B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ApnaKlub ने FY24 में राजस्व किया दोगुना, घाटे में 14% की कमी

ApnaKlub

ApnaKlub, जो कि एक B2B ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में अपनी ग्रोथ को बनाए रखा।

  • कंपनी ने अपने सकल राजस्व को लगभग दोगुना किया।
  • साथ ही, अपने घाटे को 14% तक घटाकर 50 करोड़ रुपये से कम कर लिया।

ApnaKlub राजस्व में दोगुनी वृद्धि

FY24 में ApnaKlub का प्रदर्शन

  • FY23 में ₹278.32 करोड़ का राजस्व कमाने वाली कंपनी ने FY24 में इसे बढ़ाकर ₹536.78 करोड़ कर लिया।
  • कंपनी मुख्य रूप से रिटेलर्स, किराना स्टोर्स, और FMCG ब्रांड्स को जोड़ने का काम करती है।

प्रमुख राजस्व स्रोत

FY24 में ApnaKlub के लिए सबसे ज्यादा योगदान देने वाले उत्पाद श्रेणियां निम्नलिखित रहीं:

  • पर्सनल केयर उत्पादों की बिक्री: ₹250 करोड़।
  • बेवरेजेस (पेय पदार्थ): ₹95.34 करोड़।
  • होम केयर उत्पाद: ₹82 करोड़।
  • प्रोसेस्ड फूड्स: ₹80.6 करोड़।

गैर-परिचालन आय

  • ApnaKlub ने दीर्घकालिक निवेश पर ब्याज से ₹5 करोड़ कमाए।
  • कुल मिलाकर, FY24 में कंपनी का कुल राजस्व ₹541 करोड़ रहा।

खर्चों का विश्लेषण

कच्चे माल की लागत

  • FY24 में ApnaKlub की कुल खर्च का 86% हिस्सा कच्चे माल की लागत में गया।
  • कच्चे माल की लागत FY23 में ₹278 करोड़ थी, जो FY24 में 84.83% बढ़कर ₹508.05 करोड़ हो गई।

कर्मचारी लाभ खर्च

  • FY24 में कंपनी का कर्मचारी लाभ खर्च 33.84% बढ़कर ₹31.60 करोड़ हो गया।
  • इसमें नए कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन वृद्धि का बड़ा योगदान रहा।

परिवहन खर्च

  • परिवहन पर होने वाला खर्च FY24 में 41.56% बढ़कर ₹11.41 करोड़ हो गया।
  • यह बढ़ी हुई बिक्री और माल के वितरण की अधिक लागत के कारण हुआ।

अन्य खर्चे

  • FY24 में अन्य खर्चों में ₹38.69 करोड़ जुड़े।
  • कुल मिलाकर, ApnaKlub का कुल खर्च FY24 में 77.4% बढ़कर ₹589.75 करोड़ हो गया।

घाटे में कमी का कारण

बेहतर लागत प्रबंधन

  • FY24 में ApnaKlub ने अपने लागत प्रबंधन को सुधारते हुए घाटे को 14% तक कम कर लिया।
  • FY23 की तुलना में, FY24 में कंपनी ने बेहतर परिचालन दक्षता का प्रदर्शन किया।

उच्च राजस्व वृद्धि

  • कंपनी की आय में दोगुनी वृद्धि ने घाटे को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ApnaKlub की व्यवसाय रणनीति

किराना और रिटेलर्स का जोड़

ApnaKlub मुख्य रूप से किराना दुकानों और रिटेलर्स को FMCG ब्रांड्स से जोड़ने का काम करता है।

  • यह उन्हें थोक में उत्पाद खरीदने और लागत कम करने का मौका देता है।

विस्तारित उत्पाद श्रेणियां

  • FY24 में, ApnaKlub ने पर्सनल केयर, होम केयर, बेवरेजेस, और प्रोसेस्ड फूड्स में अपनी पकड़ मजबूत की।
  • इन श्रेणियों ने कंपनी के राजस्व में बड़ा योगदान दिया।

डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग

  • ApnaKlub ने अपनी सेवाओं को डिजिटल माध्यमों से आसान और तेज बनाया।
  • यह रणनीति छोटे रिटेलर्स और किराना स्टोर्स के लिए उपयोगी साबित हुई।

भविष्य की योजनाएं और चुनौतियां

विस्तार की योजना

  • ApnaKlub FY25 में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो और ग्राहक आधार को और विस्तार देने की योजना बना रहा है।
  • कंपनी का लक्ष्य छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाना है।

लाभप्रदता हासिल करना

  • FY25 में, ApnaKlub का प्राथमिक लक्ष्य घाटे को पूरी तरह खत्म करना और लाभप्रदता हासिल करना होगा।

बढ़ती प्रतिस्पर्धा

  • B2B ई-कॉमर्स क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा कंपनी के लिए एक चुनौती हो सकती है।
  • ApnaKlub को किफायती मूल्य और तेज डिलीवरी के जरिए अपने ग्राहकों को संतुष्ट रखना होगा।

भारतीय B2B ई-कॉमर्स बाजार में ApnaKlub की स्थिति

बाजार में हिस्सेदारी

  • ApnaKlub ने भारतीय B2B ई-कॉमर्स बाजार में अपनी एक मजबूत स्थिति बनाई है।
  • यह छोटे और मध्यम रिटेलर्स के बीच लोकप्रिय है।

प्रतिस्पर्धा से आगे

  • ApnaKlub ने Udaan, Jumbotail, और Bizongo जैसे प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर दी है।
  • इसका डिजिटल प्लेटफॉर्म और किफायती मूल्य इसकी प्रमुख ताकत हैं।

निष्कर्ष

FY24 में ApnaKlub ने अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार किया:

  • सकल राजस्व दोगुना हुआ
  • घाटे में 14% की कमी आई।
  • FMCG उत्पाद श्रेणियों में मजबूत पकड़ के साथ, कंपनी ने अपने ग्राहकों का विश्वास जीता।

भविष्य में, ApnaKlub की योजना है कि वह अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाए और नए बाजारों में विस्तार करे।
इसकी रणनीतियां इसे B2B ई-कॉमर्स में अग्रणी बनाने के लिए तैयार हैं।

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ShareChat

वर्नाक्युलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ShareChat और शॉर्ट वीडियो ऐप Moj की पेरेंट कंपनी Mohalla Tech ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में शानदार प्रदर्शन किया है।

  • कंपनी ने 33% की सालाना वृद्धि दर्ज की।
  • इसके साथ ही, एडजस्टेड EBITDA घाटा में भी 67% की कमी आई।

ShareChat आमदनी के प्रमुख स्रोत और प्रदर्शन

लाइव स्ट्रीमिंग का बड़ा योगदान

FY24 में लाइव स्ट्रीमिंग से हुई आय Mohalla Tech की कुल परिचालन आय का 56% रही।

  • लाइव स्ट्रीमिंग से आय में 41.4% की वृद्धि दर्ज की गई और यह बढ़कर ₹403 करोड़ हो गई।

विज्ञापन से आय

  • Mohalla Tech की आय का शेष हिस्सा विज्ञापन से आया।
  • FY24 में विज्ञापन आय में 23.5% की वृद्धि हुई और यह ₹315 करोड़ रही।

गैर-परिचालन आय

  • कंपनी ने ₹29 करोड़ की गैर-परिचालन आय भी दर्ज की।
  • यह आय मुख्य रूप से ब्याज और वित्तीय संपत्तियों पर लाभ से प्राप्त हुई।
  • कुल मिलाकर, FY24 में Mohalla Tech की कुल आय ₹747 करोड़ रही।

EBITDA घाटे में बड़ी कमी

क्या है EBITDA घाटा?

  • EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) कंपनी के संचालन की दक्षता को मापता है।
  • FY24 में Mohalla Tech का एडजस्टेड EBITDA घाटा 67% तक कम हुआ
  • यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपने खर्चों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया और परिचालन दक्षता में सुधार किया।

ShareChat और Moj की भूमिका

ShareChat का प्रदर्शन

  • ShareChat भारत में वर्नाक्युलर (स्थानीय भाषा) सोशल मीडिया का बड़ा प्लेटफॉर्म है।
  • यह यूजर्स को 15 से अधिक भाषाओं में सामग्री प्रदान करता है।
  • FY24 में, ShareChat ने लाइव स्ट्रीमिंग और विज्ञापन के जरिए अपनी आय बढ़ाई।

Moj की बढ़ती लोकप्रियता

  • Moj, शॉर्ट वीडियो ऐप, ने भारतीय बाजार में तेजी से अपनी जगह बनाई।
  • TikTok के बंद होने के बाद Moj ने बड़ा उपयोगकर्ता आधार प्राप्त किया।
  • इसकी सामग्री मुख्य रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में है, जिससे यह अधिक यूजर्स को आकर्षित करता है।

व्यय और लागत प्रबंधन

खर्चों में कटौती

  • Mohalla Tech ने FY24 में अपने खर्चों को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया।
  • कंपनी ने संचालन लागत में कटौती की और मार्केटिंग व अन्य खर्चों का कुशल प्रबंधन किया।

उपयोगकर्ता-अधिग्रहण लागत

  • FY24 में, कंपनी ने उपयोगकर्ताओं को जोड़ने के लिए डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग किया।
  • हालांकि, उपयोगकर्ता-अधिग्रहण लागत में स्थिरता बनाए रखी गई।

लाइव स्ट्रीमिंग और विज्ञापन का महत्व

लाइव स्ट्रीमिंग की ताकत

  • लाइव स्ट्रीमिंग से Mohalla Tech को सबसे अधिक आय प्राप्त हुई।
  • यह फीचर यूजर्स को रियल-टाइम इंटरैक्शन का मौका देता है।
  • FY24 में, लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए ₹403 करोड़ की आय हुई।

विज्ञापन आय में वृद्धि

  • FY24 में विज्ञापन आय ₹315 करोड़ रही, जो 23.5% अधिक थी।
  • ब्रांड्स ने ShareChat और Moj जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके बड़े पैमाने पर अपने उत्पादों को प्रमोट किया।

गैर-परिचालन आय और इसके प्रभाव

ब्याज और वित्तीय संपत्तियों का लाभ

  • Mohalla Tech ने ₹29 करोड़ की गैर-परिचालन आय दर्ज की।
  • यह कंपनी के कुल राजस्व को बढ़ाने में सहायक रहा।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

  • गैर-परिचालन आय ने Mohalla Tech को अपने घाटे को कम करने में मदद की।
  • इससे कंपनी को FY25 में और बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

Mohalla Tech की रणनीति और भविष्य की योजना

स्थानीय भाषा पर फोकस

  • ShareChat और Moj, दोनों प्लेटफॉर्म्स ने स्थानीय भाषाओं में सामग्री प्रदान करके बड़े उपयोगकर्ता आधार को आकर्षित किया है।
  • यह रणनीति कंपनी को प्रतिस्पर्धी बाजार में अलग पहचान देती है।

वैश्विक विस्तार की योजना

  • Mohalla Tech भारतीय बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार करने की योजना बना रही है।
  • FY25 में, कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को और बेहतर बनाने पर काम करेगी।

तकनीकी सुधार

  • कंपनी ने FY24 में अपने प्लेटफॉर्म्स को तकनीकी रूप से बेहतर बनाया।
  • उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए AI और मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग किया गया।

भारतीय सोशल मीडिया बाजार में Mohalla Tech की स्थिति

बाजार में हिस्सेदारी

  • ShareChat और Moj ने FY24 में भारतीय सोशल मीडिया बाजार में मजबूत पकड़ बनाई।
  • TikTok के प्रतिस्थापन के रूप में Moj ने बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता जोड़े।

प्रतिस्पर्धा से आगे

  • Mohalla Tech ने Josh, Roposo, और MX TakaTak जैसे प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
  • यह इसकी प्रभावी रणनीति और बाजार में गहरी समझ का नतीजा है।

निष्कर्ष

Mohalla Tech ने FY24 में मजबूत प्रदर्शन के साथ अपनी स्थिति को और सुदृढ़ किया है।

  • लाइव स्ट्रीमिंग और विज्ञापन जैसे आय स्रोतों ने कंपनी की वृद्धि में अहम भूमिका निभाई।
  • 67% घाटे में कमी और 33% राजस्व वृद्धि कंपनी की कुशल संचालन रणनीति को दर्शाते हैं।

FY25 में Mohalla Tech के पास और भी बड़ी संभावनाएं हैं। ShareChat और Moj जैसे प्लेटफॉर्म्स भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं।

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Beardo ने FY24 में 62.4% की सालाना वृद्धि के साथ मुनाफा कमाया

Beardo

पुरुषों की ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली Beardo, जो Marico के स्वामित्व में है, ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में शानदार प्रदर्शन किया। FY23 में स्लोडाउन के बाद, कंपनी ने 62.4% की सालाना वृद्धि दर्ज की और मुनाफे में वापसी की।


Beardo आमदनी और राजस्व में वृद्धि

Beardo का परिचालन से होने वाला राजस्व FY24 में ₹173.2 करोड़ पहुंच गया, जो FY23 में ₹106.6 करोड़ था।

  • कंपनी ने दाढ़ी से संबंधित उत्पादों जैसे ऑयल, कंघी, वैक्स, और अन्य ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स की बिक्री से यह आय प्राप्त की।
  • ये उत्पाद कंपनी की वेबसाइट, ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस और रिटेल स्टोर्स के जरिए बेचे जाते हैं।

खर्चों का विश्लेषण

उत्पादों की खरीददारी

कंपनी का सबसे बड़ा खर्च उत्पादों की खरीददारी पर रहा, जो कुल खर्च का 40% था।

  • इस मद में FY24 में खर्च ₹67.5 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹36.8 करोड़ था।
  • यह लागत 83.2% बढ़ी, जो कंपनी के बढ़ते स्केल का संकेत है।

विज्ञापन और कर्मचारी लाभ खर्च

Beardo ने FY24 में अपने विज्ञापन खर्च को ₹43.89 करोड़ पर स्थिर रखा।

  • यह कंपनी की ब्रांडिंग और बाजार में अपनी उपस्थिति बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा था।
  • कर्मचारी लाभ पर खर्च ₹12.5 करोड़ रहा, जो लगभग FY23 के समान है।

अन्य खर्चे

  • परिवहन, कानूनी खर्च और माल भाड़ा:
    FY24 में ये खर्च बढ़कर ₹168.4 करोड़ हो गए, जो FY23 में ₹115.3 करोड़ थे।
  • कुल खर्च:
    कुल खर्च में 46.1% की वृद्धि हुई, जो कंपनी के बढ़ते परिचालन और स्केल को दर्शाता है।

Beardo के प्रोडक्ट्स और बाजार रणनीति

मुख्य उत्पाद श्रेणियां

Beardo का फोकस पुरुषों की ग्रूमिंग जरूरतों पर है। इसके प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  1. दाढ़ी के लिए तेल और वैक्स
  2. फेस वॉश और साबुन
  3. लोशन और अन्य ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स

बिक्री चैनल

कंपनी अपने उत्पादों को कई चैनलों के जरिए ग्राहकों तक पहुंचाती है:

  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म:
    कंपनी की अपनी वेबसाइट और ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस जैसे Amazon और Flipkart।
  • रिटेल स्टोर्स:
    स्थानीय दुकानों और शॉपिंग मॉल में भी उत्पाद उपलब्ध हैं।

विज्ञापन रणनीति

Beardo अपने टारगेट ऑडियंस, खासकर युवाओं, तक पहुंचने के लिए डिजिटल मार्केटिंग पर जोर देता है।

  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर सक्रिय प्रचार अभियान चलाए जाते हैं।
  • विज्ञापन में प्रमुख चेहरे और प्रभावशाली लोगों का उपयोग करके ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ाई जाती है।

FY24 में मुनाफे की वापसी

Beardo का FY24 में मुनाफे में लौटना, इसकी कुशल संचालन रणनीति और खर्चों के बेहतर प्रबंधन का परिणाम है।

  • स्मार्ट इन्वेंटरी मैनेजमेंट:
    कंपनी ने मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखा।
  • ब्रांड वैल्यू:
    उपभोक्ताओं के बीच Beardo का ब्रांड विश्वास मजबूत हुआ।

FY23 की चुनौतियां और उनका समाधान

FY23 में Beardo को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें शामिल थे:

  1. कम राजस्व:
    FY23 में कंपनी का राजस्व ₹106.6 करोड़ था।
  2. मुनाफे की कमी:
    स्लोडाउन के कारण कंपनी को नुकसान हुआ।

FY24 में सुधार कैसे हुआ?

  1. उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार:
    Beardo ने नए उत्पादों को लॉन्च किया।
  2. बाजार में पकड़ मजबूत की:
    कंपनी ने नए ग्राहकों को जोड़ा और विज्ञापन पर फोकस बढ़ाया।
  3. कुशल लागत प्रबंधन:
    खर्चों पर बेहतर नियंत्रण रखा।

पुरुष ग्रूमिंग बाजार में Beardo की स्थिति

बाजार का आकार और संभावनाएं

भारत में पुरुषों की ग्रूमिंग का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।

  • युवा पीढ़ी के बीच ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स की मांग लगातार बढ़ रही है।
  • FY25 तक, इस क्षेत्र में और तेज विकास की उम्मीद है।

Beardo की प्रतिस्पर्धा

Beardo को Bombay Shaving Company, Ustraa, और The Man Company जैसे ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

  • हालांकि, Beardo की मजबूत मार्केटिंग और ब्रांड वैल्यू इसे प्रतिस्पर्धियों से अलग बनाती है।

भविष्य की योजनाएं

Beardo के FY24 के शानदार प्रदर्शन के बाद, कंपनी ने FY25 के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं:

  1. राजस्व बढ़ाना:
    FY25 में ₹200 करोड़ से अधिक का लक्ष्य।
  2. नए उत्पादों की पेशकश:
    स्किनकेयर और हेयरकेयर के क्षेत्र में विस्तार।
  3. अंतरराष्ट्रीय बाजार:
    विदेशी बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाना।

निष्कर्ष

Beardo ने FY24 में न केवल राजस्व में बढ़ोतरी की, बल्कि मुनाफे में भी वापसी की।

  • कंपनी की ब्रांडिंग, विज्ञापन रणनीति और कुशल लागत प्रबंधन इसके विकास के मुख्य स्तंभ रहे।
  • भारतीय पुरुष ग्रूमिंग बाजार में Beardo की स्थिति मजबूत है, और यह आने वाले वर्षों में और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।

Beardo की सफलता दिखाती है कि सही रणनीति और उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।

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Biomaterials startup Ukhi ने प्री-सीड फंडिंग में जुटाए $1.2 मिलियन

Ukhi

दिल्ली स्थित Ukhi, जो कृषि अवशेषों से बायोडिग्रेडेबल जैव सामग्री (biomaterials) विकसित करने में विशेषज्ञ है, ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $1.2 मिलियन (लगभग ₹10 करोड़) जुटाए हैं।
इस राउंड में 100Unicorns ने मुख्य निवेशक के रूप में भाग लिया, जबकि Venture Catalysts और एंजेल निवेशक अवतार मोंगा ने भी इसमें योगदान दिया। इसके साथ ही, कंपनी को सिडबी (SIDBI) से डेट फंडिंग भी प्राप्त हुई है।


पहले का फंडिंग इतिहास

Ukhi ने इससे पहले एंजेल राउंड में $69,600 का निवेश जुटाया था। अब इस ताजा फंडिंग के जरिए कंपनी को अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।


फंडिंग का उपयोग

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह पूंजी निम्नलिखित कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी:

  1. उत्पादन क्षमता बढ़ाना
    • जैव सामग्री के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल।
  2. मटीरियल रिसर्च में सुधार
    • नई और अधिक टिकाऊ सामग्री विकसित करने के लिए शोध को बढ़ावा।
  3. वैश्विक विस्तार
    • पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग समाधानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना।

Ukhi का परिचय और यात्रा

स्थापना और संस्थापक

Ukhi की स्थापना 2019 में प्रियंका चौहान, विशाल विवेक, और सुनीप कुमार त्यागी ने की थी।

  • कंपनी का मुख्य उद्देश्य कृषि अवशेषों का उपयोग करके बायोडिग्रेडेबल सामग्री विकसित करना है।
  • यह हरियाणा और उत्तराखंड में संचालित होती है।

विशेषज्ञता

Ukhi विशेष रूप से पेटेंट-लंबित तकनीक का उपयोग करती है, जो लिग्नोसेलुलोसिक कृषि अवशेषों का फायदा उठाती है।

  • यह तकनीक टिकाऊ और बड़े पैमाने पर उत्पादन योग्य सामग्री बनाने में सक्षम है।
  • कंपनी के उत्पाद पारंपरिक प्लास्टिक का एक व्यावहारिक विकल्प प्रस्तुत करते हैं।

उत्पाद और योगदान

Ukhi ने एक ऐसा बायोडिग्रेडेबल बायोमटीरियल विकसित किया है, जो टिकाऊ पैकेजिंग उत्पादों के निर्माण के लिए आधारभूत सामग्री के रूप में काम करता है।

सतत विकास के प्रति योगदान

  • प्लास्टिक प्रदूषण कम करना:
    कंपनी के उत्पाद पारंपरिक प्लास्टिक को बदलने की क्षमता रखते हैं।
  • फसल जलाने से बचाव:
    कृषि अवशेषों का उपयोग करके किसानों को फसल जलाने से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
  • सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा:
    टिकाऊ सामग्रियों का उपयोग करके अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार।

पैकेजिंग उद्योग के लिए समाधान

Ukhi के उत्पाद न केवल पर्यावरण-अनुकूल हैं, बल्कि वे पैकेजिंग उद्योग को अधिक टिकाऊ विकल्प प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।


बायोमटीरियल्स और पर्यावरण का महत्व

जैव सामग्री का उपयोग क्यों?

  1. बायोडिग्रेडेबल:
    • पारंपरिक प्लास्टिक के विपरीत, जैव सामग्री प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाती है।
  2. कृषि अवशेषों का पुनः उपयोग:
    • यह सामग्री किसानों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करती है।
  3. ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद:
    • प्लास्टिक प्रदूषण को कम करके कार्बन उत्सर्जन को घटाने में योगदान।

प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या

विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन चुका है। भारत में भी हर साल करोड़ों टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा होता है, जिसमें से अधिकांश लैंडफिल या समुद्र में चला जाता है।

  • जैव सामग्री जैसे उत्पाद इस समस्या का समाधान हो सकते हैं।

फंडिंग से वैश्विक विस्तार की योजना

Ukhi की योजना इस फंडिंग के जरिए अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतारने की है।

  • कंपनी वैश्विक स्तर पर टिकाऊ पैकेजिंग समाधानों की बढ़ती मांग का लाभ उठाना चाहती है।
  • इसके साथ ही, यह अपने रिसर्च और डेवलपमेंट को मजबूत करके नए बाजारों में विस्तार करेगी।

सस्टेनेबिलिटी और स्टार्टअप्स का भविष्य

भारत में टिकाऊ स्टार्टअप्स का भविष्य उज्ज्वल है।

  • सरकार की नीतियाँ और सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध जैसी पहलों ने पर्यावरण-अनुकूल समाधानों की माँग को बढ़ावा दिया है।
  • Ukhi जैसे स्टार्टअप्स इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

सर्कुलर इकोनॉमी का महत्व

Ukhi का मॉडल सर्कुलर इकोनॉमी पर आधारित है, जो संसाधनों के पुन: उपयोग और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देता है। यह मॉडल पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के लिए आदर्श है।


निष्कर्ष

Ukhi ने प्री-सीड फंडिंग में $1.2 मिलियन जुटाकर यह साबित कर दिया है कि टिकाऊ समाधानों में अपार संभावनाएँ हैं।

  • कंपनी का फोकस न केवल पर्यावरण को बचाने पर है, बल्कि यह किसानों और उद्योगों को सशक्त बनाने पर भी केंद्रित है।
  • टिकाऊ पैकेजिंग, प्लास्टिक प्रदूषण में कमी और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देकर, Ukhi भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार है।

आने वाले समय में, Ukhi जैसे स्टार्टअप्स से पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों की और भी अधिक उम्मीद की जा सकती है।

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Fullerton ने संकटग्रस्त Lendingkart का किया अधिग्रहण,

Lendingkart

सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स की सहायक कंपनी Fullerton (Fullerton) ने हाल ही में भारतीय फिनटेक कंपनी Lendingkart का अधिग्रहण कर लिया है। यह अधिग्रहण संकटग्रस्त परिस्थितियों में किया गया, जिसके तहत कंपनी का वैल्यूएशन घटकर लगभग $100 मिलियन (लगभग ₹800 करोड़) रह गया। यह राशि कंपनी के अपने शीर्ष वैल्यूएशन $690 मिलियन के मुकाबले बहुत कम है।


Lendingkart की वित्तीय स्थिति: FY24 में प्रदर्शन

राजस्व में वृद्धि

  • FY24 में Lendingkart का ऑपरेटिंग राजस्व 36% बढ़कर ₹1,090 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹798 करोड़ था।
  • कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) FY24 में 6% गिरा, जिससे कंपनी की मुनाफाखोरी पर असर पड़ा।

मुख्य राजस्व स्रोत

Lendingkart, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (MSMEs) को वर्किंग कैपिटल और बिज़नेस लोन प्रदान करती है।

  • सह-ऋण (Co-lending):
    सह-ऋण राजस्व का मुख्य स्रोत रहा, जिसमें 88% की वृद्धि दर्ज की गई। FY24 में इससे ₹591 करोड़ की कमाई हुई, जो कुल ऑपरेटिंग राजस्व का 54% है।
  • टर्म लोन पर ब्याज:
    टर्म लोन से ब्याज आय FY24 में 2.86% घटकर ₹407.81 करोड़ रह गई।
  • कमीशन इनकम:
    कमीशन इनकम में 34 गुना की वृद्धि हुई, और यह ₹22.58 करोड़ तक पहुँच गई।
  • अन्य ऑपरेटिंग आय:
    अन्य गतिविधियों से ₹69.15 करोड़ की आय हुई।

Lendingkart का व्यवसाय मॉडल और योगदान

लोन वितरण और टारगेट सेगमेंट

Lendingkart मुख्य रूप से MSMEs को लोन उपलब्ध कराता है, जिनका औसत टिकट साइज ₹5 लाख से ₹6 लाख के बीच होता है।

  • अब तक, कंपनी ने ₹18,700 करोड़ से अधिक का ऋण 3 लाख से अधिक व्यवसायों को वितरित किया है।
  • इसकी सेवा भारत के कई टियर 2 और टियर 3 शहरों तक फैली हुई है, जिससे छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता मिलती है।

NBFC सेक्टर में स्थिति

NBFC सेक्टर में Lendingkart का स्थान प्रमुख रहा है, लेकिन हालिया समय में प्रतिस्पर्धा और ऋण वसूली की चुनौतियों ने इसकी स्थिति कमजोर कर दी।


FY24 में खर्च और घाटे का विश्लेषण

खर्च के मुख्य क्षेत्र

कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि ऋण वसूली में कमी और बढ़ते ऑपरेटिंग खर्च ने इसके मुनाफे पर असर डाला।

  • टर्म लोन पर ब्याज में गिरावट ने भी राजस्व में कमी की।
  • मार्केटिंग और कर्मचारी लाभ जैसे खर्च स्थिर रहे, लेकिन अन्य अनियंत्रित खर्चों ने घाटे को बढ़ाया।

PAT में गिरावट के कारण

FY24 में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 6% कम हो गया। हालांकि, यह संख्या FY25 के अंतिम वित्तीय आंकड़ों से अधिक स्पष्ट हो सकेगी।


अधिग्रहण के पीछे का कारण

Fullerton का Lendingkart में निवेश

Fullerton ने Lendingkart का अधिग्रहण संकटग्रस्त परिस्थितियों में किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति लगातार खराब हो रही थी।

  • Fullerton अब Lendingkart की रणनीति और संचालन में बदलाव लाकर इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास करेगी।
  • यह अधिग्रहण भारतीय NBFC सेक्टर में टेमासेक की बढ़ती रुचि का भी संकेत देता है।

मौजूदा स्थिति और चुनौतियाँ

Lendingkart के सामने कई चुनौतियाँ थीं, जिनमें मुख्य रूप से ऋण वसूली की धीमी दर और फंडिंग तक सीमित पहुँच शामिल हैं।

  • बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भी कंपनी के विकास को बाधित किया।

फिनटेक सेक्टर में Lendingkart का प्रभाव

फिनटेक इनोवेशन

Lendingkart ने फिनटेक क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग कर छोटे व्यवसायों को डिजिटल लोन प्रदान करने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया।

  • इसका एल्गोरिदम और डेटा एनालिटिक्स आधारित मॉडल MSMEs को त्वरित लोन स्वीकृति और वितरण में मदद करता है।
  • इससे लघु उद्योगों की वित्तीय पहुँच को बढ़ावा मिला।

चुनौतियाँ और प्रतिस्पर्धा

हालांकि, Capital Float, Razorpay, और Indifi जैसे अन्य फिनटेक खिलाड़ियों की उपस्थिति ने Lendingkart के बाजार हिस्सेदारी को प्रभावित किया।


आगे का रास्ता

Fullerton की रणनीति

Fullerton के अधिग्रहण के बाद, Lendingkart के लिए निम्नलिखित कदम संभावित हो सकते हैं:

  1. पुनर्गठन:
    संचालन और ऋण वसूली प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाना।
  2. डिजिटल विस्तार:
    अधिक टियर 3 और ग्रामीण बाजारों तक पहुँच बढ़ाना।
  3. नए उत्पाद:
    सह-ऋण और कस्टमाइज़्ड ऋण योजनाओं के साथ नए फाइनेंशियल प्रोडक्ट लॉन्च करना।

भारतीय फिनटेक सेक्टर में योगदान

Lendingkart का पुनरुद्धार न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारतीय फिनटेक सेक्टर के लिए भी सकारात्मक होगा। यह छोटे व्यवसायों के लिए अधिक वित्तीय अवसर पैदा करेगा और डिजिटल वित्तीय समाधानों को बढ़ावा देगा।


निष्कर्ष

Fullerton द्वारा Lendingkart का अधिग्रहण संकट में फंसी एक प्रमुख फिनटेक कंपनी के लिए एक नया अवसर हो सकता है।
हालांकि, Lendingkart को बाजार में अपनी पुरानी स्थिति वापस पाने के लिए संचालन में सुधार, ग्राहक सेवा में नवाचार और प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए ठोस रणनीति अपनाने की आवश्यकता होगी।

भारतीय फिनटेक उद्योग में यह अधिग्रहण Lendingkart के लिए एक नई शुरुआत साबित हो सकता है, जिससे यह एक बार फिर से छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण का प्रतीक बन सके।

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Bounce FY25 में 150 करोड़ रुपये की वार्षिक राजस्व का लक्ष्य

Bounce

भारत की Electric Vehicle (EV) इंडस्ट्री में बेंगलुरु आधारित Bounce (Bounce) तेजी से अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में बढ़ रही है। कंपनी ने FY25 में 150 करोड़ रुपये की वार्षिक राजस्व दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। यह FY23 में कंपनी के 36 करोड़ रुपये के राजस्व के मुकाबले चार गुना से अधिक वृद्धि को दर्शाता है।


Bounce FY24 में गिरावट और पुनरुत्थान की कहानी

राजस्व में गिरावट के कारण

FY24 में Bounce का राजस्व केवल 36 करोड़ रुपये तक सीमित रहा, जो FY23 में 91 करोड़ रुपये से 60.6% की गिरावट को दर्शाता है।
इस गिरावट का मुख्य कारण फेज 2 बैटरी अनुपालन नियम रहा, जिसकी वजह से कंपनी को छह महीने तक उत्पादन रोकना पड़ा। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने FY24 के पहले छह महीनों में कोई नया स्कूटर लॉन्च नहीं किया।

नुकसान का आंकड़ा

  • FY23: 91 करोड़ रुपये का राजस्व, 197 करोड़ रुपये का नुकसान।
  • FY24: 36 करोड़ रुपये का राजस्व, 44 करोड़ रुपये का नुकसान।
    हालांकि, FY24 में नुकसान में कमी आई है, जो कंपनी की लागत प्रबंधन और पुनर्गठन के प्रयासों को दर्शाता है।

FY25 में वृद्धि के संकेत

लंबी अवधि के अनुबंध

कंपनी ने विभिन्न सेक्टरों में लंबी अवधि के अनुबंध हासिल किए हैं, जिससे राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है।

EBITDA में सकारात्मक बदलाव

सितंबर 2024 में कंपनी ने पहली बार सकारात्मक EBITDA हासिल किया।
अक्टूबर 2024 में इसका औसत राजस्व रन-रेट 200 करोड़ रुपये तक पहुँच गया।

वित्तीय स्थिरता की ओर बढ़ते कदम

सूत्रों के अनुसार, FY25 में बाउंस के लिए 150 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना संभव है। यह कंपनी के लिए वित्तीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।


बाउंस का पिछला प्रदर्शन और विस्तार रणनीति

FY23 और FY24 के आंकड़े

FY23 में, बाउंस ने कुल 91 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जिसमें से 35.88 करोड़ रुपये स्कूटर की बिक्री से आए और 51 करोड़ रुपये बेलराइज़ (Belrise) के लिए कस्टम मैन्युफैक्चरिंग से।
FY24 में, उत्पादन और लॉन्च में देरी के कारण यह संख्या घटकर 36 करोड़ रुपये रह गई।

पुनर्निर्माण और विस्तार योजनाएँ

  • स्कूटर लॉन्च:
    FY24 में गिरावट के बाद, कंपनी FY25 में कई नए मॉडलों को लॉन्च करने की योजना बना रही है।
  • बैटरी अनुपालन:
    बाउंस ने फेज 2 बैटरी नियमों के तहत अपने उत्पादों को अपडेट कर लिया है।
  • संभावित पार्टनरशिप:
    कंपनी अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करने और नए मार्केट सेगमेंट में प्रवेश करने के लिए साझेदारी की संभावनाओं को तलाश रही है।

बाउंस का व्यवसाय मॉडल और विशेषताएँ

उत्पाद और सेवाएँ

बाउंस मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माण और बैटरी-स्वैपिंग टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है।

  • इलेक्ट्रिक स्कूटर:
    कम कीमत और बेहतर बैटरी रेंज के साथ, इसके स्कूटर मुख्य रूप से शहरी उपयोगकर्ताओं को लक्षित करते हैं।
  • बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क:
    कंपनी ने शहरों में बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए चार्जिंग को आसान और तेज़ बनाते हैं।

कॉस्ट एफिशिएंसी और इनोवेशन

  • उत्पादन लागत को कम करने और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से, बाउंस अपने उत्पादों को प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध करा रहा है।

भारतीय EV बाजार में बाउंस की भूमिका

बाजार की चुनौतियाँ

  • नियमों का अनुपालन:
    बैटरी और सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करना एक बड़ी चुनौती है।
  • प्रतिस्पर्धा:
    ओला इलेक्ट्रिक, हीरो इलेक्ट्रिक, और एथर जैसी कंपनियाँ पहले से ही EV बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर चुकी हैं।

संभावनाएँ

  • सरकार की FAME II योजना और EV को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ, बाउंस जैसे स्टार्टअप्स के लिए अवसर प्रदान करती हैं।
  • शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती माँग बाउंस के लिए नए बाजार खोल सकती है।

भविष्य की योजनाएँ और संभावित योगदान

स्केलेबिलिटी पर ध्यान

  • कंपनी टियर 2 और टियर 3 शहरों में अपने उत्पादों को ले जाने की योजना बना रही है।
  • बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क को और व्यापक बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।

सस्टेनेबिलिटी और ग्रीन एनर्जी

  • पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, बाउंस अपने उत्पादों में अधिक सस्टेनेबल सामग्रियों का उपयोग करने की योजना बना रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान

  • बाउंस, EV इंडस्ट्री में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के साथ-साथ, देश के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक है।

निष्कर्ष

बाउंस का FY25 में 150 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय EV बाजार में इसकी बढ़ती भूमिका को भी उजागर करता है।
हालांकि, नियमों का पालन और प्रतिस्पर्धा जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना अभी भी इसके लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

बाउंस की यह यात्रा भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत देती है।

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OneCard ने ₹239.4 करोड़ ($28.5 मिलियन) की फंडिंग जुटाई

OneCard

पुणे आधारित मोबाइल-फर्स्ट क्रेडिट कार्ड स्टार्टअप OneCard (OneCard) ने अपने नवीनतम फंडिंग राउंड में ₹239.4 करोड़ ($28.5 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व Better Tomorrow Ventures, Peak XV Partners (पहले Sequoia Capital), और Z47 (पहले Matrix Partners) ने किया।


OneCard 2024 की पहली इक्विटी फंडिंग

महत्वपूर्ण विवरण:

  • इक्विटी राउंड: यह 2024 में OneCard का पहला इक्विटी फंडिंग राउंड है।
  • डेट फंडिंग: जनवरी 2024 में कंपनी ने डेट फंडिंग के जरिए पूंजी जुटाई थी।

कंपनी ने 72,048 क्यूमलेटिव प्रेफरेंस शेयर जारी किए हैं, जिनकी प्रति शेयर कीमत ₹33,228.3 रखी गई है। इस माध्यम से ₹239.4 करोड़ जुटाए गए हैं।


फंडिंग का वितरण

पहली किश्त:

वनकार्ड को अब तक ₹71.4 करोड़ प्राप्त हो चुके हैं:

  1. Better Tomorrow Ventures: ₹42 करोड़।
  2. Peak XV Partners: ₹8.4 करोड़।
  3. Matrix Ventures: ₹21 करोड़।

शेष राशि:

शेष ₹168 करोड़ की राशि एक या अधिक किश्तों में प्राप्त की जाएगी।


वनकार्ड की वैल्यूएशन और प्रदर्शन

वैल्यूएशन:

  • फंडिंग के बाद, वनकार्ड की पोस्ट-इन्वेस्टमेंट वैल्यूएशन लगभग ₹11,747 करोड़ ($1.4 बिलियन) हो गई है।
  • यह कंपनी को यूनिकॉर्न स्टार्टअप की श्रेणी में रखता है।

प्रदर्शन:

वनकार्ड अपने मोबाइल-फर्स्ट क्रेडिट कार्ड प्लेटफॉर्म के जरिए फाइनेंस टेक्नोलॉजी क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ ब्रांड बन गया है।


वनकार्ड का बिजनेस मॉडल और सेवाएं

मोबाइल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म:

वनकार्ड अपने उपयोगकर्ताओं को डिजिटल क्रेडिट कार्ड प्रदान करता है, जो पूरी तरह से मोबाइल ऐप के माध्यम से संचालित होता है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • इंस्टेंट कार्ड जारी करना।
  • स्पेंडिंग ट्रैकिंग और एनालिटिक्स।
  • रीवार्ड पॉइंट्स और कैशबैक।
  • नो-कॉन्टैक्ट पेमेंट विकल्प।

लक्ष्य उपयोगकर्ता:

  • युवा प्रोफेशनल्स और नए क्रेडिट यूजर्स।
  • उन उपभोक्ताओं के लिए भी उपयोगी जो पारंपरिक क्रेडिट कार्ड विकल्पों से संतुष्ट नहीं हैं।

फंडिंग का उद्देश्य

वनकार्ड ने इस नई पूंजी का उपयोग अपनी सेवाओं और प्रौद्योगिकी को और मजबूत करने के लिए करने की योजना बनाई है।

प्राथमिक उपयोग:

  1. मार्केट विस्तार: भारत के टियर 2 और टियर 3 शहरों में सेवाओं का विस्तार।
  2. तकनीकी सुधार: डिजिटल अनुभव को और सहज और सुरक्षित बनाना।
  3. विस्तारित उत्पाद पोर्टफोलियो: अधिक उपयोगकर्ता-केंद्रित फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स का विकास।

भारत का फिनटेक इकोसिस्टम और OneCard की भूमिका

भारतीय फिनटेक का विकास:

  • भारत का फिनटेक उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और 2025 तक ₹6 लाख करोड़ के आंकड़े को पार करने का अनुमान है।
  • डिजिटलीकरण और मोबाइल-first सेवाओं की बढ़ती मांग ने इस सेक्टर को नई ऊंचाइयां दी हैं।

वनकार्ड की स्थिति:

  • अपने अनूठे बिजनेस मॉडल और तकनीकी नवाचार के कारण, वनकार्ड ने इस प्रतिस्पर्धी बाजार में एक मजबूत स्थान बनाया है।
  • फिनटेक स्टार्टअप्स की दौड़ में, यह कंपनी उपयोगकर्ता अनुभव और उत्पाद विविधता में अग्रणी है।

फंडिंग राउंड्स में निवेशकों की भूमिका

Better Tomorrow Ventures:

  • फिनटेक स्टार्टअप्स में निवेश के लिए जानी जाती है।
  • वनकार्ड की तकनीकी क्षमताओं और मार्केट पोटेंशियल पर भरोसा।

Peak XV Partners:

  • पहले Sequoia Capital के नाम से जानी जाती थी।
  • भारत में उभरते स्टार्टअप्स में निवेश करने का व्यापक अनुभव।

Matrix Ventures:

  • विभिन्न उद्योगों में निवेश के लिए प्रसिद्ध।
  • वनकार्ड को उनकी फंडिंग से तकनीकी और मार्केटिंग में मदद मिलने की संभावना है।

CEO का बयान

वनकार्ड के CEO, अनुराग सिन्हा, ने कहा:

“इस फंडिंग से हम अपने उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करने और फिनटेक सेक्टर में नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। हमारा उद्देश्य वित्तीय सेवाओं को डिजिटल युग में सरल और सहज बनाना है।”

क्रेडिट कार्ड सेक्टर में डिजिटलीकरण की जरूरत

भारत में पारंपरिक क्रेडिट कार्ड सेवाओं की कई सीमाएँ हैं। इन्हें लेने की जटिल प्रक्रिया, उच्च ब्याज दरें, और सीमित ग्राहक सहायता के कारण उपयोगकर्ता अक्सर संतुष्ट नहीं होते।
वनकार्ड ने इन कमियों को समझते हुए एक ऐसा प्लेटफॉर्म पेश किया, जो पूरी तरह से डिजिटल और उपयोगकर्ता-केंद्रित है।


कैसे वनकार्ड अन्य फिनटेक स्टार्टअप्स से अलग है?

  1. सुविधाजनक ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया:
    वनकार्ड उपयोगकर्ताओं को कागजी कार्रवाई से बचाने के लिए पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया प्रदान करता है।
  2. डेटा-संचालित सेवाएँ:
    उपभोक्ताओं की खर्च करने की आदतों का विश्लेषण करके, यह प्लेटफॉर्म व्यक्तिगत फाइनेंशियल समाधान देता है।
  3. रीवार्ड सिस्टम:
    हर खरीदारी पर आकर्षक कैशबैक और रिवॉर्ड पॉइंट्स।
  4. ग्राहक सहायता:
    24×7 चैट और कॉल सपोर्ट, जिससे उपयोगकर्ता की सभी समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।

भारतीय बाजार में वनकार्ड का प्रभाव

उपयोगकर्ता की जरूरतों को पूरा करना:

  • वनकार्ड ने भारत में युवाओं और टेक-सेवी उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है।
  • इसका मुख्य कारण है ऐप-बेस्ड सेवाएँ, जो पारंपरिक क्रेडिट कार्ड कंपनियों से तेज़ और अधिक उपयोगकर्ता-केंद्रित हैं।

बाजार हिस्सेदारी:

  • वनकार्ड ने छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पहुँच बढ़ाई है।
  • इसके ग्राहकों में पहली बार क्रेडिट कार्ड उपयोग करने वाले और युवा पेशेवरों की बड़ी संख्या है।

वनकार्ड की आगामी योजनाएँ

  1. टियर 2 और 3 शहरों में विस्तार:
    डिजिटल सेवाओं की माँग अब केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है। वनकार्ड ने इन छोटे शहरों में भी अपने पैर जमाने की योजना बनाई है।
  2. इनोवेटिव प्रोडक्ट्स का विकास:
    कंपनी “नो-इंटरस्ट ईएमआई कार्ड्स” और “स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड्स” जैसे नए उत्पाद लाने की योजना बना रही है।
  3. अंतरराष्ट्रीय विस्तार:
    भारत में सफलता के बाद, वनकार्ड अपनी सेवाओं को दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य-पूर्व के बाजारों में ले जाने की सोच रहा है।
  4. सहयोग और साझेदारी:
    वनकार्ड बैंक और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ साझेदारी करके अपने उपयोगकर्ताओं को विशेष ऑफर्स प्रदान करेगा।

फिनटेक इंडस्ट्री और वनकार्ड के लिए चुनौतियाँ

प्रतिस्पर्धा का बढ़ता दबाव:

भारत में कई अन्य फिनटेक स्टार्टअप, जैसे RazorpayX, Cred, और Slice, इस क्षेत्र में पहले से ही मजबूत स्थिति में हैं।

ग्राहकों की सुरक्षा:

डिजिटल वित्तीय सेवाओं के साथ, डेटा सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है। वनकार्ड को अपने प्लेटफॉर्म को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाए रखने के लिए उन्नत साइबर सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे।

सरकारी नीतियाँ:

फिनटेक कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य नियामक निकायों के साथ तालमेल बिठाकर चलना होगा।


वनकार्ड और भारतीय अर्थव्यवस्था का योगदान

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा:

वनकार्ड उन लोगों तक वित्तीय सेवाएँ पहुँचा रहा है, जो पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते थे।

रोजगार का सृजन:

फिनटेक सेक्टर में बढ़ोतरी से आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में नई नौकरियों का निर्माण हुआ है।

डिजिटल इंडिया मिशन का समर्थन:

वनकार्ड जैसे स्टार्टअप्स, भारत सरकार के “डिजिटल इंडिया” और “कैशलेस इकोनॉमी” के लक्ष्यों को साकार करने में सहायक हैं।


निवेशकों का भरोसा: एक महत्वपूर्ण संकेत

वनकार्ड के नए फंडिंग राउंड में प्रमुख वेंचर कैपिटल फर्मों का शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि यह स्टार्टअप अपने बाजार में मजबूत स्थिति बनाए हुए है।
निवेशकों का भरोसा, कंपनी की स्थिरता और भविष्य की संभावनाओं को उजागर करता है।

Better Tomorrow Ventures का बयान:

“वनकार्ड भारत के फिनटेक स्पेस में नवाचार और उपयोगकर्ता अनुभव को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। हमारा मानना है कि यह स्टार्टअप वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा।”


वनकार्ड का भविष्य: एक सकारात्मक दृष्टिकोण

नई ऊंचाइयाँ:

फंडिंग और इनोवेशन की मदद से, वनकार्ड भारत के फिनटेक इकोसिस्टम में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है।

उपभोक्ताओं का विश्वास:

अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता के माध्यम से, वनकार्ड ने लाखों ग्राहकों का विश्वास अर्जित किया है।

वित्तीय क्रांति:

वनकार्ड न केवल डिजिटल क्रेडिट कार्ड सेवाओं में बल्कि वित्तीय जागरूकता और समावेशन में भी अहम भूमिका निभा रहा है।


निष्कर्ष

वनकार्ड की ₹239.4 करोड़ की फंडिंग और ₹11,747 करोड़ की वैल्यूएशन न केवल इसके लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय फिनटेक इकोसिस्टम की ताकत को भी दर्शाती है।

भारत में क्रेडिट कार्ड के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में वनकार्ड ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वह आने वाले समय में इस क्षेत्र के विकास की दिशा तय करेगी।

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HealthKart ने $153 मिलियन जुटाए, FY24 में ₹1,000 करोड़ का राजस्व पार

HealthKart

गुरुग्राम स्थित हेल्थ और न्यूट्रिशन ब्रांड HealthKart (HealthKart) ने 2024 की सबसे बड़ी फंडिंग राउंड्स में से एक में $153 मिलियन (₹1,270 करोड़) जुटाए। यह सेकेंडरी फंडिंग राउंड ChrysCapital और Motilal Oswal Alternates की अगुवाई में हुआ। फंडिंग के पीछे FY24 में कंपनी के शानदार प्रदर्शन और मुनाफे में बदलाव का मुख्य योगदान रहा।


HealthKart आर्थिक प्रदर्शन: FY24 में ₹1,000 करोड़ का राजस्व

महत्वपूर्ण उपलब्धियां:

  • HealthKart ने FY24 में ₹1,021 करोड़ का परिचालन राजस्व (Operational Revenue) हासिल किया।
  • कुल राजस्व ₹1,068.9 करोड़ रहा, जो FY23 के ₹851.8 करोड़ के मुकाबले 22.7% की वृद्धि है।
  • कंपनी ने ₹36 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जो FY23 के ₹164 करोड़ के नुकसान के मुकाबले बड़ा बदलाव है।

प्रमुख उत्पाद:

हेल्थकार्ट 8 न्यूट्रिशन ब्रांड्स का स्वामित्व और निर्माण करती है, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. MuscleBlaze
  2. The Protein Zone
  3. TrueBasics
  4. HKVitals
  5. bGreen
  6. Nouriza
  7. Gritzo

राजस्व का स्रोत:

  • उत्पाद बिक्री: कुल राजस्व का 92.6%
    • FY24 में उत्पाद बिक्री से ₹990.3 करोड़ की आय, जो पिछले वर्ष से 22.6% अधिक है।
  • सेवाओं से आय: ₹30.6 करोड़, जिसमें 23.9% की वृद्धि
  • गैर-परिचालन राजस्व: ₹48 करोड़, जो FY23 के ₹19.4 करोड़ से 2.4 गुना अधिक है।

व्यय और लागत में संतुलन

प्रमुख खर्च:

  • सामग्री लागत: ₹494.5 करोड़, जो FY23 की तुलना में 14.9% अधिक है।
  • कर्मचारी लाभ: ₹120.6 करोड़ (ESOP लागत: ₹9.4 करोड़ सहित)।
    • इसमें 11.2% की वृद्धि
  • विज्ञापन खर्च: ₹188.8 करोड़ (FY23 के बराबर)।
  • अन्य खर्च: ₹228.3 करोड़।

कुल खर्च:

FY24 में हेल्थकार्ट के कुल खर्च मामूली 1.5% की वृद्धि के साथ ₹1,032.2 करोड़ पर रहा।


फंडिंग के उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं

फंडिंग का महत्व:

हेल्थकार्ट ने यह फंडिंग अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने, उत्पाद पोर्टफोलियो विस्तार, और मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए जुटाई है।

नवाचार और विस्तार:

  • नई उत्पाद श्रृंखला: प्रोटीन सप्लीमेंट, मल्टीविटामिन्स, और हर्बल उत्पादों में नए लॉन्च।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास: ऑनलाइन मार्केटिंग और सेल्स में निवेश।
  • अंतरराष्ट्रीय विस्तार: दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य-पूर्व बाजारों में प्रवेश की योजना।

मार्केट ट्रेंड्स और हेल्थकार्ट की भूमिका

भारतीय न्यूट्रिशन मार्केट का विकास:

  • भारतीय हेल्थ और न्यूट्रिशन सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें फिटनेस और वेलनेस प्रोडक्ट्स की मांग उच्चतम स्तर पर है।
  • FY25 तक, इस सेक्टर के ₹40,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

हेल्थकार्ट की रणनीति:

  • ब्रांड की उच्च गुणवत्ता और किफायती उत्पादों ने इसे उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय बनाया है।
  • फिटनेस और वेलनेस के प्रति बढ़ती जागरूकता को भुनाने की क्षमता।

कंपनी के लिए चुनौतियां और अवसर

चुनौतियां:

  • प्रतिस्पर्धा: बाजार में कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के बीच हेल्थकार्ट को अपनी पहचान बनाए रखनी होगी।
  • मूल्य निर्धारण दबाव: कच्चे माल की बढ़ती लागत और उपभोक्ताओं के लिए किफायती मूल्य बनाए रखना।

अवसर:

  • डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) मॉडल: इस मॉडल के जरिए ब्रांड अपनी पहुंच और मुनाफे को बढ़ा सकता है।
  • टियर-2 और टियर-3 शहर: इन बाजारों में न्यूट्रिशन उत्पादों की बढ़ती मांग।

CEO का बयान

हेल्थकार्ट के CEO, सिद्धार्थ कपूर, ने कहा:

“हमारी प्राथमिकता हमारे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले न्यूट्रिशन उत्पाद उपलब्ध कराना है। यह फंडिंग हमें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगी। हम आने वाले वर्षों में भारतीय और वैश्विक बाजारों में अपना प्रभाव बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।”


निष्कर्ष

हेल्थकार्ट की यह उपलब्धि भारतीय न्यूट्रिशन इंडस्ट्री के विकास और संभावनाओं को दर्शाती है। अपने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, ब्रांड वैल्यू, और भविष्य की योजनाओं के साथ, हेल्थकार्ट भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह और मजबूत करने के लिए तैयार है।

FY24 में हासिल किया गया ₹1,000 करोड़ का राजस्व और $153 मिलियन की फंडिंग न केवल हेल्थकार्ट के लिए बल्कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक प्रेरणा है।

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Zomato को शेयरधारकों से ₹8,500 करोड़ जुटाने की मंजूरी

Zomato

भारत की प्रमुख फूडटेक और क्विक कॉमर्स कंपनी Zomato ने ₹8,500 करोड़ जुटाने के लिए Qualified Institutional Placement (QIP) के माध्यम से शेयरधारकों की मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह फंडरेज Swiggy के आगामी IPO और अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।


फंडरेज की प्रक्रिया और उद्देश्य

निवेश बैंक की नियुक्ति:

Zomato ने इस नई QIP प्रक्रिया के लिए निवेश बैंक Morgan Stanley को नियुक्त किया है।

कैसे होगा फंडरेज?

  • कंपनी यह फंड योग्य संस्थागत निवेशकों (Qualified Institutional Investors) से इक्विटी शेयर जारी करके जुटाएगी।
  • इस कदम की जानकारी Zomato ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी।

लक्ष्य:

  • इस धनराशि का उपयोग Zomato की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और Swiggy, Zepto जैसे प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए किया जाएगा।

प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव

Swiggy की IPO तैयारी:

  • Swiggy ने अपने IPO के माध्यम से ₹4,500 करोड़ जुटाए हैं, जिससे कंपनी के पास पर्याप्त धन है।

Zepto की फंडिंग:

  • Zepto ने हाल ही में ₹3,000 करोड़ की फंडिंग जुटाई है, जिससे वह क्विक कॉमर्स स्पेस में मजबूत स्थिति में है।

Zomato का उद्देश्य:

Zomato का यह फंडरेज सीधे तौर पर अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है, ताकि यह अपने प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ प्रभावी रूप से मुकाबला कर सके।


कर्मचारियों के लिए ESOP योजनाएं

ESOP प्लान का विस्तार:

Zomato ने कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न ESOP योजनाओं को मंजूरी दी है:

  1. Zomato Employee Stock Option Plan 2018
  2. Zomato Employee Stock Option Plan 2021
  3. Zomato Employee Stock Option Plan 2022
  4. Zomato Employee Stock Option Plan 2024

ब्याज-मुक्त ऋण:

  • कंपनी ने Foodie Bay Employees ESOP Trust को बिना ब्याज के ऋण देने की भी मंजूरी दी है, ताकि ये योजनाएं लागू की जा सकें।

कर्मचारियों के लिए लाभ:

इन योजनाओं से कर्मचारियों को कंपनी के साथ जुड़ाव और उनके प्रदर्शन में सुधार का मौका मिलेगा।


वित्तीय प्रदर्शन में सुधार

राजस्व में वृद्धि:

  • FY25 की दूसरी तिमाही (Q2) में Zomato ने ₹4,799 करोड़ की परिचालन आय दर्ज की, जो FY24 की इसी तिमाही में ₹2,848 करोड़ थी।
  • यह 68.5% की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि को दर्शाता है।

लाभ में उछाल:

  • Zomato ने Q2 FY25 में ₹176 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.8 गुना अधिक है।

मजबूत वित्तीय स्थिति:

  • कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में यह सुधार इसे बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगा।

Zomato की बाजार रणनीति

क्विक कॉमर्स स्पेस पर ध्यान:

Zomato अपने फूड डिलीवरी व्यवसाय के अलावा Blinkit और अन्य क्विक कॉमर्स सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन:

  • कंपनी की रणनीति तकनीकी नवाचार और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने पर आधारित है।
  • डिजिटल भुगतान और उपभोक्ता डेटा का बेहतर उपयोग Zomato को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

ग्राहक जुड़ाव:

  • Zomato का लक्ष्य ग्राहकों के साथ बेहतर जुड़ाव और उनकी जरूरतों को समझकर उन्हें कुशल सेवाएं प्रदान करना है।

भारतीय फूडटेक उद्योग में Zomato का प्रभाव

नेतृत्व की स्थिति:

Zomato भारतीय फूडटेक उद्योग में अग्रणी है और इसका विस्तार इसे बाजार में अन्य कंपनियों से आगे बनाए रखने में मदद करेगा।

प्रतिस्पर्धा में मजबूती:

  • ₹8,500 करोड़ का यह फंड Zomato को प्रतिस्पर्धा में मजबूती प्रदान करेगा।
  • Swiggy और Zepto जैसे प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबले के लिए कंपनी के पास पर्याप्त संसाधन होंगे।

निवेशकों का विश्वास:

  • फंडरेज के जरिए Zomato ने निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है, जो कंपनी के दीर्घकालिक विकास को समर्थन देगा।

निष्कर्ष

Zomato का ₹8,500 करोड़ का फंडरेज न केवल इसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि Swiggy और Zepto जैसे बड़े खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा में इसे बढ़त भी देगा। कंपनी की राजस्व वृद्धि और लाभप्रदता में सुधार इसके मजबूत प्रबंधन और बाजार रणनीति का प्रमाण है।

आने वाले समय में, Zomato की फोकस्ड रणनीतियां और कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं इसे फूडटेक और क्विक कॉमर्स स्पेस में और अधिक प्रभावी बनाएंगी। भारतीय फूडटेक उद्योग में Zomato का यह कदम एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

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Smallcase ने FY24 में दर्ज की 2.2X वृद्धि, घाटा 74% तक कम

Smallcase

Amazon समर्थित smallcase  ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी आय में 2.2 गुना वृद्धि दर्ज की है। वहीं, कंपनी ने अपने घाटे को 74% तक कम करने में सफलता पाई। बेंगलुरु स्थित यह फिनटेक प्लेटफॉर्म पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों और दलालों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है।


राजस्व में बड़ा उछाल

smallcase  की परिचालन आय FY24 में बढ़कर ₹67.4 करोड़ हो गई, जो FY23 में ₹30.6 करोड़ थी।

प्रमुख आय स्रोत

  1. लेनदेन शुल्क (Transaction Fees):
    • Smallcase का मुख्य राजस्व स्रोत दलालों से वसूला जाने वाला लेनदेन शुल्क है।
    • FY24 में इस आय ने कुल राजस्व का 85.8% हिस्सा बनाया, जो ₹57.8 करोड़ रहा।
    • यह आय पिछले साल की तुलना में 2.6 गुना अधिक है।
  2. शोध सेवा शुल्क (Research Service Fees):
    • शोध सेवाओं से कंपनी को ₹5.1 करोड़ की आय हुई।
  3. अन्य सेवाएं:
    • सहायक सेवाओं से ₹4.5 करोड़ की आय हुई।
  4. ब्याज और निवेश से आय:
    • जमा और निवेश से हुए ब्याज और लाभ ने ₹7.6 करोड़ का योगदान दिया।
    • इसने कंपनी के कुल राजस्व को ₹75 करोड़ तक पहुंचाया, जो पिछले वर्ष के ₹43 करोड़ से काफी अधिक है।

खर्चों में सुधार और नियंत्रण

कर्मचारियों पर खर्च (Employee Benefits):

  • कर्मचारी लाभ कंपनी का सबसे बड़ा खर्च था, जो कुल व्यय का 64.8% रहा।
  • FY24 में यह खर्च ₹70 करोड़ था, जो FY23 की तुलना में 15.7% कम है।
  • इसमें ₹2.9 करोड़ ESOP (गैर-नकद) खर्च भी शामिल है।

विज्ञापन और प्रचार (Advertising and Promotion):

  • विज्ञापन खर्च में उल्लेखनीय कमी आई, जो FY23 में ₹66 करोड़ था और FY24 में घटकर ₹16 करोड़ हो गया।
  • यह 75.8% की गिरावट दर्शाता है, जो कंपनी की लागत-कटौती रणनीति को दिखाता है।

अन्य खर्च:

  • प्रौद्योगिकी, कानूनी, किराया, रखरखाव, और अन्य सामान्य खर्चों ने कुल व्यय को ₹108 करोड़ तक पहुंचाया।

Smallcase का बिजनेस मॉडल और विकास

Smallcase एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ब्रोकरों के लिए एक्सचेंज-ट्रेडेड प्रोडक्ट्स (ETPs) में लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। यह मुख्य रूप से निवेशकों को स्टॉक मार्केट में पोर्टफोलियो आधारित निवेश का विकल्प देता है।

विशेषताएं:

  1. ट्रांजेक्शन आधारित राजस्व मॉडल:
    • दलालों से वसूले जाने वाले लेनदेन शुल्क पर केंद्रित।
  2. अनुसंधान और डेटा सेवाएं:
    • निवेशकों को शोध आधारित निवेश सलाह और डेटा सेवाएं प्रदान करता है।
  3. विकास में तेजी:
    • कंपनी ने निवेशकों के लिए उपयोगकर्ता अनुभव को सरल और प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण

राजस्व की वृद्धि:

Smallcase ने FY24 में 2.2 गुना वृद्धि के साथ ₹75 करोड़ का कुल राजस्व अर्जित किया। यह प्रदर्शन भारतीय फिनटेक उद्योग में तेजी और कंपनी की मजबूत रणनीति को दर्शाता है।

खर्च नियंत्रण:

  • लागत-कटौती की प्रभावी रणनीतियों के कारण कंपनी ने अपने घाटे को 74% तक घटा लिया।
  • कर्मचारी लाभ और विज्ञापन खर्चों में कमी ने इसे संभव बनाया।

ईबीआईटीडीए (EBITDA):

FY24 में कंपनी ने खर्चों को नियंत्रित कर EBITDA घाटा कम किया, जो कि एक स्थायी विकास के संकेत हैं।


Smallcase की भविष्य की योजनाएं

नए उत्पाद और सेवाएं:

  • निवेशकों के लिए और अधिक अनुकूल सेवाओं का विकास।
  • छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के निवेशकों को शामिल करने के प्रयास।

तकनीकी विकास:

  • प्लेटफॉर्म की तकनीक को और उन्नत बनाकर उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना।

नए साझेदारी और विस्तार:

  • अधिक ब्रोकर और वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी।
  • विदेशी बाजारों में प्रवेश करने की संभावना।

Smallcase का उद्योग में प्रभाव

फिनटेक क्षेत्र में वृद्धि:

Smallcase का प्रदर्शन भारत में फिनटेक उद्योग की संभावनाओं को रेखांकित करता है। यह दिखाता है कि कैसे एक प्रभावी रणनीति और लागत नियंत्रण के माध्यम से कंपनियां विकास कर सकती हैं।

निवेशकों के लिए नया दृष्टिकोण:

Smallcase ने पारंपरिक निवेश मॉडलों को बदलते हुए पोर्टफोलियो-आधारित निवेश को बढ़ावा दिया है, जिससे निवेशकों को विविधीकरण और जोखिम प्रबंधन के नए तरीके मिले हैं।


निष्कर्ष

Smallcase ने FY24 में शानदार वित्तीय प्रदर्शन करते हुए न केवल राजस्व में वृद्धि की, बल्कि अपने घाटे को भी उल्लेखनीय रूप से कम किया। कंपनी की लागत-कटौती रणनीति और राजस्व में विविधता लाने की पहल ने इसे भारतीय फिनटेक उद्योग में एक प्रमुख स्थान दिलाया है।

आने वाले वर्षों में, Smallcase का लक्ष्य न केवल अपने प्लेटफॉर्म को उन्नत बनाना है, बल्कि निवेशकों को अधिक से अधिक लाभकारी सेवाएं प्रदान करना भी है। कंपनी की यह यात्रा भारतीय फिनटेक क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगी।

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