपकरणों की बिक्री, और अन्य संबंधित सेवाओं से प्राप्त हुई।

कर्मचारी लाभों पर खर्च और लागत में कमी

कंपनी ने अपनी कुल लागत का 38% हिस्सा कर्मचारी लाभों पर खर्च किया। Q2 FY25 में यह खर्च 11.2% घटकर 709 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 225 करोड़ रुपये ईएसओपी (ESOP) खर्च शामिल हैं।

विपणन और भुगतान प्रोसेसिंग लागत

Paytm ने Q2 FY25 में 151 करोड़ रुपये विपणन खर्च और 305 करोड़ रुपये भुगतान प्रोसेसिंग खर्च किए। इसके अलावा, सॉफ़्टवेयर, तकनीक, वित्त, कानूनी, और अन्य खर्चों को मिलाकर कुल खर्च 1,864 करोड़ रुपये रहा, जो कि Q1 FY25 में 2,099 करोड़ रुपये था।

घाटे में 47% की कमी

Paytm ने अपनी लागतों को नियंत्रित रखते हुए और विपणन एवं कर्मचारी लाभों में संतुलन स्थापित करते हुए Q2 FY25 में अपने घाटे को 47% तक घटाया। इस तिमाही में कंपनी का घाटा 437 करोड़ रुपये रहा।

मनोरंजन टिकटिंग व्यवसाय की बिक्री से आय

कंपनी ने Q2 FY25 में अपनी मनोरंजन टिकटिंग सेवा को Zomato को बेचकर 1,345 करोड़ रुपये की गैर-ऑपरेटिंग आय बुक की। चूंकि यह एक बार का लेन-देन था और ऑपरेशनल आय का हिस्सा नहीं था, इसलिए इसे घाटे की गणना से बाहर रखा गया है।

व्यापारिक और व्यक्तिगत ऋण वितरण में वृद्धि

इस तिमाही में Paytm ने अपने व्यापारिक ऋण वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी। Q2 FY25 में व्यापारिक ऋण 3,303 करोड़ रुपये तक पहुँच गया, जो कि Q1 FY25 में 2,508 करोड़ रुपये था। हालाँकि, व्यक्तिगत ऋण वितरण में थोड़ी गिरावट देखी गई, जो कि 1,977 करोड़ रुपये रही। यह गिरावट मुख्य रूप से ऋणदाताओं द्वारा जोखिम नीतियों को सख्त करने के कारण हुई।

EBITDA में सुधार, लेकिन अभी भी नकारात्मक

Paytm का EBITDA (ईएसओपी खर्चों से पहले) Q2 FY25 में 186 करोड़ रुपये नकारात्मक रहा, लेकिन इसमें Q1 FY25 के मुकाबले 359 करोड़ रुपये का सुधार देखा गया। यह सुधार कंपनी के लागत नियंत्रण और लाभप्रदता सुधार के प्रयासों को दर्शाता है।

मजबूत नकदी स्थिति

Q2 FY25 के अंत में Paytm ने 9,999 करोड़ रुपये की नकद शेष राशि दर्ज की, जो उसकी मजबूत तरलता स्थिति को दर्शाती है। हालाँकि, इन वित्तीय सुधारों के बावजूद, कंपनी के शेयरों में 7.39% की गिरावट देखी गई। आज के कारोबार सत्र में कंपनी के शेयर की कीमत 672.3 रुपये प्रति शेयर रही, जिससे उसकी कुल बाजार पूँजीकरण लगभग 42,800 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) पर आ गई।

भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हालाँकि Paytm ने लागत में कटौती और लाभप्रदता सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, कंपनी को अभी भी बाजार में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शेयर बाजार में कीमतों की गिरावट और व्यक्तिगत ऋण वितरण में कमी इस बात की ओर संकेत करती हैं कि कंपनी को अपने रणनीतिक निर्णयों को और सटीक बनाने की आवश्यकता है।

फिर भी, Paytm की वित्तीय सेवाओं और भुगतान सेवाओं में बढ़ती हिस्सेदारी, साथ ही उसकी मजबूत नकदी स्थिति, उसे आने वाले समय में बाजार में मजबूती से खड़ा रहने का अवसर प्रदान करती हैं।

Paytm के लिए अगला कदम यह होगा कि वह अपनी सेवाओं को और अधिक विस्तारित करे और अपने ऑपरेशनल प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करे। अगर कंपनी अपने लागत ढाँचे को और नियंत्रित कर पाती है और बाजार की माँगों के अनुसार अपनी सेवाओं में सुधार करती है, तो वह आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

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DriveU की आय में 66% की बढ़ोतरी, FY24 में लाभप्रदता हासिल की

DriveU

Humble Mobile Solutions Private Limited, जो ऑन-डिमांड ड्राइवर सेवा प्रदान करने वाले प्लेटफॉर्म DriveU का संचालन करती है, ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 66% की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही, बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने इस अवधि में लाभप्रदता भी हासिल की है।

DriveU की स्थापना और विस्तार

2015 में पिता-पुत्र की जोड़ी, अशोक शास्त्री और रहम शास्त्री द्वारा स्थापित, DriveU भारत के प्रमुख शहरों में अपनी सेवाएँ प्रदान करता है। इनमें मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली NCR, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता शामिल हैं। कंपनी ने 24×7 ऑपरेशन सेंटर्स की स्थापना की है और अपने प्लेटफॉर्म पर ड्राइवर पार्टनर्स का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया है।

DriveU का लक्ष्य है कि ग्राहकों को एक सुरक्षित और भरोसेमंद ऑन-डिमांड ड्राइवर सेवा प्रदान की जाए, चाहे वह स्थानीय परिवहन हो, लंबी दूरी की यात्रा हो, या व्यक्तिगत वाहन चलाने की सेवा।

राजस्व में वृद्धि और लाभप्रदता

DriveU की वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का संचालन राजस्व वित्तीय वर्ष 2024 में ₹24.50 करोड़ तक पहुँच गया, जो FY23 में ₹14.75 करोड़ था। यह वृद्धि प्लेटफॉर्म की सेवाओं के विस्तार और ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को जोड़ने के कारण संभव हुई है।

इसके अलावा, कंपनी ने इस वर्ष में लाभप्रदता भी हासिल की है, जो किसी भी उभरती कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। कई स्टार्टअप्स और सेवा आधारित कंपनियों के लिए, लाभप्रदता हासिल करना अक्सर एक चुनौतीपूर्ण काम होता है।

खर्चों में वृद्धि पर नियंत्रण

हालांकि कंपनी के राजस्व में भारी वृद्धि हुई, लेकिन DriveU ने अपने खर्चों पर भी कड़ा नियंत्रण रखा। FY24 में कंपनी के सीधे खर्च ₹7.55 करोड़ तक पहुँच गए, जो FY23 में ₹4.26 करोड़ थे। इसके अलावा, कर्मचारी लाभ खर्च भी 21% बढ़कर ₹10.44 करोड़ हो गए।

यह वृद्धि ड्राइवर पार्टनर्स और कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ सेवाओं के विस्तार के कारण हुई है। हालाँकि, कंपनी ने इस वृद्धि को नियंत्रित रखते हुए लागतों को अधिक बढ़ने नहीं दिया, जिससे इसकी लाभप्रदता में वृद्धि हुई है।

ड्राइवर पार्टनर्स और प्लेटफॉर्म राजस्व

DriveU की आय का प्रमुख हिस्सा उसके प्लेटफॉर्म राजस्व से आता है, जो FY24 में काफी बढ़ा है। कंपनी के ड्राइवर पार्टनर्स की संख्या में वृद्धि और उनके द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की विविधता ने इस राजस्व वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

DriveU का उद्देश्य ग्राहकों को एक उपयोगकर्ता-अनुकूल अनुभव प्रदान करना है। इसका ऑन-डिमांड मॉडल उपभोक्ताओं को अपने वाहन के लिए ड्राइवर बुक करने की सुविधा देता है, जिससे यातायात के मुद्दों और पार्किंग की समस्याओं से निजात मिलती है।

कर्मचारी और ड्राइवर सहयोग

DriveU ने अपने कर्मचारियों और ड्राइवर पार्टनर्स को प्रशिक्षित करने और उनके लाभों को बढ़ाने में भी ध्यान दिया है। कर्मचारी लाभ खर्चों में 21% की वृद्धि इसका प्रमाण है, जिसमें कर्मचारियों को बेहतर वेतन और सुविधाएँ प्रदान की गईं।

इसके अलावा, कंपनी ने अपने ड्राइवर पार्टनर्स के लिए भी प्रोत्साहन योजनाएँ और समर्थन कार्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि उनकी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो और वे लंबे समय तक कंपनी के साथ जुड़े रहें।

भविष्य की योजनाएँ और विकास रणनीति

आगे बढ़ते हुए, DriveU का उद्देश्य है कि वह अपने राजस्व और सेवाओं का और विस्तार करे। इसके लिए कंपनी ने कुछ महत्वपूर्ण योजनाएँ बनाई हैं, जिनमें अपने प्लेटफॉर्म की तकनीकी उन्नति, अधिक शहरों में सेवाओं का विस्तार, और अपने ड्राइवर पार्टनर्स के नेटवर्क को और मजबूत करना शामिल है।

DriveU के संस्थापक, अशोक शास्त्री ने कहा, “हम अपने ग्राहकों और ड्राइवर पार्टनर्स दोनों के लिए सेवाओं में नवाचार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी सेवाएँ न केवल भारत में बल्कि अन्य बाजारों में भी लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाएँ।”

निष्कर्ष

DriveU की FY24 में 66% राजस्व वृद्धि और लाभप्रदता हासिल करने की खबर उन सभी स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणादायक है जो सेवा क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अपने खर्चों पर नियंत्रण रखते हुए कंपनी ने अपने व्यवसाय का सफलतापूर्वक विस्तार किया है और अपने ड्राइवर पार्टनर्स और कर्मचारियों को लाभान्वित किया है।

आने वाले समय में, DriveU अपने ऑन-डिमांड ड्राइवर सेवा के मॉडल को और बेहतर बनाने और नए बाजारों में विस्तार करने की योजना बना रही है। यह कंपनी की रणनीतिक सोच और उसके संस्थापकों की दूरदृष्टि का प्रमाण है कि वे अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

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Zomato की राजस्व में 68.5% की तिमाही वृद्धि,

Zomato

Zomato, जो भारत के फूडटेक और क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में अग्रणी है, ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) में 68.5% की तिमाही दर तिमाही वृद्धि हासिल की है। इस तिमाही के दौरान कंपनी का संचालन राजस्व ₹4,799 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹2,848 करोड़ था। इस वृद्धि का प्रमुख कारण Zomato के मुख्य फूड डिलीवरी व्यवसाय, उसके B2B Hyperpure वर्टिकल और Blinkit के विस्तार को माना जा रहा है।

कंपनी के बोर्ड ने ₹8,500 करोड़ की पूंजी जुटाने का प्रस्ताव पास किया है, जो कि योग्य संस्थागत निवेशकों से प्राप्त किया जाएगा। इस निर्णय के साथ Zomato अपने प्रतिद्वंद्वी Swiggy की सार्वजनिक सूचीबद्धता के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी तैयार है।

आइए अब Zomato के विभिन्न राजस्व स्रोतों और उनकी वृद्धि पर नज़र डालते हैं:

फूड डिलीवरी व्यवसाय

Zomato का फूड डिलीवरी व्यवसाय अभी भी इसके कुल संग्रह का मुख्य स्रोत बना हुआ है, जो कि Q2 FY25 में कुल राजस्व का 42% है। इस क्षेत्र से राजस्व 30% की वृद्धि के साथ ₹2,012 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹1,546 करोड़ था। इस वृद्धि का मुख्य कारण ऑर्डर वॉल्यूम में बढ़ोतरी, औसत ऑर्डर मूल्य में इजाफा और नए शहरों में विस्तार है।

क्विक कॉमर्स (Blinkit)

Zomato के Blinkit द्वारा संचालित क्विक कॉमर्स सेगमेंट ने अद्वितीय वृद्धि दिखाई है। इस क्षेत्र का राजस्व Q2 FY25 में ₹1,156 करोड़ तक पहुँच गया, जो कि Q2 FY24 में ₹504 करोड़ था, यानि 129% की वृद्धि। इस वृद्धि का मुख्य कारण ऑर्डर आवृत्ति में इजाफा और नए स्टोर्स की बढ़ोतरी है, जिसने कंपनी की कुल राजस्व में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Hyperpure (B2B सप्लाई)

Zomato का Hyperpure व्यवसाय, जो रेस्टोरेंट्स को सप्लाई प्रदान करता है, ने भी बेहतरीन परिणाम दिखाए। इस सेगमेंट का राजस्व Q2 FY25 में ₹1,473 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹747 करोड़ था, यानि 97% की वृद्धि। यह B2B सेगमेंट Zomato के लिए एक प्रमुख वृद्धि चालक बना हुआ है, क्योंकि अधिक रेस्टोरेंट्स इसके प्रोक्योरमेंट सेवाओं पर निर्भर हो रहे हैं।

अन्य राजस्व स्रोत

इन मुख्य क्षेत्रों के अलावा, Zomato ने अपने “गोइंग-आउट” सेवाओं और अन्य गतिविधियों से भी अतिरिक्त आय अर्जित की, जिससे कंपनी का कुल राजस्व Q2 FY25 में ₹4,799 करोड़ तक पहुँचा।

खर्च और लाभप्रदता

उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद, Zomato को बढ़ते खर्चों का सामना करना पड़ा। डिलीवरी और संबंधित शुल्कों में 97.9% की वृद्धि हुई, जो ₹1,334 करोड़ तक पहुँच गया और कुल खर्च का 29.2% हिस्सा बना। कंपनी का कुल खर्च Q2 FY25 में ₹4,783 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹3,039 करोड़ था। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रोक्योरमेंट, कर्मचारी लाभ, मार्केटिंग और विज्ञापन खर्चों में हुई वृद्धि के कारण हुई। कर्मचारी लाभ ही ₹709 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले तिमाही की तुलना में 11.2% कम था। इस कमी का मुख्य कारण ESOP लागत में कमी रहा।

कंपनी ने लाभप्रदता के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की, क्योंकि इसका शुद्ध मुनाफा 4.8 गुना बढ़कर ₹176 करोड़ हो गया, जबकि Q2 FY24 में यह ₹36 करोड़ था। EBITDA, जो ESOP खर्चों से पहले का आंकड़ा है, में भी सुधार हुआ और यह -₹186 करोड़ पर पहुँच गया, जो कि पिछले तिमाही के मुकाबले ₹359 करोड़ का सुधार है।

कैश बैलेंस और बाजार प्रदर्शन

Zomato ने तिमाही को ₹10,800 करोड़ के कैश बैलेंस के साथ समाप्त किया, जो इसकी मजबूत नकदी स्थिति को दर्शाता है। हालाँकि, वित्तीय सुधारों के बावजूद, Zomato के शेयरों में गिरावट देखी गई और यह ₹256.55 के भाव पर कारोबार कर रहा था। कंपनी की कुल बाजार पूंजीकरण ₹2,26,645 करोड़ (लगभग $27 बिलियन) रही।

जैसे-जैसे Zomato का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी Swiggy अपने IPO की तैयारी कर रहा है, Zomato का अपने संचालन को बढ़ाने, यूनिट इकोनॉमिक्स को सुधारने, और अपने व्यवसाय सेगमेंट को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित करना इसके भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। मजबूत बुनियाद के साथ, Zomato आने वाले समय में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स क्षेत्रों में और अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।

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Neysa ने जनरेटिव AI स्टार्टअप के रूप में $30 मिलियन सीरीज A फंडिंग जुटाई

Neysa

जनरेटिव AI पर केंद्रित स्टार्टअप Neysa  ने हाल ही में $30 मिलियन की सीरीज A फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व NTTVC, Z47 (पहले Matrix Partners India), और Nexus Venture Partners ने किया। यह फंडिंग Neysa के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसने अप्रैल में ही $20 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई थी। केवल छह महीने के अंदर दो बड़े फंडिंग राउंड को सफलतापूर्वक बंद करने वाले कुछ गिने-चुने स्टार्टअप्स में से Neysa एक है।

AI इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की योजना

कंपनी के प्रेस रिलीज़ के अनुसार, Neysa  इस नई पूंजी का उपयोग अपने AI इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने, शोध एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देने, और अपने जनरेटिव AI एक्सेलेरेशन क्लाउड सर्विस की लॉन्चिंग की तैयारी में करेगी। कंपनी अपनी तकनीक को और बेहतर बनाने के साथ ही वैश्विक प्रणाली एकीकर्ताओं, क्लाउड सेवा प्रदाताओं और AI केंद्रित सॉफ़्टवेयर प्रदाताओं के साथ साझेदारी को मजबूत कर रही है।

फाउंडर्स और कंपनी की दृष्टि

Neysa की स्थापना शरद संघी और अनिंद्य दास ने की थी। यह स्टार्टअप अपने ग्राहकों को जनरेटिव AI प्रोजेक्ट्स की खोज, योजना, तैनाती और प्रबंधन में सहायता प्रदान करता है, वो भी किफायती और सुरक्षित तरीकों से। कंपनी का मॉडल कंजम्पशन-बेस्ड है, जो ग्राहकों को उनकी ज़रूरत के अनुसार सेवाएं प्रदान करता है और उनके AI वातावरण को क्लाउड और एज पर सुरक्षित रखता है।

Neysa Velocis प्लेटफ़ॉर्म की लॉन्चिंग

अपने सीड फंडिंग राउंड के बाद, Neysa ने जुलाई में अपना प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म Neysa Velocis लॉन्च किया। यह प्लेटफ़ॉर्म ग्राहकों को हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऑन-डिमांड एक्सेस प्रदान करता है, जो अब आम जनता के लिए उपलब्ध है। कंपनी के अनुसार, इस प्लेटफ़ॉर्म ने AI, मीडिया, सेवाएं, सॉफ्टवेयर और सार्वजनिक क्षेत्र के ग्राहकों से ऑर्डर हासिल किए हैं।

भारत में AI बाजार की वृद्धि

Nasscom-BCG की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का AI बाजार 2027 तक $17-22 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है, जो 25-35% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर बढ़ रहा है। यह बढ़ती हुई मांग भारतीय बाजार में AI केंद्रित स्टार्टअप्स के लिए एक बड़े अवसर का संकेत देती है। Neysa जैसे स्टार्टअप इस तेज़ी से बढ़ते बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जो AI समाधानों के लिए उच्च मांग का सामना कर रहे हैं।

अन्य जनरेटिव AI स्टार्टअप्स में निवेश की बढ़ती रुचि

इस साल, कई जनरेटिव AI स्टार्टअप्स ने महत्वपूर्ण फंडिंग हासिल की है। TheKredible की रिपोर्ट के अनुसार, Sarvam AI ने $41 मिलियन सीरीज A में जुटाए, जबकि Ema ने $25 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की और Neysa ने $20 मिलियन सीड फंडिंग जुटाई। अब सीरीज A के $30 मिलियन के साथ, Neysa जनरेटिव AI क्षेत्र में शीर्ष-फंडेड प्रारंभिक चरण का स्टार्टअप बन गया है।

अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स में Vodex, KonProz, Dubpro.ai, PlanckDOT, Ayna, Simplismart, और Rabbit AI जैसे नाम भी शामिल हैं, जो इस क्षेत्र में तेजी से उभर रहे हैं।

नए बाज़ारों में विस्तार की योजना

इस नई फंडिंग से Neysa न केवल अपने AI इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करेगा, बल्कि अपनी सेवाओं को नए बाज़ारों तक पहुंचाने की योजना भी बना रहा है। कंपनी का इरादा है कि वह अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार पूर्वी और दक्षिणी यूरोप, साथ ही एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में करे। इससे कंपनी की वैश्विक पहुंच और भी बढ़ेगी, और यह एक अग्रणी जनरेटिव AI समाधान प्रदाता के रूप में स्थापित हो सकेगी।

सिस्टम इंटीग्रेटर्स और क्लाउड प्रदाताओं के साथ साझेदारी

Neysa अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रणाली इंटीग्रेटर्स, क्लाउड सेवा प्रदाताओं और AI-केंद्रित सॉफ़्टवेयर प्रदाताओं के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत कर रहा है। यह कदम कंपनी की क्षमताओं को बढ़ाने और उसे विभिन्न उद्योगों में अपनी सेवाओं को विस्तारित करने में मदद करेगा।

फंडिंग का प्रभाव और आगे की योजना

Neysa द्वारा जुटाई गई यह फंडिंग कंपनी के जनरेटिव AI समाधानों को और मजबूत करेगी और इसके विकास को तेज करेगी। Neysa की टीम अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करने और AI प्रोजेक्ट्स की योजना, तैनाती, और प्रबंधन को आसान और अधिक कुशल बनाने पर केंद्रित है। इसके साथ ही, कंपनी आने वाले समय में और भी नई तकनीकों और सेवाओं को पेश करने की योजना बना रही है, जिससे ग्राहकों को उनके AI परियोजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित करने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

Neysa ने केवल छह महीनों में दो बड़े फंडिंग राउंड को बंद करके AI उद्योग में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। $30 मिलियन की सीरीज A फंडिंग के साथ, Neysa अब अपने AI इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने, नई सेवाओं की पेशकश करने और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने की योजना बना रहा है।

भारतीय और वैश्विक AI बाजार में बढ़ती मांग के साथ, Neysa जैसे स्टार्टअप्स के पास अपनी सेवाओं और उत्पादों को और अधिक प्रभावी बनाने का मौका है। Neysa की तकनीकी क्षमताओं और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह स्टार्टअप AI क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है।

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PhonePe ने 2023 में $1 बिलियन की फंडिंग जुटाई,

phonePe

डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफ़ॉर्म PhonePe ने 2023 में General Atlantic, Walmart, Tiger Global, और अन्य निवेशकों से लगभग $1 बिलियन (लगभग 83 अरब रुपये) की फंडिंग हासिल की। इस महत्वपूर्ण निवेश ने, साथ ही कंपनी की प्रभावी लागत प्रबंधन रणनीतियों ने, FY24 के दौरान कंपनी को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व तक पहुंचने और उसके नुकसान को कम करने में मदद की।

PhonePe के लिए वित्तीय वर्ष 2024 एक सफल वर्ष रहा, क्योंकि कंपनी की संचालन से आय में 73.8% की वृद्धि हुई और यह 5,064 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित समेकित वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भुगतान सेवाओं से आय कंपनी के प्राथमिक राजस्व स्रोत के रूप में बनी रही। साथ ही, कंपनी ने $195 मिलियन की फंडिंग राउंड से 661 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ब्याज आय प्राप्त की, जो मुख्य रूप से जमा और निवेश से आई। इससे FY24 में PhonePe का कुल राजस्व बढ़कर 5,725 करोड़ रुपये हो गया, जबकि FY23 में यह 3,085 करोड़ रुपये था।

भुगतान सेवाएं और फंडिंग का मुख्य योगदान

PhonePe के लिए सबसे बड़ा राजस्व स्रोत उसकी भुगतान सेवाएं रहीं। डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में उसकी मजबूती और निवेशकों का समर्थन कंपनी के विकास में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, कंपनी ने $195 मिलियन की फंडिंग राउंड से अतिरिक्त ब्याज आय भी अर्जित की, जिसने उसके राजस्व को और बढ़ावा दिया। इस प्रकार, FY24 में PhonePe के कुल राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई।

कर्मचारी लाभ और ESOP खर्च

FY24 में PhonePe के कुल खर्चों में से 46.45% केवल कर्मचारियों के लाभों पर खर्च हुए। कर्मचारियों के लाभों पर किए गए खर्चों में 16.4% की वृद्धि हुई और यह FY24 में 3,603 करोड़ रुपये हो गया, जबकि FY23 में यह 3,096 करोड़ रुपये था। इसमें 1,876 करोड़ रुपये की ESOP (कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना) खर्च शामिल है, जिसमें से केवल 288 करोड़ रुपये नकद में निपटाए गए, जबकि शेष खर्च गैर-नकद था।

PhonePe की ESOP योजनाएं कंपनी के कर्मचारियों को उनके योगदान के लिए पुरस्कृत करने और उन्हें कंपनी के विकास से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण तरीका हैं। यह रणनीति कंपनी की विकास दर को बढ़ाने और उसे ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करती है।

भुगतान प्रसंस्करण और अन्य व्यय

PhonePe के विकास के साथ-साथ भुगतान प्रसंस्करण शुल्कों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। FY24 में यह 74.8% बढ़कर 1,166 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, विज्ञापन, सूचना प्रौद्योगिकी, लाइसेंस, कानूनी खर्च और अन्य ओवरहेड्स ने भी कंपनी के कुल खर्च को बढ़ाया। FY24 में कुल खर्च 31.3% बढ़कर 7,756 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह कम था।

ये खर्च कंपनी की सेवा विस्तार योजनाओं और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में उसकी स्थिति को मजबूत करने के लिए किए गए हैं। PhonePe ने अपने उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने और नए ग्राहकों तक पहुंचने के लिए विज्ञापन और सूचना प्रौद्योगिकी पर भारी निवेश किया।

नुकसान में कमी और ऑपरेशनल मुनाफा

इन लागतों के बावजूद, PhonePe ने FY24 में अपने शुद्ध नुकसान को 28.6% तक कम कर दिया। FY23 में 2,795 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले, FY24 में कंपनी का शुद्ध नुकसान घटकर 1,996 करोड़ रुपये रह गया। यह कमी मुख्य रूप से नियंत्रित लागत और 74% की वृद्धि के कारण संभव हो सकी।

हालांकि कंपनी अभी भी नुकसान में है, लेकिन उसके संचालन के अन्य पक्ष जैसे कि ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड) और EBITDA मार्जिन को मापा जाए, तो -18.25% और -14.74% पर खड़े हैं। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक कमाए गए रुपये के लिए PhonePe ने 1.53 रुपये खर्च किए। लेकिन ऑपरेशन की कुशलता के बावजूद, कंपनी अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों की ओर बढ़ रही है।

वित्तीय वर्ष 2024 का व्यापक दृष्टिकोण

PhonePe की इस साल की वित्तीय रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि कंपनी ने न केवल अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि की है, बल्कि अपने नुकसान को भी काफी हद तक कम किया है। इसका मुख्य कारण कंपनी द्वारा अपनाए गए कुशल लागत प्रबंधन और निवेशकों का निरंतर समर्थन है। FY24 में कंपनी ने अपने विस्तार के लिए कई क्षेत्रों में निवेश किया, जैसे कि तकनीकी उन्नति, कर्मचारियों के लाभ, और बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना।

भविष्य की योजना

PhonePe ने FY24 में जो प्रगति की है, वह उसे भविष्य के विकास के लिए तैयार करती है। कंपनी ने तकनीकी उन्नति पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उसकी सेवाओं की गुणवत्ता और ग्राहकों के अनुभव में सुधार हुआ है। साथ ही, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को प्रेरित और संलग्न रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

PhonePe की भविष्य की योजना में और अधिक विस्तार और नए उत्पादों की पेशकश शामिल है। कंपनी का लक्ष्य न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बनना है।

निष्कर्ष

PhonePe ने FY24 में अपने राजस्व और विकास के मामले में एक उल्लेखनीय प्रगति की है। कंपनी ने न केवल अपने राजस्व में वृद्धि की, बल्कि अपने नुकसान को भी नियंत्रित किया। इसके साथ ही, कंपनी ने तकनीकी विकास और कर्मचारी लाभों पर ध्यान केंद्रित करके भविष्य की संभावनाओं को मजबूत किया है।

इस फंडिंग और प्रभावी संचालन रणनीतियों के माध्यम से PhonePe ने खुद को डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक अग्रणी खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है और अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।

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Groww की जबरदस्त वृद्धि: FY24 में 2.2X स्केल की वृद्धि के साथ ऑपरेशनल प्रॉफिट

Groww

फाइनेंशियल सर्विसेज प्लेटफार्म Groww ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 2.2 गुना वृद्धि दर्ज की है। इस तेज़ विस्तार के बावजूद, Tiger Global द्वारा समर्थित यह कंपनी ऑपरेशनल स्तर पर लाभ में रही, और इस अवधि के दौरान 16.8% की बढ़त के साथ मुनाफा दर्ज किया।

Groww के संचालन से होने वाली आय FY24 में ₹3,145 करोड़ हो गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष FY23 में ₹1,435 करोड़ थी। इस उल्लेखनीय वृद्धि का मुख्य स्रोत सब्सक्रिप्शन शुल्क और कमीशन थे, जबकि कंपनी की तकनीकी प्लेटफार्म और सपोर्ट चार्जेस से अन्य आय सेगमेंट में भी योगदान मिला।

वित्तीय वर्ष 2024 के अंत तक, Groww ने ऑपरेशनल लाभ में वृद्धि दर्ज की, जिसमें FY23 के ₹458 करोड़ की तुलना में FY24 में ₹535 करोड़ का मुनाफा हुआ। हालांकि, कंपनी ने कुल ₹805 करोड़ का शुद्ध घाटा रिपोर्ट किया, जो कि ₹1,340 करोड़ के एक बार के टैक्स भुगतान के कारण हुआ। यह टैक्स भुगतान कंपनी के मुख्यालय को भारत में स्थानांतरित करने के लिए किया गया था।

स्टॉक ब्रोकिंग यूनिट में भी बढ़त

Groww ने अपने स्टॉक ब्रोकिंग यूनिट के लिए वार्षिक रिपोर्ट भी दाखिल की, जिसमें संचालन से होने वाली आय FY24 में ₹2,900 करोड़ हो गई, जो कि FY23 में ₹1,295 करोड़ थी। स्टॉक ब्रोकिंग में इस जबरदस्त वृद्धि के साथ, Groww भारत का पहला स्टॉक ब्रोकर बन गया जिसने 1 करोड़ सक्रिय निवेशकों का आंकड़ा पार कर लिया। अक्टूबर 2024 तक कंपनी के पास 1.2 करोड़ सक्रिय स्टॉक निवेशक थे।

प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रतिस्पर्धा

Groww की मुख्य प्रतिस्पर्धी कंपनियां जैसे Zerodha और Angel One ने भी वित्तीय वर्ष 2023-24 में अच्छा प्रदर्शन किया। Zerodha ने ₹8,370 करोड़ की आय दर्ज की, जबकि Angel One की आय ₹4,272 करोड़ रही। वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही (Q1 FY25) में, Angel One ने ₹1,405 करोड़ की आय और ₹293 करोड़ का मुनाफा रिपोर्ट किया। Groww के अन्य प्रतिद्वंद्वी Upstox ने FY23 में ₹1,000 करोड़ से अधिक की आय और ₹25 करोड़ का टैक्स के बाद मुनाफा दर्ज किया, लेकिन FY24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट अब तक दाखिल नहीं की है।

Groww की मजबूत रणनीति और आगे की राह

Groww की मजबूत वृद्धि और मुनाफे का श्रेय उसकी रणनीतिक योजनाओं और वित्तीय सेवाओं के डिजिटलीकरण में निवेश को जाता है। कंपनी ने विशेष रूप से रिटेल निवेशकों के बीच अपनी पकड़ मजबूत की है, जो अब भारत के विभिन्न शहरों और कस्बों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। इसके साथ ही, Groww ने डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से निवेश और वित्तीय योजना को सरल और अधिक पहुंच योग्य बनाने का प्रयास किया है, जो विशेष रूप से युवा निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

वित्तीय सेवा क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

भारत में डिजिटल वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। Groww, Zerodha, Angel One, और Upstox जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी हैं और निवेशकों को अधिक आकर्षक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में काम कर रही हैं। Groww की सफलता का एक बड़ा कारण उसका यूजर-फ्रेंडली प्लेटफार्म है, जो निवेशकों को बिना किसी जटिलता के स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, और अन्य वित्तीय उत्पादों में निवेश करने में मदद करता है।

तकनीकी प्लेटफार्म का प्रभाव

Groww ने अपने प्लेटफार्म को निरंतर अपग्रेड किया है, जिससे उपयोगकर्ताओं को नई तकनीकी सुविधाओं का लाभ मिल सके। यह प्लेटफार्म न केवल निवेश को आसान बनाता है, बल्कि इसमें यूजर्स को वित्तीय शिक्षा और सलाहकार सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं। कंपनी के ग्राहकों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि Groww का तकनीकी प्लेटफार्म बाजार में प्रभावी साबित हो रहा है।

वित्तीय प्रबंधन में सुधार

Groww ने फाइनेंशियल मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ, कंपनी ने अपने वित्तीय संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन किया है, जिससे कंपनी ऑपरेशनल स्तर पर लाभ में रही है। Groww का लक्ष्य अपने ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है, जिससे वे अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकें।

भविष्य की संभावनाएं

वित्तीय वर्ष 2024 की सफलता के बाद, Groww ने भारतीय फाइनेंशियल सर्विसेज मार्केट में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। कंपनी के पास भविष्य में और अधिक विस्तार की संभावना है, और इसके प्लेटफार्म पर लगातार नई सेवाएं और सुविधाएं जुड़ने की उम्मीद है। Groww का लक्ष्य भारतीय निवेशकों को बेहतर अनुभव और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करना है, जिससे कंपनी आने वाले वर्षों में और भी बड़ी सफलता प्राप्त कर सके।

निष्कर्ष

Groww की FY24 में शानदार वृद्धि और ऑपरेशनल मुनाफे ने उसे भारतीय फाइनेंशियल मार्केट में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। कंपनी ने अपने उपयोगकर्ताओं को सरल और प्रभावी वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में सफलता हासिल की है, जिससे उसके प्लेटफार्म की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में Groww की सफलता इस बात का प्रमाण है कि कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है और अपने ग्राहकों के लिए उत्कृष्ट वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रही है।

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