Startup Policy Forum (SPF): भारत के नए युग की अर्थव्यवस्था को दिशा देने की पहल

Startup Policy Forum

भारत के स्टार्टअप क्षेत्र को संगठित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से Startup Policy Forum (SPF) की शुरुआत की गई है। यह एक अनूठा औद्योगिक संगठन है जो स्टार्टअप संस्थापकों और नीति निर्माताओं के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करेगा।


Startup Policy Forum का उद्देश्य और महत्व

Startup Policy Forum का मुख्य उद्देश्य भारत के नए युग की अर्थव्यवस्था को गति देना और इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना है। यह फोरम स्टार्टअप्स की समस्याओं और उनकी जरूरतों को नीति निर्माताओं तक पहुंचाने का कार्य करेगा।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने SPF के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा:

“हमारे स्टार्टअप्स व्यवसाय को लोकतांत्रिक बना रहे हैं और नौकरी चाहने वालों को नौकरी प्रदाता में बदल रहे हैं। SPF भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”


SPF में कौन-कौन शामिल हैं?

SPF ने अपने प्रारंभिक चरण में 30 प्रमुख स्टार्टअप्स को जोड़ा है। इनमें शामिल हैं:

  • फिनटेक और पेमेंट: Razorpay, CRED, Pine Labs
  • फूड और हॉस्पिटैलिटी: Swiggy, OYO
  • ई-कॉमर्स और कार सेक्टर: Cars24, CarDekho
  • हेल्थटेक: Practo
  • एंटरटेनमेंट और गेमिंग: Dream11, MPL
  • टेक्नोलॉजी और डिजिटलीकरण: Ixigo, Livspace, Jupiter

आगे चलकर, SPF की सदस्यता 100 चुनिंदा स्टार्टअप्स तक सीमित होगी।


नेतृत्व और प्रबंधन

SPF का नेतृत्व श्वेता राजपाल कोहली कर रही हैं, जो सार्वजनिक नीति के क्षेत्र की अनुभवी विशेषज्ञ हैं। उनका उद्देश्य भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बढ़ावा देना है।


भारत के स्टार्टअप्स के लिए SPF की पहल

1. नीति निर्माण में भागीदारी

SPF नीति निर्माताओं के साथ संवाद स्थापित करेगा, जिससे स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल नीतियों का निर्माण हो सके।

  • कर प्रणाली का सरलीकरण
  • फंडिंग और निवेश को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ
  • नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहन

2. वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व

SPF भारत के स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगा।

  • अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ संवाद
  • भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक बाजारों में अवसर प्रदान करना

3. सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान

SPF स्टार्टअप्स को जॉब क्रिएशन और सामाजिक उत्थान में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।


भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास

तेजी से बढ़ता क्षेत्र

  • भारत में 2023 तक 90,000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।
  • इनमें से कई यूनिकॉर्न बन चुके हैं, जिनकी वैल्यूएशन $1 बिलियन से अधिक है।

स्टार्टअप्स का महत्व

  • रोजगार सृजन: लाखों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार।
  • डिजिटलीकरण: टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग।
  • समस्या समाधान: हेल्थकेयर, फाइनेंस, शिक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में नए समाधान।

चुनौतियाँ

  • जटिल कर प्रणाली
  • फंडिंग की कमी
  • वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा

SPF इन सभी चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकता है।


SPF और स्टार्टअप्स के लिए संभावनाएँ

सशक्त नीति निर्माण

SPF सरकार और स्टार्टअप्स के बीच बेहतर संवाद स्थापित करेगा, जिससे नीतियाँ अधिक समावेशी और प्रभावी बनेंगी।

निवेश में वृद्धि

फोरम के माध्यम से स्टार्टअप्स को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों तक पहुँचने का अवसर मिलेगा।

प्रौद्योगिकी और नवाचार का समर्थन

SPF स्टार्टअप्स को AI, मशीन लर्निंग, और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार

भारत के स्टार्टअप्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए SPF महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


SPF के माध्यम से भारत का भविष्य

SPF के माध्यम से भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक नई ऊँचाई तक पहुँच सकता है।

  • यह स्टार्टअप्स को एक सशक्त आवाज़ देगा।
  • भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
  • “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा।

निष्कर्ष

स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (SPF) भारत के स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। यह केवल नीति निर्माण और संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है जो भारत की नई अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए समर्पित है।

SPF का उद्देश्य सिर्फ आज की समस्याओं का समाधान करना नहीं, बल्कि भारत के स्टार्टअप्स को भविष्य के लिए तैयार करना है। इसका सफल क्रियान्वयन भारत को एक स्टार्टअप सुपरपावर में बदल सकता है।

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HomeLane ने FY24 में घाटे को 30% तक किया कम, राजस्व में मामूली वृद्धि

HomeLane

बेंगलुरु स्थित होम इंटीरियर डिज़ाइन कंपनी HomeLane ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में मामूली राजस्व वृद्धि दर्ज की, लेकिन अपने घाटे को 30% तक कम करने में कामयाबी हासिल की। यह सफलता सामग्री लागत और कर्मचारियों के लाभ खर्चों को नियंत्रित करने की वजह से संभव हुई।


HomeLane राजस्व में 7% की वृद्धि

HomeLane का संचालन से राजस्व FY24 में 7% बढ़कर ₹613.6 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹573.8 करोड़ था।

  • कंपनी ने मुख्य रूप से होम इंटीरियर सॉल्यूशंस से आय अर्जित की, जिसमें डिज़ाइन, कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और इंस्टॉलेशन सेवाएँ शामिल हैं।
  • अतिरिक्त ₹4 करोड़ का राजस्व डिपॉज़िट पर ब्याज से आया, जिससे FY24 में कुल आय ₹617 करोड़ हो गई।

घाटे में 30% की गिरावट

HomeLane ने FY24 में अपने घाटे को 30% तक कम किया।

  • कंपनी ने कुल लागत में 2.4% की कमी की, जो FY23 में ₹757.8 करोड़ थी और FY24 में ₹738.77 करोड़ रही।

खर्चों का विवरण

सामग्री लागत में कमी

  • सामग्री लागत, जो कंपनी का सबसे बड़ा खर्च है, में 6.8% की कमी हुई।
  • FY23 में यह खर्च ₹420 करोड़ था, जबकि FY24 में यह ₹391.25 करोड़ तक गिर गया।

कर्मचारियों के लाभ में कटौती

  • कर्मचारियों के लाभ खर्च में 2.4% की मामूली कमी हुई।
  • FY24 में यह खर्च ₹187 करोड़ रहा, जो FY23 में ₹191.6 करोड़ था।

विज्ञापन खर्च में वृद्धि

  • विज्ञापन और प्रचार पर खर्च 20.1% बढ़कर ₹83.1 करोड़ हो गया।
  • यह वृद्धि कंपनी की ब्रांड जागरूकता बढ़ाने और बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए की गई रणनीति का हिस्सा है।

होम इंटीरियर इंडस्ट्री में HomeLane का स्थान

HomeLane, होम इंटीरियर सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है।

  • यह डिज़ाइन से लेकर निर्माण और इंस्टॉलेशन तक के सभी पहलुओं को एकीकृत करता है।
  • इसका उद्देश्य ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले, समयबद्ध और किफायती इंटीरियर डिज़ाइन समाधान प्रदान करना है।

प्रतिस्पर्धा का सामना

HomeLane को Livspace, Pepperfry, और Urban Ladder जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

  • इन कंपनियों ने भी डिज़ाइन और मॉड्यूलर इंटीरियर सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत की है।
  • हालांकि, HomeLane का मजबूत आपूर्ति श्रृंखला मॉडल और कस्टमाइज़ेशन पर फोकस इसे अलग बनाता है।

भविष्य की रणनीति

HomeLane अपनी वित्तीय स्थिति को और बेहतर बनाने और बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर रही है।

लागत में और कमी

  • सामग्री लागत और ऑपरेशनल खर्च को और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • कर्मचारियों के लिए इफिशिएंसी ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं।

डिजिटल मार्केटिंग पर फोकस

  • कंपनी ने विज्ञापन खर्च बढ़ाकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है।
  • ग्राहकों तक पहुँचने और नए प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग का सहारा लिया जा रहा है।

सेवाओं का विस्तार

  • HomeLane नए शहरों और कस्बों में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
  • छोटे बजट वाले ग्राहकों के लिए विशेष योजनाएँ लॉन्च की जा रही हैं।

ग्राहक संतोष पर फोकस

HomeLane अपने ग्राहकों को समय पर और गुणवत्ता युक्त सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

  • कंपनी की डिज़ाइन-टू-इंस्टॉलेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता इसे ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बनाती है।
  • ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशंस का उपयोग किया जा रहा है।

प्रमुख ग्राहक सेगमेंट

  • पहली बार घर खरीदने वाले
  • बजट फ्रेंडली इंटीरियर डिज़ाइन चाहने वाले
  • लक्ज़री सेगमेंट के ग्राहक

HomeLane के लिए चुनौतियाँ

बाजार की अस्थिरता

  • FY24 में मंदी और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण इंटीरियर डिज़ाइन सेवाओं की माँग पर असर पड़ा।

प्रतिस्पर्धा

  • Livspace और Urban Ladder जैसे प्रतिस्पर्धियों ने भी अपने खर्च को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया और बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी की।

ग्राहक अपेक्षाएँ

  • ग्राहकों की बढ़ती अपेक्षाएँ और कस्टमाइज़ेशन की माँग कंपनी के लिए लगातार चुनौती बनी हुई है।

निष्कर्ष

HomeLane ने FY24 में मामूली राजस्व वृद्धि के बावजूद घाटे को 30% तक कम करने में सफलता पाई है।

  • सामग्री और कर्मचारियों के खर्चों में कटौती ने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाई।
  • कंपनी की विज्ञापन पर बढ़ी हुई लागत इसे ब्रांड के रूप में मजबूत करने में मदद कर सकती है।

हालांकि, प्रतिस्पर्धा और बाजार की अनिश्चितताओं के बीच HomeLane को सतर्क और रणनीतिक रूप से आगे बढ़ने की जरूरत है।

  • ग्राहक अनुभव को प्राथमिकता देकर, लागत प्रभावी रणनीतियों को लागू करते हुए और डिजिटल मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करके, HomeLane आने वाले वर्षों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

HomeLane का दीर्घकालिक लक्ष्य ग्राहक-केंद्रित सेवाओं के माध्यम से इंटीरियर डिज़ाइन इंडस्ट्री में अग्रणी स्थान बनाना है।

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महाराष्ट्र के भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में लगी भीषण आग

Shiprocket

पिछले गुरुवार को महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित Shiprocket के वेयरहाउस में आग लगने से भारी नुकसान हुआ। इस घटना ने संचालन को बाधित कर दिया और कई ब्रांडों के लिए कठिनाइयाँ पैदा कर दीं।


Shiprocket घटना में नुकसान का आकलन

सूत्रों के मुताबिक, इस आग से 61 ब्रांड प्रभावित हुए हैं, जिनमें Shiprocket Sugar, mCaffeine और Beastlive जैसे लोकप्रिय नाम शामिल हैं।

  • आग में कई सौ करोड़ रुपये के सामान नष्ट हो गए।
  • एक सूत्र ने बताया, “इस आग से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और कई ब्रांड्स को भारी वित्तीय झटका लगा है।”

Shiprocket का बयान

Shiprocket के प्रवक्ता ने इस घटना की पुष्टि की और बताया:

“हमें इस घटना की जानकारी है और हम फायर डिपार्टमेंट और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। हम राहत की बात यह है कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।”

प्रवक्ता ने आगे कहा:

“हम इस घटना के कारणों को समझने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता अपने कर्मचारियों, भागीदारों, और समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। साथ ही, हम अपने ग्राहकों के लिए व्यापारिक निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”


आग के प्रभाव और कार्रवाई

आग से प्रभावित ब्रांड्स:

  • आग में ईकॉमर्स ब्रांड्स के बड़े पैमाने पर स्टॉक नष्ट हो गए।
  • प्रमुख ब्यूटी और वेलनेस ब्रांड्स, जिनके उत्पाद इस वेयरहाउस में स्टोर थे, इस घटना से सबसे अधिक प्रभावित हुए।

Shiprocket की प्रतिक्रिया:

  • कंपनी ने सेफ्टी मेजर्स पर जोर दिया है और कहा है कि संचालन को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • कंपनी ने अपने प्रभावित ग्राहकों के लिए एक विशेष सपोर्ट टीम गठित की है।

वेयरहाउस सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन

आग लगने के संभावित कारण:

Shiprocket ने अब तक आग लगने के सटीक कारणों का खुलासा नहीं किया है। हालांकि, औद्योगिक वेयरहाउस में अक्सर इलेक्ट्रिकल फॉल्ट, खराब उपकरण, या लापरवाही के कारण आग लगने की घटनाएँ होती हैं।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि वेयरहाउस में फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को कड़ाई से लागू करना बेहद जरूरी है।
  • आग लगने की इस घटना ने वेयरहाउस प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की कमजोरियों को उजागर किया है।

फायर सेफ्टी पर विशेषज्ञों की राय:

  1. आधुनिक उपकरणों का उपयोग:
    • फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम को बेहतर बनाने की जरूरत है।
  2. नियमित सुरक्षा निरीक्षण:
    • वेयरहाउस की समय-समय पर जांच और प्रशिक्षण आवश्यक है।
  3. बीमा कवरेज:
    • ऐसी घटनाओं में ब्रांड्स और कंपनियों को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए पर्याप्त बीमा होना चाहिए।

प्रभावित ब्रांड्स और उनकी चुनौतियाँ

Sugar, mCaffeine और Beastlive जैसे ब्रांड्स पर प्रभाव:

  • इन ब्रांड्स के उत्पादों का नुकसान उनके संचालन और आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा असर डालेगा।
  • ग्राहक डिलीवरी में देरी और उत्पाद की अनुपलब्धता का सामना कर सकते हैं।

चुनौतियों से निपटने के उपाय:

  1. नए सप्लाई चैनल स्थापित करना:
    • प्रभावित ब्रांड्स को वैकल्पिक वेयरहाउस और सप्लाई चैनल की व्यवस्था करनी होगी।
  2. ग्राहकों के साथ संवाद:
    • ब्रांड्स को अपने ग्राहकों को पारदर्शी तरीके से जानकारी देनी चाहिए और विश्वास बनाए रखना चाहिए।
  3. सुरक्षा उपायों को मजबूत करना:
    • ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए भविष्य में और अधिक सतर्कता बरतनी होगी।

Shiprocket की जिम्मेदारी और आगे की योजना

ग्राहकों और ब्रांड्स को सहायता:

Shiprocket ने प्रभावित ब्रांड्स और ग्राहकों के लिए मदद का आश्वासन दिया है।

  • कंपनी का लक्ष्य जल्द से जल्द वेयरहाउस संचालन को पुनः प्रारंभ करना है।
  • ग्राहकों के लिए कस्टमर सपोर्ट टीम सक्रिय है।

भविष्य की योजनाएँ:

  1. सेफ्टी मेजर्स:
    • कंपनी फायर सेफ्टी और रिस्क मैनेजमेंट को लेकर कठोर कदम उठाएगी।
  2. वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार:
    • आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
  3. कर्मचारियों का प्रशिक्षण:
    • सुरक्षा उपायों के बारे में कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ईकॉमर्स और वेयरहाउसिंग इंडस्ट्री पर प्रभाव

भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में आग की यह घटना ईकॉमर्स और लॉजिस्टिक्स उद्योग के लिए एक चेतावनी है।

सुरक्षा के सबक:

  1. वेयरहाउस संचालन में सख्ती:
    • कंपनियों को अपने वेयरहाउस में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
  2. डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान:
    • संभावित खतरों से निपटने के लिए कंपनियों को पहले से तैयार रहना होगा।

ग्राहक विश्वास बनाए रखना:

  • ऐसे संकटों के बावजूद, ग्राहकों और ब्रांड्स का विश्वास बनाए रखना कंपनियों के लिए बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष

भिवंडी में Shiprocket के वेयरहाउस में लगी आग ने ईकॉमर्स उद्योग के लिए सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन की अहमियत को उजागर किया है।

  • Shiprocket ने इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि न होने की राहत जताई है और संचालन को जल्द से जल्द पटरी पर लाने का संकल्प लिया है।
  • ईकॉमर्स ब्रांड्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को इस घटना से सबक लेते हुए अपने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करना होगा।

ग्राहकों और भागीदारों के सहयोग से, Shiprocket और प्रभावित ब्रांड्स जल्द ही इस चुनौती से उबरने की उम्मीद कर सकते हैं।

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AI-पावर्ड कस्टमर फीडबैक प्लेटफॉर्म Enterpret ने जुटाए $20.8 मिलियन

Enterpret

ग्राहकों के फीडबैक को विश्लेषित करने के लिए एआई-सक्षम इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Enterpret  ने हाल ही में अपनी सीरीज ए फंडिंग में $20.8 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Canaan Partners ने किया, और इसके साथ रेफे गैस्पर-असाओका (पार्टनर, Canaan Partners) Enterpret के बोर्ड में शामिल हुए।


Enterpret  के निवेशक और उनकी भागीदारी

Enterpret  के इस फंडिंग राउंड में कई प्रमुख निवेशकों और एंजेल निवेशकों ने भाग लिया:

प्रमुख निवेशक:

  1. Kleiner Perkins
  2. Peak XV Partners (Sequoia Capital India)
  3. Wing Ventures
  4. Recall Capital

एंजेल निवेशक:

  1. लॉरिन मोटामेडी (हेड ऑफ प्रोडक्ट ग्रोथ, Notion)
  2. एलेना वर्ना (वीपी ऑफ ग्रोथ एंड डेटा, Dropbox)
  3. नान यू (हेड ऑफ प्रोडक्ट, Linear)
  4. एंड्रू बर्मन (डायरेक्टर ऑफ एआई, Zapier)

फंडिंग का उद्देश्य

Enterpret ने इस फंडिंग के जरिए निम्नलिखित लक्ष्यों को पूरा करने की योजना बनाई है:

  1. स्केलिंग और विस्तार:
    कंपनी अपने प्लेटफॉर्म की सेवाओं को अधिक से अधिक संगठनों तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  2. नो-कोड एआई एजेंट्स:
    • Enterpret का उद्देश्य ग्राहकों के लिए नो-कोड एआई एजेंट्स की तैनाती करना है।
    • ये एजेंट प्रोडक्ट, मार्केटिंग, और सेल्स टीमों के बीच तालमेल बैठाने में मदद करेंगे।
  3. ग्राहक फीडबैक का गहन विश्लेषण:
    • ग्राहकों से विस्तृत और समृद्ध फीडबैक एकत्रित करना और उसका विश्लेषण करना।

Enterpret: एक नई पीढ़ी का इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म

Enterpret, भाई वरुण शर्मा और अर्नव शर्मा द्वारा स्थापित, एक एडैप्टिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म है।
यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों के विभिन्न चैनलों से बड़े पैमाने पर अनस्ट्रक्चर्ड फीडबैक को एकत्रित और विश्लेषित करता है।

Enterpret के प्रमुख फीचर्स:

  1. फीडबैक को एकीकृत करना:
    • यह प्लेटफॉर्म विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फीडबैक को एकत्रित करता है और उसे संगठित करता है।
  2. थीम और सेंटिमेंट का विश्लेषण:
    • एआई मॉडल फीडबैक में छिपी प्रमुख थीम, भावनाएं (सेंटिमेंट), और मुद्दों को पहचानने में सक्षम है।
  3. पैटर्न का त्वरित विश्लेषण:
    • प्लेटफॉर्म टीमों को फीडबैक में छिपे पैटर्न जल्दी से पहचानने और उनके अनुसार कार्रवाई करने में मदद करता है।
  4. ग्राहक संतोष में सुधार:
    • उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए फीडबैक का उपयोग किया जाता है।

Enterpret का उद्देश्य और प्रभाव

कंपनी का उद्देश्य ग्राहकों के फीडबैक का प्रभावी उपयोग करके संगठनों को बेहतर उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम बनाना है।

  • Enterpret का मानना है कि ग्राहक फीडबैक केवल एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि व्यवसाय के लिए एक अमूल्य अंतर्दृष्टि है।
  • यह प्लेटफॉर्म प्रोडक्ट, मार्केटिंग, और सेल्स टीमों के बीच सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देता है।

फीडबैक इंटेलिजेंस का बढ़ता महत्व

ग्राहकों का फीडबैक आज हर व्यवसाय के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन गया है।

बाजार में ट्रेंड्स:

  1. डिजिटल फीडबैक चैनल्स का विस्तार:
    • सोशल मीडिया, ऑनलाइन रिव्यू प्लेटफॉर्म्स, और सर्वे फॉर्म्स से बड़ी मात्रा में फीडबैक प्राप्त हो रहा है।
  2. फीडबैक का विश्लेषण और उपयोग:
    • एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग से कंपनियाँ ग्राहक फीडबैक का बेहतर विश्लेषण कर रही हैं।
  3. उत्पाद विकास में फीडबैक का उपयोग:
    • ग्राहकों के अनुभव और प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए उत्पादों और सेवाओं को डिजाइन करना।

Enterpret की भूमिका:

Enterpret, एआई-सक्षम फीडबैक इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के रूप में, कंपनियों को ग्राहकों की आवाज को सुनने और समझने में मदद कर रहा है।


Enterpret की सफलता और आगे की योजनाएँ

सफलता की कहानी:

  • Enterpret का फीडबैक प्लेटफॉर्म पहले से ही कई बड़े संगठनों द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
  • इसके एआई मॉडल तेजी और सटीकता से फीडबैक को समझने और व्याख्या करने में सक्षम हैं।

भविष्य की योजनाएँ:

  1. अंतर्राष्ट्रीय विस्तार:
    • Enterpret अपनी सेवाओं को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने की योजना बना रहा है।
  2. नई तकनीकों का समावेश:
    • प्लेटफॉर्म में और अधिक एडवांस फीचर्स जोड़ने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर ध्यान।
  3. ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण:
    • कंपनियों को ग्राहकों की उम्मीदों को समझने और पूरा करने में मदद करना।

निष्कर्ष

Enterpret का $20.8 मिलियन की फंडिंग जुटाना इस बात का संकेत है कि ग्राहक फीडबैक इंटेलिजेंस की मांग तेजी से बढ़ रही है।

  • Enterpret का प्लेटफॉर्म व्यवसायों को ग्राहकों की जरूरतों और उनकी समस्याओं को समझने में मदद करता है।
  • इसके एआई-सक्षम टूल्स और एडवांस फीचर्स ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।

एआई और फीडबैक इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के साथ, Enterpret का भविष्य उज्ज्वल और संभावनाओं से भरा है।

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डेंटल मार्केटप्लेस DentalKart ने जुटाए 85 करोड़ रुपये

DentalKart

भारत के डेंटल केयर मार्केटप्लेस Dentalkart ने हाल ही में 85 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है। यह फंडिंग राउंड Malabar Investment और Whiteoak के नेतृत्व में पूरा हुआ।

  • Malabar Investment ने 65 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
  • Whiteoak ने 20 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

कंपनी ने बताया कि इस फंडिंग का उपयोग ऑपरेशनल स्केलेबिलिटी बढ़ाने और नई सब्सिडियरी कंपनियों को जोड़ने के लिए किया जाएगा।


Dentalkart: एक अनूठा डेंटल मार्केटप्लेस

Dentalkart भारतीय बाजार में डेंटल हेल्थकेयर उत्पादों और सेवाओं के लिए एक प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।
यह प्लेटफॉर्म निम्नलिखित उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करता है:

  1. ऑर्थोडॉन्टिक्स (Orthodontics)
  2. एंडोडॉन्टिक्स (Endodontics)
  3. रेस्टोरेटिव (Restorative)
  4. प्रोस्थोडॉन्टिक्स (Prosthodontics)
  5. डिस्पोजेबल्स (Disposables)
  6. इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)
  7. इंस्ट्रूमेंट्स और ओरल सर्जरी (Instruments and Oral Surgery)

DentalKart की खासियत

  1. 22,000 से अधिक उत्पादों का कलेक्शन:
    DentalKart अपने प्लेटफॉर्म पर 700 श्रेणियों में 22,000 से अधिक उत्पाद प्रदान करता है।
    • ये उत्पाद 500 से अधिक निर्माताओं से सीधे मंगाए जाते हैं।
  2. डेंटिस्ट्स और क्लीनिक्स के लिए भरोसेमंद प्लेटफॉर्म:
    • कंपनी का उद्देश्य भारत का सबसे भरोसेमंद और उपयोगकर्ता-अनुकूल डेंटल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाना है।
    • यह खरीददारों और विक्रेताओं दोनों के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करने का प्रयास करता है।

DentalKart की प्रतिस्पर्धा और स्थिति

DentalKart भारतीय बाजार में कई प्रमुख डेंटल केयर चेन के साथ प्रतिस्पर्धा करता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. Clove Dental
  2. Smiles.ai
    • Smiles.ai ने जनवरी 2022 में Alpha Wave और Sequoia Capital से 23 मिलियन डॉलर की बड़ी फंडिंग जुटाई थी।

DentalKart के 22,000 से अधिक उत्पादों और विस्तृत सेवाओं की बदौलत यह प्लेटफॉर्म प्रतिस्पर्धा में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।


फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

DentalKart ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में फंडिंग का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करने की बात कही है:

  1. ऑपरेशनल स्केलेबिलिटी:
    • कंपनी अपनी सप्लाई चेन को और मजबूत करेगी ताकि तेज और कुशल डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।
  2. नई सब्सिडियरी कंपनियाँ जोड़ना:
    • DentalKart डेंटल केयर और ओरल हेल्थ से संबंधित अन्य क्षेत्रों में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
  3. उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार:
    • कंपनी और अधिक निर्माताओं के साथ साझेदारी करके अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाएगी।
  4. डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाना:
    • उपयोगकर्ताओं के लिए प्लेटफॉर्म को और अधिक सहज और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए जाएंगे।

डेंटल केयर उद्योग में बढ़ती संभावनाएँ

भारतीय डेंटल केयर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) ब्रांड्स की बड़ी भूमिका है।

मार्केट ट्रेंड्स और अवसर:

  1. डिजिटल हेल्थकेयर का बढ़ता प्रभाव:
    • अधिक लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेंटल केयर उत्पादों और सेवाओं को खरीदने की ओर रुख कर रहे हैं।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में संभावनाएँ:
    • ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में डेंटल केयर उत्पादों और सेवाओं की बढ़ती मांग।
  3. टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सॉल्यूशंस:
    • एआई और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं के लिए व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करना।

DentalKart की भूमिका:

  • सुलभता और विविधता के माध्यम से कंपनी भारतीय डेंटल केयर उद्योग में प्रमुख स्थान हासिल कर रही है।

चुनौतियाँ और प्रतिस्पर्धा

DentalKart के सामने चुनौतियाँ:

  1. प्रतिस्पर्धी बाजार:
    • कई बड़े ब्रांड्स और चेन के साथ प्रतिस्पर्धा।
  2. लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी:
    • छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में तेज और किफायती डिलीवरी सुनिश्चित करना।

DentalKart की ताकत:

  1. विस्तृत उत्पाद कैटलॉग:
    • 22,000 से अधिक उत्पादों के साथ यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है।
  2. प्रत्यक्ष निर्माताओं से साझेदारी:
    • उत्पादों की गुणवत्ता और किफायती कीमत सुनिश्चित करने के लिए कंपनी सीधे निर्माताओं से उत्पाद प्राप्त करती है।

निष्कर्ष

DentalKart ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड के जरिए न केवल 85 करोड़ रुपये जुटाए हैं, बल्कि डेंटल केयर मार्केट में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

  • कंपनी का ध्यान उपयोगकर्ता-अनुकूल अनुभव प्रदान करने और डेंटल हेल्थकेयर में उत्कृष्टता हासिल करने पर है।
  • अपनी विस्तृत उत्पाद श्रृंखला, मजबूत सप्लाई चेन, और तकनीकी नवाचार के बल पर DentalKart भारतीय डेंटल केयर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है।

डिजिटल हेल्थकेयर और ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव के साथ, DentalKart का भविष्य उज्ज्वल और प्रेरणादायक दिखाई देता है।

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D2C किचनवेयर स्टार्टअप The Indus Valley ने जुटाए 23.1 करोड़ रुपये

The Indus Valley

चेन्नई स्थित किचनवेयर स्टार्टअप The Indus Valley ने हाल ही में अपने प्री-सीरीज ए राउंड में 23.1 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है। यह निवेश DSG Ventures के नेतृत्व में हुआ, जो कंपनी के लिए 25 महीनों के अंतराल के बाद पहली फंडिंग है।

कंपनी ने इस फंडिंग राउंड के लिए 41,485 प्री-सीरीज ए CCPS (कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर्स) जारी करने का प्रस्ताव पारित किया है। प्रति शेयर की कीमत 5,580.4 रुपये तय की गई है। यह जानकारी कंपनी के RoC (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) से प्राप्त फाइलिंग से सामने आई है।


The Indus Valley फंडिंग का वितरण और निवेशक

The Indus Valley इस फंडिंग राउंड में विभिन्न प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया:

  1. DSG Consumer Partners:
    • कुल 14.5 करोड़ रुपये का निवेश किया।
  2. White Whale Venture Fund:
    • 3.52 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
  3. Candle Advisors और Zend Advisors के साथ-साथ व्यक्तिगत निवेशक जैसे शावक श्रीवास्तव, राजीव पिल्लई, और गिरीश गुप्ते ने शेष राशि का निवेश किया।

कंपनी को अब तक 18.62 करोड़ रुपये मिल चुके हैं, और शेष धनराशि जल्द ही प्राप्त होने की उम्मीद है।


The Indus Valley प्री-सीरीज ए राउंड का महत्व

The Indus Valley ने इस फंडिंग के जरिए अपनी पोस्ट-मनी वैल्यूएशन को बढ़ाकर 303 करोड़ रुपये (36 मिलियन डॉलर) कर लिया है।

  • यह कंपनी की पिछली फंडिंग राउंड की वैल्यूएशन 116 करोड़ रुपये से लगभग तीन गुना वृद्धि है।
  • यह फंडिंग राउंड अभी जारी है, और संभावना है कि कंपनी इससे अधिक पूंजी जुटा सकती है।

TheKredible के अनुसार, यह बढ़ी हुई वैल्यूएशन भारतीय किचनवेयर स्टार्टअप्स के क्षेत्र में कंपनी की प्रमुख स्थिति को दर्शाती है।


The Indus Valley का सफर और उत्पाद

The Indus Valley एक D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) किचनवेयर ब्रांड है, जो सस्टेनेबल और नॉन-टॉक्सिक कुकवेयर के लिए जाना जाता है।

  • कंपनी प्राकृतिक, स्वास्थ्य-सुरक्षित और टिकाऊ उत्पाद बनाने पर केंद्रित है।
  • इसके उत्पादों में कच्चा लोहा (कास्ट आयरन) कुकवेयर, स्टील बर्तन, और प्राकृतिक बेकिंग टूल्स शामिल हैं।
  • यह ब्रांड भारतीय ग्राहकों के लिए ऐसे उत्पाद पेश करता है जो उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हों।

कंपनी की स्थापना से लेकर अब तक का सफर:

  • The Indus Valley ने अपनी शुरुआत से ही भारतीय रसोईघरों में स्वस्थ और टिकाऊ कुकिंग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है।
  • इनोवेटिव उत्पादों और उच्च गुणवत्ता के कारण यह D2C किचनवेयर ब्रांड के क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ नाम बन गया है।

फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने संकेत दिया है कि यह धनराशि निम्नलिखित क्षेत्रों में खर्च की जाएगी:

  1. उत्पाद विकास:
    • नए उत्पादों के विकास और मौजूदा उत्पादों में सुधार के लिए।
  2. बाजार विस्तार:
    • भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए।
  3. ब्रांड मार्केटिंग और प्रचार:
    • अधिक उपभोक्ताओं को अपने ब्रांड की ओर आकर्षित करने और बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए।
  4. तकनीकी उन्नति:
    • ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्लेटफॉर्म में नई तकनीकों को जोड़ा जाएगा।

भारतीय D2C मार्केट में The Indus Valley का स्थान

भारत में D2C मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, और The Indus Valley ने इसमें अपनी जगह मजबूत कर ली है।

D2C ब्रांड्स की बढ़ती लोकप्रियता के कारण:

  • ग्राहकों से सीधा संपर्क:
    • ग्राहकों को सीधे ब्रांड से खरीदारी का अवसर मिलता है।
  • उत्पादों की सटीक जानकारी:
    • ब्रांड अपने उत्पादों की गुणवत्ता और विशेषताओं को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।

D2C क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा:

The Indus Valley को Vega, Stahl, और Bergner जैसे ब्रांड्स से कड़ी टक्कर मिल रही है।

  • कंपनी ने अपनी सस्टेनेबिलिटी और नॉन-टॉक्सिक कुकवेयर की USP के जरिए खुद को अलग दिखाने में सफलता पाई है।

D2C किचनवेयर मार्केट का भविष्य

मार्केट ट्रेंड्स और संभावना:

  1. सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग:
    • लोग स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।
  2. ई-कॉमर्स का प्रभाव:
    • ऑनलाइन शॉपिंग का चलन D2C ब्रांड्स के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।

चुनौतियाँ और अवसर:

  • चुनौतियाँ:
    • ब्रांड को किफायती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद देने होंगे।
    • मार्केट में तेजी से बदलते ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट रखना होगा।
  • अवसर:
    • स्वस्थ जीवनशैली और टिकाऊ उत्पादों की बढ़ती मांग।
    • भारत में मध्यम वर्ग के बढ़ते उपभोक्ता आधार।

निष्कर्ष

The Indus Valley का 23.1 करोड़ रुपये का फंडिंग राउंड कंपनी की बढ़ती वैल्यूएशन और बाजार में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

  • सस्टेनेबल और नॉन-टॉक्सिक किचनवेयर के क्षेत्र में कंपनी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
  • यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस फंडिंग का उपयोग अपने उत्पाद, मार्केट और तकनीकी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए कैसे करती है।

The Indus Valley ने भारतीय किचनवेयर उद्योग में एक नई मिसाल कायम की है और यह ब्रांड आने वाले वर्षों में और भी ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

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“सोलर एनर्जी स्टार्टअप Glow ने $30 मिलियन जुटाए, सौर ऊर्जा को मिलेगा नया बढ़ावा”

Glow

Glow : भारत में सौर ऊर्जा के विस्तार को गति देने और वैश्विक ऊर्जा ग्रिड को विकेंद्रीकृत करने के उद्देश्य से, सोलर एनर्जी स्टार्टअप Glow ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में $30 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग का नेतृत्व फ्रेमवर्क और यूनियन स्क्वायर वेंचर्स ने किया है।

Glow की स्थापना और उद्देश्य

2023 में लॉन्च हुआ ग्लो एक अभिनव स्टार्टअप है जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग कर डिसेंट्रलाइज्ड फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क (DePIN) तैयार करता है। यह नेटवर्क सौर ऊर्जा फार्मों को आपस में जोड़ता है और एक कुशल और टिकाऊ ऊर्जा प्रणाली का निर्माण करता है।

ग्लो का मुख्य उद्देश्य है:

  1. नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाना।
  2. सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करना।
  3. कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना।

सौर फार्मों को वित्तीय सहायता

ग्लो उन सौर फार्मों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है जो परिचालन में संघर्ष कर रहे हैं। यह सहायता न केवल इन फार्मों को फिर से कार्यात्मक बनाती है, बल्कि यह संपूर्ण नेटवर्क के लिए फायदेमंद साबित होती है। इन फार्मों द्वारा उत्पादित ऊर्जा और कार्बन क्रेडिट नेटवर्क को मजबूत करते हैं और स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।

भारत की सौर ऊर्जा रणनीति और ग्लो का योगदान

भारत 2030 तक 500 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखता है। ग्लो की पहल इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करती है।

भारत सरकार की योजनाएं, जैसे:

  • इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA)
  • प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम
  • सोलर पार्क डेवलपमेंट स्कीम
    ग्लो की रणनीतियों के साथ पूरी तरह मेल खाती हैं।

ग्लो ने राजस्थान में तीन सोलर फार्म स्थापित किए हैं जो 21.3 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं। ये फार्म उच्च धूप वाले और कम बिजली लागत वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले कार्बन क्रेडिट उत्पन्न होते हैं।

कार्बन क्रेडिट और विस्तार योजना

ग्लो कार्बन क्रेडिट्स बेचकर राजस्व अर्जित करता है, जिसे वह अपने विस्तार और सब्सिडी कार्यक्रमों में पुनर्निवेश करता है। यह रणनीति न केवल ग्लो को मुनाफा देती है, बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देती है।

ग्लो की वैश्विक दृष्टि

ग्लो न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहता है। इसका विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण एक टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की नींव रखता है।

निष्कर्ष

ग्लो का $30 मिलियन का फंडिंग राउंड भारत और दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ब्लॉकचेन तकनीक, कार्बन क्रेडिट और वित्तीय सहायता के संयोजन से, ग्लो सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।

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मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्लेटफॉर्म GoodLives ने जुटाए 1.1 करोड़ रुपये

GoodLives

गुडगाँव स्थित मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्लेटफॉर्म GoodLives ने हाल ही में 1.1 करोड़ रुपये की प्री-सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग में आईआईएम लखनऊ, रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी (RNTU) और अन्य निवेशकों, जैसे अनुप्रीत सिंह, दीपक मोटवानी, अभिषेक होता और Build3 ने हिस्सा लिया।

कंपनी ने कहा कि यह फंड उनके प्लेटफॉर्म की पहुंच बढ़ाने, फीचर्स में सुधार करने, और नए बाजारों में विस्तार करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।


GoodLives का सफर और मिशन

GoodLives की स्थापना 2022 में साक्षी शाह और लॉरेंस बामनिया ने की थी। यह एक एआई-चालित मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ, प्रभावी और व्यक्तिगत बनाना है।

  • GoodLives की सेवाएँ एआई-पावर्ड DIY एक्सरसाइज और एक्सपर्ट-लीड थैरेपी का अनूठा मिश्रण पेश करती हैं।
  • यह मानसिक स्वास्थ्य और रोजमर्रा की वेलनेस के बीच की खाई को पाटने का प्रयास करता है।

साक्षी शाह ने बताया,
“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ सिर्फ जरूरतमंदों तक ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति तक आसानी से पहुँचे।”


एआई और विशेषज्ञता का प्रभावी मिश्रण

GoodLives ने अपने प्लेटफॉर्म में एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है ताकि यूजर्स को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत समाधान मिल सकें।

प्लेटफॉर्म की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. एआई-पावर्ड DIY एक्सरसाइज:
    • यह उपयोगकर्ताओं को आत्मनिर्भरता के साथ अपनी मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है।
  2. विशेषज्ञों की थैरेपी:
    • पेशेवर मनोवैज्ञानिकों द्वारा दी जाने वाली काउंसलिंग और थैरेपी।
  3. समग्र स्वास्थ्य समाधान:
    • व्यक्तिगत और प्रभावी सेवाएँ, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।

कॉर्पोरेट वेलनेस पर फोकस

GoodLives का प्रमुख ध्यान बड़े और मध्यम आकार के कॉरपोरेट्स पर है।

  • यह कंपनियों के लिए टेलर्ड वेलनेस प्रोग्राम्स पेश करता है, जिससे कर्मचारियों की व्यस्तता और भलाई में सुधार हो।
  • यह कंपनियों के भीतर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कंपनी का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि संगठनों की उत्पादकता और कार्यक्षमता में भी सुधार करता है।


फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने कहा है कि यह फंड उनके कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मदद करेगा:

  1. प्लेटफॉर्म सुधार:
    • GoodLives अपने प्लेटफॉर्म की सुविधाओं और कार्यक्षमता में सुधार करेगा।
  2. नई मार्केट एंट्री:
    • कंपनी भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करने की योजना बना रही है।
  3. उत्पाद विस्तार:
    • नए प्रोडक्ट्स और सेवाओं को शामिल करना, जैसे अधिक DIY एक्सरसाइज और गहराई वाली काउंसलिंग।
  4. पहुंच बढ़ाना:
    • GoodLives अधिक उपयोगकर्ताओं तक अपनी सेवाएँ पहुँचाने के लिए काम करेगा।

मानसिक स्वास्थ्य का बढ़ता महत्व

महामारी के बाद से, मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता और सेवाओं की माँग में भारी वृद्धि हुई है।

महत्वपूर्ण आँकड़े:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर 7 में से 1 व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है।
  • कॉर्पोरेट सेक्टर में मानसिक स्वास्थ्य पर निवेश से कर्मचारियों की उत्पादकता में 12-14% का सुधार देखा गया है।

GoodLives जैसे प्लेटफॉर्म इस बढ़ती माँग को पूरा करने और लोगों को उनके मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।


प्रतिस्पर्धा और चुनौतियाँ

भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कई नए प्लेटफॉर्म आ रहे हैं, जैसे:

  • YourDOST
  • Wysa
  • InnerHour

GoodLives को इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने और ग्राहकों का विश्वास जीतने की जरूरत है।

प्रमुख चुनौतियाँ:

  1. जागरूकता की कमी:
    • भारत में मानसिक स्वास्थ्य को अभी भी कई बार कलंक के रूप में देखा जाता है।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच:
    • GoodLives को अपनी सेवाएँ शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ले जानी होंगी।
  3. गुणवत्ता सुनिश्चित करना:
    • एआई आधारित समाधान पेश करते समय व्यक्तिगत अनुभव को ध्यान में रखना जरूरी है।

भविष्य की योजनाएँ

GoodLives आने वाले वर्षों में निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा:

  1. व्यापक कॉर्पोरेट साझेदारी:
    • अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी करके कर्मचारियों के वेलनेस को बढ़ावा देना।
  2. नए फीचर्स का विकास:
    • उपयोगकर्ताओं के लिए और अधिक इंटरएक्टिव और प्रभावी समाधान पेश करना।
  3. अंतरराष्ट्रीय विस्तार:
    • कंपनी भारतीय बाजार से बाहर भी अपनी सेवाएँ ले जाने की योजना बना रही है।

निष्कर्ष

GoodLives का मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस के क्षेत्र में यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है।

  • यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार करेगा, बल्कि कॉर्पोरेट उत्पादकता में भी वृद्धि करेगा।
  • एआई और मानव विशेषज्ञता के मिश्रण से GoodLives मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बना रहा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अपने नए फंडिंग राउंड के माध्यम से किन-किन क्षेत्रों में विस्तार करती है और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या नए आयाम स्थापित करती है।

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Flipkart का नया कदम: 10 मिनट में दवाइयों की डिलीवरी

Flipkart

भारत में ई-कॉमर्स दिग्गज Flipkart ने अब दवाइयों को 10 मिनट में डिलीवर करने की योजना बनाई है। यह कदम कंपनी के मुख्य प्रतिस्पर्धियों, जैसे Swiggy Instamart और BigBasket, को चुनौती देने के लिए उठाया गया है। Flipkart की इस रणनीति का खुलासा The Economic Times की एक रिपोर्ट में किया गया।


Flipkart स्थानीय केमिस्टों के साथ साझेदारी

Flipkart भारतीय दवा नियामकों के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पंजीकृत स्थानीय केमिस्टों के साथ साझेदारी कर रहा है। भारत के कानून विदेशी समर्थित ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी इन्वेंटरी रखने की अनुमति नहीं देते।

  • Flipkart ने इस नियम का पालन करते हुए दवाइयों को तेज़ी से डिलीवर करने के लिए मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में स्थानीय स्टोर्स के साथ सहयोग किया है।
  • यह मॉडल Swiggy Instamart और BigBasket के मॉडल से मिलता-जुलता है, जो ई-फार्मेसी कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं।

Swiggy Instamart और BigBasket का मुकाबला

Flipkart का यह कदम Swiggy और BigBasket की मौजूदा सेवाओं को टक्कर देने के लिए है:

  1. Swiggy Instamart:
    • Swiggy ने PharmEasy के साथ साझेदारी करके दवाइयों को 10 मिनट में डिलीवर करना शुरू किया है।
    • यह सेवा तेजी से लोकप्रिय हो रही है और Flipkart के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
  2. BigBasket:
    • BigBasket, जो Tata Digital के तहत काम करने वाली 1mg के साथ साझेदारी कर रहा है, जल्द ही दवाइयों की तेज़ डिलीवरी शुरू कर सकता है।

क्विक कॉमर्स में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

क्विक कॉमर्स का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और प्रमुख खिलाड़ी अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं।

  • Zepto और Blinkit जैसे प्लेटफॉर्म पहले से ही क्विक डिलीवरी सेवाओं में अग्रणी हैं।
  • Motilal Oswal की हालिया रिपोर्ट के अनुसार:
    • Blinkit का मार्केट शेयर 46% है।
    • Zepto के पास 29% और Swiggy Instamart के पास 25% का हिस्सा है।

Flipkart की एंट्री इस स्पेस में प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा सकती है।


Flipkart की रणनीति और चुनौतियाँ

Flipkart के लिए दवाइयों की डिलीवरी एक नया सेगमेंट है, लेकिन इसमें बड़ी संभावनाएँ हैं।

Flipkart की रणनीति:

  1. स्थानीय साझेदारी:
    Flipkart स्थानीय केमिस्टों और सप्लायर्स के साथ सहयोग करके तेज़ी से ग्राहकों तक दवाइयाँ पहुँचाएगा।
  2. तकनीकी आधार:
    Flipkart अपनी उन्नत लॉजिस्टिक्स और डेटा एनालिटिक्स क्षमताओं का उपयोग करके क्विक कॉमर्स में मजबूती से प्रवेश कर सकता है।
  3. विस्तृत सेवा नेटवर्क:
    कंपनी के पास पहले से ही एक व्यापक डिलीवरी नेटवर्क है, जो इसे नई सेवाएँ लॉन्च करने में मदद करेगा।

चुनौतियाँ:

  1. कानूनी और नियामक नियम:
    भारतीय दवा कानून विदेशी कंपनियों के लिए सख्त हैं। Flipkart को स्थानीय साझेदारियों में पूरी पारदर्शिता रखनी होगी।
  2. बाजार प्रतिस्पर्धा:
    Zepto और Blinkit जैसे खिलाड़ी पहले से ही इस क्षेत्र में अग्रणी हैं। Flipkart को उनके खिलाफ मजबूत रणनीति बनानी होगी।
  3. ग्राहकों का विश्वास:
    दवाइयों की डिलीवरी में सटीकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना Flipkart के लिए अहम होगा।

दवा डिलीवरी: एक बढ़ता हुआ बाज़ार

भारत में ऑनलाइन दवा बाजार तेज़ी से बढ़ रहा है। महामारी के बाद से, लोग दवाइयों की ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता देने लगे हैं।

बाजार के आंकड़े:

  • भारत का ई-फार्मेसी बाजार 2024 तक $1.2 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है।
  • क्विक कॉमर्स में दवाइयों की डिलीवरी एक प्रमुख ट्रेंड बन रहा है।

ग्राहकों की मांग:

  • तेज़ डिलीवरी सेवाएँ ग्राहकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।
  • Flipkart की 10 मिनट डिलीवरी सेवा ग्राहक अनुभव को बेहतर बना सकती है।

Flipkart के लिए संभावनाएँ

प्रतिस्पर्धात्मक लाभ:

  • Flipkart के पास पहले से ही एक मजबूत ग्राहक आधार है।
  • इसकी लॉजिस्टिक्स और तकनीकी क्षमताएँ इसे क्विक कॉमर्स में सफल बना सकती हैं।

विस्तार के अवसर:

  • Flipkart इस सेवा को मेट्रो शहरों से आगे छोटे शहरों और कस्बों तक भी ले जा सकता है।
  • क्विक डिलीवरी सेवाएँ कंपनी के राजस्व में नए आयाम जोड़ सकती हैं।

निष्कर्ष

Flipkart का 10 मिनट में दवाइयों की डिलीवरी सेवा शुरू करने का फैसला भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में एक नया अध्याय खोल सकता है।

  • Swiggy Instamart और BigBasket जैसे प्रमुख खिलाड़ियों को चुनौती देने के लिए Flipkart को अपनी डिलीवरी स्पीड, सर्विस क्वालिटी, और ग्राहक विश्वास पर ध्यान देना होगा।
  • क्विक कॉमर्स का बढ़ता बाजार Flipkart के लिए नए अवसर लेकर आ सकता है।

Flipkart का यह कदम न केवल इसे ई-फार्मेसी सेक्टर में प्रवेश दिलाएगा, बल्कि इसे भारत के तेज़ी से बढ़ते क्विक कॉमर्स स्पेस में भी एक मजबूत खिलाड़ी बना सकता है।

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CarDekho Group FY24 में 3.5% राजस्व गिरावट, लेकिन घाटा 40% तक कम

CarDekho

जयपुर स्थित CarDekho Group, जो CarDekho, InsuranceDekho, BikeDekho, PriceDekho और Rupyy.com जैसे प्लेटफॉर्म्स संचालित करता है, ने वित्त वर्ष 2024 (FY24) में 3.5% की मामूली राजस्व गिरावट दर्ज की है। हालाँकि, कंपनी ने अपने घाटे को 40% तक कम कर दिया, जो इसके वित्तीय प्रदर्शन में एक बड़ा सुधार दर्शाता है।


CarDekho राजस्व में गिरावट लेकिन स्थिर वृद्धि

CarDekho का ऑपरेटिंग रेवेन्यू FY24 में घटकर 2,250 करोड़ रुपये रह गया, जो FY23 में 2,332 करोड़ रुपये था।
हालाँकि, कंपनी के मुख्य व्यवसाय खंड में स्थिर वृद्धि देखी गई:

  • ट्रांजैक्शन बिजनेस:
    यह CarDekho के कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 41% योगदान देता है।
    • इसमें ऑटोमेकर्स के लिए प्रदर्शन-आधारित विज्ञापन, डीलर-कस्टमर कनेक्शन, और खरीदारों के लिए वित्तीय सेवाएँ शामिल हैं।
    • FY24 में इस खंड ने 16.5% की वृद्धि दर्ज की, जिससे राजस्व 930 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।
  • इंश्योरेंस ब्रोकिंग (InsuranceDekho):
    यह समूह का दूसरा सबसे बड़ा राजस्व स्रोत बनकर उभरा।
    • InsuranceDekho ने FY24 में 7.8 गुना वृद्धि दर्ज की और 743 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।
    • इसने समूह के कुल राजस्व में 33% योगदान दिया।
  • अन्य राजस्व स्रोत:
    • विज्ञापन और डिजिटल मार्केटिंग: 384 करोड़ रुपये
    • पुराने वाहनों की बिक्री: 176 करोड़ रुपये
    • अन्य सहायक सेवाएँ: 17 करोड़ रुपये
    • गैर-ऑपरेटिंग आय (Other Income): 143 करोड़ रुपये
    • कुल मिलाकर, समूह का FY24 में कुल राजस्व 2,393 करोड़ रुपये रहा।

खर्चों में कटौती: सुधार की दिशा में कदम

CarDekho Group ने FY24 में अपने विज्ञापन और प्रचार खर्चों को 13.6% घटाकर 700 करोड़ रुपये किया।

  • यह कंपनी के कुल खर्चों का 26% हिस्सा था।
  • कर्मचारी लाभ खर्च: FY24 में स्थिर रहा, जो 642 करोड़ रुपये था।
    • इसमें 74 करोड़ रुपये का ESOP खर्च (गैर-नकद खर्च) शामिल है।

कंपनी की इस कटौती ने इसके घाटे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


CarDekho का व्यवसाय मॉडल

CarDekho Group का व्यवसाय मॉडल विभिन्न प्रकार की सेवाओं पर आधारित है, जो इसे भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बनाता है:

  1. ट्रांजैक्शन बिजनेस:
    • ऑटोमेकर्स और डीलरों के लिए विज्ञापन और प्रदर्शन-आधारित सेवाएँ।
    • वित्तीय सेवाएँ, जैसे ऋण और ईएमआई विकल्प, जो खरीदारों को खरीद प्रक्रिया में सहायता करते हैं।
  2. इंश्योरेंस ब्रोकिंग (InsuranceDekho):
    • वाहन बीमा पॉलिसियों की बिक्री।
    • यह खंड तेजी से बढ़ रहा है और कंपनी की मुख्य ताकत बन गया है।
  3. विज्ञापन और डिजिटल मार्केटिंग:
    • यह खंड ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ब्रांडों को अपने ग्राहकों तक पहुँचने में मदद करता है।
  4. पुराने वाहनों की बिक्री:
    • CarDekho के प्लेटफॉर्म पर उपयोग किए गए वाहनों की बिक्री से होने वाली आय।

भविष्य की रणनीतियाँ और वृद्धि की संभावनाएँ

CarDekho Group का लक्ष्य FY24 में अपनी सेवाओं का विस्तार करना और अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाना है।

  • इंश्योरेंस ब्रोकिंग खंड पर अधिक ध्यान केंद्रित करना, जो कंपनी के लिए सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है।
  • डिजिटल तकनीक का उपयोग करके अपने प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाना और उपयोगकर्ताओं को एक सहज अनुभव प्रदान करना।
  • विज्ञापन खर्चों को नियंत्रित रखना, जबकि बाजार में ब्रांड की स्थिति को बनाए रखना।

प्रतिस्पर्धा और बाजार में स्थान

CarDekho Group भारत के ऑटोमोटिव ई-कॉमर्स और इंश्योरेंस ब्रोकिंग क्षेत्र में एक अग्रणी खिलाड़ी है।

  • कॉम्पिटिटर्स:
    • CarTrade और BikeWale जैसे प्लेटफॉर्म भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
    • Insurtech क्षेत्र में, PolicyBazaar जैसी कंपनियाँ प्रतिस्पर्धा प्रदान करती हैं।
  • CarDekho ने अपने व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो और ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत सेवाओं के माध्यम से प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाए रखी है।

निष्कर्ष

FY24 में राजस्व में 3.5% गिरावट के बावजूद, घाटे को 40% तक कम करने और कुछ खंडों में मजबूत वृद्धि ने CarDekho Group को वित्तीय स्थिरता की ओर एक बड़ा कदम उठाने में मदद की है।

  • इंश्योरेंस ब्रोकिंग और ट्रांजैक्शन बिजनेस जैसे क्षेत्रों में वृद्धि के साथ, कंपनी ने अपने व्यवसाय मॉडल की ताकत को साबित किया है।
  • FY25 में, CarDekho का लक्ष्य न केवल राजस्व बढ़ाना है, बल्कि नई सेवाओं और प्रौद्योगिकी में निवेश करके बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।

CarDekho Group भारतीय ऑटोमोटिव और इंश्योरेंस उद्योग में नवाचार और स्थिरता के साथ एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना हुआ है।

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