🧠✨ PhysicsWallah का IPO धमाका: निवेशकों ने दिखाई जबरदस्त दिलचस्पी, QIBs से मिला सबसे बड़ा सपोर्ट!

PhysicsWallah

भारत के मशहूर edtech यूनिकॉर्न PhysicsWallah (PW) ने अपने Initial Public Offering (IPO) के ज़रिए बाज़ार में शानदार एंट्री की है। IPO को कुल मिलाकर 1.8 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है, जिसमें Qualified Institutional Buyers (QIBs) ने सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया — उन्होंने अपनी तय सीमा से 2.7 गुना ज़्यादा बोली लगाई।

😎 वहीं, कंपनी के employees ने सबसे ज्यादा जोश दिखाया, उनका हिस्सा 3.5 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल इन्वेस्टर्स ने 1.05 गुना, जबकि Non-Institutional Investors (NIIs) ने 0.48 गुना सब्सक्राइब किया।


💰 IPO का ओवरव्यू: दांव बड़ा, भरोसा और भी बड़ा!

PhysicsWallah का IPO 11 से 13 नवंबर 2025 तक खुला रहा, जिसका प्राइस बैंड ₹103–₹109 प्रति शेयर रखा गया था। इसमें न्यूनतम निवेश ₹14,111 का था। कंपनी के शेयर अब 18 नवंबर को BSE और NSE पर लिस्ट होंगे।

कंपनी ने इस IPO के ज़रिए कुल ₹3,480 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है — जिसमें से

  • ₹3,100 करोड़ की रकम Fresh Issue से आएगी,
  • और बाकी ₹380 करोड़ Offer for Sale (OFS) के तहत को-फाउंडर्स Alakh Pandey और Prateek Boob बेचेंगे।

पहले ड्राफ्ट में OFS ₹720 करोड़ का था, लेकिन बाद में इसे घटाकर ₹380 करोड़ कर दिया गया।

📊 IPO के ऊपरी प्राइस बैंड ₹109 पर, PhysicsWallah की वैल्यूएशन लगभग ₹28,426 करोड़ (यानी $3.2 बिलियन) आंकी गई है।


🎯 नए फंड का इस्तेमाल कहाँ होगा?

PhysicsWallah इस फंड का इस्तेमाल अपनी ऑफलाइन उपस्थिति को मजबूत करने और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने में करेगा।
साथ ही कंपनी की नज़र टेस्ट प्रिपरेशन और स्किलिंग सेगमेंट में स्ट्रैटेजिक एक्विज़िशन (अधिग्रहण) पर भी है।

🏫 वर्तमान में PhysicsWallah देशभर में 80 से ज्यादा ‘PW Vidyapeeth’ और ‘Pathshala’ सेंटर चला रहा है, और अब इसका लक्ष्य आने वाले दो सालों में 150+ सेंटर्स तक पहुंचने का है।


💼 Anchor Investors की बड़ी एंट्री 🏦

IPO से पहले ही PhysicsWallah ने ₹1,563 करोड़ की रकम Anchor Investors से जुटा ली थी।
इसमें देश और दुनिया के बड़े नाम शामिल थे —

  • ICICI Prudential MF,
  • Kotak MF,
  • Nippon India MF,
  • और ग्लोबल प्लेयर Fidelity

ये निवेशक आमतौर पर IPO से पहले कंपनी की वैल्यू और ग्रोथ पोटेंशियल को देखकर निवेश करते हैं — यानी मार्केट को PW के भविष्य पर भरोसा है।


📈 PhysicsWallah की ग्रोथ स्टोरी: Online से Empire तक 🚀

PhysicsWallah की शुरुआत 2016 में Alakh Pandey ने एक YouTube चैनल के रूप में की थी, जहाँ वे NEET और JEE के स्टूडेंट्स को सस्ती और आसान भाषा में पढ़ाते थे।
धीरे-धीरे इस प्लेटफॉर्म ने लाखों छात्रों का भरोसा जीता और edtech सेक्टर का यूनिकॉर्न बन गया।

💡 अब PW केवल एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि एक मल्टी-सेगमेंट एजुकेशन कंपनी बन चुकी है — जो ऑनलाइन क्लासेस, ऑफलाइन सेंटर्स, टेस्ट प्रेप बुक्स और स्किल-बेस्ड कोर्सेज़ सब कुछ ऑफर करती है।


📊 Financial Performance: FY25 में राजस्व मजबूत, घाटा नियंत्रित 📚

PhysicsWallah ने FY25 में शानदार राजस्व दर्ज किया —

  • ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹2,887 करोड़,
  • लेकिन साथ ही नेट लॉस ₹243 करोड़ रहा।

हालाँकि Q1 FY26 में कंपनी का राजस्व ₹847 करोड़ रहा और घाटा घटकर ₹127 करोड़ पर आ गया।
इससे साफ है कि कंपनी लॉस कम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।


⚙️ Edtech सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, लेकिन PW की पकड़ मजबूत 💪

Byju’s और Unacademy जैसे दिग्गजों के बीच, PhysicsWallah ने अपनी किफायती फीस, भरोसेमंद टीचिंग क्वालिटी और ‘देसी टच’ से एक अलग पहचान बनाई है।
जहाँ बाकी कंपनियाँ घाटे में जा रही हैं, वहीं PW अपनी ग्रोथ को कंट्रोल्ड और प्रॉफिटेबल दिशा में लेकर जा रहा है।

📈 एक्सपर्ट्स के मुताबिक, IPO के बाद PhysicsWallah भारत के सबसे भरोसेमंद edtech ब्रांड्स में से एक के रूप में उभरेगा — खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में जहाँ उसकी जड़ें पहले से ही मजबूत हैं।


💬 निष्कर्ष: PhysicsWallah का IPO — एक नए दौर की शुरुआत ✨

PhysicsWallah का IPO सिर्फ एक फंडरेज़िंग नहीं है, बल्कि यह भारत के edtech सेक्टर के लिए एक ट्रस्ट टेस्ट भी है।
जहाँ कई कंपनियाँ मुश्किलों में हैं, वहीं PW ने दिखाया है कि सही स्ट्रैटेजी, स्टूडेंट-फर्स्ट एप्रोच और पारदर्शी मॉडल के दम पर भारत में शिक्षा आधारित स्टार्टअप भी निवेशकों का भरोसा जीत सकते हैं।

📚🔥
Alakh Pandey की यह “क्लासरूम से बोर्डरूम” तक की यात्रा, न सिर्फ उद्यमियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह भारत की नए युग की स्टार्टअप सफलता गाथा भी है।

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💳 Infibeam Avenues ने Q2 FY26 में रेवेन्यू को किया डबल, मुनाफा 45% उछला 🚀

Infibeam Avenues

डिजिटल पेमेंट्स कंपनी Infibeam Avenues ने सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। अहमदाबाद-स्थित इस कंपनी ने अपनी राजस्व (Revenue) में 93% की जबरदस्त साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की, जबकि मुनाफा भी 45% तक बढ़ गया। कंपनी अब ₹2,000 करोड़ के राजस्व क्लब में प्रवेश करने के कगार पर है। 💥


📊 रिकॉर्ड-ब्रेकिंग ग्रोथ: रेवेन्यू ₹1,965 करोड़ तक पहुंचा

Infibeam के कंसोलिडेटेड वित्तीय परिणामों के अनुसार, कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹1,017 करोड़ (Q2 FY25) से बढ़कर ₹1,965 करोड़ (Q2 FY26) हो गई। यह लगभग 93% की वृद्धि को दर्शाता है — यानी रेवेन्यू में लगभग डबल ग्रोथ

अगर कुल आय की बात करें तो कंपनी ने ₹21 करोड़ की “Other Income” भी दर्ज की, जिससे कुल रेवेन्यू ₹1,986 करोड़ तक पहुंच गया।


💸 पेमेंट बिजनेस बना ग्रोथ का इंजन ⚙️

Infibeam का पेमेंट बिजनेस इसकी कमाई का सबसे बड़ा स्रोत बना रहा, जिसने कंपनी की कुल आमदनी का 97% योगदान दिया।

  • पेमेंट प्रोसेसिंग रेवेन्यू में 95% की बढ़त, जो ₹1,900 करोड़ तक पहुंच गया।
  • वहीं, इसका ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिजनेस भी 48% बढ़कर ₹65 करोड़ पर पहुंच गया।

इन दोनों सेगमेंट्स ने मिलकर Infibeam को भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फिनटेक कंपनियों में से एक बना दिया है।


🧾 खर्चों में भी तेज़ उछाल, पर मुनाफा बरकरार 💰

तेज़ ग्रोथ के साथ कंपनी के खर्चे भी बढ़े — कुल खर्च 98% बढ़कर ₹1,891 करोड़ हो गए, जो पिछले साल की समान तिमाही में ₹957 करोड़ थे।

  • 💳 Payment Processing Cost: सबसे बड़ा खर्च, जो 105% बढ़कर ₹1,812 करोड़ हो गया।
  • 👨‍💻 Employee Benefits: लगभग स्थिर रहे ₹34 करोड़ पर।
  • 🏢 Depreciation: 12% बढ़कर ₹19 करोड़ पर पहुंचा।

इन बढ़ते खर्चों के बावजूद, कंपनी ने मजबूत ऑपरेशनल एफिशिएंसी बनाए रखी और मुनाफे में 45% की बढ़त दर्ज की।


📈 मुनाफा 45% बढ़कर ₹68 करोड़ पहुंचा

Infibeam का नेट प्रॉफिट (PAT) Q2 FY25 के ₹47 करोड़ से बढ़कर ₹68 करोड़ (Q2 FY26) हो गया।
छह महीने (H1 FY26) के दौरान कंपनी का कुल मुनाफा भी 17% बढ़कर ₹126 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल यह ₹108 करोड़ था।

यह संकेत देता है कि Infibeam लगातार प्रॉफिटेबल ग्रोथ की दिशा में आगे बढ़ रही है।


🏦 RBI से मिली बड़ी मंज़ूरी 🔐

अक्टूबर 2025 में, Infibeam Avenues को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से एक अहम स्वीकृति मिली — कंपनी को अब Prepaid Payment Instruments (PPI) जारी करने की in-principle approval मिल गई है।

इस लाइसेंस के तहत कंपनी अब डिजिटल वॉलेट्स, प्रीपेड कार्ड्स और पेमेंट सर्विसेज़ ऑफर कर सकेगी, जिससे यह भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में और मजबूत खिलाड़ी बन जाएगी।


🌐 Infibeam का बिजनेस मॉडल: पेमेंट्स + ई-कॉमर्स 💡

Infibeam का डिजिटल इकोसिस्टम दो मुख्य क्षेत्रों पर आधारित है —

  1. Digital Payments: जिसमें पेमेंट गेटवे, पेमेंट प्रोसेसिंग और मर्चेंट सेटलमेंट शामिल हैं।
  2. E-commerce Solutions: जहां यह सरकारी और प्राइवेट दोनों संस्थानों को ऑनलाइन कॉमर्स प्लेटफॉर्म और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करती है।

कंपनी ने वर्षों में भारत, मिडिल ईस्ट और एशिया पैसिफिक में अपने ग्राहक नेटवर्क को मजबूत किया है।


📊 मार्केट में स्थिर प्रदर्शन: शेयर प्राइस ₹19.29

आज के ट्रेडिंग सेशन के अंत में, Infibeam Avenues का शेयर ₹19.29 प्रति शेयर पर बंद हुआ, जिससे कंपनी का मार्केट कैप ₹5,379 करोड़ ($606 मिलियन) हो गया।

पिछले एक साल में कंपनी के शेयर ने निवेशकों को स्थिर रिटर्न दिया है और अब RBI की मंज़ूरी के बाद इसमें और तेजी देखने की उम्मीद है। 📈


💬 कंपनी की रणनीति: “डिजिटल इंडिया” मिशन के साथ कदमताल 🇮🇳

Infibeam लगातार भारत के डिजिटल भुगतान मिशन के अनुरूप खुद को तैयार कर रही है।
कंपनी अब फोकस कर रही है —

  • ऑनलाइन-ऑफलाइन पेमेंट इंटीग्रेशन पर,
  • क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजेक्शन को आसान बनाने पर,
  • और मर्चेंट नेटवर्क एक्सपैंशन पर।

इसके साथ, Infibeam अब भारत के उन क्षेत्रों में भी पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर पहुंचा रही है जहाँ डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग अभी शुरुआती चरण में है।


📍 FY26 में क्या है Infibeam का रोडमैप? 🧭

कंपनी का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में —

  • अपना ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 3x बढ़ाना,
  • छोटे व्यापारियों के लिए लो-कॉस्ट डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन लॉन्च करना,
  • और भारत के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट्स में भी एंट्री को गहरा करना।

Infibeam Avenues अब सिर्फ एक पेमेंट कंपनी नहीं, बल्कि एक फुल-स्टैक डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज़ प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रही है।


💬 निष्कर्ष: Infibeam ने दिखाई “डिजिटल स्पीड”, मुनाफे की रफ़्तार बरकरार ⚡

FY26 की दूसरी तिमाही Infibeam के लिए बेहद मजबूत रही —
✅ रेवेन्यू में 93% की छलांग
✅ मुनाफा 45% ऊपर
✅ RBI से लाइसेंस अप्रूवल
✅ शेयर प्राइस स्थिर

डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर में जब अधिकांश कंपनियां कॉस्ट और रेगुलेशन से जूझ रही हैं, Infibeam Avenues ने दिखाया है कि टेक्नोलॉजी और फोकस्ड ग्रोथ से भारत में भी सस्टेनेबल प्रॉफिटेबिलिटी हासिल की जा सकती है।

💡 अगर यह रफ़्तार जारी रही, तो Infibeam आने वाले सालों में भारत का अगला पेमेंट्स पावरहाउस बन सकता है। 🚀💳

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💥Groww की जबरदस्त एंट्री! IPO में दिखा निवेशकों का जोश, शेयर 14% प्रीमियम पर लिस्टेड📈

Groww

भारतीय स्टॉक मार्केट में आज एक बड़ा दिन रहा जब डिजिटल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म Groww ने ज़बरदस्त डेब्यू किया। कंपनी का शेयर BSE पर ₹114 प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ, जो इसके इश्यू प्राइस से 14% प्रीमियम है। वहीं NSE पर शेयर ₹112 के भाव पर ओपन हुआ। यह प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा, क्योंकि ग्रे मार्केट में Groww का प्रीमियम केवल 3% के आसपास चल रहा था।


💼 Groww IPO: भारी भरकम ओवरसब्सक्रिप्शन 🚀

Groww का ₹6,632 करोड़ का आईपीओ (Initial Public Offering) निवेशकों के बीच जबरदस्त चर्चा में रहा। यह 4 से 7 नवंबर 2025 तक खुला था, जिसका प्राइस बैंड ₹95–₹100 प्रति शेयर तय किया गया था। न्यूनतम निवेश ₹14,250 रखा गया था।

इस आईपीओ में दो हिस्से थे —

  • 🆕 फ्रेश इश्यू: ₹1,060 करोड़
  • 🔁 ऑफर फॉर सेल (OFS): ₹5,572 करोड़

स्टॉक एक्सचेंज डेटा के अनुसार, Groww का आईपीओ 17.6 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ।

  • रिटेल इनवेस्टर्स की तरफ से 9.43x सब्सक्रिप्शन,
  • QIBs (Qualified Institutional Buyers) से 22.02x,
  • और Non-Institutional Investors (NIIs) से 14.2x का जोश देखने को मिला।

💰 एंकर निवेशकों से 2,984.5 करोड़ की बड़ी डील 💎

Groww ने अपने आईपीओ के दौरान ₹2,984.5 करोड़ एंकर इन्वेस्टर्स से जुटाए। इनमें शामिल रहे देश-विदेश के बड़े नाम जैसे:

  • HDFC Mutual Fund
  • Kotak Mutual Fund
  • SBI Mutual Fund
  • Nippon India
  • Abu Dhabi Investment Authority
  • Goldman Sachs

इन बड़ी संस्थाओं की भागीदारी ने निवेशकों का भरोसा और बढ़ा दिया।


📊 Groww का कारोबार: मार्केट में मजबूती बनाए रखी 💹

रिटेल ब्रोकिंग इंडस्ट्री में मंदी के बावजूद Groww ने अक्टूबर 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। NSE के आंकड़ों के अनुसार, Groww ने 1.38 लाख नए एक्टिव डिमैट अकाउंट्स जोड़े और कुल संख्या को 1.2 करोड़ (12 मिलियन) तक पहुंचा दिया।

कंपनी की मार्केट शेयर अब 26.6% पर है — यानी हर चार में से एक रिटेल निवेशक Groww का यूजर है।
यह आँकड़ा यह दिखाता है कि Groww लगातार मार्केट में अपनी पकड़ मज़बूत कर रहा है।


💹 शानदार वित्तीय प्रदर्शन 💸

फाइनेंशियल ईयर FY25 में Groww की ऑपरेटिंग रेवेन्यू लगभग 50% बढ़कर ₹3,902 करोड़ पहुंची, जबकि कंपनी का प्रॉफिट ₹1,824 करोड़ तक पहुंच गया — यानी प्रॉफिट में भी बंपर उछाल।

हालांकि, Q1 FY26 में थोड़ा धीमापन देखा गया —

  • रेवेन्यू लगभग 10% घटकर ₹904.4 करोड़ रह गया।
  • लेकिन फिर भी कंपनी ने ₹378.36 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया।

ये आँकड़े दिखाते हैं कि मार्केट की थोड़ी सुस्ती के बावजूद Groww की लाभप्रदता और स्थिरता बनी हुई है।


💵 Groww का शेयर और मार्केट कैप 🔝

लिस्टिंग के कुछ घंटों बाद ही Groww का शेयर ₹124 प्रति शेयर (सुबह 10:20 बजे तक) ट्रेड कर रहा था।
इसके साथ कंपनी की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन ₹75,367 करोड़ (लगभग $8.56 बिलियन) तक पहुंच गई — जो किसी भी भारतीय फिनटेक स्टार्टअप के लिए एक मील का पत्थर है।


🌐 Groww की कहानी: एक स्टार्टअप से मार्केट लीडर तक 🚀

2016 में लॉन्च हुआ Groww, मूल रूप से एक फिनटेक इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है जो शेयर, म्यूचुअल फंड, और ईटीएफ में निवेश की सुविधा देता है। कंपनी का मकसद है – “हर भारतीय को आसान निवेश का अनुभव देना”

Groww ने धीरे-धीरे रिटेल इन्वेस्टमेंट मार्केट में क्रांति ला दी है।

  • इसका इंटरफेस आसान और यूजर-फ्रेंडली है।
  • मोबाइल ऐप ने युवाओं को सीधे निवेश की दुनिया से जोड़ा।
  • और अब इसका आईपीओ डेब्यू इस यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ता है।

💬 निवेशकों की राय और मार्केट रिएक्शन 📢

विशेषज्ञों का कहना है कि Groww का मजबूत रिटेल बेस और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बिजनेस मॉडल आने वाले वर्षों में कंपनी को लंबी रेस का खिलाड़ी बनाएगा।
हालांकि, निवेशकों को अल्पावधि में मार्केट वोलैटिलिटी को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना चाहिए।

मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, अगर Groww अपनी रेवेन्यू ग्रोथ और यूजर बेस एक्सपेंशन को इसी तरह बनाए रखता है, तो यह भारत के शीर्ष डिजिटल फिनटेक ब्रांड्स में से एक बन सकता है।


🔮 निष्कर्ष: Groww का IPO – निवेशकों के लिए Grow(थ) का मौका 🌱

Groww की 14% प्रीमियम लिस्टिंग, 17.6x ओवरसब्सक्रिप्शन, और ₹75,000+ करोड़ मार्केट कैप ये सब संकेत हैं कि भारत के फिनटेक सेक्टर में निवेशकों का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है।

एक स्टार्टअप से यूनिकॉर्न, और अब एक लिस्टेड कंपनी बनने की यह यात्रा, भारत के डिजिटल इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम की शक्ति को दर्शाती है।

📈 Groww ने सच में अपने नाम की तरह किया है – “Groww” यानी Grow with India! 🇮🇳💪

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💳 Pine Labs को मिला RBI का पूरा पेमेंट लाइसेंस सेट!

Pine Labs

भारत के तेजी से बढ़ते फिनटेक सेक्टर में एक और बड़ा कदम सामने आया है। Pine Labs, जो देश के अग्रणी पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स में से एक है, को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से तीनों जरूरी पेमेंट लाइसेंस मिल गए हैं। इसमें पेमेंट एग्रीगेटर, पेमेंट गेटवे और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट शामिल हैं।

इस तरह Pine Labs अब भारत में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह के मर्चेंट ट्रांजैक्शन को पूरी तरह से संचालित करने में सक्षम हो गया है। इसका मतलब है कि कंपनी अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों भुगतान प्रक्रियाओं को संभाल सकेगी — यानी एक फुल-स्टैक डिजिटल पेमेंट कंपनी के रूप में उसकी स्थिति और मजबूत होगी।


🌐 RBI से मिली तीन बड़ी मंज़ूरियां

एक रिपोर्ट के मुताबिक, Pine Labs को RBI से जिन तीन तरह के लाइसेंस मिले हैं, वे हैं —
1️⃣ Payment Aggregator License – जिससे कंपनी विभिन्न व्यापारियों (merchants) के पेमेंट्स को एक प्लेटफॉर्म पर एकत्र कर सकेगी।
2️⃣ Payment Gateway License – जिससे Pine Labs ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स को सुरक्षित और सुचारू तरीके से प्रोसेस कर सकेगी।
3️⃣ Cross-Border Payment License – जिससे अब कंपनी अंतरराष्ट्रीय पेमेंट्स को भी संभाल सकेगी।

इन तीनों मंजूरियों के साथ Pine Labs अब एक ऐसा एंड-टू-एंड पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर बन गया है जो भारत के साथ-साथ एशिया और मिडल ईस्ट के बाजारों में भी अपनी पकड़ मजबूत करेगा।


💼 Pine Labs की शुरुआत से अब तक का सफर

Pine Labs की शुरुआत एक कार्ड-बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में हुई थी। धीरे-धीरे कंपनी ने डिजिटल पेमेंट्स, मर्चेंट क्रेडिट, और प्रिपेड गिफ्ट कार्ड्स जैसे प्रोडक्ट्स की पेशकश शुरू की।

आज Pine Labs भारत, साउथईस्ट एशिया और मिडल ईस्ट में 5 लाख से अधिक व्यापारियों को अपनी सेवाएं दे रहा है। इसके Point-of-Sale (PoS) टर्मिनल्स और ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से व्यापारी न केवल भुगतान स्वीकार करते हैं, बल्कि लोन, रिवार्ड्स और वर्किंग कैपिटल जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठाते हैं।


📈 नए लाइसेंसों से मिलेगा जबरदस्त विस्तार

RBI के इन तीनों लाइसेंसों के साथ, Pine Labs अब अपने पूरे पेमेंट प्रोसेसिंग बिजनेस को इंटीग्रेट कर सकेगा। इससे कंपनी को फायदा होगा —

  • Merchant Network के विस्तार में 🏪
  • ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पेमेंट चैनलों को जोड़ने में 💳
  • सेटलमेंट और ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट को तेज़ और आसान बनाने में ⚡
  • और फुल-स्टैक मर्चेंट सॉल्यूशन पेश करने में 💼

विश्लेषकों के अनुसार, भारत का डिजिटल पेमेंट मार्केट 2030 तक $300 बिलियन से ज्यादा का हो जाएगा। इस संदर्भ में Pine Labs की यह मंज़ूरी एक बड़ा स्ट्रेटेजिक एडवांटेज है।


💰 IPO में ठंडी प्रतिक्रिया, पर भरोसेमंद प्रदर्शन

हाल ही में Pine Labs ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) भी लॉन्च किया था, जो 7 नवंबर से 11 नवंबर तक खुला रहा।

  • प्राइस बैंड: ₹210 से ₹221 प्रति शेयर
  • न्यूनतम निवेश: ₹14,070
    हालांकि, रिटेल निवेशकों की तरफ से IPO को ठंडी प्रतिक्रिया मिली और यह केवल 2.46 गुना सब्सक्राइब हुआ।

फिर भी, कंपनी ने अपने IPO से पहले एंकर निवेशकों से ₹1,754 करोड़ जुटाने में सफलता हासिल की, जो बड़े संस्थागत निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।


📊 वित्तीय प्रदर्शन: लाभ में लौटी कंपनी

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (Q1 FY26) में Pine Labs ने शानदार वापसी की।

  • राजस्व (Revenue): ₹616 करोड़
  • शुद्ध लाभ (Net Profit): ₹4.7 करोड़

पिछले कुछ वर्षों से घाटे में चल रही कंपनी ने अब आखिरकार प्रॉफिट जोन में वापसी की है। यह इस बात का संकेत है कि Pine Labs का बिजनेस मॉडल अब सस्टेनेबल दिशा में बढ़ रहा है।


🧠 टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर फोकस

Pine Labs ने हमेशा से अपने कोर स्ट्रेंथ के रूप में टेक्नोलॉजी को अपनाया है। कंपनी लगातार अपने प्लेटफॉर्म में

  • AI-संचालित पेमेंट सिस्टम,
  • डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स, और
  • फ्रॉड डिटेक्शन इंजन जैसी इनोवेटिव तकनीकों को जोड़ रही है।

इनसे व्यापारी न केवल भुगतान स्वीकार कर पाते हैं, बल्कि अपने कस्टमर डेटा, सेल्स ट्रेंड्स और क्रेडिट एनालिटिक्स को भी बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।


🌍 वैश्विक विस्तार की तैयारी

भारत में मजबूत पकड़ बनाने के बाद Pine Labs अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों की ओर ध्यान दे रहा है।
कंपनी पहले ही मलेशिया, सिंगापुर, UAE और सऊदी अरब जैसे देशों में अपनी सेवाएं दे रही है।
नए क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट लाइसेंस से कंपनी अब वैश्विक व्यापारियों के लिए भी इंटीग्रेटेड पेमेंट सॉल्यूशंस पेश कर सकेगी।


💬 विशेषज्ञों की राय

मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि Pine Labs को मिले ये तीन लाइसेंस उसे भारत के शीर्ष फिनटेक खिलाड़ियों की श्रेणी में ले आएंगे।

“यह कदम Pine Labs को Razorpay, Paytm और Cashfree जैसे दिग्गजों के सीधे मुकाबले में खड़ा करता है,” एक विश्लेषक ने कहा।
“कंपनी अब डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में हर स्तर पर सेवा देने के लिए तैयार है।”


🔚 निष्कर्ष: Pine Labs का ‘फुल सर्कल मोमेंट’

Pine Labs ने कार्ड स्वाइप मशीन से शुरुआत की थी, और अब यह डिजिटल पेमेंट्स के पूरे इकोसिस्टम को जोड़ने वाला प्लेटफॉर्म बन चुका है।
RBI से मिले तीनों लाइसेंस न केवल कंपनी के लिए बल्कि भारत के डिजिटल फाइनेंशियल सेक्टर के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होंगे।

💬 “Pine Labs अब पेमेंट्स की पूरी कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि उसका नेतृत्व करने जा रहा है।”


📍मुख्य बातें एक नज़र में:

  • RBI से मिला Payment Aggregator, Gateway और Cross-Border License ✅
  • अब Pine Labs करेगा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग 🌏
  • 5 लाख से ज्यादा व्यापारी पहले से जुड़े हैं 💼
  • IPO को 2.46x सब्सक्रिप्शन, ₹1,754 करोड़ जुटाए 💰
  • Q1 FY26 में ₹616 करोड़ राजस्व और ₹4.7 करोड़ का लाभ 📈

Read more : Groww ने तोड़ी मंदी की लहर! अक्टूबर 2025 में अकेला ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जिसने बढ़ाया अपना यूज़र बेस 

🪙 Groww ने तोड़ी मंदी की लहर! अक्टूबर 2025 में अकेला ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जिसने बढ़ाया अपना यूज़र बेस 🚀

Groww

भारत के रिटेल ब्रोकिंग सेक्टर में जहां अक्टूबर 2025 में मंदी का माहौल रहा, वहीं Wealth-tech प्लेटफॉर्म Groww ने सबको चौंका दिया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, Groww ने अक्टूबर में 1.38 लाख नए एक्टिव डिमैट अकाउंट्स जोड़े, जिससे इसके कुल सक्रिय यूज़र की संख्या 1.2 करोड़ (12 मिलियन) तक पहुंच गई।

यह प्रदर्शन ऐसे समय में आया है जब अन्य बड़े प्लेटफॉर्म्स जैसे Zerodha, Angel One, और Upstox ने यूज़र लॉस दर्ज किया।


📉 बाकी ब्रोकर्स पर छाई गिरावट

जहां Groww ने शानदार बढ़त हासिल की, वहीं बाकी प्रमुख कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ा।

  • Zerodha के सक्रिय खातों में 62,000 की गिरावट दर्ज की गई।
  • Angel One के 34,000 यूज़र कम हुए।
  • Upstox ने करीब 59,000 एक्टिव अकाउंट्स खोए

यह दर्शाता है कि रिटेल ट्रेडिंग में तेज़ी के बाद अब मार्केट कंसॉलिडेशन (स्थिरीकरण) के दौर में प्रवेश कर रहा है।
NSE के अनुसार, शीर्ष 25 ब्रोकर्स के कुल सक्रिय डिमैट अकाउंट्स में अक्टूबर महीने में 0.13% की गिरावट दर्ज की गई।


🏦 पारंपरिक खिलाड़ियों का प्रदर्शन

पारंपरिक ब्रोकर हाउस भी इस रेस में पीछे नहीं रहे।

  • ICICI Securities ने 13,000 नए अकाउंट्स जोड़े।
  • SBI Caps ने करीब 25,000 नए यूज़र बनाए।
  • वहीं, Paytm Money ने 30,000 यूज़र जोड़कर बेहतर प्रदर्शन किया।
    इसके विपरीत, HDFC Securities और Kotak Securities जैसे बड़े नामों ने हल्की गिरावट दर्ज की।

📊 Groww का दबदबा बरकरार

डिजिटल-फर्स्ट ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स भारतीय निवेशकों की पहली पसंद बने हुए हैं।
Groww, Zerodha और Angel One मिलकर अब NSE के कुल डिमैट अकाउंट्स का 57% से अधिक हिस्सा रखते हैं।

इसमें अकेले Groww की हिस्सेदारी 26.6% है — जो दर्शाता है कि यह प्लेटफॉर्म तेजी से देश के रिटेल निवेशकों के बीच सबसे भरोसेमंद नाम बनता जा रहा है।


📈 Groww की रणनीति — यूज़र-फ्रेंडली और डिजिटल

Groww की सफलता का सबसे बड़ा कारण उसका सरल इंटरफेस, कम शुल्क, और यंग इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने वाला डिजिटल अनुभव है।
जहां अन्य प्लेटफॉर्म अपनी कमाई के मॉडल पर ध्यान दे रहे हैं, वहीं Groww लगातार यूज़र एक्सपीरियंस पर फोकस कर रहा है।

कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में AI-आधारित पोर्टफोलियो ट्रैकिंग, स्मार्ट रिकमेंडेशन टूल्स और नए एसेट क्लासेज़ को भी जोड़ा है, जिससे यूज़र्स की रुचि बनी रही।


💼 इंडस्ट्री में मंदी के बावजूद स्थिरता के संकेत

अक्टूबर 2025 तक, शीर्ष ब्रोकर्स के कुल सक्रिय डिमैट अकाउंट्स की संख्या 4.72 करोड़ से घटकर 4.52 करोड़ हो गई — यानी करीब 20 लाख यूज़र का नेट लॉस

हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट महामारी के बाद के तेज़ विस्तार के बाद की प्राकृतिक स्थिरता को दर्शाती है।
“मार्केट अब एक संतुलन की स्थिति में पहुंच रहा है जहां वास्तविक और दीर्घकालिक निवेशक ही सक्रिय रहेंगे,” एक मार्केट एनालिस्ट ने कहा।


📊 निवेशकों का भरोसा और भविष्य की दिशा

Groww की लगातार बढ़ती लोकप्रियता बताती है कि रिटेल इन्वेस्टर्स अब लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट और वेल्थ क्रिएशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
जहां पहले ट्रेडिंग का ट्रेंड तेज़ मुनाफे की चाह पर आधारित था, वहीं अब निवेशक सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल लर्निंग पर ज़ोर दे रहे हैं।

Groww ने भी इस दिशा में एजुकेशनल कंटेंट, इन्वेस्टमेंट वेबिनार्स, और इंटरएक्टिव इन्वेस्टमेंट टूल्स के ज़रिए नए निवेशकों को आकर्षित किया है।


💬 विश्लेषक क्या कहते हैं?

विश्लेषकों के मुताबिक, Groww का प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि डिजिटल ब्रोकिंग इंडस्ट्री में बदलाव का दौर चल रहा है

“Groww ने इस मंदी के बीच भी जो वृद्धि दिखाई है, वह उसकी यूज़र-सेंट्रिक रणनीति की सफलता है,” एक NSE रिपोर्ट में कहा गया।

यदि यह रफ्तार जारी रहती है, तो Groww न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे बड़ा डिजिटल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन सकता है।


🚀 निष्कर्ष: Groww की ग्रोथ कहानी अब भी जारी

जहां Zerodha और Angel One जैसे दिग्गज फिलहाल यूज़र बेस में गिरावट देख रहे हैं, वहीं Groww ने एक बार फिर साबित किया है कि टेक्नोलॉजी, पारदर्शिता और भरोसे का मेल रिटेल निवेशकों को जोड़ने की कुंजी है।

अक्टूबर 2025 का डेटा भले इंडस्ट्री के लिए ठहराव का संकेत दे रहा हो, लेकिन Groww के लिए यह एक नई उड़ान की शुरुआत है।


📍मुख्य बिंदु एक नज़र में:

  • Groww ने जोड़े 1.38 लाख नए एक्टिव यूज़र 🚀
  • Zerodha, Angel One और Upstox के यूज़र घटे 📉
  • कुल NSE डिमैट अकाउंट्स में 0.13% की कमी
  • Groww का मार्केट शेयर 26.6%
  • उद्योग में स्थिरता के संकेत, लेकिन Groww की रफ्तार बरकरार 💪

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🚀 Yatra का दमदार Q2 FY26 Revenue में 48% उछाल, Profit लगभग दोगुना

Yatra

ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर Yatra Online ने FY26 की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने 48% की साल-दर-साल (YoY) राजस्व वृद्धि दर्ज की है, जबकि इसका प्रॉफिट लगभग दोगुना हो गया है। मजबूत फेस्टिव ट्रैवल डिमांड, होटल पैकेज बुकिंग में तेजी, और एयर टिकटिंग रिकवरी ने कंपनी की ग्रोथ को आगे बढ़ाया है।

यह प्रदर्शन Yatra को FY26 की पहली छमाही में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली ट्रैवल कंपनियों की श्रेणी में लाकर खड़ा करता है।


📈 Q2 FY26 में Yatra का Revenue 48% उछला

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर उपलब्ध unaudited financials के अनुसार,
✅ Yatra का ऑपरेटिंग रेवेन्यू Q2 FY25 के ₹236.4 करोड़ से
➡️ 48% बढ़कर ₹350.8 करोड़ पहुंच गया।

इसके साथ ही कुल आय (Total Income) भी
✅ ₹215.4 करोड़ से बढ़कर
➡️ ₹356 करोड़ हो गई।

इस कुल आय में ₹5 करोड़ non-operating income से आए, जिसमें ब्याज और अन्य वित्तीय गेन शामिल हैं।


🏨 Hotels & Packages बने सबसे बड़े Growth Driver

Q2 FY26 में Yatra के राजस्व की सबसे बड़ी हिस्सेदारी रही —

✅ Hotels और Holiday Packages

फेस्टिव सीजन की शुरूआत, घरेलू पर्यटन में उछाल और कॉर्पोरेट ट्रैवल के लौटने ने इस वर्टिकल को मजबूत किया।

इसके बाद योगदान रहा —
✈️ Air Ticketing
📦 Allied Travel Services

Yatra ने पैकेज टूर और होटल बुकिंग के क्षेत्र में जिस तरह से आक्रामक प्राइसिंग और कैशबैक ऑफर पेश किए, उसका सीधा लाभ आंकड़ों में दिखा।


💸 खर्चों में 66% हिस्सा Service Cost का

कंपनी ने कुल खर्चों में सबसे बड़ा हिस्सा Service Costs को दिया:
₹225.14 करोड़ (कुल खर्च का 66%)

यह लागत आम तौर पर शामिल करती है:

  • होटल/एयरलाइन पार्टनर्स को भुगतान
  • पैकेज सर्विसेज
  • थर्ड-पार्टी वेन्डर कॉस्ट

अन्य प्रमुख खर्च:
👥 Employee Benefits: ₹41 करोड़
💳 Payment Gateway Charges
📢 Marketing खर्च
⚖️ Legal & Compliance
🖥️ IT और Cloud Infrastructure

कुल मिलाकर कंपनी का Total Expenditure
✅ Q2 FY26 में ₹339 करोड़ रहा।


💰 Profit लगभग दोगुना — 95% YoY Growth

Revenue में 48% की तेज़ वृद्धि का सीधा असर प्रॉफिट पर दिखा।

✅ Q2 FY26 Profit: ₹14.27 करोड़
✅ Q2 FY25 Profit: ₹7.3 करोड़

अर्थात Yatra ने 95% YoY से प्रॉफिट बढ़ाया।

यह खास इसलिए भी है क्योंकि travel-tech सेक्टर अभी भी महामारी-पश्चात रिकवरी मोड में है। Yatra का यह प्रदर्शन एक मजबूत comeback का संकेत माना जा रहा है।


🔍 Unit Economics मजबूत: Re 0.97 खर्च कर ₹1 कमाया

Q2 FY26 में Yatra की यूनिट इकॉनॉमिक्स और भी बेहतर हुई।
कंपनी ने—
₹1 की रेवेन्यू कमाने के लिए सिर्फ Re 0.97 खर्च किए

FY24–FY25 के कई क्वार्टर में यह आंकड़ा ₹1 से ऊपर था, इसलिए यह सुधार उल्लेखनीय है और कंपनी की operational efficiency को दिखाता है।


📊 H1 FY26 (April–September) में Yatra ने दिखाई Explosive Growth

छह महीनों के consolidated आंकड़ों के अनुसार:

✅ Operating Revenue

FY25 H1: ₹337 करोड़
FY26 H1: ₹560.6 करोड़
➡️ 66% वृद्धि

✅ Profit

FY25 H1: ₹10.5 करोड़
FY26 H1: ₹30.27 करोड़
➡️ लगभग 3X उछाल

H1 के ये आंकड़े Yatra की पूरे FY26 में मजबूत प्रदर्शन की दिशा में संकेत दे रहे हैं।


📈 Q2 परिणामों के बाद Yatra का शेयर 15% उछला

बेहतर-से-अपेक्षा परिणामों का सीधा असर स्टॉक पर भी दिखा।

✅ Yatra का शेयर आज 15% उछलकर
➡️ ₹167 पर बंद हुआ

इसके साथ कंपनी का मार्केट कैप पहुंचा:
₹2,602.77 करोड़

निवेशकों का उत्साह बढ़ा है क्योंकि:

  • कंपनी की growth pace काफी तेज है
  • प्रॉफिटेबिलिटी सुधर रही है
  • festive & holiday season (Q3) में और तेजी आने की संभावना है

🔮 आगे क्या? FY26 में Yatra की Growth Story मजबूत रहेगी

इंडस्ट्री ट्रेंड, फेस्टिव डिमांड, और Q3 ट्रैवल सीजन को देखते हुए Yatra के FY26 के बाकी महीनों में भी मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है।

कुछ प्रमुख growth drivers:
✅ Domestic travel का boom
✅ International holiday bookings में तेजी
✅ Corporate travel की वापसी
✅ अनुभव-आधारित यात्राओं की मांग

साथ ही, Yatra अपने B2B कॉर्पोरेट ट्रैवल और होटल पार्टनरशिप बिज़नेस को तेज़ी से बढ़ा रहा है, जो revenue mix को और diversify करेगा।


✅ निष्कर्ष: Yatra ने FY26 में दी दमदार उड़ान

Q2 और H1 के नतीजे साफ दिखाते हैं कि Yatra ने
✅ revenue growth
✅ cost discipline
✅ profit expansion
तीनों मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन किया है।

ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग स्पेस में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद, Yatra ने खुद को FY26 में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले OTAs में स्थापित कर दिया है।

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🚗💥 CarTrade Tech–CarDekho Mega Deal?

CarTrade

भारत के ऑनलाइन ऑटो-क्लासिफाइड सेक्टर में इस समय सबसे बड़ा हलचल पैदा करने वाली ख़बर सामने आई है। CarTrade Tech ने अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में पुष्टि की है कि कंपनी अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धी CarDekho के अधिग्रहण पर बातचीत कर रही है।
अगर यह मर्जर पूरा होता है, तो यह 2025 के सबसे बड़े स्टार्टअप डील्स में से एक होगा और देश के डिजिटल ऑटो मार्केट को पूरी तरह नया आकार दे सकता है।


✅ बातचीत सिर्फ ऑटो-क्लासिफाइड बिज़नेस तक सीमित

CarTrade Tech ने स्पष्ट कहा है कि चर्चा सिर्फ ऑटोमोटिव क्लासिफाइड्स बिज़नेस पर केंद्रित है।

इसमें CarDekho के —
❌ फाइनेंसिंग
❌ इंश्योरेंस
❌ नॉन-ऑटो बिज़नेस

शामिल नहीं हैं।

साथ ही CarTrade ने यह भी कहा कि
➡️ “अभी तक कोई अंतिम या बाध्यकारी एग्रीमेंट साइन नहीं हुआ है।”


💰 CarDekho का संभावित वैल्यूएशन $1.2 बिलियन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CarDekho के ऑटो-क्लासिफाइड बिज़नेस का वैल्यूएशन करीब $1.2 बिलियन लगाया जा सकता है।

यह—

  • 15 साल पुराने जयपुर-आधारित स्टार्टअप के लिए
  • और IPO की असफल कोशिशों के बीच

एक महत्वपूर्ण सौदा माना जा रहा है।

ग़ौरतलब है कि CarDekho 2021 से IPO की तैयारी कर रहा है, लेकिन बाज़ार और बैंकरों की ठंडी प्रतिक्रिया के चलते यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।


📊 CarTrade का Market Cap लगभग $1.6 बिलियन

दिलचस्प यह है कि CarTrade Tech स्वयं का मार्केट कैप भी
➡️ करीब ₹15,000 करोड़ (लगभग $1.6 बिलियन) है।

इसलिए एक सूचीबद्ध कंपनी द्वारा अपने जैसी ही आकार की एक प्राइवेट प्रतिद्वंद्वी को खरीदने की चर्चा उद्योग में काफी ध्यान खींच रही है।

एक सेक्टर विश्लेषक का कहना है:

“ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि एक लिस्टेड कंपनी अपने ही स्केल की प्राइवेट प्रतिद्वंद्वी को अधिग्रहण करने की स्थिति में हो। यह इंडस्ट्री को पूरी तरह री-शेप कर सकता है।”


🔄 CarTrade पहले ही OLX Auto खरीद चुका है

CarTrade पिछले कुछ वर्षों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
2023 में कंपनी ने—
OLX India का ऑटो बिज़नेस ₹537 करोड़ में खरीदा था

अगर CarDekho का अधिग्रहण सफल होता है, तो CarTrade भारत के ऑनलाइन ऑटो-क्लासिफाइड सेक्टर में निर्विवाद नेतृत्व वाली कंपनी बन सकती है।


📉 CarDekho का वित्तीय प्रदर्शन

कंपनी ने FY25 के नतीजे अभी जारी नहीं किए हैं, लेकिन FY24 में—

  • Revenue में 3.5% की गिरावट हुई
  • राजस्व: ₹2,250 करोड़
  • Net Loss: ₹340 करोड़

कंपनी के कई वर्टिकल्स में अभी भी लाभप्रदता चुनौतियाँ बनी हुई हैं।


📈 CarTrade Tech का मजबूत Q2 प्रदर्शन

दूसरी ओर CarTrade शानदार गति से आगे बढ़ रहा है।

Q2 FY26 में—

  • PAT: ₹64.08 करोड़
    (109% YoY वृद्धि)
  • Highest-ever Quarterly Revenue: ₹222.14 करोड़
    (29% YoY वृद्धि)

कंपनी के मैनेजमेंट ने पोस्ट-रिज़ल्ट कॉल में यह भी संकेत दिया कि
➡️ मौजूदा मॉमेंटम आगे भी जारी रहेगा।

CarTrade के पास
₹1,080 करोड़ (लगभग $122 मिलियन) की नकद राशि
भी मौजूद है, जिससे कंपनी debt + equity के मिश्रित ढांचे में बड़े अधिग्रहण को आसानी से फंड कर सकती है।


🔍 सौदा आसान नहीं — CarDekho की कीमत होगी असली चुनौती

विशेषज्ञों का मानना है कि CarTrade के मजबूत स्टॉक प्रदर्शन और स्वस्थ नकद स्थिति के चलते बाजार में कंपनी के प्रति काफी विश्वास है।

लेकिन CarDekho की अपेक्षित वैल्यूएशन ($1.2B)
➡️ बातचीत को लंबा और जटिल बना सकती है।

एक उद्योग विशेषज्ञ के मुताबिक:

“CarTrade बहुत मजबूत मौमेंटम पर चल रही है। ऐसे में CarDekho की उच्च मांग कीमत पर सहमत होना आसान नहीं होगा।”


🏁 निष्कर्ष: अगर डील हुई—इंडस्ट्री रीसैट हो जाएगी

CarTrade Tech और CarDekho के बीच यह संभावित अधिग्रहण—
✅ भारत के ऑटो-क्लासिफाइड बाजार में सबसे बड़ा एकीकरण होगा
✅ OLX Auto + CarDekho + CarTrade को एक प्लेटफॉर्म पर ला सकता है
✅ प्रतिस्पर्धा, कीमतों और मार्केट शेयर को पूरी तरह बदल देगा

लेकिन अभी तक—
➡️ बातचीत शुरुआती चरण में है
➡️ कोई binding agreement नहीं हुआ है

अधिग्रहण हुआ तो यह भारत के डिजिटल ऑटो सेक्टर में साल की सबसे प्रभावशाली डील होगी।

Read more : Awfis ने Q2 FY26 में दर्ज की 25% Revenue Growth, Profit लगभग 60% गिरा

🏢📈 Awfis ने Q2 FY26 में दर्ज की 25% Revenue Growth, Profit लगभग 60% गिरा

Awfis

भारत के प्रमुख co-working solutions प्रदाता Awfis ने FY26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के वित्तीय नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने इस अवधि में 25% साल-दर-साल (YoY) revenue growth तो दिखाई, लेकिन profit में करिब 60% की गिरावट आई है।

NSE पर उपलब्ध वित्तीय विवरणों के अनुसार—

  • Q2 FY26 Operating Revenue: ₹366.86 करोड़
  • Q2 FY25 Operating Revenue: ₹292.38 करोड़
    ➡️ 25.5% YoY ग्रोथ

🧩📌 Awfis क्या करता है?

2015 में स्थापित Awfis भारत में flexible office spaces का प्रमुख ब्रांड है, जो—
✅ स्टार्टअप्स
✅ SMEs
✅ बड़े एंटरप्राइजेज

को fully-managed वर्कस्पेस, IT सपोर्ट, F&B सुविधाएँ, इन्फ्रास्ट्रक्चर और meeting spaces जैसी सेवाएँ प्रदान करता है।


💼🏙️ Co-Working Segment बना सबसे बड़ा Revenue Driver

Awfis के कुल राजस्व का 81% हिस्सा co-working और managed office spaces से आता है।

📊 Q2 FY26 Segment Performance

  • Co-working Revenue: ₹297.4 करोड़
    (Q2 FY25 के ₹218.3 करोड़ से 36% की मजबूत ग्रोथ)
  • Construction & Fit-Out Projects: ₹69.45 करोड़
  • Other Income: ₹26.11 करोड़

इस तरह कुल आय (Total Income) Q2 FY26 में बढ़कर—
👉 ₹393 करोड़ हो गई।


💸📉 खर्चों में तेज़ उछाल: Depreciation और Finance Cost ने बढ़ाया भार

Awfis के खर्चों में इस तिमाही में काफी तेज़ी देखी गई—

🔍 प्रमुख खर्च (Q2 FY26):

  • Depreciation: ₹95 करोड़
    (47% YoY बढ़ोतरी)
  • Finance Cost: ₹47 करोड़
    (55% YoY वृद्धि)
  • Employee Benefits: ₹33 करोड़ (16% गिरावट)
  • Subcontracting खर्च: ₹56.28 करोड़ (लगभग स्थिर)

कुल खर्च—

  • ₹376.64 करोड़ (Q2 FY26)
  • ₹287.29 करोड़ (Q2 FY25)
    ➡️ 31% की बढ़ोतरी

राजस्व बढ़ने के बावजूद खर्च तेज़ी से बढ़े, जिससे लाभ प्रभावित हुआ।


📉📉 Profit में 60% की भारी गिरावट

जहाँ पिछले साल की समान तिमाही में Awfis ने
➡️ ₹38.6 करोड़ का Net Profit कमाया था,

वहीं इस बार—
➡️ Net Profit सिर्फ ₹16 करोड़ रहा।

यह 59–60% YoY गिरावट दर्शाता है।

गिरावट के प्रमुख कारण

  • Lease मॉडल पर भारी depreciation
  • Workspace expansion से finance cost का बढ़ना
  • नई properties की higher amortization

💹📈 Stock Performance: निवेशकों ने दिखाया भरोसा

हालाँकि profit में तेज़ गिरावट आई, लेकिन बाजार प्रतिक्रिया सकारात्मक रही।
आज के ट्रेडिंग सेशन में—

✅ Awfis का शेयर 5% उछलकर ₹637.1 पर बंद हुआ।
✅ कंपनी का Market Cap पहुँचा: ₹4,555.84 करोड़

यह संकेत देता है कि निवेशक Awfis की long-term growth strategy पर भरोसा दिखा रहे हैं।


🧭📊 क्या Awfis सही दिशा में बढ़ रहा है?

Co-working और managed office sector में भारत में तेज़ डिमांड बढ़ रही है—
✅ हाइब्रिड वर्क मॉडल
✅ स्टार्टअप इकोसिस्टम का विस्तार
✅ SMEs की cost-efficient office जरूरतें

Awfis लगातार अपने Centers और managed offices को बढ़ा रहा है। Revenue growth भी इसी विस्तार की वजह से आ रही है।
हालाँकि, बढ़ते depreciation और finance cost यह दिखाते हैं कि कंपनी का lease-heavy मॉडल अभी भी profit margin पर दबाव डाल रहा है।


🔮📌 भविष्य की रणनीति और चुनौतियाँ

Awfis की सफलता आने वाले कुछ क्वार्टर्स में इस पर निर्भर करेगी—

  • क्या कंपनी occupancy rate और desk utilization बढ़ा पाती है?
  • क्या lease costs और finance costs में अनुकूलन हो सकता है?
  • क्या कंपनियाँ hybrid offices को और तेजी से अपनाती हैं?

Workspace मांग मज़बूत है, लेकिन asset-heavy मॉडल profit को सीमित रखता है।


✅ निष्कर्ष

Awfis ने Q2 FY26 में राजस्व में 25% मजबूत वृद्धि दिखाई, लेकिन खर्चों में बढ़ोतरी ने profit को 60% तक गिरा दिया
Co-working segment की मजबूत growth यह दिखाती है कि भारत में flexible workspace की मांग मजबूत है।
लेकिन कंपनी को अगले क्वार्टर्स में—
✅ cost optimization
✅ बेहतर occupancy
✅ financial efficiency

पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि लाभप्रदता (profitability) लगातार सुधर सके।

Read more : WeWork India ने Q2 FY26 में कमाया ₹6.4 करोड़ मुनाफ़ा, राजस्व में 23% की बढ़त

🏢📈 WeWork India ने Q2 FY26 में कमाया ₹6.4 करोड़ मुनाफ़ा, राजस्व में 23% की बढ़त

WeWork India

Managed office space प्रदाता WeWork India, जिसने पिछले महीने भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर अपनी लिस्टिंग की थी, ने Q2 FY26 के वित्तीय परिणाम जारी कर दिए हैं। कंपनी ने दूसरी तिमाही में ₹6.4 करोड़ का मुनाफ़ा दर्ज किया, हालांकि यह पिछले साल की तुलना में काफी कम है।


📊✨ Q2 FY26: राजस्व में 23% की बढ़ोतरी

कंपनी के NSE पर उपलब्ध वित्तीय बयान के अनुसार—

  • WeWork India की operating revenue Q2 FY25 के ₹469.5 करोड़ से बढ़कर
    Q2 FY26 में ₹575 करोड़ पहुँच गई।
  • यह 23% साल-दर-साल (YoY) ग्रोथ को दर्शाता है।

इसके अलावा,

  • Other Income के रूप में कंपनी को ₹10.5 करोड़ प्राप्त हुए।
  • इस तरह कुल आय ₹585.5 करोड़ रही।

📌 H1 FY26 Snapshot

H1 FY26 में कंपनी की operating revenue—

  • ₹918 करोड़ (H1 FY25) → बढ़कर
  • ₹1,110 करोड़ (H1 FY26) हो गई
    ➡️ 21% YoY ग्रोथ

💸📉 खर्चों में उछाल: Depreciation और Finance Cost सबसे भारी

WeWork India के खर्चों में सबसे बड़ा हिस्सा depreciation का रहा—

  • Depreciation: ₹231 करोड़
  • Employee Benefits: ₹48 करोड़
  • Finance Costs: ₹153 करोड़

इन सभी खर्चों ने मिलकर कंपनी की total expenditure Q2 FY26 में ₹579 करोड़ तक पहुँचा दी।


🧮📉 मुनाफ़े में बड़ी गिरावट: 97% की कमी

यहाँ सबसे बड़ा ध्यान देने वाला पहलू है कंपनी के PAT में भारी गिरावट—

  • Q2 FY25 का PAT: ₹203 करोड़
  • Q2 FY26 का PAT: ₹6.4 करोड़
    ➡️ 97% की गिरावट

हालांकि, यह गिरावट काफी हद तक पिछले साल मिले ₹235 करोड़ के deferred tax credit की वजह से है, जिसने Q2 FY25 के लाभ को असाधारण रूप से बढ़ा दिया था।

H1 तुलना

  • H1 FY25 Profit: ₹174.5 करोड़
  • H1 FY26 Loss: ₹8 करोड़

यानी कंपनी इस बार H1 में घाटे में रही।


🏦💼 WeWork India IPO: ₹3,000 करोड़ का OFS

WeWork India ने नवंबर में अपना IPO लॉन्च किया था, जिसकी कुल वैल्यू ₹3,000 करोड़ थी। यह पूरा IPO Offer For Sale (OFS) था।

OFS Breakdown

  • Embassy Buildcon LLP (Promoter): ₹2,294 करोड़
  • 1 Ariel Way Tenant (WeWork Global affiliate): ₹706 करोड़

कंपनी ने कोई fresh issue नहीं दिया, इसलिए IPO से जुटाई गई पूंजी कंपनी को नहीं, बल्कि promoters और existing shareholders को गई।


📉📉 Stock Market Debut: फ्लैट लिस्टिंग

IPO के बाद WeWork India की लिस्टिंग उम्मीद से फीकी रही—

  • NSE Listing Price: ₹650 (Issue Price: ₹648)
    ➝ सिर्फ 0.3% का प्रीमियम
  • BSE Listing Price: ₹646.5

लिस्टिंग के बाद शेयर में गिरावट जारी रही और दिन के अंत में—

  • Closing Price: ₹623.9
  • Market Capitalization: ₹8,361 करोड़
    ➝ लगभग $942 मिलियन

यह दर्शाता है कि निवेशकों की शुरुआती उत्सुकता धीरे-धीरे ठंडी पड़ी।


🏢🔍 व्यवसाय की स्थिति: डिमांड स्थिर, लाभ पर दबाव

WeWork India भारत के managed workspace मार्केट में सबसे बड़ा प्लेयर है और कॉर्पोरेट, स्टार्टअप्स तथा एंटरप्राइजेस के लिए फ्लेक्सिबल ऑफिस सॉल्यूशंस प्रदान करता है।

Q2 FY26 में हालांकि कंपनी का राजस्व मजबूत रहा, लेकिन—

  • भारी depreciation
  • ऊँची finance cost
  • और लगातार बढ़ते ऑपरेशनल खर्च

ने प्रॉफिटबिलिटी पर दबाव बढ़ाया।

स्पष्ट है कि कंपनी के लिए अगले कुछ क्वार्टर्स में—
✅ debt restructuring
✅ occupancy optimization
✅ cost efficiency
—जैसे पहलुओं पर अधिक ध्यान देना होगा।


🌐📈 WeWork India का Outlook

लिस्टिंग के बाद WeWork India के लिए सबसे बड़ा फोकस होगा—

  • Operating margins सुधारना
  • Cost structure को optimize करना
  • Tier-1 शहरों में demand recovery को capitalize करना
  • Enterprise clients के लिए premium workspace सॉल्यूशंस बढ़ाना

फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस इंडस्ट्री में डिमांड स्थिर है, लेकिन लागत संरचना काफी भारी है। यदि कंपनी depreciation और finance cost को मैनेज करने में सफल हुई, तो आने वाले क्वार्टर्स में प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार संभव है।


✅ निष्कर्ष

WeWork India ने Q2 FY26 में ₹6.4 करोड़ का मामूली मुनाफ़ा दर्ज किया, जबकि revenue मजबूत रहा।
IPO के बाद शेयर का प्रदर्शन कमजोर रहा, लेकिन कंपनी की दीर्घकालीन संभावनाएँ workspace मार्केट की स्थिर डिमांड पर निर्भर रहेंगी।

Read more : Razorpay में Google के पूर्व इंजीनियरिंग हेड Prabhu Rambadran की एंट्री

🚀👨‍💻 Razorpay में Google के पूर्व इंजीनियरिंग हेड Prabhu Rambadran की एंट्री

Razorpay

भारत के सबसे बड़े फिनटेक यूनिकॉर्न्स में से एक Razorpay ने अपनी टेक्नोलॉजी लीडरशिप को और मजबूत करते हुए Prabhu Rambadran को Senior Vice President – Engineering नियुक्त किया है। Prabhu इससे पहले Google में इंजीनियरिंग हेड थे और टेक इंडस्ट्री में 18+ साल का अनुभव रखते हैं।

यह नियुक्ति ऐसे समय में आई है जब Razorpay तेजी से अपने AI-powered डिजिटल पेमेंट्स और बिज़नेस बैंकिंग उत्पादों को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रहा है।


🧠💼 Razorpay की पूरी इंजीनियरिंग कमान Prabhu को

कंपनी के अनुसार, Prabhu अब Razorpay के कई महत्वपूर्ण टेक वर्टिकल्स को लीड करेंगे, जिनमें शामिल हैं—

  • ✅ Risk & Intelligence
  • ✅ Payments Infrastructure
  • ✅ Business Banking
  • ✅ Customer Engagement Platforms
  • ✅ Core Engineering & Infrastructure

ये सभी Razorpay के अगले दशक की टेक्नोलॉजी स्ट्रैटेजी की नींव हैं—खासकर तब, जब कंपनी भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए AI-first payment ecosystems पर फोकस कर रही है।

Razorpay के कोफाउंडर और MD Shashank Kumar ने कहा:

“उनका अनुभव और लीडरशिप हमारे टेक फाउंडेशन को और मज़बूत करेगा, ताकि हम आने वाले दशक में AI-first डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म बना सकें।”


🌐🔧 Prabhu का अनुभव: Microsoft → Nutanix → Google → Razorpay

Prabhu Rambadran का करियर बड़े पैमाने पर mission-critical systems और cloud-scale engineering पर आधारित रहा है। उन्होंने—

  • Google (Head of Engineering)
  • Nutanix (Engineering Leadership)
  • Microsoft (Core Product & Infrastructure Teams)

जैसी कंपनियों में नेतृत्व भूमिकाएँ निभाई हैं।

Prabhu ने Razorpay में अपनी नई भूमिका पर कहा:

“Razorpay की relentless innovation culture और complex problems सॉल्व करने का mindset मुझे बेहद उत्साहित करता है। मैं ऐसे सिस्टम्स बनाने के लिए उत्सुक हूँ जो secure, intelligent और भारत-दक्षिण एशिया में फिनटेक के अगले wave को आगे बढ़ाएँ।”


💳📈 Razorpay का शानदार FY25 प्रदर्शन

FY25 Razorpay के लिए माइलस्टोन वर्ष साबित हुआ। कंपनी ने reverse flip पूरा करके खुद को भारत में एक public entity के रूप में स्थापित किया और साथ ही अपने वित्तीय प्रदर्शन में मजबूत ग्रोथ दर्ज की।

✅ Consolidated Revenue (FY24): ₹2,296 करोड़

✅ Consolidated Revenue (FY25): ₹3,783 करोड़

➡️ 65% साल-दर-साल वृद्धि

इस ग्रोथ के पीछे Razorpay के:

  • Payments volume expansion
  • Business banking solutions
  • API-led platforms
  • RazorpayX के adoption

जैसे प्रमुख कारक रहे।

कंपनी अब AI-driven जोखिम प्रबंधन, fraud detection और intelligent payment routing पर बड़ा दांव लगा रही है—और यहीं Prabhu की विशेषज्ञता Razorpay के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।


🛠️📲 Razorpay की हालिया रणनीतिक चालें

FY25–FY26 के दौरान Razorpay ने कई बड़े strategic कदम उठाए—

✅ Reverse Flip to India (April 2025)

कंपनी ने पूरी तरह से भारत में domicile किया — जो भारतीय टेक कंपनियों के लिए एक बड़ा ट्रेंड सेट कर सकता है।

✅ POP UPI App का Acquisition (Investment: $30M)

Razorpay ने rewards-first UPI ऐप “POP” में निवेश करके consumer payments में अपनी उपस्थिति मजबूत की।

✅ AI-first products rollout

कंपनी fraud detection, payment intelligence और business finance automation में AI का गहरा एकीकरण कर रही है।

✅ 800+ मिलियन डॉलर Funding Raised

Lightspeed, Tiger Global, Peak XV Partners, GIC जैसे बड़े वैश्विक निवेशक Razorpay के बैकर्स हैं।


🧠🌍 Razorpay + Prabhu: क्या होगा अगला फिनटेक चैप्टर?

Prabhu की एंट्री Razorpay के लिए कई मायनों में गेमचेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि—

✅ Razorpay AI-first payments बनाने पर काम कर रहा है

जो scale, security और personalization—all three—को redefine करेगा।

✅ Risk & Intelligence टीम में AI-led transformation

कंपनी अगले कुछ वर्षों में इंडिया की सबसे उन्नत fraud prediction और customer verification systems बनाने की दिशा में है।

✅ दक्षिण एशिया में विस्तार

Razorpay अब भारत से बाहर SEA मार्केट्स के लिए भी पेमेंट स्टैक तैयार कर रहा है।

✅ Cloud-scale engineering

Prabhu का अनुभव Razorpay के high-volume payments infrastructure को और विश्वस्तरीय बना सकता है।


🏁📌 निष्कर्ष

Prabhu Rambadran का Razorpay से जुड़ना भारतीय फिनटेक इकोसिस्टम की एक महत्वपूर्ण डेवलपमेंट है।

Razorpay जहाँ AI-first digital payments, business banking automation, और cross-border innovation पर फोकस कर रहा है — वहीं Prabhu का global engineering अनुभव कंपनी को अगले स्तर पर ले जा सकता है।

फिनटेक इंडस्ट्री में आने वाले वर्षों में Razorpay एक निर्णायक भूमिका निभाने वाला है, और यह नियुक्ति उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।

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