दिल्ली स्थित Ukhi, जो कृषि अवशेषों से बायोडिग्रेडेबल जैव सामग्री (biomaterials) विकसित करने में विशेषज्ञ है, ने प्री-सीड फंडिंग राउंड में $1.2 मिलियन (लगभग ₹10 करोड़) जुटाए हैं।
इस राउंड में 100Unicorns ने मुख्य निवेशक के रूप में भाग लिया, जबकि Venture Catalysts और एंजेल निवेशक अवतार मोंगा ने भी इसमें योगदान दिया। इसके साथ ही, कंपनी को सिडबी (SIDBI) से डेट फंडिंग भी प्राप्त हुई है।
पहले का फंडिंग इतिहास
Ukhi ने इससे पहले एंजेल राउंड में $69,600 का निवेश जुटाया था। अब इस ताजा फंडिंग के जरिए कंपनी को अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
फंडिंग का उपयोग
कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह पूंजी निम्नलिखित कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाएगी:
- उत्पादन क्षमता बढ़ाना
- जैव सामग्री के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल।
- मटीरियल रिसर्च में सुधार
- नई और अधिक टिकाऊ सामग्री विकसित करने के लिए शोध को बढ़ावा।
- वैश्विक विस्तार
- पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग समाधानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना।
Ukhi का परिचय और यात्रा
स्थापना और संस्थापक
Ukhi की स्थापना 2019 में प्रियंका चौहान, विशाल विवेक, और सुनीप कुमार त्यागी ने की थी।
- कंपनी का मुख्य उद्देश्य कृषि अवशेषों का उपयोग करके बायोडिग्रेडेबल सामग्री विकसित करना है।
- यह हरियाणा और उत्तराखंड में संचालित होती है।
विशेषज्ञता
Ukhi विशेष रूप से पेटेंट-लंबित तकनीक का उपयोग करती है, जो लिग्नोसेलुलोसिक कृषि अवशेषों का फायदा उठाती है।
- यह तकनीक टिकाऊ और बड़े पैमाने पर उत्पादन योग्य सामग्री बनाने में सक्षम है।
- कंपनी के उत्पाद पारंपरिक प्लास्टिक का एक व्यावहारिक विकल्प प्रस्तुत करते हैं।
उत्पाद और योगदान
Ukhi ने एक ऐसा बायोडिग्रेडेबल बायोमटीरियल विकसित किया है, जो टिकाऊ पैकेजिंग उत्पादों के निर्माण के लिए आधारभूत सामग्री के रूप में काम करता है।
सतत विकास के प्रति योगदान
- प्लास्टिक प्रदूषण कम करना:
कंपनी के उत्पाद पारंपरिक प्लास्टिक को बदलने की क्षमता रखते हैं। - फसल जलाने से बचाव:
कृषि अवशेषों का उपयोग करके किसानों को फसल जलाने से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। - सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा:
टिकाऊ सामग्रियों का उपयोग करके अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार।
पैकेजिंग उद्योग के लिए समाधान
Ukhi के उत्पाद न केवल पर्यावरण-अनुकूल हैं, बल्कि वे पैकेजिंग उद्योग को अधिक टिकाऊ विकल्प प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।
बायोमटीरियल्स और पर्यावरण का महत्व
जैव सामग्री का उपयोग क्यों?
- बायोडिग्रेडेबल:
- पारंपरिक प्लास्टिक के विपरीत, जैव सामग्री प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाती है।
- कृषि अवशेषों का पुनः उपयोग:
- यह सामग्री किसानों के लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान करती है।
- ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद:
- प्लास्टिक प्रदूषण को कम करके कार्बन उत्सर्जन को घटाने में योगदान।
प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या
विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन चुका है। भारत में भी हर साल करोड़ों टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा होता है, जिसमें से अधिकांश लैंडफिल या समुद्र में चला जाता है।
- जैव सामग्री जैसे उत्पाद इस समस्या का समाधान हो सकते हैं।
फंडिंग से वैश्विक विस्तार की योजना
Ukhi की योजना इस फंडिंग के जरिए अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतारने की है।
- कंपनी वैश्विक स्तर पर टिकाऊ पैकेजिंग समाधानों की बढ़ती मांग का लाभ उठाना चाहती है।
- इसके साथ ही, यह अपने रिसर्च और डेवलपमेंट को मजबूत करके नए बाजारों में विस्तार करेगी।
सस्टेनेबिलिटी और स्टार्टअप्स का भविष्य
भारत में टिकाऊ स्टार्टअप्स का भविष्य उज्ज्वल है।
- सरकार की नीतियाँ और सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध जैसी पहलों ने पर्यावरण-अनुकूल समाधानों की माँग को बढ़ावा दिया है।
- Ukhi जैसे स्टार्टअप्स इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सर्कुलर इकोनॉमी का महत्व
Ukhi का मॉडल सर्कुलर इकोनॉमी पर आधारित है, जो संसाधनों के पुन: उपयोग और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देता है। यह मॉडल पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के लिए आदर्श है।
निष्कर्ष
Ukhi ने प्री-सीड फंडिंग में $1.2 मिलियन जुटाकर यह साबित कर दिया है कि टिकाऊ समाधानों में अपार संभावनाएँ हैं।
- कंपनी का फोकस न केवल पर्यावरण को बचाने पर है, बल्कि यह किसानों और उद्योगों को सशक्त बनाने पर भी केंद्रित है।
- टिकाऊ पैकेजिंग, प्लास्टिक प्रदूषण में कमी और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देकर, Ukhi भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार है।
आने वाले समय में, Ukhi जैसे स्टार्टअप्स से पर्यावरण-अनुकूल नवाचारों की और भी अधिक उम्मीद की जा सकती है।
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