Haber ने सीरीज C राउंड में 317.2 करोड़ रुपये जुटाए

Haber

पुणे स्थित औद्योगिक रोबोटिक्स निर्माता Haber ने अपने सीरीज C फंडिंग राउंड में 317.2 करोड़ रुपये (लगभग $38 मिलियन) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Creaegis ने किया, जिसमें Accel India और BEENEXT Capital ने भी भाग लिया। तीन साल के अंतराल के बाद यह नई फंडिंग मिली है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Haber की स्थापना 2017 में हुई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में मैन्युअल कार्यों को स्वचालित करना है। कंपनी का प्रमुख उत्पाद AI-संचालित औद्योगिक रोबोट है जो फैक्टरियों में नमूना संग्रह, माप, विश्लेषण और हस्तक्षेप जैसे श्रम-गहन कार्यों को स्वचालित करता है। ये रोबोट उद्योगों को रसायन, ऊर्जा और पानी की खपत कम करने में मदद करते हैं, जिससे उत्पादन की दक्षता में वृद्धि होती है।

संस्थापक और नेतृत्व

Haber की स्थापना सिद्धार्थ गरुड़ ने की थी, जो एक तकनीकी विशेषज्ञ हैं और उन्होंने औद्योगिक प्रक्रियाओं में नवाचार लाने के लिए AI और मशीन लर्निंग का उपयोग किया। कंपनी का मुख्यालय पुणे में है, और यह अपने AI-संचालित रोबोटिक्स सॉल्यूशंस के लिए तेजी से विकास कर रही है। सिद्धार्थ और उनकी टीम का मानना है कि Haber की तकनीक वैश्विक औद्योगिक चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता रखती है, खासकर उन उद्योगों में जहां उत्पादन प्रक्रिया जटिल और संसाधन-खपत वाली होती है।

निवेश और फंडिंग

इस फंडिंग राउंड में Creaegis ने 200.35 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि BEENEXT और Accel ने क्रमशः 83.5 करोड़ रुपये और 33.4 करोड़ रुपये का योगदान दिया। Haber ने अब तक कुल $65 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है, जिसमें 2021 में हुए सीरीज B राउंड में Ascent Capital के नेतृत्व में $20 मिलियन शामिल हैं। इस राउंड में Accel, Elevation, और Beenext भी निवेशक थे।

कंपनी की फंडिंग का उपयोग विस्तार, उत्पादन में वृद्धि, और अन्य पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इस नई फंडिंग के साथ Haber का पोस्ट-फंडिंग मूल्यांकन लगभग 1,242 करोड़ रुपये ($148 मिलियन) हो गया है।

मुख्य निवेशक और भागीदारियां

Haber में सबसे बड़ा बाहरी शेयरधारक Accel है, जो कंपनी में 18.1% हिस्सेदारी रखता है। इसके बाद Creaegis और Elevation जैसे प्रमुख निवेशक हैं। इन सभी निवेशकों ने Haber की वृद्धि और औद्योगिक रोबोटिक्स में इसके तकनीकी नवाचारों के प्रति विश्वास दिखाया है।

Haber का औद्योगिक योगदान

Haber की तकनीक का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जिसमें खाद्य और पेय, कृषि, तेल और गैस उद्योग शामिल हैं। कंपनी की AI-संचालित रोबोटिक्स सॉल्यूशंस न केवल श्रम लागत को कम करते हैं, बल्कि रासायनिक उपयोग, ऊर्जा और पानी की खपत को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

सिद्धार्थ गरुड़ के अनुसार, Haber की तकनीक उत्पादन की प्रक्रिया को अधिक कुशल और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहतर बनाने में सहायक है। इस तकनीक की मदद से उद्योगों को अपने संसाधनों का सही उपयोग करते हुए उत्पादन लागत कम करने का मौका मिलता है।

विस्तार और भविष्य की योजना

Haber की योजना इस फंडिंग का उपयोग अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करने में करेगी। इसके साथ ही, कंपनी अपने AI और मशीन लर्निंग के उपयोग को और उन्नत करने के लिए अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी का उद्देश्य अपने AI-आधारित रोबोटिक्स सॉल्यूशंस को और अधिक उद्योगों में लागू करना और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति को बढ़ाना है।

चुनौतियाँ और अवसर

Haber के सामने सबसे बड़ी चुनौती बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण की है। हालांकि, AI और रोबोटिक्स के क्षेत्र में इसके उन्नत सॉल्यूशंस ने इसे अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग खड़ा किया है। कंपनी के लिए अवसर विशेष रूप से उन उद्योगों में हैं, जहां पारंपरिक उत्पादन प्रक्रियाएं समय और संसाधनों की खपत अधिक करती हैं।

कंपनी का विकास और स्थिरता

Haber की प्रौद्योगिकी ने इसे उभरते हुए बाजारों में तेजी से बढ़ने में मदद की है। कंपनी ने स्थिरता और उत्पादन क्षमता को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादों को डिजाइन किया है, जिससे उद्योगों को न केवल लागत कम करने में मदद मिलती है, बल्कि उनके पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

Haber की नवीन तकनीक और AI-संचालित रोबोटिक्स सॉल्यूशंस ने इसे औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है। कंपनी की योजनाओं और निवेशकों के समर्थन से यह तेजी से वृद्धि कर रही है। Haber की प्रौद्योगिकी न केवल उत्पादन प्रक्रियाओं को स्वचालित करती है, बल्कि उद्योगों को अधिक कुशल और टिकाऊ बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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Kuku FM,

Kuku FM, एक ऑडियो कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म, ने मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में बेहतरीन वृद्धि दर्ज की है। कंपनी की ऑपरेशनल आय 2.1 गुना बढ़कर 88 करोड़ रुपये हो गई, जो कि वित्त वर्ष 2023 में 41 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, कंपनी ने जमा पर ब्याज और मौजूदा निवेशों की बिक्री से 16 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय भी अर्जित की, जिससे कुल राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 104 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 49 करोड़ रुपये था।

Kuku FM ने अपने ऑडियो कंटेंट की पहुँच को बढ़ाने के लिए विज्ञापन और मार्केटिंग पर बड़े पैमाने पर खर्च किया। इसके कुल कैश बर्न का 50% से अधिक हिस्सा इसी दिशा में लगाया गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 102 करोड़ रुपये रहा। यह खर्च वित्त वर्ष 2023 की तुलना में 8.5% अधिक था। हालांकि, ऑडियो कंटेंट निर्माण पर खर्च अपेक्षाकृत कम था, जो केवल 16 करोड़ रुपये रहा।

कंपनी के बढ़ते पैमाने और नियंत्रित खर्च ने उसे अपने घाटे को कम करने में मदद की। वित्त वर्ष 2024 में Kuku FM का घाटा 18% घटकर 96 करोड़ रुपये रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 117 करोड़ रुपये था। कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉइड (ROCE) -46.38% और एबिटडा (EBITDA) मार्जिन -89.42% पर था, जो इसके वित्तीय प्रदर्शन की स्थिति को दर्शाता है।

अब तक Kuku FM ने $71 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, जिसमें से $25 मिलियन की सीरीज C राउंड की फंडिंग अक्टूबर 2023 में आई थी। यह फंडिंग इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) और नंदन नीलकेणी के फंडामेंटम पार्टनरशिप द्वारा लीड की गई थी।

इस सफलता के पीछे कंपनी की रणनीति और स्मार्ट खर्च नियंत्रण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि मार्केटिंग और विज्ञापन पर ज़ोर देने से प्लेटफ़ॉर्म की लोकप्रियता और यूज़र बेस में वृद्धि हुई है, लेकिन कंटेंट क्रिएशन पर अपेक्षाकृत कम खर्च करना यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपने बजट का बड़ा हिस्सा ब्रांड निर्माण और उपभोक्ता तक पहुँच बढ़ाने पर केंद्रित किया है। यह कदम समझदारी भरा है, क्योंकि किसी भी कंटेंट प्लेटफ़ॉर्म की सफलता काफी हद तक उसकी पहुँच और पहचान पर निर्भर करती है।

Kuku FM ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय ऑडियो कंटेंट बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है। भारत में ऑडियो कंटेंट का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, खासकर ग्रामीण और टियर-2, टियर-3 शहरों में, जहाँ लोग मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुलभता के कारण ज्यादा से ज्यादा डिजिटल ऑडियो कंटेंट की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। Kuku FM ने इस अवसर का अच्छा लाभ उठाया है और अपनी सेवा को हिंदी समेत कई अन्य भाषाओं में उपलब्ध करवा कर बड़े दर्शक वर्ग तक पहुँचने में कामयाबी हासिल की है।

वित्तीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो, कंपनी का घाटा कम हुआ है, जो एक सकारात्मक संकेत है। घाटे में यह कमी दिखाती है कि कंपनी ने अपने खर्चों को नियंत्रित करने और अपनी आय में वृद्धि लाने के लिए सही कदम उठाए हैं। हालांकि EBITDA मार्जिन और ROCE अभी भी नकारात्मक हैं, लेकिन कंपनी के लिए आने वाले वर्षों में इन संकेतकों को बेहतर करने की संभावना है, खासकर अगर वे अपने कंटेंट निर्माण और उपयोगकर्ता जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करते रहें।

Kuku FM की अब तक की कुल फंडिंग इसे और विस्तार करने में मदद कर सकती है। इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन और फंडामेंटम पार्टनरशिप जैसी बड़ी संस्थाओं से निवेश मिलना भी इस बात का प्रमाण है कि कंपनी के बिजनेस मॉडल और भविष्य की संभावनाओं पर निवेशकों का भरोसा है। यह फंडिंग Kuku FM को तकनीकी उन्नति, कंटेंट की गुणवत्ता सुधारने, और नए यूजर्स को प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने के लिए और अधिक निवेश करने का अवसर देगी।

हालांकि Kuku FM की मार्केटिंग रणनीति और ब्रांड निर्माण सफल साबित हो रहा है, कंपनी को भविष्य में कंटेंट निर्माण पर भी ध्यान देना होगा। कंटेंट की गुणवत्ता और विविधता किसी भी ऑडियो प्लेटफ़ॉर्म की नींव होती है, और यदि Kuku FM इसे सही तरीके से विकसित करता है, तो यह और भी बड़े दर्शक वर्ग को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। इसके साथ ही, कंपनी को प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए नवीनतम तकनीकी और यूजर इंटरफेस में सुधार करना होगा ताकि यूजर्स को बेहतर अनुभव मिल सके।

अंत में, Kuku FM की वित्तीय स्थिति और इसकी रणनीतिक दृष्टिकोण को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि कंपनी सही दिशा में आगे बढ़ रही है। मार्केटिंग पर ध्यान देने और घाटे को कम करने के लिए खर्चों को नियंत्रित करने की उनकी रणनीति से कंपनी को लंबी अवधि में फायदा होगा। हालांकि, कंपनी को अपने कंटेंट के विस्तार और गुणवत्ता सुधार पर भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वे तेजी से बढ़ते ऑडियो कंटेंट बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति बनाए रख सकें।

आगे चलकर, Kuku FM के लिए चुनौती यह होगी कि वह अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के साथ-साथ उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों को भी पूरा करे। यदि वे इस दिशा में सही कदम उठाते हैं, तो निस्संदेह वे भारतीय ऑडियो बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने रहेंगे और भविष्य में और भी ऊँचाइयों को छू सकते हैं।

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Figr ने सीड फंडिंग में जुटाए $2.25 मिलियन

Figr has raised $2.25 million

बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप Figr ने हाल ही में $2.25 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग दौर का नेतृत्व Kalaari Capital ने किया, जबकि Antler, Golden Sparrow, और अन्य एंजल निवेशकों ने भी भाग लिया। इस निवेश का उपयोग कंपनी अपनी कोर तकनीक को और उन्नत बनाने और विशेष रूप से अपने कस्टम AI मॉडल्स को बेहतर करने में करेगी, जो यूजर इंटरफेस (UI) और यूजर एक्सपीरियंस (UX) डिजाइन के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसके साथ ही, कंपनी अपने प्रोडक्ट और ग्रोथ टीम्स को भी विस्तार देने की योजना बना रही है।

Figr का परिचय

Figr एक AI-आधारित डिज़ाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जो प्रोडक्ट टीम्स के लिए यूजर इंटरफेस डिज़ाइन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने पर केंद्रित है। यह स्टार्टअप अपने उपयोगकर्ताओं को एआई-संचालित डिज़ाइन समाधान प्रदान करता है, जिससे वे अपने आइडियाज को तेजी से और कुशलता से शानदार UI डिजाइनों में बदल सकते हैं। कंपनी के अनुसार, Figr के पास अब तक 75,000 से अधिक साइनअप हो चुके हैं और 500,000 से ज्यादा क्वेरीज प्रोसेस की जा चुकी हैं।

संस्थापकों के बारे में

Figr की स्थापना मोक्श गर्ग और चिराग सिंघला ने की है। मोक्श और चिराग दोनों ने डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में गहरा अनुभव हासिल किया है, जिससे उन्होंने Figr को एक प्रभावी और उन्नत एआई प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया है। दोनों संस्थापक उपयोगकर्ताओं की समस्याओं को समझते हुए एक समाधान विकसित करना चाहते थे, जो डिज़ाइन प्रक्रिया को आसान और तेज़ बना सके। उनके नेतृत्व में, Figr ने उपयोगकर्ताओं के बीच एक मजबूत पहचान बनाई है।

फंडिंग का उपयोग

इस नई फंडिंग का उपयोग Figr मुख्य रूप से अपने AI मॉडल्स को और उन्नत करने और तकनीकी ढांचे को मजबूत करने के लिए करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वह अपने उत्पाद के माध्यम से डिजाइन प्रक्रिया को और अधिक स्वचालित और उपयोगकर्ता-केंद्रित बनाए। इसके साथ ही, Figr अपने प्रोडक्ट और ग्रोथ टीम्स में भी निवेश करेगा ताकि वह अपनी बाजार उपस्थिति को और बढ़ा सके और अपने उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बना सके।

कंपनी की वृद्धि और वैश्विक पहुंच

Figr के उपयोगकर्ताओं में से लगभग 80% भारत के बाहर से हैं, जो यह दर्शाता है कि कंपनी की सेवाओं की वैश्विक अपील बढ़ रही है। Figr ने कुछ ही समय में 75,000 से अधिक साइनअप और 500,000 से ज्यादा क्वेरीज प्रोसेस की हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि यह प्लेटफ़ॉर्म यूजर इंटरफेस डिज़ाइन के क्षेत्र में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कंपनी अपने उत्पाद के साथ वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति बना रही है और डिज़ाइन प्रक्रिया को और सरल बना रही है।

तकनीकी दृष्टिकोण

Figr का मुख्य फोकस AI-संचालित डिज़ाइन समाधान पर है। यह प्लेटफ़ॉर्म डिजाइन टीमों को अपने विचारों को कागज से डिजिटल फॉर्मेट में लाने में मदद करता है, जिससे उनके लिए डिज़ाइनिंग की प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाती है। प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने वाले उत्पादक टीमों को अब मैन्युअल डिज़ाइन प्रोसेस पर अधिक समय खर्च नहीं करना पड़ता, जिससे उनके काम की गति और गुणवत्ता में सुधार आता है। AI के उपयोग से, Figr डिज़ाइनरों को अधिक क्रिएटिव और प्रभावी ढंग से काम करने का अवसर प्रदान करता है।

भविष्य की योजनाएँ

Figr की भविष्य की योजना है कि वह अपने AI मॉडल्स को और उन्नत बनाए और अपनी सेवाओं को विभिन्न उद्योगों में विस्तार दे। स्टार्टअप अपने यूजर्स को और अधिक प्रोडक्टिव और क्रिएटिव बनाने के लिए नई तकनीकों का विकास कर रहा है। कंपनी अपने इंटरनेशनल यूजर बेस को और बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है और जल्द ही नए प्रोडक्ट्स और फीचर्स लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो डिज़ाइन प्रक्रिया को और आसान और प्रभावी बना सकेंगे।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

हालांकि Figr ने अब तक केवल सीड राउंड में $2.25 मिलियन जुटाए हैं, कंपनी का फोकस अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत करने और लगातार विकास करने पर है। फंडिंग से प्राप्त संसाधनों का उपयोग कंपनी के टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और टीमों के विस्तार में किया जाएगा। इसके अलावा, Figr की योजना है कि वह और भी निवेशकों के साथ साझेदारी कर अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाए।

डिज़ाइन इंडस्ट्री पर प्रभाव

Figr की AI-संचालित डिज़ाइन प्रक्रिया ने डिज़ाइन इंडस्ट्री में एक नया आयाम जोड़ा है। जहां पहले मैन्युअल डिज़ाइन प्रक्रिया में काफी समय लगता था, वहीं Figr के एआई समाधान ने इसे बहुत हद तक स्वचालित और सरल बना दिया है। इससे न केवल डिज़ाइनिंग की गुणवत्ता में सुधार आया है, बल्कि प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है। डिज़ाइन टीम्स अब और अधिक क्रिएटिव और नए आइडियाज पर काम कर सकती हैं, जबकि AI उनके बाकी कार्यों को संभालता है।

निष्कर्ष

Figr ने अपनी उन्नत AI तकनीक और समर्पित संस्थापकों के नेतृत्व में डिज़ाइन प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है। इस फंडिंग से प्राप्त संसाधनों का उपयोग करके कंपनी अपने उत्पाद को और बेहतर बनाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है। डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी के संगम पर खड़ी यह कंपनी भविष्य में डिज़ाइन इंडस्ट्री को नए आयाम देने के लिए तैयार है।

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ZenStatement ने जुटाए $1.62 मिलियन सीड फंडिंग -2024

ZenStatement

AI-आधारित फाइनेंस ऑटोमेशन और कैशफ्लो मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म ZenStatement ने हाल ही में $1.62 मिलियन की सीड फंडिंग जुटाई है। इस फंडिंग दौर का नेतृत्व 3One4 Capital और Boldcap VC ने किया, जबकि Dynamis Ventures और Atrium Angels जैसे निवेशकों ने भी भाग लिया। इस स्टार्टअप को कई प्रमुख एंजल निवेशकों और बिजनेस लीडर्स का भी समर्थन प्राप्त है, जिनमें एप्पल के पूर्व ग्लोबल ट्रेजरी हेड माइकल बॉयड, EatFit के संस्थापक अंकित नागोरी, और Onsurity के संस्थापक कुलिन शाह शामिल हैं।

फंडिंग का उद्देश्य

इस फंडिंग से ZenStatement का लक्ष्य अपने प्रोडक्ट ऑफरिंग्स को और बढ़ाना और भारत व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है। इसके साथ ही कंपनी एक मजबूत सेल्स और मार्केटिंग इंजन बनाने की दिशा में भी कार्य करेगी, जिससे उसका वैश्विक विस्तार संभव हो सके।

कंपनी की स्थापना और उत्पाद

ZenStatement की स्थापना सौरभ नोलखा और अंकित नरसारिया ने 2023 में की थी। पहले यह कंपनी SimpliFin के नाम से जानी जाती थी, लेकिन अब इसे ZenStatement के रूप में रीब्रांड किया गया है। यह प्लेटफॉर्म व्यवसायों को उनके कैश फ्लो को मॉनिटर करने, ऑप्टिमाइज़ करने, रीकॉन्साइल करने और पूर्वानुमान लगाने में मदद करता है। इसके अलावा, AI-चालित प्राकृतिक भाषा प्रश्नों के जरिए वित्तीय अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है, जो व्यवसायों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हो सकता है।

ZenStatement के उत्पाद की खासियत

ZenStatement का प्रमुख उत्पाद वित्तीय प्रबंधन के कई जटिल कार्यों को सरल बनाता है। यह व्यवसायों को कैशफ्लो की जानकारी आसानी से समझने और वास्तविक समय में डेटा विश्लेषण करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके AI-संचालित उपकरण उपयोगकर्ताओं को प्राकृतिक भाषा के प्रश्नों के माध्यम से वित्तीय जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर और सटीक बनाया जा सकता है।

संस्थापकों के बारे में

ZenStatement के संस्थापक सौरभ नोलखा और अंकित नरसारिया ने फाइनेंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी अनुभव प्राप्त किया है। सौरभ नोलखा ने पूर्व में कई प्रौद्योगिकी कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जबकि अंकित नरसारिया वित्तीय क्षेत्र में अपने गहरे अनुभव के साथ स्टार्टअप के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। इन दोनों के नेतृत्व में ZenStatement ने बाजार में अपनी पहचान बनाई है और अपने उत्पादों को लगातार उन्नत कर रहा है।

वित्तीय स्थिति और फंडिंग की रणनीति

ZenStatement ने अपनी फंडिंग का उपयोग अपने उत्पादों को बेहतर बनाने और अपने संचालन को बढ़ाने के लिए किया है। कंपनी ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में कई बड़े निवेशकों और प्रमुख बिजनेस लीडर्स का समर्थन प्राप्त किया है, जो इसके भविष्य के विकास की संभावनाओं को दर्शाता है। कंपनी ने पहले दौर में $1.62 मिलियन की राशि जुटाई है, जो इसके उत्पाद विकास और बाजार में विस्तार के लिए उपयोग की जाएगी।

बाजार में प्रतिस्पर्धा और विस्तार

ZenStatement का प्रमुख ध्यान भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद की पहुंच को बढ़ाने पर है। वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, ZenStatement अपनी उन्नत AI-आधारित तकनीक के जरिए व्यवसायों के लिए एक अभिनव समाधान प्रस्तुत कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए फायदेमंद है जो अपने कैशफ्लो को बेहतर तरीके से समझने और उसका प्रबंधन करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हालांकि, ZenStatement के सामने बाजार में कई प्रतिस्पर्धी चुनौतियाँ हैं, फिर भी इसका अनूठा AI-आधारित समाधान और संस्थापकों का मजबूत नेतृत्व इसे तेजी से विकास के लिए प्रेरित कर रहा है। कंपनी की दीर्घकालिक योजना नए वित्तीय उत्पादों को लॉन्च करने और अपनी सेवा को व्यापक बनाने की है, जिससे अधिक से अधिक व्यवसाय इस प्लेटफॉर्म का लाभ उठा सकें।

भविष्य की योजना

ZenStatement ने अपने मौजूदा ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त की हैं और अब इसका लक्ष्य और अधिक व्यवसायों को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ना है। कंपनी की दीर्घकालिक योजना वित्तीय स्वचालन के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की है, जिससे यह अपने उपयोगकर्ताओं को और अधिक मूल्यवान सेवाएँ प्रदान कर सके।

निष्कर्ष

ZenStatement का यह नवीनतम फंडिंग दौर कंपनी की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। अपनी अनूठी तकनीक और समर्पित संस्थापकों के नेतृत्व में, ZenStatement आने वाले समय में वित्तीय प्रबंधन और कैशफ्लो ऑप्टिमाइजेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

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iRasus Technologies

नई दिल्ली – एनर्जी एनालिटिक्स क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी iRasus Technologies ने अपने सीड फंडिंग राउंड में 4 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व IAN Angel के रोहित राजपूत और श्रीकर रेड्डी ने किया, जिसमें DFAN और अन्य एंजेल निवेशकों ने भी भाग लिया। कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह फंडिंग उसके उत्पाद और इंजीनियरिंग टीम के विस्तार और भारत में व्यवसायिक वृद्धि को तेज करने के लिए उपयोग की जाएगी।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Irasus Technologies की स्थापना 2019 में अर्जुन सिन्हा रॉय और अनिरुद्ध रमेश ने की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य बैटरी डेटा का विश्लेषण और इंटेलिजेंस प्रदान करना है, खासकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और स्टेशनेरी बैटरी स्टोरेज समाधानों के लिए। iRasus उन यूजर्स को डेटा इंटेलिजेंस प्रदान करने पर केंद्रित है जो जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा समाधानों से दूर हो रहे हैं और नवीकरणीय ऊर्जा के रास्ते पर बढ़ रहे हैं।

उत्पाद और सेवाएं

कंपनी का प्रमुख उत्पाद Preksha एक उन्नत बैटरी प्रबंधन प्लेटफार्म है, जो वास्तविक समय में बैटरी की निगरानी और भविष्यवाणी आधारित मेंटेनेंस की सुविधा प्रदान करता है। यह प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को उनकी बैटरी की स्थिति का सही आकलन करने, लागत को कम करने, सुरक्षा बढ़ाने और बैटरी के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद करता है। यह सेवा विशेष रूप से इलेक्ट्रिक बसों, फ्लीट ऑपरेटरों और स्टेशनेरी बैटरी उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।

प्रोडक्ट विस्तार और इंजीनियरिंग

iRasus ने हाल ही में जो फंड जुटाए हैं, उसे कंपनी अपने प्रोडक्ट को और उन्नत बनाने और इंजीनियरिंग टीम को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करेगी। कंपनी का ध्यान अब भारतीय बाजार में अपने कारोबार को बढ़ाने पर केंद्रित है। फंडिंग से iRasus को अपने एनालिटिक्स समाधान को और विस्तार देने, बड़े पैमाने पर डाटा इंटेलिजेंस प्रदान करने और बैटरी प्रबंधन क्षेत्र में प्रमुखता से उभरने में मदद मिलेगी।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और बैटरी स्टोरेज समाधान

iRasus का बैटरी डेटा एनालिटिक्स प्लेटफार्म बैटरी प्रबंधन के लिए एक आवश्यक उपकरण बन गया है। इसकी खासियत यह है कि यह यूजर्स को बैटरी लाइफ बढ़ाने, परफॉर्मेंस में सुधार लाने और सुरक्षा के उपायों को बेहतर करने में सहायता करता है। यह सेवा विशेष रूप से उन संगठनों के लिए महत्वपूर्ण है जो इलेक्ट्रिक बसों और वाहनों के बड़े फ्लीट का संचालन कर रहे हैं। इसके अलावा, स्टेशनेरी बैटरी उपयोगकर्ताओं के लिए भी यह तकनीक बेहद उपयोगी है।

संस्थापकों के बारे में

अर्जुन सिन्हा रॉय और अनिरुद्ध रमेश, iRasus के सह-संस्थापक, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहरा अनुभव रखते हैं। अर्जुन सिन्हा रॉय का कहना है कि उनका लक्ष्य जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा समाधानों को नवीकरणीय ऊर्जा से बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। अनिरुद्ध रमेश, जो प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं, ने बैटरी प्रबंधन और डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, जो iRasus की सफलता का आधार है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

हालांकि iRasus अभी एक उभरती हुई स्टार्टअप है, लेकिन यह कंपनी तेजी से विकास कर रही है। हाल ही में जुटाई गई 4 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग कंपनी को विस्तार और विकास के लिए नई दिशा देगी। इससे पहले भी कंपनी को निवेशकों का समर्थन मिला है, और अब यह फंडिंग इसके उत्पादों और सेवाओं को और अधिक उन्नत बनाने में मदद करेगी।

iRasus का भविष्य

कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में बैटरी डेटा एनालिटिक्स क्षेत्र में अग्रणी बनना है। iRasus का भविष्य काफी उज्ज्वल दिखता है क्योंकि यह न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रही है। कंपनी ने अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है और इसका मुख्य उद्देश्य बैटरी प्रबंधन को सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी बनाना है।

निष्कर्ष

iRasus Technologies ने एनर्जी एनालिटिक्स के क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है और इसकी नवीनतम फंडिंग इसे और भी सशक्त बनाएगी। कंपनी का बैटरी प्रबंधन प्लेटफार्म और डाटा इंटेलिजेंस समाधान आने वाले समय में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। संस्थापकों की मजबूत नेतृत्व क्षमता और निवेशकों का विश्वास iRasus को एक अग्रणी कंपनी बनने की ओर ले जा रहा है।

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UrjaMobility

नई दिल्ली – उर्जा सेक्टर में नई क्रांति लाने वाली स्टार्टअप UrjaMobility ने अपने प्री-सीरीज ए फंडिंग राउंड में 100 करोड़ रुपये (12 मिलियन डॉलर) जुटाए हैं। इस राउंड में Mufin Green Finance और Hindon Mercantil ने मुख्य निवेशक की भूमिका निभाई। कंपनी इस फंडिंग से अपने बैटरी लीजिंग मॉडल का विस्तार करने और ई-मोबिलिटी क्षेत्र में अपनी सेवाओं को बढ़ाने की योजना बना रही है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

Urja Mobility की स्थापना 2022 में पंकज चोपड़ा द्वारा की गई थी, जिनका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए बैटरी लीजिंग सेवाएं प्रदान करना है। कंपनी विशेष रूप से L3, L5 वाहनों और लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक L2 वाहनों के लिए बैटरी लीजिंग विकल्प देती है। इसके तहत कंपनी ने एक अनूठा पे-पर-यूज़ लीजिंग मॉडल विकसित किया है, जो ग्राहकों को उनके द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर बैटरी किराए पर लेने की सुविधा देता है। यह मॉडल पारंपरिक पूंजीगत खर्च (CapEx) को स्मार्ट संचालन खर्च (OpEx) में बदलकर ग्राहकों को आर्थिक और आसान समाधान प्रदान करता है।

उर्जा समाधान और विस्तार योजनाएं

UrjaMobility ने अपनी शुरुआत के पहले महीने में अपने Energy-as-a-Service (EaaS) मॉडल के तहत 150 kWh ऊर्जा की आपूर्ति की। वर्तमान में, कंपनी हर दिन 45 MWh ऊर्जा प्रदान कर रही है। नए जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी अपने ऊर्जा खपत और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन समाधानों को विस्तार देने, ई-मोबिलिटी क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करने और अपने संचालन को बढ़ाने के लिए करेगी।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजना

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह नया फंड कंपनी को अपनी सेवाओं के विस्तार में मदद करेगा। UrjaMobility अपने पे-पर-यूज़ मॉडल को और भी व्यापक रूप से लागू करना चाहती है, जिससे अधिक से अधिक व्यवसाय और उपभोक्ता इसकी सेवाओं का लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, कंपनी ई-मोबिलिटी सेक्टर में अपने परिचालन का भी विस्तार करेगी, जिससे यह क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूत बना सकेगी।

अनोखा लीजिंग मॉडल

UrjaMobility का पे-पर-यूज़ लीजिंग मॉडल इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह मॉडल उपयोगकर्ताओं को बैटरी की दूरी के आधार पर लीजिंग करने की सुविधा देता है, जिससे वे अपने परिचालन खर्चों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। पारंपरिक बैटरी लीजिंग मॉडल के मुकाबले, यह मॉडल उपभोक्ताओं को अधिक लचीलापन और लागत-प्रभावी समाधान प्रदान करता है।

कंपनी के संस्थापक: पंकज चोपड़ा

कंपनी के संस्थापक पंकज चोपड़ा का कहना है कि उनकी इस पहल का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की अग्रिम लागत को कम करके इसे एक प्रबंधनीय मासिक लीज़ वैल्यू (Monthly Lease Value – MLV) में बदलना है। इससे न केवल EV अपनाने में आसानी होगी, बल्कि कंपनियों को अपनी परिचालन लागतों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने में भी मदद मिलेगी। चोपड़ा की नेतृत्व क्षमता और नवाचार के प्रति उनकी दृष्टि ने UrjaMobility को एक अग्रणी ई-मोबिलिटी समाधान प्रदाता के रूप में स्थापित किया है।

वित्तीय स्थिति और उपलब्धियाँ

UrjaMobility ने अपने पहले वर्ष में ही उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने 2022 में अपनी यात्रा की शुरुआत की और कुछ ही समय में 100 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रही। इस फंडिंग का मुख्य उद्देश्य कंपनी के लीजिंग मॉडल को और मजबूत करना और उसके विस्तार को बढ़ावा देना है। कंपनी ने अपने पहले महीने में 150 kWh ऊर्जा प्रतिदिन की आपूर्ति की थी, जो अब बढ़कर 45 MWh हो गई है, जिससे कंपनी की सफलता और बढ़ते ऑपरेशन्स का अंदाजा लगाया जा सकता है।

ई-मोबिलिटी सेक्टर में संभावनाएँ

UrjaMobility का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत करना है। बैटरी लीजिंग के क्षेत्र में इसका अनोखा पे-पर-यूज़ मॉडल कंपनियों और व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इस मॉडल के ज़रिए उपभोक्ता अधिक फ्लेक्सिबल तरीके से बैटरी का उपयोग कर सकते हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ जुड़ी बड़ी शुरुआती लागत से बच सकते हैं।

निष्कर्ष

UrjaMobility ने अपने अनूठे बैटरी लीजिंग मॉडल के साथ ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। कंपनी का पे-पर-यूज़ लीजिंग मॉडल और ऊर्जा-सेवा समाधान इसे अन्य कंपनियों से अलग बनाते हैं। 100 करोड़ रुपये की इस ताजा फंडिंग से UrjaMobility को अपने व्यवसाय का विस्तार करने और ई-मोबिलिटी सेक्टर में अपनी पहचान को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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SPRY Therapeutics ने $15 मिलियन का फंड जुटाया, यूएस में विस्तार की योजना

SPRY Therapeutics

नई दिल्ली – फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए एक SaaS प्लेटफ़ॉर्म, Spry Therapeutics ने प्रमुख निवेशकों Flourish Ventures, Together Fund, Fidelity’s Eight Roads और F-prime Capital के नेतृत्व में $15 मिलियन का फंडिंग राउंड पूरा किया है। इस नवीनतम फंडिंग के साथ SPRY की कुल फंडिंग $25 मिलियन हो गई है, जो कंपनी की शुरुआत के बाद से लगातार बढ़ती रही है।

कंपनी ने इससे पहले जून 2022 में Eight Roads Ventures और F-Prime Capital के नेतृत्व में $7 मिलियन जुटाए थे, जिसमें मौजूदा निवेशकों ने भी हिस्सा लिया था। इस फंड का उपयोग SPRY के यूएस बाजार में विस्तार के लिए किया जाएगा, जहां कंपनी पहले से ही तेजी से बढ़ रही है।

कंपनी की स्थापना और उद्देश्य

SPRY Therapeutics की स्थापना बृजराज भुप्तानी, जो पहले Ola के CTO रह चुके हैं, और रियाज़ रहमान ने मिलकर 2021 में की थी। कंपनी का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी क्लीनिक्स के लिए एक व्यापक समाधान प्रदान करना है, जो जटिल बिलिंग प्रक्रियाओं को स्वचालित करता है और मरीजों के साथ बेहतर जुड़ाव सुनिश्चित करता है। SPRY ने पारंपरिक क्लाउड समाधानों और बेसिक मशीन लर्निंग आधारित बिलिंग सिस्टम्स से आगे बढ़ते हुए एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है जो न केवल क्लिनिकल आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि जटिल बिलिंग प्रक्रियाओं को भी आसान बनाता है।

प्लेटफ़ॉर्म की विशेषताएँ और सेवाएँ

SPRY एक ऑल-इन-वन क्लिनिक मैनेजमेंट सॉल्यूशन है, जो फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्लेटफ़ॉर्म छोटे सोलो प्रैक्टिशनर्स से लेकर बड़े क्लिनिक्स तक की ज़रूरतों को पूरा करता है। इसका मुख्य फोकस बीमा भुगतान (insurance reimbursements) और नकदी प्रवाह प्रबंधन (cash flow management) जैसे प्रमुख मुद्दों पर है, जो कई चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौतियां साबित होती हैं। इसके अलावा, SPRY का सॉफ़्टवेयर डेटा एंट्री और रिपोर्ट जेनरेशन को भी आसान बनाता है, जिससे चिकित्सक अधिक समय अपने मरीजों पर केंद्रित कर सकते हैं।

कंपनी का विकास और विस्तार

SPRY Therapeutics ने बेहद कम समय में अपनी जगह बनाई है। कंपनी के अनुसार, पिछले 18 महीनों में उसने 105 से अधिक क्लिनिक्स के साथ साझेदारी की है, जो 30 अमेरिकी राज्यों में फैले हुए हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म ने फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर समाधान के क्षेत्र में काफी मान्यता प्राप्त की है। G2 की समर और फॉल एडिशन रिपोर्ट्स में इसे टॉप फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन का दर्जा दिया गया है, जो इसके प्रभावी उत्पाद और सेवाओं को दर्शाता है।

संस्थापकों के बारे में

SPRY Therapeutics के सह-संस्थापक बृजराज भुप्तानी के पास टेक्नोलॉजी और प्रबंधन के क्षेत्र में गहरा अनुभव है। Ola के CTO के रूप में, उन्होंने जटिल समस्याओं का हल ढूंढने और बड़े पैमाने पर संचालन का प्रबंधन करने का अनुभव प्राप्त किया। उनके साथी, रियाज़ रहमान, भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुशल हैं और उन्होंने क्लिनिक प्रबंधन के क्षेत्र में SPRY की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कंपनी की वित्तीय स्थिति

SPRY ने 2021 में लॉन्च होने के बाद अब तक कुल $25 मिलियन का फंड जुटाया है। इसकी नवीनतम फंडिंग $15 मिलियन की है, जो यूएस बाजार में इसके विस्तार को गति देगी। इससे पहले 2022 में, कंपनी ने Eight Roads Ventures और F-prime Capital से $7 मिलियन जुटाए थे।

फंडिंग का उपयोग और भविष्य की योजनाएँ

इस ताजा फंडिंग से SPRY Therapeutics अपने प्लेटफ़ॉर्म को और उन्नत बनाने और अमेरिकी बाजार में विस्तार करने की योजना बना रहा है। कंपनी का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी प्रोफेशनल्स के लिए और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करना है, जिससे उनकी प्रक्रियाएं और अधिक स्वचालित और कुशल हो सकें। इसके साथ ही, कंपनी नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने प्लेटफ़ॉर्म को और बेहतर बनाएगी, जिससे उसके ग्राहक लाभान्वित हो सकें।

बाजार में प्रतिस्पर्धा और संभावनाएँ

फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के क्षेत्र में SPRY की तेज़ी से बढ़ती पहचान ने इसे प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बना दिया है। हालांकि, यह एक प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र है, जिसमें अन्य कंपनियाँ भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। SPRY की तकनीकी उत्कृष्टता और मजबूत ग्राहक संबंध इसके प्रतिस्पर्धियों पर इसे बढ़त दिला सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी बाजार में अपनी जड़ें जमाने और नए क्लिनिक्स के साथ साझेदारी करने से कंपनी की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।

निष्कर्ष

SPRY Therapeutics ने अपने अभिनव समाधान और तेज़ी से बढ़ते क्लाइंट बेस के माध्यम से फिजिकल थेरेपी सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। इसके संस्थापक बृजराज भुप्तानी और रियाज़ रहमान के नेतृत्व में, कंपनी ने तेजी से विकास किया है और आने वाले समय में भी अपनी स्थिति को और मजबूत करने की तैयारी कर रही है। $15 मिलियन की नई फंडिंग से कंपनी को अमेरिकी बाजार में और विस्तार करने में मदद मिलेगी, जिससे यह अपने ग्राहकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेगी।

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B2B पैकेजिंग समाधान प्लेटफार्म DCGpac ने FY24 में 100 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य हासिल किया

DCGpac

गुरुग्राम स्थित B2B पैकेजिंग समाधान कंपनी DCGpac ने वित्तीय वर्ष 2024 में अपने राजस्व को करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाया, जो कि 2023 के 79.5 करोड़ रुपये के मुकाबले 21.4% की वृद्धि है। कंपनी ने केवल 20 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के बावजूद इस वर्ष मुनाफा भी कमाया है। इस वित्तीय वर्ष में कंपनी का संचालन राजस्व 96.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो इसकी निरंतर विकास दर को दर्शाता है।

कंपनी का परिचय और सेवाएं

DCGpac मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्रियों की आपूर्ति करता है और इसके उत्पादों में कॉरुगेटेड बॉक्सेस, कूरियर बैग्स, बबल फिल्म्स, डिजाइनर बॉक्सेस शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी “डिजाइन टू डिस्ट्रीब्यूशन” सेवाएं भी प्रदान करती है। इसके प्रमुख ग्राहक मिंत्रा, डेल्हीवरी, ब्लिंकिट, शिपरॉकेट, DHL और शैडोफैक्स जैसे बड़े ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स प्लेटफार्म हैं। कंपनी का दावा है कि इसके पास 50,000 से अधिक ग्राहक हैं, जो इसके उत्पादों और सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

वित्तीय वृद्धि और खर्च

DCGpac ने FY24 में मुख्य रूप से पैकेजिंग सामग्रियों की बिक्री से राजस्व अर्जित किया। वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का कुल खर्च 96.7 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सबसे अधिक 80.4 करोड़ रुपये का खर्च सामग्री की लागत पर हुआ। FY23 के मुकाबले इसमें 19% की वृद्धि हुई है, जिससे कंपनी की कुल लागत में भी इजाफा हुआ।

कंपनी के अन्य खर्चों में विज्ञापन, वेयरहाउसिंग, पैकेजिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रिंटिंग और अन्य ऑपरेटिंग ओवरहेड्स शामिल हैं, जो कंपनी के कुल खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं। कर्मचारी लाभों पर FY24 में 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो कंपनी की संचालन लागत का एक बड़ा हिस्सा रहा।

मुनाफा और लागत प्रबंधन

DCGpac ने वित्तीय वर्ष 2024 में मुनाफा कमाने में सफलता हासिल की। FY23 में 1.67 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले FY24 में कंपनी ने 19 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। यह वृद्धि मुख्य रूप से इसके मजबूत लागत प्रबंधन और स्थिर राजस्व वृद्धि के कारण संभव हो पाई। कंपनी का ROCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉइड) 3.34% और EBITDA मार्जिन 1.19% रहा।

कंपनी ने हर एक रुपये के ऑपरेटिंग राजस्व के लिए FY24 में 1 रुपये खर्च किए, जो उसके कुशल लागत प्रबंधन को दर्शाता है।

संस्थापक और कंपनी की यात्रा

DCGpac की स्थापना कुछ साल पहले पैकेजिंग उद्योग में एक व्यवस्थित समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। संस्थापकों ने इस प्लेटफ़ॉर्म को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि यह न केवल बड़े ग्राहकों के लिए, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भी किफायती और प्रभावी पैकेजिंग समाधान उपलब्ध करा सके।

बाजार में स्थिति

पैकेजिंग उद्योग में DCGpac की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि कंपनी ने ग्राहकों की बदलती जरूरतों को समझते हुए अपने उत्पाद और सेवाओं को लगातार अपडेट किया है। जहां ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए पैकेजिंग की मांग लगातार बढ़ रही है, DCGpac जैसे प्लेटफार्म इन जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

DCGpac की सकारात्मकता उसकी लगातार बढ़ती राजस्व दर और लागत प्रबंधन की रणनीति में झलकती है, जिसने उसे वित्तीय वर्ष 2024 में मुनाफा कमाने में मदद की। कंपनी की मुनाफा दर भले ही कम हो, लेकिन यह उसके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नकारात्मक पक्ष यह है कि कंपनी की खर्च वृद्धि भी इसके राजस्व वृद्धि के साथ-साथ बढ़ी है, जो भविष्य में एक चुनौती बन सकती है। इसके अलावा, 83% खर्च केवल सामग्री की लागत में जाना दर्शाता है कि कंपनी को लागत कम करने के नए उपायों पर ध्यान देना होगा।

भविष्य की संभावनाएं

DCGpac ने FY24 में अपनी वृद्धि और मुनाफा दर को स्थिर किया है। भविष्य में कंपनी का लक्ष्य अपनी सेवाओं और उत्पादों की रेंज को और विस्तारित करना है। कंपनी के पास पैकेजिंग उद्योग में और भी ऊंचाइयों को छूने की अपार संभावनाएं हैं, विशेष रूप से ऐसे समय में जब ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।

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ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल की ‘मानवीय’ पहल: डिलीवरी पार्टनर्स के लिए आवाज उठाई

Startup News

ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने हाल ही में एक अनोखी पहल की है जो उनके नेतृत्व कौशल और संवेदनशीलता को दर्शाती है। गुरुग्राम में एक मॉल में खाद्य वितरण करते समय उन्होंने जो अनुभव किया, उसने उन्हें डिलीवरी पार्टनर्स की चुनौतियों के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया। गोयल ने अपनी पत्नी ग्रेसिया मुनोज़ (जो अब इंस्टाग्राम पर गिया गोयल के नाम से जानी जाती हैं) के साथ मिलकर डिलीवरी पार्टनर्स की भूमिका निभाई। इस अनुभव ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि मॉल्स को डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। यह घटना न केवल ज़ोमैटो के भीतर बल्कि पूरे फूड डिलीवरी उद्योग में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है।

दीपिंदर गोयल का डिलीवरी पार्टनर अनुभव: एक नज़दीकी नज़र

दीपिंदर गोयल ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में जो वीडियो शेयर किया, वह काफी चर्चा में रहा। इस वीडियो में गोयल को ज़ोमैटो की लाल यूनिफॉर्म में एक मॉल के प्रवेश द्वार पर पहुंचते हुए देखा जा सकता है। उनका सुरक्षा गार्ड्स के साथ संक्षिप्त वार्तालाप दिखाया गया है, जिसमें उन्हें एक साइड स्टेयरकेस की ओर निर्देशित किया जाता है।

गोयल का मॉल अनुभव: चुनौतियाँ और प्रतिक्रियाएँ

गोयल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मेरे दूसरे ऑर्डर के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि हमें सभी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए काम करने की स्थिति में सुधार लाने के लिए मॉल्स के साथ और अधिक निकटता से काम करने की आवश्यकता है। और मॉल्स को भी डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति अधिक मानवीय होने की ज़रूरत है।”

इस अनुभव ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया:

  • सुविधाओं का अभाव: गोयल को पता चला कि डिलीवरी पार्टनर्स के लिए कोई विशेष लिफ्ट या सुविधाएँ नहीं थीं।
  • भेदभाव का सामना: उन्हें मॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और सीधे सीढ़ियों का उपयोग करने के लिए कहा गया।
  • शारीरिक श्रम: तीसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए उन्हें सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ीं, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

गोयल की पहल का प्रभाव और उद्योग की प्रतिक्रिया

गोयल की यह पहल उद्योग में व्यापक चर्चा का विषय बन गई। कई विशेषज्ञों और उद्योग के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की:

  • सकारात्मक प्रतिक्रिया: कई लोगों ने गोयल की इस पहल की सराहना की, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों की समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
  • सुधार की मांग: कई लोगों ने मॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों से डिलीवरी पार्टनर्स के लिए बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने की मांग की।
  • नीतिगत बदलाव: कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे को हल करने के लिए नीतिगत स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है।

गोयल की पहल का दीर्घकालिक प्रभाव

दीपिंदर गोयल की यह पहल केवल एक दिन की घटना नहीं थी, बल्कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है:

  • जागरूकता बढ़ाना: इस घटना ने डिलीवरी पार्टनर्स की समस्याओं के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाई है।
  • नीतिगत परिवर्तन: यह पहल मॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थानों में डिलीवरी पार्टनर्स के लिए नए नियम और सुविधाओं को लागू करने का कारण बन सकती है।
  • उद्योग मानक: यह घटना फूड डिलीवरी उद्योग में नए मानकों को स्थापित करने का कारण बन सकती है, जिससे श्रमिकों के अधिकारों और सुविधाओं पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

ज़ोमैटो की व्यावसायिक रणनीति और वित्तीय प्रदर्शन

ज़ोमैटो ने हाल के वर्षों में अपनी व्यावसायिक रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसका सीधा प्रभाव कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर देखा जा सकता है। कंपनी ने अपने मुख्य खाद्य वितरण व्यवसाय के साथ-साथ क्विक कॉमर्स सेगमेंट पर भी ध्यान केंद्रित किया है।

ज़ोमैटो का वित्तीय प्रदर्शन: एक विश्लेषण

ज़ोमैटो के वित्तीय आंकड़े कंपनी की मजबूत स्थिति को दर्शाते हैं:

  • लाभ में वृद्धि: वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ बढ़कर 253 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कई गुना अधिक है।
  • राजस्व में उछाल: परिचालन से प्राप्त राजस्व में 74% की वृद्धि देखी गई, जो 4,206 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि ज़ोमैटो न केवल अपने बाजार हिस्से को बढ़ा रहा है, बल्कि लाभप्रदता में भी सुधार कर रहा है।

ब्लिंकिट: ज़ोमैटो की क्विक कॉमर्स रणनीति

ज़ोमैटो ने अपने क्विक कॉमर्स वर्टिकल ब्लिंकिट पर विशेष ध्यान दिया है:

  • तेज़ विकास: ब्लिंकिट ने कंपनी के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • नए बाज़ार: इस सेगमेंट ने ज़ोमैटो को ग्रॉसरी और दैनिक उपयोग की वस्तुओं के वितरण बाज़ार में प्रवेश करने में मदद की है।
  • प्रतिस्पर्धा: यह सेवा ज़ोमैटो को स्विगी जैसे प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाती है।

ज़ोमैटो की भविष्य की रणनीति

कंपनी अपने राजस्व को और मजबूत करने के लिए कई नई पहल कर रही है:

  • गोइंग-आउट बिजनेस: ज़ोमैटो इस सेगमेंट पर विशेष ध्यान दे रहा है, जो रेस्तरां बुकिंग और इवेंट टिकटिंग जैसी सेवाओं को शामिल करता है।
  • पेटीएम अधिग्रहण: कंपनी ने पेटीएम की इवेंट और मूवी टिकटिंग सहायक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
  • नई सुविधाएँ: ज़ोमैटो ने ‘बुक नाउ, सेल एनीटाइम’ फीचर लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं को ज़ोमैटो ऐप के माध्यम से खरीदे गए किसी भी लाइव इवेंट के टिकट बेचने की अनुमति देता है।

ज़ोमैटो का सामाजिक प्रभाव और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी

दीपिंदर गोयल के नेतृत्व में ज़ोमैटो ने अपने व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी प्राथमिकता दी है। कंपनी का मानना है कि व्यावसायिक सफलता और सामाजिक प्रभाव एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

ज़ोमैटो की श्रमिक कल्याण नीतियाँ

ज़ोमैटो ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स और अन्य कर्मचारियों के कल्याण के लिए कई पहल की हैं:

  • स्वास्थ्य बीमा: कंपनी ने अपने सभी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: नियमित रूप से सुरक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।
  • लचीले काम के घंटे: डिलीवरी पार्टनर्स को अपने काम के घंटे चुनने की स्वतंत्रता दी गई है।

ये नीतियाँ न केवल कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करती हैं, बल्कि कंपनी के प्रति उनकी निष्ठा भी बढ़ाती हैं।

पर्यावरण संरक्षण के प्रयास

ज़ोमैटो ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए हैं:

  • इको-फ्रेंडली पैकेजिंग: कंपनी ने पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग सामग्री का उपयोग शुरू किया है।
  • कार्बन फुटप्रिंट कम करना: इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि डिलीवरी के दौरान कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके।

ज़ोमैटो की सामुदायिक पहलों

ज़ोमैटो ने सामाजिक विकास के लिए कुछ विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की है:

  • खाद्य संकट पर ध्यान: ज़ोमैटो ने ‘फूड फॉर ऑल’ नामक पहल शुरू की है, जिसमें जरूरतमंद लोगों को भोजन प्रदान किया जाता है।
  • स्थानीय उत्पादकों का समर्थन: कंपनी स्थानीय खाद्य उत्पादकों और किसानों के साथ जुड़कर उनकी बिक्री में सहायता करती है।

ये कदम ज़ोमैटो की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

D2C Insider ने लॉन्च किया Super Angels Fund: नई पीढ़ी के उपभोक्ता स्टार्टअप्स को मिलेगा वित्तीय और रणनीतिक समर्थन

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भारत में तेजी से बढ़ रहे Direct-to-Consumer (D2C) स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से D2C Insider ने Super Angels Fund लॉन्च किया है। D2C Insider, जोकि एक व्यापक D2C समुदाय है और इसमें 10,000 से अधिक संस्थापक सदस्य हैं, ने इस ऑपरेटर फंड को विशेष रूप से नई पीढ़ी के उपभोक्ता क्षेत्र के लिए तैयार किया है। इस फंड का मुख्य उद्देश्य प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता, उद्योग के विशेषज्ञों की सलाह, और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करना है।

Super Angels Fund: उद्देश्य और विशेषताएँ

Super Angels Fund का कोष Rs 25 करोड़ का है, जोकि लगभग 20-25 शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना बना रहा है। फंड का ध्यान pre-seed और seed स्टेज के D2C स्टार्टअप्स पर केंद्रित है, जिन्हें यह फंड न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करेगा बल्कि अनुभवी ऑपरेटर्स और निवेशकों से मार्गदर्शन भी देगा।

इस फंड की खास बात यह है कि इसके पीछे 50 से अधिक D2C संस्थापक हैं, जिनमें Aneesh Seth (Dr. Seth’s), Vedang Patel (Souled Store), Soumya Kant (Clovia), Kunal Bahl (Snapdeal), और Vivek Biyani (Broadway) जैसे उद्योग के दिग्गज शामिल हैं। इन अनुभवी संस्थापकों का समर्थन और उनकी विशेषज्ञता स्टार्टअप्स को रणनीतिक विकास में मदद करेगी।

Elevate Program: एक मजबूत प्रशिक्षण प्लेटफ़ॉर्म

D2C Insider ने अपने फ्लैगशिप Elevate Program का तीसरा कोहॉर्ट भी लॉन्च किया है। यह एक संरचित 12-सप्ताह का हाइब्रिड बूट कैंप है, जिसमें 25 से अधिक उद्योग विशेषज्ञों की देखरेख में D2C स्टार्टअप्स को प्रशिक्षण दिया जाता है। इनमें Aditya Sharma (The Souled Store), Karthik Reddy (Blume Ventures), और Gaurav Khatri (Noise) जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं, जो उद्यमियों को अपने अनुभव और मार्गदर्शन से लाभान्वित करते हैं।

यह प्रोग्राम स्टार्टअप्स को न केवल एक मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करता है बल्कि उन्हें बाजार में अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रभावी ढंग से स्थापित करने में भी मदद करता है।

फंड का निवेश दृष्टिकोण और रणनीति

Super Angels Fund का उद्देश्य pre-seed और seed स्टार्टअप्स में Rs 1 करोड़ के औसत चेक के साथ निवेश करना है। फंड के माध्यम से इन स्टार्टअप्स को पूंजी के साथ-साथ मार्गदर्शन और विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी, ताकि वे तेजी से अपने उत्पाद और व्यवसाय को स्केल कर सकें। यह फंड अपने निवेशकों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से अन्य प्रमुख फंडों के साथ साझेदारी और सह-निवेश करने की योजना बना रहा है, जिससे स्टार्टअप्स को बहुआयामी समर्थन प्राप्त हो सके।

प्रारंभिक निवेश और पहले क्लोज की जानकारी

Super Angels Fund ने पहले ही Rs 10 करोड़ का पहला क्लोज कर लिया है और इसमें नौ स्टार्टअप्स में निवेश किया गया है। इन स्टार्टअप्स में Basil, PiknDel, Samosa Party, Crest, Assembly, Futwork, The Solved Skin, Business On Bot, और Snackibl जैसे स्टार्टअप्स शामिल हैं।

इन निवेशों के माध्यम से D2C Insider ने यह स्पष्ट किया है कि वे न केवल फंडिंग बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी स्टार्टअप्स का समर्थन करेंगे। यह सभी कंपनियाँ उपभोक्ता क्षेत्र में नवाचार कर रही हैं और उनके पास अपनी श्रेणियों में अग्रणी बनने की संभावनाएं हैं।

D2C Insider: कंपनी का परिचय

D2C Insider एक D2C संस्थापकों की बड़ी और सक्रिय समुदाय है, जो सीधे उपभोक्ताओं को सेवाएं और उत्पाद प्रदान करने वाले स्टार्टअप्स को समर्थन देती है। यह प्लेटफ़ॉर्म D2C संस्थापकों के बीच विचारों के आदान-प्रदान, नेटवर्किंग, और व्यवसाय विकास में मदद करने के लिए बनाया गया है।

इसका मुख्य लक्ष्य D2C उद्यमियों को उनके व्यवसाय के विभिन्न चरणों में समर्थन देना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना है। समुदाय के माध्यम से संस्थापकों को विशेषज्ञ सलाह, नेटवर्किंग के अवसर, और फंडिंग तक पहुंच प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने स्टार्टअप्स को तेजी से बढ़ा सकें।

संस्थापक और उनकी दृष्टि

D2C Insider की स्थापना आशुतोष लवणिया और गौरव गुलाटी ने की थी। दोनों संस्थापकों का उद्देश्य भारत में D2C इकोसिस्टम को मजबूत बनाना और नए उद्यमियों को आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करना है। उनकी दृष्टि है कि D2C स्टार्टअप्स के लिए एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया जाए, जहाँ उन्हें व्यवसाय शुरू करने से लेकर उसे बड़ा करने तक सभी चरणों में मदद मिले।

Super Angels Fund के माध्यम से ये संस्थापक नई पीढ़ी के D2C स्टार्टअप्स को उनके शुरुआती चरण में आवश्यक वित्तीय और रणनीतिक सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।

वित्तीय जानकारी

Super Angels Fund के पास Rs 25 करोड़ का कोष है, जिसे वे प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स में निवेश करेंगे। पहले ही Rs 10 करोड़ का क्लोज हो चुका है, और शेष राशि को भी आगामी स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना बनाई गई है।

फंड का फोकस D2C स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में महत्वपूर्ण पूंजी और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करना है, ताकि वे तेजी से विकास कर सकें। फंड का दृष्टिकोण अन्य फंडों और निवेशकों के साथ साझेदारी करके स्टार्टअप्स को सर्वांगीण समर्थन देना है।

निष्कर्ष

D2C Insider का Super Angels Fund नई पीढ़ी के D2C स्टार्टअप्स के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। फंड का उद्देश्य न केवल शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, बल्कि उन्हें उद्योग के विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और नेटवर्किंग के अवसर भी देना है।

इसके अलावा, Elevate Program जैसे संरचित कार्यक्रम D2C संस्थापकों को अपने व्यवसाय को सही दिशा में ले जाने में मदद करेंगे। Super Angels Fund और D2C Insider के माध्यम से, भारत में D2C इकोसिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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