भारत की प्रमुख लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन एनेबलर कंपनी Shiprocket ने वित्तीय वर्ष 2024 में अच्छी वृद्धि दर्ज की है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहिल गोयल के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 21% बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
पिछले वर्षों की तुलना
Shiprocket ने वित्तीय वर्ष 2023 में 1,088.7 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग रेवेन्यू रिकॉर्ड किया था। हालांकि, उस समय कंपनी को 333.81 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जिसमें 63.16 करोड़ रुपये की असाधारण मदें जैसे अमॉर्टाइजेशन ऑफ इंटैन्जिबल एसेट्स और निवेश प्रावधान शामिल थे।
हालांकि, अभी भी कंपनी मुनाफे से दूर है, लेकिन गोयल का दावा है कि कंपनी ने अपने नकद EBITDA बर्न को 48% तक कम किया है। FY23 में यह बर्न 191 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर 100 करोड़ रुपये रह गया। यह घाटे में कमी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई है, जिससे FY25 की पहली दो तिमाहियों में कंपनी नकद लाभप्रदता हासिल कर पाई।
ऑपरेशनल एफिशिएंसी और लागत में कमी
Shiprocket की EBITDA मार्जिन में सुधार दर्शाता है कि कंपनी ने अपने संचालन को कुशल बनाने, लागत को कम करने और मुनाफे को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है। गोयल के अनुसार, कंपनी की इन रणनीतियों ने न केवल लागतों को नियंत्रित किया, बल्कि कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद की है।
उन्होंने अपने LinkedIn पोस्ट में बताया कि, “हमारे इमर्जिंग बिज़नेस लगभग 75% की साल-दर-साल दर से बढ़ रहे हैं। इसमें Shiprocket Cross Border, Checkout, Capital, और अन्य नवाचार शामिल हैं, जो भारतीय SMBs (छोटे और मझौले व्यवसायों) के लिए नए उत्पाद और सेवाएँ तेजी से ला रहे हैं।”
Pickrr का इंटीग्रेशन और कोर प्लेटफॉर्म को मजबूती
Shiprocket की कोर प्लेटफॉर्म को और मज़बूत करने में Pickrr के घरेलू शिपिंग इंटीग्रेशन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Pickrr के इंटीग्रेशन के बाद से कंपनी की क्षमताओं में वृद्धि हुई है और यह अब अपने ग्राहकों को और भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो गई है।
Shiprocket: कंपनी का परिचय
Shiprocket की स्थापना साहिल गोयल, गौतम कपूर, और विशेष खुराना द्वारा की गई थी। यह कंपनी लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सॉल्यूशंस प्रदान करती है, जो खुदरा विक्रेताओं को उनकी शॉपिंग वेबसाइट्स को Shopify, Magenta और अन्य ई-कॉमर्स एनेबलर्स के साथ इंटीग्रेट करने की सुविधा देती है। Shiprocket का प्लेटफॉर्म भारत के ई-कॉमर्स बाजार का लगभग 5% सशक्त बनाता है और 1.5 लाख से अधिक सक्रिय व्यवसायों को सक्षम करता है।
Shiprocket की सेवाएं और SMBs पर फोकस
Shiprocket न केवल अपने पारंपरिक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सेवाओं के लिए जाना जाता है, बल्कि यह छोटे और मझौले व्यवसायों (SMBs) को उनके संचालन को बढ़ाने में भी मदद करता है। कंपनी का फोकस केवल लॉजिस्टिक्स सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्रॉस-बॉर्डर शिपिंग, चेकआउट सॉल्यूशंस, और कैपिटल सॉल्यूशंस जैसी नई और नवाचारी सेवाएं भी प्रदान करती है।
Shiprocket की उभरती चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि कंपनी ने FY24 में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है, लेकिन Shiprocket के लिए सबसे बड़ी चुनौती मुनाफे की दिशा में बढ़ना है। कंपनी ने अपने EBITDA बर्न को कम करने और परिचालन दक्षता में सुधार करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन मुनाफे तक पहुंचने का सफर अभी बाकी है।
फाइनेंशियल स्थिरता और बाजार विस्तार की दिशा में कंपनी के प्रयास आने वाले वित्तीय वर्षों में इसे और आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, गोयल के अनुसार, कंपनी का ध्यान नई सेवाओं और उत्पादों को विकसित करने पर भी रहेगा, जो भारतीय SMBs की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष: FY25 की राह में संभावनाएं
Shiprocket ने FY24 में अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने और ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। FY25 की पहली दो तिमाहियों में नकद लाभप्रदता हासिल करने के बाद, कंपनी आने वाले समय में और भी अधिक स्थिरता की ओर अग्रसर हो सकती है।
साहिल गोयल के नेतृत्व में Shiprocket भारतीय लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है और इसके इमर्जिंग बिज़नेस आने वाले समय में कंपनी को और अधिक सशक्त बना सकते हैं। Shiprocket की विकास यात्रा भारतीय ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स बाजार में उल्लेखनीय योगदान दे रही है, और इसका प्रभाव आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ने की संभावना है।
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