Paytm ने Juspay सहित थर्ड-पार्टी पेमेंट प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया बंद,

Juspay

फिनटेक कंपनी Paytm ने अपनी पेमेंट सेवाओं को और मजबूत करने के लिए Juspay जैसी थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बंद कर दिया है। अब कंपनी सीधे ट्रांजैक्शन प्रोसेस करेगी, जिससे व्यापारियों को अधिक सुरक्षित और तेज पेमेंट समाधान मिल सके। यह कदम Razorpay, PhonePe और Cashfree Payments जैसी कंपनियों द्वारा हाल ही में उठाए गए फैसलों के समान है, जिन्होंने भी थर्ड-पार्टी ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म्स से दूरी बना ली है।

1 अप्रैल से Juspay का सपोर्ट होगा बंद

Paytm Payments Services Limited (PPSL) ने अपने व्यापारिक भागीदारों (मर्चेंट्स) को जानकारी दी है कि 1 अप्रैल 2025 से Juspay के जरिए ट्रांजैक्शन सपोर्ट बंद कर दिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह कदम Paytm की सीमलेस और भरोसेमंद पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

PPSL ने मर्चेंट्स को एक ईमेल में लिखा:

“निरंतर और सुचारू पेमेंट सेवा सुनिश्चित करने के लिए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप सीधे PPSL के माध्यम से भुगतान स्वीकार करें।”

कंपनी ने यह भी बताया कि PPSL 100 से अधिक पेमेंट स्रोतों को सपोर्ट करता है और भारी ट्रांजैक्शन लोड को कुशलता से संभालने के लिए पूरी तरह सक्षम है।

थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म से अलग होने की बढ़ती प्रवृत्ति

Paytm का यह निर्णय अचानक नहीं आया है। हाल के महीनों में, PhonePe, Razorpay और Cashfree Payments जैसी कंपनियों ने भी इसी दिशा में कदम उठाए हैं।

  • PhonePe ने दिसंबर 2024 में सबसे पहले Juspay से अपनी सेवाएं समाप्त की थीं।
  • इसके बाद, Razorpay और Cashfree Payments ने भी अपने पेमेंट सिस्टम को थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से हटाकर डायरेक्ट प्रोसेसिंग शुरू कर दी।
  • अब Paytm ने भी यही रास्ता अपनाया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

इस बदलाव के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

  1. बेहतर पेमेंट कंट्रोल – थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर रहने के बजाय, कंपनियां अपना खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही हैं ताकि अधिक सुरक्षा और स्पीड प्रदान कर सकें।
  2. कॉस्ट सेविंग – थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को कमीशन देने की बजाय, सीधे पेमेंट प्रोसेसिंग करने से कंपनियों को लॉन्ग-टर्म में लागत बचाने में मदद मिलेगी
  3. नियामक आवश्यकताओं का पालन – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समय-समय पर पेमेंट गेटवे और एग्रीगेटर कंपनियों के लिए नियम बनाए जाते हैं। डायरेक्ट प्रोसेसिंग से कंपनियां इन नियमों का बेहतर तरीके से पालन कर सकती हैं
  4. बेहतर डेटा सिक्योरिटी – थर्ड-पार्टी ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म्स पर निर्भरता डाटा सुरक्षा जोखिम बढ़ा सकती है। डायरेक्ट प्रोसेसिंग से मर्चेंट्स और ग्राहकों दोनों के लिए अधिक सुरक्षित ट्रांजैक्शन सुनिश्चित होता है

Juspay का जवाब

इस बदलाव के बाद Juspay ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। कंपनी ने कहा कि:

“जो भी पेमेंट एग्रीगेटर (PA) या पेमेंट गेटवे (PG) किसी मर्चेंट के साथ काम करने को तैयार नहीं होगा, वह अंततः नुकसान उठाएगा। इससे केवल मर्चेंट को ही नहीं, बल्कि संपूर्ण पेमेंट इकोसिस्टम को भी नुकसान होगा।”

यह बयान संकेत देता है कि Juspay को इस फैसले से असहजता हो सकती है, लेकिन वह इसे व्यापक रूप से पेमेंट इंडस्ट्री पर प्रभाव डालने वाला मान रहा है।

Paytm की रणनीति और भविष्य की योजनाएं

Paytm, भारत के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में से एक है और लगातार पेमेंट टेक्नोलॉजी में इनोवेशन कर रहा है

  • IPO की तैयारी: Paytm ने हाल ही में संकेत दिया था कि वह अपना IPO फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहा है। कंपनी के इन प्रयासों का उद्देश्य अपनी पैसों की स्थिति को मजबूत करना और बाजार में अधिक स्थिरता लाना है।
  • UPI और डिजिटल पेमेंट लीडरशिप: Paytm भारत में UPI ट्रांजैक्शन में एक मजबूत खिलाड़ी बना हुआ है। इसके पास 30 करोड़+ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं और लाखों व्यापारी इससे जुड़े हुए हैं।
  • AI और मशीन लर्निंग का उपयोग: Paytm अपने प्लेटफॉर्म को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से लैस कर रहा है ताकि फ्रॉड डिटेक्शन और फास्ट पेमेंट प्रोसेसिंग को बेहतर बनाया जा सके।

क्या मर्चेंट्स पर कोई प्रभाव पड़ेगा?

मर्चेंट्स के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण होगा, लेकिन Paytm की ओर से यह दावा किया गया है कि इससे कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा

  • तेजी से भुगतान होगा: डायरेक्ट ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग से पेमेंट की स्पीड बढ़ेगी, जिससे मर्चेंट्स को तुरंत पैसे मिलेंगे।
  • कम इंटरमीडियरी शुल्क: थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को हटाने से मर्चेंट्स को कम ट्रांजैक्शन चार्ज देना पड़ेगा
  • बेहतर तकनीकी सपोर्ट: Paytm अब अपने मर्चेंट्स को सीधा और अधिक प्रभावी टेक्निकल सपोर्ट प्रदान करेगा

निष्कर्ष

Paytm द्वारा Juspay और अन्य थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म्स से अलग होने का निर्णय भारत में डिजिटल भुगतान के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कदम न केवल बेहतर सुरक्षा, स्पीड और लागत बचत सुनिश्चित करेगा, बल्कि Paytm को लॉन्ग-टर्म में एक मजबूत पेमेंट प्रोवाइडर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा

भविष्य में, यह देखा जाएगा कि अन्य पेमेंट कंपनियां भी इसी रणनीति को अपनाती हैं या नहीं। लेकिन यह साफ है कि डायरेक्ट पेमेंट प्रोसेसिंग का चलन अब तेजी से बढ़ रहा है और भारत का डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम अधिक आत्मनिर्भर और प्रभावी बनने की ओर बढ़ रहा है। 🚀💰

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Zepto, $250 मिलियन सेकेंडरी राउंड में जुटाने की योजना

Zepto

भारत की अग्रणी क्विक कॉमर्स और फूडटेक कंपनी Zepto एक बड़े $250 मिलियन सेकेंडरी राउंड की योजना बना रही है। इस फंडिंग के जरिए मौजूदा शेयरधारकों को अपनी इक्विटी बेचने का मौका मिलेगा।

इस कदम का मुख्य उद्देश्य भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाना है, जिससे कंपनी के इस साल के अंत में प्रस्तावित IPO के लिए सही माहौल बनाया जा सके।

📢 ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार:
Zepto के इस सेकेंडरी सेल में Motilal Oswal Financial और Edelweiss Financial Services की प्राइवेट इक्विटी शाखाएं हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही हैं।

👉 Zepto ट्रांजैक्शन के संभावित विवरण:

  • Zepto की वैल्यूएशन $5 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद
  • $350 मिलियन के पिछले फंडिंग राउंड में भी Motilal Oswal मुख्य निवेशक था
  • IPO से पहले निवेशकों को आकर्षित करने की रणनीति

Zepto की फंडिंग और ग्रोथ का सफर

🚀 2024 में Zepto ने कुल $1.35 बिलियन जुटाए
📌 अब तक कुल $1.85 बिलियन की फंडिंग हो चुकी है
📈 पिछली फंडिंग में भी $5 बिलियन की वैल्यूएशन थी

Zepto का तेज़ी से बढ़ता कारोबार इसे भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कंपनियों में से एक बना रहा है।

Zepto का बिजनेस मॉडल और संचालन

Zepto अपने ग्राहकों को 10 मिनट में 25,000 से अधिक उत्पादों की डिलीवरी देता है।

💡 डार्क स्टोर्स का बड़ा नेटवर्क:

  • 550 से अधिक डार्क स्टोर्स (गोदाम)
  • रोज़ाना 7 लाख से अधिक ऑर्डर की प्रोसेसिंग

🍽 फूड डिलीवरी में भी पकड़:
Zepto ने अपने Zepto Cafe ऐप के ज़रिए 10-मिनट फूड डिलीवरी सेगमेंट में भी एंट्री कर ली है, जिससे यह स्विगी और ज़ोमैटो को सीधी टक्कर दे रहा है।


वित्तीय प्रदर्शन: बढ़ती रेवेन्यू, घटता घाटा

Zepto ने FY24 में 2.2X ग्रोथ दर्ज की, जिसमें उसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹4,454 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष (FY23) के ₹2,026 करोड़ से दोगुना से भी अधिक है।

📉 घाटे में मामूली कमी:

  • FY24 में कंपनी के नुकसान में 2% की गिरावट दर्ज की गई
  • ऑपरेटिंग मार्जिन में सुधार के संकेत

👉 क्या यह फाइनेंशियल परफॉर्मेंस निवेशकों को IPO में आकर्षित करेगा?


Zepto का IPO प्लान और भारत में शिफ्टिंग

Zepto ने इस साल की शुरुआत में अपना डोमिसाइल सिंगापुर से भारत शिफ्ट कर लिया, जिससे भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग आसान हो गई।

📈 IPO से पहले भारत में निवेश बढ़ाने की रणनीति:

  • भारतीय निवेशकों को शामिल कर घरेलू हिस्सेदारी बढ़ाना
  • स्थानीय रेगुलेटरी अनुपालन को मजबूत करना
  • IPO में खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने की तैयारी

Zepto की तेज़ी से बढ़ती मांग और मजबूत फंडिंग बैकिंग इसे IPO के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बना रही है।


भारतीय क्विक कॉमर्स मार्केट में प्रतिस्पर्धा

Zepto को Blinkit, Instamart (Swiggy) और Dunzo जैसी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है।

🏆 क्यों है Zepto सबसे अलग?
सबसे तेज़ डिलीवरी नेटवर्क – 10 मिनट में ऑर्डर
550+ डार्क स्टोर्स – मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर
नए इनोवेशन जैसे Zepto Cafe – फूड डिलीवरी में प्रवेश

📊 ब्लिंकिट बनाम Zepto:
Blinkit का मालिक ज़ोमैटो है, जो पहले से एक लिस्टेड कंपनी है। Zepto की IPO लिस्टिंग इसे Blinkit के बराबर प्रतिस्पर्धी बना सकती है।


Zepto की IPO रणनीति क्यों खास है?

भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने का प्लान
IPO के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति तैयार करना
डार्क स्टोर मॉडल को और विस्तार देना
फूड डिलीवरी सेगमेंट में भी पकड़ मजबूत करना

🚀 क्या Zepto भारत का अगला बड़ा IPO होगा?


निष्कर्ष

Zepto की $250 मिलियन सेकेंडरी फंडिंग और IPO की योजना इसे भारत का सबसे बड़ा क्विक कॉमर्स ब्रांड बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

💡 क्या Zepto का IPO Blinkit और Swiggy Instamart को टक्कर देगा?
💬 आपकी क्या राय है? कमेंट में बताएं!

Read more :Ola Electric और Rosmerta के बीच कानूनी विवाद सुलझा,

Ola Electric और Rosmerta के बीच कानूनी विवाद सुलझा,

ola electric

इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता Ola Electric Mobility Limited ने अपने सब्सिडियरी Ola Electric Technologies Private Limited और इसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्विस प्रोवाइडर Rosmerta Digital Services Ltd. के बीच चल रहे कानूनी विवाद को सुलझा लिया है।

कंपनी ने हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को सूचित किया कि सभी बकाया भुगतान चुका दिए गए हैं और इस मामले को पूरी तरह से निपटा लिया गया है।

Ola Electric Rosmerta ने NCLT में दायर केस वापस लिया

इस समझौते के तहत, Rosmerta ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), बेंगलुरु से केस वापस लेने का फैसला किया हैOla Electric ने पुष्टि की कि अब दोनों कंपनियों के बीच कोई भी लंबित विवाद नहीं है और कंपनी भविष्य में किसी भी मुद्दे को समय पर हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

📢 Rosmerta Digital के प्रवक्ता ने कहा:
“Ola Electric ने ₹26,75,24,339/- का पूरा भुगतान कर दिया है, जो कि NCLT में दर्ज किए गए दावों की संपूर्ण राशि थी। अब Rosmerta ग्रुप कंपनियों ने अपने सभी याचिकाएं NCLT, बेंगलुरु से वापस ले ली हैं। दोनों कंपनियों के बीच आगे कोई कानूनी कार्रवाई लंबित नहीं है, और अब उनका संबंध एक नए सेटलमेंट एग्रीमेंट के तहत चलेगा।”

👉 यह समझौता Ola Electric के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ है क्योंकि इससे कंपनी की कानूनी स्थिति और व्यावसायिक साझेदारी मजबूत हुई है।


विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

Rosmerta Group ने 16 मार्च 2025 को IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) की धारा 9 के तहत Ola Electric Technologies Pvt Ltd के खिलाफ NCLT बेंगलुरु बेंच में दिवालिया याचिका दायर की थी।

💰 Rosmerta का आरोप:
कंपनी का दावा था कि Ola Electric ने उनकी सेवाओं के लिए भुगतान नहीं किया, जिससे उन्हें कानूनी कदम उठाने पड़े। याचिका में Ola Electric के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया था।

Ola Electric का रुख:
हालांकि, अब दोनों कंपनियों के बीच विवाद को सीमलेस सेटलमेंट के जरिए हल कर लिया गया है, और Ola Electric ने यह साबित कर दिया है कि वह अपने बिजनेस ऑपरेशंस को समय पर मैनेज करने में सक्षम है।


Ola Electric की बिक्री और विवाद के पीछे की सच्चाई

Ola Electric भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन चुकी है।

🚀 फरवरी 2025 में Ola Electric ने 25,000 से अधिक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री की, जिससे कंपनी ने इस सेगमेंट में 28% की बाजार हिस्सेदारी बनाए रखी

❗ हालांकि, सरकार के वाहन पंजीकरण डेटा (Vahan) और कंपनी के बिक्री आंकड़ों में अंतर देखा गया।

➡ Ola Electric ने इस अंतर को लेकर स्पष्ट किया कि यह वाहन पंजीकरण वेंडर्स के साथ जारी बातचीत के कारण हुआ था।

📌 Ola Electric का बयान:
“कंपनी ने अपने वाहन पंजीकरण वेंडर्स के साथ बातचीत पूरी कर ली है और इस बैकलॉग को क्लियर कर दिया गया है। हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे पर और जानकारी मांगी है।”

👉 यह विवाद Ola Electric की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर सकता था, लेकिन कंपनी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने सभी दायित्व पूरे कर लिए हैं।


Ola Electric का मार्केट प्लान और भविष्य की योजनाएं

📈 IPO की तैयारी:

  • Ola Electric 2025 की दूसरी छमाही में IPO लाने की योजना बना रही है
  • कंपनी का लक्ष्य बाजार से अरबों डॉलर जुटाना और खुद को एक लीडिंग EV कंपनी के रूप में स्थापित करना है।

🔋 बैटरी टेक्नोलॉजी पर फोकस:

  • कंपनी अपने EVs के लिए स्वदेशी बैटरी निर्माण की दिशा में काम कर रही है।
  • इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ-साथ इलेक्ट्रिक कारों की लॉन्चिंग की भी योजना बना रही है।

🌏 ग्लोबल एक्सपेंशन:

  • Ola Electric भारतीय बाजार के अलावा यूरोप, साउथईस्ट एशिया और अमेरिका में विस्तार की योजना बना रही है
  • कंपनी की नजर EV सेक्टर में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी पर भी है।

🚀 प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां:

  • Ola Electric को Ather Energy, TVS, Bajaj और Hero Electric जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है।
  • सरकार द्वारा EV सब्सिडी में कटौती और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी जैसी चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं।

निष्कर्ष: Ola Electric के लिए यह सेटलमेंट क्यों जरूरी था?

✅ Ola Electric ने इस कानूनी विवाद को समय रहते हल कर लिया, जिससे कंपनी की साख को कोई नुकसान नहीं हुआ
✅ IPO की तैयारी के बीच किसी भी कानूनी विवाद का सुलझना निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
✅ कंपनी ने अपने बिक्री डेटा और वित्तीय पारदर्शिता को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

🔎 EV इंडस्ट्री में Ola Electric की पकड़ मजबूत होती जा रही है और यह कंपनी आने वाले वर्षों में भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेगमेंट में बड़ी भूमिका निभा सकती है। 🚗⚡


क्या Ola Electric भारतीय EV मार्केट में सबसे आगे रहेगा? 🤔

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Read more :Curefoods ने ₹56.4 करोड़ जुटाए BlackSoil और Binny Bansal का समर्थन

Curefoods ने ₹56.4 करोड़ जुटाए BlackSoil और Binny Bansal का समर्थन

Curefoods

Bengaluru स्थित क्लाउड किचन स्टार्टअप Curefoods ने ₹56.4 करोड़ (लगभग $6.6 मिलियन) की डेट फंडिंग जुटाई है। इस निवेश दौर का नेतृत्व BlackSoil Group ने किया है, जबकि Binny Bansal (Flipkart के को-फाउंडर) ने भी इसमें भाग लिया है। यह 2025 में Curefoods के लिए पहला डेट फंडिंग राउंड है।

👉 यह फंड कंपनी के वर्किंग कैपिटल और बिजनेस विस्तार में उपयोग किया जाएगा।


Curefoods कैसे जुटाए गए फंड?

कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (RoC) में फाइलिंग के अनुसार, विशेष प्रस्ताव पारित करके निम्नलिखित तरीके से फंड जुटाया:

🔹 BlackSoil: 1,000 नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) जारी किए, प्रत्येक की कीमत ₹5,00,000, जिससे ₹50 करोड़ जुटाए गए।
🔹 Binny Bansal: 595 कंपल्सरी कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (CCDs) जारी किए, जिनकी कुल वैल्यू ₹6.4 करोड़ रही।

👉 डेट फंडिंग का यह दौर Curefoods की ग्रोथ और विस्तार योजनाओं को सपोर्ट करेगा।


Curefoods: भारत में तेजी से बढ़ता क्लाउड किचन प्लेटफॉर्म

Curefoods क्लाउड किचन इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन चुका है, और इसकी पॉपुलैरिटी लगातार बढ़ रही है।

💡 Curefoods किन ब्रांड्स का संचालन करता है?

EatFit (हेल्दी फूड ब्रांड)
Sharief Bhai (मशहूर बिरयानी ब्रांड)
Olio Pizza (इटालियन पिज़्ज़ा ब्रांड)
Krispy Kreme (लोकप्रिय डोनट ब्रांड)
Nomad Pizza (प्रीमियम पिज़्ज़ा ब्रांड)
✔ और भी कई अन्य ब्रांड शामिल हैं।

📍 Curefoods का नेटवर्क:

  • 100+ क्लाउड किचन
  • 200+ लोकेशंस
  • भारत के कई बड़े शहरों में विस्तार

👉 इसका लक्ष्य भारतीय कंज्यूमर्स को बेहतर क्वालिटी और सुविधा के साथ फूड डिलीवरी सर्विस देना है।


Curefoods की अब तक की फंडिंग हिस्ट्री

अब तक Curefoods ने $125 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है।
Binny Bansal समर्थित Three State Capital, Iron Pillar, और Chiratae Ventures जैसे इन्वेस्टर्स ने Curefoods में निवेश किया है।
इससे पहले, कंपनी ने ₹37 करोड़ जुटाए थे।

👉 यह नए फंडिंग राउंड के साथ कंपनी को अपने विस्तार और ऑपरेशंस को मजबूत करने में मदद मिलेगी।


डेट फंडिंग क्यों? Curefoods की रणनीति क्या है?

क्लाउड किचन मार्केट में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है, और Curefoods ने अपना विस्तार तेज कर दिया है।

डेट फंडिंग के पीछे मुख्य कारण:

🔹 वर्किंग कैपिटल बढ़ाना: Curefoods को अपने किचन इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए फंडिंग की जरूरत थी।
🔹 व्यवसाय विस्तार: 200 से अधिक लोकेशंस पर काम करने के बावजूद, कंपनी नई जगहों पर अपने ऑपरेशन बढ़ाना चाहती है
🔹 प्रतिस्पर्धा में बढ़त: Zomato के Hyperpure और Swiggy के Access Kitchen जैसे प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने के लिए अधिक निवेश की जरूरत है।

👉 डेट फंडिंग से कंपनी को शेयरहोल्डर्स के लिए डायल्यूशन के बिना फंडिंग मिल जाती है, जिससे यह एक स्मार्ट मूव साबित हो सकता है।


भारत में क्लाउड किचन इंडस्ट्री: Curefoods की स्थिति

भारतीय क्लाउड किचन मार्केट तेजी से ग्रो कर रहा है, और 2025 तक इसका वैल्यूएशन $2 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है

Curefoods किन कंपनियों से मुकाबला कर रहा है?

🏆 Rebel Foods (Faasos, Behrouz Biryani, Oven Story)
🏆 Box8 (MOJO Pizza)
🏆 EatClub (FreshMenu)
🏆 Zomato Hyperpure & Swiggy Access

👉 Curefoods अपनी ब्रांड पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी और मजबूत नेटवर्क के दम पर इस प्रतिस्पर्धा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।


Curefoods के भविष्य की योजनाएं

📌 बिजनेस विस्तार और नए ब्रांड्स:
✔ Curefoods अपने ब्रांड पोर्टफोलियो को और मजबूत करने की योजना बना रहा है
नई लोकेशंस पर 50 से अधिक नए किचन खोलने की योजना है।

📌 प्रॉफिटेबिलिटी पर फोकस:
✔ कंपनी अब प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार करने की रणनीति पर काम कर रही है।

📌 संभावित IPO:
✔ Curefoods आने वाले वर्षों में IPO लाने पर विचार कर सकता है।

👉 डेट फंडिंग से कंपनी को नए मार्केट्स में विस्तार करने और ग्रोथ बढ़ाने का अवसर मिलेगा।


निष्कर्ष: Curefoods का अगला कदम क्या होगा?

₹56.4 करोड़ की फंडिंग Curefoods के विस्तार और बिजनेस ऑपरेशंस के लिए एक बड़ा कदम है।
Binny Bansal और BlackSoil जैसे बड़े इन्वेस्टर्स का सपोर्ट इसे मजबूत बनाता है।
कंपनी अपने ब्रांड्स और क्लाउड किचन नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने की योजना बना रही है।
भविष्य में IPO लाने की संभावना भी बन सकती है।

👉 Curefoods भारतीय क्लाउड किचन इंडस्ट्री में बड़ा नाम बन रहा है और यह निवेश इसे और भी ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा! 🚀

Read more :IPO की तैयारी में Meesho इस साल जुटाएगा $1 बिलियन,

IPO की तैयारी में Meesho इस साल जुटाएगा $1 बिलियन,

Meesho

घरेलू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Meesho इस साल के अंत तक आईपीओ (IPO) लाने की योजना बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी $1 बिलियन (₹8,300 करोड़) जुटाने की योजना बना रही है और इसका वैल्यूएशन $10 बिलियन (₹83,000 करोड़) तक हो सकता है

SoftBank समर्थित इस कंपनी की IPO योजना में JP Morgan भी शामिल हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, Meesho जल्द ही ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट दाखिल करेगा और इसकी लिस्टिंग दिवाली के आसपास (सितंबर-अक्टूबर 2025) होने की संभावना है।


Meesho: भारत का तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म

Meesho, भारत का तीसरा सबसे बड़ा होरिजॉन्टल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो Flipkart और Amazon के बाद आता है।

Meesho के 14.5 करोड़ वार्षिक ट्रांजैक्टिंग यूजर्स हैं, जो इसे भारत में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में से एक बनाता है।
जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच, कंपनी के ऑर्डर वॉल्यूम में 3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
Meesho ने 21,000 से अधिक कंटेंट क्रिएटर्स के साथ पार्टनरशिप की है, जिससे प्लेटफॉर्म पर सेलर्स और खरीदारों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

Vidit Aatrey द्वारा स्थापित Meesho की सफलता का प्रमुख कारण इसका अनूठा बिजनेस मॉडल है, जिसमें छोटे कारोबारियों और महिलाओं को ऑनलाइन व्यापार करने का अवसर मिलता है।


IPO से Meesho को क्या फायदा होगा?

Meesho के IPO से:

कंपनी को विस्तार और नई टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए पूंजी मिलेगी।
ई-कॉमर्स मार्केट में Flipkart और Amazon को टक्कर देने की क्षमता बढ़ेगी।
सप्लाई चेन और डिलीवरी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सकेगा।
नए इन्वेस्टर्स को Meesho का हिस्सा खरीदने का मौका मिलेगा।

अगर Meesho का वैल्यूएशन $10 बिलियन तक पहुंचता है, तो यह भारत के सबसे बड़े ई-कॉमर्स IPOs में से एक हो सकता है।


Meesho का वैल्यूएशन और फंडिंग हिस्ट्री

Meesho की वैल्यूएशन में हाल के वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव आया है:

📉 2024 की शुरुआत में, Meesho की वैल्यूएशन $3.9–4 बिलियन थी, जो पहले के $4.9 बिलियन से 20% कम थी।
📈 SoftBank, Sequoia Capital, और Facebook जैसे निवेशकों ने Meesho में भारी निवेश किया है।
📊 TheKredible की रिपोर्ट के अनुसार, Meesho ने FY24 में 33% की सालाना ग्रोथ दर्ज की, और इसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू ₹7,615 करोड़ पहुंच गया।

इससे साफ है कि, Meesho IPO के जरिए अपनी वैल्यूएशन और बाजार में पकड़ को फिर से मजबूत करना चाहता है।


Meesho का बिजनेस मॉडल और रणनीति

Meesho का बिजनेस मॉडल मुख्य रूप से छोटे और मध्यम विक्रेताओं को ऑनलाइन बिजनेस करने में मदद करता है।

🔹 रेसेलिंग मॉडल: Meesho मुख्य रूप से रेसेलिंग पर आधारित है, जिसमें लोग बिना किसी इन्वेंटरी के सामान बेच सकते हैं।
🔹 छोटे कारोबारियों का समर्थन: छोटे व्यापारी और महिलाएं आसानी से Meesho पर अपने उत्पाद लिस्ट कर सकते हैं।
🔹 कंटेंट कॉमर्स: Meesho ने डिजिटल कंटेंट और क्रिएटर्स के जरिए अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने की रणनीति अपनाई है, जिससे इसके ऑर्डर वॉल्यूम में 3 गुना वृद्धि हुई है।
🔹 लोकल से ग्लोबल: Meesho भारत के छोटे शहरों में मजबूत पकड़ बनाने के बाद अब इंटरनेशनल मार्केट में भी विस्तार की योजना बना रहा है


Meesho का मुकाबला किन कंपनियों से है?

Meesho को भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में कई बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है:

🏆 Flipkart – भारत का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म।
🏆 Amazon India – दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी, जो भारतीय बाजार में अपनी पकड़ बना रही है।
🏆 Snapdeal – डिस्काउंट प्रोडक्ट्स के लिए प्रसिद्ध भारतीय प्लेटफॉर्म।
🏆 JioMart – रिलायंस का ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म, जो Meesho के टारगेट ऑडियंस को कड़ी टक्कर देता है।

Meesho का मुख्य फोकस Tier-2 और Tier-3 शहरों के छोटे व्यापारियों और रेसलर्स पर है, जिससे यह Flipkart और Amazon से थोड़ा अलग बिजनेस मॉडल अपनाता है।


Meesho IPO क्यों खास है?

$1 बिलियन की फंडिंग जुटाने का लक्ष्य
दिवाली 2025 के आसपास लिस्टिंग की योजना
भारत में सबसे बड़े ई-कॉमर्स IPOs में से एक बनने की संभावना
SoftBank समर्थित कंपनी, जिसका 14.5 करोड़ ट्रांजैक्टिंग यूजर्स का मजबूत बेस है

अगर Meesho का IPO सफल होता है, तो यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा मील का पत्थर होगा


निष्कर्ष: क्या Meesho IPO निवेशकों के लिए अच्छा मौका है?

Meesho का IPO भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में एक महत्वपूर्ण घटना हो सकती है

  • कंपनी की ग्रोथ दर मजबूत है, और इसका कंटेंट कॉमर्स मॉडल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
  • IPO से Meesho को पूंजी जुटाने और विस्तार करने का अवसर मिलेगा
  • निवेशकों के लिए, यह भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर में निवेश करने का एक अच्छा अवसर हो सकता है

अब देखना यह होगा कि Meesho अपने IPO के जरिए निवेशकों और बाजार की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है! 🚀

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Hero MotoCorp ने Euler Motors में किया ₹525 करोड़ का निवेश,

Euler Motors

भारत की प्रमुख मोटरसाइकिल और स्कूटर निर्माता कंपनी Hero MotoCorp ने इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर स्टार्टअप Euler Motors में ₹525 करोड़ (लगभग $60 मिलियन) का निवेश करने की घोषणा की है।

इस निवेश के साथ, Hero MotoCorp इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर बाजार में आधिकारिक रूप से प्रवेश करने जा रही है। यह Hero MotoCorp का इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेगमेंट में दूसरा बड़ा निवेश है। इससे पहले कंपनी ने Ather Energy में 40% हिस्सेदारी खरीदी थी

Hero MotoCorp के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 20 मार्च 2025 को हुई बैठक में इस निवेश को मंजूरी दी। कंपनी इस निवेश को एक या अधिक चरणों में करेगी, जिससे उसे Euler Motors में 32.5% हिस्सेदारी (फुली डायल्यूटेड बेसिस पर) मिलेगी।


Euler Motors Hero MotoCorp का EV मार्केट में विस्तार

Euler Motors में किया गया यह निवेश Hero MotoCorp के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। इस निवेश से:

Hero MotoCorp इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर मार्केट में एंट्री करेगा।
EV सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।
नए और इनोवेटिव मोबिलिटी सॉल्यूशंस विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

Hero MotoCorp के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, पवन मुंजाल ने इसे कंपनी के “Be the Future of Mobility” विज़न की दिशा में एक साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह निवेश बाजार के बदलते ट्रेंड के अनुसार कंपनी की अनुकूलन क्षमता और सहयोग की शक्ति को दर्शाता है।


Euler Motors: भारत का अग्रणी इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर स्टार्टअप

Euler Motors की स्थापना 2018 में सौरव कुमार ने की थी।

✔ कंपनी का फ्लैगशिप मॉडल HiLoad EV, भारत में सबसे पावरफुल इलेक्ट्रिक कार्गो थ्री-व्हीलर होने का दावा करता है।
170 किलोमीटर की रेंज के साथ, यह वाहन लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी इंडस्ट्री में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
✔ हाल ही में, कंपनी ने अपना पहला इलेक्ट्रिक कमर्शियल फोर-व्हीलर लॉन्च किया है।
✔ Euler Motors भारत के 30+ शहरों में परिचालन कर रही है


Euler Motors की तेजी से बढ़ती ग्रोथ

Euler Motors का टर्नओवर FY 2023-24 में ₹172 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष (FY 2022-23) के ₹49 करोड़ से तीन गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है।
✔ कंपनी को हाल ही में $24 मिलियन का सीरीज C फंडिंग राउंड मिला था
EV सेगमेंट में बढ़ती मांग के चलते, Euler Motors की ग्रोथ अगले कुछ वर्षों में और तेज़ हो सकती है।


Hero MotoCorp का यह निवेश क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। खासकर थ्री-व्हीलर सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।

सरकार की EV नीतियों और सब्सिडी के कारण कंपनियां तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में निवेश कर रही हैं।
ईंधन की बढ़ती कीमतें और पर्यावरणीय चिंताओं के कारण इलेक्ट्रिक वाहन अब मुख्यधारा का विकल्प बन रहे हैं।
✔ Euler Motors में हिस्सेदारी लेकर Hero MotoCorp इस सेगमेंट में अपनी मजबूत स्थिति बना सकता है।


Euler Motors बनाम अन्य EV कंपनियां: कौन है मार्केट लीडर?

इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर सेगमेंट में Euler Motors का मुकाबला कई कंपनियों से है।

Euler Motors के मुख्य प्रतिस्पर्धी:

🏆 Altigreen – भारत में तेजी से बढ़ती EV स्टार्टअप कंपनी।
🏆 Mahindra Electric – पुराने और अनुभवी ऑटोमोटिव ब्रांड्स में से एक।
🏆 Piaggio – लोकप्रिय थ्री-व्हीलर निर्माता, जो इलेक्ट्रिक सेगमेंट में भी प्रवेश कर चुका है।
🏆 Kinetic Green – सस्टेनेबल और किफायती इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने वाली कंपनी।
🏆 Tata Motors – भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक, जो EV मार्केट में भी विस्तार कर रही है।


Hero MotoCorp और Euler Motors की साझेदारी से क्या बदलेगा?

Hero MotoCorp को नया EV मार्केट मिलेगा
Euler Motors को पूंजी और तकनीकी सहायता मिलेगी
भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा
थ्री-व्हीलर EV सेगमेंट में तेज़ प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी

Hero MotoCorp के इस निवेश से Euler Motors को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और अधिक शहरों में विस्तार करने में मदद मिलेगी। साथ ही, Hero MotoCorp को एक नए इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा।


निष्कर्ष: Hero MotoCorp का बड़ा EV दांव

Hero MotoCorp द्वारा Euler Motors में ₹525 करोड़ का निवेश भारतीय EV उद्योग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है

  • भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है और Hero MotoCorp इस अवसर को भुनाना चाहता है।
  • Euler Motors के HiLoad EV जैसे उत्पाद लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी इंडस्ट्री के लिए बेहद उपयोगी हैं
  • Hero MotoCorp की तकनीकी विशेषज्ञता और Euler Motors की इनोवेटिव अप्रोच मिलकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।

क्या Hero MotoCorp का यह बड़ा दांव EV मार्केट में गेम-चेंजर साबित होगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा! 🚀

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PayU ने Mindgate Solutions में लिया 43.5% रणनीतिक हिस्सा,

PayU

डिजिटल पेमेंट और फिनटेक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी PayU ने रियल-टाइम पेमेंट्स टेक कंपनी Mindgate Solutions में 43.5% हिस्सेदारी खरीद ली है। इस रणनीतिक साझेदारी से PayU भारत में अपने रियल-टाइम पेमेंट्स बिजनेस को मजबूत करेगा और Mindgate की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए वैश्विक स्तर पर डिजिटल भुगतान इनोवेशन को बढ़ावा देगा।

इस डील के तहत, Mindgate Solutions के संस्थापक कंपनी में बहुसंख्यक हिस्सेदारी (Majority Ownership) बनाए रखेंगे, जबकि PayU एक महत्वपूर्ण निवेशक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।


PayU और Mindgate की साझेदारी का महत्व

PayU का यह निवेश भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की दिशा में एक अहम कदम है।

  • UPI (Unified Payments Interface) जैसे इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है, भारत में डिजिटल लेनदेन को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं।
  • NPCI अब UPI को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने पर ध्यान दे रहा है, और इस विस्तार में Mindgate महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
  • Mindgate भारत के अग्रणी बैंकों को रियल-टाइम पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराता है, जिससे डिजिटल भुगतान को और अधिक सुरक्षित और तेज बनाया जा सके।

P2M ट्रांजेक्शन में बढ़त

भारत में पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजेक्शन डिजिटल भुगतान का सबसे बड़ा सेगमेंट बन चुका है।

  • UPI लेनदेन में P2M ट्रांजेक्शन का हिस्सा लगभग 60% तक पहुंच गया है।
  • यह पार्टनरशिप बैंकों और व्यापारियों (Merchants) को उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों के अनुसार बेहतर डिजिटल पेमेंट विकल्प प्रदान करने में मदद करेगी।

Mindgate का मजबूत नेटवर्क और PayU का वैश्विक विस्तार

Mindgate Solutions हर महीने 8 बिलियन से अधिक ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करता है और भारत के प्रमुख बैंकों को डिजिटल भुगतान समाधान उपलब्ध कराता है।

Mindgate का नेटवर्क अब मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका (MENA), एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (ASEAN), यूरोप और अमेरिका तक फैल रहा है।

PayU, जो पहले से ही वित्तीय प्रौद्योगिकी व्यवसाय (PayTech Business) Wibmo के माध्यम से वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रहा है, Mindgate की विशेषज्ञता का उपयोग करके अपनी अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी और मजबूत करेगा।


PayU की IPO योजना और पिछली प्रमुख डील्स

PayU की यह डील ऐसे समय पर आई है जब कंपनी अपने IPO की योजना बना रही है

  • PayU का लक्ष्य 2025 की दूसरी छमाही में सार्वजनिक लिस्टिंग (IPO) लाना है।
  • इससे पहले, PayU ने भारतीय फिनटेक कंपनी PaySense का अधिग्रहण किया था और उसे 2020 में अपने क्रेडिट प्लेटफॉर्म LazyPay के साथ मर्ज कर दिया।
  • PayU ने फिनटेक कंपनी BillDesk को $4.7 बिलियन में खरीदने का प्रयास किया था, लेकिन कुछ शर्तें पूरी न होने की वजह से यह डील फेल हो गई।

क्या है PayU और Mindgate के लिए भविष्य की संभावनाएं?

1. भारत में डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को बढ़ावा

  • इस साझेदारी से UPI और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों की पहुंच और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
  • बैंक और व्यापारी बेहतर पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठा सकेंगे

2. वैश्विक स्तर पर विस्तार

  • PayU और Mindgate अब एशिया, यूरोप, अमेरिका और MENA क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने पर ध्यान देंगे
  • PayU की Wibmo PayTech प्लेटफॉर्म के साथ Mindgate की सेवाओं का एकीकरण इसे वैश्विक स्तर पर अग्रणी डिजिटल पेमेंट कंपनियों में शामिल कर सकता है।

3. IPO और निवेशकों के लिए नई संभावनाएं

  • PayU के IPO की योजना निवेशकों के लिए नए अवसर खोलेगी और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में नए निवेश को आकर्षित करेगी

निष्कर्ष: PayU और Mindgate की साझेदारी से भारत और वैश्विक डिजिटल भुगतान क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

PayU द्वारा Mindgate में 43.5% हिस्सेदारी खरीदने की यह डील भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान बाजार में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस साझेदारी से:

PayU का भारत में डिजिटल पेमेंट सेगमेंट में दबदबा बढ़ेगा।
बैंकों और व्यापारियों को बेहतर और सुरक्षित भुगतान समाधान मिलेंगे।
UPI के वैश्विक विस्तार में Mindgate की भूमिका और अधिक मजबूत होगी।
PayU के IPO की संभावनाएं और आकर्षक बनेंगी।

भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है, और इस डील से न केवल PayU बल्कि पूरी डिजिटल फिनटेक इंडस्ट्री को अगले स्तर पर ले जाने का मौका मिलेगा। 🚀

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HRTech स्टार्टअप ZingHR की जबरदस्त ग्रोथ,

ZingHR

मुंबई स्थित क्लाउड-आधारित HRTech स्टार्टअप ZingHR ने बीते वित्तीय वर्ष में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का परिचालन से राजस्व 47% की बढ़ोतरी के साथ 124 करोड़ रुपये को पार कर गया। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को दो-तिहाई तक कम कर लिया है।

आइए विस्तार से समझते हैं कि ZingHR ने कैसे अपनी फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को बेहतर किया।


FY24 में ZingHR का प्रदर्शन

ZingHR का राजस्व FY23 में 84 करोड़ रुपये था, जो FY24 में बढ़कर 124 करोड़ रुपये हो गया। इस 47% ग्रोथ का मुख्य कारण कंपनी की सेवाओं की बढ़ती मांग और नए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि रही।

कंपनी BFSI, रिटेल, IT और अन्य सेक्टर्स में स्टाफिंग और टैलेंट एक्विजिशन सेवाएं देती है। इसके अलावा, ZingHR का मुख्य रेवेन्यू सोर्स सब्सक्रिप्शन-बेस्ड सॉफ्टवेयर सेवाओं की बिक्री से आता है।


सबसे ज्यादा खर्च कर्मचारी वेतन पर

किसी भी HRTech प्लेटफॉर्म की तरह, ZingHR का सबसे बड़ा खर्चा कर्मचारियों का वेतन और लाभ (Employee Benefits) ही रहा।

  • FY24 में कंपनी ने इस मद में कुल 81 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले साल की तुलना में 37% अधिक है (FY23 में यह खर्च 59 करोड़ रुपये था)।
  • कुल खर्चों में कर्मचारियों की सैलरी का योगदान 61% रहा।

इसके अलावा, कंपनी ने अन्य मदों में भी खर्च बढ़ाया:

  • सर्वर और डेटा सिक्योरिटी पर खर्च 71% बढ़कर 12 करोड़ रुपये हो गया।
  • प्रोडक्ट मेंटेनेंस पर खर्च 50% की बढ़ोतरी के साथ 9 करोड़ रुपये हो गया।
  • हालांकि, प्रोफेशनल फीस और अन्य खर्चों में हल्की गिरावट देखने को मिली।

कुल मिलाकर, ZingHR का कुल खर्च 24% बढ़कर 133 करोड़ रुपये हो गया।


ZingHR ने दो-तिहाई घाटा कम किया

बढ़ते खर्चों के बावजूद, ZingHR ने अपने घाटे को 67% कम कर लिया है

  • FY23 में कंपनी का कुल घाटा 21 करोड़ रुपये था, जो FY24 में घटकर सिर्फ 7 करोड़ रुपये रह गया।
  • यह सुधार कंपनी की बेहतर लागत-प्रबंधन रणनीति और बढ़ते राजस्व की वजह से हुआ है।

कंपनी का ROCE (Return on Capital Employed) -24.69% और EBITDA मार्जिन -5.52% दर्ज किया गया।


प्रत्येक 1 रुपये की कमाई के लिए खर्च किए 1.07 रुपये

वित्तीय वर्ष 2024 में, ZingHR ने प्रत्येक 1 रुपये के ऑपरेटिंग रेवेन्यू के लिए 1.07 रुपये खर्च किए। हालांकि, यह घाटे को दर्शाता है, लेकिन इसमें पिछले साल की तुलना में सुधार हुआ है।


कैश और एसेट्स का मजबूत पोर्टफोलियो

ZingHR ने FY24 में 56 करोड़ रुपये के करंट एसेट्स दर्ज किए, जिनमें 12 करोड़ रुपये कैश और बैंक बैलेंस के रूप में थे।


ZingHR की भविष्य की योजनाएं

ZingHR अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए कई नई रणनीतियों पर काम कर रही है। कंपनी की योजना है कि वह:

  1. HRTech में नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाएगी ताकि कंपनियों को और अधिक एडवांस्ड सॉल्यूशंस मिल सकें।
  2. AI और ऑटोमेशन जैसी तकनीकों के जरिए टैलेंट हायरिंग को आसान बनाएगी।
  3. नए ग्राहकों को जोड़ने और सब्सक्रिप्शन-बेस्ड रेवेन्यू मॉडल को मजबूत करने पर ध्यान देगी।

निष्कर्ष: ZingHR की ग्रोथ जारी, प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ रहा है स्टार्टअप

ZingHR ने FY24 में शानदार प्रदर्शन किया है, जहां कंपनी ने अपने राजस्व में 47% की बढ़ोतरी की और घाटे को 67% कम किया

हालांकि, कंपनी को अभी भी ऑपरेटिंग प्रोफिट तक पहुंचने के लिए और सुधार करने होंगे। लेकिन जिस गति से ZingHR आगे बढ़ रही है, यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्षों में कंपनी एक सस्टेनेबल और प्रॉफिटेबल HRTech स्टार्टअप बनने की ओर अग्रसर है। 🚀

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Servify ने सीरीज D राउंड में जुटाए ₹66.27 करोड़

Servify

नई दिल्ली: पोस्ट-सेल्स सर्विस प्लेटफॉर्म Servify India ने अपने जारी सीरीज D फंडिंग राउंड में ₹66.27 करोड़ ($7.8 मिलियन) जुटाए हैं। इस राउंड का नेतृत्व BEENEXT Capital ने किया है, जिसमें Singularity Growth Opportunities Fund की भी भागीदारी रही।

Servify India निवेश संरचना और मूल्यांकन
Servify के बोर्ड ने एक विशेष प्रस्ताव पारित कर BEENEXT Capital और Singularity Growth Opportunities Fund को 2,27,170 सीरीज D3 CCPS (कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर) जारी करने की मंजूरी दी है। इन शेयरों की प्रति शेयर कीमत ₹2,917 तय की गई है।

इस निवेश में:

  • BEENEXT Capital (BEE Accelerate Fund2) ने ₹48.27 करोड़ लगाए हैं।
  • Singularity Growth Opportunities Fund ने शेष ₹18 करोड़ का निवेश किया है।

फर्म के मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, इस राउंड के बाद Servify India की पोस्ट-मनी वैल्यूएशन लगभग $690-700 मिलियन होगी। इससे पहले, पिछले साल कंपनी ने इक्विटी और डेब्ट के माध्यम से $10 मिलियन जुटाए थे, तब इसकी वैल्यूएशन $852 मिलियन आंकी गई थी। वहीं, Mint की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी $1 बिलियन यूनिकॉर्न वैल्यूएशन के साथ $100 मिलियन जुटाने की योजना बना रही थी, लेकिन यह लक्ष्य अब संदिग्ध दिखता है।


Servify क्या करता है?

Servify एक ब्रांड-ऑथराइज़्ड पोस्ट-सेल्स सर्विस प्लेटफॉर्म है, जो मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, होम अप्लायंसेज़ और अन्य गैजेट्स के लिए आफ्टर-सेल्स सर्विस मुहैया कराता है। यह प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को अपने सभी घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रजिस्टर करने, बिल स्टोर करने और वारंटी या पोस्ट-वारंटी पीरियड के दौरान ब्रांड-ऑथराइज़्ड सर्विस तक पहुंचने की सुविधा देता है।

Servify के जरिए ग्राहक अपने गैजेट्स का मेंटेनेंस, वारंटी एक्सटेंशन और डिवाइस प्रोटेक्शन जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।


अब तक जुटाई गई कुल फंडिंग

Servify ने अब तक $135 मिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है। पिछले साल, कंपनी ने Singularity Growth Opportunities Fund के नेतृत्व में $65 मिलियन का सीरीज D राउंड पूरा किया था।


Servify की वित्तीय स्थिति

वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में Servify ने 23.6% की सालाना वृद्धि दर्ज की, जिसमें इसका राजस्व ₹755 करोड़ तक पहुंच गया, जो FY23 में ₹611 करोड़ था

हालांकि, कंपनी की हानि (loss) में उल्लेखनीय गिरावट आई है। पिछले वित्त वर्ष (FY24) में कंपनी का घाटा ₹94 करोड़ दर्ज किया गया, जो FY23 में ₹229 करोड़ था, यानी 59% की कमी आई।


Servify का भविष्य और विस्तार योजना

Servify अपनी तकनीक को और उन्नत करने, AI-ड्रिवन मोबाइल ऐप सिक्योरिटी समाधान विकसित करने और ग्लोबल मार्केट में विस्तार करने की योजना बना रहा है। कंपनी की नज़र अमेरिका, मध्य-पूर्व और एशिया पैसिफिक (APAC) बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने पर है।


Servify का कॉम्पिटिशन

भारतीय मार्केट में Servify के मुकाबले में कुछ अन्य आफ्टर-सेल्स सर्विस प्रोवाइडर भी मौजूद हैं, जिनमें Onsitego और OneAssist प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि, Servify अपनी ब्रांड-ऑथराइज़्ड सर्विस के कारण इस सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बना हुआ है।


निष्कर्ष

Servify के इस नए फंडिंग राउंड से यह स्पष्ट है कि इलेक्ट्रॉनिक्स आफ्टर-सेल्स सर्विस सेक्टर में निवेशकों की रुचि लगातार बनी हुई है। कंपनी अपनी ग्लोबल विस्तार योजनाओं और तकनीकी इनोवेशन के साथ मजबूत ग्रोथ की ओर बढ़ रही है। इसके अलावा, FY24 में हानि में आई 59% की कमी यह दर्शाती है कि Servify अपनी वित्तीय स्थिति को भी लगातार सुधार रहा है

आने वाले समय में, अगर कंपनी यूनिकॉर्न स्टेटस हासिल करने में सफल होती है, तो यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। 🚀

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Venturi Partners ने $225 मिलियन के नए फंड की घोषणा की,

Venturi Partners

💰 Venturi Partners का नया फंड: $225 मिलियन का लक्ष्य

ग्रोथ-स्टेज कंज्यूमर इन्वेस्टर Venturi Partners ने $225 मिलियन (लगभग ₹1,870 करोड़) के नए फंड की घोषणा की है, जिसकी अधिकतम सीमा $250 मिलियन होगी।

📌Venturi Partners मुख्य बातें:
फंड का मुख्य उद्देश्य: हाई-ग्रोथ सेक्टरों में निवेश
फोकस मार्केट्स: भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया
पहला क्लोजिंग: 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 CY2025)
पहले चरण में फंड का अनुमानित आकार: $130 मिलियन

🚀 यह नया फंड उन कंज्यूमर-केंद्रित ब्रांड्स में निवेश करेगा जो हाई-ग्रोथ सेक्टर में काम कर रहे हैं और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं।


📈 किन सेक्टरों में निवेश करेगा Venturi Partners?

Venturi Partners ने अपने दूसरे फंड के लिए कुछ प्रमुख सेक्टर्स को प्राथमिकता दी है, जिनमें उच्च-विकास क्षमता है:

रिटेल (Retail) – तेजी से बढ़ते कंज्यूमर ब्रांड्स में निवेश
शिक्षा (Education) – एडटेक और उच्च शिक्षा से जुड़े प्लेटफॉर्म्स
हेल्थकेयर (Healthcare) – डिजिटल हेल्थ, टेलीमेडिसिन, और मेडिकल टेक्नोलॉजी
तेजी से बिकने वाले उपभोक्ता उत्पाद (FMCG) – फूड एंड बेवरेज, पर्सनल केयर, और होम केयर ब्रांड्स

👉 इन क्षेत्रों में निवेश करके Venturi Partners भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में उभरते कंज्यूमर ब्रांड्स को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने में मदद करेगा।


🏆 Venturi Partners: निवेश की पिछली सफलता

Venturi Partners की स्थापना 2020 में हुई थी और यह एक एशिया-केंद्रित इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है, जो भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के कंज्यूमर-केंद्रित व्यवसायों में निवेश करता है।

📌 पहले फंड (2022) की मुख्य बातें:
$180 मिलियन की फंडिंग जुटाई
यूरोप और एशिया के प्रमुख इन्वेस्टर्स ने किया था निवेश
सात कंपनियों में किया निवेश

👉 Venturi Partners के पहले फंड से निवेशित कंपनियां:
1️⃣ Livspace (होम इंटीरियर और रेनोवेशन)
2️⃣ Country Delight (फ्रेश डेयरी और ग्रोसरी)
3️⃣ Believe (ब्यूटी और पर्सनल केयर)
4️⃣ Pickup Coffee (एफएंडबी सब्सक्रिप्शन)
5️⃣ DALI (रिटेल)
6️⃣ K-12 Techno (शिक्षा)
7️⃣ JQR (कंज्यूमर प्रोडक्ट्स)

👉 इन कंपनियों में निवेश करके Venturi Partners ने अपने पहले फंड के जरिए सफल निवेश की मिसाल कायम की।


🌍 भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया: सबसे बड़े ग्रोथ मार्केट्स

Venturi Partners ने अपने नए फंड के लिए भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया को फोकस किया है।

📌 क्यों भारत और साउथईस्ट एशिया?
बढ़ता हुआ मिडिल-क्लास उपभोक्ता आधार
तेजी से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
ई-कॉमर्स और डिजिटल सेवाओं में भारी वृद्धि
स्टार्टअप इकोसिस्टम को मिल रहा निवेशकों का समर्थन

👉 Venturi का मानना है कि यह क्षेत्र अगले दशक में वैश्विक स्तर पर कंज्यूमर ब्रांड्स के लिए सबसे बड़ा ग्रोथ हब बनेगा।


💡 Venturi Partners की रणनीति: केवल निवेश ही नहीं, बल्कि ब्रांड बिल्डिंग

Venturi Partners सिर्फ फंडिंग देने वाला निवेशक नहीं है, बल्कि वह ब्रांड्स को ग्रोथ देने के लिए रणनीतिक समर्थन भी प्रदान करता है।

📌 Venturi Partners की रणनीति:
उच्च-विकास क्षमता वाली कंपनियों में निवेश
ब्रांड बिल्डिंग और मार्केटिंग में सहायता
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी अपग्रेड में मदद
वैश्विक स्तर पर कंपनियों का विस्तार

👉 इस रणनीति से Venturi Partners सिर्फ कंपनियों में पैसा नहीं लगाता, बल्कि उन्हें लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए तैयार भी करता है।


🚀 भविष्य की योजनाएं: क्या Venturi तीसरा फंड भी लाएगा?

📌 क्या Venturi Partners तीसरा फंड भी लॉन्च करेगा?
अगर दूसरा फंड सफल रहा तो 2027 तक तीसरा फंड लॉन्च हो सकता है
बड़े पैमाने पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जा सकता है
Venturi Partners की रणनीति भविष्य में IPOs तक निवेश करने की हो सकती है

👉 अगर Venturi Partners के पहले दो फंड सफल रहते हैं, तो यह भारत और साउथईस्ट एशिया में निवेश करने वाले सबसे प्रभावशाली ग्रोथ-स्टेज इन्वेस्टर्स में से एक बन सकता है।


🔮 भारत में ग्रोथ-स्टेज इन्वेस्टमेंट का भविष्य

भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में ग्रोथ-स्टेज इन्वेस्टमेंट तेजी से बढ़ रहा है।

📌 भविष्य में संभावित ट्रेंड्स:
D2C ब्रांड्स में निवेश बढ़ेगा
हेल्थकेयर और एडटेक कंपनियों को ज्यादा फंडिंग मिलेगी
ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का विस्तार होगा
FMCG और रिटेल ब्रांड्स को ग्लोबल स्तर पर ले जाने की कोशिश होगी

👉 Venturi Partners इस अवसर का पूरा फायदा उठाकर ग्रोथ-स्टेज कंपनियों को मार्केट लीडर बनने में मदद करेगा।


💬 आपकी राय?

➡️ क्या Venturi Partners का यह फंड भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए फायदेमंद साबित होगा?
➡️ किन सेक्टरों में आपको सबसे ज्यादा ग्रोथ की संभावना नजर आती है?
➡️ क्या भारत के कंज्यूमर ब्रांड्स ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना सकते हैं?

👇 अपनी राय हमें कमेंट में बताएं! 🚀📢

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