फिनटेक कंपनी Paytm ने अपनी पेमेंट सेवाओं को और मजबूत करने के लिए Juspay जैसी थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बंद कर दिया है। अब कंपनी सीधे ट्रांजैक्शन प्रोसेस करेगी, जिससे व्यापारियों को अधिक सुरक्षित और तेज पेमेंट समाधान मिल सके। यह कदम Razorpay, PhonePe और Cashfree Payments जैसी कंपनियों द्वारा हाल ही में उठाए गए फैसलों के समान है, जिन्होंने भी थर्ड-पार्टी ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म्स से दूरी बना ली है।
1 अप्रैल से Juspay का सपोर्ट होगा बंद
Paytm Payments Services Limited (PPSL) ने अपने व्यापारिक भागीदारों (मर्चेंट्स) को जानकारी दी है कि 1 अप्रैल 2025 से Juspay के जरिए ट्रांजैक्शन सपोर्ट बंद कर दिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह कदम Paytm की सीमलेस और भरोसेमंद पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
PPSL ने मर्चेंट्स को एक ईमेल में लिखा:
“निरंतर और सुचारू पेमेंट सेवा सुनिश्चित करने के लिए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप सीधे PPSL के माध्यम से भुगतान स्वीकार करें।”
कंपनी ने यह भी बताया कि PPSL 100 से अधिक पेमेंट स्रोतों को सपोर्ट करता है और भारी ट्रांजैक्शन लोड को कुशलता से संभालने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म से अलग होने की बढ़ती प्रवृत्ति
Paytm का यह निर्णय अचानक नहीं आया है। हाल के महीनों में, PhonePe, Razorpay और Cashfree Payments जैसी कंपनियों ने भी इसी दिशा में कदम उठाए हैं।
- PhonePe ने दिसंबर 2024 में सबसे पहले Juspay से अपनी सेवाएं समाप्त की थीं।
- इसके बाद, Razorpay और Cashfree Payments ने भी अपने पेमेंट सिस्टम को थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से हटाकर डायरेक्ट प्रोसेसिंग शुरू कर दी।
- अब Paytm ने भी यही रास्ता अपनाया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
इस बदलाव के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- बेहतर पेमेंट कंट्रोल – थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर रहने के बजाय, कंपनियां अपना खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही हैं ताकि अधिक सुरक्षा और स्पीड प्रदान कर सकें।
- कॉस्ट सेविंग – थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को कमीशन देने की बजाय, सीधे पेमेंट प्रोसेसिंग करने से कंपनियों को लॉन्ग-टर्म में लागत बचाने में मदद मिलेगी।
- नियामक आवश्यकताओं का पालन – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समय-समय पर पेमेंट गेटवे और एग्रीगेटर कंपनियों के लिए नियम बनाए जाते हैं। डायरेक्ट प्रोसेसिंग से कंपनियां इन नियमों का बेहतर तरीके से पालन कर सकती हैं।
- बेहतर डेटा सिक्योरिटी – थर्ड-पार्टी ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म्स पर निर्भरता डाटा सुरक्षा जोखिम बढ़ा सकती है। डायरेक्ट प्रोसेसिंग से मर्चेंट्स और ग्राहकों दोनों के लिए अधिक सुरक्षित ट्रांजैक्शन सुनिश्चित होता है।
Juspay का जवाब
इस बदलाव के बाद Juspay ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। कंपनी ने कहा कि:
“जो भी पेमेंट एग्रीगेटर (PA) या पेमेंट गेटवे (PG) किसी मर्चेंट के साथ काम करने को तैयार नहीं होगा, वह अंततः नुकसान उठाएगा। इससे केवल मर्चेंट को ही नहीं, बल्कि संपूर्ण पेमेंट इकोसिस्टम को भी नुकसान होगा।”
यह बयान संकेत देता है कि Juspay को इस फैसले से असहजता हो सकती है, लेकिन वह इसे व्यापक रूप से पेमेंट इंडस्ट्री पर प्रभाव डालने वाला मान रहा है।
Paytm की रणनीति और भविष्य की योजनाएं
Paytm, भारत के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में से एक है और लगातार पेमेंट टेक्नोलॉजी में इनोवेशन कर रहा है।
- IPO की तैयारी: Paytm ने हाल ही में संकेत दिया था कि वह अपना IPO फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहा है। कंपनी के इन प्रयासों का उद्देश्य अपनी पैसों की स्थिति को मजबूत करना और बाजार में अधिक स्थिरता लाना है।
- UPI और डिजिटल पेमेंट लीडरशिप: Paytm भारत में UPI ट्रांजैक्शन में एक मजबूत खिलाड़ी बना हुआ है। इसके पास 30 करोड़+ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और लाखों व्यापारी इससे जुड़े हुए हैं।
- AI और मशीन लर्निंग का उपयोग: Paytm अपने प्लेटफॉर्म को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से लैस कर रहा है ताकि फ्रॉड डिटेक्शन और फास्ट पेमेंट प्रोसेसिंग को बेहतर बनाया जा सके।
क्या मर्चेंट्स पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
मर्चेंट्स के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण होगा, लेकिन Paytm की ओर से यह दावा किया गया है कि इससे कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- तेजी से भुगतान होगा: डायरेक्ट ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग से पेमेंट की स्पीड बढ़ेगी, जिससे मर्चेंट्स को तुरंत पैसे मिलेंगे।
- कम इंटरमीडियरी शुल्क: थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को हटाने से मर्चेंट्स को कम ट्रांजैक्शन चार्ज देना पड़ेगा।
- बेहतर तकनीकी सपोर्ट: Paytm अब अपने मर्चेंट्स को सीधा और अधिक प्रभावी टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
Paytm द्वारा Juspay और अन्य थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से अलग होने का निर्णय भारत में डिजिटल भुगतान के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कदम न केवल बेहतर सुरक्षा, स्पीड और लागत बचत सुनिश्चित करेगा, बल्कि Paytm को लॉन्ग-टर्म में एक मजबूत पेमेंट प्रोवाइडर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
भविष्य में, यह देखा जाएगा कि अन्य पेमेंट कंपनियां भी इसी रणनीति को अपनाती हैं या नहीं। लेकिन यह साफ है कि डायरेक्ट पेमेंट प्रोसेसिंग का चलन अब तेजी से बढ़ रहा है और भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम अधिक आत्मनिर्भर और प्रभावी बनने की ओर बढ़ रहा है। 🚀💰
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