सप्लाई-चेन फाइनेंसिंग स्टार्टअप Mintifi ने सीरीज E राउंड में जुटाए $180 मिलियन

Mintifi

सप्लाई-चेन फाइनेंसिंग स्टार्टअप Mintifi ने इस महीने अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में $180 मिलियन (लगभग ₹1,500 करोड़) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व GTV और Prosus ने किया। यह फंडिंग उस समय आई है जब Mintifi ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में PAT (Profit After Tax) में 4 गुना वृद्धि और ऑपरेटिंग स्केल में साल-दर-साल 72% की वृद्धि दर्ज की है।


FY24 में Mintifi का राजस्व और ग्रोथ

Mintifi ने वित्तीय वर्ष 2024 में अपने परिचालन राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की।

  • राजस्व में वृद्धि:
    कंपनी का ऑपरेशन से राजस्व ₹384 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹223 करोड़ था।
  • स्थापना और सेवाएं:
    2017 में अनूप अग्रवाल, अंकित मेहता, और संजॉय शोम द्वारा स्थापित Mintifi मुख्य रूप से लास्ट-माइल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए भुगतान, इनवॉयसिंग और फाइनेंसिंग सॉल्यूशन्स प्रदान करता है।

Mintifi के बिजनेस मॉडल और सेवाएं

Mintifi का बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMEs) को केंद्र में रखकर बनाया गया है।

प्रमुख सेवाएं:

  1. पेमेंट सॉल्यूशन्स:
    SMEs को डिजिटल पेमेंट में आसानी और तेजी प्रदान करना।
  2. इनवॉयसिंग:
    उनके लिए इनवॉयस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना।
  3. फाइनेंसिंग:
    SMEs को क्रेडिट और फाइनेंस की सुविधा प्रदान करना ताकि वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें।

SMEs और Mintifi की भूमिका

भारत में छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) देश की आर्थिक रीढ़ माने जाते हैं। Mintifi इन व्यवसायों की सप्लाई चेन को फाइनेंसिंग और पेमेंट सॉल्यूशन्स प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाता है।

  • लास्ट-माइल नेटवर्क को सशक्त बनाना:
    Mintifi SMEs को उनके अंतिम-डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • इंडस्ट्री में विविधता:
    Mintifi की सेवाएं विभिन्न उद्योगों में उपलब्ध हैं, जिससे यह व्यापक रूप से अपनाई जा रही है।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएं

Mintifi के सीरीज E राउंड में जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी के विस्तार और विकास के लिए किया जाएगा।

  1. सेवाओं का विस्तार:
    नए उद्योगों और क्षेत्रों में अपने उत्पाद और सेवाओं का विस्तार करना।
  2. तकनीकी उन्नति:
    प्लेटफॉर्म की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना।
  3. ग्राहक अधिग्रहण:
    SMEs के साथ साझेदारी बढ़ाना और अधिक ग्राहकों को जोड़ना।
  4. नवाचार:
    नए उत्पादों और सॉल्यूशन्स के विकास के लिए इन्वेस्टमेंट।

FY24 में व्यय का विश्लेषण

Mintifi ने FY24 में जहां राजस्व में वृद्धि की, वहीं इसके व्यय पैटर्न में भी बदलाव आया।

मुख्य खर्च:

  • ऑपरेशनल खर्च:
    कंपनी ने अपने ऑपरेशन को स्केल करने और मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित किया।
  • तकनीकी निवेश:
    प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी विकास में खर्च किया गया।
  • मानव संसाधन:
    कर्मचारियों और टीम को सशक्त बनाने के लिए नए टैलेंट की भर्ती।

फंडिंग में प्रमुख निवेशक

Mintifi के सीरीज E फंडिंग राउंड में कई प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया।

  • GTV और Prosus:
    इस राउंड के प्रमुख निवेशक।
  • अन्य निवेशक:
    फंडिंग राउंड में अन्य वेंचर कैपिटल फर्मों ने भी भाग लिया, जो Mintifi की संभावनाओं पर भरोसा दिखाता है।

भारतीय सप्लाई चेन में Mintifi का प्रभाव

भारतीय सप्लाई चेन को डिजिटल और फाइनेंशियल रूप से सक्षम बनाने में Mintifi का योगदान महत्वपूर्ण है।

  • डिजिटल भुगतान:
    SMEs को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना।
  • किफायती फाइनेंस:
    छोटे व्यवसायों को किफायती दरों पर क्रेडिट सुविधा प्रदान करना।
  • समय पर भुगतान:
    सप्लाई चेन में फाइनेंसिंग के माध्यम से लेन-देन की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाना।

सप्लाई चेन फाइनेंसिंग का भविष्य

भारत में सप्लाई चेन फाइनेंसिंग का भविष्य उज्ज्वल है, और Mintifi जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

  • डिजिटल एडॉप्शन:
    SMEs तेजी से डिजिटल पेमेंट और फाइनेंसिंग समाधानों को अपना रहे हैं।
  • सरकारी समर्थन:
    सरकार द्वारा SMEs के लिए नीतियों और योजनाओं का समर्थन इस क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है।
  • निवेशकों की रुचि:
    फंडिंग में वृद्धि से यह क्षेत्र और मजबूत होगा।

निष्कर्ष

Mintifi का $180 मिलियन का सीरीज E फंडिंग राउंड कंपनी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।

  • FY24 में Mintifi ने अपने राजस्व और लाभ में जबरदस्त वृद्धि की, जो इसकी स्थिरता और विकास को प्रमाणित करता है।
  • SMEs को सशक्त बनाने में इसकी भूमिका न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
  • यह फंडिंग राउंड Mintifi को भारतीय और वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति में पहुंचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

Mintifi जैसी कंपनियां न केवल सप्लाई चेन फाइनेंसिंग को नए आयाम दे रही हैं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल और समावेशी बनाने में भी योगदान दे रही हैं।

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SustVest ने $1.7 मिलियन जुटाए, सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट को मिलेगा बढ़ावा

SustVest

सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म SustVest ने अपने प्री-सीरीज़ ए राउंड में $1.7 मिलियन (लगभग ₹14 करोड़) जुटाए हैं। यह फंडिंग Inflection Point Ventures और Antler के नेतृत्व में हुई, जिसमें WEH Ventures, Venture Catalysts, Soonicorn Ventures, और FAAD Network जैसे निवेशकों ने भी भाग लिया।

फंडिंग से प्राप्त राशि का उपयोग सोलर प्रोजेक्ट्स का अधिग्रहण, प्लेटफॉर्म की लॉन्चिंग के साथ मार्केटिंग को स्केल करना, ऑपरेशन्स को मजबूत करना, और कानूनी खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।


SustVest: एक सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म

SustVest की स्थापना हार्दिक भाटिया और देवांश शाह ने की है। यह प्लेटफॉर्म सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट्स, खासतौर पर नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखता है।

कंपनी का लक्ष्य न केवल निवेशकों को फिक्स्ड-इनकम के अवसर प्रदान करना है, बल्कि पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालना भी है। SustVest के माध्यम से कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) उपभोक्ताओं को शून्य-लागत पर सोलर प्रोजेक्ट्स तक पहुंच मिलती है।


SustVest की उपलब्धियां

SustVest ने अब तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं:

  • ₹43 करोड़ से अधिक का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM):
    कंपनी ने 9.3 मेगावाट सोलर इंस्टॉलेशन्स के साथ इस स्तर को पार किया है।
  • ₹5.7 करोड़ से अधिक की ऊर्जा आय वितरित की गई।
  • 94 लाख किलोग्राम से अधिक कार्बन उत्सर्जन को रोका गया।

निवेशकों को फायदे

SustVest निवेशकों को ऐसे अवसर प्रदान करता है, जहां वे फिक्स्ड रिटर्न के साथ पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

  • सीधे लाभ:
    निवेशकों को एक स्थिर आय स्रोत मिलता है।
  • पर्यावरणीय लाभ:
    उनके निवेश के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है।

प्रमुख ग्राहक और पोर्टफोलियो

SustVest के पोर्टफोलियो में कई प्रतिष्ठित ग्राहक शामिल हैं, जिनमें:

  • लोढ़ा ग्रुप
  • हिटाची
  • महले ग्रुप
  • सुब्रोस लिमिटेड
  • CISF, NSG, CRPF

कंपनी के ये ग्राहक उनके मॉडल और सेवाओं पर विश्वास को दर्शाते हैं।


फंडिंग का उपयोग

SustVest ने फंडिंग से प्राप्त राशि का उपयोग अपने मुख्य बिजनेस ग्रोथ इनिशिएटिव्स के लिए करने की योजना बनाई है:

  1. सोलर प्रोजेक्ट्स का अधिग्रहण:
    नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में और अधिक सोलर इंस्टॉलेशन्स का विस्तार करना।
  2. रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म लॉन्च:
    एक संगठित और नियमों का पालन करने वाले प्लेटफॉर्म को लॉन्च करके बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत करना।
  3. ऑपरेशन्स और मार्केटिंग को स्केल करना:
    अपने ब्रांड की पहुंच बढ़ाने के लिए नए मार्केटिंग प्रयास।
  4. कानूनी खर्चों का वहन:
    कंपनी के विस्तार के दौरान उत्पन्न होने वाले कानूनी मुद्दों का प्रबंधन।

SustVest का विजन

SustVest का उद्देश्य पर्यावरण और वित्तीय दोनों दृष्टिकोणों से सकारात्मक बदलाव लाना है।

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी:
    नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाकर पर्यावरण पर प्रभाव कम करना।
  • सोलर एनर्जी को सुलभ बनाना:
    C&I उपभोक्ताओं के लिए सस्ते टैरिफ पर सोलर प्रोजेक्ट्स उपलब्ध कराना।
  • फाइनेंशियल इनक्लूजन:
    छोटे और बड़े निवेशकों को समान रूप से निवेश के अवसर प्रदान करना।

भारत में सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट का भविष्य

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा और सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।

  • सरकारी प्रोत्साहन:
    भारत सरकार नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रही है, जो SustVest जैसे प्लेटफॉर्म के लिए अनुकूल माहौल बनाता है।
  • निवेशकों की रुचि:
    स्थिर रिटर्न और पर्यावरणीय प्रभाव के कारण निवेशक सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव:
    नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा।

निष्कर्ष

SustVest का $1.7 मिलियन का फंडिंग राउंड यह दर्शाता है कि सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट क्षेत्र में संभावनाएं अपार हैं।

  • कंपनी का प्रयास न केवल वित्तीय लाभ प्रदान करना है, बल्कि पर्यावरणीय सुधार में भी योगदान देना है।
  • SustVest जैसे प्लेटफॉर्म भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

यह कदम न केवल SustVest की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे सस्टेनेबल इन्वेस्टमेंट भविष्य के लिए एक व्यवहार्य और लाभकारी मॉडल बन सकता है।

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PhonePe के co-founders ने $1 मिलियन का अनुदान देने की घोषणा की

PhonePe

मुंबई स्थित सारदार पटेल प्रौद्योगिकी संस्थान (SPIT) ने 21 दिसंबर 2024 को अपने वार्षिक एलुमनी पुनर्मिलन का आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर PhonePe के सह-संस्थापक समीर निगम और राहुल चारी ने अपने पूर्व संस्थान के लिए $1 मिलियन (लगभग ₹8.3 करोड़) के अनुदान की घोषणा की।

यह कार्यक्रम SP जैन ऑडिटोरियम, भवन्स कैंपस में आयोजित हुआ, जिसमें 1999 के स्नातक बैच की 25वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस पुनर्मिलन में 300 से अधिक पूर्व छात्र शामिल हुए, जिनमें टेक और बिजनेस जगत की प्रमुख हस्तियां भी मौजूद थीं।


PhonePe अनुदान का उद्देश्य

PhonePe के सीईओ समीर निगम और सीटीओ राहुल चारी द्वारा घोषित यह अनुदान SPIT की इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने, और छात्रों में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया गया है।
इस अनुदान का उपयोग छात्रों को प्रभावशाली और व्यावहारिक समाधान विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए किया जाएगा।


सम्मान और उपलब्धियां

इस पुनर्मिलन में समीर निगम और राहुल चारी को डिस्टिंग्विश्ड एलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें भारत के फिनटेक क्षेत्र और समाज में उनके योगदान के लिए दिया गया।
PhonePe के नेतृत्व में:

  • कंपनी ने $12 बिलियन के मूल्यांकन को पार किया।
  • वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में ₹5,000 करोड़ का राजस्व अर्जित किया।

SP-Changemakers Awards

कार्यक्रम के दौरान SP-Changemakers Awards भी प्रदान किए गए, जिसमें पूर्व छात्रों को उनके उल्लेखनीय योगदान और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार SPIT से जुड़े व्यक्तियों की सफलता की कहानियों को पहचानने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है।


पुनर्मिलन की विशेषताएं

  • 25वीं वर्षगांठ का उत्सव:
    1999 बैच के स्नातकों ने अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाई, जिसमें संस्थान के इतिहास और छात्रों की उपलब्धियों पर चर्चा की गई।
  • 300+ पूर्व छात्रों की भागीदारी:
    इस आयोजन में शामिल हुए पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और नई पीढ़ी को प्रेरित किया।
  • नेटवर्किंग अवसर:
    कार्यक्रम ने उद्योग के प्रमुख व्यक्तियों को छात्रों और अन्य पूर्व छात्रों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान किया।

PhonePe और SPIT का गहरा नाता

समीर निगम और राहुल चारी के लिए SPIT केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह उनके करियर की नींव भी है।

  • समीर निगम:
    उन्होंने SPIT से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय फिनटेक उद्योग में PhonePe के माध्यम से एक क्रांति लाई।
  • राहुल चारी:
    राहुल ने SPIT से प्राप्त तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके PhonePe को तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाया।

SPIT के लिए भविष्य की संभावनाएं

PhonePe द्वारा दिए गए अनुदान से SPIT में कई पहलें शुरू की जाएंगी:

  1. आधुनिक लैब्स और रिसर्च सेंटर:
    छात्रों को अत्याधुनिक संसाधनों के साथ काम करने का मौका मिलेगा।
  2. स्टार्टअप और इनोवेशन हब:
    नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान एक हब स्थापित करेगा।
  3. छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रम:
    छात्रों को नए कौशल सीखने और उनके सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी।

समाज पर प्रभाव

PhonePe के सह-संस्थापकों द्वारा SPIT को दिया गया यह अनुदान न केवल संस्थान के छात्रों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। यह पहल:

  • छात्रों को बेहतर शिक्षा और संसाधन प्रदान करेगी।
  • भारतीय फिनटेक और टेक्नोलॉजी उद्योग में नए नेतृत्व को जन्म देगी।
  • देश में उद्यमशीलता और नवाचार को बढ़ावा देगी।

निष्कर्ष

सारदार पटेल प्रौद्योगिकी संस्थान का वार्षिक एलुमनी पुनर्मिलन और PhonePe द्वारा $1 मिलियन का अनुदान भारतीय शिक्षा प्रणाली और स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणादायक कदम है। यह कदम न केवल SPIT के छात्रों को सशक्त करेगा, बल्कि भारत के तकनीकी और फिनटेक परिदृश्य को भी मजबूत करेगा।

समीर निगम और राहुल चारी जैसे पूर्व छात्रों की सफलता SPIT के शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है और यह दिखाता है कि सही मार्गदर्शन और संसाधनों से क्या संभव हो सकता है।

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Zomato: SENSEX 30 में जगह बनाने वाला पहला Indian startup

Zomato

फूडटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी Zomato ने भारतीय स्टार्टअप्स के इतिहास में नया अध्याय लिखा है। यह कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) SENSEX 30 में शामिल होने वाली पहली भारतीय स्टार्टअप बन गई है। ज़ोमैटो ने JSW Steel Limited को हटाकर भारत के शीर्ष 30 कंपनियों के इस बेंचमार्क इंडेक्स में अपनी जगह बनाई है।


Zomato SENSEX में शामिल होने की वजह

Zomato का SENSEX 30 में शामिल होना उसकी बीते वर्ष की शानदार प्रदर्शन क्षमता को दर्शाता है।

  • बीते छह महीनों में ज़ोमैटो के शेयरों में 38% की वृद्धि हुई है।
  • साल की शुरुआत से अब तक, इसमें 124.79% का उछाल आया है।
  • पिछले एक साल में, Zomato के शेयरों ने 114.29% की वृद्धि दर्ज की है।

SENSEX में शामिल होने के बाद शेयर प्रदर्शन

सोमवार को, SENSEX 30 में शामिल होने के बाद, ज़ोमैटो के शेयरों में 3.15% की गिरावट दर्ज की गई।

  • शेयर की कीमत घटकर ₹278.70 हो गई।
  • कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण ₹2.68 लाख करोड़ (लगभग $31.9 बिलियन) पर स्थिर है।

वित्तीय प्रदर्शन

वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में ज़ोमैटो ने अपने परिचालन राजस्व और मुनाफे में जबरदस्त उछाल दर्ज किया।

  • परिचालन राजस्व:
    • ₹4,799 करोड़, जो कि पिछली तिमाही के ₹2,848 करोड़ से 68.5% अधिक है।
  • शुद्ध मुनाफा:
    • ₹176 करोड़, जो कि पिछली तिमाही की तुलना में 4.8 गुना वृद्धि दर्शाता है।

स्विगी से मुकाबला

ज़ोमैटो के मुख्य प्रतिस्पर्धी स्विगी ने भी इस दौरान वित्तीय प्रदर्शन के आंकड़े साझा किए।

  • परिचालन राजस्व:
    • ₹3,601 करोड़
  • शुद्ध घाटा:
    • ₹625 करोड़

स्विगी का कुल बाजार पूंजीकरण ₹1,32,695 करोड़ (लगभग $15.8 बिलियन) पर स्थिर है।


स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणा

ज़ोमैटो का SENSEX 30 में शामिल होना भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। यह उस संभावना को दर्शाता है जहां स्टार्टअप्स मुख्यधारा की शीर्ष कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

यह उपलब्धि ज़ोमैटो के रणनीतिक निर्णयों और वित्तीय प्रदर्शन का परिणाम है, जिसने कंपनी को निवेशकों का विश्वास हासिल करने में मदद की।


क्या है ज़ोमैटो की सफलता का राज़?

  1. मजबूत ग्राहक आधार:
    ज़ोमैटो ने भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने ग्राहकों का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित किया है।
  2. नवाचार और टेक्नोलॉजी:
    फूड डिलीवरी सेवाओं में ज़ोमैटो ने तकनीकी नवाचार और उपयोगकर्ता अनुभव को प्राथमिकता दी।
  3. रणनीतिक साझेदारी और अधिग्रहण:
    ज़ोमैटो ने ब्लिंकिट जैसे अधिग्रहण के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो को विस्तारित किया है।

चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि ज़ोमैटो ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, लेकिन कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है:

  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा: स्विगी जैसे घरेलू प्रतिद्वंद्वियों के साथ-साथ उबर ईट्स जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी लगातार चुनौती देते रहेंगे।
  • लाभप्रदता बनाए रखना: बढ़ती प्रतिस्पर्धा और लागत प्रबंधन के बीच, ज़ोमैटो को अपने मुनाफे को बनाए रखना होगा।

निष्कर्ष

ज़ोमैटो का SENSEX 30 में शामिल होना केवल एक कंपनी की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक नई प्रेरणा है। यह उपलब्धि न केवल ज़ोमैटो की विकास यात्रा को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारतीय स्टार्टअप्स वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं।

आने वाले समय में, ज़ोमैटो जैसे स्टार्टअप्स का प्रदर्शन भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता के परिदृश्य को और भी मजबूत करेगा।

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भारतीय स्टार्टअप्स ने जुटाए $191.71 मिलियन, पिछले सप्ताह की तुलना में 75.65% की गिरावट

भारतीय स्टार्टअप्स

पिछले सप्ताह में, भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर $191.71 मिलियन (करीब 1593 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई। इस दौरान 5 ग्रोथ-स्टेज डील्स और 16 अर्ली-स्टेज डील्स दर्ज की गईं, जबकि तीन स्टार्टअप्स ने अपने सौदे की जानकारी गोपनीय रखी।

ग्रोथ-स्टेज डील्स

ग्रोथ-स्टेज डील्स के तहत, 5 स्टार्टअप्स ने कुल $119.3 मिलियन जुटाए। इनमें:

  • Zetwerk (B2B ई-कॉमर्स स्टार्टअप) ने $70 मिलियन जुटाकर सबसे बड़ी फंडिंग हासिल की।
  • Bureau (फ्रॉड प्रिवेंशन प्लेटफॉर्म) ने $30 मिलियन जुटाए।
  • Bizom (रिटेल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म) ने $12 मिलियन जुटाए।
  • HostBooks (SaaS-आधारित अकाउंटिंग स्टार्टअप) ने $5 मिलियन जुटाए।
  • Zunroof (सोलर स्टार्टअप) ने $2.3 मिलियन जुटाए।

इसके अलावा, Kissht (फिनटेक फर्म) ने सचिन तेंदुलकर से अज्ञात राशि जुटाई।

अर्ली-स्टेज डील्स

अर्ली-स्टेज डील्स में, 16 स्टार्टअप्स ने कुल $72.41 मिलियन जुटाए। इनमें प्रमुख स्टार्टअप्स शामिल हैं:

  • INSTANT-XP (टेक-एनेबल्ड B2B एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स)
  • Seekho (लर्निंग-फोकस्ड OTT प्लेटफॉर्म)
  • ZingBus (इंटरसिटी मोबिलिटी स्टार्टअप)
  • QuiD Cash (सप्लाई चेन फिनटेक स्टार्टअप)
  • Arata (D2C हेयर केयर ब्रांड)

इसके अलावा, Crown Vet (पेट हेल्थकेयर फर्म) और KiranaPro (10 मिनट डिलीवरी प्लेटफॉर्म) ने फंड जुटाया लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया।


शहर और सेगमेंट-आधारित डील्स

  • शहर-आधारित डील्स: बेंगलुरु के स्टार्टअप्स ने 14 डील्स के साथ नेतृत्व किया, इसके बाद दिल्ली-एनसीआर, मैसूरु, पुणे, और मुंबई के स्टार्टअप्स रहे।
  • सेगमेंट-आधारित डील्स:
    • फिनटेक स्टार्टअप्स ने 5 डील्स के साथ पहला स्थान हासिल किया।
    • इसके बाद SaaS, ई-कॉमर्स, हेल्थटेक, लॉजिस्टिक्स, और क्लाइमेटेक स्टार्टअप्स रहे।

फंडिंग ट्रेंड और नई फंड लॉन्चेस

इस सप्ताह स्टार्टअप फंडिंग में पिछले सप्ताह के $787.28 मिलियन से 75.65% की गिरावट दर्ज की गई। औसत साप्ताहिक फंडिंग पिछले 8 सप्ताहों में करीब $325.62 मिलियन रही।

नई फंड लॉन्चेस:
चार स्टार्टअप-केंद्रित फंड लॉन्च किए गए:

  1. Athera Ventures
  2. India Accelerator
  3. Warmup Ventures
  4. Velocity

मुख्य नियुक्तियां और इस्तीफे

स्टार्टअप इकोसिस्टम में इस सप्ताह 11 महत्वपूर्ण नियुक्तियां और इस्तीफे देखे गए।

  • नियुक्तियां:
    • Blinkit ने विपिन कपूरिया को CFO नियुक्त किया।
    • InCred Group ने गौरव माहेश्वरी को CFO बनाया।
    • Pepperfry ने मधुसूदन बिहानी को CFO के रूप में पदोन्नत किया।
    • Sharedum ने श्रीनिवासन पार्थसार्थी को CTO बनाया।
  • इस्तीफे:
    • हेमल जैन (Zomato) और सहरश शर्मा (Orios Venture Partners) ने अपने पदों से इस्तीफा दिया।

विलय और अधिग्रहण

  • Nazara Technologies की सहायक कंपनी NODWIN Gaming ने AFK Gaming में 93% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। यह सौदा 7.6 करोड़ रुपये में नकद और इक्विटी स्वैप के माध्यम से हुआ।

सप्ताह की प्रमुख घोषणाएं और साझेदारियां

  • Zerodha ने उधार पर ट्रेडिंग की सुविधा शुरू की।
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने PhysicsWallah के साथ एआई-फोकस्ड इंस्टीट्यूट स्थापित करने के लिए साझेदारी की।
  • Zoomcar ने ड्राइवर सहित कार रेंटल सेवा शुरू करने की घोषणा की।
  • SlideShare के को-फाउंडर्स ने नया डॉक्युमेंट-शेयरिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।

वित्तीय परिणाम

  • IntrCity ने FY24 में 320 करोड़ रुपये की आय दर्ज की और ब्रेक-ईवन के करीब पहुंचा।
  • Ampere EV की आय 46% घटी और घाटे में 11 गुना वृद्धि हुई।
  • Vedantu ने FY24 में लगभग 200 करोड़ रुपये की आय दर्ज की और घाटे को 58% तक कम किया।
  • Bombay Shaving Company ने FY24 में 200 करोड़ रुपये का राजस्व पार किया।
  • Cashify ने FY24 में 1000 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया और घाटे को दो-तिहाई तक कम किया।

निष्कर्ष

इस सप्ताह स्टार्टअप फंडिंग में गिरावट के बावजूद, कई नई फंड लॉन्च और IPO घोषणाओं ने इकोसिस्टम को सक्रिय बनाए रखा। PhysicsWallah ने सार्वजनिक कंपनी में बदलने का पहला कदम उठाया, जबकि Mobikwik ने 59% प्रीमियम के साथ स्टॉक एक्सचेंज पर शुरुआत की। इसके साथ ही, त्वरित डिलीवरी क्षेत्र में कई नई कंपनियां प्रवेश कर रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा और बढ़ने की उम्मीद है।

स्टार्टअप इकोसिस्टम में ये बदलाव और प्रगति भारतीय उद्यमशीलता को एक नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।

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IntrCity ने FY24 में वृद्धि की गति धीमी की, लेकिन घाटे को कम किया

IntrCity

ट्रैवल-टेक प्लेटफॉर्म IntrCity, जो SmartBus और RailYatri का मालिक है, ने FY23 में हासिल की गई तेजी की तुलना में FY24 में अपनी विकास गति को बनाए नहीं रखा। हालांकि, कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 में 16% की मामूली वार्षिक वृद्धि दर्ज की। इसके साथ ही, नंदन नीलेकणि परिवार ट्रस्ट द्वारा समर्थित इस कंपनी ने अपने घाटे को 52% से अधिक घटाकर FY24 में 10 करोड़ रुपये से नीचे ला दिया।


IntrCity राजस्व में मामूली वृद्धि

IntrCity का संचालन राजस्व FY23 के 273.9 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 317.34 करोड़ रुपये हो गया, जो 15.9% की वृद्धि है। जबकि FY23 में कंपनी ने छह गुना वृद्धि दर्ज की थी, FY24 में यह गति धीमी रही।

  • बस ऑपरेशन्स से प्रमुख आय:
    IntrCity का 93.8% राजस्व इसके SmartBus ऑपरेशन्स से आया, जो FY24 में 16.9% बढ़कर 297.71 करोड़ रुपये हो गया।
  • अन्य आय स्रोत:
    कंपनी ने 18.08 करोड़ रुपये कमीशन से और 1.55 करोड़ रुपये विज्ञापन सेवाओं से अर्जित किए।
  • IRCTC से सहयोग:
    कंपनी की कमीशन आय का बड़ा हिस्सा Indian Railway Catering and Tourism Corporation (IRCTC) से आया।

मुख्य ब्रांड्स और सेवाएं

IntrCity दो प्रमुख ब्रांड्स के माध्यम से अपने ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है:

  1. SmartBus:
    IntrCity SmartBus लंबी दूरी के बस मार्गों पर यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। यह प्लेटफॉर्म भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ता है और अपनी उन्नत तकनीकी क्षमताओं के लिए जाना जाता है।
  2. RailYatri:
    RailYatri, ट्रेन यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग, भोजन ऑर्डर करने और यात्रा से संबंधित अन्य सेवाएं प्रदान करता है। इसका उद्देश्य रेलवे यात्रियों की यात्रा को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाना है।

FY24 में घाटे में कमी

IntrCity ने अपने परिचालन घाटे को काफी हद तक नियंत्रित किया। FY23 की तुलना में FY24 में घाटा 52% कम होकर 10 करोड़ रुपये से नीचे आ गया। यह वित्तीय अनुशासन और बेहतर लागत प्रबंधन का परिणाम है।


वित्तीय चुनौतियां और अवसर

  • विकास दर में गिरावट:
    FY23 में छह गुना वृद्धि के बाद FY24 में केवल 16% वृद्धि IntrCity के लिए एक धीमी प्रगति को दर्शाती है।
  • राजस्व विविधीकरण की आवश्यकता:
    कंपनी का अधिकांश राजस्व बस ऑपरेशन्स से आता है। भविष्य में, अन्य आय स्रोतों जैसे कमीशन और विज्ञापन को मजबूत करना महत्वपूर्ण होगा।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म की ताकत:
    IntrCity के वेब और मोबाइल प्लेटफॉर्म ने इसे ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद की है। यह डिजिटल बुनियादी ढांचा आगे के विस्तार और राजस्व वृद्धि के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

भारतीय यात्रा क्षेत्र में बढ़ते अवसर

भारत का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।

  1. सड़क और रेल यात्रा का महत्व:
    भारत में लंबी दूरी की यात्रा के लिए सड़क और रेल परिवहन सबसे लोकप्रिय साधन हैं। IntrCity इन दोनों क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करके एक व्यापक ग्राहक आधार को आकर्षित कर सकता है।
  2. तकनीकी नवाचार:
    उन्नत तकनीकों और एआई (AI) आधारित समाधान का उपयोग करके, IntrCity अपनी सेवाओं को और अधिक कुशल और ग्राहकों के लिए आकर्षक बना सकता है।
  3. ग्रामीण और छोटे शहरों में विस्तार:
    छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाकर IntrCity अपनी सेवाओं के लिए एक नया बाजार खोल सकता है।

भविष्य की योजनाएं

IntrCity को अपने मौजूदा परिचालन को मजबूत करते हुए नए अवसरों की खोज करनी चाहिए।

  • सेवा का विस्तार:
    कंपनी को भारत के अन्य क्षेत्रों में अपनी बस और रेल सेवाओं का विस्तार करना चाहिए।
  • साझेदारियों पर जोर:
    IRCTC जैसी संगठनों के साथ सहयोग को और मजबूत करना IntrCity की आय बढ़ा सकता है।
  • ग्राहक अनुभव में सुधार:
    बेहतर ग्राहक अनुभव के लिए नई तकनीकों और सुविधाओं को शामिल करना आवश्यक है।

निष्कर्ष

IntrCity का FY24 प्रदर्शन वित्तीय अनुशासन और परिचालन सुधार की ओर इशारा करता है। हालांकि राजस्व वृद्धि धीमी रही, कंपनी ने घाटे को नियंत्रित कर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। भविष्य में, बेहतर रणनीतियों और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से IntrCity भारतीय यात्रा बाजार में अपनी पकड़ को और मजबूत कर सकता है।

Edtech unicorn PhysicsWallah 2025 में आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी में

PhysicsWallah

भारत की प्रमुख एडटेक कंपनी Physicswallah (PhysicsWallah) ने 2025 में प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए अपनी योजना को अंतिम रूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अपनी स्थिति को निजी से सार्वजनिक कंपनी में बदलने और अपने नाम को PhysicsWallah Private Limited से बदलकर PhysicsWallah Limited करने का प्रस्ताव पारित किया है।

Physicswallah (PW) का आईपीओ केवल वित्तीय विस्तार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय एडटेक उद्योग में संभावनाओं का नया आयाम खोल सकता है। वर्तमान में, भारत में शिक्षा क्षेत्र तेजी से डिजिटल हो रहा है, और एडटेक कंपनियों ने इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। PW का यह कदम न केवल इसके विकास को गति देगा, बल्कि अन्य कंपनियों को भी प्रेरित करेगा।

कंपनी की यात्रा और सफलता की कहानी

PhysicsWallah ने 2016 में एक साधारण यूट्यूब चैनल के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी। संस्थापक अलख पांडे का उद्देश्य छात्रों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था। जेईई और नीट जैसे कठिन परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए PW ने अनगिनत छात्रों की मदद की है। उनकी अनूठी शिक्षण शैली और किफायती दरों ने छात्रों और अभिभावकों का विश्वास जीत लिया है।

आईपीओ की दिशा में कदम

PhysicsWallah ने अपने इक्विटी शेयरों को एक या अधिक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने की योजना बनाई है। हालांकि कंपनी ने आईपीओ की सटीक समयसीमा साझा नहीं की है, लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2025 की दूसरी छमाही तक इसका सार्वजनिक लिस्टिंग हो सकती है।

यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब पिछले महीने कंपनी ने अमित सचदेवा को अपना नया मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नियुक्त किया है। सचदेवा की नियुक्ति और सार्वजनिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया, IPO की दिशा में कंपनी की गंभीरता को दर्शाती है।

फिजिक्सवाला की स्थापना और विस्तार

2016 में स्थापित, फिजिक्सवाला ने एक यूट्यूब चैनल के रूप में शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य जेईई (JEE) और नीट (NEET) जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था। धीरे-धीरे यह एक पूर्ण एडटेक प्लेटफॉर्म में बदल गया, जो निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है:

  • लाइव और रिकॉर्डेड लेक्चर
  • टेस्ट सीरीज़
  • अध्ययन सामग्री
  • ऑफलाइन और हाइब्रिड शिक्षण केंद्र (PW पाठशाला के तहत)

कंपनी ने अपने मॉडल को विस्तार देते हुए PW Pathshala के तहत ऑफलाइन सेंटर भी शुरू किए हैं, जिससे देशभर के छात्रों तक उनकी पहुंच और भी व्यापक हो गई है।

एडटेक सेक्टर में पहली लिस्टिंग की उम्मीद

अगर PhysicsWallah का आईपीओ सफल होता है, तो यह वेंचर-फंडेड एडटेक कंपनियों में से पहली होगी जो भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होगी। वर्तमान में कई एडटेक कंपनियां अपने आईपीओ की योजनाएं बना रही हैं, लेकिन फिजिक्सवाला इस दिशा में सबसे आगे दिखाई दे रही है।

निवेशक और बाजार की रणनीति

PhysicsWallah ने कथित तौर पर अपने आगामी सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए निवेश बैंकरों की नियुक्ति कर ली है। कंपनी के इस कदम को न केवल इसके विस्तार के लिए बल्कि अपने निवेशकों को मजबूत रिटर्न देने के लिए भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

छात्रों और अभिभावकों का विश्वास

PhysicsWallah की सबसे बड़ी ताकत इसका छात्र-केन्द्रित मॉडल और किफायती शिक्षा है। देशभर के लाखों छात्र इस प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं। कंपनी ने यह साबित किया है कि गुणवत्ता शिक्षा केवल बड़े बजट तक सीमित नहीं होनी चाहिए।

भविष्य की योजनाएं

PhysicsWallah का आईपीओ केवल वित्तीय विस्तार का जरिया नहीं है, बल्कि यह एडटेक सेक्टर में इसके नेतृत्व को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कंपनी के इस निर्णय से न केवल उसके निवेशकों को फायदा होगा, बल्कि यह अन्य एडटेक कंपनियों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा।

निष्कर्ष
PhysicsWallah का IPO योजना और सार्वजनिक कंपनी में परिवर्तन, भारतीय एडटेक उद्योग के विकास में एक ऐतिहासिक कदम है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह यूनिकॉर्न अपने उद्देश्यों को कैसे पूरा करता है और बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करता है।

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एडटेक यूनिकॉर्न Vedantu ने FY24 में 21% राजस्व वृद्धि दर्ज की, घाटा 58% कम

Vedantu

भारत में एडटेक उद्योग के लिए यह वर्ष मिश्रित अनुभवों से भरा रहा, लेकिन बेंगलुरु स्थित एडटेक यूनिकॉर्न Vedantu ने वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। कंपनी ने न केवल अपने राजस्व में 21% की वृद्धि दर्ज की बल्कि अपने घाटे को 58% तक घटा लिया, जो उद्योग में एक सकारात्मक संकेत है।

वित्तीय प्रदर्शन: Vedantuराजस्व और लाभांश का विश्लेषण

Vedantu का परिचालन राजस्व FY24 में 185 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष (FY23) में 153 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि कंपनी के मुख्य परिचालन क्षेत्रों और नए प्रयासों का परिणाम है।

  • ऑनलाइन ट्यूशन का योगदान:
    वेदांतु की कुल परिचालन आय का 90% हिस्सा ऑनलाइन ट्यूटरिंग से आया। इस श्रेणी में FY24 में 166 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ, जो FY23 में 149 करोड़ रुपये था, यानी 11.4% की वृद्धि
  • पुस्तक बिक्री में उछाल:
    पुस्तक बिक्री में उल्लेखनीय 300% की वृद्धि हुई, जो FY24 में 9 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
  • अन्य स्रोत:
    शेष आय होस्टल शुल्क और ई-लर्निंग परियोजनाओं से हुई, जो कंपनी के लिए छोटे लेकिन महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं।

नुकसान में कमी: लागत में कटौती और रणनीतिक प्रबंधन

FY24 में वेदांतु ने अपने घाटे को 58% तक घटाया, जो एडटेक उद्योग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

  1. व्यवसाय मॉडल का पुनर्गठन:
    वेदांतु ने अपनी ऑपरेशनल प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाया, जिससे अनावश्यक खर्चों में कटौती हुई।
  2. ऑनलाइन ट्यूटरिंग पर फोकस:
    ऑनलाइन क्लासेस और व्यक्तिगत ट्यूटरिंग से स्थिर आय उत्पन्न हुई।
  3. नई पहल और विस्तार:
    ऑफलाइन कोचिंग सेंटरों और बच्चों के कोडिंग पाठ्यक्रम में निवेश ने नए राजस्व स्रोत जोड़े।

वेदांतु की मुख्य सेवाएं: शिक्षा का व्यापक दायरा

वेदांतु का कोर फोकस कक्षा 6 से 12 के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस और JEE परीक्षा की तैयारी पर है।

  • बच्चों के कोडिंग कोर्स:
    मई 2020 में, वेदांतु ने 6-12 आयु वर्ग के बच्चों के लिए कोडिंग पाठ्यक्रम लॉन्च किया, जो तकनीकी शिक्षा में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए एक नई दिशा है।
  • स्टडी मटेरियल और ऑफलाइन सेंटर:
    हाल के वर्षों में कंपनी ने स्टडी मटेरियल और ऑफलाइन कोचिंग सेंटर भी लॉन्च किए, जो छात्रों के लिए शिक्षा के मिश्रित (ऑनलाइन और ऑफलाइन) अनुभव की पेशकश करते हैं।

एडटेक उद्योग में वेदांतु की स्थिति

एडटेक क्षेत्र में जहां कई कंपनियां घाटे और राजस्व में कमी से जूझ रही हैं, वेदांतु का यह प्रदर्शन इसे अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग करता है।

  1. स्थिर राजस्व मॉडल:
    ऑनलाइन ट्यूटरिंग के जरिए स्थिर आय उत्पन्न कर वेदांतु ने एक मजबूत वित्तीय मॉडल स्थापित किया है।
  2. नए क्षेत्रों में विस्तार:
    बच्चों के कोडिंग कोर्स और ऑफलाइन सेंटरों ने कंपनी को बाजार में विविधता लाने में मदद की है।
  3. व्यावसायिक रणनीति:
    वेदांतु का रणनीतिक निवेश और खर्चों पर नियंत्रण इसे बाजार में टिकाऊ बनाता है।

एडटेक उद्योग के लिए संकेत

वेदांतु की सफलता एडटेक उद्योग को कई सबक देती है:

  • लागत नियंत्रण का महत्व:
    खर्चों में कटौती और कुशल प्रबंधन घाटे को कम करने के लिए आवश्यक हैं।
  • विविधता और नवाचार:
    कोडिंग कोर्स और ऑफलाइन विस्तार जैसे प्रयास कंपनी के लिए राजस्व के नए स्रोत बनाते हैं।
  • गुणवत्ता शिक्षा पर जोर:
    छात्रों की शैक्षिक जरूरतों को समझकर उन्हें बेहतर सेवाएं देना व्यवसाय की सफलता की कुंजी है।

भविष्य की योजना: एक मजबूत आधार

FY24 के सकारात्मक प्रदर्शन के बाद, वेदांतु अपने भविष्य के प्रयासों को मजबूत कर रहा है।

  1. ऑफलाइन और ऑनलाइन का संतुलन:
    कंपनी और अधिक ऑफलाइन सेंटर खोलने और अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
  2. नई तकनीकों का उपयोग:
    एआई और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों को अपनाकर वेदांतु छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षा प्रदान करना चाहता है।
  3. वैश्विक विस्तार:
    भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद, वेदांतु अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार की योजना बना सकता है।

निष्कर्ष: वेदांतु का सफल भविष्य

वेदांतु ने FY24 में अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारकर एडटेक उद्योग में एक नई मिसाल कायम की है।

  • राजस्व में वृद्धि और घाटे में कमी कंपनी की कुशल रणनीति का प्रमाण है।
  • शैक्षिक सेवाओं की गुणवत्ता और विविधता ने इसे छात्रों और अभिभावकों के बीच लोकप्रिय बनाया है।

आने वाले वर्षों में, वेदांतु का ध्यान तकनीकी नवाचार और शिक्षा की पहुंच बढ़ाने पर रहेगा, जिससे यह एडटेक क्षेत्र में अपनी जगह को और मजबूत करेगा।

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Fitsol manufacturing इंडस्ट्री के लिए कार्बन न्यूट्रल समाधान

Fitsol

भारत में डिकर्बनाइजेशन प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती मांग के बीच, Fitsol ने अपनी अनोखी पेशकश के जरिए मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में बदलाव लाने का प्रयास किया है। हाल ही में फिटसोल ने $1 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है, जिसमें प्रमुख निवेशक ट्रांजिशन वीसी शामिल है।

Fitsol फंडिंग का उद्देश्य और कंपनी की योजना

इस ताजा निवेश का उपयोग Fitsol तीन प्रमुख क्षेत्रों में करेगा:

  1. एआई क्षमताओं में सुधार: कंपनी अपने एआई-संचालित प्लेटफॉर्म क्योटो को और अधिक उन्नत बनाएगी। यह प्लेटफॉर्म लाइफसाइकिल असेसमेंट और प्रोडक्ट कार्बन फुटप्रिंट के लिए उन्नत एनालिटिक्स और मॉड्यूल प्रदान करेगा।
  2. ऑपरेशंस का विस्तार: तकनीकी विशेषज्ञों, बिजनेस डेवलपमेंट प्रोफेशनल्स और ग्राहक सेवा से जुड़े टैलेंट को हायर करके कंपनी अपने परिचालन का विस्तार करेगी।
  3. नेट जीरो टारगेट्स: मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायता करने के लिए नए समाधानों में निवेश करेगी।

फिटसोल का परिचय

2022 में स्थापित, फिटसोल को आनंद पाठक, अक्षय टंडन, मनोज शर्मा, सुनील बंसल, और विकास कालरा ने मिलकर शुरू किया। यह प्लेटफॉर्म मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अपने कार्बन उत्सर्जन को मापने, रिपोर्ट करने, बेंचमार्क करने और सक्रिय रूप से कम करने में सक्षम बनाता है।

फिटसोल का प्रमुख एआई प्लेटफॉर्म, क्योटो, न केवल उत्सर्जन की निगरानी करता है, बल्कि स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र मार्केटप्लेस भी प्रदान करता है।

क्योटो: एक एआई-आधारित समाधान

क्योटो का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को उनके स्कोप 1, 2 और 3 उत्सर्जन को ट्रैक करने में मदद करना है।

  • स्कोप 1: डायरेक्ट उत्सर्जन जैसे फैक्ट्री में ईंधन जलाने से।
  • स्कोप 2: ऊर्जा उत्पादन से संबंधित कार्बन उत्सर्जन।
  • स्कोप 3: सप्लाई चेन, डिलीवरी, और अन्य अप्रत्यक्ष उत्सर्जन।

क्योटो एक डाटा-संचालित एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म है, जो कंपनियों को उनके कार्बन फुटप्रिंट का संपूर्ण आकलन प्रदान करता है। यह कंपनियों को उत्सर्जन कम करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने में भी मदद करता है।

स्थिरता मार्केटप्लेस: हरित समाधानों का एक स्टॉप डेस्टिनेशन

फिटसोल का सस्टेनेबिलिटी मार्केटप्लेस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए हरित समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है:

  • ग्रीन लॉजिस्टिक्स: पर्यावरण-अनुकूल परिवहन और शिपिंग विकल्प।
  • सस्टेनेबल पैकेजिंग: प्लास्टिक और अन्य हानिकारक सामग्रियों का विकल्प।
  • ईको-फ्रेंडली प्रोक्योरमेंट: पर्यावरण के अनुकूल कच्चे माल की खरीद।
  • वेस्ट मैनेजमेंट: उत्पादन प्रक्रिया से उत्पन्न कचरे का पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण।
  • कार्बन ऑफसेटिंग सेवाएं: वनीकरण और अन्य हरित परियोजनाओं के जरिए कार्बन उत्सर्जन की भरपाई।

नेट-जीरो लक्ष्यों की दिशा में कदम

फिटसोल मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को नेट-जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। क्योटो प्लेटफॉर्म और स्थिरता मार्केटप्लेस के जरिए कंपनियां अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए स्पष्ट रणनीतियां अपना सकती हैं।

डिकर्बनाइजेशन की बढ़ती जरूरत

भारत जैसे विकासशील देश में औद्योगिक उत्पादन का पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए डिकर्बनाइजेशन तकनीकों और समाधानों की जरूरत बढ़ रही है।

  • औद्योगिक कंपनियों के लिए चुनौतियां:
    1. उत्सर्जन की पहचान और माप।
    2. लागत-प्रभावी हरित समाधान खोजना।
    3. सरकारी नियमों का अनुपालन।

फिटसोल इन सभी चुनौतियों को हल करने के लिए एक व्यापक समाधान प्रदान करता है।

निवेशकों का विश्वास और भविष्य की संभावनाएं

ट्रांजिशन वीसी जैसे निवेशकों का समर्थन फिटसोल की सफलता और इसकी संभावनाओं को दर्शाता है। यह निवेश न केवल कंपनी को अपने तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा, बल्कि इसे अधिक व्यवसायों तक पहुंचने में भी सहायता करेगा।

स्थिरता के प्रति वैश्विक रुझान

डिकर्बनाइजेशन और सस्टेनेबिलिटी केवल भारत तक सीमित नहीं हैं; यह एक वैश्विक प्राथमिकता बन चुकी है। फिटसोल जैसे प्लेटफॉर्म मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को पर्यावरणीय जिम्मेदारी अपनाने में मदद करते हैं और एक हरित भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

निष्कर्ष: एक हरित भविष्य की ओर

फिटसोल का एआई-संचालित प्लेटफॉर्म और स्थिरता मार्केटप्लेस मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।

  • कंपनियों को पर्यावरण-अनुकूल बनाना: उत्सर्जन की निगरानी और कमी के लिए उपकरण।
  • हरित समाधानों का व्यापक विकल्प: स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद।
  • एक स्थायी भविष्य की दिशा में कदम: उद्योगों और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना।

फिटसोल की यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को उनकी प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने और लागत प्रभावी समाधान अपनाने में भी मदद करती है।

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सप्लाई चेन फिनटेक स्टार्टअप QuiD Cash ने जुटाए 38 करोड़ रुपये

QuiD

सप्लाई चेन फिनटेक स्टार्टअप QuID Cash ने प्री-सीरीज़ ए राउंड में 38.23 करोड़ रुपये (लगभग $4.5 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में कई एंजल निवेशकों ने हिस्सा लिया, जिनमें पियूष जैन और मौजूदा निवेशक MintCap शामिल हैं।

इससे पहले, 2024 की शुरुआत में, QuiD ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में 5 करोड़ रुपये जुटाए थे। उस समय यह फंडिंग MintCap Enterprises और Stone Park Capital की अगुवाई में हुई थी।

QuID फंड का उपयोग और नई पहल

QuID Cash ने कहा कि इस फंड का उपयोग कंपनी की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने और व्यवसाय के विस्तार के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, कंपनी ने QuiD Capital नाम से एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) भी लॉन्च की है, जो एंकर-आधारित इनवॉइस फाइनेंसिंग की सुविधा प्रदान करेगी।

QuiD Cash की स्थापना और सेवाएं

QuiD Cash की स्थापना सुभाष गुप्ता और विक्रम एजी ने की थी। यह एक टेक-आधारित वित्तीय समाधान प्रदान करने वाला बी2बी सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है।

कंपनी वर्तमान में लगभग 8,000 उपयोगकर्ताओं को सेवा देती है और एफएमसीजी, ऑटोमोटिव, फार्मास्युटिकल्स और कृषि उद्योग जैसे क्षेत्रों की 20 से अधिक प्रमुख कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही है। इन कंपनियों के माध्यम से हर महीने 50 करोड़ रुपये से 250 करोड़ रुपये तक के लेन-देन होते हैं।

सप्लाई चेन फाइनेंसिंग में नई दिशा

QuiD Cash के QuiD Capital NBFC के जरिए इनवॉइस फाइनेंसिंग की सुविधा उन कंपनियों को मिलेगी, जो अपने सप्लाई चेन को सुगम बनाने और फंड फ्लो को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं। यह मॉडल कंपनियों के लिए आर्थिक स्थिरता और तेज़ भुगतान का विकल्प प्रदान करता है।

QuiD Cash का प्रभाव

इस फंडिंग के बाद, QuiD Cash का उद्देश्य न केवल अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करना है, बल्कि देश भर में अधिक कंपनियों और उपयोगकर्ताओं तक अपनी पहुंच बनाना भी है।

कंपनी के को-फाउंडर सुभाष गुप्ता ने कहा,
“हमारी कोशिश है कि तकनीकी समाधानों के माध्यम से सप्लाई चेन से जुड़ी वित्तीय चुनौतियों को हल करें। हमारा फोकस नए उत्पाद लाने और अपने मौजूदा सिस्टम को और मजबूत करने पर है।”

QuiD Cash: वित्तीय समाधान में तकनीकी नवाचार

फिनटेक और सप्लाई चेन फाइनेंसिंग के क्षेत्र में QuiD Cash की पहल ने उद्योग जगत का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी अपने एंकर-आधारित मॉडल के जरिए बड़े और छोटे व्यवसायों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान कर रही है, जो फंड फ्लो को तेज़ और अधिक कुशल बनाता है।

फिनटेक का बढ़ता प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों में भारत में फिनटेक कंपनियों का प्रभाव तेजी से बढ़ा है। सप्लाई चेन फाइनेंसिंग का बाजार विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है, जो बड़े पैमाने पर लेन-देन करते हैं लेकिन नकदी प्रवाह में अड़चनों का सामना करते हैं।

QuiD Cash जैसी कंपनियां इस गैप को भरने के लिए उन्नत तकनीकी समाधानों का उपयोग कर रही हैं। यह न केवल बिजनेस पार्टनर्स के लिए आसान फाइनेंसिंग का रास्ता खोलती है, बल्कि पूरे सप्लाई चेन को सुगम बनाती है।

सप्लाई चेन पार्टनरशिप और नेटवर्क

QuiD Cash की 20 प्रमुख कंपनियों के साथ साझेदारी इसका एक बड़ा यूएसपी है। कंपनी के पास एक मजबूत नेटवर्क है जो एफएमसीजी, ऑटोमोटिव, फार्मास्युटिकल्स और कृषि जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करता है।

इन कंपनियों के लिए QuiD का प्लेटफॉर्म एक ऐसा माध्यम बन गया है, जहां वे बड़ी मात्रा में लेन-देन कर सकते हैं और समय पर फंड प्राप्त कर सकते हैं। यह विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए मददगार है, जिनके सप्लाई चेन मॉडल में अक्सर फाइनेंसिंग की जरूरत पड़ती है।

NBFC लॉन्च: एक नई शुरुआत

QuiD Capital का लॉन्च कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह NBFC मॉडल न केवल ग्राहकों के लिए आसान फाइनेंसिंग का विकल्प प्रदान करेगा, बल्कि QuiD Cash को एक व्यापक वित्तीय सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित करेगा।

NBFC का उद्देश्य छोटे और मझोले व्यवसायों को उनकी फाइनेंसिंग जरूरतों के लिए एक निर्बाध समाधान प्रदान करना है।

QuiD Capital की मुख्य विशेषताएं:

  1. एंकर-आधारित इनवॉइस फाइनेंसिंग: बड़े और छोटे व्यवसायों के लिए तेज़ और सुरक्षित भुगतान समाधान।
  2. ब्याज दरों का प्रतिस्पर्धी मॉडल: कंपनियों के लिए लागत प्रभावी विकल्प।
  3. डिजिटल प्लेटफॉर्म: उपयोगकर्ताओं के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी।

फंडिंग से QuiD को मिलने वाले फायदे

QuiD Cash ने अब तक दो प्रमुख फंडिंग राउंड में हिस्सा लिया है। नवीनतम $4.5 मिलियन की फंडिंग ने कंपनी को अपनी तकनीक और व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर दिया है।

फंडिंग से QuiD Cash निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश करेगा:

  • टेक्नोलॉजी अपग्रेड्स: उन्नत तकनीकी समाधान और एआई-आधारित एनालिटिक्स।
  • बिजनेस एक्सपेंशन: भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाओं का विस्तार।
  • उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार: ग्राहकों के लिए और अधिक सहज प्लेटफॉर्म डिजाइन करना।

कंपनी का भविष्य दृष्टिकोण

QuiD Cash आने वाले समय में अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने और नई इंडस्ट्रीज में प्रवेश करने की योजना बना रहा है। कंपनी की तकनीकी क्षमताएं और फाइनेंसिंग मॉडल इसे एक मजबूत प्रतियोगी बनाते हैं।

फाउंडर्स सुभाष गुप्ता और विक्रम एजी का मानना है कि छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए वित्तीय समाधान प्रदान करने में भारत में बड़ी संभावनाएं हैं। उनकी रणनीति QuiD Cash को इस क्षेत्र में अग्रणी स्थान दिलाने की है।

ग्राहकों की प्रतिक्रिया और बाजार में मांग

QuiD Cash के मौजूदा उपयोगकर्ताओं ने कंपनी की सेवाओं की सराहना की है। व्यवसायों ने खास तौर पर इसके तेज़ फाइनेंसिंग समाधान और पारदर्शी प्रक्रिया को उपयोगी पाया है।

कंपनी ने विभिन्न इंडस्ट्रीज में अपनी जगह बनाई है, और ग्राहकों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि फिनटेक समाधानों की मांग में तेजी आई है।

भविष्य की संभावनाएं

भारत में सप्लाई चेन इंडस्ट्री और बी2बी फाइनेंसिंग सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में QuiD Cash जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। फंडिंग और तकनीकी विकास के साथ, QuiD Cash आने वाले समय में और बड़े अवसर तलाश सकती है।

निष्कर्ष: फिनटेक में एक नया अध्याय

QuiD Cash ने भारतीय फिनटेक और सप्लाई चेन उद्योग में अपनी पहचान बना ली है। अपनी मजबूत तकनीक, गहन नेटवर्क, और निवेशकों के समर्थन के साथ, कंपनी आने वाले वर्षों में और अधिक सफलता हासिल करने के लिए तैयार है।

इसकी एंकर-आधारित इनवॉइस फाइनेंसिंग और NBFC पहल न केवल व्यवसायों के लिए नई संभावनाएं लाएगी, बल्कि सप्लाई चेन वित्तीय समाधान के क्षेत्र में एक नया अध्याय भी जोड़ेगी।

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