नई दिल्ली, अप्रैल 2025: हेल्थटेक स्टार्टअप Lifechart ने अपने गट-वेलनेस ब्रांड Guttify के लिए एक एक्सटेंडेड सीड राउंड में $3.6 लाख (करीब ₹3 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश का नेतृत्व Prajay Advisors ने किया है, जो Unichem Labs के फाउंडर्स प्रकाश मोदी और जयंन्द्र शाह का फैमिली ऑफिस है।
यह निवेश अक्टूबर 2024 में हुए $5 लाख सीड फंडिंग राउंड के बाद आया है, जिसे Expert Dojo, Agility Ventures, Sunn91 Ventures, सरकारी सीड योजनाओं और एंजल निवेशकों जैसे नितीश मिटरसैन (Nazara Technologies) और आहाना गौतम (Open Secret) ने सपोर्ट किया था।
इस नए फंडिंग राउंड के साथ, Lifechart की कुल फंडिंग अब $1 मिलियन से अधिक हो चुकी है।
🧪Guttify : आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का संयोजन
Lifechart की स्थापना 2022 में मुकुल शाह और मानसी शर्मा ने मिलकर की थी। इनकी ब्रांड Guttify, शहरी भारत (Tier I से लेकर Tier III शहरों) के लोगों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है।
Guttify एक “डायग्नोसिस-फर्स्ट” यानी जाँच पहले, इलाज बाद में की नीति पर काम करती है। इसका उद्देश्य है – हर भारतीय को सटीक, किफायती और पर्सनलाइज्ड गट हेल्थ समाधान उपलब्ध कराना, जो आधुनिक साइंस, टेक्नोलॉजी और आयुर्वेद का मिश्रण हो।
🏠 घर बैठे टेस्टिंग: ₹99 से शुरू होने वाले DIY किट
Guttify का पहला प्रोडक्ट, pH स्लाइवा टेस्टिंग किट, जो एसिडिटी की जांच के लिए है, पहले से ही मार्केट में उपलब्ध है। यह एक DIY (Do It Yourself) किट है जिसे उपयोगकर्ता घर बैठे इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्टार्टअप जल्द ही ₹99 से शुरू होने वाले और भी कई किफायती टेस्टिंग किट्स लॉन्च करने जा रहा है। इन किट्स के माध्यम से यूज़र्स अपने पेट से जुड़े समस्याओं की पहचान खुद ही कर सकेंगे, जिससे डॉक्टर के पास जाने की जरूरत से पहले एक स्पष्ट तस्वीर मिल सकेगी।
📊 गट हेल्थ संकट: भारत में 60% लोग प्रभावित
मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारत में गट वेलनेस मार्केट $18 बिलियन का है, और करीब 60% भारतीय पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। फिर भी यह एक ऐसा सेक्टर है जिसे अब तक हेल्थटेक स्टार्टअप्स ने पूरी तरह से टारगेट नहीं किया।
Lifechart इसी गैप को भरने की कोशिश कर रहा है। उनका उद्देश्य है एक “फुल-स्टैक गट हेल्थ इकोसिस्टम” बनाना, जिसमें टेस्टिंग से लेकर समाधान तक सब कुछ एक प्लेटफॉर्म पर मिले।
💡 फाउंडर्स की सोच: विज्ञान और परंपरा का संगम
Guttify की को-फाउंडर मानसी शर्मा बताती हैं, “भारत में लोग पेट की समस्या को तब तक नजरअंदाज करते हैं जब तक वह बड़ी बीमारी न बन जाए। हम चाहते हैं कि लोग खुद अपने स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी लें। हमारी तकनीक, साइंस और आयुर्वेद का संयोजन उन्हें वह शक्ति देगा।”
वहीं, मुकुल शाह का मानना है कि “गट हेल्थ पूरे शरीर की सेहत की नींव है। अगर हम इसे सुलझा लें, तो जीवन की गुणवत्ता कई गुना बेहतर हो सकती है।”
🌐 टेक्नोलॉजी से जुड़ी सुविधा, आसान उपयोग
Guttify का ऐप आधारित सिस्टम यूज़र्स को न केवल किट मंगवाने, बल्कि रिपोर्ट देखने, सिफारिशें पाने और आयुर्वेदिक समाधानों तक पहुंचने में मदद करता है।
कंपनी आने वाले समय में AI-सपोर्टेड हेल्थ रेकमेंडेशन, नुट्रिशन गाइड, और कस्टमाइज्ड गट डाइट प्लान्स जैसे फीचर्स लॉन्च करने की भी योजना बना रही है।
🛒 भारत में डिजिटल हेल्थ के लिए अनोखा मॉडल
जहां ज़्यादातर हेल्थटेक स्टार्टअप केवल मेडिकल कंसल्टेशन या फार्मेसी तक सीमित हैं, Guttify ने एक न्यूट्रिशन-फर्स्ट और प्रीवेंटिव हेल्थ अप्रोच अपनाई है। इसके ज़रिए यह स्टार्टअप हेल्थकेयर सेक्टर में एक नई दिशा प्रस्तुत कर रहा है – बीमारी से पहले की रोकथाम।
💰 निवेशकों का भरोसा और भविष्य की राह
Unichem Labs के संस्थापक परिवार से मिले नए निवेश से यह साफ हो गया है कि हेल्थ और न्यूट्रिशन आधारित मॉडल पर निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
Prajay Advisors ने एक बयान में कहा, “भारत में गट हेल्थ एक अनदेखा संकट है। Guttify ने जिस साइंटिफिक और भारतीय दृष्टिकोण से इसका समाधान ढूंढा है, वह आने वाले समय में करोड़ों लोगों की मदद करेगा।”
🧠 निष्कर्ष
Lifechart और Guttify ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जो भारत जैसे देश में न सिर्फ पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा, बल्कि जनता को खुद के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और सक्षम भी बनाएगा।
सस्ती किट्स, घरेलू जांच, और आयुर्वेद का समावेश – यह सब मिलकर Guttify को एक भरोसेमंद, विज्ञान आधारित और लोकल फ्रेंडली ब्रांड बनने की ओर ले जा रहे हैं।
यदि यह मॉडल सफल होता है, तो यह न केवल भारत में बल्कि अन्य विकासशील देशों में भी हेल्थटेक की दिशा बदल सकता है।
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