Groww को IPO से पहले CCI की मंजूरी, बोनस शेयर जारी करने की तैयारी

Groww

नई दिल्ली: भारत के तेजी से बढ़ते स्टॉक ब्रोकिंग स्टार्टअप Groww को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से बोनस शेयर जारी करने की मंजूरी मिल गई है। यह कदम कंपनी के आगामी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) से पहले उठाया गया है।

🔹 इस मंजूरी के तहत Groww के मौजूदा निवेशकों को बोनस कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर जारी किए जाएंगे।
🔹 इसके साथ ही कंपनी के संस्थापकों द्वारा रखे गए डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (DVR) को समाप्त किया जाएगा।


📌 Groww CCI की मंजूरी में क्या शामिल है?

💡 Groww की मूल कंपनी Billionbrains Garage Ventures Private Limited में कुछ शेयरधारकों को अतिरिक्त वोटिंग अधिकार मिलेंगे।

📌 बोनस शेयर मिलने वाले प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
Peak XV Partners
Ribbit Capital
YC Holdings
Tiger Global
अन्य मौजूदा इक्विटी शेयरधारक

🔹 इस कदम का उद्देश्य Groww को IPO से पहले अधिक आकर्षक बनाना और निवेशकों को अतिरिक्त लाभ देना है।


🚀 भारत में शिफ्ट होने के बाद Groww की रणनीति

📌 Groww ने 2023 में भारत में अपना डोमिसाइल ट्रांसफर किया था।
📌 यह प्रक्रिया भारत और अमेरिका में अपनी संस्थाओं को रिवर्स मर्ज करने के साथ शुरू हुई थी।
📌 IPO से पहले कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त फंडिंग जुटाने पर भी विचार कर रही है।

👉 सूत्रों के मुताबिक, Groww $6-8 बिलियन की वैल्यूएशन पर IPO से पहले $200 मिलियन जुटाने की योजना बना रहा है।


💰 अब तक कितनी फंडिंग जुटा चुका है Groww?

📊 Groww अब तक $400 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटा चुका है।

🔹 कंपनी के प्रमुख निवेशक हैं:
Peak XV Partners
Tiger Global
Ribbit Capital
YC Continuity

📌 अक्टूबर 2021 में Groww ने अपने सीरीज E फंडिंग राउंड में $251 मिलियन जुटाए थे, जिससे उसकी वैल्यूएशन $3 बिलियन हो गई थी।

📢 तब से अब तक कंपनी ने कोई नया फंडिंग राउंड नहीं उठाया है, लेकिन IPO से पहले निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ रही है।


📈 वित्तीय प्रदर्शन – ग्रोथ और घाटा दोनों में बढ़त!

🚀 FY24 में Groww का राजस्व (Revenue) शानदार बढ़ोतरी के साथ ₹3,145 करोड़ तक पहुंच गया।
📉 हालांकि, इस दौरान कंपनी को ₹805 करोड़ का शुद्ध घाटा (Net Loss) हुआ।

📌 इस घाटे का प्रमुख कारण था:
💰 भारत में स्थानांतरित होने के लिए ₹1,340 करोड़ का वन-टाइम टैक्स पेमेंट।

👉 इसका मतलब है कि कंपनी की मुख्य व्यवसायिक गतिविधियां लाभदायक बनी हुई हैं, लेकिन इस टैक्स भुगतान की वजह से घाटा दर्ज किया गया।


🛒 IPO से पहले Groww की क्या रणनीति होगी?

📢 Groww का IPO भारतीय स्टार्टअप सेक्टर के लिए एक बड़ी घटना होगी।

बोनस शेयर जारी कर मौजूदा निवेशकों को मजबूत करना।
डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स हटाकर कंपनी की गवर्नेंस को सरल बनाना।
IPO से पहले $200 मिलियन जुटाकर फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत करना।


🎯 Groww का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

📌 Groww भारत के सबसे लोकप्रिय स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक बन चुका है।

🚀 बाजार में इसकी सीधी प्रतिस्पर्धा Zerodha, Upstox और Angel One जैसी कंपनियों से है।
🚀 IPO के बाद कंपनी को अधिक फंडिंग मिलेगी, जिससे यह और अधिक सुविधाएं जोड़ पाएगी।
🚀 बाजार में खुद को और मजबूत करने के लिए Groww फंड मैनेजमेंट और वेल्थ टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी विस्तार कर सकता है।

📢 क्या Groww का IPO भारतीय स्टॉक मार्केट में एक नया रिकॉर्ड बनाएगा?
📢 क्या निवेशक इसमें उसी तरह उत्साहित होंगे, जैसे Zomato और Nykaa के IPO में हुए थे?

👉 आने वाले महीनों में Groww के इस सफर पर सभी की नजरें रहेंगी! 🚀

Read more :UPI ने मार्च 2025 में रिकॉर्ड 18.30 बिलियन ट्रांजेक्शन पूरे किए

UPI ने मार्च 2025 में रिकॉर्ड 18.30 बिलियन ट्रांजेक्शन पूरे किए

UPI

नई दिल्ली: भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मार्च 2025 में UPI ने 18.30 बिलियन लेनदेन (transactions) दर्ज किए, जबकि फरवरी 2025 में यह आंकड़ा 16.11 बिलियन था।

📈 यह 13.6% की मासिक वृद्धि (MoM) और 36% की वार्षिक वृद्धि (YoY) दर्शाता है।

🚀 यह पहली बार है जब UPI ने एक महीने में 18 बिलियन ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार किया है।


📊 UPI के लेनदेन का कुल मूल्य

💰 मार्च 2025 में UPI के माध्यम से हुए कुल ट्रांजेक्शन का मूल्य ₹24.77 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
📌 फरवरी 2025 में यह आंकड़ा ₹21.96 लाख करोड़ था, यानी 12.80% की बढ़ोतरी।

👉 दैनिक आधार पर देखें तो:
मार्च में औसतन 590 मिलियन (59 करोड़) ट्रांजेक्शन प्रतिदिन हुए।
फरवरी में यह संख्या 575 मिलियन थी।
दैनिक ट्रांजेक्शन की औसत राशि ₹79,910 करोड़ रही, जो फरवरी के ₹78,446 करोड़ से अधिक थी।


📌 UPI की इस तेज़ी से बढ़त के पीछे कौन-से कारण हैं?

भारत में UPI के बढ़ते उपयोग के पीछे कई मुख्य कारण हैं:

1️⃣ व्यापक स्वीकृति (Wide Merchant Adoption)
👉 हर सेक्टर में व्यापारी UPI को अपना रहे हैं, जिससे ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ रही है।

2️⃣ सरकारी पहल (Government Initiatives)
👉 सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है, जिससे छोटे व्यापारी और ग्राहक UPI को तेजी से अपना रहे हैं।

3️⃣ डिजिटल अवेयरनेस और सुविधाजनक लेनदेन (Consumer Awareness & Convenience)
👉 डिजिटल पेमेंट की बढ़ती स्वीकार्यता और सुविधाजनक भुगतान प्रक्रिया से लोग अधिक UPI का उपयोग कर रहे हैं।


💡 सरकार का नया BHIM-UPI प्रोत्साहन योजना

📢 भारत सरकार ने हाल ही में छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट अपनाने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी है।

🔹 ‘BHIM-UPI लो-वैल्यू ट्रांजेक्शन प्रमोशन इंसेंटिव स्कीम’
🗓️ अवधि: 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025
💰 बजट: ₹1,500 करोड़

📌 इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम राशि वाले व्यापारिक लेनदेन (P2M – Person to Merchant) को बढ़ावा देना है।


📈 UPI की तेज़ ग्रोथ के पीछे की बड़ी वजहें

🚀 UPI अब सिर्फ एक डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म नहीं रहा, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है।

RBI और NPCI के लगातार सुधारों से ट्रांजेक्शन की स्पीड और सिक्योरिटी बढ़ी है।
UPI इंटरनेशनल पेमेंट्स के लिए भी एक्सपैंड कर रहा है, जिससे भारत के बाहर भी इसका इस्तेमाल बढ़ेगा।
अब, UPI ऑफलाइन मोड में भी उपलब्ध है, जिससे बिना इंटरनेट के भी पेमेंट संभव हो गया है।


🌍 भारत के बाहर भी बढ़ रहा है UPI का प्रभाव

💡 UPI को अब इंटरनेशनल लेवल पर अपनाया जा रहा है।

सिंगापुर, UAE, फ्रांस और नेपाल जैसे देशों में UPI को स्वीकार किया जाने लगा है।
RBI और NPCI लगातार विदेशी बैंकों और कंपनियों से पार्टनरशिप कर रहे हैं।

📌 इससे भारतीय ट्रैवलर्स को विदेशों में भी UPI का फायदा मिलेगा।


🛒 छोटे व्यापारियों और ग्राहकों के लिए UPI क्यों फायदेमंद है?

📌 UPI का बढ़ता इस्तेमाल छोटे व्यापारियों के लिए बड़ा गेम-चेंजर साबित हो रहा है।

🔹 कैशलेस लेनदेन से पारदर्शिता बढ़ी है।
🔹 QR कोड से आसान भुगतान संभव हुआ है।
🔹 छोटे दुकानदारों को डिजिटल पेमेंट अपनाने में मदद मिल रही है।
🔹 कम फीस और जीरो MDR (Merchant Discount Rate) से व्यापारी बिना किसी अतिरिक्त खर्च के UPI अपना रहे हैं।


🔮 भविष्य में UPI से क्या उम्मीदें हैं?

💡 UPI की ग्रोथ को देखते हुए अगले कुछ महीनों में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

2025 के अंत तक UPI का कुल ट्रांजेक्शन वॉल्यूम 25 बिलियन पार कर सकता है।
UPI लोन, क्रेडिट कार्ड लिंकिंग और इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन में और विस्तार हो सकता है।
रुपे क्रेडिट कार्ड और UPI लाइट जैसी सुविधाओं से डिजिटल पेमेंट का दायरा बढ़ेगा।

📌 सरकार और NPCI की योजनाओं से यह संभव है कि आने वाले सालों में UPI दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन जाए।


🔎 निष्कर्ष – UPI डिजिटल इंडिया की रीढ़ बन चुका है!

UPI की लगातार बढ़ती लोकप्रियता यह साबित करती है कि भारत में कैशलेस इकोनॉमी (Cashless Economy) की ओर तेज़ी से कदम बढ़ रहे हैं।

📢 क्या UPI अगले महीने 20 बिलियन ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार करेगा?
📢 क्या सरकार नई योजनाओं से छोटे व्यापारियों और ग्राहकों को और अधिक प्रोत्साहन देगी?

आने वाले महीनों में डिजिटल पेमेंट का यह सफर और रोमांचक होने वाला है! 🚀

Read more :Ola Electric की बिक्री घटी, बजाज और TVS ने मारी बाजी

Ola Electric की बिक्री घटी, बजाज और TVS ने मारी बाजी

ola electric

मार्च 2025 में EV टू-व्हीलर बिक्री: ओला इलेक्ट्रिक पिछड़ी

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज़ होती जा रही है। मार्च 2025 के बिक्री आंकड़ों के अनुसार, Ola Electric ने 23,430 यूनिट्स बेचीं, लेकिन यह बजाज ऑटो और TVS से पीछे रह गई

बजाज ऑटो ने 34,863 यूनिट्स की बिक्री के साथ लगातार दूसरे महीने EV टू-व्हीलर इंडस्ट्री में टॉप स्थान हासिल किया।
TVS ने 30,453 यूनिट्स बेचीं, जिससे यह दूसरे स्थान पर रही।
ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री घटी, लेकिन सालभर के आंकड़ों में अब भी लीड कर रही है।

📌 EV बाजार में यह बदलाव कई फैक्टर्स की वजह से हुआ, जिसमें ओला इलेक्ट्रिक की इन-हाउस वाहन पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव और वेंडर से चल रही बातचीत शामिल है।


📊 Ola Electric बाजार हिस्सेदारी (मार्केट शेयर) में बदलाव

मार्च 2025 के आंकड़ों के अनुसार:

  • बजाज ऑटो की बाजार हिस्सेदारी 26.76%
  • TVS की बाजार हिस्सेदारी 23.3%
  • ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी 17.9%

हालांकि, पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में:

  • Ola Electric ने 30% मार्केट शेयर के साथ लीड किया।
  • TVS की वार्षिक हिस्सेदारी 21% रही।
  • बजाज ऑटो ने 20% मार्केट हिस्सेदारी हासिल की।

📌 मतलब, मार्च में ओला इलेक्ट्रिक पिछड़ गई, लेकिन सालभर के कुल आंकड़ों में अभी भी नंबर 1 बनी हुई है।


🚧 ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री में गिरावट क्यों आई?

ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि इन-हाउस रजिस्ट्रेशन सिस्टम में बदलाव के कारण बिक्री प्रभावित हुई

“हमने लगभग फरवरी का बैकलॉग क्लियर कर लिया है और मार्च के बचे हुए रजिस्ट्रेशन को अप्रैल 2025 तक पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।”

💡 कंपनी का कहना है कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार हो रहा है और आने वाले महीनों में बिक्री में सुधार की उम्मीद है।


⚖️ कानूनी विवाद और वेंडर मुद्दे

ओला इलेक्ट्रिक को अपने वीकल रजिस्ट्रेशन वेंडर, रोसमर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड (Rosmerta Digital Services Ltd) के साथ विवाद का सामना करना पड़ा।

🚨 प्रमुख समस्याएं:

  • रजिस्ट्रेशन में देरी हुई, जिससे बिक्री पर असर पड़ा।
  • वेंडर के साथ बातचीत जारी रहने से डेटा मिसमैच हुआ।

📌 अब इस विवाद को सुलझा लिया गया है, जिससे आने वाले महीनों में बिक्री में सुधार होगा।


🏍️ अन्य EV टू-व्हीलर कंपनियों का प्रदर्शन

मार्च 2025 में अन्य प्रमुख कंपनियों की बिक्री:

  • Ather Energy – 15,446 यूनिट्स
  • Hero MotoCorp – 7,977 यूनिट्स
  • Greaves Electric Mobility – 5,641 यूनिट्स

📌 Ather Energy तेजी से आगे बढ़ रही है और बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।


🔮 EV टू-व्हीलर बाजार का भविष्य

🚀 EV बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और आने वाले समय में प्रतिस्पर्धा और तेज़ होगी।

बजाज और TVS की आक्रामक रणनीति से EV मार्केट में बदलाव आ सकता है।
ओला इलेक्ट्रिक को अपनी बिक्री फिर से बढ़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन सिस्टम और सप्लाई चेन को मजबूत करना होगा।
Ather और Hero जैसी कंपनियां भी नई तकनीक और रणनीतियों के साथ EV बाजार में बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं।

📌 अप्रैल और मई 2025 के आंकड़ों से पता चलेगा कि क्या ओला इलेक्ट्रिक फिर से बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत कर पाती है या नहीं।

🚀 EV टू-व्हीलर बाजार में यह प्रतिस्पर्धा और भी रोमांचक होने वाली है!

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Pluckk को 85 करोड़ रुपये की फंडिंग,

Pluckk

भारत के फ्रेश प्रोड्यूस फूड-टेक स्टार्टअप Pluckk ने अपनी सीरीज़ A फंडिंग राउंड में 85 करोड़ रुपये (लगभग $10 मिलियन) जुटाने की घोषणा की है। इस निवेश का नेतृत्व Euro Gulf Investment कर रहा है। यह मुंबई स्थित स्टार्टअप के लिए तीन साल के ब्रेक के बाद पहली बड़ी फंडिंग है।

💡 Pluckk एक बिजनेस-टू-कंज्यूमर (B2C) प्लेटफॉर्म है, जो ताज़ी और हेल्दी लाइफस्टाइल पर फोकस किए गए फूड प्रोडक्ट्स की डिलीवरी करता है।


📈 निवेश से मिलेगी Pluckk को ग्रोथ में तेजी

📌 Pluckk के बोर्ड ने 3,023 सीरीज़ A अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय प्रेफरेंस शेयर जारी करने का विशेष प्रस्ताव पारित किया है।
📌 इन शेयरों की प्रति शेयर कीमत ₹2,81,383 रखी गई है, जिससे कुल ₹85 करोड़ ($10 मिलियन) जुटाए जाएंगे।
📌 RoC (Registrar of Companies) की फाइलिंग के अनुसार, इस फंड का उपयोग ग्रोथ को तेज़ करने, डिबेंचर पर ब्याज भुगतान, और अन्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
📌 Entrackr के अनुमानों के अनुसार, इस फंडिंग के बाद Pluckk का मूल्यांकन लगभग $50-55 मिलियन तक पहुंच सकता है।

🚀 यह निवेश Pluckk को अपने ऑपरेशन्स को विस्तार देने और प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाने में मदद करेगा।


🌱 Pluckk: फार्म-टू-फोर्क मॉडल पर आधारित स्टार्टअप

Pluckk की शुरुआत 2021 में प्रतीक गुप्ता ने की थी। यह एक फार्म-टू-फोर्क प्लेटफॉर्म है, जो सीधे किसानों से ताज़े और हेल्दी फूड प्रोडक्ट्स लेकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाता है।

✅ Pluckk ग्राहकों को ऐसे प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराता है, जो स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाली लाइफस्टाइल के अनुरूप हों।
✅ प्लेटफॉर्म पर विगन विकल्प, कार्ब अल्टरनेटिव्स, गट हेल्थ और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड ऑप्शंस उपलब्ध हैं।
✅ कंपनी का लक्ष्य प्रोसेस्ड फूड के बजाय प्राकृतिक और ताज़े उत्पादों को बढ़ावा देना है।


💰 Pluckk का निवेश इतिहास और प्रमुख अधिग्रहण

Pluckk ने इससे पहले $5 मिलियन की सीड फंडिंग हासिल की थी, जिसका नेतृत्व Exponentia Ventures ने किया था।

📌 2022 में, Pluckk ने DIY मील किट प्लेटफॉर्म KOOK को $1.3 मिलियन में अधिग्रहित किया
📌 2023 में, कंपनी ने पोषण ब्रांड Upnourish को $1.4 मिलियन में खरीदा
📌 इन अधिग्रहणों से Pluckk ने अपनी प्रोडक्ट रेंज को बढ़ाने और उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प देने की क्षमता विकसित की।

🚀 अब, यह नया निवेश Pluckk को और मजबूत बनाने और अपने बिजनेस मॉडल को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।


📊 Pluckk की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस और ग्रोथ प्लान

📌 Pluckk ने FY24 में ₹42.8 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY23 के ₹34 करोड़ की तुलना में 25.6% अधिक है।
📌 हालांकि, कंपनी को ₹41.03 करोड़ का घाटा हुआ, जिससे यह स्पष्ट होता है कि Pluckk को अभी ब्रेक-ईवन तक पहुंचने के लिए और काम करना होगा।
📌 Pluckk का लक्ष्य FY25 में ₹200 करोड़ का वार्षिक राजस्व (ARR) हासिल करना है।

💡 इस नए फंडिंग राउंड से कंपनी को अपने टारगेट्स को हासिल करने में मदद मिलेगी।


🏆 Pluckk के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और बाजार स्थिति

Pluckk के बाजार में कई बड़े प्रतिद्वंद्वी मौजूद हैं, जिनमें शामिल हैं:

🔹 Gourmet Garden
🔹 Kisankonnect
🔹 Otipy (आंशिक रूप से)

हालांकि, कई प्रमुख फूड-टेक स्टार्टअप्स, जैसे कि Deep Rooted और Fraazo, भारी निवेश के बावजूद अपने ऑपरेशन्स को बंद कर चुके हैं।

📌 Entrackr की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के विफल होने का मुख्य कारण फंडिंग के बावजूद स्केलेबिलिटी की समस्याएं और ऑपरेशनल चुनौतियां थीं।
📌 Pluckk ने अब तक अपने बिजनेस मॉडल को प्रॉफिटेबल और सस्टेनेबल बनाने के लिए सही कदम उठाए हैं

🚀 अगर Pluckk अपनी मौजूदा रणनीति पर सही तरीके से काम करता है, तो यह भारत के फ्रेश प्रोड्यूस फूड-टेक सेक्टर का अगला बड़ा ब्रांड बन सकता है।


🔮 Pluckk का भविष्य: क्या यह बाजार में आगे बढ़ पाएगा?

नई फंडिंग से कंपनी को ऑपरेशन्स को स्केल करने में मदद मिलेगी।
Pluckk अपने हेल्दी फूड ऑप्शंस को और विस्तारित कर सकता है।
कंपनी के पास प्रतिस्पर्धियों से अलग हटकर एक यूनिक प्रोडक्ट पोर्टफोलियो है।
अगर Pluckk अपनी लागत को नियंत्रित कर लेता है, तो यह जल्द ही प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ सकता है।

🚀 Pluckk अब भारतीय हेल्दी फूड-टेक इंडस्ट्री में तेजी से अपनी पहचान बना रहा है।


📌 निष्कर्ष: Pluckk की ग्रोथ यात्रा का नया अध्याय

Pluckk का ₹85 करोड़ ($10 मिलियन) का सीरीज़ A फंडिंग राउंड इसे भारत के फूड-टेक सेक्टर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना सकता है।

कंपनी के पास एक मजबूत बिजनेस मॉडल, यूनिक प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और स्पष्ट ग्रोथ प्लान है।
नए निवेश से Pluckk अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने, नए प्रोडक्ट्स लाने और टेक्नोलॉजी में निवेश करने की योजना बना सकता है।
अगर यह कंपनी अपनी लागतों को नियंत्रित करते हुए स्केलेबिलिटी बनाए रखती है, तो यह भारतीय फूड-टेक इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन सकती है।

🚀 क्या Pluckk भारत के हेल्दी फूड-टेक बाजार में बड़ा बदलाव ला पाएगा? यह देखने वाली बात होगी!

Read more :KRAFTON ने भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में बढ़ाया निवेश,

KRAFTON ने भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में बढ़ाया निवेश,

KRAFTON

दुनिया भर में मशहूर BATTLEGROUNDS MOBILE INDIA (BGMI) के निर्माता KRAFTON ने भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पुणे स्थित गेमिंग स्टूडियो Nautilus Mobile का अधिग्रहण कर लिया है। इस डील की कुल कीमत ₹118 करोड़ ($13.7 मिलियन) बताई जा रही है।

💡 यह KRAFTON की भारत में पहली “फुल-कंट्रोल” डील है, जिससे कंपनी अब Nautilus Mobile के संचालन पर पूर्ण अधिकार रखेगी।


🏏KRAFTON Nautilus Mobile: भारत का लोकप्रिय क्रिकेट गेम डेवलपर

Nautilus Mobile को मुख्य रूप से इसके लोकप्रिय मोबाइल क्रिकेट गेम “Real Cricket” के लिए जाना जाता है।

📌 2020 में JetSynthesys ने इस स्टूडियो का अधिग्रहण किया था।
📌 2022 में KRAFTON ने Nautilus में ₹40.5 करोड़ का निवेश किया था।
📌 अब, KRAFTON ने इसे पूरी तरह से खरीदकर भारत में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है।

💡 इस अधिग्रहण से KRAFTON को भारतीय गेमिंग बाजार में गहरी पकड़ बनाने और स्पोर्ट्स गेमिंग में अपनी पहुंच बढ़ाने का अवसर मिलेगा।


🎮 KRAFTON का भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में विस्तार

KRAFTON के भारत में निवेश की रणनीति लगातार आक्रामक रही है।

📌 2021 से अब तक KRAFTON भारतीय स्टार्टअप्स में $200 मिलियन (₹1600 करोड़) से अधिक का निवेश कर चुका है।
📌 कंपनी का फोकस स्थानीय गेम डेवलपर्स को बढ़ावा देने और भारत को ग्लोबल गेमिंग हब बनाने पर है।

KRAFTON इंडिया के सीईओ Sean Hyunil Sohn ने कहा कि,

“यह अधिग्रहण भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में मदद करेगा। भारत के पास टैलेंट और संभावनाओं की कोई कमी नहीं है।”

🚀 KRAFTON अब भारत में सिर्फ BGMI जैसे बैटल रॉयल गेम्स तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि स्पोर्ट्स गेमिंग सहित अन्य सेगमेंट में भी विस्तार कर रहा है।


🤝 JetSynthesys रहेगा माइनॉरिटी इन्वेस्टर, Esports पर फोकस

💡 JetSynthesys इस अधिग्रहण के बाद भी Nautilus Mobile में एक माइनॉरिटी इन्वेस्टर बना रहेगा।
📌 कंपनी Nautilus के साथ मिलकर Esports और क्रिकेट गेमिंग से जुड़े नए इनोवेशन पर काम करेगी।

Nautilus Mobile के सीईओ Anuj Mankar ने कहा,

“KRAFTON के साथ यह साझेदारी ‘Real Cricket’ को ग्लोबल स्तर पर ले जाने में मदद करेगी।”


🌏 भारत में गेमिंग और KRAFTON की स्थिति

📈 भारत में मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है।

📌 भारत में 2024 तक 450 मिलियन से ज्यादा मोबाइल गेमर्स हो चुके हैं।
📌 गेमिंग इंडस्ट्री का बाजार 2026 तक ₹22,000 करोड़ ($2.7 बिलियन) तक पहुंचने की उम्मीद है।
📌 क्रिकेट गेम्स भारत में बेहद लोकप्रिय हैं, ऐसे में KRAFTON का Nautilus Mobile का अधिग्रहण एक स्मार्ट मूव साबित हो सकता है।


🚀 क्या होगा KRAFTON के इस कदम का असर?

🔹 “Real Cricket” का इंटरनेशनल एक्सपैंशन – KRAFTON की ग्लोबल पहुंच Nautilus को इंटरनेशनल मार्केट में ले जा सकती है।
🔹 भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को सपोर्ट – यह डील भारतीय गेम डेवलपर्स को नई संभावनाएं देगी।
🔹 Esports और क्रिकेट गेमिंग का विकास – JetSynthesys और KRAFTON मिलकर Esports और स्पोर्ट्स गेमिंग को बढ़ावा देंगे।
🔹 KRAFTON की भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में मजबूत पकड़ – BGMI के बाद अब “Real Cricket” के जरिए KRAFTON क्रिकेट-प्रेमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा।


🔮 भविष्य की संभावनाएं

स्पोर्ट्स गेमिंग और Esports का विस्तार – “Real Cricket” को Esports में शामिल किया जा सकता है।
KRAFTON का भारत में और बड़ा निवेश – कंपनी आने वाले समय में अन्य भारतीय गेमिंग स्टूडियो को भी खरीद सकती है।
IPO की संभावना – KRAFTON भारत में अपने निवेश को मजबूत करने के लिए IPO ला सकता है।


📌 निष्कर्ष: भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में KRAFTON की बढ़ती पकड़

🎮 KRAFTON का Nautilus Mobile का अधिग्रहण भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बड़ा कदम है।
🏏 क्रिकेट गेमिंग में KRAFTON की एंट्री से “Real Cricket” को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने का मौका मिलेगा।
📈 इससे भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

🚀 यह डील भारत को ग्लोबल गेमिंग हब बनाने के मिशन में एक बड़ा माइलस्टोन साबित हो सकती है!

Read more :Jindal Stainless ने M1xchange में 9.62% हिस्सेदारी खरीदी,

Jindal Stainless ने M1xchange में 9.62% हिस्सेदारी खरीदी,

Jindal Stainless

भारत की अग्रणी स्टेनलेस स्टील निर्माता Jindal Stainless और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी Jindal Stainless Steelway Limited (JSSL) ने M1xchange में 9.62% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली है।

🚀 M1xchange एक डिजिटल इनवॉइसिंग और डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म है, जो MSMEs, कॉरपोरेट्स और वित्तीय संस्थानों को कार्यशील पूंजी (working capital) तक आसान पहुंच प्रदान करता है।

📢 Jindal Stainless ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह सौदा प्राथमिक पूंजी निवेश (Primary Capital) और मौजूदा शेयरधारकों से शेयरों की द्वितीयक खरीद (Secondary Purchase) के रूप में किया गया है।


₹154 करोड़ का सौदा: Jindal Stainless का रणनीतिक कदम

📌 Jindal Stainless ने M1xchange में 5.03% हिस्सेदारी करीब ₹102.7 करोड़ ($12 मिलियन) में खरीदी।
📌 JSSL द्वारा अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के बाद, कुल 9.62% हिस्सेदारी का अधिग्रहण लगभग ₹154 करोड़ ($18 मिलियन) में हुआ।

💡 इस निवेश से Jindal Stainless अपने फाइनेंसिंग ऑपरेशन्स को डिजिटल करने, भुगतान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और कार्यशील पूंजी चक्र (working capital cycle) को कम करने की योजना बना रहा है।

🔗 M1xchange के साथ साझेदारी से Jindal Stainless के आपूर्तिकर्ताओं (suppliers) को फाइनेंसिंग में आसानी होगी और भारतीय MSME सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा।


M1xchange क्या करता है?

📍 2017 में स्थापित, M1xchange एक डिजिटल इनवॉइसिंग और फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म है, जो छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बिना जटिल बैंकिंग प्रक्रियाओं के कार्यशील पूंजी की सुविधा देता है।

🔹 प्लेटफॉर्म का बिजनेस मॉडल इनवॉइस डिस्काउंटिंग पर आधारित है, जिससे MSMEs को उनके भुगतान जल्दी मिल जाते हैं।
🔹 M1xchange अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को छोटे व्यवसायों के साथ जोड़ता है।
🔹 कंपनी अपने रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा इन सेवाओं के लिए प्रोफेशनल फीस से अर्जित करती है।


M1xchange की ग्रोथ और फाइनेंसिंग डाटा

📊 M1xchange के दावों के अनुसार:
65 से अधिक बैंक और वित्तीय संस्थान प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं।
2,000 से ज्यादा कॉरपोरेट्स और 48,000 से अधिक MSMEs इससे लाभान्वित हुए हैं।
अब तक ₹1.6 लाख करोड़ (₹160,000 करोड़) के इनवॉइस डिस्काउंट किए जा चुके हैं।

💰 M1xchange ने अब तक $19 मिलियन (करीब ₹158 करोड़) का फंडिंग जुटाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
SIDBI Venture
Amazon
IndiaMART
BEENEXT
Mayfield

📊 TheKredible डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के अनुसार:
🟢 SIDBI की हिस्सेदारी 11.85% है।
🟡 Amazon की हिस्सेदारी 9.75% है।


M1xchange की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस (FY24 रिपोर्ट)

📈 M1xchange का राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 91% बढ़कर ₹56.47 करोड़ हो गया, जो FY23 में ₹29.52 करोड़ था।
📉 कंपनी ने अपने नुकसान को 50% तक घटाकर ₹3.98 करोड़ कर लिया।

🚀 यह ग्रोथ भारतीय MSME सेक्टर में डिजिटल फाइनेंसिंग की बढ़ती मांग को दर्शाती है।


Jindal Stainless और M1xchange की साझेदारी से क्या होगा फायदा?

📢 इस रणनीतिक निवेश से कई सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे:

MSMEs को कार्यशील पूंजी (Working Capital) तक आसान पहुंच मिलेगी।
डिजिटल फाइनेंसिंग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे MSME सेक्टर की विकास दर तेज होगी।
Jindal Stainless के लिए भुगतान प्रक्रिया सरल होगी और कैश फ्लो मैनेजमेंट बेहतर होगा।
B2B लेनदेन डिजिटल रूप से अधिक सुरक्षित और तेज़ होगा।

💡 Jindal Stainless का यह कदम MSME सेक्टर को डिजिटल युग में मजबूत करने और भारत में सप्लाई चेन फाइनेंसिंग को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।


क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

🏦 वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में MSME सेक्टर डिजिटल ट्रांजैक्शन और इनवॉइस डिस्काउंटिंग की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

📌 M1xchange जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म छोटे और मध्यम व्यापारियों को कार्यशील पूंजी तक पहुंच बनाने में मदद कर सकते हैं।
📌 Jindal Stainless का यह निवेश न केवल कंपनी के कैश फ्लो को मजबूत करेगा बल्कि आपूर्तिकर्ताओं को भी आसान फाइनेंसिंग मुहैया कराएगा।


निष्कर्ष: Jindal Stainless का डिजिटल फाइनेंसिंग में बड़ा कदम

🔹 ₹154 करोड़ के इस सौदे से Jindal Stainless और M1xchange दोनों को फायदा मिलेगा।
🔹 इस साझेदारी से MSMEs के लिए कार्यशील पूंजी की सुविधा आसान होगी।
🔹 डिजिटल सप्लाई चेन फाइनेंसिंग का विस्तार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

🚀 आने वाले समय में, इस तरह के निवेश भारत में MSME सेक्टर के डिजिटलीकरण को और तेज़ कर सकते हैं!

Read more :Geniemode ने सीरीज C राउंड में $50 मिलियन जुटाए,

Geniemode ने सीरीज C राउंड में $50 मिलियन जुटाए,

Geniemode

B2B क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स स्टार्टअप Geniemode ने Multiples Equity की अगुवाई में अपने सीरीज C फंडिंग राउंड में $50 मिलियन (करीब ₹414 करोड़) जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में Fundamentum, Paramark Ventures और मौजूदा निवेशक Info Edge Ventures ने भी भाग लिया।

Geniemode के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित कर
📌 5,601 सीरीज C अनिवार्य कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर (CCPS) जारी किए, जिनकी कीमत ₹6,60,430 प्रति शेयर है।
📌 कंपनी के को-फाउंडर्स को 667 आंशिक रूप से भुगतान किए गए इक्विटी शेयर ₹44 करोड़ के मूल्य पर जारी किए गए।

📊 RoC (Registrar of Companies) से मिली जानकारी के अनुसार, कुल मिलाकर Geniemode ने ₹414 करोड़ ($50 मिलियन) जुटाए हैं।


Geniemode फंडिंग ब्रेकडाउन: Multiples Equity ने किया सबसे बड़ा निवेश

🔹 Multiples Equity ने ₹223 करोड़ ($26.2 मिलियन) निवेश किया
🔹 Fundamentum ने ₹88 करोड़ ($10.3 मिलियन) डाले
🔹 Paramark Ventures ने ₹36.7 करोड़ ($4.3 मिलियन) लगाए
🔹 मौजूदा निवेशक Info Edge ने ₹22 करोड़ ($2.6 मिलियन) का योगदान दिया

💡 इस फंडिंग के साथ, Geniemode की कुल वैल्यूएशन ₹1,800 करोड़ ($212 मिलियन) तक पहुंच गई है।

👉 पिछले सीरीज B राउंड में, कंपनी ने अप्रैल 2022 में Tiger Global की अगुवाई में $28 मिलियन जुटाए थे, तब इसकी वैल्यूएशन $160 मिलियन थी।


Geniemode के मालिकाना हक में बड़े बदलाव

📊 TheKredible डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के अनुसार:

👤 Geniemode के को-फाउंडर अमित शर्मा की हिस्सेदारी अब 27.35% होगी।
💡 Info Edge अब कंपनी की सबसे बड़ी बाहरी निवेशक होगी, जिसके पास 23.2% हिस्सेदारी होगी।
📈 नए निवेशक Multiples Equity की हिस्सेदारी 12.39% होगी।


Geniemode क्या करता है?

Geniemode एक B2B क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और भारतीय निर्माताओं के बीच व्यापार को आसान बनाता है। कंपनी मुख्य रूप से फैशन, होम डेकोर और फर्निशिंग प्रोडक्ट्स के ग्लोबल सप्लाई चेन को ऑप्टिमाइज़ करने पर ध्यान देती है।

🔹 Geniemode का AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म ऑर्डर मैनेजमेंट, प्रोडक्शन ट्रैकिंग और लॉजिस्टिक्स को स्वचालित करता है।
🔹 इसके जरिए छोटे और मझोले भारतीय निर्माता वैश्विक खरीदारों से सीधे जुड़ सकते हैं।


Geniemode की ग्रोथ और भविष्य की योजनाएँ

🚀 फंडिंग के साथ, Geniemode अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने, तकनीकी अपग्रेड करने और अपने ग्लोबल एक्सपैंशन को तेज करने की योजना बना रहा है।

💡 कंपनी की भविष्य की रणनीति:
नई मार्केट्स में विस्तार (अमेरिका और यूरोप में बढ़त हासिल करना)
सप्लाई चेन को अधिक स्वचालित और कुशल बनाना
AI और डेटा एनालिटिक्स में निवेश बढ़ाना


Geniemode क्यों है निवेशकों की पसंद?

📈 तेजी से बढ़ती क्रॉस-बॉर्डर B2B ई-कॉमर्स इंडस्ट्री
🌏 भारत से वैश्विक बाजारों में बढ़ता निर्यात
तकनीक-संचालित प्लेटफॉर्म जो बिजनेस को आसान बनाता है

💰 पिछले कुछ वर्षों में, क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है, और Geniemode इस स्पेस में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।


निष्कर्ष: Geniemode की नई फंडिंग भारत के B2B ई-कॉमर्स इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा संकेत

🔹 $50 मिलियन की यह फंडिंग Geniemode की ग्रोथ में बड़ा योगदान देगी।
🔹 नए निवेशकों की एंट्री से कंपनी के विस्तार की संभावनाएँ और बढ़ गई हैं।
🔹 Info Edge और Multiples Equity जैसे निवेशकों की मौजूदगी से Geniemode का भविष्य और भी उज्जवल दिखता है।

🚀 क्या Geniemode भारत का अगला बड़ा B2B ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न बनेगा? आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा!

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Inflection Point Ventures ने 2024 में 14 सफल एक्सिट्स हासिल किए,

Inflection Point Ventures

भारत के प्रमुख एंजेल नेटवर्क Inflection Point Ventures (IPV) ने 2024 में 14 सफल एक्सिट्स (निवेश से बाहर निकलने) दर्ज किए हैं, जिससे इसके निवेशकों को 36% इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (IRR) प्राप्त हुआ है।

📈 पिछले पाँच वर्षों में, IPV ने अपने 200 से अधिक पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स में से 47 स्टार्टअप्स से सफलतापूर्वक एक्सिट किया है, जो इंडस्ट्री के औसत से कहीं अधिक है।

IPV की यह उपलब्धि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में इसकी मजबूत स्थिति को दर्शाती है।


Inflection Point Ventures के प्रमुख एक्सिट्स: IBM और CrashPlan जैसी बड़ी कंपनियों के अधिग्रहण

2024 में IPV के सबसे प्रमुख एक्सिट्स में शामिल हैं:

🔥 Prescinto AI: IBM ने इस स्टार्टअप का अधिग्रहण किया
🔥 Parablu: CrashPlan ने इसे खरीदा
🔥 Aksum, Conscious Chemist और Qubehealth जैसे अन्य स्टार्टअप्स ने भी निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया

📌 Inflection Point Ventures का एक्सिट मॉडल निवेशकों को हाई-रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


IPV की पोर्टफोलियो कंपनियों को 2024 में 25 फॉलो-ऑन राउंड में निवेश मिला

2024 में, IPV के पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स ने 25 फॉलो-ऑन फंडिंग राउंड सफलतापूर्वक पूरे किए।

💡 प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं:
Goodwater Capital
Blume Ventures
Vertex Ventures
DS Group

🚀 Speed Kitchen और Metashot ने तो भारत के प्रसिद्ध शो “Shark Tank India” पर भी निवेश हासिल किया।


IPV की निवेश रणनीति: 30-40% IRRs और 3-4x रिटर्न देने पर केंद्रित

IPV एक ऐसी रणनीति अपनाता है जो प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों प्रकार के निवेशों को कवर करती है।

📌 IPV का लक्ष्य:
30-40% IRR प्रदान करना
3-4 गुना निवेश रिटर्न सुनिश्चित करना
स्टार्टअप्स को ग्रोथ कैपिटल देने के लिए Physis Capital चलाना

Physis Capital IPV का $50 मिलियन का वेंचर कैपिटल फंड है, जो तेजी से बढ़ते स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए स्थापित किया गया है।

🚀 IPV की यह रणनीति स्टार्टअप्स को स्केल करने और उनके निवेशकों को अधिकतम रिटर्न दिलाने के लिए तैयार की गई है।


2023 में भी IPV ने 14 सफल एक्सिट्स और 61% IRR हासिल किया था

2024 से पहले, IPV ने 2023 में भी 14 सफल एक्सिट्स किए थे, जिससे निवेशकों को 61% IRR प्राप्त हुआ था।

📈 IPV का ट्रैक रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि यह स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और हाई रिटर्न देने में सक्षम है।


IPV क्यों बना है स्टार्टअप्स और निवेशकों की पहली पसंद?

IPV का लक्ष्य सिर्फ स्टार्टअप्स को फंडिंग देना नहीं, बल्कि उन्हें सही बिजनेस मॉडल, नेटवर्क और स्केलिंग के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराना भी है।

💡 IPV के इन्वेस्टमेंट मॉडल की प्रमुख बातें:
✔️ रिस्क-मैनेजमेंट: डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो
✔️ हाई-रिटर्न स्ट्रेटेजी: औसतन 30-40% IRR
✔️ मजबूत नेटवर्क: टॉप इन्वेस्टर्स और वेंचर फंड्स से कनेक्शन
✔️ सक्सेसफुल एक्सिट प्लानिंग: निवेशकों के लिए समय पर रिटर्न

🚀 इन कारणों से IPV भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन चुका है।


IPV और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम का भविष्य

📈 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए IPV का योगदान लगातार बढ़ रहा है।

💡 भविष्य में IPV की योजनाएँ:
अधिक स्टार्टअप्स में निवेश का विस्तार
Physis Capital के ज़रिए नई कंपनियों को ग्रोथ फंडिंग देना
AI, फिनटेक, हेल्थटेक, और क्लाइमेट-टेक स्टार्टअप्स में निवेश बढ़ाना

🚀 IPV भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार है!


निष्कर्ष: IPV की सफलता भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक मजबूत संकेत

📌 Inflection Point Ventures (IPV) का 2024 में 14 सफल एक्सिट्स और 36% IRR का आंकड़ा यह दिखाता है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार परिपक्व हो रहा है।

🌟 स्टार्टअप्स के लिए IPV का योगदान:
✔️ फंडिंग, नेटवर्क और ग्रोथ सपोर्ट
✔️ निवेशकों को हाई-रिटर्न देने वाला इन्वेस्टमेंट मॉडल
✔️ स्टार्टअप्स को सफल एक्सिट के लिए तैयार करना

🚀 क्या IPV आने वाले वर्षों में और अधिक भारतीय स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न बनाने में मदद करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा!

Read more :2am VC ने लॉन्च किया नया फंड, 30 भारतीय स्टार्टअप्स में करेगा निवेश

2am VC ने लॉन्च किया नया फंड, 30 भारतीय स्टार्टअप्स में करेगा निवेश

2am VC

भारत में शुरुआती स्टेज के स्टार्टअप्स को समर्थन देने वाली वेंचर कैपिटल फर्म 2am VC ने अपने दूसरे इन्वेस्टमेंट फंड “2am VC Fund II” को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है। इस फंड का उद्देश्य भारत में नवाचार से जुड़े क्षेत्रों में निवेश करना है, जिसमें कंज्यूमर टेक, फिनटेक, फूड एंड बेवरेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ग्लोबल SaaS (सॉफ्टवेयर ऐज़ ए सर्विस) जैसे सेक्टर्स शामिल हैं।

🚀 इस नए फंड के ज़रिए 2am VC भारत के उभरते स्टार्टअप इकोसिस्टम को और अधिक मजबूत करेगा।


2am VC Fund II: 30 स्टार्टअप्स को मिलेगा फंडिंग सपोर्ट

2am VC का नया फंड II 30 भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश करने की योजना बना रहा है, खासतौर पर प्री-सीड से सीड स्टेज की कंपनियों में। फंड का उद्देश्य न केवल फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट करना है, बल्कि फाउंडर्स को ऑपरेशनल और बिजनेस ग्रोथ सपोर्ट भी देना है।

📌 फंड II की मुख्य विशेषताएँ:
निवेश राशि: 30 स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता
निवेश स्तर: प्री-सीड और सीड स्टेज
लीड इन्वेस्टर की भूमिका: स्टार्टअप्स में लीड इन्वेस्टमेंट राउंड्स का नेतृत्व
इन्वेस्टमेंट स्ट्रक्चर:

  • 60% फंड शुरुआती निवेश के लिए
  • 40% फंड फॉलो-ऑन निवेश के लिए

💡 इस रणनीति से 2am VC स्टार्टअप्स को लंबे समय तक सहयोग देने और उनके ग्रोथ पाथ को मजबूत करने की योजना बना रहा है।


2am VC: भारत और ग्लोबल इन्वेस्टर्स के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी

2am VC एक हाइपरलोकल वेंचर कैपिटल फर्म है, जो वैश्विक निवेशकों को भारतीय स्टार्टअप्स से जोड़ने का काम करती है।

💡 2am VC की रणनीति:
✔️ भारतीय फाउंडर्स को ग्लोबल नेटवर्क और संसाधनों तक पहुँच देना
✔️ विदेशी निवेशकों को बेहतर डील फ्लो और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम का एक्सेस दिलाना
✔️ फाउंडर्स के लिए बिजनेस स्केलिंग, रणनीतिक गाइडेंस और कस्टमर नेटवर्किंग में सहायता

🚀 2am VC की स्पीड, ट्रांसपेरेंसी और फाउंडर-फ्रेंडली अप्रोच इसे अन्य निवेश फर्मों से अलग बनाती है।


न्यू इंडिया की ग्रोथ से जुड़े स्टार्टअप्स में निवेश

2am VC के अनुसार, फर्म उन स्टार्टअप्स में निवेश करना चाहती है जो “New India Opportunity” के तहत भारतीय ग्राहकों की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।

💡 इस समय भारत में उभर रहे प्रमुख सेक्टर:
फिनटेक: डिजिटल पेमेंट, इंसुरटेक, माइक्रो-लोन
AI & SaaS: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड-आधारित सेवाएँ
फूड & बेवरेज: हेल्दी फूड ब्रांड्स, क्विक-सर्विस रेस्त्रां
कंज्यूमर टेक: ई-कॉमर्स, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ब्रांड्स

🚀 2am VC का मानना है कि भारत में स्टार्टअप्स अब पारंपरिक सेक्टर्स से आगे बढ़कर नए इनोवेशन की ओर बढ़ रहे हैं, जो देश की बढ़ती डिजिटल इकोनॉमी का प्रतिबिंब है।


2am VC की अब तक की यात्रा: पहले फंड से 47 स्टार्टअप्स में निवेश

2am VC ने पहले फंड के तहत $10 मिलियन (₹83 करोड़) जुटाए थे और अब तक 47 स्टार्टअप्स में निवेश किया है।

💡 प्रमुख स्टार्टअप्स जिनमें 2am VC ने निवेश किया:
NEWME – फैशन और लाइफस्टाइल ब्रांड
Apna Mart – रीजनल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
Bimaplan – डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म
Karbon Card – MSMEs के लिए फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस

🚀 इस निवेश से भारत में कई नए इनोवेटिव बिजनेस मॉडल को आगे बढ़ने का अवसर मिला है।


2am VC की स्थापना और भारत में निवेश रणनीति

2am VC की स्थापना 2021 में हर्शेल मेहता (Hershel Mehta) और ब्रेंडन रोजर्स (Brendan Rogers) ने की थी।

📍 कहाँ हैं 2am VC के ऑफिस?
भारत: मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली NCR
अमेरिका: लॉस एंजेलेस

🇮🇳 2am VC “India Beachhead Strategy” के तहत पूर्व और पश्चिम के बेस्ट बिजनेस मॉडल्स को एक साथ लाने की योजना पर काम कर रही है।


नए फंड से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को क्या मिलेगा?

2am VC Fund II से नए और होनहार स्टार्टअप्स को शुरुआती वित्तीय सहायता, ऑपरेशनल सपोर्ट और ग्लोबल एक्सपोज़र मिलेगा।

💡 स्टार्टअप्स के लिए संभावित लाभ:
✔️ तेजी से ग्रोथ करने का अवसर
✔️ ग्लोबल इन्वेस्टर्स से कनेक्शन
✔️ बिजनेस स्केलिंग और प्रोडक्ट-मार्केट फिट में सहायता
✔️ मार्केटिंग और सेल्स नेटवर्क तक एक्सेस

🚀 इस फंड से भारत के अगले यूनिकॉर्न स्टार्टअप को तैयार करने की संभावना बढ़ जाएगी!


निष्कर्ष: 2am VC Fund II भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा अवसर

2am VC का नया फंड भारत में नई पीढ़ी के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने का वादा करता है।

🌟 इससे प्री-सीड और सीड स्टार्टअप्स को न केवल फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा, बल्कि एक मज़बूत ग्लोबल नेटवर्क तक पहुँचने का अवसर भी मिलेगा।

💡 क्या यह फंड भारत के अगले बड़े स्टार्टअप इनोवेशन को जन्म देगा? देखने लायक होगा! 🚀

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NuVentures ने लॉन्च किया $75 मिलियन का फंड

NuVentures

अमेरिका स्थित वेंचर कैपिटल फर्म NuVentures ने स्टार्टअप्स में निवेश के लिए $75 मिलियन (लगभग ₹625 करोड़) का नया फंड लॉन्च किया है। यह फर्म उन स्टार्टअप्स में निवेश करेगी जिनका भारत से गहरा संबंध है।

NuVentures की स्थापना 2015 में प्रसिद्ध निवेशक वेंक कृष्णन (Venk Krishnan) ने की थी। कृष्णन भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में 2002 से सक्रिय हैं और उन्होंने अब तक 47 से अधिक कंपनियों में निवेश किया है। इनमें Mu Sigma, BigBasket, Acko, HomeLane, Third Wave Coffee, Geist Beer, Lucidity और Foxtale जैसी जानी-मानी स्टार्टअप कंपनियां शामिल हैं।


NuVentures का नया फंड: भारतीय स्टार्टअप्स को मिलेगा बढ़ावा

NuVentures का यह नया फंड खासतौर पर उन स्टार्टअप्स को सहयोग देगा जो टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर ब्रांड्स, फिनटेक और नए इनोवेशन पर काम कर रहे हैं।

📌 फंड की मुख्य विशेषताएँ:

  • फंड साइज: $75 मिलियन (लगभग ₹625 करोड़)
  • प्रति वर्ष निवेश: 4-5 स्टार्टअप्स
  • प्रति स्टार्टअप निवेश: $2.5 लाख से $7.5 लाख (₹2 करोड़ से ₹6 करोड़)
  • निवेश का फोकस: टेक्नोलॉजी, कंज्यूमर ब्रांड्स, फिनटेक और भारत-केंद्रित स्टार्टअप्स
  • प्रमुख निवेशक: अमेरिका के हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और ‘फंड ऑफ फंड्स’

वेंक कृष्णन: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के अनुभवी निवेशक

वेंक कृष्णन ने भारत में स्टार्टअप निवेश की शुरुआत 2002 में NetKraft में निवेश के साथ की थी। पिछले दो दशकों में वे कई बड़े स्टार्टअप्स को सपोर्ट कर चुके हैं।

💡 कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स जिनमें वेंक कृष्णन ने निवेश किया:
Mu Sigma – डेटा एनालिटिक्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी
BigBasket – भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ग्रोसरी स्टार्टअप
Acko – डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म
HomeLane – ऑनलाइन होम इंटीरियर डिजाइनिंग स्टार्टअप
Third Wave Coffee – प्रीमियम कॉफी ब्रांड
Geist Beer – क्राफ्ट बियर बनाने वाली कंपनी
Lucidity – एडटेक स्टार्टअप
Foxtale – स्किनकेयर और ब्यूटी ब्रांड

पहले कृष्णन एक एंजेल निवेशक के रूप में कार्य कर रहे थे, जो स्टार्टअप्स में निवेश के लिए केवल उनके फाउंडर्स के पैशन और आइडिया पर भरोसा करते थे। लेकिन अब NuVentures को एक प्रोफेशनल वेंचर कैपिटल फर्म के रूप में विकसित किया गया है, जो सिर्फ फंडिंग ही नहीं बल्कि रणनीतिक सहायता भी प्रदान करेगा।


फंड का उद्देश्य और निवेश रणनीति

NuVentures इस फंड के ज़रिए हर साल चार से पांच स्टार्टअप्स में निवेश करेगा। स्टार्टअप्स को $250,000 से $750,000 (₹2 करोड़ से ₹6 करोड़) तक की फंडिंग दी जाएगी।

📈 निवेश प्रक्रिया:

  1. स्टार्टअप का चयन – उन कंपनियों पर ध्यान दिया जाएगा जिनकी तकनीकी और बिजनेस इनोवेशन में पकड़ मजबूत हो।
  2. फाउंडर्स का मूल्यांकन – कंपनी के संस्थापकों की दूरदर्शिता और बिजनेस स्केलिंग क्षमता को जांचा जाएगा।
  3. सीड और प्री-सीरीज A निवेश – NuVentures मुख्य रूप से शुरुआती स्टेज की कंपनियों में निवेश करेगा।
  4. मार्केट और स्केलिंग सपोर्ट – स्टार्टअप्स को केवल फंडिंग ही नहीं बल्कि मार्केट एक्सपेंशन, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और बिजनेस नेटवर्किंग में भी मदद मिलेगी।

पहले से चार स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है NuVentures

NuVentures पहले ही चार स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है, जिनमें से एक Carnegie Mellon University के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित स्टार्टअप भी शामिल है।

🚀 संभावित सेक्टर जहां NuVentures निवेश कर सकता है:
फिनटेक – डिजिटल पेमेंट, ब्लॉकचेन और लोन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स
डीप टेक और AI – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से जुड़े इनोवेटिव स्टार्टअप्स
हेल्थटेक – हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी और मेडिकल इनोवेशन से जुड़े स्टार्टअप्स
कंज्यूमर ब्रांड्स – D2C (Direct to Consumer) ब्रांड्स जैसे फूड, ब्यूटी, और लाइफस्टाइल
सस्टेनेबिलिटी और क्लीनटेक – ग्रीन एनर्जी और एनवायरनमेंट फ्रेंडली स्टार्टअप्स


नए फंड से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को कैसे फायदा होगा?

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त ग्रोथ कर रहा है। ऐसे में NuVentures का यह नया फंड भारतीय उद्यमियों को अपने आइडियाज को साकार करने में मदद करेगा।

💡 स्टार्टअप्स के लिए संभावित लाभ:
✔️ शुरुआती स्टेज के स्टार्टअप्स को तेजी से ग्रोथ करने का अवसर
✔️ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपेंशन के लिए सपोर्ट
✔️ अनुभवी निवेशकों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स से मार्गदर्शन
✔️ बिजनेस स्केलिंग और टेक्नोलॉजी अपग्रेड में मदद

🚀 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है!


निष्कर्ष: NuVentures का नया फंड भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वरदान

NuVentures का $75 मिलियन का नया फंड भारतीय स्टार्टअप्स को जबरदस्त बढ़ावा देगा। यह फंड उन कंपनियों में निवेश करेगा जिनका गहरा भारतीय कनेक्शन है और जो टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और कंज्यूमर ब्रांड्स के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही हैं।

🔥 क्या यह फंड भारत के अगले यूनिकॉर्न स्टार्टअप को जन्म देगा? यह देखने लायक होगा! 🚀

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