Third Wave Coffee Roasters एक प्रमुख भारतीय कॉफी चेन, ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी वित्तीय ग्रोथ के साथ उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाई है। अपने संचालन को तेजी से विस्तार देते हुए, कंपनी ने FY24 में मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज की।
राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि
Third Wave Coffee Roasters ने FY24 में अपने ऑपरेटिंग राजस्व में 67% की सालाना वृद्धि दर्ज की।
- FY23 के ₹144.4 करोड़ की तुलना में, FY24 में यह बढ़कर ₹241.3 करोड़ हो गया।
- FY22 में केवल ₹32 करोड़ के राजस्व से यह वृद्धि, कंपनी की तेजी से बढ़ती बाजार हिस्सेदारी को दर्शाती है।
कंपनी ने अपनी पूरी आय कॉफी और उससे संबंधित उत्पादों जैसे कॉफी बैग्स, बीन्स, और कोल्ड ब्रूज की बिक्री से अर्जित की।
कैफे का विस्तार और भविष्य की योजनाएं
- अक्टूबर 2024 तक, Third Wave Coffee ने 114 कैफे स्थापित कर लिए थे।
- कंपनी का लक्ष्य है कि FY25 के अंत तक इसे 160 कैफे तक पहुंचाया जाए।
- 2025 से हर साल 80-100 नए कैफे खोलने की योजना है।
- कंपनी का दावा है कि वह हर सप्ताह 10,000-15,000 किलोग्राम कॉफी बीन्स की प्रोसेसिंग कर रही है।
यह विस्तार रणनीति, न केवल भारत के प्रमुख शहरों में बल्कि छोटे शहरों तक पहुंचने की उनकी महत्वाकांक्षा को भी दर्शाती है।
कुल राजस्व में अन्य आय का योगदान
कंपनी ने ₹6.61 करोड़ की गैर-ऑपरेटिंग आय भी अर्जित की।
- यह आय मुख्यतः ब्याज और परिसंपत्तियों पर लाभ से आई।
- इसके साथ, Third Wave Coffee का कुल राजस्व FY24 में ₹247.9 करोड़ तक पहुंच गया।
खर्चों का विवरण
कंपनी ने अपने ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया, जो इसके खर्चों में भी स्पष्ट है।
1. कर्मचारी लाभ
- कर्मचारियों से संबंधित खर्च कुल व्यय का 27% था।
- यह खर्च FY24 में 68.8% बढ़कर ₹97.26 करोड़ हो गया।
2. सामग्री लागत
- कॉफी बीन्स और अन्य सामग्रियों की लागत FY24 में दोगुनी होकर ₹87.61 करोड़ हो गई।
3. किराया और अन्य खर्च
- कैफे के विस्तार के साथ, किराए पर खर्च भी महत्वपूर्ण रहा।
- FY24 में कंपनी ने किराए पर ₹81.25 करोड़ खर्च किए।
Third Wave Coffee की ग्रोथ के पीछे कारण
1. कॉफी के प्रति भारत का बढ़ता झुकाव
- पिछले दशक में, कॉफी की लोकप्रियता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- Third Wave Coffee ने इस बढ़ती मांग को पहचानकर, उच्च गुणवत्ता वाली कॉफी और ग्राहकों के लिए अनूठे अनुभव प्रदान किए।
2. ओमनीचैनल रणनीति
- कंपनी ने न केवल कैफे स्थापित किए हैं बल्कि अपने प्रोसेस्ड उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भी बेचा है।
3. नवाचार और प्रीमियम अनुभव
- कंपनी ने अपने उत्पादों और सेवाओं में नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया है।
- इसका उद्देश्य ग्राहकों को एक प्रीमियम और व्यक्तिगत कॉफी अनुभव प्रदान करना है।
4. निवेश का कुशल उपयोग
- Third Wave Coffee ने अपने वेंचर कैपिटल (VC) फंड का प्रभावी उपयोग करते हुए अपने संचालन का विस्तार किया है।
भारतीय कॉफी बाजार में प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां
1. प्रतिस्पर्धा का बढ़ता स्तर
- Third Wave Coffee को कैफे कॉफी डे (CCD), स्टारबक्स, और अन्य स्थानीय ब्रांड्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
- इस प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए कंपनी को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सेवा में सुधार करना होगा।
2. परिचालन लागत का दबाव
- किराए और कर्मचारियों की लागत जैसे खर्च कंपनी के मुनाफे को प्रभावित कर सकते हैं।
3. छोटे शहरों में विस्तार की चुनौती
- बड़े शहरों के मुकाबले, छोटे शहरों में ग्राहकों की संख्या और खर्च करने की क्षमता कम हो सकती है।
भविष्य की संभावनाएं और रणनीतियां
1. अंतरराष्ट्रीय विस्तार
- Third Wave Coffee भारतीय बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद, वैश्विक बाजार में प्रवेश कर सकती है।
2. प्रौद्योगिकी का उपयोग
- कंपनी, डिजिटल मार्केटिंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान कर सकती है।
3. उत्पादों में विविधता
- कॉफी के अलावा, कंपनी अन्य प्रीमियम पेय और स्नैक्स के साथ अपने मेन्यू को विस्तार दे सकती है।
4. ग्राहक अनुभव पर ध्यान
- ग्राहक अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए, कंपनी को अपने कैफे डिजाइन, मेन्यू और सेवा को अद्यतन करते रहना होगा।
निष्कर्ष: Third Wave Coffee का उभरता दबदबा
Third Wave Coffee ने अपनी तेजी से बढ़ती वित्तीय वृद्धि और विस्तार योजनाओं के साथ भारतीय कॉफी बाजार में एक मजबूत स्थिति बना ली है।
- FY24 में आय और विस्तार की गति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि कंपनी लंबे समय तक बाजार में बनी रहेगी।
- हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और लागत प्रबंधन जैसी चुनौतियां इसके लिए प्रमुख बाधाएं हो सकती हैं।
अगर कंपनी अपनी रणनीतियों को सही तरीके से लागू करती है, तो Third Wave Coffee न केवल भारतीय बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक अग्रणी ब्रांड बन सकती है।
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